Apni life ko kaise badle (Changed the life)



Apni life ko kaise badle



दोस्तो मैं ने कई लोगो से सुना है कि वो अपनी लाइफ बदलना कहते है और हर वक्त कैसे बदले ये ही सोच ते रहते है तो आज हम ऐसे टॉपिक पर बात करे गे ( Apni life ko kaise badle)अगर आप को अपनी लाइफ बदलनी है तो एक बात मान लो यह आपके लिए और कोई नहीं बल्कि आप खुद ही कर सकते हैं। पहला कदम हमेशा सबसे कठिन होता है, पर दृढ़ निश्चय और सही मानसिकता के साथ आप हर चीज में जीत हासिल कर सकते हैं। वर्तमान में चीजें कैसी हैं यह आपको मालूम हो सकता है, पर आने वाले समय में क्या छुपा है वो बिल्कुल अलग हो सकता है  इस लिए आने वाले समे को आप खुद ठीक कर ताकते है और अपनी लाइफ अच्छी कर सकते है तो चलो दोस्तो आज इसी टॉपिक पपर बात कर ते है


Kuch points mai aap ko ye article batuga jis se ye article aap ko ache se smaj aa jay ga


1, जिंदगी बदलनी हो तो नजरिया बदले

2,किस्मत बदलने के लिए सबसे जरूरी क्या है

3,कैसे अपने जीवन को पूरी तरह बदलें

4, जिन्दगी की नयी शुरुआत कीजिये

5, लाइफ बदलनी है तो पहले खुद को बदले

6,खुद को कैसे बदल

7, लक्ष्य कैसे हासिल करे

8, सकारात्मक सोच कैसे बनाय

9,कुछ चीजें जो आपको नहीं करनी चाहिए और क्यों

10,किस्मत शब्द इसे खुद पर हावी ना होने दें



तो चालो जानते है अपनी लाइफ को कसिए बदले

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जिंदगी बदलनी हो तो नजरिया बदले



नजरिया अगर आप को अपनी लाइफ बदल नई है तो  आप को अपना नजरिया बी बदलना फाड़े गा

दुनिया की कोई भी चीज, सही मानसिक द्रष्टिकोण रखने वाले व्यक्ति को, उसका लक्ष्य हासिल करने से नहीं रोक सकती और धरती पर कोई भी उस आदमी की मदद नहीं कर सकता, जिसका मानसिक द्रष्टिकोण गलत है।

आपका नजरिया ही आपकी कामयाबी की राह तैयार करेगा
नजरिया आपकी दुनिया बदलता है

Attitude यानी द्रष्टिकोण यूँ तो एक छोटा सा शब्द भर है, लेकिन जीवन में इसकी क्या अहमियत है, इस सन्दर्भ में यदि इसका गहराई से विश्लेषण किया जाय, तो शायद कई किताबें इसकी महत्ता का वर्णन करने में कम पड जाएँ। जिन्दगी मे कामयाबी हासिल करने के लिए वैसे तो कई चीज़ों की जरुरत पड़ती है, पर उनमे से शायद ही कोई इतनी जरूरी हो, जितना हमारा सकारात्मक द्रष्टिकोण।

हर महान व्यक्ति, जिसका जीवन एक प्रेरणा के रूप में इतिहास के पन्नों में सुरक्षित है, जिन्हें संसार उनकी उस उपलब्धि के लिये, उस त्याग और समर्पण के लिये, उस आदर्शनिष्ठा के लिये आज भी याद करता है जिसे वक्त भी धुंधला नहीं कर पाया है, तो वह बस इस छोटे से शब्द को अपने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में उतार लेने की वजह से ही है।
परिश्रम करने वाले तो संसार में न जाने कितने हुए हैं; धनी और मानी भी न जाने कितने ही हुए हैं। लेकिन ऐसे लोग जिन्होंने सारी जिंदगी मुश्किलों से आँख-मिचौली खेलते बितायी हो, कठोर संघर्ष जिनका नित्य सहचर रहा हो और जिन्होंने अपने सकारात्मक नजरिये के बल पर उन्हें पराभूत करके एक सच्ची कामयाबी हासिल की हो, कम ही हुए हैं।


दृष्टिकोण ,नजरिया क्यों जरुरी है
जब कड़ी मेहनत करने पर भी असफलता पर असफलता मिलती जाती हो; जब दूसरों की निंदा और असहयोग, सहनशीलता की निरंतर परीक्षा लेते हों, तो बड़े-बड़े धैर्यवानों का संबल टूटने लगता है। इस स्थिति में जो सद्गुण व्यक्ति को शाश्वत निराशा की गोद में जाने से बचाता है, वह है – सकारात्मक द्रष्टिकोण।

दूसरे शब्दों में कहा जाय तो महानता, सफलता, सुख और संतोष सभी Attitude के ही इर्द-गिर्ध घूमते हैं। कई Research में यह बात सामने आई है कि बड़ी कामयाबी हासिल करने के लिए या top level तक पहुँचने के लिए किसी भी आदमी की स्कूली शिक्षा या उसके क्षेत्र की जानकारी का योगदान महज 25 प्रतिशत तक ही होता है।
कामयाबी का 75 प्रतिशत भाग व्यक्ति के चरित्र और स्वभाव के गुण विशेषों पर निर्भर करता है और इन सभी qualities में सबसे ज्यादा अहम है – Attitude यानी नजरिया। कितने ही लेखकों और विद्वानों ने इस दिव्य गुण की महत्ता पर ग्रंथ पर ग्रंथ लिख डाले है, पर शायद फिर भी इसकी महिमा के विषय में सब कुछ कह पाना संभव नहीं हो पाया है, क्योंकि यह अतुलनीय है।



नजरिया , द्रष्टिकोण क्या है
Attitude का हिंदी में अर्थ है – द्रष्टिकोण, जो इन दो शब्दों से मिलकर बना है – द्रष्टि+कोण, अर्थात “द्रष्टि का एक विशेष ढंग, Vision with an Angle, Vision with a different Perspective” इस प्रकार “चीज़ों को सामान्य द्रष्टि से हटकर एक अलग द्रष्टि से देखने की कला का नाम ही द्रष्टिकोण है। थोडा और गहराई में जाकर कहें, तो जब व्यक्ति की द्रष्टि का संयोग उसके विवेक से होता है, तब जन्म लेता है द्रष्टिकोण।

द्रष्टिकोण दो समान सी लगने वाली परिस्थितियों के बीच के सूक्ष्म अंतर को स्पष्ट करने वाली अनोखी मानवीय क्षमता है जो एक प्रबुद्ध व्यक्ति को सामान्य व्यक्ति से अलग करती है। हालाँकि Attitude स्वयं कई चीज़ों से प्रभावित होता है, लेकिन यह ध्यान रखने योग्य है कि सफलता को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली चीज भी Attitude ही है।

नजरिया,द्रष्टिकोण किन बातों पर निर्भर है
वैसे तो हमारे नजरिये को प्रभावित करने में अनेकों कारण शामिल हैं, पर जैसे कि शिव खेडा कहते हैं – हमारे नजरिये को प्रभावित करने वाले सभी कारणों में तीन मुख्य हैं – वातावरण, शिक्षा और अनुभव।

1. Environment (वातावरण) –
माहौल में कई चीज़ें शामिल हैं। इनमे अपने स्वभाव के अलावा वे सभी क्षेत्र भी शामिल हैं, जिनसे हम जुड़े हुए हैं जैसे – घर, स्कूल ऑफिस और सामाजिक क्षेत्र। इसके अलावा मीडिया के अनेकों रूप जैसे – T.V., Cinema, Newspaper, Books, Magazine और दूसरी कई चीजों का अच्छा और बुरा प्रभाव भी हमारे attitude पर पड़ता है। हमारी धार्मिक मान्यताएँ, परम्पराएँ और रीति-रिवाज़ भी हमारे नजरिये पर बड़ा प्रभाव डालती हैं।

और अगर हम सचेत न हों, तो फिर यह वैसा ही रूप लेने लगता है, जैसा प्रभाव इस पर पड रहा है। उदाहरण के लिये – एक बच्चा जिसकी परवरिश अच्छे परिवार में सभ्य और सुसंस्कृत माहौल में हुई है, बड़ा होने पर सकारात्मक द्रष्टिकोण वाला युवक बनेगा, तो वहीँ एक बच्चा जो असभ्य और कुसंस्कारी माहौल में पला-बढ़ा है, बड़ा होने पर नकारात्मक नजरिया रखने वाला होगा।


2. Education (शिक्षा) –
शिक्षा भी व्यक्ति के नजरिये को बदलने में बेहद असरकारक होती है। शिक्षा अनगढ़ मन को सही सांचे में ढालने का एक प्रभावशाली माध्यम है, लेकिन दुःख की बात यह है कि स्कूल-कालेजों में दी जाने वाली शिक्षा महज रोटी कमाने का जरिया भर बन कर रह गयी है। व्यक्तित्व का निर्माण करने वाली और जीवन उद्देश्य को पाने के लिए आवश्यक समझदारी को विकसित करने वाली शिक्षा का बिलकुल अभाव हो चला है।
अगर किसी व्यक्ति को शुरुआत से ही बेहतर शिक्षा मिल सके, तो उससे उसे अपने attitude को हमेशा positive रखने में बेहद मदद मिलेगी, जो उसके लिए आगे चलकर अमूल्य सम्पदा सिद्ध होगी।


3. Experience (अनुभव) –
जीवन को अगर अनुभवों की एक सतत श्रंखला कहें तो कुछ गलत नहीं होगा। अनुभव स्वयं में सही और गलत कामों से पैदा हुई समझ का परिणाम है। जिंदगी में समय-समय पर होने वाले अच्छे और बुरे अनुभव हमारे जीवन के प्रति द्रष्टिकोण को निर्धारित करते हैं। अच्छा अनुभव होने पर हमारा नजरिया भी सकारात्मक होता जाता है।
और अनुभव बुरा होने पर नजरिया नकारात्मक होने लगता है। देखा जाय, तो अनुभव के नतीजे, भविष्य को भी प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं।


सकारात्मक नजरिये के लाभ
वैसे तो एक Positive Attitude के फायदे आदमी जिंदगी भर पाता है, लेकिन उनमे से इन चार चीज़ों को सबसे ज्यादा जरूरी कहा जा सकता है 


1. सकारात्मक द्रष्टिकोण आपके व्यक्तित्व को आकर्षक और प्रभावशाली बनाता है।

2. आप परिस्थितयों के साथ सामंजस्य बिठाने में सक्षम हो जाते हैं।

3. आपका जीवन हमेशा सुख-शांति से पूर्ण रहता है।

4. आप समाज, देश और संपूर्ण विश्व के लिए कुछ करने की योग्यता हासिल कर लेते हैं।

अगर इन चार बिंदुओं पर गहराई से सोचें, तो पायेंगे कि इन्हें पाना हर व्यक्ति के जीवन का लक्ष्य है। हम सभी चाहते हैं कि हमारा व्यक्तित्व अत्यंत आकर्षक हो; सभी हमसे प्यार करें, हमें सम्मान दे। जीवन हमेशा खुशियों से भरा रहे; कभी भी दुःख न हो; इसका यह अर्थ मत समझिये कि जीवन में कोई विपरीत घटना उपस्थित न होगी।


सुखी जीवन का आधार है नजरिया

तात्पर्य यह है कि हम अपने मन-बुद्धि पर पड़ने वाले उसके नकारात्मक प्रभाव को दूर रखने में सफल रहेंगे। आप अपने देश और समाज के लिए कुछ महत्वपूर्ण कार्य कर सकने में सफल होंगे, ताकि जीवन के अंत में आपको इसका अफ़सोस न हो कि मै जीवन भर केवल अपने लिए ही जिया। आपको हमेशा इस बात का संतोष रहेगा कि आप दूसरों की उन्नति में भागीदार बने।

इसके अलावा लोगों का सहयोग, उनका प्रेम और तनाव से मुक्ति समेत अनेकों लाभ हैं, जो positive attitude पर निर्भर हैं। अब तो आप समझ ही चुके होंगे कि Attitude की जिंदगी में क्या अहमियत है? यह वास्तव में उससे कहीं ज्यादा जरूरी है, जितना हम इसे समझ सकते हैं। इस दुनिया में ऐसे लोगों की संख्या बहुत कम होगी, जिन्हें पहले ही प्रयास में कोई महत्वपूर्ण सफलता मिली हो।

ज्यादातर लोगों के साथ, तो ऐसा ही हुआ है कि उन्हें सफलता के लिए लम्बे समय तक कई बार प्रयास करना पड़ा। बड़ी सफलता का अर्थ है – बड़ी मुसीबतें, कठोर परिश्रम। और उन मुसीबतों से जूझने लायक शक्ति आपमें हमेशा बनी रहे, इसके लिए जरूरी है कि आपका Attitude हमेशा positive बना रहे। ध्यान रखिये, अगर positive attitude सफलता की सीढ़ी है, तो negative attitude पतन का रास्ता है।



किस्मत बदलने के लिए सबसे जरूरी क्या है



आपने कई ऐसे लोगो के मिसाल सुनी होगी जिन्होंने अपनी जिन्दगी के शुरुआती दौर में कुछ खास नहीं किया लेकिन अचानक से कुछ ऐसा काम किया जिससे उन्हें एक अलग पहचान मिल पाई. कुछ लोगो ने अचानक से कुछ आविष्कार कर दिए तो कुछ ने नई खोज, कुछ लोग एक सफल अभिनेता बन कर सामने आये तो कुछ नेता. कई लोग इसे kismat का साथ मानते है लेकिन बिना काबिलियत के किस्मत (kismat) भी किसी का साथ नहीं देती. लेकिन कई बार अचानक से कोई नया काम कैसे हो जाता है? कैसे जो हम पहले नहीं कर पाए वो एकदम कर लेते है?

इस विषय पर अमेरिकन साइकोलोजिस्ट एडवर्ड टोलमन (Edward Tolman) ने एक शोध किया. उन्होंने चूहों के 3 समूह को पर एक experiment किया और उन्हें एक भूलभुलैया में डाल दिया. पहले समूह के चूहों को भूलभुलैया से बाहर निकलने पर खाना दिया जाता जबकि दुसरे और तीसरे समूह के चूहों को बाहर निकलने पर कुछ नहीं दिया जाता. ऐसा 10 दिन तक किया गया.

जिन चूहों को बाहर निकलने पर खाना दिया गया उन्हें भूलभुलैया का रास्ता याद हो गया जिससे वह जल्दी से भूलभुलैया के बाहर आ जाते वही दूसरी और जिन चूहों को बाहर निकलने पर कुछ नहीं दिया जाता उन्हें  भूलभुलैया को सुलझाने में ज्यादा समय लगता. 11 वे दिन जब दुसरे समूह के चूहों को बाहर निकलने पर खाना दिया गया तो पाया गया की वह भी अचानक से ठीक उतने समय में ही भूलभुलैया को सुलझा रहे है जितना की पहले समूह के चूहे. यानी दोनों समूहों के चूहों को भूलभुलैया का हल पता था क्योकि एक को अपना लक्ष्य यानि खाने का पता था वही दुसरे के पास बाहर आने का कोई लक्ष्य नहीं था लेकिन जैसे ही उसे भी अपना लक्ष्य मिला उसने भी अचानक से ठीक उतना ही समय लिया .
इसे Tolman ने latent learning का नाम दिया. यह वह learning है जो स्पष्ट दिखाई नहीं देती लेकिन जैसे ही कोई लक्ष्य या motivation दिखाई दे इसका प्रभाव तुरंत देखने को मिलता है.

यही चीज हम इंसानों पर भी लागु होती है. हम सब में कुछ न कुछ काबिलियत जरुर होती है लेकिन वह एक कोने में छुपी होती है जिसका पता हमें खुद भी नहीं होता. बिना किसी लक्ष्य के इसका होना या न होने एक सामान होता है. लेकिन जिन्दगी के किसी मोड़ पर जैसे ही कोई लक्ष्य दिखाई देता है तो यह अचानक से बाहर आ जाती है. इसे कुछ लोग सही समय का नाम देते है तो कुछ भाग्य का .हमारे द्वारा कुछ भी सिखा हुआ काम कभी खराब नहीं जाता. जिन्दगी में लक्ष्य यानि target या goal का होने बहुत जरुरी है. इसके बिना काबिलियत का कोई मतलब नहीं है. यही वजह है की कुछ लोग अचानक से वह सब कुछ कर जाते है जिसका अंदाजा न उन्हें होता है और न ही किसी और को.

इसलिए जितना हो सके जीने का एक मकसद बनाये. क्योकि बिना किसी मकसद के कुछ पाने के बारे में सोचना मुर्खता है क्योकि अगर आपको ये ही नहीं पता की आपको जाना कहा है तो रास्ते पर हमेशा भटकते रहंगे. और आपकी destiny भी change नहीं होगी.


कैसे अपने जीवन को पूरी तरह बदलें



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एकदम सही ढंग से समस्या को समझें: चाहे आपके जीवन में कुछ भी चल रहा हो, संभवतः आप जानते हैं कि आपका जीवन क्यों अटका हुआ है। क्या यह नौकरी है? आपके दोस्त? आपके रिश्ते? बुरी आदतें? आपका सामान्य दृष्टिकोण? ये पाँंचों या फिर इनमें से कुछ? क्या आप इस बात को स्वीकार करने से डरते हैं कि "वास्तव" में समस्या क्या है? आपको किसी भी चीज को ठीक करने के पहले यह निर्धारित करना ही होगा कि ग़लती कहाँ पर है। शुक्र की बात ये है, कि आपके पास इन सभी बातों के उत्तर मौजूद हैं।संभव है कि आपका जवाब हो "हर चीज।" ज्यादातर हमारे जीवन का एक पहलू दूसरे पहलुओं को भी प्रभावित करता है। इससे डरें नहीं। अंत में, आप ही अपने जीवन को बनाते हैं। चाहे किसी एक चीज को ठीक करने की जरूरत हो या सभी को, यह सब कुछ किया जा सकता है। यह बस थोड़ा और अतिरिक्त काम होगा। आपको अपनी सोच और मानसिकता में कुछ आवश्यक बदलाव लाने होंगे, पर "यह सब कुछ किया जा सकता है।"ऐसे ही ओर अछे articles के लिए जुड़े रहे ( https://normaladvies.blogspot.com ) से।


2
अपने मानसिक अवरोधों (mental blocks) को पहचानें: एक तकलीफदेह काम में फसें रहना समस्या नहीं है—यह समस्या का लक्षण है। एक नई नौकरी के लिए अप्लाई करने से बहुत डरना या अपनी वर्तमान आरामदायक और आसान दिनचर्या को छोड़ने के लिए बहुत आलसी होना। आप इस वाक्यांश को जानते हैं ना "आप खुद अपने सबसे बड़े शत्रु हैं (you are your own worst enemy)?" यही यहाँ पर लागू होता है। आपका सामना किस परिस्थिति से हुआ उस पर आपको सारा दोष नहीं मढ़ना है, पर आपने उसका सामना कैसे किया इसकी जिम्मेदारी आपकी है। किस तरह की सोच रखने के तरीके आपको बेहतर करने के रोक रहे हैं?खुद के बारे में जानना ही एक मात्र तरीका है जिससे आप अपनी सोच बदल सकते हैं। आपकी सोच को बदलना आपके व्यवहार को बदल देता है। और आपके व्यवहार में बदलाव आपके साथ होने वाली चीजों को बदल देता है। अगर आप एक समस्या को खत्म कर देना चाहते हैं, तो आपको इसे जड़ से खत्म करना पड़ेगा। इसलिए जहाँ चीजों को बदल देने की यह बहुत लम्बी और अनावश्यक प्रक्रिया प्रतीत हो सकती है, पर यह है नहीं (कम से कम अनावश्यक वाला हिस्सा तो बिलकुल नहीं)। किसी भी बदलाव को वास्तव में करने के पहले इस पर (आपकी सोच और आपके मानसिक अवरोध) काबू करना सबसे ज्यादा जरूरी है।


3
उन विचारों और विश्वासों पर प्रश्न उठाएं जो आपको दुखी कर रहे हैं: अपने दिमाग पर जोर डालने के लिए आप तैयार हैं? "आप अपने विचारों की एक दुनियाँ में जीते हैं।" इस पर सोचें। अभी अपनी कुर्सी पर बैठें और अपने दिमाग को इसमें लगाएं। अभी जो कुछ भी है वो आपका ही बनाया हुआ है, आपकी सोच का और आपके दिमाग का बनाया हुआ। इस से आपको कुछ निष्कर्षों पर पहुंचना चाहिए:अद्भुत। आप जैसे चाहें वैसे जीने के लिए पर्याप्त शक्तियाँ रखते है। अगर आप विश्वास करना चाहती हैं कि आप मिस वर्ल्ड हैं, तो आप हो सकती हैं। अगर आप इस बात पर यकीन करना चाहते हैं कि आप खुश थे, तो आप खुश होंगे। जब बात आपके जीवन को पूरी तरह बदलने की हो तो सिर्फ आप ही वह व्यक्ति हैं जो यह करने की क्षमता रखता है।वो चीजें जो आपको नाखुश बना रहीं हैं? उनमें से कुछ काल्पनिक हैं। सच है, आपकी नौकरी बहुत घटिया हो सकती है और आप उसे नकार नहीं सकते। आप एक लगभग समाप्त होने वाले रिश्ते में हो सकते हैं, आप बेरोजगार हो सकते हैं, आप किसी भयानक ड्रग की आदत से जूझ रहे हो सकते हैं, आप आत्महत्या करने की सोच में हो सकते हैं, या आप जीवन के ऐसे पड़ाव पर हो सकते हैं जहाँ जिंदगी रुक सी गई हो और आप किसी भी ओर ना बढ़ रहे हों। पर "आप परिस्थिति को कैसे देखते हैं" चीजों को ऐसे पलट सकता है "जिससे वो बेहतर बनेंगी।" और ज्यादा आसान बनेंगी। जानने के लिए यह बहुत आसान है, बेशक; करने के लिए यह उतना भी आसान नहीं है। पर यह जानना कि यह जीवन की सच्चाई और तथ्य है, आधे युद्ध को जीत लेने की तरह है।


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अपने एटीट्यूड (attitude) को काम में लाएं:आपके साथ अच्छी चीजें हों इसके लिए जरूरी है, कि आप सफलता की उम्मीद करने की मानसिकता रखें। क्या आपने कभी किसी पसंदीदा लड़के या लड़की से इस डर के साथ बात करने की कोशिश की है कि आप असफल हो जाएंगें? बिलकुल यही। या तो आप गए ही नहीं, या आप किसी तरह घबराए हुए, डरे हुए और प्रत्यक्षतः असुरक्षित दिखते हुए उस तक पहुँच पाए थे। जीवन में सब कुछ इतना ज्यादा अलग नहीं होता—सफलता पाने के लिए आपको उसकी उम्मीद करना भी आना चाहिए। इसलिए अगर आप नकारात्मक सोच के साथ काम कर रहे हैं, चीजें वैसी ही हो जाएँगी।सकारात्मक सोच पर काम करना शुरू करें। यह काफी उबाऊ काम हो सकता है, इसलिए सिर्फ हर रोज 15 मिनट्स से शुरुवात करें। जब एक नकारात्मक विचार आए, तो इसे बदलने की कोशिश करें। शुरुवात में यह स्वाभाविक रूप से नहीं आएगा, पर आप इसमें बेहतर होते जाएंगे। उन 15 मिनट्स के लिए, "मेरा जीवन बहुत ख़राब है" को जगह "मैं अभी अपने जीवन से खुश नहीं हूँ और इस बारे में कुछ करूँगा" का उपयोग करें। इस पर तब तक काम करें जब तक आप अपने अंदर नकारात्मक विचारों का आना पूरी तरह से रोक ना दें। अपने बैड से बाहर निकल कर कार्यवाही करना बहुत आसान हो जाएगा जब आपका दिमाग तैयार और तत्पर होगा।


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खुद को ताकत दें: न्यूज़फ़्लैश: खुशियाँ समस्याओं को ख़त्म करने से नहीं आतीं। इस दुनियाँ में ऐसे गरीब, भूखे बच्चें हैं जो रोज मुस्कुराते और हँसते हैं। ऐसे बहुत से लोग हैं जो ठीक आपके जैसी परिस्थिति में और अपने जीवित होने पर खुद को भाग्यशाली मानते हैं। इसलिए खुद को वो शक्तियाँ दें जिससे आप खुद को खुश बना सकें, और खुद को सफल होने लायक समझें। खुद को अपने जीवन को नियंत्रित करने दें बजाय इसके कि आप एक निर्दोष तमाशाई होने का बहाना बनाएं। नियंत्रण अपने हाँथ में लें। आप ये समझ चुकें हैं।आप इस पेज पर हैं, इसलिए यह बात साफ़ है कि आपमें कुछ करने की प्रेरणा हैं। बस यही आपको चाहिए और आप अपना लक्ष्य पा सकते हैं! आपको कुछ करने का निर्णय करने की आवश्यकता है। जब आप निर्णय कर लेंगे, चीजें बदल जाएंगी। उन्हें बदलना ही होगा। वो ना बदलें ऐसा हो ही नहीं सकता। इस प्रेरणा पर टिक जाएं और इसे मजबूत होने दें। इसे बढ़ने दें जब तक यह विकराल ना हो जाए। शक्ति की भूख पैदा करें। चीजें बस होने को ही हैं।


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ऐसे किसी शौक या जुनून (passion) को खोजें जिसकी ओर आप काम कर सकें: अपने जीवन को बदलना बहुत मुश्किल है अगर आप जानते ही ना हों कि किस दिशा में जाना है, क्या आप यह जानते हैं? एक शौक, कोई लक्ष्य या सपना होना जिसे पूरा करने के लिए संघर्ष किया जा सके आपको चलने के लिए एक रास्ता दिखाता है—बजाय इसके कि आप घास के एक ढ़ेर में एक ऐसी सुई को खोजें जो वहाँ हो भी सकती है और नहीं भी। तो आपका शौक क्या है? आप अगले छह महीनों में क्या बनना चाहेंगे? एक साल में?क्या आप अपने आपको उसी शहर में रहते हुए देखते हैं? संभवतः एक नई नौकरी के साथ? किसी नए प्रोजेक्ट या व्यवसाय पर काम करते हुए? किसी स्कूल में? अब से कहीं ज्यादा फिट? यहाँ कोई जवाब गलत नहीं है। और आपके पास एक से ज्यादा विकल्प भी हो सकते हैं!




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एक कार्ययोजना (plan of action) बनाएं:अब एक ज्यादा स्पष्ट रास्ता तय हो जाने के बाद, यह समय है कि एक अबद्ध (loose) कार्ययोजना बनाई जाए। आधे दर्जन के करीब ऐसी चीजें चुन लें जो आप उस रास्ते पर जाने के लिए करना शुरू कर सकते हैं जिस पर आप अपना भविष्य देखते हैं। आपको आज से ही शुरू करने की जरूरत नहीं है, आपको कल से शुरुवात करना भी जरूरी नहीं है, पर आपको यह जानने की जरूरत है कि आप कहाँ जा रहे हैं और आप क्या करना चाहते हैं।हमने अंतिम लक्ष्य खोज लिया है (स्कूल वापस जाना, वजन कम करना, धूम्रपान छोड़ना, आदि), अब आप वहां कैसे "पहुँचेंगे"? यह सब उसके लिए ही तो है। कौन से कदम—छोटे कदम, बड़े कदम, चाहे जो कुछ—जिससे आप अपने लक्ष्य की ओर बढ़ सकें? ताकि जब सही समय आए, तो आप तैयार हों, आपको पता होगा कि भविष्य की गर्त में क्या है।


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बेकार के भारी बोझ को उतार फेकें: चाहे यह धूम्रपान छोड़ना हो, अपने अच्छे ना लगने वाले बॉयफ्रेंड का साथ छोड़ना हो या अपने रूममेट के भीड़ भरे अपार्टमेंट को छोड़ना हो, यह सब किया ही जाना है। ये चीजें आपको आगे बढ़ने से रोक रहीं हैं। ये नकारात्मक मानसिकता को बढ़ावा दे रहीं है और बाधाओं को एक बहुत बड़े संकट में बदलने का काम कर रहीं हैं। आपको आंतरिक रूप से इससे तकलीफ होने वाली है, पर आप जानते हैं कि आप यह कर सकते हैं। अपने बेकार के बॉयफ्रेंड को छोड़ना तकलीफदेह है। किसी रद्दी से घर में खुद के दम पर रहना तकलीफदेह है। किसी आदत को छोड़ने पर होने वाली समस्याओं को झेलना तकलीफदेह है। पर आप इन सब चीजों को करने में समर्थ हैं और इनसे अंत में आपका ही भला होगा, बिलकुल सीधे कहें तो, संभवतः आप यह जानते हैं।"अपनी नौकरी छोड़ने" जैसी चीजें एक प्रकार से अलग ही श्रेणी में आती हैं। आज के दिन और युग में, आपको जीवित रहने के लिए पैसों जरूरत होती है। पर यथार्थवादिता से, आप नौकरी छोड़ सकते हैं और अस्थाई रूप से कुछ और कर सकते हैं अगर आपको ऐसा आवश्यक रूप से करना ही पड़े। आप अपने वीकेंड्स का उपयोग नई नौकरियाँ ढूंढ़ने में कर सकते हैं। किसी ने नहीं कहा था की ये बहुत सुहावना होने वाला है। बहुत बार चीजों को बेहतर होने के पहले बदतर होना पड़ता है। आपको अपने प्रयास और काम करने के लिए तैयार रहना ही पड़ेगा।


9
किसी विश्वसनीय सलाहकार को खोजें: क्यों? क्योंकि हम सब को ऐसे किसी की जरूरत पड़ती है- जो अपने सलाह के लिए, सहारा देने के लिए, और सरों को ऊँचा उठाने के लिए जाना जाता हो। अगर आपको लगता है कि आपके जीवन में ऐसा कोई नहीं है जिसे हार का सामना ना करना पड़ा हो, तो संभवतः आप गलत हैं। मनुष्य होने का हिस्सा है, लड़ाइयाँ लड़ना—आपको जरूरत है बस कहने की। अपने सर्किल में हर किसी के घटिया और कठिन इतिहास को जानने की परेशानी आपको झेलनी पड़े इसकी सम्भावना कम ही है।तो भी, इस बात की संभावना ज्यादा है कि जब आप यह वाक्यांश सुनें "किसी विश्वसनीय सलाहकार ((mentor) को खोजें," तो एक या दो नाम आपके दिमाग में आ जाएं। सामान्यतः, यह किसी भी और चीज से ज्यादा स्वाभाविक प्रक्रिया है। अगर आपको किसी से अपना सलाहकार (mentor) होने के लिए कहना पड़े, तो संभवतः वो आपके सलाहकार (mentor) नहीं हैं। यह सिर्फ एक ऐसी भूमिका है जो किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा पूरा किया जाता है जो पहले से ही आपके साथ रहा हो, आपको सलाह दी हो और पहल करता आया हो। आपको उनके प्रति खुला रवैया अपना कर सिर्फ अपने जीवन में उनकी उपस्थिति का फायदा उठाना है और जब जरूरत पड़े तो उनसे मदद माँगनी है।


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बनावटी बनना छोड़ें: अपमानित महसूस ना करें—हम सभी होते हैं। हम सभी उन निमंत्रणों के लिए "हाँ" कहते हैं जिनके लिए हम दरअसल 'हाँ' नहीं कहना चाहते, हम सभी मुस्कुराते हैं और हामी में सर हिलाते हैं जबकि हम अपनी आँखों से नकारात्मक सन्देश भेज रहे होते हैं। हम सभी ऐसी चीजें करते हैं जो समाज ने हमसे कही हैं कि वो ठीक है और उन्हें वैसे ही छोड़ दिया जाता है, उन पर कोई सवाल नहीं उठाया जाता। तो, "प्रश्न पूछना शुरू करें"। सुनिश्चित करें कि जब कोई बात आपको ठीक ना लगे तो आप "नो थैंक्स" जरूर कहें। अभी थोड़ा स्वार्थी बनने और खुद में सुधार लाने का समय है। यह रूखा बनने का बहाना नहीं है—यह वो करने का बहाना है जो "आप" करना चाहते हैं।अगर आप जो हैं वही बने रहते हैं तो यह दूसरों की भावनाओं को आहत नहीं करेगा। किसी प्रस्ताव को यह कह कर नकार देना कि "धन्यवाद पर नहीं। मुझे ये ठीक नहीं लग रहा," अपमानजनक नहीं है। लोग इसके आगे भी प्रश्न पूछ सकते हैं, पर उन्हें किसी स्पष्टीकरण की जरूरत नहीं होती अगर आप नहीं देना चाहते। आप वो कर रहे हैं जो आप अभी हैं। अगर उन्हें इससे समस्या है, तो यह उनकी अपनी समस्या है।



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व्यायाम करें, अच्छे से सोएं और सही आहार लें: आपका दिमाग और शरीर परस्पर संबद्ध हैं—अगर आपका शरीर अच्छा महसूस कर रहा है, तो आपके दिमाग के लिए अच्छा महसूस करना बहुत आसान हो जाता है। एक ऐसे शरीर के मालिक होने के तीन सूत्र जो दुनियाँ का सामना कर सके? व्यायाम करना, पर्याप्त और क्वालिटी नींद लेना और स्वास्थ्यप्रद आहार लेना। अगर आपके पास इन चीजों के लिए समय नहीं है, तो "समय निकालें।" आप खुद के प्रति इसके लिए आभारी हैं।व्यायाम के लिए, हफ्ते में 3 या 4 "सत्र" व्यायाम करने का प्रयास करें। चाहे वह किक बॉक्सिंग की क्लास में जाना हो या अपने पालतू कुत्ते के साथ वाक पर जाना, यह सभी अच्छा है। बस बाहर निकलें और इस पर अडिग बने रहे। आपको संदेह है कि इससे क्या फर्क पड़ता है? शोध बताते हैं कि व्यायाम आपको ज्यादा खुश बना सकता है।[१]पर्याप्त नींद लें—आपके निर्णय लेने की क्षमता इस पर निर्भर करती है। गंभीरता से।[२] जब हमारे शरीर थके हुए होते हैं, तो हम वास्तव में यह निर्णय करने की हालत में नहीं होते कि हमारे लिए क्या अच्छा है। क्या आपको उदाहरण की जरूरत है? वह देर रात का चलुपा (chalupa) खाने का जो निर्णय आपने किया था वह एक अच्छा आईडिया था। जब बात सीधे आपके जीवन की होती है, तब वास्तव में फर्क पड़ता है। इसलिए हर रात 7-9 घंटे की अपनी नींद पूरी करें। यह आपके दूसरे 15-17 घंटों को प्रभावित करता है उससे कहीं ज्यादा जो हम स्वीकार करना चाहते हैं।आपका आहार भी आपके मूड को प्रभावित कर सकता है।[३] साबुत अनाज, फल और सब्जियों से भरपूर आहार लेना और लीन मीट और लो-फैट डेरी उत्पादों का ही उपयोग करना आपको वो ऊर्जा प्रदान कर सकता है जिसकी आप पहले कमी महसूस कर रहे थे।

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खुद को प्रेरित करें: छोटी छोटी चीजें वास्तव में बड़े फर्क पैदा करती हैं। सुबह स्नूज़ बटन दबाने की बजाय सुबह जल्दी से अपने बैड से बाहर आना आपको कहीं अधिक ऊर्जावान होने की अनुभूति करवाता हैं, भले ही तर्क इसके विपरीत हो। जोश दिलाने वाला संगीत सुनना, खुद के लिए छोटे छोटे सकारात्मक नोट्स छोड़ना, और उठाए हुए क़दमों के लिए खुद को ईनाम देना—यह सब इकट्ठा होता है और आपको अपने सही रास्ते पर बनाए रखता है।अपने अलार्म को किसी कमाल की ध्वनि से बदलें। अगर आप हम बाकी लोगों जैसे ही हैं, तो आप सुबह जागते हैं और आपके दिमाग में एक ही बात आती हैं "... नहीं।" अपने दिन को नकारात्मकता के साथ शुरू करना बाकी बचे पूरे दिन में बाधा बन सकता है। इसलिए जितनी संभव हो उतनी सकारात्मक शुरुवात करें। अपने अलार्म को ऐसी किसी चीज से बदले जो आपको स्फूर्ति से भर दे (यह आपका पसंदीदा कुछ भी हो सकता है)। "नहीं" आपके मन को बहुत निराश कर सकता है और वह भी उससे कहीं ज्यादा आसानी से जितना आप सोच सकते हों।



खुद के बेहतर स्वरुप को विकसित करना


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एक दिनचर्या/रूटीन विकसित करें: अध्ययन दिखाते हैं कि जो लोग सफल और संतुष्ट हैं उनकी सामान्य तौर पर एक दिनचर्या या रूटीन होता है जिसका वो पालन करते हैं। दिनचर्या जिसका वो पालन करते हैं वो निश्चित रूप से, संभवतः सारे दिन बैड में पड़े रह के फ्राइड चिकन खाते रहना नहीं होता। पर महत्वपूर्ण बात ये है कि उनकी दिनचर्या उन्हें "ऊर्जा संरक्षित" करने देती है। जब आपकी एक दिनचर्या होती है, तो आप अपने नियमित काम में अपने सामने आने वाली समस्याओं को हल करने और उनसे निजात पाने में अपने दिमागी ध्यान को खर्च करने में ज्यादा समर्थ होते हैं। आप एक दिन में एक निश्चित संख्याँ में ही निर्णय कर सकते हैं और यह दिनचर्या आपको महत्वपूर्ण मुद्दों के लिए ऊर्जा की बचत करने देती है।[४]आपकी दिनचर्या में ऊपर बताई गई तीन चीजें सम्मिलित होनी चाहिए (आहार, व्यायाम करना और सही नींद लेना) और ऐसा कुछ भी जो आपको खुश करता हो। बस थोड़ा सा काम, थोड़ा सा खेल, और कुछ खुद को सुधारने के लिए कुछ समय, चाहे वो कोई भी रूप ले (ध्यान/नौकरी ढूंढ़ना/स्कूल वापस जाना, आदि।)


2
किसी भी चीज पर अपने सबसे महत्वपूर्ण निर्णय सुबह के समय लें: क्यों? क्योंकि सुबह के समय आपके भावनात्मक और शारीरिक रूप से थके हुए या शक्तिहीन होने की संभावना सबसे कम होती है। निर्णय लेने की थकान वास्तव में कोई चीज होती है—जैसे वो बेकार की सोच से जन्मी देर रात चालूपा (chalupa) खाने की सोच। रात तक, हम सारे दिन में इतना सारा काम कर चुके होते हैं, कि हम खुद को जोखिम में डालते हैं और खुद के वर्तमान स्वरुप को अपने भविष्य के स्वरुप के लिए ख़राब निर्णय करने देते हैं। ऐसा मत करें!इसलिए जब कोई बड़ी चीज रात के समय आपके सामने आ जाए, तो उसे सुबह के लिए छोड़ कर सो जाएं। आप सबसे अच्छा काम करने का तरीका निर्धारित करने के लिए जितनी संभव हो उतनी ज्यादा ऊर्जा चाहते हैं।


3
दयालुता के बिन सोचे समझे या अनियोजित काम करें: जीवन में महान और बड़ा बनने का सबसे आसान तरीका है दूसरों पर ध्यान देना। दुनियाँ को एक बेहतर स्थान बनाने के अलावा—यह आपके लिए आसान होता है और इससे अच्छा महसूस होता है। और कुछ क्षणों के लिए आप अपनी समस्याओं को भूल जाते हैं और दूसरों की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इसे सिर्फ पसंद किया जा सकता है, है ना?दूसरों की मदद करना हमें अन्य किसी भी चीज से ज्यादा रोमांच और उत्साह देता है। और ऐसा करना तब हमें ढ़र्रे से बाहर आने में भी सहायता करता है जब हमारे पास खुद की मदद करने के लिए पर्याप्त ऊर्जा नहीं होती। तो चाहे यह किसी अनाथाश्रम में कुछ चीजों का दान करना हो या बेघरों के लिए बनी जगहों पर स्वयं सेवा करना, इसे आजमाएं। और कुछ नहीं तो इससे आप खुद को सुरक्षित करने के लिए कुछ अच्छे कर्म संचित कर सकते हैं!ऐसे ही ओर अछे articles के लिए जुड़े रहे ( https://normaladvies.blogspot.com ) से।



4
खुद को सही लाइन में लाएं: कोई भी 0 से 60 की रफ़्तार तक 3.5 सेकण्ड्स में नहीं पहुँच सकता, और आपको भी खुद से यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए। हम सबको मदद की और सही दिशा में एक धक्के की जरूरत होती है। आप जानते हैं? कोई भी ओलिंपियन बैठे हुए रेस की शुरुवात नहीं करेगा। इसलिए जो खुच भी आपको करना पड़े, उसे करें।इसलिए उस क्लास के लिए साइन-अप करें। एक थेरेपिस्ट को खोजें। अपनी नौकरी की तलाश में गंभीर हो जाएं। ऑनलाइन डेटिंग को अपनाएं। अलकोहॉलिक्स एनोनिमस (Alcoholics Anonymous) ज्वाइन करें। अपनी माँ को कॉल करें अपनी गलतियों की माफ़ी मांगें और गलतफ़हमियों को दूर करें। उस जिम को ज्वाइन करें जिसके सामने से होकर रोज आप अपने घर से काम पे जाते हैं। पहला कदम सबसे कठिन होगा और वहाँ से सब कुछ आसान हो जाएगा।


5
वो करें जो आप करना चाहते रहे हैं: आपने अपने दिमाग को सही कर लिया है, आपने अपने शरीर को सही कर लिया है, और अब वो चीज करने का समय है तो आप करना चाहते रहे हैं। वो चीज जो करने से आप डरते रहे हैं। आपको उस असहज स्थिति का सामना करना ही होगा। एक समय में बस एक कदम, चाहे आपके जीवन को पूरी तरह बदल देने का मार्ग कितना ही लंबा क्यों ना हो।वो क्लास जिसके लिए आपने साइन-अप किया है? जाएं। आपका थेरेपिस्ट? उसका अपॉइंटमेंट लें। नौकरी के लिए रिजयूम्स (resumes) सबमिट करें। डेट्स पर जाएं। मीटिंग्स अटेंड करें। एक फैमिली लंच की पहल करें। उस ट्रेडमिल पर व्यायाम करें। खुद पर हैरान रह जाना और उन चीजों/बातों पर भी जो आप बना सकते हैं इतनी अच्छी अनुभूति होगी कि इसे रोकना मुश्किल होगा।


6
समय समय पर पुनर्मूल्यांकन करें: इसे अपनी आत्मा के लिए एक आहार की तरह लें। कोई भी आहार जो काम ना करें उसे छोड़ देने की जरूरत है, इसलिए नियमित मूल्यांकन जरूरी है। क्या आपने बेहतर महसूस करना शुरू किया है? क्या चीजें धीरे धीरे पर निश्चित रूप से ठीक हो रहीं हैं? क्या आप अपने किए जा रहे प्रयासों को बनाए रख सकते और बढ़ा सकते हैं? ठीक वैसे ही जैसे आपको आगे बढ़ने पर अपने व्यायामों की तीव्रता बढ़ानी होती है, आपको अपने दिमाग पर भी ज्यादा जोर डालने की जरूरत होती है।जो चीज आपके लिए अभी काम कर रही है कुछ हफ़्तों बाद आपके लिए पर्याप्त नहीं भी हो सकती। एक बार आप अपने शुरू किए हुए प्रयासों पर पकड़ बना लें, तो उन्हें धीमे धीमे बढ़ाते रहें। जीवन में ऐसी बहुत कम चीजें हैं जिन्हे एकदम से किया जा सकता है, और यह उनमें से एक नहीं है।ठीक इसी तरह, जो आप सोचते हैं काम करेगा वह काम नहीं भी कर सकता। अगर ऐसा मामला हो, तो अपने सलाहकार (Mentor) से बात करें और सलाह लें कि आपको क्या करना चाहिए। क्या कुछ ऐसा है जिसमें आपको जोर लगाने की जरूरत हो, पूरी तरह छोड़ देने की जरूरत हो या आपको कोई और युक्ति अपनाने की जरूरत है?


7
हार मानने से इंकार करें: इस समय आप बहुत अस्थिर स्थिति में हैं: एक गलत कदम आपको आप जहाँ थे वहीँ वापस गिरा सकता है। इसलिए इस समय, प्रेरित रहने पर ध्यान केंद्रित करें। सकारात्मक सोच पर ध्यान केंद्रित करें। अपनी साँसों पर ध्यान दें। अपने काम करने पर ध्यान केंद्रित करें। अगर आप हार मानने से इंकार कर देते हैं, तो बताइए क्या होगा? आप नहीं हारेंगे।अवरोध होते हैं। ये बिना किसी चेतावनी के आ जाते हैं और कई बार बिना किसी कारण के। कार ख़राब हो जाती है, रिश्ते लड़खड़ा जाते हैं, तलब और ज्यादा गंभीर और बुरी होती जाती है। यह जानना कि ऐसा होगा महत्वपूर्ण है—इस तरीके से, आप थोड़े तैयार होते हैं और खुद पर इल्जाम नहीं लगाते। ये समस्याएं सब के साथ होती हैं और ये जीवन का एक हिस्सा हैं। आपको बस इन्हे पार करते चलते रहना है।



जिन्दगी की नयी शुरुआत कीजिये



life की इस भागदौड़ में भागते भागते कभी अचानक से आपको ख्याल आता है और भी कुछ है जो आप मिस कर रहे है और आप अपनी life को बदलना चाहते है और कभी कभी आप इसके लिए मेहनत करने को भी तैयार होते है कि चाहे जो कुछ भी हो जाएँ मुझे life को थोडा और संजीदा बनाना ही है कुछ ऐसी जिसकी आप हमेशा से ख्वाहिश रखे हुए थे लेकिन फिर भी महत्वाकांक्षाओ ने आपको इस बारे में सोचने ही नहीं दिया तो चलिए हम बार करते है कुछ ऐसे पहलुओ के बारे में जन्हा से आप start कर सकते है
इसलिए हम सबसे पहले कुछ बेसिक बातों से start कर सकते है जिनमे सबसे पहले है


खुद में गलतियाँ ढूँढना कम करे

नयी शुरुआत के लिए सबसे पहले है आत्मावलोकन और इसमें सबसे पहले है कि अपने बारे में सकारात्मक विचार (positive attitude) रखे और खुद में गलतियाँ ढूँढना कम करें और आप जो भी है जैसे भी आप खुद की सम्पति की तरह होते है इसलिए कभी भी अपनी त्वचा के रंग ,लम्बाई , और बुद्धिमता  जैसी चीजों के लिए खुद को कम नहीं आंके | क्योंकि सामने वाले के मन में हमारे लिए क्या इमेज बनती है यह हमारे बर्ताव पर depend करता है इसलिए अपने बारे में कुछ भी बदलने से पहले जरुरी है आप सबसे पहले अपने बारे में यही ख्याल बदले और अगर आप खुद को दुनिया के सामने स्वीकृति नहीं दे पाएंगे और खुद को नहीं समझेंगे तो दुनिया आपके बारे में समझे इसके अवसर कम ही होते है |

नकारात्मक नहीं रहे

हाँ कभी कभी चीजों को दूसरे point of view से देखना अच्छा है लेकिन फिर भी जरुरत से अधिक नकारात्मक और निराशावादी विचारों (negative thoughts) से दोस्ती नहीं करें और ना ही ऐसा कोई साहित्य पढ़े जिस से आपके मन में नकारात्मक विचार के लिए जगह बने | जब हम खुश होते है और आशावादी (hopeful) होते है तो तमाम तरह की घटनाओं में उनका पॉजिटिव पार्ट (positive attitude) ही देखते है लेकिन जब निराशावादी (de motivated ) होते है हम सकारात्मक पहलुओं को भी नकारात्मक तरीके से देखने लगते है इसलिए इस बारे में ध्यान रखे और चीजों को सकारात्मक लें |


शरीर पर ध्यान दे

जब हम ताजा ताजा जवान होते तो आकर्षक दिखने के चक्कर में जाने क्या क्या करते है लेकिन कुछ जिम्मेदरियों (responsibilities) के बोझ के तले दबकर हम अपने शरीर के लिए थोड़े careless हो जाते है जबकि यह सही नहीं है अगर आपका शरीर ही ठीक से काम नहीं करेगा तो अपमे productiviy कैसे आयेगी और कोई भी काम को करने में आपका दिमाग आपका जितना साथ देता है वो केवल इसलिए होता है कि आपका शरीर भी सही स्थिति में है बीमारियों से भरे तन में कभी भी एक अच्छे विचारों वाले दिमाग की उम्मीद करना बेमानी है इसलिए ध्यान दे अपने शरीर को सही और स्वस्थ रखने के लिए थोड़ी मेहनत करे और सुबह सुबह बाहर निकले साथ ही कुछ हल्के फुल्के व्यायाम के साथ अपने शरीर को स्वस्थ बनाएं रखे | दिन की बेहतर शुरुआत कैसे करें जानने के लिए आप यंहा क्लिक कर सकते है |

सकारात्मक

सबसे महत्वपूर्ण बात है अपने घर को सकारात्मक उर्जा (positive energy) से भरपूर बनाये और इसके लिए आवश्यक है वंहा आपने क्या क्या चीज़े रखी है जो आपके काम की नही है क्योंकि हम कमरे में सफाई करने के आलस में बहुत सारी ऐसे सामान को भर देते है जिनका निकट भविष्य में कोई इस्तेमाल नहीं है और ऐसी भी बहुत सारी चीज़े होती है जो हमे अपने अतीत के बारे में याद दिलाती है और वो अच्छा नहीं हो तो आपका मूड बिगड़ सकता है क्योंकि चीजों से यादे जुडी होती है इसलिए अगर संभव हो तो जो सामान जरुरी नहीं है उसे कमरे से हटा दें और कमरे में या घर में केवल ऐसी चीज़े रखे जो आपकी life में अच्छी यादों से जुडी और आपकी life में सकारात्मकता लेके आये |



लाइफ बदलनी है तो पहले खुद को बदले



अगर आपको अपनी लाइफ बदलनी है तो इसका आसान सा रास्ता है की पहले आपको खुद को बदलना होगा. हम लोग करते क्या है.. हम हमेशा बाहरी चीजो को बदलने की सोचते है.. हम बहाने ढूंढते है.. अपने किसी काम में फ़ैल होने पर दुसरे व्यक्ति को दोष दे देते है. ऐसा करने पर हम खुद के पैर पर ही कुल्हाड़ी मारते है. जब तक हम बाहरी चीजो को छोड़कर खुद को बदलने की नहीं सोचेंगे.. हमारी लाइफ कभी बदल नहीं सकती.

बाहरी चीजो पर Depend रहने पर हम बाहर से अपने लिए खुशियाँ व संतुष्टि ढूंढने लग जाते है जो की Temporary होती है. हम इस दुनिया को चाहे कितना भी बदलने का प्रयास करे, तब भी हम इस दुनिया को बदल नहीं सकते.
यह दुनिया वैसे ही रहेगी जैसी आज है. चाहे आप अपनी पूरी ज़िन्दगी ही इसे बदलने के लिए क्यों न लगा दे. पर आप इसे बदल नहीं पाओगे.

माना अगर आपकी Relationship बहुत ख़राब चल रही है और उस रिश्ते में आप Physically And mentally काफी परेशान हो रहे हो तो इससे निकलने का एक ही तरीका है की आप इस रिश्ते को संभालो या फिर इस रिश्ते को पूरी तरह से तोड़ दो.

अगर आप सोचोगे की जो होगा देखता रहूँगा तो आप बुरी तरह Tension में घिरे रहोगे.. आपको Act करना ही पड़ेगा.
ऐसे मौके पर कई बार अपने पार्टनर को समझाना मुश्किल हो जाता है और तब उसकी अच्छी यादें हमें परेशान कर देती है.. इस वजह से हम सोचते है की इस रिश्ते से बाहर निकलने पर मैं उसके बिना कैसे जिऊंगा. ऐसे में आपको खुद को बदलने की सोचना चाहिए.

आपको अपनी लाइफ में अगर खुश रहना है तो आपको किसी बाहरी चीज को बदलने की जरूरत नही है बल्कि खुद को बदलने की जरूरत है. खुद की सोच, नजरिये व एफर्ट को अगर बदल लिया जाए तो आपकी लाइफ पहले से कही ज्यादा आसान हो जाएगी और आप अपनी लाइफ में happy रहने लगोगे.


1,अपनी सोच बदले दुनिया बदलने लग जाएगी

आपकी लाइफ अभी जिस भी कंडीशन पर है वह आपकी सोच के कारण ही है. यह आपकी सोच ही है जो किसी चीज को सही तो किसी चीज को गलत बताती है. सोच में अगर फर्क आ जाये तो काफी चीजे अपने आप बदली हुई नजर आयेंगी. आपके साथ दिनभर में कुछ भी होता है उस स्थिति में आपके पास हमेशा 2 Option होते है.
एक Positive Side और दूसरा Negative Side. So, आप हमेशा पॉजिटिव चीजो पर ही ध्यान रखे. Always Positive चीजो पर ही Focus रखे. हर चीज के नेगेटिव साइड को भी देखो और पॉजिटिव साइड को भी पर हमेशा चुनो पॉजिटिव साइड को.


2,अपना नजरिया बदले सबकुछ बदल जायेगा

आपके साथ कोई घटना घटी तो आप उस स्थिति को किस प्रकार से देखते है, यह हमारा नजरिया तय करता है. अगर आपका नजरिया सही होगा तो आप उस स्थिति में सही चीजो को देखोगे और अगर नजरिया सही नहीं है तो आप उस स्थिति में उसके नेगेटिव Impact को देखोगे. इसलिए कोशिश करनी चाहिए की आपका Attitude सही रहे. वह हर कंडीशन में सही चीजो को देखे.
आप कोई जॉब करते हो और वह Job आपकी छीन ली गयी तो आप उस कंडीशन में उदास होकर मत बैठिये. बल्कि सही नजरिये से देखे की शायद कोई अच्छी जॉब आपका इंतजार कर रही हो.


3,अपने Effort में Changes करे

कई बार आप कोई काम करते हो और उस काम में आप कई बार Fail हो जाते हो तो इससे हार न मान ले. आप अपने एफर्ट पर ध्यान दे. शायद आप जिस तरीके का इस्तेमाल अपने काम को पूरा करने के लिए कर रहे हो वह शायद गलत हो. आपका मकसद तो सही है पर शायद आपका उस काम को करने का तरीका गलत हो सकता है.

ऐसे मौको पर जब भी आपको एक तरीके से एफर्ट लगाने पर भी रिजल्ट आपके मन मुताबिक नहीं आता है तो तब आपको अपने काम करने के तरीके को बदल लेना चाहिए और तब तक बदले जब तक काम पूरी तरह से सफल न हो जाए.


4, Self – Improvment पर ध्यान दे

लाइफ में आगे बढ़ते जाना है तो Self – Improvment को अपना मन्त्र बना ले. आप जब छोटे होंगे तब आपमें कई बुराइयाँ होंगी और अब आपने उन कई बुराइयों को दूर कर दिया होगा.. यह आपके Self – Improvment को बताता है. जब हम खुद का Self – Improvmentकरते है तब हम पहले से बेहतर बनते जाते है.

अपनी कमियों व कमजोरियों की ओर हमेशा ध्यान दे और कोशिश करे की इन्हें जल्दी से जल्दी दूर किया जाए. जब आप अपनी कमियों को दूर करने लग जाओगे तो आपकी लाइफ बदलने लग जाएगी.. आप खुद में देखोगे की आपकी personality develop हो रही है. साथ में नई व Good Habits को भी अपनी लाइफ के साथ Connect करते रहे.

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5, हमेशा खुद पर डिपेंड रहे

हमेशा happy रहने का एक तरीका सबसे बढ़िया है की हमेशा खुद पर डिपेंडेंट रहे. कभी भी किसी और के भरोसे मत बैठे रहिये. अगर किसी और के भरोसे बैठोगे तो आपको दुःख ही मिलेगा. दूसरो पर Depend रहने की अपनी आदत जल्दी से बदल दे. दूसरा आपके लिए अगर कुछ करता है तो उसका अहसान माने पर कभी भी किसी पर डिपेंड रहने की न सोचे.

इससे आप अपनी लाइफ आसान नहीं बनाते बल्कि आपको दूसरो के भरोसे रहने की आदत पड़ जाती है. जो की आपकी लाइफ के Future के लिए कदापि उचित नहीं होगा. जब आप सेल्फ – डिपेंडेंट (Self-Dependent) होने लग जाते है तो आपका खुद पर Confidence भी काफी बढ़ने लग जाता है जो की लाइफ को आसानी से जीने के लिए बेहद जरुरी है. इसलिए दूसरो के भरोसे नहीं खुद के भरोसे रहे.

दोस्तो , हम सब के अंदर वह power है जो हमें किसी प्रभावशाली व्यक्ति के अंदर दिखती है बस अंतर सिर्फ इतना होता है की वह अपने अंदर की ताकत को जानकर खुद की आवाज को सुनता है वही हम खुद की आवाज पर भरोसा न करते हुए बाहरी चीजो की ओर आकर्षित हो जाते है. दूसरो की बातें मान लेते है और खुद के अंदर की आवाज को सुनने की कोशिश भी नहीं करते.

इसी वजह से हमारी लाइफ में कई Problems आती है व हम निराशा वाला जीवन बिताने लग जाते है दोस्तो खुद के अंदर की आवाज सुने, खुद को अंदर से बदले और अपनी लाइफ को बदलकर बेहतर बना ले.



खुद को कैसे बदले



अगर आप को खुद को बदल न है तो पहले तो एक बात आने दिमाग मे दाल ले कि आप एक दम परफैक्ट है



कभी खुद को हारा हुआ न मानना

जैसा की हम सब जानते है की यदि कोई भी व्यक्ति यदि Life में Success को पाता है तो वह सिर्फ एक दिन या अचानक की गयी मेहनत का परिणाम नही होता है Success तो किसी भी व्यक्ति की दिन रात एक लम्बे Time की गयी मेहनत और सही दिशा में किया कार्यो का परिणाम होता है जो की बहुत ही कम लोग ऐसा कर पाते है क्यू की सब यही सोचते है की अगर कोई shortcut मिल जाए तो हम भी Success हो जाए लेकिन ऐसा होना कदापि Possible नही है

और सबसे बड़ी बात यह है की जो व्यक्ति अपने Life में Workhard यानी कठिन मेहनत करना जानता है और चाहे कितना भी बड़ा या अधिक उसके पास Workload हो जाए लेकिन Success Person जो होते है वे इन कामो को करने से घबराते नही है बल्कि उसी Time से बिना Time गवाए उस Work को Finish करने के लिए अपना Planning शुरू कर देते है ऐसे व्यक्ति अपनी Life में कभी भी Fail नही होते है


अपना Aim निर्धारित करना

दोस्तों बने बनाये रास्ते पर तो चलना हर कोई Like करता है जबकि जो Success व्यक्ति अपना रास्ता खुद से बनाते है यानि कहने का मतलब यही है की जब हमारी Life शुरू होती है तो हम सबसे पहले Study, फिर Job या Business फिर अपने Family में Busy हो जाना Life यही तक सीमित जाती है लेकिन जो लोग अपनी Life में कुछ अलग या नया करना चाहते है वे सबसे पहले अपने Life का Aim निर्धारित करते है फिर उसे पूरा करने के लिए अपनी Life को भी उसी के अनुसार ढाल लेते है यानी जब कोई बच्चे को Computer में ज्यादा Interest होता है तो वह अपना सबसे पहले Time Study में तो देता ही है लेकिन अपने Study के कामो को जल्दी से खत्म करके वह Computer में लग जाता है यानी उसे जब Computer चलाना Achha लगता है तो वह खाली Time इधर उधर Waist न करके अपना सारा ध्यान Computer को सिखने और उससे जुडी सारी जानकारिया हासिल करने में ही लगा देता है

दोस्तों कहने का मतलब यही है जिस काम में हमे करने में Achha लगता है या जिस भी Field में हमे अपना Career बनाना है तो उसके पाने के लिए खुद के अन्दर एक जूनून जगाना पड़ता है


कोशिश करना


दोस्तों जैसा की कहा भी गया है कोशिश करने वालो की हार नही होती है उसे अपने Life में Success एक न एक दिन जरुर मिलती है अक्सर जब लोग पहली बार में यदि अपने किसी भी Field में Fail हो जाते है सबसे पहले उनका यही Reaction होता है की ये हमसे नही होगा लेकिन दोस्तों जो व्यक्ति Real में Success पाना चाहते है वे कोशिश करना कभी नही छोड़ते है क्यू की उन्हें लगता है अगर हम मेहनत कर सकते है तो Success तो पहली बार में नही तो अगली बार तो जरुर मिलेगी, ऐसे हौसला वे अपने अंदर बनाए रखते है जो की Success पाने के बहुत ही अहम होता है


खुद पर विश्वास .


दोस्तों विश्वास एक ऐसी चीज है जो की हमे यदि अपने आप पर न हो तो हम अपने Life में अपने आप से कुछ भी नही कर सकते है हमारी जिन्दगी दुसरो के भरोसे अधीन हो जायेगी यानी यदि हम सबको अपने आप पर विश्वास हो तो चाहे हमारा लक्ष्य कितना भी बड़ा क्यू न हो हम सबसे पहले अपने आप से यही Question करे है क्या ये हम कर पायेगे या क्या ये हमसे हो पायेगा तो हमारा विश्वास ही ऐसा होता है जो Answer अपने आप से मिलता है की यदि Success Person ऐसा कर सकते है तो हम क्यू नही कर सकते है यानी खुद को Motivate करने में अपने आप पर विश्वास होना बहुत ही अहम है

और जिन लोगो को अपने आप पर विश्वास होता है वे किसी भी बड़े से बड़े Work करने में हिचकिचाते नही है वे तो बस अपने धुन में अपने Success की तरफ बढ़ते चले जाते है


दुसरो से तुलना

दोस्तों जब भी हम अपनी Life में Fail होते है हम अपनी तुलना दुसरो से करने लगते है की जो व्यक्ति Success हुआ है उतना मेहनत तो हम भी किये थे लेकिन हम क्यू Fail हो गये तो दोस्तों ऐसा इसलिए होता है की दोस्तों जब तक हमे Success का Result नही मिलता है तो हमे लगता है की हम तो बहुत ही Achhi मेहनत कर रहे है सबकुछ Achha है और हमे लगता है की हम एकदम सही जा रहे है लेकिन इसी बीच हम ये भूल जाते है की हम अपनी तुलना दुसरो से करने लगते है जो की एकदम गलत है हमे तो अपनी तुलना अपने आप से करनी चाहिए की हमे बस इतना ही आता है या हमने बस इतना ही किया है तो हम Kaise Success होंगे तो निश्चित ही हम और अच्छे से अपने Success को पाने के लिए तैयारी करेगे जो की हमारी Success के बहुत ही Achha कदम है

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गंभीरता का होना

दोस्तों अक्सर लोग कहते है की हम बारह से अठारह घंटे पढ़ते है या इतना अधिक Time तक Work करते है फिर भी हम अपनी Aim में Success नही हो रहे है तो दोस्तों ऐसा इसलिए होता है की जब कोई Student इतने अधिक घंटे पढ़ रहा है तो ये Achhi Baat है लेकिन क्या वह जितने अधिक घंटे पढ़ा क्या उसने उस study को Seriousness के साथ पढ़ा यानी हम जो कुछ भी अपनी life में कर रहे है उसे पूरी गंभीरता के साथ की जाय तो उतना अधिक किया गया हमारा मेहनत जरुर सफल होता है

यदि ऐसा हम नही कर रहे है तो अगर अठारह क्या पूरे चौबीस घंटे भी बिना गंभीरता के साथ Work Kare तो हमे कोई एक निश्चित Result मिलता है हमारा सारा मेहनत करना बेकार है


धैर्य का होना

दोस्तों जब भी हम कोई कार्य करते है तो हमे उस कार्य से अनेको उम्मीदे लग जाती है और हमे लगता है की हम अपने किये गये Work में Success होंगे और हमे लगने लगता है की हम पहली बार में ही Success की वो मंजिल हासिल कर लेंगे और जब ऐसा जब हम नही कर पाते है तो हम अपना धैर्य खोने लगते है और हमे लगने लगता है की हम ऐसा नही कर पायेगे और हम अपना धैर्य खोने लगते है और ऐसा होना स्वाभाविक भी है क्यू की एक लम्बे Time की मेहनत जब अचानक से Fail हो जाए तो कोई भी विचलित हो सकता है
और जिसकी सारी दिन रात की अपने Work में लगा हो और उसे Result में यदि Fail मिले तो तो तब वही से हमारी धैर्य की परीक्षा शुरू हो जाती है जो दृढ निश्चय वाले होते है वे तो किसी भी परिस्थिति में अपना नियंत्रण नही खोते है और fail होने पर खुद को अपने आप से दिलासा दिलाते है और मन ही मन निश्चय करते है की वे अगली बार के लिए और अधिक मेहनत करेगे और जो उनसे इस बार गलतिया हुई है उसे दूर कर अगले बार और Achhe तरीके से खुद को तैयार करेगे, ऐसा जो लोग सोचते है और वे ऐसा करते है उनके life में चाहे कितनी भी अडचने क्यू न आ जाये एक न एक दिन वे Success के कदमो को जरुर चुमते है



लक्ष्य कैसे हासिल करे




हर किसी जीवन में कुछ बनने के सपने होते है सपने चाहे छोटे हो या बड़े इसका सबके जीवन में अपना महत्व होता है
क्या आप दुनिया के सबसे सफल व्यक्ति बनना चाहते है ? क्या आप चाहते है दुनिया के लोग आपकी प्रसिद्धि के चलते आपको जाने ? क्या आप चाहते है की दुनिया का हर कोई सफल होकर आप के तरह बनना चाहे तो इन सबके लिए सबसे पहले आपको खुद एक सफल व्यक्ति बनना पड़ेगा और इसके लिए आपको अपने जीवन का एक एक लक्ष्य जरुर होना चाहिए

जरा सोचिये आप जब छोटे थे तब सबकी तरह आप भी पढ़ते गये जो कोई सब्जेक्ट लेता आप भी देखकर वैसा ही करते जाते, थोडा बड़े हुए आपके ही क्लास में कोई सबसे टॉप किया कोई औसत रहा लेकिन यह क्या औसत वाला छात्र आगे चलकर बहुत ही ऊचे पोस्ट को हासिल कर लिया जबकि टॉप करने वाला विद्यार्थी जीवन भर जीवन चलाने के लिए ही संघर्ष करता रहता है तो आपने सोचा है ऐसा क्यों होता है ?
तो इसका सीधा सा अर्थ है जिसने अपने जीवन का लक्ष्य (Life Goals) बनाया था वह अपने लक्ष्य की तरफ धीरे धीरे बढ़ता चला गया जबकि अन्य लोग अपने जीवन में एक के बजाय कई रास्तो पर चलते है जिसके चलते उन्हें करना क्या है किसमें उनका Talent है सब अपने लक्ष्य से भटक जाते है
तो ऐसे में जीवन में सफल होने के लिए जीवन का लक्ष्य होना जरुरी है यदि लक्ष्य बना सकते है तो निश्चित हासिल भी किया जा सकता है तो आईये इस पोस्ट के माध्यम से जानते है जीवन में लक्ष्य कैसे हासिल करे

तो आईये लक्ष्य हासिल करने के लिए इन बातो को जानते है


1 – आप क्या हासिल करना चाहते है इसके प्रति सजग रहे
अधिकतर लोगो को यही नही पता होता है की उन्हें अपने इस जीवन में क्या करना है काफी सोचने के बाद भी किसी ठोस निर्णय पर पहुच नही पाते है की वास्तव ने उन्हें करना क्या है यही कारण है की इतने सफल होने के किताबो के बाद भी लोग अपना औसत जीवन जीते है सो आप यह निश्चित करे की आप अपने जीवन में क्या बनना चाहते है या क्या हासिल करना चाहते है


2 – लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रत्येक चरणों की सूचि बनाये
यह हम सभी जानते है की कोई भी लक्ष्य या जीवन में सफलता रातोरात नही मिल जाती है जैसे किसी मंजिल के शिखर पर जाने के लिए एक एक सीढिया चढने के बाद ही मंजिल के सबसे उपरी हिस्से पर जाते है ठीक उसी प्रकार लक्ष्य को हासिल करने के लिए भी सफलता के लिए सफलता की एक एक सीढ़िया चढनी पडती है तब जाकर कही सफलता के सर्वोच्च शिखर पर पहुच जाते है
ठीक यदि सफल होना है तो अपने लक्ष्य हासिल करने के लिए उनके चरणों को बनाये जैसे हम पहले स्कूल में पढ़ते है तो पहले पढना फिर डिग्री हासिल करना फिर फिर किसी परीक्षा की तैयारी करना फिर एग्जाम देना फिर नौकरी हासिल करना फिर जीवन में आगे के लिए लक्ष्य निर्धारण करना


3 – अपने कारवाई के लिए खुद को हमेसा तैयार रखे
यदी आप अपने जीवन के लिए लक्ष्य बनाते है तो उसपर अमल लाने के लिए हमेसा कारवाई के लिए तैयार भी रहना चाहिए, अक्सर देखा जाता है लोग खूब सपने बुनते है जब उसपर अमल करने की बारी आती है तो लोग कल पर टाल देते है

लेकिन सफल आपको होना है तो ये आदत आपको अपने दूर से रखना होंगा जो करना है आज अभी करना है कल पर कभी कोई कार्य अधुरा न छोड़े


4 – इंतजार करना छोड़े, कारवाई पर ध्यान दे
अक्सर लोग सही समय का इंतजार करते है लेकिन जो लोग अपने जीवन का लक्ष्य बनाये होते है वो जीवन के प्रत्येक क्षण को ही विशेष बना लेते है जरा सोचिये आपको ही एक दिन में उतने घंटे मिलते है जितना की एक सफल व्यक्ति को फिर आप भला क्यू पीछे रहे


5 – सलाह (Advice) को पढ़े और सुने
आप अपने जीवन में क्या हासिल करना चाहते है इसके बारे में किताबो में भी पढ़ सकते है और उन लोगो से भी जरुर मिले जो आपकी मदद कर सकते है उनकी सलाह (Advice) को जरुर सुने और समझे लेकिन करना क्या है इसके लिए खुद से एकबार जरुर विचार करे


6 – वैकल्पिक योजनाये भी साथ लेकर चले
यह निश्चित नही है की आप जिस क्षेत्र में नाम हासिल करना चाहते है उसमे एकाएक ही सफलता हासिल कर ले, हो सकता है की उसमे शुरू में पराजित भी होना पड़े लेकिन असली जीत वही होती है जो हारकर भी हिम्मत न हारे और एक नये सिरे से तैयारी करे

सो अगर जीवन में लक्ष्य हासिल करना है तो हमे अपने मुख्य लक्ष्य के साथ साथ दुसरे आप्शन पर अम्ल लाते रहना चाहिए


7 – लक्ष्यों की जांच भी करते रहे

जीवन में आपने कोई लक्ष्य बना लिया है आप उस लक्ष्य की दिशा में सही जा रहे है या नही इसकी भी खुद से जांच करते, क्यूकी हो सकता है की हमने लक्ष्य तो बना लिया है लेकिन लक्ष्य के प्रति हमारी कोई दिलचस्पी ही नही तो भला लक्ष्य बनाने से फायदा ही क्या ? इसलिए जो भी लक्ष्य बनांये खुद से जांच भी करे की आप उसपर खरे उतर रहे है की नही


8 – मन में प्रतिज्ञा ले की ये हमे अपना लक्ष्य हासिल करना ही है

जब आपको अपने आप पर खुद का भरोसा रखते है तो निश्चित ही आप अपने लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ सकते है इसके लिए खुद को Positive रखे


9 – अपने लक्ष्य की कल्पना करे

यदि आपने अपने जीवन का लक्ष्य बनाया है तो उसे अपने मन में कल्पना करे की आप क्या सोचते है वैसा ही हो रहा है ऐसी कल्पना आपको अपने लक्ष्य के प्रति उत्साह बढ़ने में सहायक सिद्ध होता है


10 – बाधाओ की पहचान करे और अपनी गलतियाँ सुधारे

किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए यह सबसे जरुरी होता है की आखिर हम जो कर रहे है उसमे क्या गलतिया हो रही है अगर जिस किसी ने भी यदि अपने गलतियों से सीख लेते हुए आगे बढ़ता है तो निश्चित ही उसे अपने लक्ष्य को हासिल करने से कोई रोक नही सकता है

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और जब लक्ष्य के तरफ आगे बढ़ते है तो तमाम तरह की परेशानी भी देखने को मिलता है तो इनसे आप विचलित न हो बल्कि इसका डट कर सामना करे फिर देखिये निश्चित ही एक दिन ऐसा भी समय आएगा आपका लक्ष्य आपके कदमो को चूमेगा

सकारात्मक सोच कैसे बनाय



1. नकारात्मक सोच से बचें - Nagative Soch se Bach

नकारात्मकता का जवाब Sakaratmakta के अलावा कुछ भी नहीं हो सकता यह बात मन में बैठा लें. इसके बाद जो भी Nagative Soch मन में आए उसके साथ तर्क करना सीखें और वह भी सकारात्मकता के साथ. जिस प्रकार से नकारात्मक विचार लगातार आते रहते हैं, ठीक उसी तरह से आप स्वयं से Sakaratmak Vichar के लिए स्वयं को प्रेरित करें और अपने प्रयासों में Safalta Hasil Kare. अगर आपने अपना ध्यान सकारात्मकता पर केंद्रित कर लिया तब न केवल अच्छे विचार आएंगे, बल्कि आप स्वयं के प्रति दृढ़ प्रतिज्ञ हो पाएंगे.नकारात्मक सोच से ऐसे बचें.

2. गुस्से को सकारात्मकता में बदलें - Gusse Ko Sakaratmakta Me Badle

यदि आप में गुस्सा या निराशा हो तो इसको तुरंत ही Sakaratmak में बदल दो. जैसे किसी काम पर आपको गुस्सा आता हो तो आप ये सोंचे यदि कोई दूसरा भी मेरी जगह होता तो शायद उसे भी यही विचार आता. इसलिए गुस्से को Sakaratmak भाव में बदलें. घर हो चाहे ऑफिस टेंशन से दिमाग खराब हो ही जाता है. लेकिन अपने Man में हमेशा यही सोचें जो होता है अच्छे के लिए ही होता है. शायद उपर वाले की यही मर्जी हो. बदलें अपने गुस्से और निराशा को उच्छाइयों में बदले. अपनी दिनचर्या बनाएं और उसी के हिसाब से चलें. तो आपको कभी भी गलत विचार नहीं आएंगे.

3. परेशानी पर फोकस मत करो - Problem pe Focus Mat Karo

जब हम अपनी परेशानी पर Focus करते है, तो हम उसे मौका देते है, कि वो हमारी Life में हक जमा सकें. परेशानी की तरफ ध्यान ही मत दो, अपना ध्यान दूसरी ओर लगाने की कोशिश करो. परेशानी पर ध्यान लगाने से, परेशान होने से आप 1% भी अपनी परिस्थति को नहीं बदल पायेंगें. इससे आपकी तबियत और Apki Soch पर ही फर्क पड़ेगा.

4. रवैया को कंट्रोल करे - Attitude Ko Control Rakhe 

दोस्तों खुद के लिए attitude को कंट्रोल करना ही सबसे बड़ी जीत होती है. अगर आप खुद सोचे की आपने negative नही सोचना है तो आपने आप negativity पर आप जीत पा सकोगे क्यूकी लाइफ को देखने का हर किसिका अपना एक नज़रिया होना चाहिए जिससे हर एक इंसान को अपनी अलग दिशा मिलती है. हम mostly peoples यही ग़लती करते है की दूसरो पर डिपेंड रहते है उनके हिसाब से Apni Life जीते है जो की दोस्तों बिल्कुल ही ग़लत है. जब की आपको ये सब अवॉयड करना चाहिए और अपनी लाइफ के डिसिशन खुद लेना सीखना चाहिए. दोस्तों अगर आप कुछ करने का soch ले उसे अपने दिल-ओ-दिमाग़ मे बसा ले तो आपको वो काम करने से कोई नही रोक सकता. ऐसे ही अगर आप हर एक सिचुएशन मे सिर्फ़ अच्छा सोचे ओर खुद से कहे की अगर वहा कुछ अच्छा नही हुआ तो आप उसे अच्छा बना कर रहेगे, तो फिर दोस्तों आपको एक ऐसी Energy Fill होगी जिससे आप अपनी negative thinking पर जीत हासिल कर सकते है.


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5. परिस्थिति को पहचाने - Paristhiti ko Pehchane

अक्सर हमारे मन में कोई भी इंपॉर्टेंट वर्क या कोई business मीटिंग के पहले nakartmak soch आते है. की अगर ऐसा हुआ तो? अगर मीटिंग success नही हुई तब? मेरा फर्स्ट इंप्रेशन ग़लत पड़ गया तो फिर क्या होगा? इस प्रकार के question मन मैं आते ज़रूर हैं. इनसे पीछा छुड़ाने के लिए इन बातो की प्रॅक्टीस करे की आखीर ये सवाल कोन सी परिस्थितियों मैं पड़ते हैं. फिर इन Problem Se Chutkara Pane की कॉसिश करे और Sakaratmak Soch बनाए रखे.


6. प्रोब्लेम को अपना अवसर समजे - Problems ko Opportunites Samjhe

आपको ये बात एक्सेप्ट करनी होगी की problems हमारी लाइफ का ही एक पार्ट हैं. इससे फाइनली, आपकी अपनी प्रॉब्लम्स आपको लाइफ का एक पढ़ाव ही लगेगा. जब आप ये प्रॉब्लम्स की फिकर करना छोड़ देंगे, तो आस आ रिज़ल्ट आपकी Positivity अपने आप बाद जाएगी. जो आप के हाथ मे नही, या जिसे भगवान् के अलावा कोई नही बदल सकता, ऐसी बाते ना सोचे. प्रॉब्लम्स को Opportunities की तरह ट्रीट करने से आपको अच्छे रिजल्ट ही मिलेंगे.


7. पावरफुल सकारात्मक सोच चुने - Powerful Sakaratmak Soch

अब तय करिए की नकारात्मक सोच को रिप्लेस करने के लिए आप कौन सी positive thought चुनेंगे. जैसे कि यदि आप ये सोचते रहते हैं कि, ” मैं गधा हूँ,” तो शायद आप उसे , “मैं brilliant हूँ.” से रिप्लेस करना चाहेंगे. कोई ऐसी सोच चुनिए जो आपको कुछ इस तरह से शशक्त बनाए कि आप उस negative thought के असर को कमजोर बना पाए.

8. प्रेरित करे - Motivate Kare

किसीइन्सान की मदद करने से भी हमारे अंदर Sakaratmakta आती है. आपके आस पास कोई परेशानहै, तो उसका उत्साहवर्धन करे, उसे जीवन की अच्छी बातें बताएं. इसके अलावा किसी को कोई चीज की जरुरत हो, तो उसकी मदद करें. हमेशा हँसते रहें, Exercise Kare, Dhyan Kare, अच्छे गाने सुनो, किताबेंपढ़ो साथ ही Positive Sakaratmak वाले अनमोल वचन पढ़ो. सकारात्मक लोगों के साथ ज्यादा से ज्यादा बातें करे, उन्हें अपनी परेशानी बताएं, उनकी Soch को अपनाने की कोशिश करें.


9. ध्यान करें - Dhyan Kare

वैज्ञानिक मानते हैं कि Dhyan के वक़्त, जब दिमाग किसी विशेष विचार की ओर केन्द्रित रहता है तो उससे उर्जा बिखरती है. यह उर्जा इंसान के अन्दर मजबूती लाती है जिससे वह आम जीवन में कठिन परिस्थितियों का मुकाबला करने में सक्षम होता है. हर दिन कम से कम 10 मिनट तक ध्यान लगाने की कोशिश करें. किसी अँधेरे कमरे का चुनाव करें जहाँ बाधाएं न हों और आँखें बंद कर गहरी सांस लें. अपने दिमाग में से सारे विचार निकाल दें. शुरुआत में यह प्रक्रिया मुश्किल लगेगी पर अभ्यास से यह काफी आसान हो जाएगा.

10. दूसरों की कामयाबी से जलना - Dusre ki Kamyabi Se Jalna

अगर आप अच्छा काम कर रहे है. पेर आपके साथ वाला आपसे भी अच्छा काम कर रहा है तो आपको उससे जलना नही चाहिए. क्यूंकी अगर आप सामने वाले की Kamyabi से जलेंगे तो इससे आप अपने काम पेर भी ध्यान नही दे सकेंगे. और इससे आप उससे और पीछे रह जाएँगे. इसलिए आप और Mehenat Kariye मन मे जलन की भावना मत रखिए . दूसरों की kamyaabi को देख कर आप सीख सकते है , की अगर वो इंसान इतनी मेहनत करके आगे बढ़ सकता है तो आप क्यूँ न्ही.

11. अपनी मानसिकता में परिवर्तन लाये

आपने कभी ध्यान दिया है की क़िस्सी भी परिस्थिति मे आप कैसे रिक्ट करते है? दोस्तों अगर आप ऐसा नही सोचते तो सोचना शुरू कर दीजिए क्यूकी ऐसा करने से आपकी soch मे, आपकी thoughts मे बदलाव आने शुरू हो जाएँगे. किसी भी डिफिकल्ट परिस्थिति मे Positive Feedback देना उस सिचुयेशन को आसान बना देता है ओर आप आसानी से उससे बाहर निकल जाते है, जबकि Nagative Thinking से मुश्किले ज़रूरत से ज़्यादा ही बाद जाती है. अपने सोचने के तरीके मे बदलाव लाए ताकि आप दुनिया को नये नज़रिए से देख पाए ओर साथ ही साथ आपको पता चलेगा की यह दुनिया कितनी ब्यूटिफुल है जिसके बारे मे आपने कभी इमॅजिन भी नही किया होगा.

12. नेगेटिव सोच को मेंटल इमेज में बदल ले - Negative Thought Ko Mental Image Me Badle

आपकी जो कमजोरी है उसको mental image में इमेजिन कर लेना चाहिए . For Example, यदि आपकी सोच है कि , “मैं पागल  हूँ”, तो कल्पना कीजिये कि आप मूर्खतापूर्ण कपडे पहने और जोकरों वाली टोपी लगाकर इधर उधर कूद रहे हैं और आप जितना इसे बढ़ा चढ़ाकर imagine करेंगे उतना अच्छा होगा आपके लिए.

13. पॉजिटिव माहोल बनाये - Positive Mahol Banaye

अपने पसंदीदा गाने सुनना, बुक्स पढ़ना, गेम्स खेलना, लोगो से मिलना भी आपको एक पॉज़िटिव माहोल देगी. आपको अपनी सोच चेंज करनी ही होगी जिससे आपको negativity टच भी ना कर सके. और फाइनली, आप पूरी तरह positivity से भर जाए.

14. लक्ष्य पर टिके रहें - Lakshy Par Tike Rahe

अपना लक्ष्य अपनी दिली अभिलाषा के अनुसार ही चुनें. उसपर हमेशा टिके रहे चाहे वह कितना ही मुश्किल क्यों न दिखे. उनपर विश्वास करना और उनको पाने के लिए मेहनत करना सीखें. दुनिया को आपको देने के लिए कई नए दृष्टीकोण हैं और इनको अगर आप खुले दिमाग और आशावादी सोच रखते हुए अपनाएंगे तो आपकी जिंदगी बदल जायेगी. कड़ी मेहनत करें और अपने Goal की तरफ हर दिन एक कदम आगे बढायें. एक बार आपने इसे पा लिया तो आप नए जोखिम उठाने की चुनौती ले पायेंगे. हर छोटे या बड़े लक्ष्य को पाने के बाद आपमें अपनी क्षमता को लेकर Atmavishvas आएगा.

15. बहाने बनाना - Bahane Banana

अगर आपको पता है की आप अपनी life change कर सकते. आप अपनी Thinking Positive रख सकते है. फिर भी आप उसे ना चेंज करने के बहाने ढूँढते है की आप कल से ऐसा करेंगे .या कुछ दिन बाद या आपसे नही हो रहा इस तरह के बहाने बनाना चोर कर अगर आप खुद को बदलने मे समय बिताएँ तो आपकी Life बदल सकती है. आपको यह ध्यान रखना चाहिए कि Sakaratmak Soch सकारात्मकता लाती है जबकि प्रतिकूल सोच रखने वाले नकारात्मकता को अपने पास बुलाते हैं. इसलिए Positive Soch कर आप अपने आप को नयी संभावनाओं के लिए खुला रख रहे हैं और अपनी जिंदगी जीने योग्य बना रहे हैं.

  
कुछ चीजें जो आपको नहीं करनी चाहिए और क्यों



दोस्तों जाने अनजाने हम ऐसी कई चीजें करते हैं जो हमारे personal development के लिए ठीक नहीं होतीं. वैसे तो इन चीजों की list बहुत लम्बी हो सकती है पर मैं आपके साथ सिर्फ कुछ ऐसी बातें share कर रहा हूँ आप already इनमे से कुछ चीजें practice करते हों, पर अगर आप यहाँ से कुछ add-on कर पाते हैं तो definitely वो आपके life को better बनाएगा.


1) दूसरे की बुराई को enjoy करना

ये तो हम बचपन से सुनते आ रहे हैं की दुसरे के सामने तीसरे की बुराई नहीं करनी चाहिए, पर एक और बात जो मुझे ज़रूरी लगती है वो ये कि यदि कोई किसी और की बुराई कर रहा है तो हमें उसमे interest नहीं लेना चाहिए और उसे enjoy नहीं करना चाहिए. अगर आप उसमे interest दिखाते हैं तो आप भी कहीं ना कहीं negativity को अपनी ओर attract करते हैं. बेहतर तो यही होगा की आप ऐसे लोगों से दूर रहे पर यदि साथ रहना मजबूरी हो तो आप ऐसे topics पर deaf and dumb हो जाएं, सामने वाला खुद बखुद शांत हो जायेगा.

For example यदि कोई किसी का मज़ाक उड़ा रहा हो और आप उस पे हँसे ही नहीं तो शायद वो अगली बार आपके सामने ऐसा ना करे. इस बात को भी समझिये की generally जो लोग आपके सामने औरों का मज़ाक उड़ाते हैं वो औरों के सामने आपका भी मज़ाक उड़ाते होंगे. इसलिए ऐसे लोगों को discourage करना ही ठीक है.


2) अपने अन्दर को दूसरे के बाहर से compare करना

इसे इंसानी defect कह लीजिये या कुछ और पर सच ये है की बहुत सारे दुखों का कारण हमारा अपना दुःख ना हो के दूसरे की ख़ुशी होती है. आप इससे ऊपर उठने की कोशिश करिए, इतना याद रखिये की किसी व्यक्ति की असलियत सिर्फ उसे ही पता होती है, हम लोगों के बाहरी यानि नकली रूप को देखते हैं और उसे अपने अन्दर के यानि की असली रूप से compare करते हैं. इसलिए हमें लगता है की सामने वाला हमसे ज्यादा खुश है, पर हकीकत ये है की ऐसे comparison का कोई मतलब ही नहीं होता है. आपको सिर्फ अपने आप को improve करते जाना है और व्यर्थ की comparison नहीं करनी है

3) किसी काम के लिए दूसरों पर depend करना

मैंने कई बार देखा है की लोग अपने ज़रूरी काम भी बस इसलिए पूरा नहीं कर पाते क्योंकि वो किसी और पे depend करते हैं. किसी व्यक्ति विशेष पर depend मत रहिये. आपका goal; समय सीमा के अन्दर task का complete करना होना चाहिए, अब अगर आपका best friend तत्काल आपकी मदद नहीं कर पा रहा है तो आप किसी और की मदद ले सकते हैं, या संभव हो तो आप अकेले भी वो काम कर सकते हैं.

ऐसा करने से आपका confidence बढेगा, ऐसे लोग जो छोटे छोटे कामों को करने में आत्मनिर्भर होते हैं वही आगे चल कर बड़े -बड़े challenges भी पार कर लेते हैं, तो इस चीज को अपनी habit में लाइए : ये ज़रूरी है की काम पूरा हो ये नहीं की किसी व्यक्ति विशेष की मदद से ही पूरा हो.


4) जो बीत गया उस पर बार बार अफ़सोस करना


अगर आपके साथ past में कुछ ऐसा हुआ है जो आपको दुखी करता है तो उसके बारे में एक बार अफ़सोस करिए…दो बार करिए….पर तीसरी बार मत करिए. उस incident से जो सीख ले सकते हैं वो लीजिये और आगे का देखिये. जो लोग अपना रोना दूसरों के सामने बार-बार रोते हैं उसके साथ लोग sympathy दिखाने की बजाये उससे कटने लगते हैं.
हर किसी की अपनी समस्याएं हैं और कोई भी ऐसे लोगों को नहीं पसंद करता जो life को happy बनाने की जगह sad बनाए. और अगर आप ऐसा करते हैं तो किसी और से ज्यादा आप ही का नुकसान होता है. आप past में ही फंसे रह जाते हैं, और ना इस पल को जी पाते हैं और ना future के लिए खुद को prepare कर पाते हैं.


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5) जो नहीं चाहते हैं उस पर focus करना


सम्पूर्ण ब्रह्मांड में हम जिस चीज पर ध्यान केंद्रित करते हैं उस चीज में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि होती है. इसलिए आप जो होते देखना चाहते हैं उस पर focus करिए, उस बारे में बात करिए ना की ऐसी चीजें जो आप नहीं चाहते हैं.
For example: यदि आप अपनी income बढ़ाना चाहते हैं तो बढती महंगाई और खर्चों पर हर वक़्त मत बात कीजिये बल्कि नयी opportunities और income generating ideas पर बात कीजिये.

किस्मत शब्द इसे खुद पर हावी ना होने दें



किस्मत ये सिर्फ 4 अक्सर है जिसे कई लोग पहाड़ बना के अपने सिर पर रख ले ते है “किस्मत”... एक ऐसा शब्द है, जिसे कभी-कभी तो लोग बेहद खुशी से पुकारते हैं लेकिन जब वे बेहद परेशान हों तो वे उस इंसान को कोसते हैं जिसने यह शब्द बनाया। लोग कहते हैं कि किस्मत एक राजा को रंक और एक गरीब को भी अमीर बना सकती है। क्या आप भी किस्मत के इस दस्तूर को मानते हैं?

इसे खुद पर हावी ना होने दें
मेरी राय में आजकल हर दूसरा इंसान किस्मत नामक शब्द पर विश्वास करता है। उन्हें लगता है कि उनकी खुशी और दुख, दोनों ही किस्मत के हाथों हैं। इसलिए वे खुद अपने सुख-दुख पर नियंत्रण रखने की कोशिश भी नहीं करते, लेकिन यह तो गलत है ना! आप चाहें तो अपनी किस्मत के सितारों को बदल सकते हैं।

खुशी को जी लें
अगर बदल भी नहीं सकते तो कम से कम जिन खुशियों को महसूस कर सकते हैं उनका तो जी भर के अपने जीवन में स्वागत करें। क्योंकि जब तक हम छोटी-छोटी खुशियों का आनंद नहीं लेंगे, तो ज़ाहिर है कि बड़ी खुशियां भी हमसे मुख मोड़कर जा सकती हैं।

बुरा वक्त अवश्य जाएगा
लेकिन यह बात भी सही है कि जब वक्त ही बुरा चल रहा हो तो हम खुशियों को कैसे महसूस करें? हमारी आंखों के सामने ही जब बहुत बुरा स्थिति खड़ी हो तो ऐसे में हम अपनी ज़िंदगी को अच्छा कैसे मान सकते हैं। लेकिन वक्त हर समय एक जैसा भी तो नहीं रहता, इसलिए वक्त के साथ हमें अपनी सोच भी बदल लेनी चाहिए।

जानें कुछ अनमोल बातें
आज हम आपको एक ऐसी लिस्ट से परिचित कराएंगे जिसमें वह बातें है जो यकीनन आप सभी के जीवन से जुड़ी हैं। कुछ ऐसी बातें जो आपको असल खुशनुमा जीवन का एहसास कराएंगी। जो आपको कहेंगी कि ‘हमें याद करते रहो और मुस्कुराते रहो’। पढ़ें आगे की स्लाइड्स में कुछ ऐसी बातें जिन्हें यदि आप समय-समय पर अपने ज़हन में लाएंगे तो वाकई एक खुशहाल जीवन व्यतीत करेंगे:

आज को भी जी लो
यही तो पल है जो जीवन है... यह बात मैंने कहीं पढ़ी थी, लेकिन तब इसका इतनी गहराई से अर्थ नहीं समझा था, जितना कि आज समझ में आ रहा है। हमारा बीता हुआ कल कैसा था और आने वाला जीवन कैसा होगा, इसके बारे में हम क्यों विचार करें? जबकि हमारे पास हमारा ‘आज’ मौजूद है, यदि बीते कल और आने वाले पल की ही चिंता में लगे रहेंगे तो हम अपना आज कभी भी महसूस नहीं कर पाएंगे।

धीरे-धीरे सब बदलता है
क्योंकि यह आज धीरे-धीरे बीत जाएगा, हमारा बीता हुआ समय बन जाएगा जिसे हमने बिलकुल भी खुशी से अपनाया नहीं था। फिर हम दोबारा से बीते हुए बुरे कल को याद करके दुखी होंगे। इसलिए उस समय की कद्र करें जो हमारे पास है। आप वाकई खुश रहेंगे।

वक्त हमारा जरूर होगा
क्या आपने कभी घड़ी की सुईयों को ध्यान से देखा है? इसमें तीन कांटे होते हैं, एक कांटा सेकेंड्स को दर्शाता है तो अन्य दो कांटे मिनटों तथा घण्टों के बीतने पर बदलते हैं। यदि घड़ी सही काम कर रही है तो सेकेंड्स वाला कांटा कभी नहीं रुकता, लेकिन मिनट वाला और एक घंटे बाद बदलने वाला कांटा भी अपनी समय सीमा के आधार पर बदलता जरूर है। रुकता तो वह भी नहीं!

घड़ी की तरह हैं हमारी ‘लाइफ’
तो इसे देखकर हम क्यों नहीं समझते कि घड़ी के वक्त की तरह हमारा वक्त भी रुका हुआ नहीं है। आज अंधेरा है तो कल उजाला जरूर होगा... और आज यदि दुख है तो एक ना एक दिन खुशी आएगी ही। ऐसे में हम इतने दुखी क्यों हों? बल्कि हमें हिम्मत करके परिस्थितियों से लड़ना चाहिए और अच्छे वक्त का इंतजार करना चाहिए।

हम सुबह एक नया सवेरा है
यह बातें कहने में जरूर अच्छी लगती हैं, कहीं किताबों में पढ़ें तो और भी प्रेरणात्मक लगती हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि हम इन्हें अपनी ज़िंदगी पर अमल नहीं कर सकते। क्योंकि असंभव तो कुछ भी नहीं है... और बुरा वक्त तो मात्र एक परिस्थिति की तरह होता है जो रात के अंधेरे के बाद सूरज उगने के साथ ही रोशनी की तरह नई खुशियों को लेकर आता है

हमारे हाथ में बंधी नहीं रहतीं यह परिस्थितियां
क्या आप हाथों में हवा को कैद कर सकते हैं? नहीं ना? तो फिर हमेशा की तरह दुख हमारे हाथों को कब तक जकड़ कर रख सकते हैं? यह भी एक ना एक दिन खुद ही हमें रिहा कर देते हैं और खुशियों की ओर ढकेल देते हैं।
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यही है आपकी क्षमता
अगला सुझाव हम आपकी क्षमता को दिमाग में रखते हुए बताएंगे... फर्ज़ कीजिए आपको सामने पड़ी अनाज की बोरी उठानी है। यदि आपकी क्षमता साधारण है तो हो सकता है कि आप 20 किलोग्राम की बोरी उठा लें, लेकिन यदि आप शक्तिशाली हैं तो आप 20 किलोग्राम की एक तो क्या, दो बोरियां भी उठा सकते हैं।

क्या आप कर सकते हैं ये?
लेकिन एक साधारण क्षमता वाला इंसान तो एक से अधिक बोरी उठा ही नहीं सकता। बस इसी प्रकार से हमारी ज़िंदगी भी हमें उतना ही दर्द देती है जितना कि हम सहन कर सकें। यदि इससे अधिक मिले तो इंसान टूट जाता है। लेकिन टूटने की बजाय हमें खुद में इतनी क्षमता उत्पन्न कर लेनी चाहिए कि हम परिस्थितियों का सामना कर सकें।

खुद पर गर्व करें
ऐसे में आप खुद पर गर्व भी महसूस करने लगेंगे, क्योंकि अचानक खुद में हिम्मत देखकर आप खुद भी अचंभे में आ जाएंगे। बस यहीं आपको ज़िंदगी की एक और सीख मिल जाएगी। आप समझ जाएंगे कि यही तो आपकी ताकत है, क्योंकि भले ही देखने में हम साधारण हों, लेकिन भगवान ने हमें एक फरिश्ते की तरह पंख लगाकर भेजा है।

अपनी ताकत को पहचानें
बस हमें उन पंखों की ताकत को पहचानने की जरूरत है। इसके लिए सबसे पहले खुद में विश्वास, आत्मविश्वास पैदा करना होगा। क्योंकि यही तो इंसान की सबसे बड़ी ताकत है। याद रखें कि आत्मविश्वास उसी में होता है जिसमें कुछ कर गुजरने की ललक होती है।

ज़िंदगी से हारना नहीं
यदि आप में वह नहीं है, तो माफ कीजिएगा आप कुछ करने से पहले ही ज़िंदगी से हार चुके हैं। लेकिन हमारा सुझाव यही होगा कि हार मानने से पहले बस एक बार अपने विश्वास को जीतने की एक कोशिश तो करें... क्या पता आप सफल ही हो जाएं।

आत्मविश्वास पैदा करें
जहां तक मुझे लगता है एक इंसान का आत्मविश्वास सबसे ज्यादा तब टूटता है जब उसे कोई अपना या फिर गैर ही चोट पहुंचाए। उसकी पहचान का मजाक बनाए और उसे कायर समझने लगे। लेकिन जब ज़िंदगी आपकी है, उससे जुड़े फैसले आपके हैं, दुनिया में नाम भी आपका ही होगा, तो फिर कोई दूसरा आकर आपके आत्मविश्वास को ठेस कैसे पहुंचा सकता है?

किसी की चिंता क्यों करें हम
और यदि उसने कुछ कह भी दिया तो यह तो हमारी समझ है कि उसे हम किस प्रकार से खुद पर हावी होने दें। इसलिए सबसे पहले तो लोगों की चिंता करना छोड़ दें क्योंकि यदि उनको आपकी चिंता होती तो वे कभी भी आपको चोट ना पहुंचाते। इसलिए अपने दिमाग को चिंताओं से हटाकर अपनी ज़िंदगी को सही बनाने में लगाएं।

प्लानिंग से चलें
आपको परिस्थितियों को सही कैसे बनाना है, कौन सा मार्ग चुनना है और कैसे उस पर अपनी सोच को अमल करना है, आपको यह सब प्लान करने की जरूरत है, ना कि अपनी चिंताओं को लेकर बैठने की। यह बात तो पक्की है कि ज़िंदगी की लड़ाई में हम खुद को अकेला महसूस करते हैं।

लेकिन नही हो
क्योंकि कोई कितना भी अपना हो लेकिन उस दर्द को महसूस नहीं कर सकता जिसका एहसास हमें हो रहा है। इसलिए चाहे अकेले रहकर, लेकिन ज़िंदगी की इस लड़ाई को जरूर लड़ें। और जीतने की ललक खुद में बनाए रखें। वाकई जीत आपकी होगी।


दोस्तो ये किस्मत ना चार words है , जिन्  कई लोग पहाड़ बना के अपने सिर पर भोज बना के रख ले ते है सब की अपनी अपनी किस्मत होती किसी की अछि तो किसकी की बुरी पर दोस्तो ये जो किस्मत है वो अगर साथ दे तो राज बी बना दे टी ओर अगर साथ न दे तो रंक बी तभी किसी ने कितना खूब कहा है

वह वे मेरे आ रब्ब तेरियां तुहिओ जाने वे किसे किसे नु तू कच चुगद ते वही किसे नु मोती दाने दोस्तो किस्मत हमारे हाट मैं है अगर चाहो तो बिगड़ लो अगर चाहो तो सवार लो ।




तो दोस्तो आज जाना कि कैसे हम ( Apni life ko kaise badle ) ओर अपनी अपनी लाइफ को ठीक रख सकते है और तो आप इन सब advices को आपनी लाइफ मैं जरूर Try करे और ऐसे ही ओर अछे articles के लिए जुड़े रहे ( https://normaladvies.blogspot.com ) से।


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