Blood pressure Control kaise kare in hindi


Blood pressure se judi Hartarha ki jankari.


दोस्तो आज कल की लाइफ मैं कई बीमारियां हो रही है उस मैं से ही एक बीमारी है bp(ब्लड प्रेशर) की प्रॉब्लम अक्सर लोगो हो होती है ये 2 तारा की होती है

 1-low ब्लड प्रेशर

2-high ब्लड प्रेशर

ओर बी कई तारा की प्रॉब्लम अति है इस बीमारी मैं लोगो ज्यादा तर लोग ये ही सोच ते है एक क्या करे और कब डॉक्टर के पास जाएं ओर क्या हैम योगा से bp control कर सकते है तो दोस्तो इस आर्टिकल मैं हम bp से जुड़ी बातो पर ही बात करे गे तो चलो दोस्तो जानते है bp के बारे मैं इस article मैं दिया गए हर टिप आप के लिए बहोत यूज फुल है दोस्तो देशभर में करीब 7 करोड़ लोग ऐसे हैं जो ब्लड प्रेशर की बीमारी से ग्रस्त हैं। हैरानी की बात यह है कि लगभग 6 से 7 करोड़ लोग ऐसे हैं जो हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित तो हैं लेकिन उन्हें इस समस्या के बारे में पता ही नहीं है। देश के शहरी क्षेत्रों में लगभग 20 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों के लगभग 10 प्रतिशत लोग हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से ग्रस्त हैं। आय में वृद्धि के साथ-साथ हाई ब्लड प्रेशर के मामलों में भी वृद्धि हुई है। 60 से 69 वर्ष की आयु के 50 प्रतिशत और 70 वर्ष की आयु के 75 प्रतिशत लोगों में हाई ब्लड प्रेशर के मामले सामने आए हैं। बहरहाल, 35 वर्ष की आयु के बाद नियमित रूप से रक्तचाप(ब्लड प्रेशर) की जांच करवाते रहें और यदि ब्लड प्रेशर बढ़ा है, तो शीघ्र ही इसका इलाज करवाएं। आज हम bp(ब्लड प्रेशर) के बारे हर तरह से जाने गे ओर क्या इलाज है क्या सवदानी वो सब तो चलिए दोस्तो जानते हौ (ब्लड प्रेशर) के बारे तो टेंशन छोड़ दोस्तो मैं आज इसी topic पर बात करु गा तो चलो दोस्तो जानते है कैसे करे आपके bp का इलाज कर।

Kuch points mai aap ko ye article batuga jis se ye article aap ko ache se smaj aa jay ga

1, ब्लड प्रेशर क्या होता है चलिए जानते है

2, नॉर्मल बीपी कितना होना चाहिए

3, उम्र के हिसाब से जानें कितना BP होने पर आपको हो जाना चाहिए

4, बीपी – ब्लड प्रेशर की समस्या, कारण और बचाव के उपाय

5, जानें, लो BP में क्‍या खाना चाहिये

6, लो B.P होने पर तुरंत करें ये उपाय

7, लो ब्लड प्रेशर में फायदेमंद हैं तुलसी के पत

8, लो ब्लड प्रेशर के लिए घरेलू नुस्ख

9, लो ब्लड प्रेशर की स्थिति में कारगर साबित होते हैं ये उपाय

10, उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure)

11, हाई ब्लड प्रेशर कम करने के उपाय

12, ब्लड प्रेशर क्या है, हाई ब्लड प्रेशर का कारण व बचाव

13, हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए फ़ूड

14, हाई ब्लडप्रेशर में क्या खाएं, क्या नहीं

15, बीपी कम करने के टिप्स

16, हाई ब्लड प्रेशर डाइट (Diet)

17, हाई ब्लड प्रेशर होने पर डाइट में करें बदलाव

18, लो ब्लड प्रेशर डाइट

19, हाई ब्लड प्रेशर के लिए फायदेमंद व्यायाम

20, सिर्फ 6 योगासनों से तुरंत करें हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल

21, लो ब्‍लड प्रेशर की समस्‍या से छुटकारा दिलाता है ये 10 मिनट का योगासन


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तो दोस्तो चलो जानते है ये  topics के बारे मे


ब्लड प्रेशर क्या होता है चलिए जानते है



Blood pressure यानि रक्तचाप हमारी रक्तवाहिकाओं में जिसमे से हमारा रक्त बहते हुए शरीर के सभी जरुरी अंगो तक जाता है पर रक्त द्वारा डाले गये pressure को कहते है असल में हमारा हृदय जब शरीर के सभी अंगो और उत्तको तक रक्त को पहुँचाने के लिए धमनियो में रक्त को पंप करता है तो इससे धमनियों की दीवारों पर दबाव पैदा होता है और यह दो तरह का होता है एक तो जब दिल खून को पंप कर रहा होता है और दूसरा जब वह शिथिल अवस्था में होता है ऐसे में यह pressure दो तरह का होता है जिसे हम सिस्टोलिक और डायास्टोलिक के नाम से जानते है जिसके बारे में हम आगे विस्तार में जानेंगे तो चलिए बात करते है blood pressure कितना होना चाहिए और कितने से अधिक होने पर यह high blood pressure की श्रेणी में आता है और कितने से कम होने पर यह कम blood pressure में आता है जबकि दोनों ही दशा में हमारे लिए यह घातक होते है तो चलिए बात करते है

हम blood pressure को सामान्य तब कहते है जब वो 120/80 सिस्टोलिक हो अर्थात उपर की संख्या को सिस्टोलिक कहते है और वो दर्शाती है कि जब heart पंप करते हुए खून को धमनियों में धकेलता है तो तो लगने वाले दाब को सिस्टोलिक में मापा जाता है और डायालोस्टिक नीचे की वह संख्या है जो मान को दर्शाती है जब खूब को पंप करने के बाद दिल आराम की मुद्रा में होता है और यह क्रिया तेजी से होती है तभी तो हमारा दिल एक मिनट में 72 बार धडकता है | इसे मापने के लिए काम में आने वाले उपकरण को रक्तचापमापी या स्फाइगनोमैनोमीटर (sphygmomanometer) कहते है और आम भाषा में बीपी मशीन या blood pressure monitor भी कह देते है इसे आप फ्लिपकार्ट से यंहा क्लिक करके खरीद सकते है |मेरे ख्याल से अगर आपको blood pressure कम या ज्यादा होने की शिकायत है तो आपके घर में ये होना ही चाहिए |


Low Blood Pressure

अगर आपको blood pressure कम होने की शिकायत है ऐसे में होता यह है कि चूँकि आपके धमनी में खून के pressure में कमी होने की वजह से शरीर के कई जरुरी हिस्सों में blood नहीं पहुंच पाता है जैसे कि मस्तिष्क , दिल और गुर्दे और अन्य जरुरी अंग और आप जानते है कि दिमाग में अगर समुचित रूप से खून की सप्लाई नहीं होती है तो निम्न रक्तचाप के लक्षण के स्वरुप आपको चक्कर आने जैसी समस्या होगी ही और साथ ही बेहोशी , चक्कर खाकर गिर जाने की समस्या भी होने लगती है | साथ ही गौर करने वाली बात है कि high blood pressure का जन्हा हम sphygmomanometer से माप कर पता कर सकते है low blood pressure के मामले में ऐसा नहीं होता है कुछ व्यक्तियों में स्वभावत: ही रक्तचाप कम होता है लेकिन उनमे ऐसे कोई संकेत का दुष्प्रभाव नजर नहीं आते है तो हम कह सकते है वो स्वस्थ है | low blood pressure से होने वाले symptoms के लिए यंहा क्लिक करें |


High blood pressure

उच्च रक्तचाप की समस्या low से भी घातक है और लम्बे समय उच्च रक्तचाप की शिकायत रखने पर आपको heart attack की समस्या हो सकती है 130/80 से उपर का मान अगर हमे प्राप्त होता है तो हम कह सकते है कि high blood pressure की समस्या हो सकती है | इसका सीधा सा अर्थ अगर हम समझे तो यह होता है कि हमारे दिल से धमनियों को पंप किया जाने वाले blood का pressure जो होता है धमनियों की दीवारों पर सामान्य से अधिक दबाव डालती है जिसकी वजह से कई सारी health की समस्याएं होती है जिस बारे में आप high blood pressure symptoms में पढ़ सकते है | अधिक रक्तचाप होने की मुख्य वजह होती है fast food की जरुरत से अधिक लत और कम एक्टिव दिनचर्या होना


नॉर्मल बीपी कितना होना चाहिए




सामान्य रीडिंग के लिए, आपके ब्लड प्रेशर की टॉप संख्या (सिस्टोलिक प्रेशर) 90 और 120 के बीच और बॉटम संख्या (डायस्टोलिक प्रेशर) 60 और 80 के बीच में होना जरूरी है। अमेरिकी हार्ट एसोसिएशन (एएचए) रक्तचाप को सामान्य सीमा के भीतर समझता है, जब ये दोनों सिस्टोलिक और डायस्टोलिक संख्याएं इन श्रेणियों में हैं। ब्लड प्रेशर रीडिंग मर्करी के मिलीमीटर में व्यक्त किया जाता है। इस इकाई को एमएम एचजी के रूप में संक्षिप्त किया गया है।

यदि आप सामान्य श्रेणी में हैं, तो कोई उपचार की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, आपको हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तचाप को रोकने के लिए एक स्वस्थ जीवन शैली और स्वस्थ वजन बनाए रखने की जरूरत है। नियमित व्यायामऔर कम नमक का सेवन भी आपकी मदद कर सकता है।
यदि 120/80 मिमी एचजी के मुकाबले आपका नंबर ऊपर है तो आप खतरे के निशान पर हो। इसमें आपको हृदय-स्वस्थ आदतों को अपनाने की जरूरत है। 180/110 मिमी एचजी से ऊपर ब्लड प्रेशर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या को दर्शाता है। ऐसी स्थिति में आपको निम्नलिखित लक्षणों का सामना करना पड़ता है।

1. छाती में दर्द

2. साँसों की कमी

3. कम दिखाई देना

4. स्ट्रोक के लक्षण

5. मूत्र में रक्त

6. चक्कर आना

7. सरदर्द

नोट – हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर संपर्क करना चाहिए। अपने रक्तचाप को सामान्य श्रेणी में रखते हुए आप हृदय रोग और स्ट्रोक जैसे बीमारियों को खुद को दूर रख सकते हैं। स्वस्थ जीवन शैली की आदतों, संतुलित वजन और दवाओं का एक संयोजन आपके रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है।

बीपी कैसे नापते हैं

(बीपी मशीन से)

निम्न के अनुसार आप आप ब्लड प्रेशेर का वर्गीकरण कम या ज्यादा होने का समझ सकते हो –

श्रेणीसिस्टोलिकडायस्टोलिककम रक्तचाप / लो बीपी< 90< 60सामान्य 90-11960-79 प्रीहायपरटेंशन/ थोडा हाई बीपी 120-13980-89 स्तर 1 हाइपरटेंशन / लेवल 1 हाई बीपी 140-15990-99 स्तर 2 हाइपरटेंशन / लेवल 2 हाई बीपी≥ 160≥ 100

तो इस तरह से आप समझ सकते है कि बीपी का गणित क्या होता है और ये है


उम्र के हिसाब से जानें कितना BP होने पर आपको हो जाना चाहिए




हाई और लो  BP को साइलेंट किलर माना जाता है। यह बगैर कोई सिम्पटम्स दिखाए धीरे-धीरे आपको अंदर से कई गंभीर बीमारियों का शिकार बनाता जाता है। हाई BP में ब्लड सर्कुलेशन नॉर्मल से हाई हो जाता है और लो BP में ब्लड सर्कुलेशन नॉर्मल से लो हो जाता है। इसलिए इस बात की जानकारी सभी को होना जरूरी है कि उम्र के हिसाब से किस व्यक्ति का कितना BP होना चाहिए ब्लड प्रैशर की समस्या आजकल लोगों में आम देखने को मिलती है। ब्लड प्रैशर कम या ज्यादा होने पर रक्त संचार का धीमा होना, चक्कर आना और बेहोश होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। 

इसलिए हर व्यक्ति को अपने ब्लड प्रैशर का ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि यह हमेशा घटता-बढ़ता रहता है लेकिन ज्यादा लोगों को पता नहीं होता कि उनके लिए कितना ब्लड प्रैशर नार्मल है। हालांकि, सभी लोगों के लिए सामान्य रक्तचाप 120/80 से कम माना जाता है। आज हम आपको बताएंगे कि किस उम्र में कितना ब्लड प्रैशर होना चाहिए।

उम्र के हिसाब से कितना होना चाहिए ब्लड प्रैशर

बच्चों में

बच्चों में एक सामान्य ब्लड प्रैशर की स्थिति हमेशा बदलते रहती है। क्योंकि जैसे-जैसे वह बड़े होते हैं वैसे-वैसे ब्लड प्रैशर बढ़ने लगता है। जब बच्चे को ब्लड प्रैशर से संबंधित कोई बीमारी न हो तब तक डॉक्टर बच्चों में इसकी रीडिंग नहीं लेते।

15 से 24 साल तक

15 से 18 साल की उम्र में पुरूषों में 117-77mmHg और महिलाओं में 120-85mmHg तक ब्लड प्रैशर होना चाहिए। वहीं, अगर आपकी उम्र 19 से 24 साल में से है तो आपका पुरूषों 120-79mmHg और महिलाओं में 120-79mmHg तक बल्ड प्रैशर होना चाहिए।


25 से 29 साल तक

25 से 29 साल की उम्र में पुरूषों का ब्लड प्रैशर 120-80mmHg और महिलाओं का 120-80mmHg तक होना चाहिए।


30 से 39 साल तक

इस उम्र हाई और लो ब्लड प्रैशर की समस्या सबसे ज्यादा होती है। इसलिए आपको हमेशा इसका ख्याल रखना चाहिए। 30 से 39 साल की उम्र में पुरूषों का ब्लड प्रैशर 122-81mmHg और महिलाओं का 123-82mmHg तक होना चाहिए। वहीं, 36 से 39 साल के पुरूषों में ब्लड प्रैशर 123-82mmHg और महिलाओं में 124-83mmHg होना चाहिए।


40 से 49 साल तक

अगर आपकी उम्र 40 से 45 साल तक है तो पुरूषों में सामान्य ब्लड प्रैशर 124-83mmHg और महिलाओं में 125-83mmHg तक होना चाहिए। 46 से 49 साल तक की उम्र में पुरुषों का ब्लड प्रैशर 126-84mmHg और महिलाओं का ब्लड प्रैशर 127-84mmHg तक होना चाहिए।

50 से 55 साल तक

इस उम्र में भी आपको हाई या लो ब्लड प्रैशर का खास ध्यान रखना चाहिए। 50 से 55 साल की उम्र में पुरूषों में 128-85mmHg और महिलाओं में 129-85mmHg तक सामान्य ब्लड प्रैशर होना जरूरी है।


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56 से 59 साल तक

56 से 59 साल की उम्र में पुरूषों का सामान्य ब्लड प्रैशर 131-37mmHg तक होता है। वहीं, इस उम्र महिलाओं का सामान्य ब्लड प्रैशर 130-86mmHg तक होना चाहिए।


60 साल से अधिक के लोगों का

60 साल या इससे अधिक उम्र होने वाले पुरूषों में ब्लड प्रैशर 135-88mmHg और महिलाओं में 134-84mmHg तक होना चाहिए।


बचाव और इलाज

कड़ाके की ठंड में हाई ब्लड प्रेशर वाले अपने डॉक्टर से परामर्श लें। मौसम को देखते हुए डॉक्टर आपकी दवा की डोज को नए सिरे से निर्धारित कर सकते हैं।सर्दियों में अपने तन को ऊनी वस्त्रों से ढककर रखें।असहज महसूस करने पर अपने ब्लड प्रेशर को चेक करें या करवाएंहाई ब्लड प्रेशर का स्थाई इलाज नहीं है। हां, इसे खानपान में सुधार,स्वस्थ जीवन-शैली पर अमल कर और दवाओं द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। जब एक बार पता चल जाए कि ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ है, तो डॉक्टर से इसकी नियमित जांच करवानी चाहिए। डॉक्टर जो दवा सुझाएं, उन्हें नियमित रूप से लें।हाई ब्लड प्रेशर की अवस्था में दो बातों पर ध्यान देना आवश्यक हो जाता है। धूम्रपान की लत और कोलेस्ट्रॉल के स्तर का बढ़ना दिल के दौरे का कारण बनता है। इसलिए हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों को धूम्रपान छोड़ देना चाहिए।मानसिक तनाव भी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का एक बड़ा कारण है। इसलिए तनाव को स्वयं पर हावी न होने दें।हाई ब्लड प्रेशर वाले यदि खानपान में संयम बरतें, तो वे दिल के दौरे, लकवा, किडनी की बीमारी आदि से बचाव कर सकते हैं।हाई ब्लड प्रेशर वालों को खाने में नमक की मात्रा 3.4 ग्राम प्रतिदिन लेनी चाहिए यानी केवल आहार में आधा चम्मच नमक (छोटा चम्मच) कम कर देने से ही हाई ब्लड प्रेशर को सामान्य स्तर पर लाया जा सकता है।


युवा वर्ग भी हैं गिरफ्त में

सच तो यह है कि युवा वर्ग में ही नहीं बल्कि बच्चों और किशोरों में भी हाई ब्लडप्रेशर से संबंधित मामले सामने आ रहे हैं। इधर टेलीविजन, वीडियोगेम्स, कंप्यूटर और स्मार्ट फोन के अत्यधिक इस्तेमाल के कारण बच्चों की आउट डोर गेम्स में दिलचस्पी काफी कम हो चुकी है। इस स्थिति में वे खाते बहुत हैं, पर उनकी कैलोरी बर्न नहीं हो पाती। इस कारण तमाम बच्चे और किशोर-किशोरियां मोटापे से ग्रस्त हो रहे हैं।

इसके अलावा बच्चों पर पढ़ाई के बोझ के अलावा उनके अभिभावक उनसे अपेक्षाएं भी बहुत ज्यादा रखने लगे हैं। इस कारण वे तनावग्रस्त हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में उनका ब्लडप्रेशर सामान्य से असामान्य हो सकता है। किशोर और युवक-युवतियां जब तनाव के कारण स्वयं को असामान्य महसूस करें, तो उन्हें अपने डॉक्टर के परामर्श के अनुसार अमल करना चाहिए।


उम्र के हिसाब से कितना होना चाहिए बीपी

15 से 18 साल तक

पुरुष- 117-77mmHgमहिला- 120-85mmHg

19 से 24 साल तक

पुरुष- 120-79mmHgमहिला- 120-79mmHg

25 से 29 साल तक

पुरुष- 120-80mmHgमहिला- 120-80mmHg

30 से 35 साल तक

पुरुष- 122-81mmHgमहिला- 123-82mmHg

36 से 39 साल तक

पुरुष- 123-82mmHgमहिला- 124-83mmHg

40 से 45 साल तक

पुरुष- 124-83mmHgमहिला- 125-83mmHg

46 से 49 साल तक

पुरुष- 126-84mmHgमहिला- 127-84mmHg

50 से 55 साल तक

पुरुष- 128-85mmHgमहिला- 129-85mmHg

56 से 59 साल तक

पुरुष- 131-37mmHgमहिला- 130-86mmHg

60 साल से अधिक के लोगों का

पुरुष- 135-88mmHgमहिला- 134-84mmHg


बीपी – ब्लड प्रेशर की समस्या, कारण और बचाव के उपा




बीपी ब्लड प्रेशर  क्या होता है

बीपी का नाम तो आपने सुना ही होगा, बीपीका पूरा नाम ब्लड प्रेशर इसको हिंदी में रक्तचाप भी कहते है। उच्च रक्तचाप यानि हाइपरटेंशन इसे आम भाषा में उच्च रक्तचाप कहते है यह एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है जो की इंसान की जान तक ले सकता है आज इस पोस्ट में हम निम्न टॉपिक पर बात करेंगे।

हमारी रक्त धमनियों में रक्त का जो दबाव रहता है उसे अंग्रेजी और सामान्य बोलचाल की भाषा में बीपी यानि ब्लॅड प्रेशर कहते है।


सामान्यतः बीपी कितना रहना चाहिए

बीपी को एक उपकरण से मापा जाता है जिसे (Sphygmomanometer) कहते है एक सेहतमंद आदमी के लिए रक्तचाप सिकुड़ने के समय Systolic Blood Pressure 120 MMHG होता है और आराम की इस्थिति में Diastolic Blood Pressure 80 MMHG होता है इसे आमतोर पर 120/80 MMHG लिखा जाता है|


बीपी की समस्या कितने प्रकार की होती है

हाई बीपी (हाई ब्लड प्रेशर) : उच्च रक्तचाप – इसमें व्यक्ति का रक्तचाप नियत सीमा से ज्यादा हो जाता है।लो बीपी (लो ब्लड प्रेशर) : निम्न रक्तचाप – इसमें व्यक्ति का रक्तचाप नियत सीमा से काम हो जाता है।


बीपी की समस्या के क्या क्या कारण है

बीपी की समस्या के मुख्य कारण और प्रकार निम्न है:
जब इंसान के शरीर में रक्त दाब अनावश्यक रूप से बढ़ जाता है तो उसे उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) का रोग कहा जाता है, जिसकी वजह से दिल की धमनिया मोटी हो जाती है और इस वजह से रक्त प्रवाह (Blood Circulation) में अवरोध होता है, उच्च रक्तचाप के मुख्य कारण है- मोटापा,तनाव, मादक पदार्थो का सेवन करना, डायबिटीज आदि.

आइये जानते है बीपी (उच्च रक्तचाप) के लक्षण क्या होते है, इस रोग में रोगी को सर दर्द का अधिक होना, दिल की धडकनों का बढ़ना, अजीर्ण आना, नींद नहीं आना, तोडा से काम से सांसे फूलना, बार-बार पेशाब आना आदि.


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उच्च रक्तचाप दो तरह का होता है – स्थाई और अस्थाई.

स्थाई – स्थाई रक्तचाप में नकसीर बहना , ऐसा लगना की सांस बंद हो रही है, घबराहट आदि.अस्थाई – अस्थाई रक्तचाप में सर भरी होना , नींद न आना, दिल धडकनों का तेज होना आदि.


बीपी की समस्या हो जाए तो क्या करें

यदि किसी को उच्च रक्तचाप है तो इसको तभी नियन्त्रण किया जा सकता है जब रोगी उचित परहेज करे. आइये जानते है की कैसे उच्च रक्तचाप को नियन्त्रण किया जा सकता है.
7 से 10 मुनक्को को रात को 1 कप पानी में भिगो ले और फिर सुबह खली पेट इसका सेवन करे, साथ ही मुनक्को के बचे पानी को भी पीते रहे, कुछ दिनों तक लगातार ऐसा करने से उच्च रक्तचाप दूर हो सकता हैउच्च रक्तचाप को दूर करने में फलों और सब्जियों की भूमिका एहम रहती है, आप इन फलों और सब्जियों का प्रयोग कर सकते है

जैसे – पपीता, टमाटर, आमला, पुदीना, शहद, छाछ, अरबी, पेठा, आलू, टिंडा, ककड़ी, आदि. इन का प्रयोग अधिक से अधिक करें इससे भी उच्च रक्तचाप को दूर किया जा सकता है.सुबह उठकर खली पेट नीम की 20 से 25 ग्राम पत्तियों का रस पिटे रहने से उच्च रक्तचाप दूर हो सकता है.लहसुन उच्च रक्तचाप को नियंत्रि करने में एहम भूमिका निभाता है, 6 से 7 बूंद लहसुन के रस में 3 चम्मच पानी मिलाकर दिन में 4 बार पीते रहने से उच्च रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है.थोड़े से पानी में आधा कप लौकी का रस मिलाकर दिन में 3 बार लेने से कुछ ही समय में उच्च रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है.सुबह उठकर खाली पेट पानी गर्म करे फिर उसमे नींबू के रस को मिलाये और रोज कुछ दिनों तक ऐसा करे, यह एक कारगर वैदिक उपाय है.उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में केले का तना भी एहम भूमिका निभाता है. 
आप केले के तने का आधा कप रस रोजाना दिन में 2 बार पिए, यह कुछ दिनों में आपके ब्लड प्रेशर को लेवल कर देगा.दूध भी उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है. गाय का दूध का सेवन रोजाना सुबह और शाम करें.बाजार में मिलने वाले जंक फ़ूड से हमेशा दूर रहें.नमक की मात्र कम करें नियमित रूप से व्यायाम करें और स्वास्थयवर्धक भोजन करें।

बीपी (ब्लड प्रेशर) का बढ़ना खतरे का संकेत होता है, यदि सही समय पर परहेज नहीं किया गया तो आपको दिल का दौरा भी पद सकता है, इन अयूर्वेदिक उपायों से आप इस बीमारी को नियंत्रित कर सकते है लेकिन ध्यान रखें परहेज जरुर करे. तो बस देर किस बात की आज से बताये गए टिप्स के द्वारा अपने उच्च रक्तचाप को नियंत्रित कीजिये और हमेशा स्वस्थ रहिये।


 जानें, लो BP में क्‍या खाना चाहिये




नार्मल ब्लड प्रेशर 120/80 होता है। थोड़ा बहुत ऊपर-नीचे होने से कोई फर्क नही पड़ता, लेकिन ऊपर 90 से कम हो जाए तो उसे लो ब्लड प्रेशर, निम्न रक्तचाप कहते हैं। जबकि लो ब्लड प्रेशर में शरीर में ब्लड का दबाव कम होने से आवश्यक अंगों तक पूरा ब्लड नही पहुंच पाता जिससे उनके कार्यो में बाधा पहुंचती है लो ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाये रखने में चुकंदर का जूस काफी कारगर होता है।
रोजाना 100 - 100 एमएल. जूस सुबह - शाम पीना चाहिए। मल्‍टी विटामिन सप्‍पलीमेंट, विटामिन बी सप्‍पलीमेंट, विटामिन सी और प्रोटीन लेना चाहिये। इससे हफ्ते भर में ब्‍लड प्रेशर बिल्‍कुल सामान्‍य हो जाएगा। नमक का सेवन बढा दीजिये और खूब तरल पदार्थ पीजिये क्‍योंकि यही आपका जीवन बना सकता है।

जब ब्लडप्रेशर लो है तो क्या करें 1. तुरंत ही बैठ या लेट जाएं, अपनी मुट्ठियों को खेले और बंद करें, लंबी सांस अनंद बाहर खींचे। 2. चीनी, नमक तथा नींबू का शर्बत पिएं। 3. पैरों के नीचे दो तकिए लगाकर लेटें। ब्‍लड प्रेशर अगर कम होता है तो रोगी तो तुरंत नीचे बताए हुए आहार खाने चाहिये।


1. थोड़ी थोड़ी मात्रा में खाएं

अगर आप दिन में केवल 3 टाइइम ही खाना खाते हैं तो इसे बढा कर 6 टाइम कर लें। जी हां, दिन भर में छोटे छोटे मील लीजिये और खाने के बीच में लंबा गैप मत कीजिये। ऐसा नियमित करने से आपको लो ब्‍लड प्रेशर की चिंता नहीं होगी।


2. नमक खाइये

सेहत के लिये ज्‍यादा नमक खाना खतरनाक होता है। गर्मियों में हाइपरटेंशन गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं के कारण हो सकता है। इससे आपके हृदय और मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है। कम रक्तचाप का इलाज करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने आहार में नमक का सेवन बढ़ाएं।


3. खूब सारा लिक्‍विड पीजिये

आपको दिनभर में कम से कम 2 से 3 लीटर पानी पीना होगा। इसके अलावा नारियल पानी, बेल का शर्बत और आम का पन्‍ना भी पीजिये। इससे आपको जरुरभर का electrolytes मिलेगा जो कि शरीर में पानी को बैलेंस कर के रखेगा। डीहाड्रेशन की वजहह से ब्‍लड प्रेशर गिरने लगता है। आपको इन दिनों अनार का जूस पीना चाहिये जिससे शरीर को एंटीऑक्‍सीडेंट मिले।


4. कॉफी भी करता है मदद

यदि आपको लगता है कि आपका ब्लड प्रेशर कम है और आपको कमजोरी महसूस हो रही हैं तो आधा कप स्ट्रॉंग कॉफी पिये। इससे ब्लड प्रेशर तुरंत बढ़ जाएगा।


5. तुलसी की पत्तियाँ

तुलसी की पत्तियाँ लो ब्लड प्रेशर के इलाज में प्रभावी हैं। तुलसी की कुछ पत्तियों को मसलकर इनका जूस बना लें। इसमें एक टी स्पून शहद मिला लें। इसे सुबह खाली पेट लें। तुलसी में पोटैशियम, मैगनीशियम और विटामिन सी होता है जिससे ब्‍लड प्रेशर रेगुलेट रहता है।


6. बादाम मिल्‍क

रातभर 5-6 बादम को भिगो कर रखें। सुबह इसका पेस्‍ट बनाएं और दूध में उबाल कर पी जाएं। इसे रोजाना पिएं और ब्‍लड प्रेशर को गिरने से बचाएं। इस दूध मे बिल्‍कुल भी फैट और कोलेस्‍ट्रॉल नहीं होता। यहां तक कि यह ओमेगा 3 फैटी एसिड और हेल्‍दी फैट से भरा हेाता है।


7. मुनक्‍का

मुनक्‍के में मौजूद आयरन और साथ ही बी कॉम्‍लेक्‍स विटामिन एनीमिया के इलाज में मदद करते है। मुनक्‍के में मौजूद कॉपर लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में मदद करता है। रात को 3-4 मुनक्‍के को पानी में भिगो दें और सुबह उसे दूध के साथ उबाल कर पिएं। यह आपके रक्‍त प्रवाह को ठीक करता है।

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इन बातों पर भी ध्यान दें

- पोस्टुरल हाइपोटेंशन सुबह के समय ज्यादा होता है, क्योंकि रातभर में शरीर में सोडियम (नमक) की मात्र कम हो जाती है।

- पोस्ट प्रनडियल हाइपोटेंशन खाने के बाद होता है। खाना खाने के बाद रक्त में ग्लूकोज की मात्र अचानक बढ़ जाती है। ऐसे लोग भोजन में काबरेहाइड्रेट का सेवन कम करें।

- हाइपरवोलेमिया के कारण भी यह हो सकता है। इसमें तरल पदार्थो की कमी हो जाती है। 

- डायलिसिस कराने या डायबिटीज का उपचार कराने से भी यह समस्या हो सकती है।



लो B.P होने पर तुरंत करें ये उपाय 





ब्लड प्रैशर का कम होना और हाई होना दोंनों ही सेहत के लिए बहुत खतरनाक होते हैं। ब्लड प्रैशर कम होने पर शरीर में खून की गति सामान्य से कम हो जाती है। नार्मल ब्लड प्रैशर 120/80 को माना जाता है। यदि ब्‍लड प्रैशर 90 से कम हो जाए तो उसे लो ब्लड प्रैशर कहते हैं। बी.पी के कम होने पर शरीर के बाकी अंगों पर भी इसका बहुत बुरा असर पड़ता है। 

1. काॅफी

ब्लड प्रैशर कम होने पर स्ट्रांग कॉफी, हॉट चॉकलेट, कोला आदि का सेवन करना चाहिए। ज्यादातर ब्लड प्रैशर कम रहने पर एक कप कॉफी रोज पीएं लेकिन यह ध्यान रखें कि इसके साथ कुछ न कुछ जरूर खाएं।


2. नमक 

नमक वाला पानी लो ब्लड प्रैशर के लिए बड़ा फायदेमंद होता है। इससे ब्लड प्रैशर सामान्य हो जाता है। नमक में सोडियम होता है जो ब्लड प्रैशर को बढ़ाता है। लेकिन यह बात ध्यान में रखें कि नमक की मात्रा इतनी भी न बढ़ा दें कि सेहत पर बुरा असर पड़े। कम ब्लड प्रेशर में एक गिलास पानी में डेढ़ चम्मच नमक मिलाकर पी सकते हैं।

3. किशमिश

रात में 30 से 40 किशमिश भिगो दें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। आप उस पानी को भी पी सकते हैं। आप महीने में एक बार ऐसा कर सकते हैं। इसके अलावा  एक गिलास दूध में 4-5 बादाम और 10 से 15 किशमिश भी मिलाकर ले सकते हैं।

4. तुलसी

रोजाना 3 से 4 पत्तियां तुलसी की सेवन करने से लो ब्लड प्रैशर नार्मल हो जाता है। तुलसी में विटामिन सी, पोटैशियम, मैग्नीशियम जैसे कई तत्व पाए जाते हैं जो दिमाग को संतुलित करते हैं और तनाव को भी दूर करते हैं। जूस में 10 से 15 प‌त्तियां डाल दें। एक चम्मच शहद डाल दें और रोजाना खाली पेट इसका सेवन करें।

5. लेमन जूस 

लेमन जूस में हल्का सा नमक और चीनी डालकर पीने से लो बीपी में काफी फायदा होता है। इससे शरीर को एनर्जी तो मिलती ही है साथ ही लीवर भी सही काम करता है।


उपचार
- सबसे जरूरी है कारणों का पता लगाना, ताकि ठीक तरह से उपचार किया जाए। अगर किसी दवा से लो ब्लड प्रेशर हो तो उसकी वैकल्पिक दवाई दी जा सकती है।

- अगर एड्रीनल ग्लैंड के काम न करने से लो ब्लड प्रेशर है तो आपको हार्मोन रिप्लेसमेंट की आवश्यकता पड़ेगी।


घरेलू उपचार
- जो लोग लो ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं उन्हें नमक ज्यादा खाना चाहिए।

- अगर आपको लगातार चक्कर आ रहे हों तो पानी ज्यादा पिएं।

- एक कप शकरकंद का जूस दिन में दो बार पिएं। यह लो ब्लड प्रेशर का सबसे अच्छा घरेलू उपचार है।

- मिट्टी के बर्तन में 32 किशमिश भिगोएं। बर्तन को पानी से पूरा भर दें। सुबह खाली पेट उन्हें एक-एक कर चबाएं, उसके बाद पानी पी लें।

- तुलसी की 10-15 पत्तियों का रस निकाल लें और उसे एक चम्मच शहद के साथ खाली पेट खा लें।

- सात बादाम को रातभर भिगोएं। उसका छिलका उतारकर पीस लें और दूध में थोड़ी देर उबाल लें। इसे गुनगुने रूप में पी लें।


लो ब्लड प्रेशर के लक्षण
- छाती में दर्द, सांस फूलना,  अनियमित धड़कनें, तेज बुखार, गर्दन का अकड़ जाना, अगर ज्यादा लंबे समय तक लो ब्लड प्रेशर की समस्या हो तो उल्टी और डायरिया भी हो सकती है, बेहोशी, अत्यधिक थकान, कुछ समय के लिए धुंधला या कुछ दिखाई न देना।


लो ब्लड प्रेशर के कारण
- गर्भावस्था, हार्मोन असंतुलन जैसे कि थायरॉइड की सक्रियता कम हो जाना 

- डायबिटीज या लो ब्लड शुगर, दवाओं का प्रभाव, हृदय की असामान्य धड़कनें, हार्ट फेलियर, रक्त नलिकाओं का फैल जाना 

- स्ट्रोक, लीवर की बीमारियां  

- इसके अलावा कुछ अत्यावश्यक विटामिनों जैसे बी-12 और आयरन की कमी एनीमिया का कारण बन सकती है, जो लो ब्लड प्रेशर में बदल सकता है।

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लो ब्लड प्रेशर में फायदेमंद हैं तुलसी के पत




आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग कई बीमारियों का शिकार बन रहे हैं। इनमें से ही एक लो ब्लड प्रेशर की समस्या है। चक्कर आना, बेहोशी, थकान, सांस लेने में दिक्कत आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं। अगर आपको लो बीपी की समस्या रहती है तो ये सुपर फूड्स आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं।


लो ब्लड प्रेशर में फायदेमंद हैं तुलसी के पत्त

- कई बार लोगों की ये समस्या इतनी बढ़ जाती है कि उन्हें दौरे तक पड़ने लगते हैं। ऐसे में मरीज को तुरंत एक कप स्ट्रॉन्ग कॉफी बनाकर दें। साथ ही अगर आप कमजोरी महसूस हो रही हो तो तुरंत काफी बनाकर पी लें।

- 200 ग्राम गाजर के जूस में एक चौथाई पालक का रस मिलाकर पिएं। इससे आपको फायदा होगा।

-  लो ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए तुलसी फायदेमंद होती है। रोज सुबह उठकर तीन से चार तुलसी के पत्तों का सेवन करने से फायदा होगा।

- लो बीपी के मरीजों को आंवले के साथ शहद का खाना चाहिए। इसके लिए आंवले के रस में शहद मिलाकर सेवन करने से फायदा होगा। इसके अलावा आप आंवले का मुरब्बा भी खा सकते हैं।

- रात को सोने से पहले 50 ग्राम देसी चनें और 10 ग्राम किशमिश को सौ ग्राम पानी में भिगो कर रख दें। सुबह होने पर इनका सेवन करें और पानी भी पी जाएं। इससे लो बीपी से राहत मिलेगी।


लो ब्लड प्रेशर के लिए घरेलू नुस्ख




आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में प्रतिस्पर्धा बहुत अधिक बढ़ गयी है, जिसके परिणाम स्वरूप आज हम पैदल चलना, व्यायाम करना, सही भोजन करना, जैसी अनेक अच्छी आदतों को भूल कर बस पैसा कमाने की दौड़ में आगे बढ़ते जा रहे है। ऐसे में पैसे की चमक मे हमने अपने शरीर पर ध्यान देना बंद कर दिया है।

आज की भागदौड़ वाली ज़िंदगी में मानसिक तनाव ओर शारारिक समस्या बढ़ती जा रही है। आज हमारे जीवन में उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) और निम्न रक्तचाप (Low Blood Pressure) एक आम समस्या बन गयी है। जितना घातक उच्च रक्तचाप होता है, उतना ही नुकसानदेह निम्न रक्तचाप भी।


BP Low Treatment in Hindi – घरेलु उपचार

एक ग्लास पानी में, 10 तुलसी के पत्ते, 4 काली मिर्च और 2 लोंग डालकर अच्छी तरह उबाल लीजिए। पानी आधा रहने पर, इसे हल्का गर्म ही पीना चाहिए। यह प्रक्रिया प्रतिदिन 1 बार करे, आपका निम्न रक्तचाप बहुत जल्द ठीक हो जाएगा।नियमित रूप से सब्जियो का सूप पीने से आपको लो ब्लड प्रेशर में काफ़ी राहत मिलेगी।एक कप शकरकंद का जूस दिन में 2 से 3 बार पिए आपका निम्ना रक्तचाप सामान्य हो जाएगा।¼ छोटी चम्मच हल्दी पाउडर, 1 चुटकी अदरक का पाउडर या पीसी हुई सोंठ, 1 चुटकी इलायची पाउडर और 1 चम्मच चीनी मिला ले। अब एक प्याले में 1 कप दूध और ½ कप पानी में बने हुए मिश्रण को डालकर उबाल ले। इसे छान कर गरम गरम दिन में एक बार पीजिए।एक मिट्टी का बर्तन ले और उसमे किशमिश को रातभर भिगोने के लिए रख दे। सुबह भीगी हुई किशमिश को चबाकर खाए।1 चमच्च शहद में, ¼ छोटा चम्मंच लहसुन का रस मिला ले। इसे प्रतिदिन 2 बार खाना चाहिए।रात को बादाम को भिगो कर रख दे और सुबह इनके छिलके उतार कर पीस ले। अब इन्हे दूध के साथ उबाले और इस दूध को गुनगुना कर पिए।यदि आपको लगातार चक्कर आ रहे है तो ज़्यादा से ज़्यादा पानी पिए ताकि चक्कर आना थोड़ा कम हो जाए।आंवले के 25 ग्राम रस में शहद 10 ग्राम मिलाकर सेवन करें।रोजाना खजूर खाने से निम्न रक्तचाप नष्ट होता है।अंकुरित अनाज व दालों का खूब सेवन करें।


लो ब्लड प्रेशर – Low Blood Pressure

पहले के समय में ये समस्या अधिक उम्र वाले लोगो को हुआ करती थी, मगर 21वी सदी में यह बीमारी 24-35 की उम्र के लोगो में भी होने लगी है. वैसे तो एक सामान्य व्यक्ति का निम्न रक्तचाप 80 होता है, लकिन अगर यह 80 से कम हो जाता है तो यह निम्न रक्तचाप को दर्शाता है. जहा तक निम्न रक्तचाप की बात है, जब शरीर में खून का आना जाना धीरे-धीरे कम होने लगता है, जिससे शरीर के अंग काम करना बंद कर देते है, तो वो निम्न रक्तचाप (Low Blood Pressure) कहलाता है तो इसीलिए इससे बचने के लिए जानिए 


लो ब्लड प्रेशर के लक्षण और कारण




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अगर ध्यान दिया जाए तो लो बी पी के लक्षण को आसानी से समझा जा सकता है. जो निम्न लिखित है-
चक्कर आना या बेहोशी हो जाना,

अधिक पसीना आना,

थोड़ा सा भी काम करने पर दिल का तेजी से धड़कना,

सिने में दर्द होना या दिल की धड़कनो का तेज हो जाना,

धुंधला दिखाई देना या आँखो के आगे अंधेरा आ जाना,

घबराहट का होना,

हाथ पैरो का ठंडा पड़ जाना,

विस्तार से जानिये बीपी लो होने के लक्षण और कारण
लो बीपी के उपाय/उपचार – BP Low Treatment
अगर आप ऊपर दिए गये किसी भी लक्षण से प्रभावित होते है, 

तो ध्यान रखे
ऐसे लक्षण महसूस होने पर आराम से एक जगह बैठ जाना चाहिए।अपने हाथो की मुठ्ठियों को कुछ समय तक खोले ओर बंद करे।धीरे धीरे एक ग्लास पानी पिए।चीनी, नमक या नींबू का शरबत पिए।अगर आप घर पर है तो तकिया को अपने पैरो के नीचे लगाकर लेटे।


Low Blood Pressure Diet in Hindi

अगर आप निम्न रक्तचाप के शिकार है तो घबराए नही, अपने आहार मे थोड़ा सा परिवर्तन करे

फल, सब्जी ओर पोष्टिक खाद्य पदार्थो का सेवन करेहरी सब्जियो का सूप बना कर पिएगाजर, मूली, खीरा, ककड़ी का सलाद ज़्यादा खाएपानी अधिक पीना चाहिए प्रतिदिन चुकंदर का रस पिए

लो ब्लड प्रेशर के लक्षण दिखने पर हमे कैसी डाइट लेनी चाहिए, हमे क्या खाना चाहिए और क्या नही खाना चाहिए ये बड़ा महत्वपूर्ण हो जाता है इसलिए आइए पूरी जानकारी लेते है 

एक ग्लास पानी में, 10 तुलसी के पत्ते, 4 काली मिर्च और 2 लोंग डालकर अच्छी तरह उबाल लीजिए। पानी आधा रहने पर, इसे हल्का गर्म ही पीना चाहिए। यह प्रक्रिया प्रतिदिन 1 बार करे, आपका निम्न रक्तचाप बहुत जल्द ठीक हो जाएगा।नियमित रूप से सब्जियो का सूप पीने से आपको लो ब्लड प्रेशर में काफ़ी राहत मिलेगी।एक कप शकरकंद का जूस दिन में 2 से 3 बार पिए आपका निम्ना रक्तचाप सामान्य हो जाएगा।¼ छोटी चम्मच हल्दी पाउडर, 1 चुटकी अदरक का पाउडर या पीसी हुई सोंठ, 1 चुटकी इलायची पाउडर और 1 चम्मच चीनी मिला ले। अब एक प्याले में 1 कप दूध और ½ कप पानी में बने हुए मिश्रण को डालकर उबाल ले। इसे छान कर गरम गरम दिन में एक बार पीजिए।एक मिट्टी का बर्तन ले और उसमे किशमिश को रातभर भिगोने के लिए रख दे। सुबह भीगी हुई किशमिश को चबाकर खाए।1 चमच्च शहद में, ¼ छोटा चम्मंच लहसुन का रस मिला ले। इसे प्रतिदिन 2 बार खाना चाहिए।रात को बादाम को भिगो कर रख दे और सुबह इनके छिलके उतार कर पीस ले। अब इन्हे दूध के साथ उबाले और इस दूध को गुनगुना कर पिए।यदि आपको लगातार चक्कर आ रहे है तो ज़्यादा से ज़्यादा पानी पिए ताकि चक्कर आना थोड़ा कम हो जाए।आंवले के 25 ग्राम रस में शहद 10 ग्राम मिलाकर सेवन करें।रोजाना खजूर खाने से निम्न रक्तचाप नष्ट होता है। अंकुरित अनाज व दालों का खूब सेवन करें।


क्या है बचाव

- जब लेटे हों तो सीधे उठकर खड़े न हों। पहले बैठें, कुछ सेकेंड रुकें, फिर उठकर खड़े हों। 

- कम से कम आठ गिलास पानी और तरल पदार्थ रोज पिएं।

- खाने में नमक की मात्र बढ़ा दें।

- डॉक्टर की सलाह से खाने के साथ एक कप चाय या कॉफी पिएं।

- अगर आप हाई ब्लड प्रेशर की दवाएं ले रहे हैं तो शराब का सेवन पूरी तरह बंद कर दें।

- अगर खाने के बाद ब्लड प्रेशर कम हो जाता है तो थोड़ी मात्र में खाएं। दिन में तीन बार अधिक मात्र में खाने की बजाए छह बार थोड़ी मात्र में खाएं। खाने के बाद थोड़ा आराम करें। भोजन में काबरेहाइड्रेट की मात्र कम कर दें।


लो ब्लड प्रेशर की स्थिति में कारगर साबित होते हैं ये उपाय




1,आजकल की दिनचर्या

आजकल की जैसी दिनचर्या हमने बना ली है, उसे यह तो तय है कि बुढ़ापा आने से पहले ही हम काफी बीमार पढ़ने वाले हैं। हर समय कुर्सी पर बैठे रहना, स्मार्टफोन की आदी हो चुकी जेनरेशन तो उसी में घुसी रहती है। हमें गैजेट्स ने इतना घेर लिया है कि शारीरिक गतिविधि करना हम भूल गए हैं।


2,आलस

यह तो छोड़िए, आलस् के कारण तो लोग उठकर अपने खाने-पीने का भी बंदोबस्त नहीं करते। बस बैठ-बैठाए खाने की चीज़ मिल जाए तो खा लेंगे, नहीं तो बैठे रहेंगे अपनी जगह पर। कुछ लोग अधिक काम के चक्कर में भी समय से खाना नहीं खाते। इन्हीं आदतों के कारण शरीर में कमजोरी आती है और यह कमजोरी धीरे-धीरे लो ब्लड प्रेशर यानी कि गिरे हुए रक्तचाप का कारण बनती है।


3,लो ब्लड प्रेशर

लो ब्लड प्रेशर की शिकायत आजकल हर दूसरा इंसान करता है। कुछ लोगों को यह समस्या इतनी हो जाती है कि उन्हें दवाओं का सहारा लेना पड़ता है। लेकिन आपके साथ ऐसा कुछ ना हो, इसमें हम आपकी मदद कर सकते हैं।


4, 5 तरीके

यहां हम 5 ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं जिनका यदि आप लो ब्लड प्रेशर के समय उपयोग करेंगे तो हालत में कुछ सुधार लाया जा सकता है। लेकिन सवाल यह है कि लो ब्लड प्रेशर को पहचानें कैसे


5, ऐसे लक्षण

कुछ ऐसे लक्षण होते हैं जो हमें बताते हैं कि शरीर में ऊर्जा खत्म हो रही है। अचानक बेचैनी महसूस होना, शरीर से गर्मी निकलना, हाथ ठंडे लगना... यह कुछ ऐसे लक्षण हैं जो बताते हैं कि रक्तचाप कम है। सामान्य व्यक्ति का ब्लड प्रेशर ऊपर का 120 और नीचे का 90 होना चाहिए। लेकिन यह दोनों यदि कम हो जाएं तो समझ जाएं कि आपका ब्लड प्रेशर काफी गिर गया है।


6, नमक का पानी

ऐसे में पहला उपाय जो आप कर सकते हैं वह है नमक का पानी पीना। सामान्य पानी लें और उसमें थोड़ा नमक मिला लें, ध्यान रहे यह नमक उतना ही हो जितना आप पी सकें। अधिक नमक आपके स्वास्थ के लिए हानिकारक भी हो सकता है। नमक में मौजूद सोडियम ब्लड प्रेशर को बढ़ाने में आपकी मदद करेगा।


7, कैफीन

नमक के अलावा ब्लड प्रेशर कम होने पर तुरंत कैफीन का सेवन करें, ये कॉफी में सबसे अधिक मात्रा में होता है। इसलिए तुरंत गर्माग्रम कॉफी का सेवन करें, लेकिन कॉफी अकेले ना पीयें। साथ भी कुछ ना कुछ खा भी लें तांकि शरीर को ताकत मिले।


8, किशमिश

यदि आपको लो ब्लड प्रेशर है और पास में कोई ड्राइफ्रूट है तो इससे अच्छा इलाज कोई नहीं हो सकता और किशमिश उपलब्ध है तो और भी अच्छी बात है। यदि नहीं तो आप बादाम भी ले सकते हैं।

9, तुलसी

लो ब्लड प्रेशर को ठीक करने में तुलसी भी मददगार है। क्योंकि तुलसी में विटामिन सी, पोटैशियम और मैग्नीशियम होता है जो दुमाग को संतुलित कर तनाव को दूर करते हैं। तो यदि ब्लड प्रेशर कम लगे तो चाय में या फिर जूस में तुलसे की कुछ पत्तियां डालकर पी जाएं।

10, लेमन जूस

लेमन जूस में मौजूद विटामिन सी तत्व, गिरते हुए रक्तचाप को ठीक करने में सहायक सिद्ध होता है। कई बार शरीर में पानी की कमी से भी ब्लड प्रेशर गिरता है, ऐसे में यह नींबू पानी, दोनों समस्याओं को एक साथ ही खत्म कर देता है।

उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure)


हाई ब्लड प्रेशर या उच्च रक्तचाप की समस्या आजकल बेहद आम होती जा रही है। उच्च रक्तचाप के दौरान मरीज के शरीर में रक्त का प्रवाह बेहद तेज हो जाता है। इस स्थिति में आपके हृदय को अधिक काम करना पड़ता है। आइये जानें इससे 

जुड़ी अन्य बातें: 

उच्च रक्तचाप (About High Blood Pressure)
रक्त द्वारा धमनियों पर पड़ने वाले दबाव को ब्लड प्रेशर कहते हैं। सामान्यतः हमारी धमनियों में बहने वाले रक्त का एक निश्चित दबाव होता है, जब यह दबाव अधिक हो जाता है तो धमनियों पर दबाव बढ़ जाता है और इस स्थति को उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) से जाना जाता है| लगातार उच्च रक्तचाप शरीर को कई तरीके से हानि पहुंचा सकता है। यहाँ तक की हार्ट फेल भी हो सकता है।


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सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर (Systolic Blood Pressure)

निलयी प्रकुंचन (Ventricular systole) के दौरान रक्त को महाधमनी में धकेलने लिए बायें निलय (Ventricle) के संकुचित होने पर बनने वाला अधिकतम रक्त-चाप सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर कहलाता है।

औसत ब्लड प्रेशर (Blood Pressure Range in Normal Condition)

सामान्य स्वस्थ वयस्क का विश्रामावस्था में सिस्टोलिक प्रेशर का परिसर 100 Hg. से 140 मिमी. पारे के बीच रहता है तथा औसतन 120 मिमी पारे के बीच रहता है।


हाई ब्लड प्रेशर कम करने के उपाय




हाई ब्लड प्रेशर आमतौर पर चिंता, शोक, क्रोध, भय के मनोविकारों, मानसिक तनाव व् गुर्दे की खराबी, वंशानुगत (एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में फैलने वाला रोग) से होता है |अगर माता या पिता को उच्च रक्तचाप की समस्या है तो इसकी काफी संभावना है की आगे चलकर उनके बच्चो को भी यह रोग हो सकता है 
शराब व धूम्रपान के अधिक सेवन, मोटापा, बहुत ज्यादा मानसिक परिश्रम और उसके अनुपात में शारीरिक परिश्रम न करना, आदि कारणों से भी उच्च रक्तचाप का रोग पैदा होता है।ज्यादा नमक उपयोग करना , रक्त में चर्बी की मात्रा बढने से रक्त का गाढा होना |शरीर में विटामिन बी और विटामिन सी , Potassium, Calcium, और Magnesium की कमी होना |कम नींद लेने से ,किडनी में खराबी या Thyroid Disorders से भी हाई ब्लड प्रेशर हो सकता हैउम्र बढने (40 से 45) के साथ साथ ह्रदय धमनिया पतली होती जाती है जिससे रक्त बहाव कम पड़ने लगता है |गर्भावस्था में भी रक्त चाप बढ़ जाता है परंतु यह स्थाई नहीं होता है |अत्यधिक दवाइयों का सेवन जैसे गर्भ निरोधक गोलिया, दर्द निवारक गोलिया भी उच्च रक्तचाप का कारण बन सकती है |


हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण : / High Bp Symptoms

हाई ब्लड प्रेशर रोग में सिर के दोनों तरफ तेज सिर दर्द, सिर में भारीपन, चक्कर आना, थकावट महसूस करना, मानसिक और शारीरिक श्रम से अनिच्छा |नींद न आना, आँखों में खून उतर आना, सिर की नसों का स्पष्ट फड़कना, घबराहट, जी मिचलाना, गैस की तकलीफ, मानसिक तनाव से एकाग्रता का अभाव, सीने में दर्द, हाथ-पैर में झुनझुनी पैदा होना, लकवा लगना, बेहोश होकर अचेत पड़े रहना, चेहरा तमतमाया हुआ रहना, नाक से रक्तस्राव, सांस लेने में तकलीफ मानो दमा हुआ हो आदि लक्षण देखने को मिलते हैं।हाई ब्लड प्रेशर होने पर सीने में दर्द या भारीपन, सांस लेने में परेशानी, अचानक घबराहट, समझने या बोलने में कठिनाई, चहरे, बांह या पैरो में अचानक सुन्नपन |यह रोग आजीवन चलता रहता है। इलाज न कराने पर हार्ट अटैक, पक्षाघात, दिमागी नस फटना, ब्रेन हैमरेज ,गुर्दो की खराबी या आकस्मिक मौत का कारण भी बन सकता है।अगर आपको थोड़े से शरीरिक परिश्रम से ज्यादा साँस चढ़ते है ज्यादा घबराहट और पसीना आता है तो टीएमटी, ईको जैसी जांच करवा लेनी चाहिए |


उच्च रक्तचाप के लिए आहार / High Blood Pressure Diet

हाई ब्लड प्रेशर होने पर आपको जल्द हजम होने वाला हल्का भोजन, सादा, उचित मात्रा में करें।नियमित रूप से भोजन के बाद छाछ या बिना क्रीम वाली दही का सेवन करें।युवावस्था में हाई ब्लड प्रेशर रोग होने पर सोयाबीन को रात में भिगोकर, सुबह उसका छिलका निकाल कर सुखा लें। 9 किलो गेहूं में एक किलो यह सोयाबीन मिलाकर पिसवा लें। इसकी चोकर सहित बनी रोटियां सुबह-शाम खाएं।फलों में सेब, पपीता, आंवला, ककड़ी, बेल, खजूर, मुनक्का, संतरा, केला आदि का सेवन करें।सब्जियों में अरबी , प्याज , लहसुन, अदरक ,आलू, टिंडा, लौकी, पुदीना, ताज़ा हरी सब्जियां, चौलाई, कद्दू, पत्ता गोभी, कच्चा दूध, दही पनीर, काबुली चना ,राजमा, मक्का, ज्वार, अंकुरित अनाज, और शकरकंद, एवोकैडो, पालक, फलियां (बींस), शहद का सेवन इच्छानुसार करें।गेहूं व चने के आटे को बराबर की मात्रा में मिलाकर बनाई रोटी खूब चबा-चबा कर खाएं।लहसुन में पाया जाने वाला एडीनोसीन नामक तत्व मांसपेशियों को ढीला कर रक्त नलिकाओं को फैलाने में मदद करता है, अत: प्रतिदिन इसकी 3-4 कलियां छीलकर चबा लें और गुनगुने पानी से निगल जाएं। इससे रक्त में कोलेस्ट्रोल की मात्रा भी कम होगी ।रात के समय तांबे के पात्र में रखा हुआ पानी प्रात: समय पीने से उच्च रक्तचाप कम होता है तथा इसके नियंत्रण में सहायता मिलती है।प्रतिदिन दो सेब खाएं उच्च रक्तचाप में सेब खाने से जल्दी जल्दी पेशाब आता है जिससे शरीर में से सोडियम निकल जाता है |पानी में निम्बू निचोड़कर दिन में कई बार पियें | दिल की बीमारी से बचाव के उपाय-Heart Disease Prevention.Normal Bp रखने के लिए सुबह खाली पेट पपीता खाएं |तरबूज के बीज छाँव में सुखाकर, पानी में रातभर भिगो दे सुबह उसकी गिरी में समान मात्रा में खसखस मिलाकर लगातार दिन में दो तीन बार लेने से रक्तचाप में कमी आती है |


हाई ब्लड प्रेशर में क्या नहीं खाना चाहिए




रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए अधिक तेज मिर्च-मसालों से बने गरिष्ठ भोजन, तली चीजें, अधिक मात्रा में भोजन, ठंडा और बासी भोजन न खाएं। जाने डायबिटीज़ के 10 शुरुआती लक्षणमांस, मछली, अंडा, चाय, कॉफी, शराब, व अन्य नशीले पदार्थ जैसे तंबाकू, सिगरेट, गुटखा का सेवन छोड़ दें।रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए चीनी, मैदा, ब्रेड,जंक फ़ूड आदि ना खाएंमलाई युक्त दूध, मक्खन, नमक से परहेज करें।


हाई ब्लड प्रेशर से कैसे बचें

शारीरिक परिश्रम बिल्कुल न छोड़कर नियमित रूप से व्यायाम करें।मोटापा न बढ़े, इसके लिए सुबह 4-5 किलोमीटर सामान्य गति से घूमने जाएं। देखें यह पोस्ट जॉगिंग करें फिट रहें Jogging Tips.योगाभ्यास में शवासन नियमित करें, ताकि शांति और ताजगी मिले।समय-समय पर विश्राम व मनोरंजन करें। तनाव रहित, प्रसन्न व शांत रहने का प्रयत्न करें।कब्ज न होने दें। अपना पेट साफ रखें।रुद्राक्ष की माला धारण करें। पंचमुखी रुद्राक्ष विशेष तौर पर उच्च रक्तचाप में लाभप्रद है। पंचमुखी रुद्राक्ष रक्तवाहिनियों के कठोर ओर मोटा होने की दिशा में भी लाभकर है। याद रहे कि रुद्राक्ष धारण करने पर इसका त्वचा से स्पर्श करते रहना बहुत जरुरी है।यदि कोई व्यक्ति बायां (Left) स्वर (यानि बाई ओर के नासिका छिद्र से) निरंतर आधे घंटे तक सांस चलाए तो उच्च रक्तचाप कम हो जाता है। 

उच्च रक्तचाप दूर भगाने के लिए  

रात्रि जागरण न करें।नमक ब्लड प्रेशर बढाने वाला प्रमुख कारण है इसलिए तीन ग्राम से ज्यादा नमक न लें।चिंता, क्रोध, ईष्या, शोक, भय, मानसिक तनाव पैदा करने वाले कार्यों से बचें।चर्बी और कोलेस्ट्रोल बढ़ाने वाला भोजन न करें।



ब्लड प्रेशर क्या है, हाई ब्लड प्रेशर का कारण व बचाव


शहरी जीवनशैली में ही नहीं बल्कि गांव-देहात में भी हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) बहुत बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन गई है. बारत में करोड़ों लोग इसकी चपेट में हैं और यह प्राणघातक भी हो सकता है. हाई ब्लड प्रेशर को ‘साइलेंट किलर’ भी कहते हैं क्योंकि ज्यादातर लोगों को यह पता नहीं होता कि वे इसकी गिरफ्त में हैं क्योंकि इसके लक्षण स्पष्ट नहीं होते.

पहले लोग मानते थे कि ब्लड प्रेशर की समस्या प्रौढ़ावस्था में होता है लेकिन अब छोटे बच्चों में भी ब्लड प्रेशर देखने में आ रहा है. ब्लड प्रेशर किसी को भी हो सकता है और एक बार दवा शुरु हो जाने उसे बंद करना सरल नहीं होता इसलिए High Blood Pressure की समस्या से बचाव में ही समझदारी है.


ब्लड प्रेशर क्या होता है – What is Blood Pressure in hindi :

हमारी रक्त वाहिनियों (धमनियों तथा शिराओं) पर पड़नेवाले खून के दबाव को ब्लड प्रेशर कहते हैं. डॉक्टर इसे मापने के लिए एक मशीन का इस्तेमाल करते हैं जिसे स्फिग्नोमैनोमीटर कहते हैं. रबर के ब्लैडर को दबाने पर पट्टा बांह में कसता है और प्रेशर रिलीज करने पर जब डॉक्टर या जांच करनेवाले को आले में टिकटिक की आवाज़ सुनाई देती है तो पारे के गिरते लेवल से दो आँकड़े मिलते हैं.

आदर्श ब्लड प्रेशर (Normal Blood pressure) 120/80 माना जाता है.इसमें पहली संख्या को सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर कहा जाता है क्योंकि यह हृदय के धड़कने (सिस्टोल) के समय के ब्लड प्रेशर को दिखाता है. दूसरी संख्या को डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर कहते हैं क्योंकि हृदय के तनाव-मुक्त रहने के समय के ब्लड प्रेशर की सूचना देता है.

ब्लड प्रेशर को पारे के स्तंभ में मिलीमीटर में मापा जाता है. ब्लड प्रेशर के 140/90से ज़्यादा होने पर उसे हाईपरटेंशन (Hypertension) की अवस्था मानते हैं. इसे ही हम ब्लड प्रेशर कहते हैं.

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रक्तचाप बढ़ने के कारण – High blood pressure reasons in hindi :

– रक्तचाप बढ़ने के कई कारण हैं. आनुवांशिकता, नमक, मोटापा, तनाव,गर्भावस्था, धूम्रपान, शराब, किडनी के रोग,डायबिटीज (Diabetes), जंकफूड,गर्भनिरोधक गोलियों (contraceptive pills), आधुनिक व आरामतलब जीवनशैली, हार्मोनल गड़बड़ियां आदि ब्लड प्रेशर को बढ़ा सकती हैं. भोजन में अधिक मात्रा में नमक लेने से कुछ लोगों का ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है.

– रक्त वाहिनियों में कोलेस्ट्रॉल जमा होने से धमनियाँ संकरी हो जाती हैं और ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है. मोटे लोगों को भी हाई ब्लड प्रेशर होने का खतरा रहता है. धूम्रपान करनेवालों को भी इसका रिस्क होता है. अधिक मात्रा में चाय, कॉफी पीने तथा सोडा ड्रिंक्स में मिले कैफीन से भी ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है. बहुत अधिक तनावग्रस्त रहने से भी ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है.


उच्च रक्तचाप सामान्य रखने के लिए क्या करें – How to control High Blood Pressure in hindi :

– नमक का सेवन कम कर दें. दिन भर में एक छोटा चम्मच या लगभग पांच ग्राम नमक का सेवन पर्याप्त है. थाली में अलग से नमक लेकर न बैठें. साधारण नमक की जगह लो-सोडियम सॉल्ट (Low sodium salt) का उपयोग करें. सप्ताह में एक बार बिना नमक का भोजन करने की आदत डालें. थाली में नमक के व्यंजनों की संख्या में कटौती करें.

– यदि दाल और सब्जी के साथ खाना खा रहे हों तो पापड़, अचार, चटनी, नमकीन सलाद, रायते का सेवन न करें. इनमें से हर व्यंजन में नमक डला होता है और नमक की छोटी-छोटी मात्रा मिलकर अधिक हो जाती है.

– पैकेज्ड, कैन्ड, फ्रोज़न फूड नमक अधिक और प्रिजर्वेटिव होने के कारण इनका सेवन भी कम से कम करें. बेकिंग पाउडर व अजीनोमोटो वाले प्रोडक्ट्स,बिस्कुट, बेकरी आइटम्स, नमकीन, चिप्स,रेड मीट (Red meat) आदि में भी नमक और सैचुरेटेड फैट्स (Saturated fats) होते हैं. इनसे भी परहेज करें.

– वज़न कम कीजिए, तनाव कम करें,पर्याप्त नींद लीजिए, ऐसा भोजन लें जिसमें पोटैशियमयुक्त, कैल्शियम और मैग्नीशियम अधिक हो, शराब बहुत संतुलित मात्रा में पिएं, भरपूर व्यायाम व योग आदि करें,रेशेदार भोजन व फल ज़्यादा लीजिए.

– धूम्रपान पूरी तरह छोड़ दीजिए,कोलेस्ट्रॉल की जांच करवाते रहें, मधुमेह को काबू में रखिए तथा अपनी किडनी की देखभाल करें. बहुत सी दवाओं के सेवन से भी High blood pressure हो सकता है इसलिए अपने डॉक्टर से परामर्श लेकर ही दवाएं लें.



हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए फ़ूड



कई बार आनुवांशिक कारणों की वजह से भी यह बीमारी होने लगती है वैसे अधिकतर मामलों में खराब खानपान और सुस्त जीवनशैली की वजह से भी यह समस्या हो जाती है। हेल्दी डाइट और सही इलाज की मदद से आप काफी हद तक इस बीमारी को कंट्रोल कर सकते हैं।

इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बता रहे हैं जिनके सेवन से ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता है।

1. निंबु का प्रयेाग

निंबु भी एक रक्तचाप को कम करने का कारगर इलाज है। यह हमारे शरीर की रक्तवाहिकाओं में मौजुद कठोर कणों केा हटाने मे सहायक होता है। इसकें सेवन से आप अपने शरीर मे उच्च रक्त चाप को कम कर सकते है। इसके निंबु का एक और उपयोग है निबु मे मौजुद विटामिन सी आपके शरीर में विटामिन सी की कमी को पुर्ति करता है साथ ही साथ हृदय की परेशानियाँ को भी दुर करता है।

विटामिन की सबसे बडी खुबी यह की यह हमारे षरीर में मौजुद मुक्त कणों के हानिकारक प्रभावों को कम कर उनके असर को समाप्त कर देता है।

आप नियमित रूप एक ग्लास पानी के साथ एक निंबु के रस को मिलाकर पी सकते है। इससे आपके शरीर का उच्चरक्त चाप कम होता है।

नोट:- निंबु के रस के साथ चिनी या नमक का उपयोग वर्जित है।

2. तरबुज

सामान्यतया तरबुज का सेवन सभी व्यक्ति करते है मीठा स्वाद और मुहँ में घुलजाना. यह हमारे शरीर की पानी की कमी हो दूर करता है । कभी आपने सोचा की तरबुज हमारे शरीर के उच्चरक्त चाप को नियंत्रित करने मे भी कारगर हो सकता है। तरबुज मे एक यौगिक मौजुद होता है। जिसका नाम कुकुरबोकिटरीन होता है यह हमारे शरीर मे मौजुद रक्त कोषिकाओं का चौड़ा करने मे मदद करता है। जिससे उच्च रक्त चाप धीरे-धीरे नियंत्रित होने लगता है। तरबुतज का एक और फायदा है। यह हमारे शरीर के गुर्दे की कार्य प्रणाली मे भी सुधार लाता है।

3. लहसुन

लहसुन ब्लड प्रेशर को नियंत्रित कर सकता है लहसुन न केवल खाद्य पदार्थो के स्वाद को बढाने के लिए प्रयोग मे लिया जाता है अपितु लहसुन का आयुवैद के अनुसार कई उपयोग होते है जिनमे से एक होता है उच्च रक्त चाप, उच्च रक्त चाप को नियंत्रित करने मे लहसुन एक काफी फायदे मंद घरेलु उपचार है। लहसुन मे मौजुद नाइटिक आॅक्साइड और हाइडोजन जो हमारी रक्त वाहिकाओं को आराम पहुॅचाता है।

अगर आप प्रतिदिन नियमित रूप से लहसुन और एक लौंग को पिसकर अपनेे खाद्य पदार्थो मे मिलाकर खाए इससे आपको जरूर फायदा होगा ।

आप ऐसा भी कर सकते है। आधा कप पानी मे चार से पाॅच लहसुन के रस बूॅदे मिला ले और उसका नियमित सेवन करे जिससे आपके उच्च रक्त चाप की बीमारी खत्म होने लगेगी।

4. आॅटस 

अगर आप हाइपरटैंशन से पीड़ित है तो आपको नाश्ते में फाइबर से भरे हुए आॅटस का एक बाउल बहुत फायदा देगा। उच्च रक्तचाप के साथ ही यह शरीर के बुरे कोलेस्ट्रॉल को भी कम करता है और दिल की कई बीमारियों को ठीक करता है।

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5, अनार

अनार में कई बीमारियों को दूर करने के गुण हैं। व्यक्ति को लगातार दो हफ्तों तक अनार के जूस का एक गिलास शाम के समय दिया जाए तो बी.पी कंट्रोल होने लगता है।

6.चुकंदर

इसे अगर आप अपने डाइट में नहीं शामिल करते तो अब स्थान देना शुरू करें क्योंकि इसमें नाइट्रेट होता है और जिससे इसके एक गिलास जूस लेने के बाद एक ही घंटे में उच्चरक्तचाप नियंत्रित होने लगता है।

7.डार्क चाॅकलेट

डार्क चॉकलेट में एंटीऑक्सीडेंट्स काफी मात्रा में होते है, जिसे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है। ‘डार्क चॉकलेट’ शरीर में उसी तरह से असर करता है, जैसे रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए ली जाने वाली कोई दवा असर करती है।

8, केला

बहुत कम लोग यह जानते हैं कि केले के सेवन से भी ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता है। इसमें मौजूद पोटैशियम की अधिक मात्रा हाइपरटेंशन के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद है। इसलिए रोजाना दूध के साथ केला खाएं या फिर आप केले का स्मूदी बनाकर भी पी सकते हैं।

9, हरी सब्जियां :

पालक और केल जैसी हरी सब्जियों में कैलोरी की मात्रा कम होती है साथ ही इसमें फाइबर, पोटैशियम, फोलेट और मैग्नीशियम की मात्रा काफी ज्यादा होती है। ये सारी चीजें ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करती हैं। इसलिए रोजाना हरी सब्जियों का सेवन ज़रूर करें।

10, लो फैट डेरी आइटम :

ऐसे डेरी प्रोडक्ट्स जिसमें फैट की मात्रा काफी कम होती है वे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा इसमें कैल्शियम की मात्रा भी काफी ज्यादा होती है। इसलिए रोजाना लो फैट मिल्क और योगर्ट का सेवन ज़रूर करें।

11, साबुत अनाज :

अनाजों में फाइबर और पोषक तत्वों की मात्रा काफी ज्यादा होती है और अधिकतर साबुत अनाजों के सेवन से ट्राईग्लेसराइड का लेवल कम होने लगता है जिससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। इसलिए डाइट में अधिक से अधिक साबुत अनाजों को शामिल करें।

12, नट्स :

यह हम सभी जानते हैं कि नट्स में फाइबर, मैग्नीशियम, पोटैशियम और हेल्दी फैट की मात्रा काफी ज्यादा होती है। इनके सेवन से शरीर में बेहतर तरीके से ब्लड फ्लो होने लगता है जिस वजह से ब्लड प्रेशर कंट्रोल होता है।

13,बीज :

अगर आप हाई ब्लड प्रेशर के मरीज हैं तो आप रोजाना सूरजमुखी और कद्दू के बीज खाना शुरू कर दें। ये बीज ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद करते हैं।


हाई ब्लडप्रेशर में क्या खाएं, क्या नहीं





यदि आप हाई ब्लडप्रेशर के मरीज हैं, तो आपको अपने खान-पान में बदलाव है। हाई ब्लडप्रेशर होने पर किस तरह का खान-पान अपनाएं, और आपकी दिनचर्या कैसी हो, इस बारे में हम बता रहें हैं, कुछ खास टिप्स। इन्हें अपनाकर आप हाई ब्लडप्रेशर की समस्याओं को कम कर सकते हैं । 


1  हाई ब्लडप्रेशर या उच्च रक्तचाप की समस्या होने पर, अधिक मात्रा में भोजन न करें। इसके अलावा गरिष्ठ अर्थात तैलीय व मसालेदार भोजन से दूरी बनाएं

2  भोजन में फलों और सब्ज‍ियों का जितना हो सके ज्यादा प्रयोग करें इसके अलावा लहसुन, प्याज, साबुत अनाज व सोयाबीन का प्रयोग अधिक करें।

3  नमक का सेवन जितना हो सके कम ही कर करें। ध्यान रखें कि भोजन में पोटेशि‍यम की मात्रा अधि‍क, और सोडि‍यम की मात्रा कम होनी चाहिए। 

4  डेयरी उत्पाद, चीनी, रिफाइंड खाद्य पदार्थ, तली-भुनी चीजें और जंक फूड से हमेशा बचकर रहें। इनका सेवन आपके लिए ठीक नहीं होगा ।

5  चाय और कॉफी का सेवन कम ही करें, क्योंकि इनमें उपस्थि‍त कैफीन आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इसके अलावा दिनभर में कम से कम 10 से 12 गि‍लास पानी जरूर पिएं। 

6  कम मात्रा में ही सही, लेकिन बाजरा, ज्वार, मूंग व अंकुरित दालों को सेवन जरूर करें। और भोजन में सोयाबीन के तेल का उपयोग करना आपके लिए बेहतर होगा। 

7 अपने भोजन में पालक, गोभी, बथुआ जैसी हरी व पत्तेदार सब्ज‍ियों को शामिल करें। यह आपके स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक साबित होंगी । 


8 अन्य सब्जि‍यों में लौकी, तोरई, परवल, सहिजना, कद्दू, टिंडे आदि का प्रयोग अधि‍क करें और इनके साथ नींबू और पुदीना को भी अपने भोजन में अनिवार्य तौर पर शामिल करें।

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9  बादाम, मुनक्का, अजवायन व अदरक का सेवन आपके लिए लाभप्रद हो सकता है। इसके अलावा आप घी, गुड़, चीनी, शहद व मुरब्बा आदि का सेवन भी कर सकते हैं। 

10  फलों में मौसंबी, अंगूर, अनार, पपीता, सेब, संतरा, अमरूद, अनानास का प्रयोग आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इसके अलावा छाछ, बगैर मलाई का दूध भी आपके लिए लाभदायक होगा।  

बीपी कम करने के टिप्स




आज के दौर में ब्लड प्रेशर के मरीजों की तादाद दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। दौड़- भाग भरी जिंदगी, फॉस्ट फूड और अनियमित दिनचर्या की वजह से आजकल हर उम्र के लोगों में पाया जाने लगा है। और वैसे तो ब्लड प्रेशर की बीमारी साधारण लगती है पर अगर इसपर काबू न पाया गया तो यह बीमारी दिल की बीमारी, स्ट्रोक और गुर्दे की बीमारी होने का भी खतरा रहता है। और एक बात ब्लड प्रेशर कम हो या ज्यादा ख़तरनाक दोनों ही होते हैं। 

अब समस्या है तो समाधान तो ढूंढना ही पड़ेगा। पर इसके भी दो तरीके है एक रोज अंग्रेजी दवाएं खाकर राहत ली जाए पर इसके साइड इफ़ेक्ट होना तय है, और दूसरा है घरेलू उपचार जो जिसे अपनाकर आप ब्लड प्रेशर पर तो काबू पा ही जाएंगे साथ ही शरीर की और कई बीमारियों में लाभ पहुंचाएगा और साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होगा। तो आइए आज हम जानते हैं बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को कम करने के घरेलू टिप्स।


1. चोकर युक्त आटा

गेहूं व चने के आटे को बराबर मात्रा में लेकर बनाई गई रोटी खूब चबा-चबाकर खाएं, आटे से चोकर न निकालें। यह ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में काफी कारगर नुस्खा है।

2. ब्राउन राइस

ब्राउन चावल उपयोग में लाए। इसमें नमक, कोलेस्टरोल और चर्बी नाम मात्र की होती है। यह उच्च रक्त चाप रोगी के लिये बहुत ही लाभदायक भोजन है।

3. लहसुन

लहसुन में एलिसीन होता है, जो नाइट्रिक ऑक्साइड के उत्पादन को बढ़ाता है और मांसपेशियों को आराम पहुंचाता है। ब्लड प्रेशर के डायलोस्टिक और सिस्टोलिक सिस्टम में भी राहत देता है। यही कारण है कि ब्लड प्रेशर के मरीजों को रोजाना खाली पेट एक लहसुन की कली निगलनी चाहिए।

4. आंवला

वैसे तो आंवला काफी बीमारियों में मदद करता है पर आज से आप जानलें की आंवला ब्लड प्रेशर के लिए भी बहुत राहत पहुंचाने वाला है। आंवला में विटामिन सी होता है। यह ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करता है और कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल में रखता है।

5. मूली

वैसे तो मूली एक साधारण सब्जी है। पर इसे खाने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। इसे पकाकर या कच्चा खाने से बॉडी को मिनरल्स व सही मात्रा में पोटैशियम मिलता है। यह हाइ-सोडियम डाइट के कारण बढ़ने वाले ब्लड प्रेशर पर भी असर डालता है।

6. तिल और चावल की भूसी

तिल का तेल और चावल की भूसी को एक साथ खाने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। यह हाइपरटेंशन के मरीजों के लिए भी लाभदायक होता है। माना जाता है कि यह ब्लड प्रेशर कम करने वाली अन्य औषधियों से ज्यादा बेहतर होता है। 

7. अलसी

अलसी में एल्फा लिनोनेलिक एसिड काफी मात्रा में पाया जाता है। यह एक प्रकार का महत्वपूर्ण ओमेगा - 3 फैटी एसिड है। कई स्टडीज में भी पता चला है कि जिन लोगों को हाइपरटेंशन की शिकायत होती है, उन्हें अपने भोजन में अलसी का इस्तेमाल शुरू करना चाहिए। इसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम होती है और इसे खाने से ब्लड प्रेशर भी कम हो जाता है

8. इलायची

जानकारों के मुताबिक इलायची के नियमित सेवन से ब्लड प्रेशर प्रभावी ढंग से कम होता है। इसे खाने से शरीर को एंटीऑक्सीडेंट मिलते हैं। साथ ही, ब्लड सर्कुलेशन भी सही रहता है।

9. प्याज

नियमित प्याज खाने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है। इसमें क्योरसेटिन होता है। यह एक ऐसा ऑक्सीडेंट फ्लेवेनॉल है, जो दिल को बीमारियों से बचाता है।

10. दालचीनी

दालचीनी के सेवन से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। दालचीनी में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है यह ब्लड सर्कुलेशन को सुचारू रखता है।

11. नामक कम खाएं

नमक ब्लड प्रेशर बढाने वाला प्रमुख कारक है। इसलिए यह बात सबसे महत्वपूर्ण है कि जिनकी बीपी हाई हो उन्हें नामक खाने से बचना चाहिए। 

12. रक्त गाढ़ा ना होने दें

लहसुन ब्लड प्रेशर ठीक करने में बहुत मददगार घरेलू उपाय है। यह रक्त का थक्का नहीं जमने देती है। धमनी की कठोरता में लाभदायक है। रक्त में ज्यादा कोलेस्ट्ररोल होने की स्थिति का समाधान करती है। उच्च रक्तचाप का एक प्रमुख कारण होता है रक्त का गाढा होना। रक्त गाढा होने से उसका प्रवाह धीमा हो जाता है। इससे धमनियों और शिराओं में दवाब बढ जाता है। 

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13. आंवले का रस

एक बड़ा चम्मच आंवले का रस उसी मात्रा में हनी मिलाकर सुबह-शाम लेने से हाई ब्लड प्रेशर में राहत मिलती है। 

14. काली मिर्च

जब ब्लड प्रेशर बढ़ा हुआ हो तो आधा ग्लास हल्का गर्म पानी में एक चम्मच काली मिर्च पाउडर घोलकर 2-2 घंटे के डिस्टेंस पर पीते रहें। यह ब्लड प्रेशर सही करने का बढिया उपचार है।

15. नींबू

हाई हुए ब्लड प्रेशर को जल्दी कंट्रोल करने के लिये आधा गिलास पानी में आधा नींबू का रस 2-2 घंटे के अंतर से पीते रहें। इससे तुरन्त फायदा होगा।

16. तुलसी 

कुछ तुलसी के पत्ते और दो नीम की पत्तियों को पीसकर 20 ग्राम पानी में घोलकर खाली पेट सुबह पिएं। 15 दिन में असर महसूस होने लगेगा।

17. पपीता

हाई ब्लडप्रेशर के मरीजों के लिए पपीता भी बहुत लाभ करता है, इसे प्रतिदिन खाली पेट चबा-चबाकर खाएं।

18. शर्बत

सौंफ़, जीरा, शक्कर तीनों बराबर मात्रा में लेकर पाउडर बना लें। एक गिलास पानी में एक चम्मच मिश्रण घोलकर सुबह-शाम पिएं।

19. अदरक

बुरा कोलेस्ट्रोल धमनियों की दीवारों पर प्लेक यानी कि कैल्शियम युक्त मैल पैदा करता है जिससे रक्त के प्रवाह में अवरोध खड़ा हो जाता है और नतीजा उच्च रक्तचाप के रूप में सामने आता है। अदरक में बहुत हीं ताकतवर एंटीओक्सीडेट्स होते हैं जो कि बुरे कोलेस्ट्रोल को नीचे लाने में काफी असरदार होते हैं। अदरक से आपके रक्तसंचार में भी सुधार होता है, धमनियों के आसपास की मांसपेशियों को भी आराम मिलता है जिससे कि उच्च रक्तचाप नीचे आ जाता है।

20. मेथी

तीन ग्राम मेथीदाना पावडर सुबह-शाम पानी के साथ लें। इसे पंद्रह दिनों तक लेने से लाभ जरूर फायदा होगा।

21. वॉक

नंगे पैर हरी घास पर रोजाना 10-15 मिनट वॉक करें। इसे नियम में लाने से ब्लड प्रेशर नार्मल रहता है।



हाई ब्लड प्रेशर डाइट(Diet)




     High blood pressure को नियंत्रित करने के लिए doctor हमेशा उचित आहार योजना अपनाने की सलाह देते है…… किन्तु बहुत से लोग अपनी संकल्प शक्ति की कमी के कारण आहार योजना का पूरा पालन नहीं कर पाते, जिसके परिणाम स्वरूप गंभीर स्वास्थ्य संबंधित बिमारिया हो जाती है। हाई ब्लड प्रेशर को काबू में करने के लिए आहार समस्या महत्वपूर्ण कारक है। Research में पाया गया है कि salt की मात्रा blood pressure को बढ़ाती है……नमक की कम मात्रा ब्लड प्रेशर में महत्वपूर्ण परिवर्तन लाती है। फलों में पाये जाने वाले पोटेशियम, मेग्नेशियम तथा फाइबर भी ब्लड प्रेशर पर प्रभाव डालता है। इनमें नमक की मात्रा कम होती है तथा रोजाना के जीवन में इनका उपयोग लाभदायक है। बादाम, अंकुरित बीज, फलियाँ, फलों के गूदे, माँस, चिकन भी मेग्नेशियम के उत्तम स्त्रोत है।

DISH DIET हाई ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए विभिन्न खाद्य पदार्थो पर किया जाने वाला अध्ययन है। इसमें यह पाया गया कि जिन व्यक्तियों ने DASH DIET का पालन किया उनका blood pressure कुछ ही weeks में कम तथा सामान्य हो गया……DISH DIET में नमक की मात्रा कम होती है। इसमें एक दिन में 1500 मिलीग्राम नमक होता है। इसका मतलब लगभग 2 या 3 चम्मच नमक कम होना…..
 अनाज, मछली, कम fat वाले dairy उत्पाद फलियाँ, सूखे मेवें इनमें भरपूर पोषण जैसे- पोटेशियम, मेग्नेशियम, केल्शियम, फाइबर और प्रोटीन होता है…..फल तथा सब्जियों में पोटेशियम की अधिक मात्रा होती है इन्हें अपने भोजन में शामिल करना चाहिए। शकरंकद, टमाटर, संतरे का जूस, आलु, केला, मटर, तथा किशमिश को भी अपने आहार में अल्कोहल यदि लेन है तो कम मात्रा में ले।


DISH DIET की सीमाएँ

1. अनाज -रोज 7-8 बार ले
मात्रा -ब्रेड का एक पीस, 1/2 कप चावल या पास्ता।

2. सब्जियाँ – रोज 4-5 बार ले।
मात्रा -एक कप कच्ची हरे पत्तेदार सब्जियाँ, 1/2 कप पकी सब्जियाँ।

3. फल -रोज 4-5 बार ले।
मात्रा -एक मध्यम आकार का फल, 1/2 कप ताजा फल, 1/4 कप सुखे मेवे, 6 ग्राम फलो का रस।

4. कम फैट और बिना फैट वाले डेयरी उत्पाद -रोज 2-3 बार
मात्रा -8 ग्राम दूध, एक कप योगहर्ट, 1.5 ग्राम मक्खन।

5. माँस, चिकन और मछली – रोज 2 या इससे कम
मात्रा – 3 पाउंड पका मांस चिकन और मछली

6. सुखे मेवे बीज तथा फलियाँ – सप्ताह में 4-5 बार 
मात्रा -1/3 कप सूखे मेवे, 1/2 कप पके हुए फलियाँ और बींज

7. चर्बी तथा तेल -2-3 चम्मच रोज
मात्रा – एक चम्मच खाद्य तेल और एक चम्मच fat युक्त butter…. एक चम्मच कम fat – अण्डे या सिरके से बना sauce……

8. मिठाई -सप्ताह में पांच बार।
मात्रा -एक चम्मच शक्कर और जेली जेम।

अपने भोजन में पोटेशियम, मेग्नेशियम तथा फाइबर की मात्रा बढ़ाने के लिए निम्न भोजन अपने आहर में शामिल करे। सेब हरी फलियाँ, अँगूर, खरबूजा, अन्नानास, पालक, योगहर्ट, केला, गाजर, आम, peach, kishmish, sweetpotato तथा turnip (समुद्री मछली) खुबानी,brocolli, dates, green peas, संतरा, आलु, strawberry…

यह प्रत्यक्ष पाया गया कि DISH DIET के अन्तर्गत आने वाले इन फलों तथा सब्जियों को अपने आहार में शामिल करने से ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है। तुरन्त तथा एक दम सही परिणामachieve करने के लिए इन्हें presently अपना कर देखे……… हमें उम्मीद है कि यह जानकारी आपका ब्लड प्रेशर  चाय नियंत्रण करने में मदद करेगी।


हाई ब्लड प्रेशर होने पर डाइट में करें बदलाव


हाई बीपी में आपको अपने खानपान पर ध्यान देने की जरूरत है, क्या खाएं और क्या ना खाएं इसका ख्याल रखें
कई बार अचानक से कमजोरी लगने लगती है और तबीयत खराब हो जाती है। ऎसे में अपने ब्लड प्रेशर का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या है तो इस उपायों पर दें ध्यान-

इनको दें प्राथमिकता

1. ब्लड प्रेशर बढ़ने पर कैल्शियम, मैगनीशियम और पोटेशियम आदि प्रचुर मात्रा में खाएं। ये तत्व दूध, हरी सब्जियां, दालों, संतरा, बादाम व सीताफल में मिलते हैं। 

2. सूप, सलाद, खट्टे फल, नींबू पानी, नारियल पानी, काले चने, लोबिया, अलसी, सोया आदि खाना फायदेमंद है। 

3. दिनभर में 10 गिलास पानी पिएं। 

4. ओमेगा थ्री वाली चीजें जैसे अखरोट, बादाम व अलसी आदि खाएं। 

5. रोजाना 5-7 बादाम व 3-4 अखरोट खाएं। इस गाइडलाइन को अमरीकन हार्ट एसोसिएशन के साथ-साथ इंडियन नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट ने भी सराहा है। 


इनसे करें परहेज

1. नमक कम खाएं। दिन में आधा चम्मच नमक काफी है। 

2. टेबल सॉल्ट ( खाने में ऊपर से बार-बार नमक डालना) इस्तेमाल न करें। 

3. सॉस, अचार, चटनी, अजीनोमोटो, बेकिंग पाउडर आदि से परहेज करें। पापड़ भी बिना नमक वाला खाएं। 

4. पैक्ड या फ्रोजन आइटम न खाएं। इनमें प्रिजरवेटिव्स होते हैं और नमक भी ज्यादा मात्रा में होता है। 

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लो ब्लड प्रेशर डाइट


आज कल की इस तेज लाइफ में गलत खान पान और दिनचर्या के चलते लोग लो ब्लड प्रेशर के शिकार हो रहे हैं। निम्न रक्तचाप की समस्या खून की कमी हो जाने पर  जन्म लेती है चाहे वह महिला हो या पुरुष। शारारिक दुर्बलता और बहुत अधिक श्रम के चलते यह स्तिथि हमेशा पैदा हो जाती है। इसकी स्तिथि में रोगी हमेशा थकान महसूस करता है।
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इस समय में मानसिक तनाव ओर शारारिक समस्याएं बढ़ती जा रही है। आज हमारे जीवन मेंनिम्न रक्तचाप (लो ब्लड प्रेशर) एक आम बीमारी बन गयी है

अगर आप निम्न रक्तचाप के शिकार है तो घबराए नही, अपने आहार मे थोड़ा सा परिवर्तन करे:

फल, सब्जी ओर पोष्टिक खाद्य पदार्थो का सेवन करेहरी सब्जियो का सूप बना कर पिएगाजर, मूली, खीरा, ककड़ी का सलाद ज़्यादा खाएपानी अधिक पीना चाहिएप्रतिदिन चुकंदर का रस पिएआंवले के रस में शहद मिलकर खाना चाहिएगाजर और पालक के पत्तो का रस पिएतुलसी के पत्ते और शहद मिलकर पीना चाहिएदूध का सेवन करेरात के समय 3-4 बादाम पानी में डाल दे और सुबह उन बादाम को खाएनमक का अधिक मात्रा में सेवन करे

पत्तेदार दबजीसे से करे बी पी कम : पत्तेदार सब्ज़ी मे आइरन होता है, ब्लड प्रेशर के कम होने पर उसे सामानया बनाने के लिए यह बहुत ज़रूरी है की आप केसा आहार ले रहे है। तो ध्यान रहे की पत्तेदार सब्ज़ी का सेवन करे। जो आपको बहुत लाभ पहुचायेगा।

डार्क चॉक्लेट : जब भी आपका ब्लड प्रेशर कम हो तो चॉक्लेट का सेवन करे जिससे की आपकी इस प्रॉब्लम से आराम मिलेगा।

सूखा मेवा : सूखा मेवा आपकी उर्जा और आपके रोग निरोधक क्षमता को बढ़ाता है जिससे ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना आसान हो जाता है।

फल : ऐसे फल खाए जिनमे प्रोटीन प्रचुर मात्रा मे होते है , ब्लड प्रेशर के मरीज़ो के लिए फायदेमंद होते है।

ओट्स: ओट्स को अपने डाइट मे शामिल करे क्योकि इसमे प्रचुर मात्रा मे फाइबर होता है, जो की ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है।

लहसुन : लहसुन को अपने आहार मे शामिल करे। यह ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाने मे सहायक होता है।

सबूत अनाज : लो प्रेशर को सामानया बनाने के लिए इनका उपयोग किया जाता है।

लो ब्लड प्रेशर होने पर क्या नहीं खाये : 

रात के समय चाय या कॉफी का सेवन ना करे।एक बैठक में भोजन ना करे, थोड़े-थोड़े समय में भोजन करे।अधिक परिश्रम ना करे।अधिक तला हुआ, मसालेदार या घी से बना भोजन ना करे।ज़यादा समय तक धूप में ना रहे।

लो ब्लड प्रेशर का उपचार : 

ऐसे लक्षण महसूस होने पर आराम से एक जगह बैठ जाना चाहिए।अपने हाथो की मुठ्ठियों को कुछ समय तक खोले ओर बंद करे।1 चमच्च शहद में, ¼ छोटा चम्मंच लहसुन का रस मिला ले। इसे प्रतिदिन 2 बार खाना चाहिए।चीनी, नमक या नींबू का शरबत पिए।अगर आप घर पर है तो तकिया को अपने पैरो के नीचे लगाकर लेटे।


हाई ब्लड प्रेशर के लिए फायदेमंद व्यायाम

High blood pressure को control करने के अनेक उपाय है…. किन्तु लोग उन्हे लगातार जारी रखने में सफल नही हो पाते है….. High blood pressure बढ़ने के अनेक कारणो में जीवन शैली में परिवर्तन तथा अव्यवस्थित दिनचर्या, Junk food , तनावपूर्ण जीवन तथा शारीरिक क्रीड़ा में कमी आदि हैं……. लोग अपने जीवन में इतने व्यस्त हो गए है कि वे कसरत के लिए मुश्किल से समय निकाल पाते है। कसरत की कमी के कारण अनेक प्रकार की बिमारियाँ हो जाती है जिसमें ब्लड प्रेशर भी एक है। प्रत्येक व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर तथा हृदय संबंधी बिमारियों को नियंत्रित में रखने के लिए उचित आहार लेना चाहिए। लोग हाई ब्लड प्रेशर संबंधित बिमारियों को नियंत्रित करने के लिए अक्सर कसरत के महत्व की उपेक्षा कर देते है।

हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए टिप्स

High blood pressure को नियंत्रित रखने के लिए हमें कसरत को अपने दैनिक life में अपनाना चाहिए………..
रोज कसरत करना चाहिए, इसके अनेक लाभ हैं। नियमित कसरत हृदय को मजबूत रखती है तथा कम प्रयासो में ही हृदय को उचित रक्त की आपूर्ति करती है।

यदि आपका हृदय रक्त भरने का कार्य कम करता है तो ऐसी स्थिति में आर्टरीस पर दबाव कम हो जाता है तथा ब्लड प्रेशर कम हो जाता है।

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कुछ लोगो के लिए थोड़ी सी कसरत blood pressure को कम करने के लिए पर्याप्त होती है…….. नियंत्रित कसरत सही वज़न बनाए रखने में भी सहायक है। यह ब्लड प्रेशर  को नियंत्रित रखने में बहुत महत्वपूर्ण है।

हृदय के लिए एक्सरसाइज के फायदे

Aerobic exercise heart और फेफड़ो को मजबूती प्रदान करती है तथा शरीर में ऑक्सीजन के उपयोग की क्षमता बढ़ाती है। ऐरोबिक्स एक्सरसाइज हृदय के लिए बहुत लाभदायक है। यह साँस लेने की प्रक्रिया को ठीक करके हृदय रोग दूर तथा ब्लड प्रेशर को कम करती है। 
30 मिनट की एरोबिक्स एक्सरसाइज हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने का अच्छा तरीका है। कोई भी शारीरिक क्रीड़ा जो आपके हृदय तथा सांसो की दर में वृद्धि लाती है, वह एरोबिक्स एक्सरसाइज की श्रेणी में आती है जैसे:-
घरेलु कार्य जैसे बगीचे की सफाई, पत्तियाँ तोड़ना, फर्श को साफ करना, सीढि़या चढ़ना, चलना, जॉगिंग, साइकल चलाना, तैरना। एक्सरसाइज करते समय चोट न लगे इसलिए पहले इसे धीरे-धीरे शुरू के अपने आप को तैयार करे। वर्क आउट करने के बाद शांत रहे तथा अपनी वर्क आउट क्षमता बढ़ाने की कोशिश करे।

संकल्प ले

पूरे दृढ़ निश्चय के साथ एक्सरसाइज करे, इसे नियमित रूप से करना एक महत्वपूर्ण चुनौती है। बहुत से लोग रोज-रोज एक्सरसाइज करके ऊब जाते है तथा इसे बीच में ही छोड़ देते है। अपने ब्लड प्रेशर को कम रखने के लिए आपको 1-3 महीने तक एक्सरसाइज की आवश्यकता है ताकि अपने शरीर पर उचित दबाव बना रह सके। जितनी नियमित एक्सरसाइज आप करेगे उतना ही लाभ आपको मिलेगा।

हाई ब्लड प्रेशर के लिए एक्सरसाइज टिप्स

एक्सरसाइज के अनेक प्रकार है। यह हमारे शरीर में ब्लड प्रेशर की समस्या को नियंत्रित कर सकती है।
कोई भी एक एक्टिविटी चुन ले जिसमें आपको आनंद आए, इसे एक्सरसाइज का रूप दे ताकि आप उस एक्टिविटी को आंनदपूर्वक कर पाए।हर रोज एक्सरसाइज को एक ही समय पर करने की योजना बनाए, जैसे सुबह के वक्त जब आप अधिक एनर्जी का अनुभव करते है।अलग-अलग प्रकार की एक्सरसाइज करे ताकि आप ऊब न जाएं।यदि आप नियमित एक्सरसाइज करेगे तो शीघ्र ही यह आपकी जीवन चर्या का हिस्सा बन जाएंगी।आप एक्सरसाइज करने के लिए किसी साथी का चयन भी कर सकते है, एक से भले दो।बिमारियों से बचने के लिए पोष्टिक आहार ले।


सुरक्षित एक्सरसाइज

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किसी भी चीज की overload हमेशा बुरी होती है…… इससे गंभीर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती है अत्यधिक… एक्सराइज और वर्कआऊट से बचे यह असुरक्षित हो सकता है। यदि आप एक्सरसाइज करते समय अत्यधिक थकान का अनुभव करे तो इसे तुरन्त रोक दे तथा आराम करे। लंबे समय तक एक्सरसाइज करने के बाद बहुत से लोगों में निम्न लक्षण उबर कर सामने आते हैं।

1. सीने में दर्द

2. मूर्छित होना और चक्कर आना

3. बाहों तथा जबड़ों में दर्द

4. साँस लेने में तकली

6. अत्यधिक तनाव

अपनी प्रगति को नियमित जाँचे, अपने वर्कआउट और संतुलित आहार का चार्ट बना ले। इससे आपकी संकल्पशक्ति तथा शारीरिक क्षमता में वृद्धि होगी। यदि आपने उपरोक्त टिप्स का सावधानीपूर्वक पालन किया है तो, आप आपके अंदर आएं परिवर्तनों का निरिक्षण कर सकते है।

सिर्फ 6 योगासनों से तुरंत करें हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल




भाग-दौड़ भरी जिंदगी की छोटी-छोटी समस्‍याएं कब आपका टेंशन बढ़ा कर आपको ब्लडप्रेशर का मरीज बना देती हैं, आपको इसका पता भी नही चलता। इसी वजह से इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है। इसके उपचार के लिए यदि आप डॉक्टर से सलाह लेते हैं तो डाक्टर आपको ढ़ेर सारी दवाइयां पकड़ा देते हैं। इन दवाइयों से आपको थोड़े समय के लिए तो राहत महसूस होता है लेकिन ये दवाइयां आपकी बीमारी का स्थायी समाधान नही हैं। इन दवाओं से आपको हमेशा के लिए आराम नही मिलता है बल्कि ज्यादा समय तक दवाओं के प्रयोग से इसके साइड इफेक्ट भी देखने को मिलते हैं। इसलिए बल्डप्रेशर के उपचार के लिए आप योगा का रास्ता अपनाएं। जो कि बिना एक भी पैसे खर्च किए आपके ब्लड प्रेशर की समस्या को ठीक करने का बहुत ही अच्छा विकल्प है।  तो आइये जानते हैं कौन-कौन से योगा हैं जो बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए किए जा सकते हैं।

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पश्चिमोत्तासन:

हाई ब्लडप्रेशर के दौरान आपकी धमनियां सिकुड़ने लगती हैं जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। पश्चिमोत्ताशन आपके धमनियों को लचीला बनाता है और बल्ड प्रेशर को कम करता है। यह भी पढ़ें: योग के लिए बिस्तर से उठने में आता है

शवासन:

इस आसन को रोज 20 मिनट तक करने से दिमाग शांत हो जाता है, सारी चिंताए मिट जाती हैं। इससे आपका बल्ड प्रेशर सामान्‍य हो जाता है। यह आसन शरीर, मन, और आत्मा को स्फूर्ति और ताजगी प्रदान करता है।

प्राणायाम:

प्राणायाम सांस की गति और रक्त संचार को सामान्य करता है। दिल का सांस और रक्त संचार से गहरा संबंध होता है। उच्च रक्तचाप के रोगी को नाडीशोधन प्राणायाम और उज्जकयी प्राणायाम (इससे ब्लड प्रेशर कम होता है) करना चाहिए। अनुलोम विलोम प्राणायाम आपकी चिंता और हार्टबीट को कम करता है।

अधो-मुखश्वनासन:

अधो-मुखश्वसनासन को डाउनवर्ड फेसिंग डाग एक्सरसाइज भी कहते हैं। आपके कंधों और पीठ से लेकर कमर तक पूरे पिछले हिस्से में होने वाले तनाव और थकान को कम करने के लिए बहुत ही अच्छा आसन है। और आप जितना ज्यादा तनाव और थकान मुक्त होते हैं ब्लड प्रेशर का खतरा उतना ही कम होता है।

सेतु-बंधासन:

सेतु बंधासन या ब्रिज पोज़ आपके शरीर में रक्त के प्रवाह को सही रखता है जो आपको तनाव मुक्त रखने में मदद करता है। इससे आप खुद को तरोताजा और ज्यादा एक्टिव महसूस करते हैं।

सुखासन:

ब्लड प्रेशर को कम करने के लिए किए जाने वाले आसनों में सुखासन एक ऐसा आसन है जिसमें आपके दिल पर ज्यादा जोर नही पड़ता। इस योगासन में आप मानसिक और शारीरिक रूप से एकदम आराम की मुद्रा मे होते हैं।

बालासन:

हाई ब्लडप्रेशर से इंसान थका हुआ व चिड़चिड़ा हो जाता है। ऐसी स्थिति में बालासन या चाइल्ड पोज़ आपके शरीर और दिमाग से बेवजह की थकान को दूर करने मे मदद करता है। इसके अलावा यह आपके शरीर से टॉक्सिन (विषैले तत्वों) को बाहर निकालता है, जिससे आप तनावमुक्त महसूस करते हैं।
योगा तनाव को कम करके रक्तसंचार को सामान्य करने का सबसे कारगर तरीका है। उच्च रक्तचाप के रोगी को व्यायाम के अलावा भी कई बातों का ध्यान रखना चाहिए। ऐसा कोई भी काम नही करना चाहिए जिससे कि दिल की धडकन तेज हो। इसके अलावा समय पर सोना-उठना, आरामदायक व साफ बिस्तर, सोने वाले स्थान पर शांति आदि का ख्याल रखना चाहिए।

हाई ब्लड प्रेशर यानी उच्च  रक्तचाप से आपको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, इसमें हार्ट-अटैक, नस फटने और किडनी फेल होने का खतरा होता है इसलिए प्रेशर के रोगी को नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए।

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शवासन में विश्राम:

अंत में आप स्वयं को गर्म रखने के लिए स्वेटर, मोजे या कंबल का इस्तेमाल कर सकते हैंपीठ के बल लेट जाएँएक साँस ले और अपने पूरे शरीर को सिर से लेकर पैर तकताने , साँस को रोके, अपनी मुट्ठी बांधें, अपने चेहरे की मांसपेशियों को सिकोडे साथ ही शरीर की सभी मांसपेशियों को सिकोडेहा की आवाज़ के साथ साँस को छोड़े और शरीर की सभी मांसपेशियों को शिथिल कर देंइस क्रिया को एक बार फिर से करेंअब आप आरामदायक स्थिति में लेट जाए और अपनी आँखे बंद रखेअपनी चेतना को शरीर के विभिन्न अंगो में ले जाकर उन्हे मानसिक रूप से विश्राम दे, यह आप पैरों से प्रारंभ कर सिर तक जाकर समाप्त करें, शरीर के हर अंग के प्रति एक कृतज्ञता का भाव रखे | कृतज्ञता का भाव शारीरिक व मानसिक विश्राम में सहायक होता हैधरती माता को अपना सारा भर अर्पित कर दें, और हल्का अनुभव करें | तनाव रहित शरीर हल्का अनुभव करता है |और अब अपनी सांसो के प्रति सजग होते हुए साँसों को शांत, हल्का और धीमा करें.अब सभी प्रकार की चिन्ताओ, भयों , उत्तेजनाओं को छोड़कर मन को विश्राम करने दें | सभी को ईश्वर को समर्पित कर दें | कुछ समय के लिए सभी भूत व भविष्य की घटनाओ को भूल जाएअपने भीतर की शांति व आनंद में विश्राम करेंकुछ मिनटों के विश्राम के बाद शरीर के प्रति सजग हो जाए और 2-4 लंबी गहरी साँसे लेंअपने दाहिनी ओर करवट लेंधीरे से उठकर बैठ जाएँतीन बार ओम का उच्चारण करे


शिशु आसन:

अपनी एडियों पर बैठ जाएँ | अपने नितंबो को एडियों पर रखते हुए आगे की ओर झुके और माथे को ज़मीन से लगाएअपनी भुजाओ को शरीर के साथ ज़मीन पर रखे और हथेलिओ को आकाश की ओर रखे (यदि ऐसा करने में दिक्कत हो तो एक के ऊपर एक हथेली रखकर अपना माथा उन पर रखे)धीरे से छाती को जंघा की ओर दबाएकुछ देर रुकेमेरुदण्ड का ध्यान रखते हुए धीरे धीरे उठकर अपनी एडियों पर बैठ जाए और विश्राम करें

लो ब्‍लड प्रेशर की समस्‍या से छुटकारा दिलाता है ये 10 मिनट का योगासन




पेट में गैस की समस्या से छुटकारा मिलता है।तनाव, डिप्रेशन और चिंता सहित मस्तिष्क संबंधी रोग भी दूर होते हैं। हार्मोनों का असंतुलन दूर होता है।

मूर्धासन को दिनचर्या में शामिल कर आप जहां अपने सौंदर्य को बरकरार रख सकते हैं, वहीं इस आसन से मिलने वाले  अन्य लाभों को भी हासिल कर सकते हैं... सिर, कंधे और गर्दन के बल किए जाने वाले आसनों में प्रमुख है-मूर्धासन। इसे प्रसारित पाद-उत्तानासन भी कहा जाता है। यह आसन खड़े होकर किया जाता है।

मूर्धासन करने की विधि

खड़े होकर दोनों पैरों के बीच लगभग 3 फीट की दूरी बना लें। सांस छोड़ते हुए हाथों को ऊपर उठाएं और सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुककर हथेलियों को जमीन पर टिका दें।शरीर का संतुलन बनाए रखते हुए सिर के सामने वाले हिस्से को जमीन पर दोनों हाथों के बीच टिका दें। अब दोनों हाथों को पीछे की ओर ले जाएं और कमर के ऊपर रखते हुए एक हाथ से दूसरे हाथ की कलाई को पकड़ लें। इस अवस्था में एड़ियों को उठाएं ताकि शरीर का भार सिर और पंजों पर आ जाए। जब तक सहज हो,सहज सांस लेते हुए इस अवस्था में बने रहें। फिर वापसी के लिए, सांस भरते हुए पहले हाथों को खोलकर जमीन पर टिकाएं। धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौट आएं।यह इस आसन का एक राउंड हुआ। जब इसका अच्छा अभ्यास हो जाए, तो अंतिम पोज की अवधि धीरे-धीरे बढ़ाते जाएं। प्रत्येक राउंड में लगभग 30 सेकेंड से एक मिनट तक लगता है। प्रत्येक राउंड के बाद कुछ पल शवासन में लेटें। पूरी प्रक्रिया के दौरान ध्यान सांस पर केंद्रित रहे।

लाभों की जानकारियां

पेट में गैस की समस्या से छुटकारा मिलता है।लंबे समय तक अभ्यास करने से तनाव, डिप्रेशन और चिंता सहित मस्तिष्क संबंधी अन्य रोग भी दूर होते हैं।लो ब्लड प्रेशर की समस्या से राहत मिलती है।गर्दन की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।सिर की ओर रक्तसंचार बढ़ने से चेहरे की झाइयां मिटती हैं। झुर्रियां कम होती हैं और चेहरे की कांति बढ़ती है।अधिक समय तक युवा दिखने में मददगार है।

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।हार्मोनों का असंतुलन दूर होता है।बाजू और कमर का निचला हिस्सा लचीला बनता है और पीठ संबंधी समस्याएं नहीं होतीं।शरीर बेडौल नहीं होता और शरीर के सभी अंगों के बीच एक प्रकार का संतुलन दिखता है।किडनी,पैन्क्रियास और लिवर से होने वाला स्राव नियंत्रित होता है।हाई ब्लड प्रेशर और हृदय रोग से पीड़ित व्यक्ति इसे न करें।चक्कर आने की स्थिति में इस आसन से बचें।



तो दोस्तो आज जाना कि कैसे हम ( Apne "BP" blood pressure ko Control or rok sakte hai ) ओर अपनी लाइफ को खुश रख सकते है दोस्तो आप इन सब advices को आपनी लाइफ मैं जरूर Try करे और ऐसे ही ओर अछे articles के लिए जुड़े रहे ( https://normaladvices.blogspot.com ) से।



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