Exercise in hindi



Exercise




दोस्तो आज हम बात करे गए Exercise के टॉपिक पे इस article मैं आप को Exercise के फ़ायदे, एक्सरसाइज के बारे ओर हर तारा के प्रॉब्लम की Exercise बताउगा जो आप को बहोत फायदे मंद हो गई।  Exercise जिसे हम हिंदी मैं व्यायाम कहते है दोस्तो व्यायाम मेरी लाइफ ओर बॉडी के लिए बहोत जरूरी है। व्यायाम करने का एक लाभ स्वास्थ्य रक्षा और शरीर को नियमित बनाए रखना तो है ही, व्यायाम करने वाला हमेशा प्रसन्न ही रेहता है । प्रसन्नता उसकी एक बहुत बड़ी और महत्त्वपूर्ण उपलब्धि कही जा सकती है । व्यायाम आदमी को कमजोर और चिड़चिड़ा नहीं होने देता । सब तरह के रोगों से भी नियमित व्यायाम करने वाला व्यक्ति बचा रहता है उदासी और निराशा कभी भूल कर भी ऐसे आदमी के पास नहीं फटकने पाते । कहा गया है कि स्वास्थ्य ही सच्चा धन है । सो नियमपूर्वक व्यायाम करने वाला व्यक्ति स्वास्थ्य रूपी सम्पत्ति से हमेशा मालामाल रहता है । कमजोर आदमियों की तरह ऐसे व्यक्ति को कभी परिश्रम से जी नहीं चुराना पड़ता । अपनी असमर्थता का परिचय देकर दूसरों के सामने कभी शर्मिन्दा नहीं होना पड़ता । व्यायाम कई प्रकार के होते हैं । तरह-तरह के खेल खेलना, दण्ड बैठक पेलना, दौड़ लगाना, कबड्‌डी खेलना, कुश्ती लड़ना, योगाभ्यास या आसन करना, तैरना, नृत्य करना, घुड़सवारी करना एवं नौकायन आदि सभी व्यायाम ही तो हैं । दोस्तो आज हम मिल कर जाने गए की व्यायाम (Exercise) कितनी प्रकार की होती है और आप किस किस हेल्थ प्रोब्लम को व्यायाम (Exercise) से दूर कर सकते है ।

तो चलो दोस्तो जानते है।

Kuch points mai aap ko ye article batuga jis se ye article aap ko ache se smaj aa jay ga

1,एक्सरसाइज के आश्चर्यजनक फायदे जानकर आप आज से ही शुरू कर देंगे कसरत करना

2, एक्सरसाइज योग के फायदे

3, क्‍या है एक्‍सरसाइज के लिए सबसे उपयुक्‍त समय

4, शाम के वक्‍त वर्कआउट करने के फायदे

5, जानिए व्यायाम के मनोविज्ञानिक फायदे

6, कसरत के बाद नहाने से शरीर को होंगे ये फायदे

7, कसरत के बाद नहाने से शरीर को होंगे ये फायदे

8, एक्सरसाइज के 14 बड़े फायदे, तुरंत जानिए

9, जानें कितने प्रकार के होते हैं व्यायाम

10, सुबह की कसरत के ये दस करामाती फायदे

11, एरोबिक्स के होते हैं इतने फायदे

12, एक्सरसाइज के 5 नियम आपको पता होने चाहिए

13, एरोबिक्‍स क्‍या है, घर पर करें ये बेहतरीन एरोबिक एक्‍सरसाइज

14,  जिम छोड़ने पर इन परेशानियों से करना पड़ सकता है सामना

15, फैट कम करने वाली 10 करामाती एक्‍सरसाइज

16, महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है पिलाटे एक्सरसाइज

17,   12 एक्‍सरसाइज का सेट और 7 मिनट में पाइए फिट बॉडी

13, बॉडी बनाने की शुरूआत करने वालों के लिए टिप्‍स

14, छोटे कद से परेशान हैं? ये एक्सरसाइज एक माह में बढा देंगी लंबाई

15, स्ट्रेचिंग करने में मददगार एक्सरसाइज

16, परफेक्ट बॉडी शेप चाहने वाली महिलाओं के लिए बेस्ट हैं ये एक्सरसाइज

17, अब बिना GYM जाए घर पर ऐसे बनाएं बॉडी

18, एक्सरसाइज से पहले भूलकर भी न करें ये काम

19, जानें बाइसेप्‍स बनाने के लिये कौन सी कसरत है जरुरी

20, छाती बढ़ने की 5 सबसे बढ़िया एक्सरसाइज

21, कार्डियो वर्कआउट करना है सूपरचार्ज, तो आजमाएं ये टिप्‍स

22, घर पर करिये ये 4 कार्डियो एक्सरसाइज, नहीं होगी हार्ट, लंग्स और लिवर की बीमारियां



23, सिर्फ 10 मिनट करें ये 4 आसान एक्‍सरसाइज, हमेशा रहेंगे फिट

24, फिटनेस के दीवाने हैं तो जरूर करें बैटल रोप, बॉडी हो जाएगी हिट

25, इस वार्मअप एक्सरसाइज से 5 मिनट में मिलेगी कमर दर्द से राहत

26, Cervical Spondylosis के दस लाभदायक व्यायाम

25, साइटिका के दर्द से हैं परेशान तो तुरंत शुरू करें यह एक्सरसाइज

26, घुटनों में दर्द रहता है तो करें ये 6 आसान एक्सरसाइज, मिलेगा तुरंत आराम

27, व्यायाम दिलाएगा गठिया के दर्द से आराम

तो चलिए जानते है ।


एक्सरसाइज के आश्चर्यजनक फायदे जानकर आप आज से ही शुरू कर देंगे कसरत करना



कसरत के जरिए तनाव भरी जिंदगी को खुशनुमा बनाया जा सकता है

हम सब जानते हैं कि एक्सरसाइज करने के कई फायदे होते हैं लेकिन हमारे लिए ये जानना ज़रूरी है कि कसरत करना असल में कितना लाभदायक है। एक्सरसाइज करने से आपको पूरी तरह स्वस्थ बनने में, अच्छा महसूस करने में और बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है। कुल मिलाकर एक लम्बे, खुशहाल और स्वस्थ जीवन के लिए एक्सरसाइज से बेहतर और कुछ नहीं है।

ये जानना ज़रूरी है कि एक्सरसाइज वास्तव में है क्या। क्या फिज़िकल वर्क और एक्सरसाइज में कोई अंतर है ?

फिज़िकल वर्क के अंदर घर के काम, खेल आदि चीज़ें आती हैं। लेकिन एक्सरसाइज का मतलब होता है जब आप कुछ चुनिंदा फिज़िकल काम को योजना के तहत और बार-बार करते हैं।

अब बात करते हैं उन लाजवाब फायदों की, जिन्हें जानकर आप आज ही एक्सरसाइज शुरू देंगे।
एक्सरसाइज के फायदे

एक्सरसाइज से मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है: नियमित एक्सरसाइज आपको तनाव, डिप्रेशन और चिंता से दूर रखती है। कसरत शुरू करने के कुछ समय बाद आप मानसिक तौर पर खुश महसूस करने लगेंगे।

1. आप खुश रहते हैं: एक्सरसाइज करने से आपका मूड सही रहता है क्योंकि जब आप कसरत करते हैं तो शरीर में एंडॉर्फिन केमिकल बनते हैं जो हमें खुश रखने का काम करते हैं।

2. डिप्रेशन रहता है कोसों दूर: एक्सरसाइज से रिलीज़ होने वाले केमिकल एंडॉर्फिन दर्द के एहसास को कम करता है और सकारात्मकता बढ़ाता है और इसीलिए एक्सरसाइज को प्राकृतिक ऐंटी-डिप्रेसेंट भी कहा जाता है।

3. चिंता को खत्म करता है: एक्सरसाइज गुस्से और चिंता को कम करने का एक रामबाण है। जब भी आप चिड़चिड़ा महसूस करें तो वर्कआउट करें या थोड़ी सैर करें, आपका मूड अच्छा हो जाएगा।

4. स्ट्रेस होता है छू-मंतर: एक्सरसाइज से रिलीज़ होने वाले केमिकल को प्राकृतिक स्ट्रेस बस्टर भी कहा जाता है। एक्सरसाइज करने से आपका ध्यान परेशानियों की तरफ से हटता है।

5. आत्म सम्मान बढ़ता है: अपना आत्म सम्मान और विश्वास बढ़ाने के लिए कसरत एक अच्छा विकल्प है। आप एक्सरसाइज करके जान पाएंगे कि आपका शरीर भागने दौड़ने के लायक है और इसी से आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा।

6. बेहतर नींद: नियमित एक्सरसाइज आपकी नींद की गुणवत्ता को बढ़ाती है। कसरत करते रहने से लम्बी और बेहतर नींद आती है जो आपके मूड को तरो-ताज़ा रखती है।

7. दिमाग होता है तेज़: एक्सरसाइज खून के प्रवाह को बेहतर करती है जिसके कारण आपकी सोचने समझने की शक्ति अच्छी हो जाती है।

हेल्थ और फिटनेस

कसरत से सुधरता है शारीरिक स्वास्थ: इस भागती-दौड़ती ज़िन्दगी में बिमारियों की संभावना बढ़ गयी है। नियमित एक्सरसाइज से शारीरिक रोगों का खतरा कम हो जाता है।

1. हृदय रोग: आजकल सबसे आम रोग है हृदय रोग। किसी भी तरीके की एक्सरसाइज आपका हृदय को मज़बूत और स्वस्थ बनाती है।

2. कोलेस्ट्रॉल होता है कम: एक्सरसाइज करने से शरीर का HDL (अच्छा कोलेस्ट्रॉल) बढ़ता है और LDL (बुरा कोलेस्ट्रॉल) कम होता है। हार्ट अटैक आने का एक बड़ा कारण कोलेस्ट्रॉल ही होता है।

3. हाई ब्लड प्रेशर: जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत होती है उनके लिए एक्सरसाइज एक बढ़िया उपाय है। नियमित एक्सरसाइज हृदय को मज़बूत बनाती है जिससे हृदय को खून को शरीर के बाकी अंगों तक पहुंचाने में ज़्यादा ज़ोर नहीं लगाना पड़ता और ब्लड प्रेशर (रक्त चाप) सामान्य रहता है।

4. डायबिटीज़ (शुगर): शुगर को कंट्रोल करने में एक्सरसाइज बड़ी भूमिका निभाती है। कसरत से शरीर में ग्लूकोज़ की मात्रा कंट्रोल में रहती है जिससे डायबिटीज़ का खतरा कम होता है।

5. ऑस्टियोपोरोसिस (कमज़ोर हड्डियां): स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करना ऑस्टियोपोरोसिस का अच्छा इलाज है। इससे शरीर की बोन डेंसिटी बेहतर होती है।

6. अल्जाइमर रोग (भूलने की बिमारी): अल्जाइमर रोग से लड़ने का सबसे अच्छा तरीका एक्सरसाइज है। हिप्पोकैंपस दिमाग का वो हिस्सा होता जो इस रोग से सबसे पहले प्रभावित होता है। नियमित एक्सरसाइज इस हिस्से का बचाव करती है।

7. आर्थराइटिस (गठिया): नियमित एक्सरसाइज मसल्स के जोड़ को मज़बूती देती है और नम्यता बढ़ाती है। एक्सरसाइज ना करना जोड़ों के दर्द को बढ़ा देता है।

अब आप कसरत के फायदों से अच्छी तरह वाकिफ़ हो चुके होंगे। दिन की 30 मिनट की एक्सरसाइज ज़िन्दगी की गुणवत्ता को कई गुना बढ़ा सकती है।

एक्सरसाइज योग के फायदे

जिस प्रकार मानव जीवन के लिए  Air , Water and Meal  की ज़रूरत है और इनके बिना मानव जीवित नही रह सकता, इसी प्रकार व्यायाम भी मानव जीवन के लिए वायाम आवश्यक है।

इसकी कमी से या इसको नियमित रूप से ना करने से मनुष्य का जीवन दुर्बल और अनेक रोगो का घर बन जाता है। जिसके कारण भगवान से प्राप्त सभी एश्वर्य भी नीरभ प्रतीत होते है।

व्यायाम से शारीरिक शक्ति बढती है। इंसान धन कमा सकता है परंतु धन से स्वास्थ्या प्राप्त नही कर सकता, स्वाथ्या व्यायाम द्वारा ही प्राप्त हो सकता है।व्यायाम करने से शरीर हल्का तथा फुर्तीला बन जाता है। उधम और उत्साह बढ़ता है। 

पाचन शक्ति तेज होती है। हड्डिया मजबूत होती है। व्यायाम से शरीर सुडौल बन जाता है। व्यायाम से Head  का विकास होता है, क्योंकि स्वास्थ्या शरीर मे ही स्वास्थ्या Head  का निवास होता है।व्यायाम अपनी शक्ति से बढकर कभी नही करना चाहिए। थकावट अनुभव होने पर व्यायाम छोड़ देना चाहिए। और ज्यो-ज्यो शक्ति का संचार अधिक हो, त्यो-त्यो व्यायाम की मात्रा बढाई जा सकती है। शक्ति से बढाकर व्यायाम करना हानिकारक सिद्ध हो सकता है।बूढो और रोगियो के लिए सैर सर्वोत्तम व्यायाम है। बच्चो का खेलो द्वारा ही व्यायाम हो जाता है। भूख और प्यास मे  exercise  कभी नही करना चाहिए और भोजन करने के एकदम बाद भी व्यायाम नही करना चाहिए।व्यायाम का पूर्ण लाभ तभी होता है जब स्वच्छ वातावरण मे किया जाए, क्योंकि स्वच्छ वायु ही रक्त साफ कर सकती है। मालिश भी एक प्रकार का व्यायाम है। मालिश से थकावट दूर हो जाती है। अंग मे कोमलता और लचक उत्तपन्न होती है। फोड़े फुंसिया भी नही होते।

स्वास्थ बहुमूल्या धन है। जिसने स्वास्थ पा लिया, उसने सब कुछ पा लिया। स्वास्थ खोने वाला सब कुछ खो बैठता है। इसलिए हम सबको अपने स्वास्थ का पूरा ध्यान रखना चाहिए।

क्‍या है एक्‍सरसाइज के लिए सबसे उपयुक्‍त समय




नियमित व्‍यायाम शरीर को रखता है फिट और निरोग।सुबह के वक्‍त व्‍यायाम करने से अधिक होता है फायदा। एप्‍लेशियन स्‍टेट यूनिवर्सिटी के शोध में प्रमाणित हुआ। सुबह 7 बजे से पहले रोज 30-40 मिनट करें व्‍यायाम।

नियमित व्‍यायाम करने से व्‍यक्ति शारीरिक रूप से फिट तो होता ही है साथ ही मानसिक रूप से भी स्‍वस्‍थ होता है। नियमित व्‍यायाम का फायदा तब और अधिक होता है जब आप सही समय पर व्‍यायाम करते हैं। व्‍यायाम के लिए सही समय के निर्धारण में कई तर‍ह के विवाद भी हुए हैं, कुछ शोधों में शाम के वक्‍त व्‍यायाम करना फायदेमंद बताया गया जबकि कुछ में सुबह। इस लेख में विस्‍तार से जानिये व्‍यायाम के लिए उपयुक्‍त समय क्‍या है। 

सुबह है अधिक प्रभावी

रात में भरपूर नींद लेने के बाद जब आप सुबह व्‍यायाम करते हैं तो इसे और अधिक ऊर्जा के साथ करते हैं और इससे पूरे दिन ऊर्जावान भी रहते हैं। इसलिए सुबह का वक्‍त व्‍यायाम के लिए न केवल बेहतर है बल्कि दिनभर सक्रिय रखने में भी कारगर है। तो अगर आप इससे पहले रात के समय व्‍यायाम करते थे तो उस दिनचर्या को बदल दीजिए और व्‍यायाम के लिए सुबह का वक्‍त निकालिये। 

शोध के अनुसार

एप्‍लेशियन स्‍टेट यूनिवर्सिटी द्वारा किये गये शोध की मानें तो, व्‍यायाम का अधिक लाभ पाने के लिए सुबह का वक्‍त बेहतर है। इस शोध के अनुसार अगर आपने रात में बेहतर नींद ली है तो सुबह के वक्‍त व्‍यायाम करने से दिनभर आप सक्रिय रहेंगे और दिमाग अच्‍छे से काम करेगा। इस शोध में यह बात भी पता चली कि अगर आप सुबह के वक्‍त व्‍यायाम करते हैं तो इससे रात में भी अच्‍छी नींद आती है। 

इन बातों को भी जानें

हमारा शरीर एक एसी मशीन है, जो संतुलित ढंग से काम करती है। सारकाडियन रिदम्‍स (शरीर के अंदर मौजूद जैविक घड़ी) 24 घंटे के चक्र का पालन करती है और हार्मोन तथा स्वभाव सहित शरीर की सभी गतिविधियों को नियंत्रित करती है। इसमें रोज की गतिविधियों से हमारे शरीर में होने वाला यह चक्र प्रभावित होता है। अगर यह प्रभावित हो जाये तो नींद सही तरीके से नहीं आती है और इससे अल्ट्रेडियन रिदम्‍स असंतुलित हो जाती है। लेकिन अगर आप सुबह के वक्‍त व्‍यायाम करते हैं तो यह प्रभावित नहीं होता है और आप दिनभर सक्रिय रहते हैं साथ ही रात में बेहतर नींद भी आती है। 

इसलिए हर रोज सुबह के वक्‍त 30-40 मिनट का वक्‍त व्‍यायाम के लिए निकालें और खुद को बीमारियों से बचायें साथ ही शरीर को फिट भी रखें। इसके साथ खानपान में भी अनियमितता न बरतें।


शाम के वक्‍त वर्कआउट करने के फायदे


सुबह उठते ही जिम जा कर वर्कआउट करना और ऊपर से इस बात की चिंता कि कहीं ऑफिस के लिये लेट ना हो जाए, जैसी आम समस्‍या बनी रहती है। क्‍या आपने कभी सोंचा है कि शाम के समय वर्कआउट करने के भी कुछ फायदे हो सकते हैं?

शाम के वक्‍त अक्‍सर लोग जिम जाना पसंद करते हैं क्‍योंकि इससे उनकी बॉडी पहले से ही वार्मअप रहती है और ऑफिस जाने की टेंशन भी नहीं रहती।

अगर आपकी आंख सुबह नहीं खुलती तो आप शाम को भी जिम जा सकते हैं। सुबह की नींद मत खराब कीजिये और शाम को वर्कआउट कीजिये। लेकिन हां, रात को सोने से पहले तुरंत वर्कआउनट ना कर के आएं क्‍योंकि इससे नींद खराब हो सकती है।

इसी बात पर आइये जानते हैं कि शाम को वर्कआउट करने के क्‍या फायदे हो सकते हैं।

आपको अच्‍छी नींद आएगी

शाम को जम कर कसरत करने से रात को बड़ी ही अच्‍छी नींद आती है। इससे फैट तो बर्न होता है ही साथ में दिन भर का जितना तनाव होता है वह भी कम होता है।

स्‍ट्रेस दूर होता है

दिन भर का जितना भी तनाव होता है वह शाम को वर्कआउट करने से दूर हो जाता है। इससे रात को आप रिलैक्‍स हो कर सो पाते हैं।

आप आराम से सुबह का आनंद लें कर सकते हैं

सुबह आपको जिम जाने का चिंता नहीं रहेगी और आप आराम से उठ कर अपने ऑफिस जाने की तैयारी कर सकते हैं।

अपनी फ़्रस्ट्रेशन निकाल सकते हैं

अगर आपकी आपके बॉस या दोस्‍त से अनबन हो गई हो तो उसका गुस्‍सा आप जिम जा कर निकाल सकते हैं। वहां जा कर थोड़ा हैवी वेट उठाइये और सारा गुस्‍सा निकालिये।

आराम से वर्कआउट करने का समय मिलता है

शाम को ऑफिस का काम निपटा कर आने के बाद जिम में वर्कआउट करने के लिये काफी समय मिल जाता है और किसी बात की जल्‍दी भी नहीं रहती।


आपकी बॉडी आपका ज्‍यादा साथ देगी

सुबह के समय शरीर में काफी अकड़न रहती है जिस वजह से वर्कआउट आराम से नहीं हो पाता। पर शाम के समय शरीर में लचीलापन आ जाता है जिससे वर्कआउट अच्‍छे से हो पाता है।

आपके शरीर में ज्‍यादा एनर्जी होती है

वर्कआउट करने के लिये आपके शरीर को ताकत की जरुरत होती है। सुबह के समय आपका पेट खाली होता है जिससे आपको कम उर्जा मिलती है। शाम के वक्‍त आप प्रोटीन शेक पी सकते हैं।

नहीं लगता वॉर्मअप में ज्‍यादा समय

सुबह उठते ही जिम भागो और ऊप से लंबा वॉर्मअप करो। लेकिन शाम को वर्कआउट करने के लिये आपको ज्‍यादा देर वॉर्मअप करने की जरुरत नहीं है। आपका शरीर वर्कआउनट करने के लिये अपने आप ही वार्मअप हो जाएगा

जानिए व्यायाम के मनोविज्ञानिक फायदे



इसमें कोई शक नहीं है की व्यायाम यानि की की Exercise के अनेको मनोविज्ञानिक (Psychological) लाभ होते है लेकिन आमतोर पर इन्हें अनदेखा किया जाता है. आजकल बहुत से लोग व्यायाम (Exercise) के शारीरिक लाभों जैसे वजन कम करने के लिए, हेल्थ को इम्प्रूव करने के लिए या अच्छी आकृति वाले शरीर बनाने के लिए करते है. इससे इंकार नहीं किया जा सकता की व्यायाम (Exercise) हमारी फिजियोलॉजिकल हेल्थ के लिए बहुत आवश्यक है लेकिन आज के समय में मनोविज्ञानिक लाभों का अपना ही महत्व है. 
इस तेजी से भागती लाइफ में अधिकतर लोग तरह तरह की मनोविज्ञानिक बिमारियों (mental or psychological disorders) जैसे तनाव, दवाब, अवसाद, मूड बदलना, खराब मेमोरी, व चिन्ता आदि का शिकार हो रहे है. इस शेत्र में हुई रिसर्च के अनुसार नियमित एक्सरसाइज मूड को, शारीरिक छवि, आत्म सम्मान को बढाता है और stressful situations से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है.


व्यायाम के मनोविज्ञानिक लाभ

मूड को अच्छा बनाता है व्यायाम (Exercise) मूड को इम्प्रूव करने के लिए सबसे जरुरी treatment क
े रूप में देखा जाता है. नियमित Exercise के कारण हमारे शरीर म Endorphin नमक हारमोंस निकलते है जिससे हमारा दृष्टिकोण सकरात्मक होता है और हम हर तरफ से ज्यादा खुश रहते है बजाय उन लोगो के जो रोजाना Exercise नहीं करते.

डिप्रेशन को कम करता है (Reduce Depression) – रिसर्च के अनुसार नियमित Exercise डिप्रेशन को बहुत अच्छी तरह कम कर देता है. एरोबिक Exercise डिप्रेशन विरोधी प्रभावों को उत्तपन करने में बराबर रूप से प्रभावी होते है. इसलिए जो लोग रोजाना Exercise करते है उनके डिप्रेशन होने के चांस 95% तक घट जाते है.

चिन्ता को कम कर देता है रोजाना Exercise चिन्ता के स्तर को पूरी तरह से कम कर देता है. नियमित Exercise के दौरान हम अपनी दैनिक समस्याओ को भूल जाते है जिससे हमें एक नया दृष्टिकोण प्राप्त होता है. बाद में जब हमारा उन समस्याओ और दिक्कतों से सामना होता है तो हम उनका सामना एक नई सोच और उर्जा के साथ करते है.
       

मानसिक सतर्कता को बढाता दवाब, तनाव और थकावट नकरात्मक रूप से एकाग्रता, समझदारी और memory को प्रभावित करते है. क्योकि एक्सरसाइज प्रेशर को कम करने और पॉजिटिव एनर्जी को बढ़ाने के सबसे अच्छा तरीका है इसलिए रोजाना एक्सरसाइज से मानसिक सतर्कता (mental alertness) बढ़ जाती है.

आत्म विश्वास और शारीरिक छवि को बढाता है कई लोग अपने शारीरिक रूप और शक्ल को लेकर नाखुश और असंतुष्ट महसूस करते है लेकिन नियमित एक्सरसाइज के बाद अधिकतर लोग पॉजिटिव बदलावों को देखता शुरू कर देते है. परिणाम देखने के बाद उन्हें अपनी इस सफलता पर गर्व महसूस होने लगता है और आत्म विश्वास में बढोतरी होती है.
         

मैमोरी को बढ़ावा देता है  रोजाना एक्सरसाइज memory और नई चीजो की सिखने की काबिलियत को बढ़ावा देता है. शारीरिक व्यायाम नयूरोंस विशेष रूप से brain के स्मरण शक्ति के एरिया के नयूरोंस को ठीक आकृति में रहने में सहायता करता है जिससे किसी भी चीज को आसानी से याद करने में बढ़ोतरी होती है.

बौद्धिक स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलना- रोजाना 30-45 मिनट एक्सरसाइज से हमारे दिमाग के स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। एक्सरसाइज से नई तन्त्रिका कोशिकोओं के निर्माण होता है जिससे अल्ज़ीमर्स (Alzheimer diseases) और पार्किन्सन्स (Parkinson diseases) जैसी बीमारियाँ दूर रहती हैं।

कसरत के बाद नहाने से शरीर को होंगे ये फायदे



खुद को फिट रखने के लिए आप किसी भी तरह की कसरत करें या सैर करें, वर्कआउट का पूरा फायदा तभी मिलेगा जब वर्कआउट से जुड़े सभी पहलुओं पर ध्यान दिया जाए। ऐसे में कसरत से भरपूर फायदे के लिए जरूरी है कि इसके बाद नहाने को आप अपनी आदत में शुमार करें।

जानिए, कसरत के तुरंत बाद नहाने से आप अपने वर्कआउट को किस तरह अधिक असरदार बना सकते हैं। 

हाइजीन 

कसरत के दौरान खूब पसीना आना बहुत अच्छी बात है लेकिन इसके बाद पसीने के साथ-साथ बदबू या संक्रमण की समस्या भी बेहद आम है। ऐसे में आप कैसा भी वर्कआउट करें लेकिन इसके बाद नहाने से न सिर्फ शरीर की गंदगी अच्छी तरह साफ होगी बल्कि पसीने से होने वाली समस्याएं भी नहीं होंगी।

वजन घटाने के लिए

अगर आप कसरत इस इरादे से कर रहे हैं कि इससे आपका वजन घटेगा तो इसके बाद नहाने को अपनी आदत बना ही लें। कई शोधों में यह प्रमाणित हो चुका है कि कसरत के बाद ठंडे पानी से नहीने से शरीर का मेटाबॉलिज्म बढ़ जाता है जिससे आप अधिक कैलोरी घटाते हैं।

मांसपेशियों के लिए फायदेमंद

कसरत के बाद मांसपेशियों में ऐंठन या दर्द न हो, इसके लिए भी नहाने के फायदे हैं। कसरत के बाद ठंडे पानी से नहाने पर शरीर का रक्त संचार तेज होता है जिससे मांसपेशियों की जकड़न खुल जाती है।   

मूड बेहतर होता है

अक्सर आपने गौर किया होगा कि कसरत के बाद नहाने पर आपकी थकान छूमंतर हो जाती है और आप तरोताजा महसूस करते हैं। कई शोधों में यह माना गया है कि ठंडे पाने के त्वचा पर पड़ने से शरीर में ग्लूटाथियोन नामक एंटीऑक्सीडेंट्स बढ़ते हैं जिससे आप तरोताजा महसूस करते हैं।

एक्सरसाइज के 14 बड़े फायदे, तुरंत जानिए



एक्सरसाइज या व्यायाम करना स्वास्थ के लिए लाभदायक होता है, यह बात हर कोई जानता है। कई बार हम एक्सरसाइज से बचने के बहाने खोज लेते हैं, या फिर हजार बार सोचने के बाद भी उसे अपनी दिनचर्या का अनिवार्य अंग नहीं बना पाते। लेकिन हम आपको बता रहें हैं, एक्सरसाइस करने के वह फायदे, जिन्हें जानने के बाद आप इसके लिए बहाने नहीं ढूंढेंगे।

1 एक्सरसाइज हमारी मांसपेशियों को स्वस्थ रखता है, और शरीर में खून के बहाव को भी बेहतर बनाता है, जिससे आप स्वस्थ तो रहते ही हैं, सही ब्लड सप्लाई मिलने से दिमाग भी सक्रिय रूप से कार्य करता है, और नई ब्रेन सेल्स बनने में भी मदद मिलती है

2 एक्सरसाइज ब्लडप्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है। नियमित एक्सरसाईज करने से हाईब्लडप्रेशर तकरीबन 75 प्रतिशत तक कम हो जता है। इसके अलावा ऐरोबिक्स भी ब्लडप्रेशर के लिए बेहद फायदेमंद होता है। 

3  नियमित एक्सरसाइज करने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और एक्सरसाईज के बाद आराम करते समय भी कैलोरी बर्न होती है, जिससे तेजी से वजन कम होता है। इसके अलावा एक्सरसाईज आपकी बढ़ती उम्र की गति को धीमा करके आपको अधिक समय तक जवान बनाए रखने में मदद करती है।

4  एक्सरसाइज करने से तनाव व डिप्रेशन के साथ ही अन्य मानसिक समस्याएं खत्म हो जाती है। एक शोध के अनुसार नियमित एक्सरसाईज का असर एंटीडिप्रेशन दवा की तरह होता है। सप्ताह में कुछ दिन लगभग आधा घंटा एक्सरसाईज करने से डिप्रेशन के लक्षणों में सुधार आता है।

5  एक्सरसाइज आपको शारीरिक दर्द से छुटकारा दिलाने में मदद करती है। इससे पीठ दर्द और हाथ पैरों में दर्द व खिंचाव होने की समस्या से निजात मिलती है। इसके अलावा यह शरीर में उर्जा के स्तर को बढ़ाकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार है।6  नियमित एक्सरसाइज से रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम होता है और हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम कर एचडीएल कोलेस्ट्रॉल या गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद मिलती है। इससे हृदय अधि‍क मात्रा में ब्लड पंप करता है, और हम अधि‍क मात्रा में ऑक्सीजन ले पाते हैं।

6  शरीर में उर्जा के स्तर को बढ़ाने और उसे बनाए रखने में एक्सरसाइज बहुत फायदेमंद होती है। यह आपको दिनभर ताजगी बनाए रखने  और आपको तरोताजा रखने में भी मदद करती है। 

7  नियमित एक्सरसाइज आपको कैंसर जैसे खतरनाक रोग से बचा सकती है। इससे विभि‍न्न प्रकार के कैंसर, खासतौर से कोलोन कैंसर और ब्लड कैंसर का खतरा कम हो जाता है। 
8 एक्सरसाइज करने से स्टेमिना बढ़ता है, जिससे हम अपना काम बेहतर अैर अच्छे तरीके से कर पाते हैं, इससे कार्य करने के क्षमता में इजाफा होता है

9 त्वचा को खूबसूरत और जवान बनाए रखने में सबसे प्रभावकारी उपाय एक्सरसाईज ही है। एक्सरसाइज करने पर रक्तसंचार तेज होता है, जिससे त्वचा पर तेज और चमक बढ़ जाती है, और त्वचा स्वस्थ व जवां नजर आती है। और आपकी त्वचा में प्राकृतिक चमक भी आती है।

10  नियमित एक्सरसाइज से रक्त में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम होता है और हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम कर एचडीएल कोलेस्ट्रॉल या गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद मिलती है। इससे हृदय अधि‍क मात्रा में ब्लड पंप करता है, और हम अधि‍क मात्रा में ऑक्सीजन ले पाते हैं। 

11  शरीर में उर्जा के स्तर को बढ़ाने और उसे बनाए रखने में एक्सरसाइज बहुत फायदेमंद होती है। यह आपको दिनभर ताजगी बनाए रखने  और आपको तरोताजा रखने में भी मदद करती है। 

12  नियमित एक्सरसाइज आपको कैंसर जैसे खतरनाक रोग से बचा सकती है। इससे विभि‍न्न प्रकार के कैंसर, खासतौर से कोलोन कैंसर और ब्लड कैंसर का खतरा कम हो जाता है। 

13  एक्सरसाइज करने से स्टेमिना बढ़ता है, जिससे हम अपना काम बेहतर अैर अच्छे तरीके से कर पाते हैं, इससे कार्य करने के क्षमता में इजाफा होता है।  

14  त्वचा को खूबसूरत और जवान बनाए रखने में सबसे प्रभावकारी उपाय एक्सरसाईज ही है। एक्सरसाइज करने पर रक्तसंचार तेज होता है, जिससे त्वचा पर तेज और चमक बढ़ जाती है, और त्वचा स्वस्थ व जवां नजर आती है। और आपकी त्वचा में प्राकृतिक चमक भी आती है।



जानें कितने प्रकार के होते हैं व्यायाम



स्वस्थ शरीर सन्तुलित आहार और व्यायाम का सम्मिश्रण होता है।चलना एक मध्यम दर्जे का और सहज व लाभदायक व्यायाम होता है।आयसोमट्रिक कसरत करने पर पेशियां काफी तेजी से बनती हैं।योग में शारीरिक और मानसिक दोनों अनुशाषनों की ज़रूरत होती है।

स्वस्थ शरीर सन्तुलित आहार और व्यायाम का सम्मिश्रण से मिलता है। आजकल हम खाने के मामले में तो काफी सतर्क रहने लगे हैं लेकिन व्यायाम व शारीरिक श्रम के मामले अभी भी लापरवाह नज़र आते हैं। लेकिन ध्यान रहे कि भोजन की ही तरह व्यायाम की भी नियमित जरूरत होती है। व्यायाम शरीर को गठीला व मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देने के साथ-साथ उसे निरोग रखने में भी सहायक होता है। अलग-अलग चीजों को लिये भिन्न प्रकार के व्यायाम होते हैं। 

कुछ शरीर को स्वस्थ बनाते हैं तो कुछ इसे निरोग रखने में मदद करते हैं। वहीं योग के रूप में किये जाने वाले व्यायाम बौद्धिक स्वास्थ्य के लिये लाभकर होते हैं। तो चलिये विस्तार से जानें व्यायाम के प्रकार और इनकी जरूरत क्या हैं। 

तंदुरुस्ती पाने के लिए व्यायाम के कुछ प्रकार


आयसोटोनिक व्यायाम

कुछ कसरतों में कुछ विशेष पेशियां नियमित तौर पर संकुचित और शिथिल होती हैं। इन कसरतों में पेशियों का तनाव बना रहता है, और पेशियों के तन्तुओं की लम्बाई कम व ज़्यादा होती रहती है। इस प्रकार की कसरतों को आयसोटोनिक (समतानी) कसरतें कहा जाता है। सीधे तौर पर समझा जाए तो 

जिस कसरत में अधिक हलचल हो उसे आयसोटोनिक कसरत कहा जाता है। जैसे भागना, दौड़ना, तैराकी, पहाड चढ़ना, साइकिल चलाना, गेम जैसे फुटबाल, टेनिस, क्रिकेट आदि आयसोटोनिक व्यायाम के उदाहरण हैं।    

आयसोमट्रिक व्यायाम

जब हम काफी देर तक कोई भारी चीज़ उठाते हैं, या भार को हाथों से आगे-पीछे या ऊपर-नीचे धकेलते हैं, लेकिन पेशियों के तन्तुओं की लम्बाई पर कोई असर नहीं होता। ऐसी क्रिया को आयसोमट्रिक (सममितीय) व्यायाम कहा जा सकता है। 

इस कसरत में कुछ प्रतिरोध के साथ ज़ोर लगाया जाता है इसलिए बिना बहुत ज्यादा हलचल हुए ही पेशियों को काम करना पड़ता है। कसरत के इस प्रकार से पेशियों का बल और आकार जल्दी बढ़ता है। सप्ताह में तीन दिन भी ये कसरत करना मांसपेशियों के लिये काफी होता है। इसलिये इन्हें हर दिन करने की जरुरत नहीं होती। जिम के अलग अलग मशीनों में इसके काफी तरीके उपलब्ध होते हैं।

आयसोमेट्रिक और आयसोटोनिक दोनों

आयसोमट्रिक कसरतों से पेशियां तेजी से बनती हैं इसलिए शरीर की नुमाइश करने वाले लोग ये कसरतें अधिक करते हैं। वहीं आयसोटोनिक कसरतें पहलवानों और कम दूरी के धावकों के लिए ज़्यादा उपयोगी होती हैं, क्योंकि ये स्टेमिना बढ़ाती हैं। ज़्यादातर कसरतों में इन दोनों को ही शामिल किया जाता है। ताकि ताकत व सहन शक्ति दोनों को बढ़ाया जा सके। उदाहरण के तौर पर कुश्ती में हलचल और प्रतिरोध के खिलाफ बल लगाना होता है, लेकिन इसमें हलचल का प्रयोग कम होता है। जब कोई इंसान साइकल रिक्शा खींच रहा होता है या कोई मजदूर हाथ गाड़ी धकेलता है, तो ऐसे में उनके द्वारा पैरों से हलचल और हाथों से स्थाई बल लगाया जाता है। 

इसका अर्थ है कि यहां आयसोमेट्रिक और आयसोटोनिक दोनों का प्रयोग हो रहा होता है।बाजुओं को आयसोमेट्रिक और पैरों को आयसोटोनिक से फायदा होता है। 

चलना

चलना एक मध्यम दर्जे का और सहज व्यायाम होता है। यह सभी उम्र के लोगों के लिए (खासतौर पर दिल की बीमारियों से प्रभावित लोगों के लिए) काफी उपयोगी होता है। शारीरिक फायदों के अलावा चलने से स्फूर्ति और आराम मिलता है। एक किलोमीटर मध्यम गति से चलने पर करीब 50 कैलोरी उर्जा खर्च होती है। इसलिये जितना हो सके चलना चाहिये। 

खेल

सामूहिक खेलकूद केवल कसरत करने से कहीं ज़्यादा उपयोगी होते हैं। खेलों में मज़ा तो आता ही है साथ ही शारीरिक कसरत भी हो जाती है। लेकिन सभी खेल एक जितने उपयोगी नहीं होते हैं। जैसे -



शरीर का कौन सा अंग उपयोग उपयोग हो रहा है आदि।

खेल की गति (फुटबॉल, हॉकी अधिक गतिमान, पर टेबल टेनिस उतना नहीं)

कितनी ताकत चाहिए (कुश्ती में ताकत का काम है, पर बैडमिन्टन में स्फूर्ती का)

पेशियों का तालमेल (रायफल शूटिंग में हाथ, आंख और शरीर के अन्य भोगों का तालमेल जरुरी होता है)

सहने की क्षमता और तन्यता (क्रिकेट में लगभग पूरे दिन खेलना होता है)

योग

योग में शारीरिक और मानसिक दोनों तरह के अनुशाषन की ज़रूरत होती है। योग एख कमाल का व्यायाम होता है, जिसमें मूलतः तीन चीज़ की जाती हैं- 

आसन

किसी निश्चित समय के लिए किसी निश्चित स्थिति में रहने को आसन कहा जाता है। आसन में आइसोमैट्रिक व आइसोटोनिक कसरतें सभी शामिल होती हैं और इससे शरीर में रक्त का बहाव और पेशियों के तालमेल और सहने की क्षमता आदि बढ़ते हैं।

मुद्राएं

मुद्राएं दरअसल चेहरे की कसरतें होती हैं। उदाहरण के लिये सिंह मुद्रा चेहरे की पेशियों को स्वस्थ बनती है।

बंध

बंध पेशियों को कसने वाली कसरतें होती हैं। इसकी मदद से पेशियों को तानने में सहायता होती है। उदाहरण के लिए मूल बंध से श्रोणी की पेशियां तन जाती हैं। ठीक इसी प्रकार जालंधर बंध से गले की पेशियां पुष्ट होती हैं।

कुल मिलाकर लगातार और नियमित शारीरिक व्यायाम, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है और हृदय रोग, रक्तवाहिका रोग, टाइप 2 मधुमेह और मोटापा जैसे रोगों की रोकथाम करता है। इससे मानसिक स्वास्थ्य सुधारता है और तनाव दूर करने में मदद मिलती है। 

सुबह की कसरत के ये दस करामाती फायदे



1
सुबह की कसरत

यूं तो आप कसरत कभी भी कर सकते हैं, लेकिन व्‍यायाम करने का सबसे अच्‍छा समय सुबह का माना जाता है। हालांकि शुरूआत में आपके लिए यह थोड़ा मुश्किल होगा लेकिन एक बार आदत हो जाने के बाद यह आपको अच्छा लगेगा और फर्क आप खुद महसूस करेंगे। यहां हम आपको बता रहे हैं कि सुबह व्यायाम करना आपके लिए क्‍यों फायदेमंद होता हैं।

2
तनाव स्तर में कमी

सुबह का व्‍यायाम हमें शारीरिक ही नहीं बल्कि मानसिक तौर पर भी फायदा देता हैं। व्यायाम करने से आप अधिक ऊर्जावान महसूस करते हैं और आपके तनाव स्तर में कमी होती है।  अगर आप उच्‍च तनाव क्षेत्र में काम करते हैं तब तो आपके लिए सुबह की एक्‍सरसाइज बहुत जरूरी है।

3
पाचन‍क्रिया दुरूस्‍त रखें

सुबह के समय एक्‍सरसाइज करने से आपका शरीर भी अनुशासित रहता है। आपके सोने, जागने और खाने का समय निश्‍चित हो जाता है। जिससे आपकी पाचन‍ क्रिया दुरूस्‍त रहती है। एक्‍सरसाइज करने से रात में नींद भी अच्‍छी आती है।

4
ताजगी का अहसास

सुबह के समय एक्‍सरसाइज करने से शरीर में हार्मोंस संतुलित रहते है। जिससे आपका स्‍वास्‍थ्‍य सही रहता है। सुबह की ताजी हवा और वातावरण आपको पूरा दिन ताजगी प्रदान करता है।

5
फेफड़ों में मजबूती

सुबह के समय मिलने वाली ऑक्‍सीजन सारा दिन में मिलने वाली ऑक्‍सीजन से ज्‍यादा होती है। इसलिए सुबह की ताजी हवा फेफड़ों को मजबूती प्रदान करती है। इसलिए सुबह का वर्कआउट ज्‍यादा लाभकारी होता है।

6
अत्‍यधिक कैलोरी का जलना

सुबह एक्‍सरसाइज करने से आपके चयापचय क्रिया ऊंची होने लगती है, कई बार तो यह 24 घंटे तक ऊंची रहती है। इसका मतलब सिर्फ सुबह की एक्‍सरसाइज करने से आप दिन भर में अधिक कैलोरी जला सकते है।

7
इम्‍यून सिस्‍टम में मजबूती

कोई भी बीमार होना पसंद नहीं करता है, ऐसे में एक्‍सरसाइज आपकी मदद कर सकती है। स्‍वस्‍थ रहने के लिए इम्‍यून सिस्‍टम का अच्‍छा होना बहुत जरूरी होता है। व्यायाम करने से पूरे शरीर में रक्तसंचार ठीक रहता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। जिससे आप बीमार कम पड़ते हैं।

8
मेटाबॉलिज्म का सही रहना

विभिन्‍न प्रकार के शोधों से यह बात साबित हो गई है कि सुबह के समय एक्‍सरसाइज करने से शरीर का मेटाबॉलिज्म रेट सही रहता है और शरीर को अतिरिक्त एनर्जी भी मिलती है।

9
बेहतर नींद

अध्‍ययन से पता चला है कि सुबह जल्‍दी उठकर नियमित रूप से व्‍यायाम करने वाले महिलाएं और पुरुष शाम को व्‍यायाम करने वालों की तुलना में बेहतर नींद सोते हैं। रात को व्‍यायाम करने से शरीर उत्तेजित हो जाता है, जिससे कारण शांतिपूर्ण नींद आने में अधिक मुश्किल होता है।

10
व्‍यवहार
में बदलाव

वैसे तो यह बात हर कोई जानता है कि व्‍यायाम बेहतर महसूस कराता है। व्‍यायाम के दौरान आपकी शरीर से 'फील गुड' नामक हार्मोन निकलता हे जो तनाव से छुटकारा पाने और अधिक आत्‍मविश्वासी महसूस करना में आपकी मदद करता है। साथ ही व्‍यायाम के दौरान सेरोटोनिन और एसीटीएच हार्मोंन आपको ज्‍यादा प्रोडक्टिव बनता है जिससे आप बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलती है। और आप दिन भर में अधिक रचनात्‍मक रहते हैं।

11
नियमितता

शोधकर्ताओं के अनुसार, 75 प्रतिशत महिलाएं जो सुबह के समय एक्‍सरसाइज करती है, वह शाम को कसरत करने वाली महिलाओं की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक अपनी योजना पर टिकी रहती हैं।

एरोबिक्स के होते हैं इतने फायदे



एरोबिक्स क्लासेज में बहुत मज़ा आता है और आपका तनाव भी कम होता है।एरोबिक्स से शरीर में श्वेत रक्तकणों की संख्या में बढोतरी होती है।एरोबिक्स की क्लास के लिए लकड़ी का फर्श सबसे सही वर्काऊट सतह है।शुरू में किसी अनुभवी और प्रशिक्षित एरोबिक्स इंस्ट्रक्टर की निगरानी में व्यायाम करें।

एरोबिक्स की एक्टिविटी से कार्डीओवैस्क्यलर (ह्रदय और रक्त धमनियां) और रेस्पिरेटरी (फेफड़े) की फिटनेस में सुधार होता है। यह एच-डी-एल (हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन) के स्तर को बढाता है, जो कि ह्रदय के लिए एक अच्छा कोलेस्ट्रोल है। यह एक आदर्श रक्तचाप को बनाए रखता है, धमनियों के लचीलेपन को बनाए रखता है, जिससे कि रक्त के थक्कों का निर्माण होने का और दिल के दौरे का खतरा कम हो जाता है। 

साथ ही यह अनेक ह्रदय और फेफड़ों के रोगों और कुछ ख़ास कैंसरों के खतरों को घटाता है। यह एक उच्च ऊर्जा से भरपूर एक्टिविटी है, जिसमें अत्यधिक ऊर्जा की ज़रूरत होती है! इसीलिए जिन लोगों को अपने शरीर की अतिरिक्त चर्बी को घटाना है, वे एरोबिक्स को अपना सकते हैं। किसी भी एरोबिक्स की क्लास में नृत्य करते समय आपकी कितनी कैलोरी की मात्रा खर्च होती है, यह पार्टिसपन्ट की उम्र, लिंग, वज़न, नृत्य शैली की इंटेंसिटी, संगीत का टैम्पो और पार्टिसपन्ट के सामर्थ्य पर निर्भर करता है।


एरोबिक्सकरने से निम्न फायदे होते हैं

एरोबिक्स से शरीर में श्वेत रक्तकणों की संख्या में बढोतरी होती हैं, जिससे शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत बनता है। श्वेत रक्तकण रोगों से लड़ते हैं।एरोबिक्स एक वज़न को वहन करने वाली क्रिया है (इसके अंतर्गत आप कसरत करने के दौरान अपने शरीर का वज़न खुद उठाते हो), इसीलिए यह मांसपेशियों और हड्डियों को मज़बूत बनाती है और उनका निर्माण करती है, इससे आस्टिओपरोसिस का खतरा घट जाता है।



एरोबिक्स से शरीर तंत्रों की कन्डिशनिंग होती है, हड्डियां और मांसपेशियाँ मज़बूत बन जाती हैं, जिससे कि हमारी उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है।एरोबिक्स के कई बड़े मनोवैज्ञानिक फायदे होते हैं ! व्यायाम करते समय शरीर में ‘एंडोर्फिन’ नामक हार्मोन का स्त्राव होता है, जिससे एक खुश होने का एहसास प्राप्त होता है। पार्टिसपन्ट को आनंद का एहसास होता है, और वह तनाव कम महसूस करता है, चूंकि एरोबिक्स एक अत्यंत चुनौतीपूर्ण एक्टिविटी है, इसीलिए हर एरोबिक सेशन को पूर्ण करने पर उपलब्धि और गर्व का एक एहसास होता है।एरोबिक्स क्लासेज में बहुत मज़ा आता है और आपको प्रेरणा मिलती है, इसीलिए अक्सर ऐसा होता है 

कि आप अपने एरोबिक्स क्लासेस से चिपके रहते हो, और आपको स्वास्थ्य और फिटनेस के फायदे प्राप्त होना जारी रहते हैं।किसी भी एरोबिक्स क्लास में आप एक समूह में वर्काऊट करते हो, आपकी निगरानी के लिए एक इंस्ट्रक्टर सामने रहता है, जो कि पूरे समय आपको प्रेरित करता रहता है, इसीलिए यदि आप इस क्लास को छोड़ना भी चाहते हो, तो भी आप ऐसा नहीं कर पाओगे और वर्काऊट करने में आप अपना पूरा जोर लगा दोगे।नियमित रूप से अभ्यास करने से आप संगीत को बेहतर समझने लगोगे और आपको अधिक मज़ा आने लगेगा ! आप सही धुन पर अपना पैर हिलाना सीख जाओगे।आप एरोबिक्स की क्लास में अनेक मित्र बनाते हो, उनके साथ हंसते हो, मज़ा करते हो। इससे आपका सारा तनाव घट जाता है।

एरोबिक्स की क्लास में अपना नाम लिखाने से पहले बरती जाने वाली सावधानियां

इस बात का ध्यान रखें कि आप किसी अनुभवी और प्रशिक्षित एरोबिक्स इंस्ट्रक्टर की निगरानी में व्यायाम करें।क्लास में जाने से पहले वहाँ उपलब्ध कराई जानेवाली सुविधाओं की जांच कर लें ! क्लास साफ़ और सुसज्जित होनी चाहिए, लकड़ी का फर्श होना चाहिए, एक एरोबिक्स की क्लास के लिए लकड़ी का फर्श सबसे सही वर्काऊट सतह है।अपनी क्लास में हमेशा सही समय पर पहुंचे, जिससे कि आप वार्मअप करने से वंचित न हो जाएँ, जो कि एरोबिक्स की क्लास का एक महत्वपूर्ण भाग है ! आपका ठीक समय पर पहुंचना यह दर्शाता है कि आप अपने व्यायाम के प्रति बेहद गंभीर हैं। यदि आप किसी भी प्रकार के रोग से ग्रसित हैं, तो आप अपने इंस्ट्रक्टर से कुछ भी न छिपाएं।यदि आपको व्यायाम करते समय किसी भी प्रकार की असुविधा महसूस हो रही हो या आप असहज महसूस कर रहे हो, तो तुरंत अपने इंस्ट्रक्टर से संपर्क करें !एरोबिक्स के लिए ख़ास तौर पर बनाए गए जूतों को पहने।हर 15 से 20 मिनट के बाद पानी पिएं।जब आप फ़्लू या बुखार से पीड़ित हो, तब व्यायाम न करें।

अपने चिकित्सक से परामर्श लें और इस बात की जांच करें कि कहीं आप किसी ह्रदय, फेफड़े, मांसपेशियों या जोड़ों से संबंधित रोगों से ग्रसित तो नहीं हैं, या हाल ही में आपकी कोई सर्जरी तो नहीं हुई है !

   
एक्सरसाइज के 5 नियम आपको पता होने चाहिए



एक्सरसाइज करना हेल्थ के लिए अच्छा है, लेकिन इसके नियमों को अनदेखा करना उतना ही बुरा भी हो सकता है। इससे बचने के लिए उन 5 बातों को जरूर जान लीजिए, जो एक्सरसाइज के बारे में आपको पता होना चाहिए - 

1) वार्मअप - एक्सरसाइज शुरु करने के पहले वार्मअप अनिवार्य है, ताकि आपका शरीर एक्सरसाइज के लिए पूरी तरह से तैयार हो सके। अगर आप वार्मअप को अनदेखा करते हैं, तो यह आपके शरीर के लिए हानिकरक हो सकता है।

2) फॉर्म - आप एक्सरसाइज के जिस फॉर्म यानि प्रकार को कर रहे हैं, उसे नियम अनुसार वैसे ही करें, जैसा बताया गया है। अपने हिसाब से किसी तरह का फेरबदल बिल्कुल न करें, अन्यथा आपके शरीर को यह भारी पड़ सकता है।

3) शुरूआती लोगों के लिए - एक्सरसाइज करने के शुरुआती दिनों में अति करने से बचें और ट्रेनर के अनुसार ही एक्सरसाइज करें। सप्ताह में जितना व्यायाम कहा जाए उससे ज्यादा करना शरीर को तकलीफ दे सकता है।

4) डायट - एक्सरसाइज के साथ-साथ डायट का भी विशेष ध्यान रखें और तेजी से पचाने वाली प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का विकल्प चुनें। यह शरीर में अमीनो एसिड प्रदान की पूर्ति के साथ ही मांसपेशियों के निर्माण में सहायता करते हैं।

5) उम्र - एक्सरसाइज करना वैसे तो हम उम्र के लिए फायदेमंद होती है, लेकिन एक्सरसाइज का चुनाव अपनी उम्र के अनुसार करें और शुरु करने से पहले एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपको सेहत संबंधी समस्याएं हैं तो इसका विशेष ध्यान रखें और एक्सपर्ट से चर्चा कर लें।

एरोबिक्‍स क्‍या है, घर पर करें ये बेहतरीन एरोबिक एक्‍सरसाइज

एरोबिक्‍स क्‍या है

इस व्यायाम को निम्न स्तर से मध्यम स्तर की इंटेसिटी पर किया जाता है।एक एरोबिक क्लास करीब 45 मिनट से 1 घंटे की अवधि का होना चाहिए।एरोबिक्स की क्लास एक हफ्ते में 5 से 6 दिन होनी चाहिए।जिसमे से 3 से 4 दिन कार्डियो-रेस्पिरेटरी कंडीशनिंग के प्रति समर्पित होने चाहिए।
शरीर की मांसपेशियों के बड़े समूहों में टांगों, जांघों और हिप्स की मांसपेशियां शामिल हैं। इस व्यायाम को निम्न स्तर से मध्यम स्तर की इंटेसिटी पर किया जाता है। इस व्यायाम की अवधि कम से कम 20 मिनट या उससे अधिक होती है।

दौडना, जोगिंग करना, सायकल चलाना, सीढियां चढ़ना, रस्सी कूदना और एरोबिक्स क्लासेस, ये सभी एरोबिक गतिविधियों के उदाहरण हैं। इन सारी गतिविधियों की वज़ह से ह्रदय, रक्त धमनी और फेफड़ों को आक्सीजन युक्त रक्त को कार्य संपन्न करनेवाली मांसपेशियों तक पहुंचाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। इसका नतीजा यह होता है कि कार्डीओवैस्क्यलर (ह्रदयवाहिनी) और रेस्परटॉरी (श्वाश प्रस्वाश संबंधी) तंत्र अधिक मज़बूत और कुशल बन जाते हैं। वैसे एरोबिक्स से संबंधित व्यायाम अतिरिक्त वसा को गलाने के लिए सबसे बढ़िया रास्ते हैं।

एक एरोबिक क्लास में एक प्रशिक्षित इन्स्ट्रक्टर एक ख़ास संगीत पर एक समूह को व्यायाम सिखाता है। वह इन्स्ट्रक्टर उस ख़ास संगीत को ध्यान में रखकर नृत्य शैली में निर्देशित किए गए अनेक मूवमेंट्स को पार्टिसपन्टस को सिखाता है। वर्काउट (कसरत) की इंटेसिटी को अक्सर संगीत और कोरियोग्राफड मूवमेंट पैटर्न द्वारा नियंत्रित किया जाता है। हर एरोबिक्स इन्स्ट्रक्टर के पास अपनी क्लास के लिए उनके खुद के दृष्टिकोण के अनुसार एक अलग फोर्मेट होता है।


आम तौर पर एक एरोबिक क्लास करीब 45 मिनट से 1 घंटे की अवधि का होना चाहिए। क्लास की शुरूआ़त 5 से 10 मिनट के वार्मअप और स्ट्रेचिंग के साथ होना चाहिए, जिससे कि आगे कम से कम 20 से 45 मिनट तक किए जानेवाले वर्काउट के लिए तैयारी हो जाती है। अंत में फिर से 5 से 10 मिनट के कूल डाउन और स्टेटिक स्ट्रेचिंग के एक व्यायाम को जोड़ा जाता है, जिससे कि शरीर को उत्तेजित स्थिति से धीरे धीरे बाहर निकालने में और कसरत के पूर्व की स्थिति को फिर से पाने में मदद मिलती है। एरोबिक्स की क्लास एक हफ्ते में 5 से 6 दिन होनी चाहिए, जिसमे से 3 से 4 दिन कार्डियो-रेस्पिरेटरी कंडीशनिंग के प्रति समर्पित होने चाहिए और 2 से 3 दिन शरीर के ऊपरी और निचले भाग के लिए वेट ट्रेनिंग और ‘कोर स्ट्रेंथनिंग’ के व्यायाम के प्रति समर्पित होने चाहिए। ‘फ्लेक्सिबिलिटी ट्रेनिंग’ (स्ट्रेचिंग) हर दिन की जा सकती है। इसे एक वैयक्तिक भाग के तौर पर भी किया जा सकता है। इसीलिए 5 से 6 दिनों की इस एक हफ्ते की एरोबिक्स क्लास आपकी कार्डियो-रेस्पिरेटरी, मस्क्यूलर और फ्लेक्सिबिलिटी फिटनेस की देखभाल करती है।


घर पर करें ये बेहतरीन एरोबिक एक्‍सरसाइज

1
एरोबिक एक्‍सरसाइज

एरोबिक या कार्डियो एक्‍सरसाइज दिनचर्या वजन घटाने और पेट वसा को कम करने वाली बहुत अच्‍छी एक्‍सरसाइज है। इन एरोबिक एक्‍सरसाइज को घर पर करके आप आसानी से वजन कम करने के साथ एक फ्लैट पेट पा सकते है। यहां पर सबसे अच्‍छी एरोबिक एक्‍सरसाइज की सूची दी गई हैं जिनका अभ्‍यास आप आसानी से अपने घर में कर सकते हैं। 

2
एरोबिक के लाभ

एरोबिक या कार्डियो वजन घटाने और फैट को कम करने के लिए आवश्यक होती हैं। लेकिन एरोबिक रक्त परिसंचरण में सुधार और हृदय रोगों के खतरे को कम करने में भी मदद करती है। फिटनेस के संदर्भ में, यह पेट के फैट को जलाने में मदद करता है जो हम में से ज्यादातर का उद्देश्य होता है।

3
सीढ़ी प्रशिक्षण

सीढ़ी एक्‍सरसाइज आपके हृदय सहनशक्ति बढ़ाने और निचले शरीर को टोन करने में मदद करती है। इसकी शुरुआत छोटी और थकाने वाला हो सकती है, लेकिन दृढ़ता के साथ करने पर आप नोटिस करेंगे कि आप उत्साह के साथ कई अन्य कार्य के लिए अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकते हैं। 

4
स्किप्पिंग

रस्‍सी कूदना न केवल एक तीव्र कार्डियो गतिविधि है, लेकिन यह साथ में आपके कंधों, नीचले हिस्‍सों, जांघों और पिण्डलियों को लक्षित करके, आपको टोन करने के लिए मदद करती है। यह कैलोरी को जलाने का एक शानदार तरीका है - एक 45 मिनट की कसरत में आप लगभग 450 कैलोरी को जला सकते है। उच्‍च एनर्जी पाना का राज हैं स्किप्पिंग। 

5
किकबॉक्सिंग

किकबॉक्सिंग बहुत अधिक कैलोरी को जलाने में मदद करती है। यह 1 घंटे में लगभग 863 कैलोरी तक जला देती है। चोट के भय के कारण अक्‍सर लोग किकबॉक्सिंग से दूर रहते हैं। हालांकि, इसमें शामिल जोखिम के बावजूद, किकबॉक्सिंग हमेशा  कार्डियो के अन्य रूपों की तुलना में जांघों और कमर से फैट को जलाने के लिए बहुत मददगार होती है।

6
कोर पावर योग

वजन घटाने के अलावा, कोर पावर योग पीठ और पेट को मजबूत को मजबूत बनाने में मदद करता है। यह भी मांसपेशियों को टोन करने वाले आसन शामिल है। कोर पावर योग कूल्हे और कमर को मजबूत बनाते है। इसे करने से आप ताकत, सहनशक्ति, धीरज, एकाग्रता में सुधार और तनाव को कम करने की उम्मीद कर सकते हैं।

7
स्‍क्‍वैट्स

वजन कम करने के लिए अपनी दैनिक दिनचर्या में स्‍क्‍वैट्स को करें। स्‍क्‍वैट्स एक पूरी शरीरिक एक्‍सरसाइज हैं और इसे करने के लिए अलग-अलग रूप भी हैं।

8
स्‍क्‍वैट्स जम्प्स

हार्टरेट को बढ़ाने और पेट के आसपास के फैट को कम करने के‍ लिए स्‍क्‍वैट्स जम्प्स के साथ एक्‍सरसाइज के साथ तीव्रता को जोड़ें। शुरुआत करने वालों के लिए छोटे जम्‍प के साथ आसानी से शुरुआत करें। अगर आपको दर्द का अनुभव होता हैं तो स्‍क्‍वैट्स जम्प्स से बचें।

9
हुला हूप

बचपन में खेलने वाले हुला हूप के साथ आप आसानी से पेट के आस-पास के फैट को जला सकते हैं। इसके विभिन्‍न रूपों जैसे आगे और पीछे, साइड से साइड और हिप्‍स के आस-पास घूमा कर एक्‍सरसाइज करके आप आसानी से फैट को बर्न कर सकते हैं।

10
बर्पी

बर्पी से आप पूरे शरीर की एक्‍सरसाइज कर सकते है। यह हाथों से लेकर पैरों तक शरीर में विभिन्न मांसपेशियों की एक्‍सरसाइज है। यह पेट के फैट को कम करने, बॉडी को संतुलित रखने और शक्ति प्रशिक्षण एक्‍सरसाइज के रूप में काम करती है।  आप बर्पी को घर में बिना उपकरणों के कर सकते हैं।

11
जॉगिंग

एक ही जगह पर जॉगिंग करना आपको दिल की दर को बढ़ाने, चयापचय में सुधार करने और फैट को जलाने में मदद करता है। इसे आप आसानी से घर में कर सकते हैं। इसे करने से आप जॉगिंग की तीव्रता को नियंत्रित कर सकते हैं। 

12
बॉक्सिंग

बॉक्सिंग पूरे शरीर की एक्‍सरसाइज है जो वजन घटाने के लिए एकदम सही है। बॉक्सिंग से आपके दिल की दर बढ़ जाती है और साथ ही यह कैलोरी को बर्न करने में मदद करता है। ट्रेडमिल एक्‍सरसाइज की बजाय बॉक्सिंग करने की कोशिश करें, क्‍योंकि यह पूरे शरीर के एक्‍सरसाइज है और आप एक ही समय में अपना वजन भी कम कर सकते हैं।

13
डांस

जुम्‍बा या बेली डांसिंग, किसी भी डांस को चुनकर आप पेट के फैट को आसानी से कम कर सकते हैं। बॉलीवुड और भांगड़ा की तरह कई ऐस डांस है जिन्‍हें फिटनेस में शामिल किया जा गया है। 





जिम छोड़ने पर इन परेशानियों से करना पड़ सकता है सामना



वर्कआउट बंद कर देने के शरीर पर क्या प्रभाव पड़ते हैंइन प्रभावों से उबरने में कितना समय लग सकता हैमुकाबले एक्सरसाइज न करने के दिनों में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है

एक बेहतर ट्रेनिंग प्रोग्राम अपना कर कमाल की फिटनेस पाई जा सकती है, लेकिन अचानक से वर्कआउट छोड़ देने पर इसके विपरीत परिणाम भी झेलने पड़ सकते हैं, कभी कभी तो तत्काल प्रभाव से भी। विशेषज्ञों इसे "डिट्रेनिंग" कहते हैं। 

इसके कारण आपका मोटापा काफी बढ़ सकता है। लेकिन अच्छी बात तो ये है कि दोबारा जिम जाना शुरू कर इस समस्या से निपटा जा सकता है। तो चलिये जानते हैं कि अचानक वर्कआउट बंद कर देने के शरीर पर क्या प्रभाव पड़ते हैं और इन प्रभावों से उबरने में कितना समय लग सकता है।

रक्तचाप बढ़ जाता है

एक्सरसाइज करने के दिनों के मुकाबले एक्सरसाइज न करने के दिनों में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। एक्सरसाइज छोड़ने के मात्र दो हफ्ते बाद से ही रक्त वाहिकाएं गतिहीन जीवन शैली के अनुकूल हो जाती हैं और रक्त का प्रवाह धीमा करने लगती हैं। हालांकि दोबार एक्सरसाइज शुरू करने के कुछ समय बाद से रक्त प्रवाह ठीक होने लगता है। 

ब्लड शुगर बढ़ जाता है

साधारतः ब्लड ग्लूकोज़ भोजन करने के बाद बढ़ता है, और फिर मांसपेशियों और अन्य ऊतकों के द्वारा ऊर्जा के लिए शुगर का अवशोषण किये जाने के बाद स्तर गिर जाता है। स्पोर्ट्स एंड एक्सरसाइज मेडिसिन एंड साइंस के जर्नल की एक शोध के अनुसार लेकिन एक्सरसाइज छोड़ने के 5 दिनों के बाद भोजन के बाद भी रक्त शर्करा का स्तर ऊंचा ही रहता है। हालांकि एक हफ्ते एक्सरसाइज करने के बाद इसमें सुधार आने लगता है। 

मांसपेशियों कमज़ोर होना

एक बार एक्सरसाइज बंद कर देने के बाद शक्ति सहनशक्ति कम हो जाती है। लेकिन यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप कितने आलसी बने हैं। एक्सरसाइज छोड़ने के थोड़े समय बाद से ही आपके बाइसेप्स आदि सिकुड़ने लगते हैं। 

मोटे होने लगते हैं

एक्सरसाइज छोड़ने के एक सप्ताह के भीतर ही मोटापा भी बढ़ने लगता है। आपकी मांसपेशियों की वसा जलने की क्षमता का कम होने लगती है और चयापचय धीमा भी धीमा होने लगता है। हालांकि खान-पान पर थोड़ा नियंत्रण कर व एक्सरसाइज दोबारा आरम्भ कर इस पर काबू पाया जा सकता है।  

मस्तिष्क पर प्रभाव

एक्सरसाइज छोड़ने के दो हफ्ते बाद से ही थकान आदि अधिक होते हैं और तनाव भी अधिक महसूस होता है। एक्सरासइज से दिमाग काफी हद तक स्वस्थ बना रहता है। एक्सरसाइज की मदद से डिप्रेशन से लड़ा जा सकता है।

फैट कम करने वाली 10 करामाती एक्‍सरसाइज



1
फैट कम करने वाली एक्‍सरसाइज

लोग अलग-अलग कारणों से एक्‍सरसाइज करते हैं। कुछ लोग अच्‍छी बॉडी बनाने के लिए तो दूसरे वजन को कम करने के लिए एक्‍सरसाइज करते हैं। भले ही आपका लक्ष्य कोई भी हो, लेकिन नियमित रूप से एक्‍सरसाइज करने से आपके शरीर पर चर्बी कम और वजन संतुलित रहता है। साथ ही आप कई तरह के बीमारियों से दूर रहने के साथ स्‍वस्‍थ और तंदुरुस्‍त भी रहते हैं। अगर आप फैट को कम करने की चाहत रखते हैं तो यह फैट बर्निंग एक्‍सरसाइज आपकी मांसपेशियों को टोन और वजन को कम करने में मदद कर सकती है। 

2
पुशअप

फैट को जलाने के लिए पुशअप बहुत ही अच्‍छी एक्‍सरसाइज है क्‍योंकि यह बहुत ही आसानी से आप कहीं भी कर सकते हैं। इसे करने के लिए हाथों को फर्श पर रखें और आपके दोनों हाथ कंधों के नीचे और कमर सीधी होनी चाहिए। अब अपनी कुहनियों को मोड़ें और सीने को फर्श के नजदीक लाएं। फिर वापस उसी स्थिति में लौट आएं। ऐसे 16 राउंड करें।

3
डंबल चेस्‍ट प्रेस

डंबल चेस्‍ट प्रेस के लिए दो डम्बलों की जरूरत होती है। इसे करने के लिए बैंच पर पीठ के बल फ्लैट लेट जाएं, अब अपने पैरों को जमीन पर सीधे कर दोनों हाथों में डंबल पकड़ लें। फिर इसे चेस्ट की ओर नीचे लाएं और फिर ऊपर ले जाएं। ध्‍यान रखें इसे करने के लिए डंबल का अधिक न झुकाएं।

4
ट्राइसेप्स एक्सटेंशन

इस एक्‍सरसाइज को करने के लिए हाथों का सहारा लेकर पोजिशन लेकर कुर्सी पर बैठने जैसी पॉजिशन ले लें और हिप्स को फर्श की तरफ ले जाएं। और अपने दोनों हाथों में हल्‍के डम्‍बल पकड़े लें। ऐसा करने पर आपकी कुहनियां मुड़ेंगी। अब वापस पहले वाली स्थिति में आने के लिए अपनी ट्राइसेप्स को यूज करें। इस एक्सरसाइज से ट्राईसेप्स की मसल्स मजबूत होकर सही आकार में आ जाती है।

5
काफ रेज

अधिकांश लोग अपनी पिण्डली के बारे में भूल जाते हैं लेकिन इस क्षेत्र के लिए एक्‍सरसाइज करना बहुत ही महत्‍वपूर्ण होता है। इसे करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं। ध्‍यान रहें कि आपके कंधे, कमर और सीना ऊपर की तरफ उठे होने चाहिए। अब पैर के पंजों के बल आ जाएं और एडि़यों को जितना ऊपर हो सकें उठा लें। इसके बाद वापस पुरानी स्थिति में लौट आएं। इस एक्सरसाइज को 16 बार करें।

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स्क्वाट

स्क्वाट हिप्‍स से अवांछित फैट को कम करने का शानदार तरीका है। यह व्यायाम काफी सरल है। आप अपने शरीर को कम करने के लिए एक सरल स्थिति से इसे शुरू करें। इसको करने के लिए अपने हाथों में डबल्‍स ले लें और हाथों को सीधा रखें। फिर अपने घुटने मोड़ें और फिर वापस उसी स्थिति में आए। यह एक्‍सरसाइज न केवल आपके हिप्‍स के फैट का कम करने में मदद करती है बल्कि पैर की मांसपेशियों को भी टोन करती है।

7
डंबल किक बैक

इसे एक्‍सरसाइज को करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं और बाएं पैर को बाहर रखकर थोड़ा मोड़ लें। दाएं पैरे को थोड़ा पीछे ले जाएं। अब बाएं हाथ से बाईं जांघ पर रखें, शरीर को आगे करें और भार बाईं ओर रखें। दाएं हाथ में डंबल लें और उसे ऊपर ऐसे उठाएं की कोहनी से 90 डिग्री का कोण बनाएं और कुछ क्षण रोक कर रखें, फिर हाथों को नीचे लाएं। इस प्रक्रिया को दोनों बाजुओं से दोहराएं।

8
शोल्डर प्रेस

यह चेस्‍ट प्रेस की तरह ही काम करती है। लेकिन यह सीने के साथ बाजुओं के लिए भी अच्‍छी होती है। इसे करने के लिए दोनों हाथों में डंबल लेकर कुर्सी पर बैठें और दोनों पैरों को फैलाकर मजबूती से जमीन पर रखें। अब डंबल को उठाकर अपने काम के समानांतर लाने का प्रयास करें। सिर सीधा रखें और धीरे-धीरे डंबल को नीचे ले जाएं।

9
रिवर्स कर्ल

रिवर्स कर्ल को करने के लिए पीठ के बल लेट जाये। फिर घुटनों को मोडकर उठाएं और 90 डिग्री का कोण बनाएं। अब अपने हिप्स व घुटनों को अपनी छाती की आगे लगाएं। धीरे-धीरे पूर्व स्थिति में आ जाये।

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पाइक जैक एक्‍सरसाइज

इस एक्‍सरसाइज को करने के लिए माथे को जमीन से छूते हुए पेट के बल लेट जाएं और एड़ियों को स्लाइडिंग डिस्क पर रखें। अब शरीर के ऊपरी हिस्से को कोहनी पर डालते हुए कोहनी को जमीन से और पैरों को पंजों पर टिका दें। इसके बाद पेट व जांघों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाने की कोशिश करें। 20 से 30 सेकंड तक इसी स्थिति में रहें। इसके बाद वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं। इसके लगभग 10 राउंड तक करें।

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पावर लंजेज

इस एक्‍सरसाइज को करने के लिए दोनों हाथों में वेट ले लें और घुटनों के बल आ जाएं। पैरों के बीच कंधों की चौड़ाई के बराबर फासला होना चाहिए। फिर दोनों घुटने इस तरह मोड़ें कि 90 डिग्री का एंगल बनाएं। इसके बाद वापस पहले वाली स्थिति में आ जाएं। यहीं विधि दूसरे पैर के साथ भी दोहराएं। इस एक्सरसाइज को 16 बार कर करें। शरीर की चर्बी कम होने लगेगी।

महिलाओं के लिए बहुत फायदेमंद है पिलाटे एक्सरसाइज



हर महिला की ख्वाहिश होती है कि वह एक आकर्षक और सुडौल शरीर पाए।मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए पिलेट एक्सरसाइज बहुत अच्छी मानी जाती है। पाइलेटस एक्‍सरसाइज शरीर को अन्‍य व्‍यायाम की तुलना में ज्‍यादा मजबूत बनाती हैं। 

हर महिला की ख्वाहिश होती है कि वह एक आकर्षक और सुडौल शरीर पाए। इससे आपके व्‍यक्तित्‍व में निखार तो आता ही है साथ ही यह आपके कांफीडेंस को भी बढ़ाता है। पेट को आकर्षक बनाने के लिए इसकी मांसपेशियां मजबूत होनी भी जरूरी है। मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए पिलेट एक्सरसाइज बहुत अच्छी मानी जाती है। पिलेट्स एक बॉडी बिल्डिंग विधि है जो पेट की मांसपेशियों और सांस लेने की प्रक्रिया को स्‍ट्रांग बनाती है। आज हम आपको इसके फायदे के बारे में बताने जा रहे हैं। 

कैसे करते हैं इसे

अपनी लेफ्ट तरफ बॉल रखकर बैठें और अपने लेफ्ट पैर को अपने सामने मोड़ें। आपका राइट पैर आपके पीछे की तरफ रहेगा। अपना लेफ्ट हाथ बॉल पर रखें, कोहनियों को थोड़ा सा मोड़ें। अपने कंधे की ऊंचाई तक अपने राइट हाथ को फैलाएं। बॉल को लेफ्ट से राइट की तरफ हाथ के पास ले जाएं। दो तीन सैकेंड के लिए रूकें और फिर वापस उसी स्थिति में आ जाएं। अब एक मैट पर पीठ के बल लेट जाएं। हाथ साइड में रखें और हथेलियां जमीन की तरफ। पैर सीधे। अब धीरे धीरे पैर को उठाने की कोशिश करें, तब तक जब तक आपके पैर के पंजे सिर के ऊपर जमीन की तरफ न पहुंच दाएं। अपने कंधों को रिलेक्स रखें और पैरों को सीधा। धीरे धीरे पुरानी अवस्था में लौट आएं।

क्या हैं इसके फायदे

आपके कूल्‍हों का आकार कैसा है, यह भी आपकी सुन्‍दरता पर असर डालता है। पाइलेटस एक्सरसाइज की मदद से अविकसित कूल्‍हों के आकार में बदलाव किया जा सकता है। नियमित तौर पर पाइलेटस एक्सरसाइज करने से आप कुछ ही हफ्तों में अपने नितंबों के आकार में परिवर्तन महसूस करेंगे।यदि आप भी अपनी मांसपेशियों को आकर्षक और मजबूत बनाना चाहते हैं तो इसके लिए पाइलेटस एक्सरसाइज अच्‍छा विकल्‍प है। पाइलेटस एक्सरसाइज करने से आपकी मसल्‍स पतली बनी रहती हैं, सा‍थ ही आप लंबे और आकर्षक लगते हैं।तोंद यानी मोटा पेट सुन्‍दरता के साथ ही आपकी पर भी असर डालता है। कई बार कुछ लोगों के पेट का आकार शरीर के अन्‍य अंगों की तुलना में ज्‍यादा मोटा होता है। जिससे शरीर बेडौल लगने लगता है। यदि आप भी तोंद को कम करना चाहते हैं तो पाइलेटस एक्‍सरसाइज बेहतर रहेगी। प्रतिदिन की जिंदगी में आसान उपाय आजमाने से आपकी तोंद कम हो जाएगी और आप पहले से ज्‍यादा सुंदर लगने लगेंगे।

वैसे तो हर प्रकार का व्‍यायाम ही शरीर को मजबूत बनाता है, लेकिन पाइलेटस एक्‍सरसाइज आपके शरीर को अन्‍य व्‍यायाम की तुलना में ज्‍यादा मजबूत बनाती हैं। इसे आप व्‍यायाम करने के साथ दिन ब दिन महसूस भी कर सकते हैं और आपकी प्रतिदिन की जिंदगी में सुधार आता है।

12 एक्‍सरसाइज का सेट और 7 मिनट में पाइए फिट बॉडी



1,

यह नया और जादुई दौर है. भागदौड़ भरी जिंदगी में हर किसी के पास समय की कमी है. ऐसे में फिट रहने के लिए घंटों जिम में या मैदान में पसीना बहाना सभी के लिए संभव नहीं है. लेकिन फिट रहना भी जरूरी है इसलिए फिटनेस रिसर्चर चाहते हैं कि आप कम समय में बेहतरीन फिटनेस पाएं. अमेरिकन कॉलेज ऑफ स्‍पोर्ट्स मेडिसिन ने ऐसे तेज और बेहतरीन एक्‍सरसाइज का नया सेट पेश किया है. इस फिटनेस सेट का कम से कम 7 मिनट तक रेगुलर एक्‍सरसाइज कर आप अपने शरीर और दिमाग को चुस्‍त व फुर्तिला बना सकते हैं. सेट की शुरुआत जंपिंग जैक से की जा सकती है.

2,

वॉल सिट्स के जरिए जांघ और टांगों को फायदा पहुंचा सकते हैं. इसके साथ ही इससे शरीर का संतुलन बनाने में मदद मिलती है. खासी मेहनत वाले ये एक्‍सरसाइज आप अपनी क्षमता के अनुसार कर सकते हैं. यानी इसे एक निश्चित गैप के साथ दोहराया भी जा सकता है.

3,

एक्‍सरसाइज करने वालों में सबसे मशहूर पुश अप को भी इस सेट का हिस्‍सा बनाया गया है. इन एक्‍सरसाइज को तेजी से करने की सलाह दी गई है.

4,

एबडॉमिनल क्रंचेज के जरिए एब्‍स को शेप में लाया जा सकता है. रिसर्चर्स के मुताबिक, इस सेट को करने से मांसपेशियों में मॉलिक्‍यूलर बदलाव आते हैं जो घंटों तक दौड़ लगाने या साइकिल चलाने के समान हैं.

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चेयर स्‍टेप्‍स करने के दौरान इस बात का ध्‍यान रखना जरूरी है कि शरीर सीधा हो. इसके लिए ऐसी कुर्सी का चयन किया जाए जिसका संतुलन सही हो.

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स्‍क्‍वैट्स भी शरीर को संतुलित करने में मददगार है. इस सेट में कुल 12 एक्‍सरसाइज हैं. बताया जाता है कि सभी एक्‍सरसाइज को कम से कम 30 सेकेंड देना जरूरी है और हर दो एक्‍सरसाइज के बीच में 10 सेकेंड का अंतराल रखना चाहिए.

7,

चेयर पर ट्राइसेप्‍स डिप्‍स के जरिए आप अपनी बांहों के मसल्‍स को टोन कर सकते हैं. इस पूरे सेट के जरिए शरीर के निचले हिस्‍से की जगह ऊपरी हिस्‍से में बड़ी मांसपेशियां विकसित होती हैं.

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इस पूरे सेट में जितने भी व्‍यायाम हैं, उन्‍हें सही क्रम में करने की सलाह दी गई है. हर दिन बस सात मिनट तक ऐसे व्‍यायाम करने से स्लिम और फिट रह सकते हैं.

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अक्‍सर आपने एथलिट्स को हाई नीज या एक जगह दौड़ते देखा होगा. वार्म अप के साथ ही ब्रेथ बनाने के लिए इसे बेस्‍ट माना जाता है.

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हाई नीज के ठीक बाद लंजेज करने से शरीर को रिलेक्‍स करने में मदद मिलती है.

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इससे अलग जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कॉर्डियोलॉजी ने एक सीधा-सादा, नया दिशा-निर्देश निकाला है. इसके मुताबिक हर दिन सिर्फ सात मिनट तक धीमी दौड़ लगाने से सेहत पर जोखिम कम होता है. 

12,

सेट के आखिर में साइड प्‍लैंक्‍स को जगह दी गई है. तो अगर आप भी कम समय में फिट बॉडी चाहते हैं तो इन 12 एक्‍सरसाइज के सेट को आजमा सकते हैं.

बॉडी बनाने की शुरूआत करने वालों के लिए टिप्‍स


   
क्‍या आप बॉडी बनाना चाहते है, ठीक वैसी ही जैसे फिल्‍मों में एक्‍टर्स की होती है, बिल्‍कुल बिंदास सिक्‍स पैक। एक अच्‍छी बॉडी बनाने के लिए उस पर किया जाने वाला वर्कआउट सबसे ज्‍यादा काम आता है और उससे ज्‍यादा जरूरी होता है, सही टेक्‍नीक। आप जब भी बॉडी बनाएं तो रातों - रात होने वाले चमत्‍कार के बारे में न सोचें। इसमें टाइम लगता है, इसके लिए आपको लगातार प्रयास करना होता है और फोकस करना होता है। इसके लिए आपको 6 - 12 तक काफी मेहनत करनी पड़ेगी और उसके बाद ही कोई फर्क नजर आएगा। इस बॉडी को पाने के लिये शाहिद ने 15 दिनों तक छोड़ा था नमक और शक्‍कर का सेवन

हालांकि, बॉडी बनाने के लिए सबसे ज्‍यादा जरूरी होता है उसके बारे में सही जानकारी रखना और सुरक्षा नियमों को जानना, खासकर उस समय जब आपकी बॉडी में फैट हो और उसे कम करके आपको बॉडी को बनाना हो। यहां आपको बॉडी बनाने के कुछ स्‍टेप बताएं जा रहे है जो आपको हेल्‍प करेंगे।

डॉक्‍टरी परीक्षण करवाएं :

सबसे पहले डॉक्‍टर से मिलें। अपनी बॉडी की जांच करवाएं। बॉडी की जरूरत समझें और उसकी मेडीकल कंडीशन को जानें। किसी भी एक्‍सरसाइज को करने से पहले डॉक्‍टर से सलाह लें।

अच्‍छे जिम को सेलेक्‍ट करें :

अपनी बॉडी को बनाने की लिए एक अच्‍छे जिम को सेलेक्‍ट करें, जहां आप ट्रेनर के अंडर में एक्‍सरसाइज कर सकते है। जिम का माहौल, वातावरण और लोकेशन अच्‍छी होनी चाहिए।

अपनी मांसपेशियों को मजबूत बनाएं :

भारी वजन को उठाने से पहले अपनी मांसपेशियों को मजबूत बनाएं। अपनी मांसपेशियों को चोट लगने से बचाएं। एक बार मांसपेशियां स्‍ट्रांग हो जाती है तो उसके बाद दर्द नहीं होता है और आप आराम से एक्‍सरसाइज कर सकते है।

ट्रेनिंग पार्टनर बनाएं, इससे बेहतर रिजल्‍ट मिलेगा :

हां, दोस्‍तों, यह वाकई में सच बात है कि अगर आप जिम में कोई ट्रेनिंग पार्टनर बनाते है तो आपको अपनी बॉडी को बनाने में आराम मिलती है। आप उसके साथ खुद को कम्‍पेयर कर सकते है।

अपनी बॉडी के चेंजेस को जानें :

अगर आप बॉडी बनाने की शुरूआत कर रहे है तो अपनी बॉडी में होने वाले छोटे से छोटे परिवर्तन को ध्‍यान में रखें। इससे आपको उसे आगे इम्‍प्रुव करने में आराम मिलेगा। अगर लगता है कि आपके शरीर को आराम चाहिए तो एक दिन रेस्‍ट लें लेकिन इसे रोज आराम न करने दें, वर्कआउट करना बहुत जरूरी है।

स्‍ट्रेचिंग जरूरी होती है :

वर्कआउट सेशन में स्‍ट्रेचिंग जरूर करें। इससे मांसपेशियां मजबूत होती है और उनमें सूजन भी नहीं आती है। इसके अलावा, इससे बॉडी में लचीलापन भी आता है।

अच्‍छे से सांस लें :

एक्‍सरसाइज के दौरान सही समय पर सांस लेना सबसे महत्‍वपूर्ण होता है। सांस को सही तरीके से लेने पर एक्‍सरसाइज में काफी लाभ मिलता है।

अच्‍छी नींद लें :

एक्‍सरसाइज के साथ - साथ यह भी बेहद जरूरी होता है कि अच्‍छी और भरपूर नींद लें। सात से आठ घंटे सोना बहुत जरूरी होता है।

संतुलित भोजन खाएं :

एक्‍सरसाइज करने के बाद संतुलित भोजन अवश्‍य खाएं। इससे बॉडी में पोषक तत्‍व पूरी तरह से मिलेगे। शरीर में प्रोटीन की मात्रा काफी अच्‍छी होगी

हमेशा वार्मअप करें :

किसी भी लिफ्ट करे करने से पहले बॉडी को वार्मअप कर लें। इससे बॉडी पर अचानक से ज्‍यादा प्रेशर नहीं आएगा। वॉर्मअप करने से बॉडी में लचीलापन आता है।

सही लक्ष्‍य बनाएं :

बॉडी बनाने के लिए ऐसे लक्ष्‍य बनाएं जो वाकई में पॉसीबल हों और उन्‍हे सही में करके दिखाया जा सकता है। यह कोई एक दिन या सप्‍ताह भर की बात नहीं है, सालों में आपकी बॉडी एक सही शेप में आ पाती है और उसे हमेशा मेंटेन भी करना होता है।

हर दिन अलग - अलग एक्‍सरसाइज करने के बारे में सोंचे :

हर दिन एक ही तरीके की एक्‍सरसाइज न करें। हर दिन कुछ नया ट्राई करें। इससे आपको अपनी बॉडी को हर तरीके से मजबूत बनाने में आसानी होगी।

बॉडी बनाने के लिए टाइम बनाएं :

प्‍लान कर लें कि आपको इतने से इतने टाइम में अपनी बॉडी को ऐसा बनाना है, इससे आप अपने लक्ष्‍य को पाने के लिए हर दिन मेहनत करेंगे।


फ्रीवेट का यूज करें :

जब भी लिफ्ट करें या डम्‍बल पर हों, तो फ्री वेट का यूज करें। इससे आपकी बॉडी में और ज्‍यादा मजबूती आएगी।

यौगिक अथ्‍यास का प्रयास करें :

कुछ यौगिक अभ्‍यास जैसे - स्‍कवैटस, डेड लिफ्ट, बेंच प्रेस, मिलिट्री प्रेस और डम्‍बल रो आदि को करें। इससे मांसपेशियों के फाइबर मजबूत होते है।

कई वजन उठाएं और कई बार उठाएं :

हर दिन वजन थोड़ा - थोड़ा बढाएं और बॉडी को इसकी आदत होने दें।

अपने पॉश्‍चर पर ध्‍यान दें :

जिम के साथ - साथ अपनी बॉडी के पॉश्‍चर पर भी ध्‍यान दें। जानें कि एक्‍सरसाइज करने के बाद से बॉडी में कितना फर्क आ गया है।

भरपूर पानी पिएं :

वर्कआउट सेशन में भरपूर पानी पिएं। इससे आपकी बॉडी हाइड्रेट नहीं होगी और थकान भी दूर भागेगी।

अपनी चोटों का ध्‍यान रखें :

अगर आपको कहीं चोट लगी है तो उसे इग्‍नोर न करें। उस पर ध्‍यान दें, दवा लगाएं और खाएं। और अगर आराम की जरूरत है तो आराम करें।

किसी बॉडी वाले के जैसे बनना चाहें

अपनी बॉडी बनाने से पहले किसी बॉडी वाले को पसंद करें, उसे बेंचमार्क बनाएं कि उसके जैसा आप बनना चाहेंगे। इससे आपको एक स्‍टैंडर्ड समझ में आएगा कि अपनी बॉडी को कैसा बनाना है।

छोटे कद से परेशान हैं? ये एक्सरसाइज एक माह में बढा देंगी लंबाई



अपने छोटे कद से कई लोग परेशान रहते हैं। कद को लंबा बनाने के लिए न जाने क्या-क्या उपाय करते रहते हैं। पर क्या आपको पता है कि आप अपने छोटे कद को इन आसान एक्सरसाइज की मदद से एक महीने में लंबा बना सकते हैं। आइए आपको बताते हैं कौन सी हैं वो आसान एक्सरसाइजेज।

स्वीमिंग

जब आप बच्चे से युवास्था में आने लगते हैं तो उस उम्र में कई तरह के एक्सरसाइज करना बहुत जरबरी होता है क्योंकि ये आपके शरीर को बढ़ने में मदद करते हैं। इस उम्र में स्वीमिंग करना बहुत जरूरी है। स्वीमिंग आपकी मांसपेशियों को बढ़ने और सही आकार देने मं मदद करती है। इससे आपका कद भी लंबा होता है।

लोहे के बार से लटकना

अगर आपको अपना कद बढ़ाना है तो हर रोज किसी बार से लटकें। बार की मदद से अपने शरीर को ऊपर उठाएं और फिर नीचे छोड़ दें। दिन में कम से कम 20 से 30 सेकेंड तक एक बार बार पर जरूर लटकें।



पेल्विक एक्सरसाइज

इस एक्सरसाइज को करने से आपके कमर और पेल्विक बोन पर प्रेशर पड़ता जो हड्डियों के बढ़ने और उन्हें मजबूत बनाने में मदद करती है। इससे आपके कद पर असर पड़ता है। इस एक्सरसाइज में जमीन पर बैठकर पैरों को सामने की तरफ फैलाकर दोनों हाथों से पैरों की उंगलियों को छूना पड़ता है। कम से कम 30 सेकेंड तक इस पॉजिशन में रहना जरूरी है।

स्ट्रेच एक्सरसाइज

इस एक्सरसाइज की मदद से आप अपने छोटे कद को लंबा बना सकते हैं। इस एक्सरसाइज में उल्टा होकर लेटकर दोनों हाथों को जमीन पर लगाकर उसके सहारे अपने शरीर को पीछे की तरफ मोड़ें। ऐसा करने से बॉडी में स्ट्रेच होता है। मांसपेशियां फैलती हैं और कद लंबा होने लगता है। 

हेल्दी खाना

कद को लंबा बनाने के लिए एक्सरसाइजेज के साथ हेल्दी खाना भी जरूरी है। हेल्दी फूड आपकी मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। 

पहली बात आप की hight जितनी बी बहोत अछि है ।

ओर आप अगर hight बढ़ाना कहते है तो नैचरल ही बढ़ाए ओर दवाई का सेवन न करे।



स्ट्रेचिंग करने में मददगार एक्सरसाइज

स्ट्रेचिंग का मतलब होता है मांसपेशियों को खींचना। स्ट्रेचिंग करने से मांसपेशियों का अकड़न दूर होती है, साथ ही इसे नियमित करने पर जोड़ों व मांसपेशियों की सक्रियता और गतिशीलता बनी रहती है। स्ट्रेचिंग एक्सरासाइज का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। सामान्य वार्मअप और एक्सरसाइज के बाद स्ट्रेचिंग जरूर करनी चाहिए। इसे सही प्रकार से करने पर मांसपेशियों को आराम मिलता है और उनका तनाव दूर होता है। तो चलिये जानें स्ट्रेचिंग का क्या महत्व है और स्ट्रेचिंग करने में मददगार एक्सरसाइज कौन-कौन से हैं।

फिटनेस बढ़ाए स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज

इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी दौर में उम्र बढ़ने व काम के दबाव के चलते स्वास्थ्य जल्द बिगड़ने लगता है। ऐसे में शरीर को फिट रखने के लिए एक्सरसाइज करना समय की कमी के कारण और भी मुश्किल हो जाता है। लेकिन यदि आप थोड़ा सा समय स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज के लिए निकालें तो शरीर की जकड़न से राहत पाई जा सकती है। स्ट्रेचिंग करने से सर्वाइकल, कमर दर्द, घुटनों में दर्द और जोड़ों में दर्द आदि समस्याओं से काफी हद तक राहत मिलती है। स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज और कम से कम 20 मिनट की ब्रिस्ट वॉक करने से आप शरीर को हल्का और दिमाग को तनाव मुक्त कर सकते हैं। स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज सुबह घर, पार्क या जिम में भी की जा सकती है।

सही प्रकार से करें स्ट्रेचिंग

सही स्ट्रेचिंग जहां शरीर को पूरा लाभ देती है, वहीं एक भी गलत मूव आपकी मांसपेशियों को हर्ट कर सकती है। स्ट्रेचिंग प्रारंभ करने से पूर्व वार्म अप करना न भूलें। विशेषज्ञों के अनुसार अगर आप सही स्ट्रेचिंग कर रहे हैं तो इससे आपके पोस्चर और शरीर को पूरे लचीलेपन का लाभ मिलता है। ध्यान रखें कि स्ट्रेचिंग करते समय आपके शरीर को कोई नुकसान न हो। अगर स्ट्रेचिंग करने से पूर्व वार्म अप करते हैं 

तो आपकी मांसपेशियां चुस्त हो जाती हैं, खून का दौरा कुछ बढ़ जाता है और स्ट्रेचिंग आप तेज गति से कर सकते हैं। 7 से 10 मिनट तक वार्म अप एक्सरसाइज करें। कभी भी सीधे स्ट्रेचिंग करना प्रारंभ न करें। कोई भी स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करते हुए पूर्ण अवस्था में 15 से 20 सेकेंड तक रुके, फिर धीरे-धीरे वापस नार्मल अवस्था में आकर आधा मिनट विश्राम कर 5 बार इस क्रिया को दोहराएं। कभी भी शरीर को जबर्दस्ती स्ट्रेच न करें।

जॉइंट्स के लिए स्ट्रेचिंग

इसमें जॉइंट्स को क्रमशः तीन डायरेक्शंस में घुमाया जाना होता है, क्लॉकवाइज/एंटीक्लॉकवाइज, अपवर्ड/डाउनवर्ड और साइड में। स्ट्रेचिंग करने में गर्दन से शुरुआत करते हुए कंधों, कलाई, छाती, कमर और फिर घुटनों व टखनों तक जाना होता है। यदि आपको किसी प्रकार की बैक प्रॉब्लम है, तो आगे की ओर ज्यादा नहीं झुकना चाहिए और न ही कमर पर बहुत ज्यादा जोर डालने वाली एक्सरसाइज करनी चाहिए। 

गर्दन के लिए स्ट्रेच एक्सरसाइज  

यह स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज अकड़ी हुई और मोच वाली गर्दन के लिए बहुत लाभदायक होती है। इससे गर्दन का तनाव कम होता है और हाथ और गर्दन को लचीलापन मिलता है। इसे करने के लिए बिल्कुल सीधे खड़े हों जाएं, फिर सांस खीचें, और छोड़े और छोड़ने पर सीधे कान को सीधे कंधे पर झुकाएं लेकिन कंधे को नही उठाएं। अब 4 से 5 बार सांस को खीचें और छोड़ें, इसके बाद उलटे गाल में पड़ने वाले स्ट्रेच को महसूस करें। अब अपनी गर्दन और रीढ़ को हल्के से खींचें और फिर धीरे से सिर को सही दिशा में लाएं और दूसरी ओर से भी इसे करें। आप कंधे और चेस्ट के लिए भी स्ट्रेच करें।


परफेक्ट बॉडी शेप चाहने वाली महिलाओं के लिए बेस्ट हैं ये एक्सरसाइज



फिट बॉडी हर किसी की इच्छा होती है। महिलाओं में अपनी सुंदरता और फिटनेस को लेकर कुछ ज्यादा ही उत्साह होता है। इसके लिए वह तमाम तरह के उपया आजमाती रहती हैं। डाइटिंग, जिम, एक्सरसाइज आदि, जिस भी तरीके से उनकी बॉडी परफेक्ट शेप में आ सके इसके लिए वह हर उपाय करने को तैयार रहती हैं। ऐसे में कुछ ऐसे उपाय हैं जो इस काम में उनकी आसानी से मदद कर सकते हैं। कुछ आसान से एक्सरसाइज का नियमित अभ्यास कर महिलाएं अपनी बॉडी को परफेक्ट शेप में ला सकती हैं। तो चलिए जानते हैं वे कौन से एक्सरसाइज हैं –

पुश-अप्स – रोजाना पुश-अप्स करने से महिलाओं की पूरी बॉडी को शेप मिलता है। इसके अलावा उनके कंधों और सीने को भी मजबूती मिलती है। नियमित पुश-अप्स करने से महिलाओं के स्तन भी आकार में आते हैं।

नौकासन – नौकासन करने के लिए पीठ के बल लेटकर अपने सिर, पैर और पूरे शरीर को 30 डिग्री पर उठाएं। ऐसे में आपके हाथ आपके जांघ के ऊपर हों। धीरे-धीरे सांस लें और छोड़ें। फिर गहरी सांस छोड़ते हुए शरीर को नीचे लाएं। इस आसन को करने से पेट, जांघ और नितंबों के फैट को कम किया जा सकता है।

साइड प्लैंक – साइड प्लैंक में सबसे पहले आपको अपने शरीर का समस्त भाग अपने दाहिने हाथ और पैरों पर टिकाना होता है। फिर यही क्रिया दूसरे हाथ और पैर के साथ भी करनी होती है। इसे करने से आपके शरीर के अलग-अलग अंगों पर प्रभाव पड़ता है और तेजी से पैट बर्न होता है। इससे कंधे, सीने और पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। अच्छे फिगर के लिए यह बेस्ट एक्सरसाइज है।

स्विमिंग – तैराकी बेहतर फिटनेस के लिए एक बेहतरीन व्यायाम है। इससे पूरे शरीर का व्यायाम होता है। तैराकी करने से हड्डियां मजबूत होती हैं और तनाव दूर होता है।

भुजंगासन – भुजंगासन करने से पेट की चर्बी कम होती है और कमर पतली होती है। कंधे चौड़े होते हैं और शरीर लचीला बनता है। इसे करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाएं और फिर अपने हाथों को माथे के नीचे रखें। अब धीरे-धीरे माथे को ऊपर उठाएं। हाथों को कंधों के समानांतर रखते हुए शरीर के अगले हिस्से को ऊपर उठाएं।

अब बिना GYM जाए घर पर ऐसे बनाएं बॉडी

इस बिज़ी लाइफस्टाइल में हर कोई जिम के लिए वक्त नहीं निकाल पाता. लेकिन व्यायाम की जरुरत हर किसी को है. जिम ना सही रोज़ाना कुछ मिनटों का समय एक्सरसाइज़ के लिए निकालना चाहिए और ये एक्सरसाइज़ आप अपने घर पर ही कर सकते हैं. स्कल्पटासी की संस्थापक व फिटनेस विशेषज्ञ शिवानी पटेल का कहना है कि आपको कसरत करने के लिए उपकरणों की आवश्यकता नहीं है और यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं, जो आपके घर पर आराम से व्यायाम करने में आपकी मदद करेंगे. 

1. पहले वार्मअप करें

व्यायाम से पहले मांसपेशियों में गर्माहट लाना महत्वपूर्ण है, ऐसा ना करने से आपकी मांसपेशियों में चोट आ सकती है. आप इसे अपने घर के काम करके वार्मअप कर सकते हैं.
  
2. पानी की बाल्टी 

यह आपकी भुजाओं की कसरत के लिए सही है. एक बाल्टी को दो से तीन-बार उठाने पर यह आपके बाइसेप बनाने में मदद करेगा.

3. सीढ़िया

सीढ़ियों पर ऊपर-नीचे चलना काफी बेहतर व्यायाम है.

4. सिर्फ 15 मिनट के व्यायाम के बारे में नहीं सोचें

क्योंकि पहले के 15 मिनट खुद को तैयार करें. इसके बाद व्यायाम करें. आपके शरीर में व्यायाम के बाद खुद ही डोपामाइन व एंडोफ्रिन रिलीज होंगे.

5. ब्रेक लें

कसरत करने के दौरान आप अपने व्यायाम में थोड़ा अवकाश भी दें.

6. शुरू करें व्यायाम

कसरत करने के लिए प्रेरित होने की जरूरत नहीं है, आप इसे शुरू करें यह नहीं सोचें कि सोमवार से करेंगे या अगले सप्ताह से करेंगे, जाएं और पसीना बहाएं.

एक्सरसाइज से पहले भूलकर भी न करें ये काम



आप चाहें जिम जाएं या योग करें, वर्कआउट के दौरान आपकी परफॉर्मेंस तभी बढ़िया होगी जब आप इन 7 चीज़ों से परहेज रखेंगे.


1.चाय/कॉफी पीना

विशेषज्ञों के अनुसार कैफीन शरीर का फोकस और ऊर्जा बढ़ाने में मददगार होता है. लेकिन अगर इसे जरूरत से ज्यादा मात्रा में लिया जाए, वो भी वर्कआउट से पहले, तो डीहाइड्रेशन की शिकायत हो सकती है.कई अध्ययनों में भी साबित हुआ है कि चाय, कॉफी ज्यादा पीने से शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ती है जिससे जलन की शिकायत होती है और आपका अच्छा महसूस नहीं करेंगे.

टिप:  वर्कआउट से पहले एक कप से ज्यादा चाय या कॉफी न पीएं. अगर इससे परहेज कर सकें तो और भी बढ़िया.



2. आठ घंटे से कम या ज्यादा सोना

अगर वर्जिश से पहले आपने अपनी नींद पूरी नहीं ली या ज्यादा देर तक सोते रहे, तो आप सुस्त महसूस करेंगे, शरीर में ऊर्जा का संचार सामान्य नहीं होगा.



टिप: 7-8 घंटे की पूरी नींद लें. कसरत शुरू करने और बेड छोड़ने के बीच कम से कम एक घंटे का गैप रखें.


3.कसरत से पहले भरपेट खाना, 'गलत' मील लेना

खाना खाने के फौरन बाद कसरत करने से पेट दर्द, उबकाई और शरीर में अकड़न की शिकायत हो सकती है. इसलिए खाना खाने के कम से कम 2 घंटे बाद एक्सरसाइज करें.



वर्कआउट से पहले ये खाएं: स्किम्ड मिल्क के साथ सीरीअल,केला, ओट्स, अंडा, दही, ड्राई फ्रूट्स खाएं.

वर्कआउट से पहले ये न खाएं: चावल, मीट, दाल, तला खाना. इन्हें पचने में ज्यादा वक्त लगता है जिससे कसरत करने के दौरान भारीपन महसूस करेंगे.

4.स्ट्रेचिंग

वर्कआउट से पहले वॉर्म करें, न कि स्ट्रेचिंग वर्ना अचानक से शरीर को स्ट्रेच करेंगे तो मांसपेशियों में इंजरी हो सकती है. लेकिन कसरत पूरी होने के बाद स्ट्रेच करना न भूलें.



5.खाली पेट कसरत करना

वर्जिश करने के लिए ऊर्जा की जरूरत होती है. इसलिए अगर खाली पेट कसरत किया जाए तो शरीर सुस्त हो सकता है. इसलिए टहलने या कसरत शुरू करने से कम से कम आधे घंटे पहले फल या ड्राई फ्रूट्स जरूर खाएं.



6.पेनकिलर्स

पेनकिलर्स लेने से मांस पेशियों को आराम मिलता है. इसलिए अगर पेनकिलर लेने के बाद कसरत करेंगे तो इसका विपरीत असर होगा.

टिप: कसरत शुरू करने से पहले पेनकिलर न लें. हो सके तो जितने दिन आप पेनकिलर लें रहें हैं, तब तक भारी कसरत न कर केवल कार्डियो करें या वॉक पर जाएं.



7.ज्यादा पानी पीना

कसरत शुरू करने से पहले ज्यादा पानी पीने से खून में सोडियम की मत्रा कम हो जाती है (हाईपोनैट्रेमिया )जिससे सिरदर्द, उबकाई या कमजोरी होने लगती है.
कसरत शुरू करने के 2-3 घंटे पहले करीब एक मीडियम साइज बॉटलभर पानी पीएं,

वॉर्म अप के आधे घंटे पहले आधा बॉटल पानी पीएं,

कसरत के दौरान हर 15 मिनट पर 3-4 घूंट पानी पीएं,

कसरत के आंधे घंटे बाद तक केवल एक कप पानी पीएं.


जानें बाइसेप्‍स बनाने के लिये कौन सी कसरत है जरुरी



लड़कों के बीच में बाइसेप्‍स बनाने का जुनून काफी तेजी के साथ चढ़ रहा है। जिम में जहां भी नज़र डालो वहीं पर ढेर सारे लड़के बारबेल लिये वेटलिफ्टिंग करते नज़र आ जाते हैं। मगर बाइसेप्‍स बनाना उतना आसान नहीं है जितना की आपको लगता है।

अगर आपको बाइसेप्‍स या बॉडी बनानी है तो सबसे पहले अपने शरीर के हिस्‍सों के बारे में जानना पडे़गा, जिससे आप ठीक से वर्कआउट कर सकें। बाजु बनाने हैं तो पहले जान लें कि बाइसेप्‍स और ट्राइसेप्‍स होते क्‍या हैं। हमारे बाजु दो हिस्‍से में बंटी हैं, ऊपर की बाइसेप्‍स और नीचे की ट्राइसेप्‍स होती हैं। अगर आप दोनों की मासपेशियों को और तोड़ेंगे तो इनके भी कुल पांच हिस्‍से हो जाएंगे, जिनकी एक्‍सरसाइज अलग-अलग है।

अधिकतर लड़के जिम में गलत एक्‍सरसाइज़ करते हैं और 100 प्रतिशत रिजल्‍ट की कामना करते हैं। अगर आप बाइसेप्‍स बना रहे हैं तो इसे धीरे-धीरे, सही ढंग और सीलेके से करें ना कि तेजी-तेजी या फिर गलत तरीके से। अगर आप अपनी बाइसेप्‍स बनाने के लिये जिम ज्‍वाइन करने वाले हैं तो अपने ट्रेनर से अपना शेड्यूल जरुर बनवा लें, जिससे उसे सही से फॉलो कर के आप अपने लक्षय तक पहुंच सकें।

अगर आप एक महीने तक खून-पसीना बहा कर जिम में बाइसेप्स बारबेल कर्ल करेंगे तो हम गारंटी के साथ बोलते हैं कि आप 1 इंच तक अपने बाजू बढ़ा सकते हैं। आइये जानते हैं कुछ ऐसी कसरतें जो आप जिम में अपनी बाइसेप्‍स बनाने के लिये कर सकते हैं।

1.बारबेल कर्ल

ऐसे करें ई जेड बार में वाजिब वेट लगा कर खड़ें हो जाएं। वेट को अपने बाजुओं के दम पर ऊपर उठाते हुए अपने सीने से सटाएं। फिर एक सेकेंड के लिये रूक कर उसे नीचे ले जाएं। वेट उठाते वक्‍त अपनी कुहनियों और बैक को बिल्‍कुल फिक्‍स रखें। वेट ऊपर उठाते वक्‍त सांस छोड़ें और गिराते वक्‍त भरें।

2. वन आर्म डंबल कर्ल

यह बाजुओं और कंधों में मजबूती पैदा कतरा है साथ ही बाजु को भरा बना कर साइज भी बड़ा करता है। इसको करने के लिये एक हाथ में डंबल ले कर कुहनियां मोड़ते हुए उसे कंधो तक छुआएं और फिर धीरे से नीचे करें।

3. प्रीचर कर्ल

इस एक्‍सरसाइज को ई जेड बार से किया जा सकता है। इसमें कंधे का ज्‍यादा यूज़ नहीं होता पर आर्म का लोअर पार्ट प्रयोग होता है। इसे आराम से बैठ कर किया जाता है। अगर आप बिगनर हैं तो आप 12- 15 बार का 3 सेट कर सकते हैं। और 60- 90 सेकेंड का रेस्‍ट बीच बीच में ले सकते हैं।

4. इनक्‍लाइन डंबल कर्ल

यह काफी प्रभावशाली एक्‍सरसाइज है। इसे बेंच पर थोडा लेट कर किया जाता है जिसमें पैर फैले होते हैं और दोनों हाथों में डंबल होती है। अपने एक हाथ को अपने आर्म की लेंथ पर ले जाएं। फिर अपनी कुहनियों को टॉर्सो के पास ले जाएं और हाथों की हथेलियों को बारी बारी से तब तक घुमाए जब तक कि वे सामने ना आएं। यह एक स्‍टार्टिंग पोजिशन है।

5. चिन अप

इस कसरत से बैक और बाजुओं पर खासतौर पर असर पड़ता है। चिनअप में हाथ सामने की ओर और कम दूरी पर होते हैं। ज्यादा प्रेशर हाथों पर पड़ता है। पुल अप से हल्की होती है। पुल अप में हाथ दूर होते हैं।

ना करें ये गल्‍तियां अथवा नहीं मिलेगा रिजल्‍ट
वेट उठाते वक्‍त शरीर से धक्‍का ना लगाएं। वेट को हमेशा कलाई, बाजु, कमर और पैरों की ऊर्जा से उठाएं। कंधे अपनी जगह पर होने चाहिये और कुहनियों को बॉडी से सटा कर रखें।

दुबले-पतले लोग क्‍या करें

दुबले लोग वेट उठाते वक्‍त अपनी पूरी जान ना लगाएं। इससे उनके बाइसेप्‍स कभी नहीं बनेंगे। हमेशा अपने ट्रेनर की बात सुनें।


असर क्‍यूं नहीं हो रहा

अगर कर्ल करते वक्‍त आपको कहीं दर्द नहीं हो रहा या फिर आप बाइसेप्‍स नहीं बन रहे हैं, तो या तो आप बहुत पतले हैं या फिर कर्ल करने का तरीका सही नहीं है।

छाती बढ़ने की 5 सबसे बढ़िया एक्सरसाइज



आज हर कोई बढ़िया और स्ट्रोंग बॉडी बनाना चाहते है. और उसके लिए वह बहुत मेहनत करता है. और GYM आदि में बहुत वर्कआउट  करता है. लेकिन कई बार इस्तनी मेहनत करने के बाद भी एक अच्छी और स्ट्रोंग बॉडी नहीं बना पता है. आज काल बहुत से लोग अपनी स्ट्रोंग बॉडी के लिए सप्लीमेंट खाते है. और उनको खाने से उनकी बॉडी एक बारे तो बन जाती है. लेकिन उनको खाना बंद करते ही वे वापस दुबले पतले होने लगते है. और अगर आप उनको खाते है. तो उनके नुकसान भी हो सकते है. इसलिए अगर आप अपनी बॉडी को स्ट्रोंग बनाना चाहते है. तो सप्लीमेंट का इस्तेमाल ना करे. यदि आप बॉडी बनाना चाहते है. तो आप हर रोज वर्कआउट करे या आप किसी अच्छी GYM को ज्वाइन करे.
या आप किसी अच्छे ट्रेनर से सलाह ले क्योंकि अगर आप ऐसा करेगे तो वे आपको  एक्सरसाइज टाइम और सही डाइट प्लान के बारे में जानकारी देगे. जो की आपके लिए बहुत ही फायदेमंद होगी. तो यदि आप एक अच्छी और स्ट्रोंग बॉडी बनाने के लिए इन सभी बातो को ध्यान में रखे. वैसे तो हम पहले भी बॉडी एक्सरसाइज से सम्बंधित आर्टिकल लिख चुके है. लेकिन आज हम आपको इस पोस्ट में छाती की एक्सरसाइज से सम्बंधित जानकारी देगे.अगर आप एक अच्छी बॉडी और छाती बनाना चाहते है. तो इन सभी बातो को ध्यान में रखे. और निचे बताई गयी कुछ बेस्ट एक्सरसाइज करेगे तो आप निश्चित ही आप बढ़िया और स्ट्रोंग छाती बना सकते है.

Push-ups :-  यह कॉमन एक्सरसाइज है को की ज्यादातर body वार्म उप करने के काम आती है. वार्म अप इतनी ज्यादा भी नही करनी चाइये की आपमें एक्सरसाइज करने की एनर्जी ही ना बचे. इसकी खास बात यह है की इसके लिए आपको किसी भी जिम उपकरण की जरुरत नही पड़ती.

कैसे करे :- सबसे पहले आप हाई प्लैंक पोस्तिओं ले. अपनी बेक सीधी रखे.अपने हाथ अपने कंधो से थोडा ज्यादा चोड़ाई पर रखे. और धीरे धीरे निचे जाए और वापिस पहले की पोजीशन में आ जाये.

सेट और रेप्स :-  3 set = 25, 20, 15

छाती बढ़ने की 5 सबसे बढ़िया एक्सरसाइज

1. Inclined Dumbbell Bench Press

यदि आप अपनी छाती के ऊपरी भाग को बढ़ाना चाहते हैं. या अपनी छाती के बीच की लाइन को गहरा करना चाहते हैं तो उसके लिए यह आप की सबसे बेस्ट और सबसे बढ़िया एक्सरसाइज होती है इससे आप का बहुत ज्यादा ऊपरी भाग ग्रोथ करेगा और इसको करते समय आपकी दोनों हाथों में डबल होगी और आप एक बेंच के ऊपर लेट जाएंगे फिर आप को दोनों हाथों को एक साथ ऊपर नीचे करना है. लेकिन आपको इतना ही वजन उठाना है जितना आप संतुलन बना सकें और पूरे कंट्रोल के साथ आपको डंबल लगाना है.इस एक्सरसाइज से आपकी छाती के ऊपर के भाग में बहुत जल्दी ही ग्रोथ होनी शुरू हो जाएगी लेकिन आपको अपनी क्षमता और पूरे कंट्रोल के साथ है इस एक्सरसाइज को करना है.

2.  Inclined Barbell Bench Press

यह आपकी छाती को बढ़ाने की दूसरी सबसे बढ़िया एक्सरसाइज होती है. इससे एक्सरसाइज में भी आपको एक बेंच के ऊपर लेटना है.और एक लोहे की रॉड में दोनों साइड डाले हुए लोहे की चक्कर होते हैं. और उसको आप को ऊपर उठाना होता है. लेकिन इसको भी आप अपने क्षमता के अनुसार ही उठाएं और अपने पूरे कंट्रोल के साथ इस एक्सरसाइज को लगाएं और इसको लगाते समय आपको यह ध्यान रखना है. कि आप उस रोड को ना ही तो ज्यादा दूर से पकडे और ना ही आप ज्यादा नजदीक से पकड़ेगे. क्योंकि यदि आप ज्यादा दूर से या नजदीक से पकड़ेंगे तो आप सही से अपनी छाती के ऊपर खिंचाव पैदा नहीं कर पाएंगे. जिससे आपकी दोनों साइड से छाती एक साथ अच्छी ग्रोथ नहीं करेगी तो इस को पकड़ते समय आप को ध्यान में रखना होगा और आप को मजबूती से पकड़ना होगा अगर आपने कहीं पर गलती की तो सीधा आपको चोट लगने के चांस होते हैं.

3. Inclined Crucifix Flys

यदि आप अपनी छाती को बढ़ाना चाहते हैं और उसका साइज़ बढ़ाना चाहते हैं. तो उसके लिए यह तीसरी सबसे बढ़िया और अच्छी एक्सरसाइज है. इसको भी आप आसानी से कर सकते हैं. लेकिन मैंने आपको हर एक्सरसाइज के बारे में बताया है. की आपको सबसे ज्यादा संतुलन और कंट्रोल का ध्यान रखना है. आपको इतनी क्षमता के अनुसार वजन उठाना है. जितना कि आपको आप कंट्रोल कर सके इस एक्सरसाइज में आपको एक बेंच के ऊपर लेटना है. और दोनों हाथों में डंबल लेने हैं. यह बिल्कुल पहली एक्सरसाइज की तरह है. 

लेकिन इसमें आपको डबल लगाते समय ऊपर की ओर नहीं उठाना है. बल्कि साइड से ऊपर की ओर उठाना है. तो आप दोनों साइडों में अपने हाथों को एक बार नीचे की ओर ले जाएंगे और फिर ऊपर उठाएंगे लेकिन आपके हाथ बिल्कुल सीधे रहना चाहिए और फिर ऊपर आकर डंबल को मिलाना है. इस एक्सरसाइज को बहुत कम लोग करते हैं. लेकिन एक्सरसाइज का हमारी छाती के ऊपर के भाग पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है.इस एक्सरसाइज को करते समय आपको बहुत ध्यान से करना होगा क्योंकि इस एक्सरसाइज में आपके जॉइंट के ऊपर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है वहां पर बहुत ज्यादा खिंचाव होता है यदि कोई भी गलती हुई तो वहां पर चोट लगना लाजमी है.और इस एक्सरसाइज को भी आप शुरू में कम वजन के साथ लगाना शुरु करेंगे.

4.Low Cable Chest Flys

और हमारी छाती को बढ़ाने के लिए और उस को स्ट्रांग बनाने के लिए हमारी चौथी और अंतिम एक्सरसाइज यही है. उस जैसा कि आप देख सकते हैं वैसे तो इसका नाम Low Cable Chest Flys है. लेकिन यह बहुत कम लोग जानते हैं कि इससे आपकी छाती का ऊपर का भाग बहुत ज्यादा ग्रोथ करता है. और इसका हमारी छाती के ऊपर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है. यह हमारे छाती के ऊपर बहुत ज्यादा खिंचाव पैदा करती है. जिससे हमारी छाती ग्रोथ करती है. उसके अलग-अलग पार्ट दिखाई बनते है. इस एक्सरसाइज में दोनों तरफ वजन होता है और आपको एक केबल के को हाथ में पकड़ना होता है दोनों साइड वजन होता है और दोनों तरफ से केबल होती है. इस एक्सरसाइज में दोनों तरफ वजन होता है. और उन की एक-एक केबल आपके दोनों हाथों में होती है 

जिस तरह से मान लीजिए अगर आप दोनों हाथों से कुएं में से पानी की भरी दो बाल्टी निकाल रहे हैं. और आप का फेस उस समय उन केबल की तरफ नहीं होगा बल्कि केबल की तरफ आपकी पीठ होगी और फिर आपको उन दोनों को एक साथ खींचना है. फिर आपको पीछे से दोनों हाथों को एक साथ आगे लेकर आना है और अपनी छाती की सीध में लाकर अपने दोनों हाथों को मिलाना है लेकिन आपको अपने हाथ बिल्कुल सीधे रखने हैं. आपको 10 से 15 बार करना है. इसमें आपको ज्यादा वजन उठाने की जरूरत नहीं है. क्योंकि इससे आपकी छाती के ऊपर बहुत ज्यादा प्रेशर रहता है. तो आप इसको कम वजन के साथ ही उठाएं.

5. Dummbell Pullover

यह एक्सरसाइज सबसे लास्ट में की जाने वाली एक्सरसाइज है. जो की छाती और बेक दोनों वर्कआउट में की जा सकती है.

कैसे करे :- सीधे बेंच पर क्रॉस लेट जाये और अपनी बेक और बेंच पर रखे. जेसा की फोटो में दिखया गया है.

सेट और रेप्स :- 3 set= 15,12,10 reps



कार्डियो वर्कआउट करना है सूपरचार्ज, तो आजमाएं ये टिप्‍स



अगर आप उनमें से एक हैं जो अपना पूरा समय जिम में केवल ट्रेड मिल पर दौड़ते हुए बिता देते हैं, तो आपके लिये यह आर्टिकल काम का हो सकता है

बहुत से लोग जिम में इतना ज्‍यादा कार्डियो वर्कआउट करते हैं कि बाद में उनके शरीर पर इसका असर ही नहीं दिखाई देता।इससे उन्‍हें अपने फिटनेस गोल तक पहुंचने में बहुत देर हो जाती है और वे इसके पीछे के छुपे हुए कारण को समझ ही नहीं पाते।

कार्डियो ना सिर्फ फैट बर्न करने के लिये किया जाता है बल्‍कि यह वर्कआउट का सबसे अहम हिस्‍सा है। इससे आपके दिल की सेहत ठीक रहती है, वजन कम होता है तथा फेफड़ों की क्षमता बढती है।

आज हम आपको बताएंगे कि किस तरह से आप कुछ बेसिक चीजों को ध्‍यान में रख कर अपने कार्डियो वर्कआउट को सूपरचार्ज कर सकते हैं।

अपना फिटनेस गोल तैयार करें

क्‍या आप अपना वजन कम करना चा‍हते हैं? या फिर आप ताकत बढ़ाना चाहते हैं? तो सबसे पहले एक्‍सपर्ट की एडवाइस लें या फिर मेडिकल चेकअप करवाएं।

अपने मौजूदा फिटनेस लेवल का निर्धारण करें और हार्ट रेट टार्गेट करें

क्‍या आप पहले से एक्‍सरसाइज करते आ रहे हैं या फिर पहली बार आपकी बॉडी कुछ नया करने वाली है? अपना फिटनेस रूटीन शुरु करने से पहले इस बात को हमेशा ध्‍यान में रखें। आपका टार्गेट हार्ट रेट या ट्रेनिंग हार्ट रेट का भी निर्धारण करना जरुरी है क्‍योंकि इससे आपके शरीर को ही फायदा मिलेगा। यह चीज़ ज्‍यादातर उम्र, शारीरिक स्थिति, लिंग आदि के बेस पर निर्भर करता है। एक बार जब आपको अपना टार्गेट हार्ट रेट मालूम पड़ जाएगा तो आप आराम से असरदार तरीके से कार्डियो मशीन पर वर्कआउट कर पाएंगे।

कैलोरीज़ का रखें खास ख्‍याल

रूल के तहत अगर आप 3500 calories बर्न कर लेंगे तो आपके 0.4 - 0.5 kg आराम से कम हो जाएंगे। जिसका मतलब है कि जिम में आपको रोज लगभग 500 कैलोरी बर्न करनी चाहिये। अगर आप रोजाना 200-300 तक कम कैलोरी खाएंगे और वर्कआउट से 300-400 कैलोरीज बर्न करेंगे, तो आप वजन घटाने में कामियाब रहेंगे।

हाई से लो इंटेन्‍सिटी का वर्कआउट करें

आप चाहे ट्रेडमिल कर रहे हों या साइकिल, आपको हाई और लो इंटेन्‍सिटी पर खुद को फिक्‍स करते रहना चाहिये। उदाहरण के लिये, ट्रेडमिल पर 6 kmph पर 2 मिनट तक चल कर 10 kmph पर 5 मिनट के लिये दौडे़। यह बदलाव आपके हार्ट रेट के गोल को छूने में मदद करता है। जिससे कि आपका मेटाबॉलिज्‍म बढता है और वेट लूज होता है। अगर आप साइकिल पर हैं तो इससे आपका रजिस्‍टेंट बढे़गा। इस तकलीन को एथलीटों दृारा प्रयोग की जाती है जिसे इंटरवल ट्रेनिंग कहते हैं।

स्‍ट्रेंथ ट्रेनिंग के बाद कार्डियो

स्‍ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से आपके शरीर में स्‍टोर हुए ग्‍लूकोज का प्रयोग होता है। तो आप जब भी कार्डियो कर रहे हों तो वेट ट्रेनिंग या स्‍ट्रेंथ ट्रेनिंग करना ना भूलें।

रिजाइम चेंज करते रहें

एक ही एक्‍सरसाइज रोज करते रहने से आपकी बॉडी उसकी आदि हो जाती है और फिर आपका वजन कम नहीं हो पाता। इसलिये तरह तरह की एक्‍सरसाइज जैसे साइक्‍लिंग, स्‍विमिंग, बॉक्‍सिंग, रनिंग, जॉगिंग, एरोबिक और योगा आदि करते रहें। हफ्ते में कम से कम दो तरह का कार्डियो करें।

लिमिट में बंध कर ना रहिये

अपना कार्डियो चैलेंजिंग बना डालिये। ट्रेडमिल पर दौडिये और कस कर साइकलिंग कीजिये। देखिये कि आप अपने आपको कितना पुश कर सकते हैं। जब आपको लगे कि आपकी बॉडी अब इस एक्‍सरसाइज की आदि हो चुकी है और आपको कोई दर्द महसूस नहीं हो रहा है... यानी समय आ गया है कि आप अपनी लिमिट से थोड़ा बाहर जा कर कसरत करें।

भूल कर भी स्‍ट्रेंथ ट्रेनिंग करना ना भूलें

जिम जाने वाले सोंचते हैं कि हर रोज उन्‍हें दो तरह की एक्‍सरसाइज करनी पड़ती है, लेकिन भूलना नहीं चाहिये कि आपको पूरी तरह से फिट होना है। वेट ट्रेनिंग से आप अपनी मसल्‍स बना सकते हैं और शरीर का मेटाबॉलिज्‍म बढा सकते हैं, जिससे आपका वजन जल्‍दी घटेगा। इस चीज के लिये अपने ट्रेनर से बात करें।

कार्डियो को बोरिंग ना होने दें

आपको कार्डियो करने के लिये रोज जिम जाने की आवश्‍यकता नहीं है। आप फील्‍ड में जा कर फुटबॉल या हॉकी खेल सकते हैं।

घर पर करिये ये 4 कार्डियो एक्सरसाइज, नहीं होगी हार्ट, लंग्स और लिवर की बीमारियां

कार्डियो एक्सरसाइज तनाव कम करने और कैलोरी बर्न करने के लिए बहुत फायदेमंद होती हैं। कार्डियो, कार्डियोवस्कुलर का संक्षिप्त नाम है। कार्डियोवस्कुलर व्यायाम करने से दिल की तमाम बीमारियां दूर रहती हैं और इससे शरीर के अन्य अंगों जैसे फेफड़े, लिवर, किडनी आदि को भी लाभ मिलता है। कार्डियो एक्सरसाइजेज से दिल के साथ-साथ पूरे शरीर में रक्त का संचार अच्छा रहता है, जिससे पूरा शरीर स्वस्थ रहता है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर आप सप्ताह में 5 दिन भी रोजाना 30 मिनट कार्डियो व्यायाम करते हैं तो दिल की बीमारियों की संभावना को 50% तक कम किया जा सकता है। सबसे अच्छी बात है कि इन एक्सरसाइज को आप घर में या पार्क में ही आसानी से कर सकते हैं। इसके लिए आपको किसी जिम जाने की जरूरत नहीं है। इससे आपका वजन भी कंट्रोल होता है और आप अंदर और बाहर दोनों से फिट रहते हैं।

रोजाना जॉगिंग है फायदेमंद

सुबह-सुबह नियमित रूप से सैर करने से 25 प्रतिशत तक कैलोरीज बर्न होती हैं। एक सर्वे के मुताबिक एक्सरसाइज करने से भी इतनी ही कैलोरीज एक सप्ताह में बर्न होती है। वे लोग जो जोगिंग या एक्सरसाइज करते हैं उनकी पेट की चर्बी तीन महीने में बीस प्रतिशत तक कम होती है। पेट जल्दी कम करना है तो रोज 25 से 30 मिनट के लिए वॉक व जोगिंग करें। लगातार गति को तेज न रख सकें तो बीच में थोड़ा ब्रेक लें और फिर बाकी समय को पूरा करें। थोड़ी देर तेजी से चलें और फिर स्पीड कम कर लें। जितना तेजी से वॉक कर स कते हैं, करें। ट्रेडमील पर भी आप ऐसा ही कर सकते हैं। आप वॉक करते समय आईपॉड से धीमी आवाज में संगीत भी सुन सकते हैं, इससे आपको गति और साहस मिलते हैं। हर अगले गाने के साथ कदमों की रफ्तार बढ़ाते जाएं। एक बार आदत हो जाने के बाद आप खुद एक भी दिन वॉक करे बिना रह नहीं पाएंगे।

बॉल एक्सरसाइज

एक्सरसाइज बॉल देखने में थोड़ी फनी लगती है, और उतना ही इस पर एक्सरसाइज करने वाले लोग। लेकिन यह बड़े काम की चीज है। यह एक्सरसाइज बेली को कम करने में बहुत मददगार होती है। इसे करने के लिए जमीन पर पीठ के बल पर सीधा लेट जाए। अब एक्सरसाइज वाली बॉल को हाथों में लेकर अपने दोनों पैरों को ऊपर उठाएं। इसके बाद अपने हाथों की बॉल को अपने पैरों में पकड़ाएं और फिर पैरों को नीचे ले जाकर दुबारा बॉल को लेकर ऊपर आएं। इसी प्रकार पैरों से जो बॉल उठाई गई है उसे दुबारा हाथों में पकाड़ाएं। इस प्रक्रिया को लगातार 12 से 15 बार करें।

क्लासिक एक्सरसाइज

पेट की मसल्स को टोन करने के लिए स्टेबिलिटी बॉल एक्सरसाइज करें। इसे करने के लिए बॉल पर कमर के ऊपर वाले भाग को टिका लें। हाथ और कोहनी से टिके रहने के लिए सपोर्ट बनाए रखें। अब पैर की अंगुलियों को थोड़ा खींचे और कमर से नीचे वाले भाग को जमीन की तरफ ले जाएं। शरीर को को इस आकार में लाएं कि शरीर सिर से लेकर एड़ी तक लाइन में आ जाए। इस स्थिति में तीस से साठ सेकंड तक बनी रहें। अब इस एक्सरसाइज को दायीं और बाई तरफ भी दोहराएं।

क्रंच एक्सरसाइज

फ्लेट बेली के लिए क्रंच भी कमाल की एक्सरसाइज होती है। लेकिन इसे सबसे बाद में करें। सबसे पहले अपनी डाइट पर ध्यान दें इसके बाद कार्डियो, मसल्स बिल्डिंग और उसके बाद एब्स एक्सरसाइज। इस क्रम को अपनाकर आसानी से पेट की चर्बी को कम किया जा सकता है। लेकिन इसके साथ आपको कार्डियो एक्सरसाइज ज़रूर करनी चाहिये। साथ ही ज्यादातर जिम में कैप्टन्स चेयर होती है। इसका इस्तेमाल करें। रोज 12-16 रिपीटेशन के 1-3 सेट करें। बहुत जल्द असर नजर आने लगेगा

पूरी नींद और खान-पान

पेट की चर्बी को सिर्फ एक्सरसाइज से ही कम नहीं किया जा सकता। यदि आप खूब जंक फूड खाते हैं या फिर आपको तला खाना बहुत पसंद है तो जनाब अगर आपको पेट कम करना है तो अब इनसे परहेज करना शुरू कर दें। खाने में खासतौर पर सामान्य आटे के बजाय जौ और चने के आटे को मिलाकर चपाती खांए। रोजाना कुछ भी बादाम खाएं। शोध बताते हैं कि रोजाना बादाम खाने से कमर 24 सप्ताह में लगभग साढ़े छह इंच तक कम हो सकती है। साछ ही दिनभर में कम से कम 2000 कैलोरी जरूर ले। इसके साथ पूरी नींद लेना भी जरूरी होता है। सोने के मामले में लापरवाही से तनाव पैदा करने में  सहायक हार्मोन्स अधिक बनते हैं और पेट पर चर्बी भी बढ़ती है। रात में 6 से 7 घंटे सोने वाले लोगों में पेट की चर्बी कम होती है। इससे ज्यादा या कम नींद लेने वाले लोगों में अक्सर तोंद की समस्या ज्यादा देखी जाती है।

सिर्फ 10 मिनट करें ये 4 आसान एक्‍सरसाइज, हमेशा रहेंगे फिट

1
क्रंचेज

एब्स पैक निकालने के लिए क्रंचेज करें। इसके लिए जमीन पर पीठ के बल लेट जायें और पैरों को सीधा फैला लें। सिर के पीछे हाथों का सहारा देकर शरीर के ऊपरी भाग को उठायें। एब्स के लिए यह सबसे बेहतर व्यायाम है। लेकिन ध्यान रखें इससे डिस्क खिसकने का खतरा हो सकता है। इसलिए इसे ध्यान से करें। हालांकि इसमें कोई अतिरिक्त सजग रहने की जरूरत भी महसूस नहीं होती।

2
स्‍क्‍वाट

पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए यह बेहतर वर्कआउट है। यह कई तरह का भी होता है। इसके नियमित अभ्यास से पैर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।

3
पुशअप्‍स

पुश-अप्स सामान्‍य एक्सरसाइज में से एक हैं। पुश-अप न सिर्फ आपके सीने को मजबूत बनाता है बल्कि यह आपके एब्स, ट्राइसेप्स, कंधे और धड़ को मजबूत व अच्छा बनाने के लिए काम करता है। आइये जानें क्या है पुश-अप वर्कआउट और यह कैसे आपकी बॉडी को मजबूत और आकर्षक बनाता है। चेस्ट, कंधे और रीढ़ को मजबूत बनाने के लिए रोज पुश-अप्स करें। पुश-अप्स‍ करने से सीना चौड़ा भी होता है। यह सांसों की बीमारियों को भी दूर करता है।

4
स्प्लिट स्‍क्‍वाट

इसे करने के लिए पहले लंच की स्थिति में आयें, इसमें एक पैर पीछे की तरफ होता है और दूसरा पैर आगे की तरफ 90 डिग्री मुड़ा होता है। दोनों हाथों को कमर पर रखें, फिर दोनों पैरों के सहारे कमर को ऊपर उठायें, एक पैर से इसे 10 बार दोहरायें, फिर यही क्रिया दूसरे पैर से भी करें। इस वर्कआउट को शुरूआत में बिना डंबेल करे करें बाद में डंबल लेकर करें।

5
ऐसे करें एक्‍सरसाइज

इन चारों एक्‍सरसाइज को 10 सेट्स और 10 रेप्‍स के साथ पूरा करना है। यानी हर सेट्स को 10 बार करें। इसे आप घर में भी कर सकते हैं। इन एक्‍सरसाइज को करने से आपकी पूरी बॉडी फिट रहेगी।

फिटनेस के दीवाने हैं तो जरूर करें बैटल रोप, बॉडी हो जाएगी हिट



फिटनेस के दीवाने हैं तो जरूर करें बैटल रोप।युवा पीढ़ी में फिटनेस के प्रति जागरूकता बढ़ रही है।यह वर्कआउट एरोबिक ऐक्टिविटी की श्रेणी में आता है।

युवा पीढ़ी में फिटनेस के प्रति जागरूकता बढ़ रही है और वह वर्कआउट के नए तरीके अपनाने से भी पीछे नहीं हटती। बैटल रोप एक्सरसाइज युवाओं में काफी लोकप्रिय हो रही है। 

आजकल युवाओं में सलेब्रिटीज के विडियोज देखकर वर्कआउट करने का चलन बढ़ रहा है। हाल ही में करीना कपूर खान और सोनाक्षी सिन्हा जैसी अभिनेत्रियों के कुछ विडियोज यू ट्यूब पर ट्रेंड कर रहे थे, जिनमें वे बैटल रोप एक्सरसाइज करती नजर आ रही थीं। उन्हें देखने के बाद से लड़कियां इसमें खासी रुचि लेने लगी हैं।

क्या हैं बैटल रोप्स

रस्सियों के सहारे किया जाने वाला यह वर्कआउट एरोबिक ऐक्टिविटी की श्रेणी में आता है। इससे जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है। इसे हाई इंटेंसिटी ट्रेनिंग की श्रेणी में रखा जाता है, क्योंकि इसमें प्रति मिनट के हिसाब से 10 कैलरीज बर्न की जा सकती है। इस व्यायाम में मांसपेशियों को अलग-अलग तरीकों से ट्रेन किया जाता है। 50-100 फीट लंबी व 2.5 इंच चौड़ी ये रस्सियां व्यक्ति के हृदय की कार्य क्षमता को भी बढ़ाती हैं।

 जानें इसकी खासियत-

हर व्यक्ति की उम्र, स्वास्थ्य व क्षमता के आधार पर विभिन्न व्यायामों के फायदे भी अलग होते हैं। उसी तरह से बैटल रोप एक्सरसाइज के भी कई फायदे हैं।

समय की बचत

व्यस्त दिनचर्या वालों के लिए यह व्यायाम सर्वश्रेष्ठ है। इसमें कम समय में का$फी कैलरी बर्न की जा सकती है। जो लोग अपने शरीर का फैट कम करने के लिए घंटों तक कठिन वर्कआउट करते हैं, उनके लिए यह व्यायाम बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है।

कहीं भी, कभी भी

वेट लिफ्टिंग व ट्रेडमिल के लिए व्यक्ति का जिम जाना या घर में ही एक्सरसाइज़ करना ज़रूरी होता है। कहीं बाहर जाना हो तो उतने दिनों की प्रैक्टिस छूट भी जाती है, जबकि इसमें ऐसा नहीं है। इसे जिम में प्रोफेशनल तरीके से करने के अलावा रस्सी को आप अपने साथ कहीं भी आसानी से लेकर जा सकते हैं।

ट्रेनिंग टिप्स

इस व्यायाम को करते समय पीछे की ओर न झुकें। इसे बैठ कर भी किया जा सकता है।रस्सी को बहुत मजबूती से न खींचें। लचीली वेव्स बनाने के लिए जरूरी है कि पकड़ थोड़ी ढीली हो।जब इस व्यायाम को खड़े होकर कर रहे हों तो हल्का सा आगे की ओर झुकें और घुटनों को इस तरह से मोड़ें कि भार एडिय़ों पर न पड़े।

इस वार्मअप एक्सरसाइज से 5 मिनट में मिलेगी कमर दर्द से राहत

हमारी दिनचर्या और रहन-सहन में भी काफी बदलाव आए हैं।दिन भर दफ्तर में बैठकर काम करने वालों में क मर दर्द ज्यादा।कुछ एक्सरसाइज व योग कर इस समस्या से बचाव है संभव।

कमर दर्द की समस्या आजकल लोगों में आम है। इसका कारण अनियमित जीवनशैली और खान-पान में मिलावट है। आजकल लोग दिनभर कुर्सियों पर बैठकर काम कर रहे हैं मगर एक्सरसाइज बिल्कुल नहीं कर रहे हैं। घरों में रोजमर्रा के कामों में भी मशीनों के ज्यादा दखल से लोगों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है।  हालांकि दिनचर्या, खानपान, बैठने व चलने के तरीके में सुधार कर और कुछ एक्सरसाइज व योग कर इस समस्या से बचाव व उपचार हो सकता है।

क्यों होता है कमर दर्द

दरअसल हमारी रीढ़ 32 हड्डियों से मिलकर बनी होती है, जिनमें से तकरीबन 22 सक्रिय भूमिका निभाती हैं। लेकिन जब किसी कारण से इनकी गति में रुकावट पैदा होती है तो कमर दर्द की समस्या होने लगती है। रीढ़ की हड्डी के अलावा हमारी कमर की बनावट में कार्टिलेज, डिस्क, जोड़, मांसपेशियां और लिगामेंट आदि भी होते हैं। इनमें से किसी में भी कोई परेशानी होने पर कमर दर्द हो सकता है। कमर दर्द के कारण खड़े होने, झुकने और मुड़ने में बहुत दिक्कत होती है।

कैट एंड केमल एक्सरसाइज  

लोअर बैक की समस्याओं से बचने के लिये अपनी कमर को मजबूत रखना बेहद जरूरी होता है, और ऐसा हम कुछ आसान एक्सरसाइज की मदद से कर भी सकते हैं। लोअर बैक को मजबूत और दर्द मुक्त बनाने वाली पहली एक्सरसाइज है 'कैट एंड केमल'। इस एक्सरसाइज को करने के लिये सबसे पहले हम अपनी कमर को बिल्ली की मुद्रा में नीचे करते हैं, और इसके बाद ऊंट की मुद्रा में ऊपर को आते हैं। इन दोनों मुद्राओं को धीरे-धीरे दोहराया जाता है।

सुपरमैन एक्सरसाइज

दूसरी एक्सरसाइज होती है 'सुपरमैन'। इसे करने के लिये बिल्ली की मुद्रा में रहते हुए ही अपने बांये हाथ व दांये पैर को एक साथ ऊपर लाना होता है, और फिर दूसरी तरफ के हाथ और पैर से इसे किया जाता है। थोड़े दिनें बाद, जब आपकी कमर मजबूत होने लगती है तो हाथ व पैर उठाने के बाद 10 तक गिनती गिन सकते हैं (होल्ड कर सकते हैं)। इसके 10 रैप किये जा सकते हैं।

ब्रिज एक्सरसाइज

आप कमर दर्द से निजात पाने क् लिये ब्रिज एक्सरसाइज भी कर सकते हैं। ब्रिज एक्सरसाइज करने के लिये कमर के बल लेट जाएं, घुटनों को मोड़ लें, हाथों को सीधा जमान कर रखें और अपने पैल्विस व कमर को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं और धीरे से ही नीचे आएं। जब आप इस एक्सरसाइज को  लगातार करते हैं तो थोड़े दिनों के बाद आप ऊपर जाने के बाद 10 तक गिन कर रुक भी सकते हैं। ब्रिज एक्सरसाइज कमर मजबूत करने व रिलेक्स करने के लिये कभी भी की जा सकती है। कमर में ज्यादा दर्द हो और आप ब्रिज न कर पा रहे हों तो इसे आसान बनाने के लिये ब्रिज करते समय आप घुटनों के बीच तकिया भी लगा सकते हैं।

Cervical Spondylosis के दस लाभदायक व्यायाम



विज्ञान में गर्दन के दर्द को “सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस – Cervical Spondylosis” नाम से बताया गया है| यह हमारे आज के जिंदगी की एक आम समस्या है जिससे हमे कभी ना कभी सामना करना ही होता है| ज्यादातर यह समस्या उम्र 40  होने के बाद दिखाई पड़ती है, पर आजके हमारे जीवनशैली में युवाओं को भी इस समस्या से लड़ना पर रहा है| इसके कई कारण है जैसे अनियमित रूटीन, समय से अतिरिक्त समय तक काम करना, जरुरत के बिना भी मोबाइल का इस्तेमाल करना, यह सब चीजे हर दिन जितना बड़ रहा है सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस की समस्या भी तेजी से लोगो में बड़ रही है|

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के कारण

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस होने के पीछे जो कारण हम देखते हैं वह यह है की हमारे रीढ़ और गर्दन के बिच जो संयुक्त स्थान है वहाँ के कार्टिलेज या हड्डी के क्षय या ज्यादा दबाव  के कारण दर्द बढ़ने लगता है और कई समय काफ़ी गंभीर समस्या भी हो जाती है| आजकल हम गर्दन पर ज्यादा दबाव  डालके ज्यादातर काम करते हैं इस लिए यह समस्या भी तेजी से बड़ रही है| सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस में बहुत दर्द के साथ साथ हमे रोजमर्रा के काम करने में भी समस्या होती है|

यहाँ पर कुछ व्यायाम और उसके करने का तरीका बताया जा रहा है, यह सारे व्यायाम बहुत भी आसान है और आप अपने घर या दफ्तर में काम के बिच भी कर सकते हैं| पर एक बात ध्यान रखे की इस तरह के व्यायाम करते समय हमेशा अपने को नम्य रखे और थोड़ा सावधानी हमेशा बरते| कभी भी जबरदस्ती से किसी भी प्रकार के व्यायाम को नहीं करना चाहिए जिससे आपके गर्दन के ऊपर दबाव  पड़े|

Flexibility Exercises – फ्लेक्सिबिलिटी एक्सरसाइज़

इस तरह के एक्सरसाइज़ को व्यायाम ना बोलके इसे एक फिजिकल थेरपी बोलना ज्यादा सही होगा| इस तरह के व्यायाम आप बहुत ही आसानी से कर सकते हैं चाहे आपके पास समय की कमी ही क्यों ना हो|

सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस के 10 एक्सरसाइज

Neck Flexion and Extension (Drop and Raise) – नेक फ्लैक्सिओन एंड एक्सटेंशन

सबसे पहले एक चेयर ले लीजिए और सीधा होकर बैठे, उसके बाद अपने चिबुक को अपने छाती से स्पर्श कराए धीरे धीरे, 5 से 10  सेकेंड ऐसे ही रहे और फिर धीरे धीरे अपने सिर को ऊपर करे| इसी प्रकार से अपने सिर को थोड़ा पीछे की तरफ ले जाए और कुछ समय ऐसे ही रहे| 10 सेकेंड बाद अपने सिर को सही जगह पे लाये|

Head Tilt toward left and right side – हेड टिल्ट टुवर्ड लेफ्ट एंड राइट साइड

किसी चेयर में सीधा बैठ जाए, धीरे धीरे अपने सिर को अपने दाहिने कंधे से स्पर्श करवाए और ऐसे ही 5 से 10 सेकेंड तक रहने की कोश्शि करे, फिर धीरे धीरे अपने पहेली अवस्था में लौट आए| अब अपने दूसरे कंधे में भी एक ही तरीके से करे और फिर अपने सिर को पहले की स्थिति में लाए| एक बात ध्यान रखे की आप अपने सिर को पहले कंधे तक उतना ही ले जाए जितना वह जा सके, किसी भी प्रकार की जबरदस्ती ना करे|

Neck Rotation – नेक रोटेशन

यह आपके गर्दन के लिए एक सही व्यायाम है| किसी भी चेयर में आप सही ढंग से बैठे अगर आप चाहे तो सीधे खरे भी रह सकते हैं| अब अपने चिबुक को सीधा रखे, और दाहिने मोर जाए 5 से 10 मिनिट तक ऐसे ही रहे फिर अपने सिर को सीधे पोजीशन में लाए| अब एक ही तरीकेसे बाहिने तरफ भी करे और अपने पहले की स्थिति में वापस आए| ऐसे ही करके इसे कम से कम पांचबार करे| यह बहुत ही आसान है और साथ में फायदेमंद भी|

Neck Retraction – नेक रिट्रैक्शन
सीधा होकर बैठे सबसे पहले और अपने सिर को भी सीधा रखे अब अपने चिबुक को सामने की तरफ ले और इस अवस्था में 5 से 10 मिनिट ऐसे ही बैठे रहे, उसके बाद अपने पहेली स्थिति में लौट आए| ठीक इसी तरह आप कम से कम पांच बार यह व्यायाम करे|

Shoulder Rolls – शोल्डर रोल्स
एक बात हमेशा ध्यान में रखना चाहिए की गर्दन के साथ साथ कंधे की व्यायाम करना भी उतना ही जरुरी है| गर्दन और कन्धा दोनों के एक्सरसाइज़ से ही हमारे हड्डी और मांसपेशिया सचल रहती है| कुछ ऐसे व्यायाम है जिसके माध्यम से हम आसानी से अपने कंधे की ध्यान रख सकते हैं|

हर व्यायाम के तरह ही इस में भी सबसे पहले सीधा होकर बैठ जाए और फिर अपने कंधे को रोल कीजिये ऊपर निचे और दाहिने बांये| अब इसी चीज को उलटे गति के साथ भी करे| कम से कम पांच बार इसे अभ्यास करे|

अब हम कुछ इसोमेट्रिक एक्सरसाइज़ के बारे में बात करेंगे जो हमारे गर्दन के दर्द से छुटकारा देने के साथ साथ हमारे हड्डीओं को भी मजबूती देती है|


Neck Extension – नेक एक्सटेंशन
अपने हथेली की सहायता से अपने सिर को सामने की तरफ प्रेसर दे| जब आप प्रेसर दे रहे हैं तब  आपके सिर और गर्दन में एक प्रतिरोध प्रक्रिया होना भी जरुरी है| यहाँ पर यह बात साफ है की इस व्यायाम में प्रतिरोध करना एक जरुरी स्टेप है|

Neck Flexion – नेक फ्लैक्सिओन
अपने आंख की मध्य स्थल पर अपने उंगलिओं को रखे साथ ही हलके से अपने सिर को पीछे की तरफ प्रेसर दे| इस व्यायाम में भी यह जरुरी है की आपके सिर और गर्दन इस व्यायाम के दौरान एक बिपरीत प्रेसर बनाए रखे|

Side Bending – साइड बेन्डिंग
अपने सिर को बिलकुल सहज और सीधे रखे, अब अपने दाहिने कान में अपने हात से प्रेसर डाले| साथ ही अपने सिर से विपरीत प्रेसर देने की पूरी कोशिश करे| ठीक एक ही तरह अपने बाय तरफ भी करे और कम से कम पांच बार करे|

Neck Stretching (right and left side) – नेक स्ट्रेचिंग (राइट एंड लेफ्ट साइड)
अपने दाहिने कान को दाहिने कंधे की तरफ लेकर जाए साथ ही अपने बाए कंधे को प्रसारित करे और आप कम से कम स्ट्रेच अनुभव करे इतना प्रसारित करे| ऐसे ही 5 से 10 मिनिट तक रहे और फिर पहले की स्थिति में लौट आए| ठीक एक ही तरह से आप दूसरे तरफ भी करे| इस व्यायाम को कम से कम पांच से सातबार जरूर करे|

Sternocleidomastoid (SCM) Stretch – स्टर्नोक्लेडोमैटोइड (SCM) स्ट्रेच
अपने सिर को रस्सी की तरह घुमाए, अब उसे एकबार दाहिने तरफ और एकबार बाए तरफ कुछ समय के लिए रखे फिर अपने सिर को सीधा कर ले| इस व्यायाम को भी कम से कम 5 से 7 बार आप अभ्यास करे तभी अच्छा रहेगा|

कुछ दर्द निवारक दवाओं के बारे में
Dolo 650

Paracetamol

Aceclofenac

प्रिवेंशन ऑफ़ सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस

किसी भी विशेष इलाज से कभी पूरी तरह से सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस अच्छी नहीं हो सकती, पर यह अच्छा होगा की आप कुछ नियम हमेशा मानके चले| आइये जान लेते हैं ऐसे कुछ चीजों के बारे में जो हमे करना चाहिए और कुछ जो हमे नहीं करना चाहिए:

जरूर करे:

रोज कुछ समय आप व्यायाम के लिए जरूर रखे अपने रूटीन में इससे आपके गर्दन की हड्डी मजबूत होगीजब भी आप किसी कंप्यूटर या टेबल में ज्यादा समय तक अपने सिर को निचे करके काम कर रहे है तो कुछ समय के लिए जरूर ब्रेक ले ले चाहे वो दस मिनिट के लिए ही क्यों ना होअगर सुबह जागते समय किसी एक साइड में आप बिस्तर से उठते है तो यह गलत है, सबसे पहले आप दोनों साइट में ही मोर ले और फिर बिस्तर से उठेअगर आपके दर्द ज्यादा बड़ जाये तो डॉक्टर से जरूर सलाह ले और साथ में सही दवाई भी ले, पर यहाँ पर एक बात ध्यान में रखना जरुरी है की जब तक आप पूरी तरह अपने गर्दन को आराम नहीं देंगे तब तक आप जल्दी ठीक नहीं हो सकतेअगर आप कुछ ज्यादा समय के लिए बाहर जा रहे है या घूमने जा रहे तो फॉर्म कोलर इस्तेमाल करना एक सही काम हो सकता है

बिलकुल भी ना करे:

अगर आपके गर्दन या कंधे में किसी भी प्रकार की कोई दर्द है तो आपके लिए व्यायाम करना घातक हो सकता है, इसलिए इस दौरान व्यायाम ना ही करे तो अच्छा होगाएक ही जगह पर एक ही ढंग से बहुत ज्यादा समय तक बैठे रहना बहुत सही काम नहीं है, यह शरीर के लिए काफी ख़राब होती हैबिना जरुरत ज्यादा समय तक कभी भी ड्राइव करना सही काम नहीं हैअगर आप चार पाइये की गाड़ी चला रहे हैं तो कोशिश करे की आप अच्छे रास्ते में ही गाड़ी चलाएबहुत से लोक सोने के लिए एक से ज्यादा तकिया इस्तेमाल करते हैं जो गर्दन की सेहत पर काफी गलत असर डालता हैऐसे किसी भी भारी वस्तु अपने हात से उठाना सही नहीं है जो आपके गर्दन के ऊपर दबाव पैदा करेजब भी आप किसी भी चीस के लिए टार्न ले तो हमेशा अपने पैर के माध्यम से ही ले अपने सिर और शरीर के माध्यम से कभी ना लेसिगरेट और किसी भी प्रकार के धूम्रपान से दूर रहियेअपने काम के लिए ऐसे किसी ढंग में ज्यादा समय तक ना बैठे जिससे आपके शरीर पर दबाव बना रहता है

यदि किसी कारण से अनुभवी डॉक्टर आपके आस-पास उपलब्ध नहीं है, तो आप यहां हमसे संपर्क कर सकते हैं।

साइटिका के दर्द से हैं परेशान तो तुरंत शुरू करें यह एक्सरसाइज

साइटिका शरीर की वो नस है जो रीढ़ की हड्डी के बिल्कुल नीचे से जाती हुई पैर की एडी तक पहुंचती है। इसी नाड़ी में जब सूजन और दर्द के कारण पीड़ा होती है तो इसे साइटिका का दर्द कहते हैं। इसकी वजह से पूरी टांग में दर्द इतना ज्यादा होता है कि उसमें व्यक्ति न तो बैठ सकता है और न ही खड़े हो पाता है।अधिकतर इसमें दर्द लोअर बैक से शुरू होकर घुटने के नीचे तक जाता है।

आमतौर पर, जब व्यक्ति बैठा होता है,या फिर खांसी करता है या फिर छींकता हैं तो यह दर्द ओर भी ज्यादा बढ़ जाता है। यह दर्द समय के साथ-साथ बढ़ता जाता है। कमजोरी होना,झनझनहाट होना या फिर सुन्न होना इसके आम लक्षण हैं। यदि आप भी इस दर्द को झेल रहे हैं तो आप हमारी बताई हुई नी टू चेस्ट एक्सरसाइज को करके इस दर्द से छुटकारा पा सकते हैं।

नी टू चेस्ट एक्सरसाइज करने का तरीका

सबसे पहले पीठ के बल सीधे लेट जाएं और फिर अपने एक घुटने को हाथों की मदद से छाती तक स्ट्रेच करें। एेसा करते हुए गहरी सांस को 20 से 30 सेकंड के लिए कंट्रोल करें। इस एक्सरसाइज को 5 बार दोनों पैरों से दोहराएं। इसमें आप अपनी छाती,कंधे और पीठ पर दबाब न डालें। इसके अलावा आप दोंनों घुटने इकट्ठे भी छाती तक खींच सकते हैं।अगर एक्सरसाइज करते हुए आपकी दर्द वाली टांग में दर्द शुरू हो तो आप वहीं रूक जाएं और कुछ देर बाद दोबारा से धीरे-धीरे एक्सरसाइज करें। इससे आपको जल्द ही साइटिका के दर्द से छुटकारा मिल जाएगा।

घुटनों में दर्द रहता है तो करें ये 6 आसान एक्सरसाइज, मिलेगा तुरंत आराम।



साइकिल चलाने से पैर और घुटने मजबूत होते हैं।स्टेपिंग या स्टेप अप्स एक कार्डियो एक्सरसाइज है, जिसके कई फायदे हैं।दर्द के लिए मसल स्ट्रेचिंग एक बेहतरीन एक्सरसाइज होता है।

घुटनों और शरीर के अन्य जोड़ों में दर्द एक आम समस्या है। आप अपने आसपास भी देखेंगे कि आजकल युवाओं को भी घुटनों में दर्द की शिकायत रहती है। क्या आपने कभी ये चीज सोची है कि आखिर घुटनों में दर्द क्यों होता है? अगर नहीं तो हम आपको बता रहे हैं कि किसी चीज को बिल्‍कुल न करना और किसी चीज को जरूरत से ज्‍यादा करने का सीधा असर हमारे घुटनों के बल पर पड़ता है। जबकि विशेषज्ञ कहते हैं कि वजन को नियंत्रण रखने के लिए जिम जाने पर  बहुत ज्‍यादा वेट लिफ्टिंग, रनिंग या साइकिलिंग से बचना चाहिए इससे आपके घुटने खराब हो सकते हैं। आज हम आपको घुटनों के दर्द से छुटकारा दिलाते के लिए कुछ ऐसी आसान एक्सरसाज बता रहे हैं जिन्हें कर के आप बहुत जल्द आराम पा सकते हैं।

15 मिनट साइकिल चलाना

क्या आप जानते हैं कि साइकिल चलाने से घुटनों के दर्द से छुटकारा मिलता है? जी हां, साइकलिंग से भी घुटनों का दर्द धीरे-धीरे ठीक हो जाता है। अगर आप घुटने के दर्द को कम करने के लिए एक्सरसाइज कर रहे हैं तो साइकलिंग के दौरान अपने पैरों को सही तरह से पोजिशन करें। साइकलिंग 10 से 15 मिनट तक करना चाहिए और समय के साथ इसे बढ़ा देना चाहिए। साइकलिंग से पैर और घुटने मजबूत होते हैं। घुटने का अस्थिरज्जु और मसल्स मजबूत होते हैं, जिससे चोट का दर्द धीरे-धीरे कम होता है। घुटने की चोट के असर को कम करने का यह एक बेहतरीन एक्सरसाइज है।

कार्डियो एक्सरसाइज है फायदेमंद

स्टेपिंग या स्टेप अप्स एक कार्डियो एक्सरसाइज है, जिसके कई फायदे हैं। यह एक्सरसाइज दिल की धड़कन का बढ़ाता है, शरीर में गर्मी पैदा करता है और पूरे शरीर को ऊर्जावान बनाता है। स्टेप अप करते समय अपने घुटने को न मोड़ें। उसे पूरी तरह से सीधा रखें। एक समान गति से एक मिनट तक लगातार स्टेप अप करने से घुटने को काफी फायदा पहुंचेगा। स्टेप अप एक्सरसाइज घुटने को गर्म करता है और इसपर से तनाव को कम करता है। अगर आप किसी तरह की घुटने की चोट से जूझ रहें हैं तो तुरंत इस एक्सरसाइज को कर सकते हैं।

योगासन से भी होता है दर्द दूर

अगर आपका घुटना किसी वजह से चोटिल हो गया है तो आप योगा कर सकते हैं। योग करने से मसल्स रीलैक्स होते हैं और घुटने पर से दबाव व तनाव भी कम होता है। ऐसे कई योगआसन हैं जो खासतौर पर घुटने को आराम पहुंचाने के लिए होते है। अन्य एक्सरसाइज की तुलना में योगा का असर अधिक समय तक रहता है। यदि आप नियमित रूप से सूर्य नमस्कार करें तो भी घुटने का दर्द काफी कम होता है।

बेहतरीन एक्सरसाइज है स्ट्रेचिंग

दर्द से आराम पाने के लिए मसल स्ट्रेचिंग एक बेहतरीन एक्सरसाइज होता है। ऐसे कई स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज हैं जो घुटने के लिए काफी अच्छे होते हैं। ऐसा ही एक एक्सरसाइज है हैम्स्ट्रिंग स्ट्रेचिंग, जिससे घुटनों के मसल ढीले होते हैं। इस एक्सरसाइज के लिए आप एक पैर आगे करें और दूसरे पैर के घुटने को इतना मोड़ें कि आप दबाव महसूस करने लगें। ऐसे ही कुछ और एक्सरसाइज भी हैं।

आंशिक स्‍कावट्स

एक कुर्सी के सामने 12 इंच की दूरी पर खड़े हो जाये। फिर पैरों और कूल्‍हों को चौड़ा करके अपने पैर की उंगलियों को आगे की ओर करें। अब अपने कूल्‍हों को मोड़ कर अपने आधे हिस्‍से को धीरे-धीरे कुर्सी के पास मोड़ें। इस एक्‍सरसाइज को करते समय अपने एब्‍स को तंग रखें और जांच कर लें कि आपके घुटने पैर की उंगलियों के पीछे होने चाहिए।

मैट एक्सरसाइज

एक्सरसाइज कुछ मैट एक्सरसाइज जैसे लेग लिफ्ट, नी लिफ्ट आदि में घुटने का मसल्स स्ट्रेच होता है, जिससे घुटने के दर्द को कम करने में काफी मदद मिलती है। मैट एक्सरसाइज को आप घर में कभी भी कर सकते हैं। अपने पैर को ऊपर की ओर उठाते समय घुटने को न मोड़ें और कुछ देर पैर को उठा हुआ रहने दें। घुटने की चोट के लिए यह एक्सरसाइज काफी अच्छा होता है।

व्यायाम दिलाएगा गठिया के दर्द से आराम

जोड़ो का दर्द होता है आर्थराइटिस या गठिया ।

व्यायाम और योग से दूर हो होती है समस्या।मांसपेशियों का खिंचाव दर्द से देता है आराम।ज्यादा समस्या होने पर डॉक्टर से ले सलाह।

जोड़ों में दर्द का एक प्रमुख कारण आर्थराइटिस है। इसे ही गठिया भी कहते हैं। इसके रोगी के हड्डियों में सूजन, अकड़न और जोड़ों में दर्द होता है। ऐसा जोड़ों में यूरिक एसिड जम जाने से होता है। यूरिक एसिड के जमने से मरीज के जोड़ों में गाठें भी बन जाती हैं। यह बीमारी किसी को भी हो सकती है। मगर अधिकतर मामलों में यह अधिक उम्र के लोगों में ही होता है।

गठिया के लिए व्यायाम

गठिया के शिकार लोगों को व्यायाम के साथ साथ हाइलुरोनन का इंजेक्शन से घुटने के दर्द में आराम मिल सकता है।ताइवान के अनुसंधानकर्ताओं ने चिकित्सा विज्ञान की एक प्रमुख पत्रिका 'अर्थराइटिस एंड रियूमेटिज्म' में यह जानकारी दी है। प्रमुख अनुसंधानकर्ता डा.माओ सिअंग हुआंग ने बताया कि हाइलुरोनन का इंजेक्शन जोड़ों में स्नेहक का काम करता है और इस तरह दर्द से आराम मिलता है।व्यायाम से भी जोड़ों के दर्द में लाभ होता है। उन्होंने और कोसियांग मेडिकल यूनिवर्सिटी के उनके सहयोगियों ने इन दोनों पद्धतियों का संयुक्त असर जानने के लिए 140 मरीजों परीक्षण किया।

व्यायाम ही बेहतर उपाय

मांसपेशियों में दर्द का कोई निश्चित या प्रमाणित कारण नहीं है। माना जाता है कि शरीर पर एटमोस्फेरिक प्रेशर समान रूप से पड़ता है और शरीर को इसकी आदत होती है। मौसम के ठंडे होने पर प्रेशर में परिवर्तन होता है। कोशिकाओं में भी खिंचाव होता है। इसी कारण दर्द की शिकायत बढ़ जाती है। यह थ्योरी सर्वमान्य नहीं है, क्योंकि सभी लोगों को यह समस्या नहीं होती। दूसरी थ्योरी है कि ठंड के दिनों में लोग घर से कम निकलते हैं और फिजिकल एक्टीविटी भी कम हो जाती है। इस कारण कैल्शियम आयरन के प्रभाव से दर्द की समस्या होती है। अत: ऐसी स्थिति में नियमित व्यायाम और न्यूट्रिशन काफी महत्वपूर्ण है।

यदि आर्थराइटिस के लक्षण दिखें तो लापरवाही न बरतें। डॉक्टरकी सलाह लें। निर्देशानुसार एक्सरसाइज करें। इससे हड्डियां और अधिक कमजोर नहीं होती हैं और दर्द से भी छुटकारा मिल जाता है।




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