Patanjali Ayurved कौन है और कहा से आया चलिए जानते है


Patanjali Ayurved...




दोस्तो आज बात करे गए Patanjali Ayurveda के बारे मे जाने गए क्या क्या प्रोडक्ट है इन के पास ओर क्या क्या दवाइयां ओर कहा कहा है patanjali के स्टोर कब स्टार्ट हुआ और बी बहोत कुछ तो चलिए जानते है Patanjali Ayurved के बारे मे ।

Kuch points mai aap ko ye article batuga jis se ye article aap ko ache se smaj aa jay ga

1, पतंजलि आयुर्वेद, भारतीय आयुर्वेदिक ओषधि कंपनी

2, आयुर्वेद क्या है

3, पतंजलि के प्रोडक्ट्स की लिस्ट

4, जानिए, बाबा रामदेव के पतंजली आयुर्वेद से जुडी 10 बातें

5, रामदेव पतंजलि प्रोडक्ट लिस्ट2

6, पतंजलि केश कांति हेयर ऑईल – उत्पाद की समीक्षा {अवैतनिक और ईमानदार}

7, पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन : बालों को बढ़ाने के लिए, अनिंद्रा

8, पतंजलि आयुर्वेद दवा की जानकारी- वटी, गुग्गुलु ,अरिष्ट

9, पतंजलि आयुर्वेद दवा की जानकारी- वटी, गुग्गुलु ,अरिष्ट

10, पतंजलि आयुर्वेद की दवाइयां : थायराइड, मोटापा, जोड़ों के दर्द, सर्वाइकल

11, फिस्टुला और बवासीर की अचूक दवा पतंजलि बाबा रामदेव

12, पुरुषो को होने वाले रोगों का इलाज पतंजलि आयुर्वेद

13, पतंजलि की दवा : गैस, कब्ज, बदहजमी, एसिडिटी के लिए

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पतंजलि आयुर्वेद, भारतीय आयुर्वेदिक ओषधि कंपनी




पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड भारत प्रांत के उत्तराखंड राज्य के हरिद्वार जिले में स्थित आधुनिक उपकरणों वाली एक औद्योगिक इकाई है। इस औद्योगिक इकाई की स्थापना शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण खनिज और हर्बल उत्पादों के निर्माण हेतु की गयी है।

पतंजलि आयुर्वेद प्रकार सार्वजनिक लिमिटेड कंपनी उद्मोगस्वास्थ्य सेवा स्थापना 2006 संस्थापकस्वामी रामदेव मुख्यालय हरिद्वार, भारत क्षेत्रविश्वव्यापी प्रमुख व्यक्ति 
आचार्य बालकृष्ण

एमडी

स्वामी रामदेव

ब्रांड प्रचारक

स्वामी मुक्तानन्द

निदेशकउत्पादघी, च्यवनप्राश, केश कांति, आयुर्वेदिक औषधियाँ आदि कर्मचारी 2,00,000 (2011-12)वेबसाइट पतंजलि आयुर्वेद.ऑर्ग पतंजलि आयुर्वेद.नेट
परिचयसंपादित करें

सन 2006 में पतंजलि आयुर्वेद की स्थापना हुई। वर्तमान में पतंजलि आयुर्वेद आयुर्वेदिक औषधियों और विभिन्न खाद्य पदार्थों का उत्पादन करती है। भारत के साथ-साथ विदेशों में भी इसकी इकाइयां बनाने की योजना है, इस संदर्भ में नेपालमें कार्य प्रारम्भ हो चुका है। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड पूरी तरह से स्वदेशी (भारतीय) कंपनी है। भारतीय बाज़ार में आज पतंजलि आयुर्वेद की मजबूत पकड़ है जो कि बाज़ार में मौजूद विभिन्न विदेशी कंपनियों को कड़ी टक्कर दे रही है। बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद का सालाना टर्नओवर 2500 करोड़ के आस-पास है। शायद ही कुछ ऐसा हो जो पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ना बनाती हो। खाद्य सामाग्री से लेकर पतंजलि के सौन्दर्य उत्पाद और औषधियाँ तक बाज़ार में उपलब्ध हैं।

पतंजलि आयुर्वेद ने सबसे पहले औषधियों के निर्माण से शुरुआत की थी। धीरे-धीरे पतंजलि आयुर्वेद खाने-पीने की चीजों से लेकर कांतिवर्धक उत्पादों का निर्माण भी करने लगी है। पतंजलि आयुर्वेद 45 तरह के कांतिवर्धक(cosmetics) उत्पाद बनाती है जिसमें सिर्फ 13 तरह के शरीर साफ़ करने के उत्पाद शामिल हैं, जैसे-शैंपू, साबुन, लिप बाम, स्किन क्रीम आदि। किराना के भी बहुत से उत्पादों का निर्माण पतंजलि आयुर्वेद द्वारा किया जाता है। यह कंपनी 30 अलग-अलग तरह के खाद्य पदार्थ तैयार करती है जैसे- सरसों तेल, आटा, घी, बिस्किट, मसाले, तेल, चीनी, जूस, शहद इत्यादि। दूसरी कंपनियों की तुलना में पतंजलि आयुर्वेद के उत्पाद सस्ते हैं। 

एफ.एम.सी.जी. कंपनियों को कड़ी चुनौती देने के लिए पतंजलि आयुर्वेद हाल ही में टीवी पर अपने उत्पादों के विज्ञापन देने शुरू किए हैं। साल 2012 में करीब 150 से 200 के बीच रहने वाली पतंजलि के दुकानों की संख्या बढ़कर 6000 हो चुकी है। इतना ही नहीं पतंजलि आयुर्वेद के तमाम उत्पाद पतंजलि आयुर्वेद की आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन भी बेचे जा रहे हैं। पतंजलि आयुर्वेद का च्यवनप्राश और सरसों का तेल आदि अब रिलायंस के रिटेल स्टोर में भी बिकने लगे हैं। देश भर के 400 स्टोर्स में पतंजलि आयुर्वेद के उत्पाद बिक रहे हैं जिसे 2015 के आखिर तक 1000000 स्टोर्स तक पहुंचाने की योजना है।
पतंजलि की दुकाने संपादित करें


बाबा रामदेव ने स्वदेशी का पथ अपनाया और पतंजलि आयुर्वेद की स्थापना कर लोगों के सामने एक स्वदेशी ब्रांड को विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया वहीं दूसरी ओर विभिन्न एफएमसीजी कंपनियों को टक्कर दी। हालांकि पतंजलि आयुर्वेद के शुरुआती दिनों में एफएमसीजी कंपनियों ने उसे हल्के में लिया लेकिन अब पतंजलि उत्पादों की मांग बढ़ने के साथ पतंजलि आयुर्वेद ने अपनी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों को कड़ी चुनौती देनी शुरू कर दी है।  पतंजलि प्रोडक्टस की लोकप्रियता और बढ़ती मांग के चलते बड़े-बड़े शहरों भी जैसे मुंबई, दिल्ली के बिग बाजार, हाइपर सिटी, स्टार बाजार और रिलायंस जैसे बड़े स्टोर्स भी पतंजलि के प्रॉडक्ट्स की स्टॉकिंग कर रहे हैं। पतंजलि आयुर्वेद अब जल्द ही विदेशी बाज़ारों में अपने उत्पाद लाने की तैयारी में है। बाबा रामदेव ने खुद इस बात का ऐलान किया है कि अगले साल से निर्यात पर ज़ोर देंगे। देश में स्वदेशी उत्‍पादों को बढ़ावा देने के लि‍ए पतंजलि‍ की तरफ से मेगा सि‍टी में 50 मेगा स्‍टोर खोले जाने की तैयारी है। जिसकी औपचारि‍क तौर शुरुआत बाबा रामदेव ने राजधानी लखनऊ में एक मेगा स्टोर का उद्घाटन कर की। पतंजलि आयुर्वेद की बढ़ती चुनौती से निपटने के लिये अब डाबर कंपनी अपनी नई रणनीति तैयार कर रही है, जिसके साथ ही कंपनी अपने आयुर्वेदिक उत्पादों में आधुनिक समय के मुताबिक बदलाव कर बाज़ार में अपने नए उत्पाद उतारने की तैयारी में है।

व्यवसायिक संबन्धसंपादित करें

फ्यूचर ग्रुप के साथसंपादित करें

हाल ही में खुदरा क्षेत्र की प्रमुख कंपनी फ्यूचर समूह ने योग गुरु रामदेव प्रवर्तित पतंजलि आयुर्वेद के साथ गठजोड़ किया है जिसके तहत वह पतंजलि के दैनिक इस्तेमाल श्रेणी के उत्पादों को अपने भंडारों के जरिये बेचेगा। इस करार के बाद अब जल्द ही बिग बाजार सहित फ्यूचर ग्रुप के सभी दुकानों पर पतंजलि के उत्पाद उपलब्‍ध होंगे।

डीआरडीओ के साथसंपादित करें

हाल ही में पतंजलि योगपीठ और भारत के रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन की अनुषंगी उच्च उन्नतांश अनुसंधान रक्षा संस्थान (डीआईएचएआर) के बीच एक समझौता हुआ है। जिसके बाद अब पतंजलि आयुर्वेद सेना के जवानों के लिए विशेष पेय और खाद्य-पदार्थ तैयार करेगा। इसमें हर्बल चाय, भोजन के गुणों वाली कैप्सूल और खूबानी का जूस भी शामिल है। ये विशेष खाना डीआरडीओ की लेह स्थित उच्च उन्नतांश अनुसंधान रक्षा संस्थान ने तैयार किया है और इसका उत्पादन पतंजलि ट्रस्ट करेगा। इस समझौते के तहत डीआईएचएआर द्वारा तैयार सीबकथोर्न (एक प्रकार का फल) पर आधारित उत्पादों की तकनीक का हस्तांतरण किया जाएगा। देश के विविध दुर्गम क्षेत्रों पायी जाने वाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों एवं वनस्पतियों के शोध में डिफेंस रिसर्च एंड डीजी डीआरडीओ अनुसंधान को पतंजलि योगपीठ सहयोग देगा।

ब्राण्ड, सफलता एवं साखसंपादित करें

पतंजलि आयुर्वेद आज जाने माने ब्रैंड्स में से एक हैं और पतंजलि की इसी सफलता को देखते हुए प्राइवेट सेक्टर के दो बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक ने बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद को कॉरपोरेट लोन का ऑफर दिया है।

उत्पादसंपादित करें

नवंबर 2014 में पतंजलि आयुर्वेद ने "झटपट बनाओ, बेफिक्र खाओ" टैग लाइन के साथ पतंजलि आटा नूडल्स लांच किया। इसके पहले से पतंजलि विभिन्न उत्पादों को बनाता और बेचता आया है। पतंजलि के अनुसार इसके सभी उत्पाद प्राकृतिक व आयुर्वेदिक घटकों से बने होते हैं जैसे:
घीच्यवनप्राशकेश कांति व अन्य सौंदर्य 
प्रसाधनशहदआयुर्वेदिक औषधियाँघृतकुमारी का रसआंवला का रस, चूर्ण व गोलियाँपतंजलि आटा नूडल्स- हालांकि लॉंच होने के साथ पतंजलि आटा नूडल्स एक विवाद से भी घिरी गई। जिसके संबंध में पतंजलि की ओर से सफाई भी दी

स्वदेशी उत्पाद निर्माण करने की अपनी इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए बाबा रामदेव व उनकी कंपनी जल्द ही हॉर्लिक्स और बॉर्नविटा के विकल्प के तौर पर पॉवरवीटा बाज़ार में लाने की तैयारी में हैं। साथ ही उनकी आगे की रणनीति खादी से बने योगावियर को बाजार में लाने की भी है। बाज़ार में पतंजलि प्रोडक्टस की दिनों-दिन बढ़ रही मांग के चलते पतंजलि आयुर्वेद अब गाय के दूध का पाउडर चॉकोलेट और चीज़ सहित पौष्टिक पशुचारा के उत्पादन और दूध उत्पादन के बाजार में भी कदम रखने की तैयारी में है।

आटा नूडल्स, खाद्य पदार्थ और सौंदर्य प्रसाधन के बाद बाबा रामदेव अब जल्द ही मिट्टी के बर्तन बेचने की तैयारी कर रहे हैं। पतंजलि योगपीठ के महामंत्री आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि मिट्टी के बर्तनों के इस्तेमाल से कई बीमारियों से निजात मिल सकेगी।शुरुआती दौर में वे मिट्टी का तवा और कड़ाही बाजार में लाए जाएंगे। इसके बाद अन्य बर्तन भी बाजार में लाए जाएंगे। आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि हमारे देश की मिट्टी आयुर्वेदिक तत्वों से भरपूर है और इनमें बना भोजन न सिर्फ स्वाद में अलग होता है, बल्कि पौष्टिक भी होता है। 


संप्राप्ति (टर्न ओवर)संपादित करें

पतंजलि आयुर्वेद का वर्ष 2015-16 का टर्नओवर 5000 करोड़ रुपए है। इस बात की जानकारी स्वयं बाबा रामदेव ने 23 अप्रैल 2013 को एक प्रैस कॉन्फ्रेंस में दी। उन्होंने कहा कि पतंजलि ने सेवा और सिद्धांत का ख्याल रखा है, इससे हमारे उत्पादों से किसानों की समृद्धि बढ़ी है। उन्होने कहा कि हमारी कंपनी ने कम कीमत में विश्वस्तरीय गुणवत्ता और एक लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया और हमने नया बाजार खड़ा किया। उन्होंने बताया कि 100 करोड़ से ज्यादा योग के अनुसंधान पर खर्च किया गया है।


पतंजलि की प्रमुख बाते संपादित करें

1 मार्च 2012 में ओपन मार्केट में आई कंपनी ने 4 साल में 1100 फीसदी की ग्रोथ हासिल की।कंपनी इंटरनेशनल ब्रांड्स को टक्कर दे रही है।पतंजलि के पास वर्तमान समय में 40000 वितरक, 10000 स्टोर और 100 मेगा स्टोर व रीटेल स्टोर हैं।2011-12 कंपनी का टर्नओवर 446 करोड़ रुपए था।2015-16 का टर्नओवर- 5000 करोड़।2016-17 के लिए 10000 करोड़ के टर्नओवर का लक्ष्य।दंतकांति (दन्तमंजन) का उत्पाद 425 करोड़ रुपए का।केशकांति (केश तेल) का कारोबार 325 करोड़ रुपए का।गाय के घी का नया बाजार खड़ा किया, टर्नओवर 1308 करोड़ का हुआ।

आयुर्वेद क्या है




आयुर्वेद : आयुर्वेद तन, मन और आत्‍मा के बीच संतुलन बनाकर स्‍वास्‍थ्‍य में सुधार करता है। आयुर्वेद में न केवल उपचार होता है बल्कि यह जीवन जीने का ऐसा तरीका सिखाता है, जिससे जीवन लंबा और खुशहाल होता है। आयुर्वेद के अनुसार शरीर में वात, पित्‍त और कफ जैसे तीनों मूल तत्‍वों के संतुलन से कोई भी बीमारी आप तक नहीं आ सकती। लेकिन जब इनका संतुलन बिगड़ता है, तो बीमारी शरीर पर हावी होने लगती है और आयुर्वेद में इन्‍हीं तीनों तत्‍वों का संतुलन बनाया जाता है। साथ ही आयुर्वेद में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने पर बल दिया जाता है ताकि किसी भी प्रकार का रोग न हो। आयुर्वेद में विभिन्‍न रोगों के इलाज के लिए हर्बल उपचार, घरेलू उपचार, आयुर्वेदिक दवाओं, आहार संशोधन, मालिश और ध्‍यान का उपयोग किया जाता है। आयुर्वेद क्‍या है, आयुर्वेद से विभिन्‍न रोगों को इलाज कैसे होता है, आयुर्वेद का इस्‍तेमाल कैसे किया जाता है, त्‍वचा के लिए आयुर्वेद कैसे काम करता है और आयुर्वेदिक औषधियां कौन-कौन सी हैं, इसके अलावा आयुर्वेद के बारे में संपूर्ण जानकारी के लिए इस केटेगरी को पढ़ें।

पतंजलि के प्रोडक्ट्स की लिस्ट




हम यहाँ पर पतंजलि के प्रोडक्ट्स की तीन तरह की लिस्ट बनाएगे :

1, घरेलु खाने – पीने की चीज

2, आयुर्वेदिक औषधियां

3, सौन्दर्य या अन्य चीजे

सबसे पहले यहाँ पर घरेलु खाने – पीने की चीजों की लिस्ट दी जा रही है ।

क्रम संख्या

खाने का उत्पाद (Food Supplement)

1 आर्गेनिक स्पाइस

2 आंवला कैंडी

3 आरोग्य आटा (गेहूं)

4 आरोग्य आटा (नवरत्न)

5 आरोग्य दलिया  (गेहूं)

6 आरोग्य आटा (जौ)

7 आरोग्य आटा (पुष्टाहार)

8 आंवला आचार

9 अमृत रसायन

10 अंजीर

11 बादाम

12 बादाम पैक

13 बादाम रोगन

14 बेसन

15 भुनी सौंफ

16 आरोग्य बिस्कुट्स

17 कोकोनट बिस्कुट्स

18 नमकीन बिस्कुट्स

19 ऑरेंज डिलाइट क्रीम बिस्कुट्स

20 आंवला चटपटा

21 बेल कैंडी

22 चटपटा छुहारा

23 दिव्या पे हर्बल चाय

24 गुलकंद

25 हरद वटी

26 जैम अमरुद

27 मिक्स फ्रूट जैम

28 जैमअनानास

29 कलिद्रक्ष

30किशमिश

31 महात्रिफ्ला घी

32 मारी बिस्कुट्स

33 मुनक्का

34 आंवला मुरब्बा

35 बेल मुरब्बा

36 सेब मुरब्बा

37 गाजर मुरब्बा

38 हरद मुरब्बा

39 नवरत्न सोन पापड़ी (इलायची)

40 नवरत्न सोन पापड़ी (ऑरेंज)

41 नींबू वटी

42 पाचक: अजवाइन एलोवेरा

43 पाचक:अनारदाना गोली

44 पाचक: चूरन खट्टा-मीठा

45 पाचक: हींग गोली

46 पाचक: हींग पेड़ा

47 पाचक: जल जीरा

48 पाचक: जीरा गोली

49 पाचक: मेथी नींबू पाचक

50 पाचक: शोधित हरद

51 फल घृत

52 पिस्ता

53 प्योर हनी(शहद) लीची

54 प्योर हनी(शहद) मल्टी फ्लोर

55 प्योर हनी(शहद) रेगुलर

56 सादा च्यवनप्राश

57 सिंध नमक

58 साल्ट-रेगुलर

59 सरसों का तेल

60 सत इसबगोल भुंसी

61 सास-केचप

62 सेब चटनी

63 सेब जैम

64 शिलाजीत सत

65 स्पेशल च्यवनप्राश- केसर

66 शुगर- मधुरम चीनी

पीने का उत्पाद (Juice)

67 एलो वेरा जूस (फाइबर एंड ओ/एफ)

68 एलो वेरा जूस (फाइबर)

69 एलो वेरा जूस (सादा) प्लेन

70 एलो वेरा जूस ऑरेंज

71 एलो वेरा जूस ऑरेंज-फाइबर

72 आंवला(अमला) अमृत

73 आंवला (अमला) जूस

74 अनार जूस

75 सेब जूस

76 अर्जुन आंवला जूस

77 गिलोय आंवला जूस

78 जामुन विनेगर (सिरका) जूस

79 करेला आंवला जूस

शर्बत (Sharbat)

80 बेल शर्बत

81 ब्राह्मी शर्बत

82 गुलाब शर्बत

83 केसर बादाम शर्बत

84 खस शर्बत

85 आम शर्बत

86 आम पन्ना शर्बत

87 स्पेशल ठंडई

88 आम स्क्वाश

89 नींबू स्क्वाश

90 ऑरेंज स्क्वाश

मसाला (Spices)

91 भुनी सौंफ

92 चाट मसाला

93 छोले मसाला

94 गरम मसाला

95 हींग

96 कड़ी मसाल

97 केसर

98 मेथी दाना

99 पीसा धनिया

100 पीसी हल्दी

101 पीसी काली मिर्च

102 राजमा मसाला

103 सब्जी मसाला

104 साबुत जीरासाबुत काली मिर्च

105 सांभर मसाला

ये सब प्रोडेक्ट आप को onlion ओर market से आराम से मिल जाए गे।

जानिए, बाबा रामदेव के पतंजली आयुर्वेद से जुडी 10 बातें




पतंजली आयुर्वेद की शुरुआत 1997 में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने की थी।

निनोरा में चल रहे वैचारिक महाकुंभ में योग गुरु बाबा रामदेव ने मल्टीनेशनल कंपनियों को तीन साल में शीर्षासन कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि 5 सालों के भीतर मल्टीनेशनल कंपनियों के प्रोडक्ट स्वदेशी कंपनियों के उत्पादों के सामने शीर्षासन करते दिखाई देंगे। बाबा ने मध्यप्रदेश में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अत्याधुनिक फ़ूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाने का एलान किया। साथ ही पतंजली संसथान द्वारा 500 करोड़ रुपये की लागत से यहां गौ अनुसंधान केंद्र खोलने की घोषणा की। बाबा रामदेव ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में कहा कि मध्यप्रदेश को ऋषि खेती में अव्वल बनाया जाएगा और इसके लिए वो खुद सीएम के साथ मिलकर खेत में हल चलाएंगे। जानिए बाबा रामदेव के पतंजली से जुडी दस बातें...

1 पतंजली आयुर्वेद की शुरुआत 1997 में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने की थी। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड का कॉर्पोरेट मुख्यालय हरिद्वार में है जो कि उत्तराखंड में गंगा नदी के तट पर स्थित है।

2 न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए एक साक्षात्कार में बाबा रामदेव ने कहा था कि एक स्वामी के रूप में भी पतंजलि का सार्वजनिक चेहरा वही थे।

3. इसी इंटरव्यू में रामदेव ने बताया था कि 1990 के दशक में एक गुरुकुल में पढ़ते वक़्त दो दोस्त मिले। दोनों किसान के बेटे थे। एक बाबा रामदेव और दूसरा बालकृष्ण। रामदेव ने योगा की पढाई की और बालकृष्ण ने  आयुर्वेद की।

4 एक अन्य इंटरव्यू में रामदेव ने बताया कि आचार्य बालकृष्ण का पतंजलि आयुर्वेद में 94 % हिस्सेदारी है। लेकिन वह वेतन नहीं लेते हैं. बालकृष्ण दिन में 15 घंटे काम करते है. इस बीच वह रविवार और बाकी छुट्टियां भी नहीं लेते। जबकि बाबा के अनुसार वह खुद सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक काम करते हैं।

5 एनआरआई कपल सुनीता और सरवन पोद्दार बाबा के अनुयायी हैं। इनकी 3 फीसदी हिस्सेदारी पतंजली आयुवेद में है। इन्होने ही बालकृष्ण को व्यापार शुरू करने के लिए पहली बार लों दिया था।

 6 पतंजली के उत्पाद अन्य नामी कंपनियों की तुलना में 15 से 20 फीसदी तक सस्ते हैं। 

7 एफएमसीजी पोर्टफोलियो के अनुसार घी (700 करोड़ रुपये) और टूथपेस्ट (300 करोड़ रुपये) को बेस्टसेलर के रूप में पहचान मिली। जबकि एचयूएल और कोलगेट ने 2014-15 में 30,170 करोड़ रुपये और 4,211 करोड़ रुपये की कमाई की थी।

8 कंपनी का लक्ष्य अगले साल मार्च तक 10,000 करोड़ रुपए का राजस्व दोगुना करने और छह इकाइयों और एक अनुसंधान एवं विकास केंद्र स्थापित करने के लिए करीब 1,000 करोड़ रुपये के निवेश का है ।

9 वर्तमान में पतंजलि उत्पाद ई-कॉमर्स चैनलों द्वारा  1,200 आयुर्वेदिक चिकित्सालय , 2500 आरोग्य केंद्रों और 8,000 स्वदेशी केंद्रों के माध्यम से बेच रहे हैं। इसके अलावा इन उत्पादों की बिक्री देश भर में खुले हजारों किराना स्टोर्स पर भी हो रही है। 

10 बाबा रामदेव और बालकृष्ण के कंपनी का चेहरा रहते हुए भी राम भारत कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं. बहुत ही छोटे प्रोफाइल से आये राम भारत को पतंजली आयुर्वेद का जिम्मा विरासत में मिला है।   

रामदेव पतंजलि प्रोडक्ट लिस्ट 2




पतंजलि के उत्पादों की सूची {प्रोडक्ट लिस्ट}
देश की सबसे बड़ी स्वदेशी कंपनी पतंजलि के उत्पादों की सूची में आयुर्वैदिक दवाईयां, हर्बल पतंजलि प्रोडक्ट, शुद्ध खाद्य सामग्री आदि शामिल हैं| इस पतंजलि प्रोडक्ट लिस्ट की सहायता से आप बाबा रामदेव के सभी प्रोडक्ट्स के बारे में जान सकते हैं|

पतंजलि कम्पनी की शुरुआत, वर्ष 2006 में बाबा रामदेव और योग गुरु बालकृष्ण जी ने की थी| पतंजलि का उद्देश्य है, भारत में विदेशी कंपनियों के मिलावटी उत्पादों के प्रति लोगों को जागरूक करना और सभी लोगों को स्वदेशी उत्पाद इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करना|

शुरुआत में मार्केट की बड़ी कंपनियों ने पतंजलि को गंभीरता से नहीं लिया लेकिन पतंजलि के आयुर्वैदिक तरीके से बनाये गए प्रोडक्ट्स को लोगों ने बहुत ज्यादा पसंद किया और बहुत ही कम समय में पतंजलि ने कई बड़ी कंपनियों को टक्कर देना शुरू कर दिया है|

आज बाबा रामदेव के उत्पादों पर लोग आँख बंद करके भरोसा करते हैं क्यूंकि इनके सभी प्रोडक्ट्स प्राकृतिक तरीकों से बनाये गए हैं और केमिकल की मात्रा कम से कम ही रखी जाती है इसलिए पतंजलि के उत्पाद आजकल मार्किट में छाए हुए हैं|

पतंजलि ने अब आटा, दवाइयां, बिस्किट, दलिया, घी और इसके साथ सौंदर्य प्रसाधन की वस्तुएं भी बनाना शुरू कर दिया है| तो आज हम आपके सामने पतंजलि आयुर्वेद के सभी उत्पादों की लिस्ट रख रहे हैं –

फेस वाश

नीम तुलसी फेस वाश

एलोवेरा जैल

हनी ऑरेंज फेस वाश

सौंदर्य फेस वाश

लेमन हनी फेस वाश

पतंजलि एक्टिवटीटेड कार्बन फेसिअल फॉर्म

फेस पैक मुल्तानी मिटटी

ऑरेंज एलोवेरा फेस वाश

रोज फेस वाश

फेस क्रीम

सौंदर्य एंटी एजिंग क्रीम

सौंदर्य स्वर्ण कांति फेयरनेस क्रीम

एलोवेरा मॉस्चराइसिंग क्रीम

सन स्क्रीन क्रीम

मॉस्चराइसिंग क्रीम

ब्यूटी क्रीम

एंटी व्रिंकले क्रीम

क्रैक हील क्रीम

शेव जैल

शेव जैल
फेस स्क्रब
एप्रीकॉट फेस स्क्रब
डेंटल केयर

दाँत care

दन्त कांति एडवांस्ड

एक्टिव केयर टूथ ब्रश

दन्त कांति मेडिकेटिड

दन्त कांति जूनियर

दन्त कांति

शैम्पू

केश कांति नेचुरल पाउच

केश कांति नेचुरल

केश कांति एलोवेरा हेयर क्लीन्ज़र

केश कांति रीठा

केश कांति मिल्क प्रोटीन

केश कांति एंटी डैंड्रफ पाउच

हेयर आयल

केश तेल

आमला हेयर आयल

शीतल आयल

पतंजलि केश कांति हेयर आयल

कंडीशनर

कंडीशनर डैमेज कण्ट्रोल

हेयर कंडीशनर कलर प्रोटेक्शन

हेयर कंडीशनर ओलिव एल्मोंड

हर्बल मेहँदी

बॉडी केयर

गुलाब जल

सौंदर्य मैसूर सुपर संदल बॉडी क्लीन्ज़र

कांति हल्दी चन्दन बॉडी क्लीन्ज़र

कांति पंचगव्या

कांति नीम

लेमन बॉडी क्लीन्ज़र

सौंदर्य क्रीम बॉडी क्लीन्ज़र

पीड़ान्तक आयल

लेमन हनी कांति बॉडी क्लीन्ज़र

कांति हल्दी चन्दन

पतंजलि मिंट तुलसी

मोगरा बॉडी क्लीन्ज़र

मुल्तानी मिटटी बॉडी क्लीन्सर

कांति रोज

कांति आलमंड केसर

ओजस एक्वाफ्रैश

पतंजलि रोज़ बॉडी क्लीन्ज़र

कांति एलोवेरा बॉडी क्लीन्ज़र

डिटर्जेंट पाउडर

डिटर्जेंट पाउडर सुपीरियर 250 mg

डिटर्जेंट पाउडर प्रीमियम

डिटर्जेंट पाउडर पॉपुलर

डिटर्जेंट पाउडर सुपीरियर

डिटर्जेंट केक

डिटर्जेंट केक पॉपुलर

डिटर्जेंट केक सुपीरियर

हैंड वाश

हैंड वाश रिफिल पैक

हैंड वाश 250ml

हैंड वाश आलमंड केसर

ओलिव हैंड वाश

आई केयर

दृष्टि आई ड्राप

महात्रिफला घ्रित

हर्बल काजल

शिशु केयर

शिशु केयर बॉडी लोशन

शिशु केयर क्रीम

शिशु केयर बॉडी वाश जैल

शिशु केयर हेयर आयल 100ml

शिशु केयर मसाज आयल

शेविंग क्रीम

हर्बल शेविंग क्रीम

अगरबत्ती
मधुरम याजना सुगंधम

मधुरम व्हाइट फ्लावर

मधुरम संदल

मधुरम मैडिटेशन

मधुरम जैस्मिन

मधुरम रोज

मधुरम अम्बर

मधुरम ओढ़

मधुरम कोणार्क

मधुरम उत्सव

मधुरम लैवेंडर

मधुरम वगन्धा

डिशवाश बार

सुपर डिश वाश बार
हवन सामग्री
दिव्य हवन सामग्र

डायजेस्टिव

पाचक हींग गोली

पाचक जलजीरा

पाचक छुआरा

पाचक जीरा

पाचक अनारदाना

पाचक हींग पेड़ा 100gm

पाचक अजवाइन

पाचक हींग पेड़ा

पाचक मेथी निम्बू

पाचक शोधित हरड़

हेल्थ एंड वैलनेस

मूसली पाक

पतंजलि पाउडर वीटा

गुलकंद

शिलाजीत सैट

शिलाजीत कैप्सूल

अश्वशिला (कैप्सूल)

इसबगोल भूसी

अमृत रसायन

शिलाजीत रसायन

पतंजलि व्हीट ग्रास पाउडर

केसर

च्वनप्राश

स्पेशल च्वनप्राश

च्वनप्राश
बादाम पाक
बादाम पाक

घी

देसी घी

गाय (Cow) घी

हनी (शहद)

प्योर हनी मल्टीफ्लोरा

प्योर हनी

हेल्थ ड्रिंक

आमला एलोवेरा जूस विथ लीची फ्लेवर

एलोवेरा जूस विथ फाइबर और ऑरेंज फ्लेवर (L)

लौकी अमला जूस (L)

एलोवेरा जूस (L)

अर्जुन अमला जूस (L)

करेला अमला जूस (L)

अमला जूस (L)

गिलोय अमला जूस

गिलोय जूस (L)

गिलोय जूस (L)

एलोवेरा जूस विथ फाइबर (L)

एलोवेरा जूस विथ ऑरेंज फ्लेवर (L)

फ्रूट जूस

फ्रूट जूस

बिस्किट एन्ड कूकीज
ऑरेंज डेलाइट बिस्किट्स

नुत्ती डेलाइट

आरोग्य बिस्किट्स

नारियल बिस्किट्स

मैरी बिस्किट्स

पतंजलि दूध बिस्किट्स

इलाइची डेलाइट बिस्किट्स

नारियल बिस्किट्स

हर्बल टी

दिव्य पेय

दिव्य हर्बल पेय
ग्राम फ्लूर बेसन
ग्राम फ्लौर बेसन
कॉर्न फलैक्स
कॉर्न फलैक्स मिक्स

चोको फलैक्स

नूडल्स

आटा नूडल्स

आटा नूडल्स चटपटा

आटा नूडल्स क्लासिक

नमकीन

मूंग दाल नमकीन

पतंजलि चना दाल नमकीन

स्पाइस (मसाले)

रेड चिल्ली पाउडर

छोले मसाला

ब्लैक पीपर पाउडर

फेनुग्रीक व्होल

अजोवन

गरम मसाला

कमिन (Cumin) व्होल

कोरिएंडर पाउडर

सब्जी मसाला

टर्मेरिक पाउडर

जैम

मिक्स्ड फ्रूट जैम

गुआवा जैम

पाइनएप्पल जैम

शुगर प्रोडक्ट्स

मधुरम शुगर (Jaggery पाउडर

अचार

आमला पिकल (अचार)

एप्पल चटनी

टोमेटो केचप

लेमन पिकल (अचार)

ओट्स

बूरा
कैंडी
मैंगो कैंडी

बेल कैंडी

आमला कैंडी

आमला चटपटा

मुरब्बा

आमला मुरब्बा

बेल मुरब्बा

हरड़ मुरब्बा

दलिया

बारले दलिया

पुष्टाहार दलिया

व्हीट दलिया

सरसों तेल

कच्ची घानी मस्टर्ड आयल

चावल

बासमती राइस सिल्वर

बासमती राइस गोल्ड

बासमती राइस डायमंड

पापड़

काली मिर्च पापड़

बहुत सारे लोग चाहते होंगे कि हम पतंजलि के इन सभी उत्पादों का मूल्य भी बतायें तो इसके लिए हम आपको बताना चाहते हैं कि हम पतंजलि के सभी उत्पादों का Price भी प्रकाशित करना चाहते थे लेकिन चीज़ों का मूल्य समय के साथ कम या ज्यादा होता रहता है| इसलिए प्राइस लिस्ट शेयर करना उचित नहीं होगा|

बाबा रामदेव के इन सभी प्रोडक्ट्स का मूल्य जानने के लिए आप पतंजलि की ऑफिसियल वेबसाइट – https://www.patanjaliayurved.net/ पर जा सकते हैं|


पतंजलि केश कांति हेयर ऑईल – उत्पाद की समीक्षा {अवैतनिक और ईमानदार}




एक व्यक्ति के संपूर्ण व्यक्तित्व में बालों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिक़ा है। यह कुल मिलाकर ये बयान करते हैं कि हम कैसे लग रहे है, आकर्षक हैं या नहीं। क्या आप भी आजकल की अपनी व्यस्त जीवन शैली के चलते अपने बालों के स्वास्थ्य से जुडी कई समस्याएँ जैसे बालों का गिरना, समय से पहले सफ़ेद हो जाना, बालों का पतला होना, गंजापन आदि सभी का अनुभव कर रहे हैं, हालाँकि आजकल ये सब समस्याएँ सामान्य हैं | अब मैं आपको जिस उत्पाद के बारे में समीक्षा देने जा रही हूँ वह आश्चर्यजनक रूप से प्रभावी है – यह और कोई नहीं पतंजलि आयुर्वेदिक उत्पादों की ही श्रेणी में से एक उत्पाद केश कांति बालों का तेल है |

Patanjali Kesh Kanti Hair Oil

पतंजलि के केश कांति बालों के तेल के बारे में अपने दावों को लेकर क्या कहना है –

तो पतंजलि के अनुसार , यह तेल आपके बालों को जरूरी पोषण प्रदान करता है और बालों की खोई हुई मजबूती और घनापन वापस पाने में मदद करता है | केश कांति तेल ने सिद्ध किया है कि यह अन्य किसी भी हानिकारक रासायनिक उत्पादों के उपयोग द्वारा हुई क्षति तथा बालों का सफ़ेद होना और बालों का दो मुँहा होना आदि रोकता है और बालों की देखभाल करता है | यह रूसी और बालों के झड़़ने जैसी समस्याओं के इलाज में भी मदद करने का दावा करता है। इस उत्पाद जीवनावधि 3 साल की है। एक 100 मिली लीटर की बोतल (अब 20 मिलीलीटर अतिरिक्त के साथ) की कीमत 130 रुपए है। यह एक पूर्ण आयुर्वेदिक उत्पाद है जो सभी आवश्यक हर्बल और प्राकृतिक अवयवों से बना है।

उपयोग के लिए दिशा-निर्देश

केश कांति तेल एक गैर चिपचिपे किस्म का तेल है जो बालों और खोपड़़ी द्वारा आसानी से अवशोषित कर लिया जाता है। इससे खोपड़़ी और बालों में हल्के हाथों से गहरी मालिश करके लगाने की सलाह दी जाती है ताकि तेल भीतर तक अच्छी तरह पहुँच सके | सर्वोत्तम परिणामों के लिए इसे रात भर बालों में लगाकर छोड़़ा जा सकता है।

पैकेजिंग

उत्पाद को बहुत अच्छी तरह से रिसाव रहित , छलकाव रहित , पाईप के आकार बोतल में पैक किया गया है। इसे आप यात्रा के दौरान अपने बैग में बिना किसी चिंता के रख सकते है, यह बिल्कुल नहीं फैलेगा न ही आपके कपड़़े या अन्य सामान खराब करेगा। पारदर्शी होने के कारण आप बोतल में भरे तेल के स्तर पर भी नज़र रख सकते है कि कब आपका तेल खत्म होने वाला है। बोतल में लगा पाईप द्वारा उचित मात्रा में ही तेल निकलेगा ताकि तेल निकालने के पश्चात बोतल की नोक पर तेल लगा ना रह जाए अक्सर जिससे बोतल भी गंदी हो जाती है |

Best Patanjali Hair Oils

1. Patanjali Kesh Kanti Oil

 2. Patanjali Kesh Kanti Amla Hair Oil

3. Patanjali Coconut Oil

4. Patanjali Almond Hair Oil

5. Patanjali Sheetal Oil

6. Patanjali Tejus Tailum

7. Patanjali Shishu Care Hair Oil

पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन : बालों को बढ़ाने के लिए, अनिंद्रा




इस पोस्ट में नीचे दी गई बिमारियों के इलाज हेतू पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन की जानकारी दी गयी है | साथ ही यह भी बताया गया है की इन औषधियों का सेवन कैसे करें और क्या परहेज रखें | इस लेख में निम्नलिखित बीमारियों के लिए आयुर्वेदिक औषधियां बताई गई है |

* बालों को बढ़ाने के लिए पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन

काले तिल का चूर्ण – 100

ग्रामभूगराज चूर्ण – 100

ग्रामदिव्य आमलकी रसायन – 200

ग्रामदिव्य मुक्ता शुक्ति – 10

ग्रामदिव्य सप्तामृत लौह – 20

ग्रामधात्री लौह – – 10 ग्राम

सभी औषधों को मिलाकर 60 पुड़िया बनाएं। प्रात: एवं सायं भोजन से आधा घण्टा पहले जल/शहद या दूध से सेवन करें। इसके प्रयोग से बाल लम्बे होते हैं तथा नेत्र-विकारों में भी लाभ होता है। इसके साथ दिव्य केश तैल तथा पतंजलि हेयर क्लींजर का प्रयोग करने से विशेष लाभ होता है।
* नींद ना आने, अनिद्रा के इलाज के लिए पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन

दिव्य मेधा क्वाथ – 300 ग्राम

1 चम्मच औषध को 400 मिली पानी में पकाएं और 100 मिली शेष रहने पर छानकर | प्रात: सायं खाली पेट पियें।

दिव्य मेधा वटी – 40 ग्रामदिव्य ब्राह्मी वटी- 40 ग्राम

1-1 गोली दिन में 3 बार प्रात: नाश्ते दोपहर-भोजन एवं सायं भोजन के आधे घण्टे बाद गुनगुने जल से सेवन करें।

दिव्य सारस्वतारिष्ट – 450 मिली

4 चम्मच औषध में 4 चम्मच पानी मिलाकर प्रात: एवं सायं भोजन के बाद सेवन करें।

नासार्श नाक के बढे हुए मांस Nasal Polyps  के इलाज के लिए पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन

दिव्य अर्शकल्प वटी – 40 ग्राम

2–2 गोली प्रात: एवं सायं खाली पेट गुनगुने जल से सेवन करें।

दिव्य कांचनार गुग्गुलु – 40 ग्रामदिव्य चन्द्रप्रभावटी – 40 ग्राम

2–2 गोली प्रात: एवं सायं खाने के बाद गुनगुने जल से सेवन करें। नोट-षडबिन्दु तैल का नस्य लेने से विशेष लाभ होता है।

* पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन

नकसीर (नासागत रक्तपित्त/Epistaxis) के इलाज के लिए पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन

दिव्य उशीराष्सव – 450 मिली

4 चम्मच औषध में 4 चम्मच पानी मिलाकर प्रात: एवं सायं भोजन के बाद सेवन करें।

दिव्य अविष्पत्तिकर चूर्ण – 100 ग्रामदिव्य गिलोय सत् – 20 ग्रामदिव्य प्रवाल पिष्टी – 10 ग्रामदिव्य मुक्ताशुक्ति – 10 ग्राम
सभी औषधियों को मिलाकर 1-1 चम्मच प्रात: एवं सायं भोजन से आधा घण्टा पहले जल/शहद/मलाई से सेवन करें। 

नोट-उपरोक्त औषधियों के साथ दूर्वा-स्वरस या पीपलपत्र-स्वरस को 4-4 बूंद नाक में डालने से नकसीर रोग में भी विशेष लाभ होता है।

* मुखपाक, मुंह के छाले (Stomatitis) के इलाज के लिए पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन

दिव्य अविष्पक्तिकर चूर्ण – 100 ग्रामदिव्य आमलकी रसायन – 100 ग्रामदिव्य प्रवाल पिष्टी – 10 ग्रामदिव्य मुक्ताशुक्ति – 10 ग्राम

सभी औषधियों को मिलाकर 1-1 चम्मच प्रात: एवं सायं जल के साथ सेवन करें। नोट-आधा चम्मच घी में स्फटिक और टंकण भस्म मिलाकर मुख के छालों पर लगाने से विशेष लाभ होता है। जामुन तथा अमरूद के पत्तों को जल में उबालकर, छान लें। छाने हुए गुनगुने जल में थोड़ा सैंधा नमक मिलाकर गरारा करने से भी लाभ होता है।

* Dry eye syndromes, computer vision syndrome के इलाज के लिए पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन  

दिव्य आमलकी रसायन- 200 ग्रामदिव्य सप्तामृत लौह – 20 ग्रामदिव्य रजतं भस्म – 1 ग्राम

1 ग्राम सभी औषधियों को मिलाकर 1-1 चम्मच प्रात: एवं सायं शहद के साथ सेवन करें।

दिव्य महात्रिफलादि धृत- 100 ग्राम
1/2 चम्मच प्रात: एवं साय भोजन के साथ सेवन करें।

दिव्य बादाम रोगन – 100 मिली
2-2 बूंद नाक में डालने से (नस्य लेने से) लाभ होता है।

* तुण्डीकेरी शोथ (Acute Tonsilitis) के इलाज के लिए पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन

दिव्य त्रिकटु चूर्ण – 25 ग्रामदिव्य सितोपलादि चूर्णं – 25 ग्रामदिव्यं टंकणं भस्म – 10 ग्रामदिव्य गोदन्ती भस्म – 10 ग्राम

सभी औषधों को मिलाकर 40 पुड़िया बनाएं। प्रतिदिन 2 या 3 बार भोजन से आधा घण्टा पहले जल/शहद/मलाई से सेवन करें।

दिव्य त्रिफला गुग्गुलु – 60 ग्रामदिव्य वृद्धिवाधिका वटी – 40 ग्राम

1-1 गोली दिन में 3 बार प्रात: नाश्ते, दोपहर-भोजन एवं सायं भोजन के आधे घण्टे बाद गुनगुने जल से सेवन करें।

दिव्य खदिरादि वटी – 40 ग्राम
2-2 गोली प्रात: एवं सायं चूसने से विशेष लाभ होता है।

* वेरीकोज वेन की चिकित्सा के इलाज के लिए पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन

दिव्य सर्वकल्प क्वाथ – 200 ग्रामदिव्य कायाकल्प क्वाथ – 100 ग्राम

दोनों औषधियों को मिलाकर 1 चम्मच (लगभग 5-7 ग्राम) की मात्रा में लेकर 400 मिली पानी में पकाएं 100 मिली शेष रहने पर प्रात: एवं सायं छानकर खाली पेट पिएं। (इस क्वाथ के साथ कायाकल्प वटी 2-2 गोली प्रात: एवं सायं सेवन करने से विशेष लाभ होता है।

दिव्य रसामाणिक्य – 3 ग्रामदिव्य गिलोय सत् – 10 ग्रामदिव्य प्रवाल पंचामृत – 5 ग्रामदिव्य मुक्ता पिष्टी – 4 ग्रामदिव्य कहरवा पिष्टी- 10 ग्राम

सभी औषधों को मिलाकर 60 पुड़िया बनाएं। प्रात: एवं सायं भोजन से आधा घण्टा पहले जल/शहद/मलाई से सेवन करें।
दिव्य कैशोर गुग्गुलु – 60 ग्रामदिव्य आरोग्यवर्धिनी वटी- 40 ग्रामदिव्य वृद्धिवाधिका वटी – 40 ग्राम

1-1 गोली दिन में 3 बार प्रात: नाश्ते, दोपहर-भोजन एवं सायं भोजन के आधे घण्टे बाद गुनगुने जल से सेवन करें।


* बच्चो के रोगों का इलाज पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन

बच्चों में होने वाले बुखार, उलटी-दस्त, जुकाम, कमजोरी तथा हड्डियों के दर्द में अत्यन्त लाभकारी उपचार

दिव्य त्रिकटुच्चूर्ण – 10 ग्रामदिव्य सितोपलादि च्चूर्णं – 20 ग्रामदिव्य संजीवनी वटी – 10 ग्रामदिव्य अभ्रक भस्म – 5 ग्रामदिव्य गोदन्ती भस्म – 5 ग्रामदिव्य प्रवाल पिष्टी – 5 ग्राम
सभी औषधों को मिलाकर बालक की उम्र के 120, 90 या 60 पुडिया बनाकर प्रात: एवं सायं माता के दूध के साथ या शहद के साथ सेवन कराएं। उपरोक्त औषध में आवश्यकतानुसार दिव्य कुमारकल्याण रस (1 ग्राम) मिलाया जा सकता है।

दिव्य अरविन्दासव – 225 मिली
1-1 या 2-2 चम्मच औषधि में समभाग जल मिलाकर प्रात:-सायं उम्र के अनुसार सेवन कराएं।

* बच्चों में सूखा रोग (Rickets) के इलाज के लिए पतंजलि आयुर्वेदिक मेडिसिन

दिव्य मुक्ता पिष्टी – 4 ग्रामदिव्य प्रवाल पिष्टी – 10 ग्रामदिव्य गिलोय सत् – 10 ग्रामदिव्य सितोपलादि च्चूर्णं 20 ग्रामदिव्य गोदन्ती भस्म – 5 ग्रामदिव्य मण्डूर भस्म – 5 ग्रामदिव्य व्झुमारकल्याण रस – 1 ग्राम

सभी औषधियों को मिलाकर बालक की उम्र के अनुसार 120, 90 या 60 पुड़िया बनाकर प्रात: एवं सायं माता के दूध के साथ या शहद के साथ सेवन कराएं।

दिव्य अरविन्दासव – 225 मिली
1-1 या 2-2 चम्मच प्रात: एवं सायं उम्र के अनुसार सेवन कराएं।

दिव्य अश्वगन्धा चूर्ण – 100 ग्राम

* आधा चम्मच या उम्र के अनुसार प्रात: एवं सायं सेवन कराएं।

दिव्य बादाम पाक – 500 ग्राम

1 चम्मच औषधि रात्रि में दूध के साथ सेवन कराएं।
Reference – इस पोस्ट में बताई गई पतंजलि आयुर्वेद दवाओ की सारी जानकारी बाबा रामदेव जी के दिव्य आश्रम प्रकाशन की पुस्तक (आचार्य बाल कृष्ण द्वारा लिखित “औषधि दर्शन”, से ली गई है।

पतंजलि आयुर्वेद दवा की जानकारी- वटी, गुग्गुलु ,अरिष्ट


 इस पोस्ट में पतंजलि आयुर्वेद दवाओ की समस्त जानकारी बाबा रामदेव जी के दिव्य प्रकाशन की पुस्तक (आचार्य बाल कृष्ण द्वारा लिखित “औषधि दर्शन” से ली गई है )

* पतंजलि वटियों के फायदे

नोट :- सभी वटियों की सामान्य सेवन विधि व मात्रा : 1 से 2 गोली दिन में 2 बार जल के साथ भोजन के उपरान्त सेवन करें अथवा रोगी की आवश्यकता को अनुसार या चिकित्सकीय परामर्शानुसार अन्य औषध को साथ सेवन करें।

* पतंजलि दिव्य आरोग्यवर्धिनी वटी के लाभ

मुख्य गुण-धर्म : त्वचा विकारों, यकृत् विकारों, मोटापा एवं जीर्ण ज्वर में लाभप्रद।सेवनविधि व मात्रा : 1 से 2 गोली दिन में 2 बार जल के साथ भोजन के उपरान्त सेवन करें अथवा रोगी की आवश्यकता को अनुसार या चिकित्सकीय परामर्शानुसार अन्य औषध को साथ सेवन करें।

* पतंजलि दिव्य खदिरादि वटी के लाभ

मुख्य गुण-धर्म : गले की खराश, खाँसी, मुंह के छाले तथा मुख दुर्गन्ध आदि विकारों में लाभप्रद।सेवनविधि व मात्रा : 1 से 2 गोली दिन में 2 बार मुंह में रखकर चूसें अथवा रोगी की आवश्यकता के अनुसार या चिकित्सकीय परामर्शानुसार अन्य औषध के साथ सेवन करें।

* पतंजलि दिव्य चन्द्रप्रभा वटी के लाभ

मुख्य गुण-धर्म : यह मूत्रेन्द्रिय व गर्भाशयगत दोष और वीर्य-विकारों की सुप्रसिद्ध औषध है।चन्द्रप्रभा वटी मूत्रकृच्छु, मूत्राघात, जोडों का दर्द, गठिया, सर्वाइकल स्पोण्डलाइटिस, सियाटिका, कमजोरी,पथरी, सर्वप्रमेह, भगन्दर, अण्डवृद्धि, पोलिया, कामला, अर्श, कटिशूल आदि विकारों को नष्ट करके शरीर का पोषण करती है।यह बलवर्धक, पोषक तथा कान्तिवर्धक है। प्रमेह और उससे पैदा हुए उपद्रवों पर इसका धीरे-धीरे परन्तु स्थायी प्रभाव होता है। सुजाक आदि के कारण वीर्य में जो विकार उत्पन्न होते हैं, उन्हें यह नष्ट कर देती है। 

अधिक शुक्रक्षरण या रज:स्राव हो जाने से पुरुष-स्त्री दोनों की शारीरिक कान्ति नष्ट हो जाती है। शरीर कमजोर होना, शरीर का रंग पीला पड़ जाना, मंदाग्नि, थोड़े परिश्रम से हाँफना, आँखें अन्दर धंस जाना, भूख खुलकर न लगना आदि विकारों में चन्द्रप्रभावटी के सेवन से रक्तादि धातुओं की पुष्टि होती है, वायु का शमन होता है तथा शरीर पुष्ट होकर कान्तिमान् एवं ओजपूर्ण हो जाता है।सेवनविधि व मात्रा : 1–1 या 2–2 गोली दिन में दो या तीन बार गुनगुने जल या गुनगुने दूध के साथ सेवन करें अथवा रोगी की आवश्यकता के अनुसार अन्य औषध के साथ सेवन करें।

* पतंजलि दिव्य चित्रकादि वटी के लाभ

मुख्य गुण-धर्म : भूख न लगना, अग्निमांद्य, अजीर्ण व विबंध आदि सब तरह के उदर-विकारों में लाभप्रद।सेवनविधि व मात्रा : – 1 से 2 गोली दिन में 2 बार मुंह में रखकर चूसें अथवा रोगी की आवश्यकता के अनुसार या चिकित्सकीय परामर्शानुसार अन्य औषध के साथ सेवन करें।

* पतंजलि दिव्य महासुदर्शन वटी के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : सभी तरह के ज्वर विशेषतया जीर्ण ज्वर तथा विषम ज्वर में लाभप्रद।

* पतंजलि दिव्य विषतिन्दुक वटी के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : नसों में होने वाली वेदना, संधिवात, सर्वाङ्गशूल, तंत्रिकाशूल तथा बहुमूत्रता आदि विकारों में अत्यन्त लाभकारी।मुख्य गुण-धर्म : गाँठ, हर्निया, थायराइड की विकृति एवं अण्डकोष की वृद्धि आदि विकारों में लाभप्रद।

* पतंजलि संजीवनी वटी के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : जीर्णज्वर, कफ, सर्दी, जुकाम, श्वासनली के संक्रमण व अन्य वायरल संक्रमणों में अत्यन्त लाभकारी।

* पतंजलि दिव्य लवंगादि वटी के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : जुकाम, सर्दी, खाँसी तथा कफ विकारों में लाभप्रद।

* पतंजलि दिव्य सारिवादि वटी के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : कर्णशूल, कर्णशोथ आदि कर्णरोगों में लाभप्रद।

नोट :- गुग्गुलु सामान्य सेवनविधि व मात्रा : 1 से 2 गोली दिन में 2 बार जल के साथ भोजन के उपरान्त सेवन करें अथवा रोगी कफी आवश्यकता को अनुसार या चिकित्सकीय परामशनुसार अन्य औषध को साथ सेवन करें।

* पतंजलि दिव्य कांचनार गुग्गुलु के लाभ
दिव्य कांचनार गुग्गुलु मुख्य गुण-धर्म : गुर्दे की पथरी, मूत्रनली के संक्रमण, मूत्रकृच्छू, मूत्रदाह आदि विकारों में लाभप्रद। 

* पतंजलि दिव्य कैशोर गुग्गुलु के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : वात रक्त, व्रण, कुष्ठ, गुल्म, पिडिका, वातज विकार, रक्तज विकार तथा त्वचा-विकारों में लाभप्रद।

* पतंजलि दिव्य गोक्षुरादि गुग्गुलु के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : गुर्दे की पथरी, मूत्रनली के संक्रमण, मूत्रकृच्छ्, मूत्रदाह, शोथ आदि मूत्रविकारों में लाभप्रद।

* पतंजलि दिव्य त्रयोदशांग गुग्गुलु के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : कटिशूल, स्नायुशूल (नसों का दर्द), संधिवात तथा वातरक्त आदि विकारों में लाभप्रद।

* पतंजलि दिव्य त्रिफला गुग्गुलु के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : बवासीर, भगन्दर, वातज वेदना, पक्षाघात, गृध्रसी आदि विकारों में लाभप्रद।

* पतंजलि दिव्य महायोगराज के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : समस्त वातविकार, आमवात, पक्षाघात, संधिवात, वातरक्त, व मेदोवृद्धि में लाभप्रद।

* पतंजलि दिव्य योगराज गुग्गुलु के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : संधिशूल, गठिया आदि जोड़ों के विकारों में लाभप्रद।

* पतंजलि दिव्य लाक्षादि गुग्गुलु के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : अस्थिभंग, आघातजन्य शूल, शोथ, अस्थिभंगुरता आदि विकारों में लाभप्रद।

* पतंजलि दिव्य सिंहनाद गुग्गुलु के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : आमवात, पक्षाघात, संधिवात, संधिशूल आदि विकारों में लाभप्रद।

* पतंजलि दिव्य सप्तविंशति गुग्गुलु के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : शोथ, मूत्रनली के विकार, जोड़ों का दर्द आदि विकारों में लाभप्रद।

नोट : समस्त चूर्ण की सामान्य सेवन विधि व मात्रा : आधा या एक चम्मच (लगभग 2-5 ग्राम) चूर्ण खाली पेट या खाने के बाद रोगों के अनुसार प्रात: एवं सायं ताजे जल या गुनगुने जल के साथ सेवन करना चाहिए।

* पतंजलि दिव्य अश्वगन्धा चूर्ण के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : तनाव, थकान, शारीरिक दुर्बलता, कृशता, स्नायु-विकार आदि में लाभप्रद।

* पतंजलि दिव्य अविपत्तिकर चूर्ण के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : अम्लपित्त, अपच, विबन्ध, आध्मान व उदरवर्त आदि विकारों में लाभप्रद।

* पतंजलि दिव्य गंगाधर चूर्ण के लाभ
मुख्य गुण-धर्म – अतिसार, प्रवाहिका तथा संग्रहणी आदि उदर-विकारों में लाभप्रद।

* पतंजलि दिव्य त्रिकटु चूर्ण के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : अजीर्ण, अपच, खाँसी, गले के रोगों व कफज रोगों में लाभप्रद।

* पतंजलि दिव्य त्रिफला चूर्ण  के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : दृष्टि-विकारों, उदर-विकारों तथा पाचन सम्बन्धी विकारों में लाभप्रद।

* पतंजलि दिव्य पंचकोल चूर्ण के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : अरुचि, विबन्ध, उदरशूल, श्वास–कास, ज्वर, सर्वाङ्गशूल तथा अग्निमांद्य में हितकर।

* पतंजलि दिव्य पुष्यानुग चूर्ण के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : रक्तप्रदर, श्वेत प्रदर आदि सभी प्रकार के स्त्री रोगों में लाभप्रद।

* पतंजलि दिव्य बकुची चूर्ण के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : श्वेतकुष्ठ, त्वचारोग व त्वचा की विवर्णता आदि त्वचा विकारों में लाभप्रद।

* पतंजलि दिव्य बिल्वादि चूर्ण के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : अतिसार, प्रवाहिका, संग्रहणी, आन्त्रविकार व आमदोष में लाभप्रद।

* पतंजलि दिव्य लवणभास्कर चूर्ण के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : मन्दाग्नि, आध्मान, उदरशूल आदि पाचन सम्बन्धी विकारों में लाभप्रद।

* पतंजलि दिव्य सितोपलादि चूर्ण के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : सर्दी, खाँसी, ज्वर तथा अस्थमा में लाभप्रद।

* पतंजलि दिव्य हरीतकी चूर्ण के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : अपच, अजीर्ण, विबन्ध आदि उदर-विकारों में लाभप्रद।

नोट : समस्त क्वाथों की सामान्य मात्रा एवं उपयोग-विधि : 5-10 ग्राम क्वाथ द्रव्य को लेकर लगभग 400 मिली पानी में पकाएं जब लगभग 100 मिली शेष रह जाए तो छानकर, प्रात: खाली पेट व रात्रि को भोजन से 1 घण्टा पहले या चिकित्सक के परामर्शानुसार सेवन करें।

* पतंजलि दिव्य अर्जुन क्वाथ के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : सभी प्रकार के हृदय-विकारों में लाभप्रद।

* पतंजलि दिव्य गिलोय क्वाथ के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : सभी प्रकार के ज्वर, खाँसी, त्वचा-विकारों, विषमज्वर तथा सभी प्रकार के संक्रमण में लाभप्रद।

* पतंजलि दिव्य दशमूल क्वाथ के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : सभी प्रकार के वातरोग बुखार स्त्रिरोगो में लाभप्रद ।

* पतंजलि दिव्य मुलेठी क्वाथ के लाभ
मुख्य गुण-धर्मं : सभी प्रकार के संक्रमणं, ज्वर, अम्लपित्त, अजीर्ण आदि उदरविकारों तथा कफज विकारों में लाभप्रद।

नोट : समस्त आसवों व अरिष्टों की सामान्य मात्रा एवं उपयोग-विधि : उपरोक्त सभी औषधियों को 3-4 चम्मच लेकर बराबर मात्रा में जल मिलाकर भोजन के पश्चात् दिन में दो बार सेवन करें। बच्चों को 1–1 चम्मच या 2–2 चम्मच समभाग जल मिलाकर सेवन कराएं।

* पतंजलि दिव्य अर्जुनारिष्ट के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : हृदयरोग, घबराहट, हृदयशूल, उच्चरक्तचाप आदि में लाभप्रद।

* Patanjali Ayurvedic Medicine दिव्य अभ्यारिष्ट के लाभ

मुख्य गुण-धर्म : बवासीर, नाड़ीव्रण, विबन्ध, उदविकार एवं मूत्रकृच्छू में लाभप्रद।

* Patanjali Ayurvedic Medicine दिव्य अरविन्दासव के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : बच्चों की शारीरिक वृद्धि के लिए हितकर एवं सभी तरह के बालरोगों में लाभप्रद।

* Patanjali Ayurvedic Medicine दिव्य अश्वगन्धारिष्ट के लाभ
मुख्य गुण-धर्म : तनाव, थकान, अवसाद, शिथिलता, अनिद्रा, स्नायु-दुर्बलता आदि विकारों में लाभप्रद।


Patanjali Ayurvedic Medicine दिव्य अशोकारिष्ट के लाभ

मुख्य गुण-धर्म : मासिकधर्म सम्बन्धी सभी विकारों, श्वेतप्रदर, सामान्य दौर्बल्य तथा चिडचिडाहट आदि विकारों में लाभप्रद।
Patanjali Ayurvedic Medicine दिव्य उशीरासव के लाभ

मुख्य गुण-धर्म : नकसीर (नाक से रक्तस्राव), मूत्रनली के संक्रमण, शोथ, रक्तार्श व विबन्ध में हितकारी।


Patanjali Ayurvedic Medicine दिव्य कुटजारिष्ट के लाभ

मुख्य गुण-धर्म : आमदोष, प्रवाहिका, अग्निमांद्य, अजीर्ण, संग्रहणी एवं अतिसार आदि उदरविकारों में लाभप्रद।

Patanjali Ayurvedic Medicine दिव्य कुमार्यासव के लाभ

मुख्य गुण-धर्म : यकृत्-शूल, यकृत्-शोथ आदि यकृत्-विकारों तथा उदर -विकारों में लाभप्रद।

Patanjali Ayurvedic Medicine दिव्य खदिरारिष्ट के लाभ

मुख्य गुण-धर्म : चेहरे के दाग, धब्बे, कील-मुंहासे एवं सभी तरह के रक्त -विकार व चर्म रोगों में लाभप्रद।

Patanjali Ayurvedic Medicine दिव्य पुनर्नवारिष्ट के लाभ

मुख्य गुण-धर्म : रक्ताल्पता, शोथ, पीलिया व यकृत् सम्बन्धी रोगों में लाभप्रद।


पतंजलि आयुर्वेद की दवाइयां : थायराइड, मोटापा, जोड़ों के दर्द, सर्वाइकल




पतंजलि आयुर्वेद की दवाइयां – इस लेख में पतंजलि आयुर्वेद में विभिन्न रोगों की चिकित्सा के लिए उपलब्ध दवाओ की जानकारी दी गयी है | साथ ही यह भी बताया गया है की इन औषधियों का सेवन कैसे करें और क्या परहेज रखें | इस लेख में निम्नलिखित बीमारियों के लिए आयुर्वेदिक औषधियां बताई गई है |

थायराइडमोटापाअस्थिशूल, सन्धिशूल, जोड़ों के दर्दकटिशूल रोग (Cervical spondylosis, Sciatica)

अस्थिसुषिरता रोग (Osteoporosis)

अर्दित (Facial/Bell’s palsy Treatment)

आमवात (Rheumatism)

वातरक्त (Gout)

* गलगण्ड (घेंघा ) तथा थायराइड की चिकित्सा के लिए उपलब्ध पतंजलि आयुर्वेद की दवाइयां :

दिव्य सर्वकल्प क्वाथ – 200 ग्रामदिव्य मुलेठी क्वाथ – 100 ग्राम

दोनों औषधियों को मिलाकर 1 चम्मच की मात्रा में लेकर 400 मिली पानी में पकाएं और 100 मिली शेष रहने पर छानकर प्रात:, सायं खाली पेट पियें।

दिव्य त्रिकटु चूर्ण – 50 ग्रामदिव्य प्रवाल पिष्टी – 10 ग्रामदिव्य गोदन्ती भस्म 10 ग्रामदिव्य बहेड़ा चूर्ण – 20 ग्रामदिव्य शिलासिन्दूर – 2 ग्रामदिव्य ताम्र भस्म – 1 ग्रामदिव्य मुक्ता पिष्टी – 4 ग्राम

सभी औषधियों को मिलाकर 60 पुड़ियां बनाएं। प्रात: नाश्ते एवं रात्रि को भोजन से आधा घण्टा पहले जल/शहद/ मलाई से सेवन करें।

दिव्य कांचनार गुग्गुलु –60 ग्रामदिव्य वृद्धिवाधिका वटी – 40 ग्रामदिव्य आरोग्यवर्धिनी वटी – 40 ग्राम

तीनों में से 1-1 गोली दिन में तीन बार प्रात: नाश्ते, दोपहर-भोजन एवं सायं भोजन के आधे घण्टे बाद सुखोष्ण (गुनगुने) जल से सेवन करें।

*मोटापे रोग की चिकित्सा के लिए उपलब्ध पतंजलि आयुर्वेद की दवाइयां :

Patanjali Yogpeeth medicines for Obesity
दिव्य सर्वकल्प क्वाथ – 200 ग्रामदिव्य कायाकल्प क्वाथ – 

200 ग्रामदिव्य त्रिफला चूर्ण  – 100 ग्राम

सभी औषधियों को मिलाकर 1 चम्मच की मात्रा में लेकर 400 मिली पानी में पकाए और 100 मिली शेष रहने पर छानकर प्रात:, सायं खाली पेट पिएं।

दिव्य मेदोहर वटी – 5O ग्राम

2–2 गोली प्रात: व सायं भोजन के 1 घण्टा पहले सुखोष्ण (गुनगुने) जल से सेवन करें।

दिव्य त्रिफला गुग्गुलु – 6O ग्रामदिव्य आरोग्यवर्धिनी वटी – 60 ग्राम

2–2 गोली प्रात: व सायं भोजन के बाद गुनगुने जल से सेवन करें।

दिव्य गोधन अर्क – 20 मिलीदिव्य घृतकुमारी स्वरस- 20 मिली

प्रात: व सायं खाली पेट सेवन करें। नोट- मेदोहर दलिया का सेवन करें।

*वजन कम करने के 20 घरेलू उपाय तथा नुस्खेमोटापा कम करने के उपाय-Get Rid of Obesity

(अस्थिवह-स्रोत की व्याधियां अस्थिवह-स्रोत का मूल- मेद व जघन है। अस्थिवह-स्रोत की व्याधियांसन्धिवात, अधिदन्त, अस्थिभेद, अस्थिशूल, केश, लोम, नख का गिरना इत्यादि।)
अस्थिशूल, सन्धिशूल, जोड़ों के दर्द की चिकित्सा के लिए उपलब्ध पतंजलि आयुर्वेद की दवाइयां

Patanjali Yogpeeth medicines for Joint pain

दिव्य पीड़ान्तक क्वाथ – 200 ग्रामदिव्य दशमूल क्वाथ – 
100 ग्राम

दोनों औषधियों को मिलाकर 1 चम्मच (लगभग 5-7 ग्राम) की मात्रा में लेकर 400 मिली पानी में पकाएं और 100 मिली शेष रहने पर छानकर प्रात:, सायं खाली पेट पिएं।

दिव्य महावातविध्वंसन रस – 5 ग्रामदिव्य स्वर्णमाक्षिक भस्म – 5 ग्रामदिव्य प्रवालपिष्टी – 10 ग्रामदिव्य गोदन्ती भस्म -10 ग्राम

सभी औषधियों को मिलाकर 60 पुड़ियां बनाएं। प्रात: नाश्ते एवं रात्रि-भोजन से आधा घण्टा पहले जल/शहद/मलाई से सेवन करें। अत्यधिक पीड़ा होने पर 1-2 ग्राम बृहत् वातचिन्तामणि रस पुड़िया में मिला लेने से पीडा में तुरन्त लाभ होता है।

दिव्य योगराज गुग्गुलु – 60 ग्रामदिव्य पीड़ान्तक वटी – 40 ग्रामदिव्य चन्द्रप्रभावटी – 60 ग्राम

1-1 गोली दिन में 3 बार प्रात: नाश्ते, दोपहर-भोजन एवं रात्रि-भोजन के आधे घण्टे बाद गुनगुने जल से सेवन करें।

दिव्य वातारि चूर्ण – 100 ग्राम

आधा-आधा चम्मच, भोजन के बाद गुनगुने जल से सेवन करें।

दिव्य पीड़ान्तक तैल – 100 मिली

दिन में 2 से 3 बार दर्द के स्थान पर मालिश करें। पीडान्तक बाम या जैल भी लगा सकते हैं। नोट-रोगी तथा रोग की अवस्थानुसार 1-1 चम्मच अजमोदादि चूर्ण का प्रयोग भी किया जा सकता है।

कटिशूल रोग की चिकित्सा के उपचार के लिए उपलब्ध पतंजलि आयुर्वेद की दवाइयां 

Patanjali Yogpeeth medicines for Cervical spondylosis, Sciatica Treatment

दिव्य दशमूल क्वाथ – 200 ग्रामदिव्य पीड़ान्तक क्वाथ – 100 ग्राम

दोनों औषधियों को मिलाकर 1 चम्मच (लगभग 5-7 ग्राम) की मात्रा में लेकर 400 मिली पानी में पकाएं और 100 मिली शेष रहने पर छानकर प्रात:, सायं खाली पेट पिएं। (निर्गुण्डी तथा हरसिंगार के 3-4 पत्तों को काढ़े के साथ मिलाकर देने से विशेष लाभ होता है।)

दिव्य एकांगवीर रस – 10 ग्रामदिव्य स्वर्णमाक्षिक भस्म -5 ग्रामदिव्य प्रवाल पिष्टी – 10 ग्रामदिव्य गोदन्ती भस्म – 10 ग्राम

सभी औषधियों को मिलाकर 60 पुड़िया बनाएं, प्रात: नाश्ते एवं रात्रि-भोजन से आधा घण्टा पहले जल/शहद से सेवन करें। अत्यधिक पीड़ा होने पर बृहत् वातचिन्तामणि रस को 1 से 2 ग्राम पुडिया में मिला लेने से पीड़ा में तत्काल लाभ होता है।

दिव्य त्रयोदशांग गुग्गुलु — 60 ग्रामदिव्य पीड़ान्तक वटी – 40 ग्रामदिव्य शिलाजीत रसायन – 40 ग्राम

1-1 गोली दिन में 3 बार प्रात: नाश्ते, दोपहर-भोजन एवं सायं भोजन के आधे घण्टे बाद सुखोष्ण (गुनगुने) जल से सेवन करें। अधिक पीड़ा होने पर विषतिन्दुक वटी की (1–1 गोली) प्रात: एवं सायं सेवन करने से विशेष लाभ होता है।

दिव्य पीड़ान्तक तैल – 100 मिली

पीड़ायुक्त स्थान पर मालिश करें।

अस्थिसुषिरता रोग की चिकित्सा के उपचार के लिए उपलब्ध पतंजलि आयुर्वेद की दवाइयां 

Patanjali Yogpeeth medicines for Osteoporosis

दिव्य गिलोय सत् – 10 ग्रामदिव्य स्वर्णमाक्षिक भस्म – 5 
ग्रामदिव्य प्रवाल पिष्टी – 10 ग्रामदिव्य गोदन्ती भस्म – 10 

ग्रामदिव्य मुक्ताशुक्ति – 10 ग्रामदिव्य बृहत् वातचिन्तामणि रस – 1 ग्राम

सभी औषधियों को मिलाकर 60 पुड़िया बनाएं। 

प्रात: नाश्ते एवं रात्रि भोजन से आधा घण्टा पहले जल/शहद से सेवन करें।

दिव्य योगराज गुग्गुलु – 60 ग्रामदिव्य चन्द्रप्रभावटी – 60 ग्रामदिव्य शिलाजीत रसायन– 60 ग्राम

1 गोली दिन में 3 बार प्रात: नाश्ते, दोपहर-भोजन एवं सायं भोजन के आधे घण्टे बाद दूध से सेवन करें।

दिव्य वातारी चूर्ण – 100 ग्रामदिव्य अश्वगन्धा चूर्ण – 100 ग्राम

आधा या एक चम्मच चूर्ण को गुनगुने जल या दूध के साथ प्रात:, दोपहर व सायं । भोजन के बाद दो या तीन बार सेवन करें।

दिव्य अश्वगंधारिष्ट – 450 मिली 4 चम्मच औषध में 4 चम्मच पानी मिलाकर प्रात: एवं सायं भोजन के बाद सेवन करें।
अर्दित के उपचार के लिए उपलब्ध पतंजलि आयुर्वेद की दवाइयां 

Patanjali Yogpeeth medicines for Facial/Bell’s palsy Treatment

दिव्य दशमूल क्वाथ – 200 ग्रामदिव्य मेधा क्वाथ – 100 ग्राम

दोनों औषधियों को मिलाकर 1 चम्मच (लगभग 5-7 ग्राम) की मात्रा में लेकर 40 मिली पानी में पकाएं और 100 मिली शेष रहने पर छानकर प्रात:, सायं खाली पेट पिएं।

दिव्य एकांगवीर रस – 10 ग्रामदिव्य गिलोय सत् – 10 ग्रामदिव्य महावातविंध्वसन रस – 5 ग्रामदिव्य रसराज रस – 1 ग्रामदिव्य प्रवाल पिष्टी – 10 ग्रामदिव्य मुक्ता पिष्टी – 4 ग्रामदिव्य स्वर्णमाक्षिक भस्म – 5 ग्रामदिव्य गोदन्ती भस्म – 10 ग्राम

सभी औषधियों को मिलाकर रख लें। 1 चम्मच की मात्रा में प्रात: नाश्ते एवं रात्रि भोजन से आधा घण्टा पहले शहद/गुनगुने जल से सेवन करें।

दिव्य चन्द्रप्रभावटी – 40 ग्रामदिव्य शिलाजीत रसायन – 40 ग्रामदिव्य त्र्योदशांग गुग्गुल – 60 ग्राम

1-1 गोली दिन में 3 बार प्रात: नाश्ते, दोपहर-भोजन एवं सायं भोजन के आधे घण्टे बाद सुखोष्ण (गुनगुने) जल से सेवन करें।

दिव्य अश्वशिला कैप्सूल – 20 कैप्सूल या दिव्य अश्वगन्धा चूर्ण -100 ग्राम

2-2 कैप्सूल या 1-1 चम्मच चूर्ण को दिन में 2 बार प्रात: नाश्ते एवं सायं भोजन के आधे घण्टे बाद गुनगुने जल से सेवन करें।

दिव्य पीड़ान्तक तैल – 100 मिली

दिन में 2-3 बार प्रभावित स्थान पर मालिश करें।

दिव्य अश्वगंधारिष्ट – 450 मिली

4 चम्मच औषध में 4 चम्मच पानी मिलाकर प्रात: एवं सायं भोजन के बाद सेवन करें।

आमवात के उपचार के लिए उपलब्ध पतंजलि आयुर्वेद की दवाइयां 

Patanjali Yogpeeth medicines for Rheumatism Treatment

जब आम व वात-दोष एक साथ प्रकुपित होकर शरीर में कोष्ठ, त्रिक प्रदेश और संधियों में प्रविष्ट होकर शोथ, शूल व स्तब्धता (जकड़न) उत्पन्न करते हैं, तब यह आमवात रोग कहलाता है।

दिव्य सर्वकल्प क्वाथ -100 ग्रामदिव्य पीड़ान्तक क्वाथ – 200 

दोनों औषधियों को मिलाकर 1 चम्मच की मात्रा में लेकर 400 मिली पानी में पकाएं और 100 मिली शेष रहने पर छानकर प्रात:, सायं खाली पेट पिएं।

दिव्य अजमोदादि चूर्ण – 100 ग्रामदिव्य आमवातारि रस – 40 ग्राम

आधा–आधा चम्मच अजमोदादि चूर्ण एवं 2-2 गोली आमवातारि रस प्रातः व सायं उपरोक्त क्वाथ के साथ सेवन करें।

दिव्य महावातविध्वंसन रस – 5 
ग्रामदिव्य आमवातारि रस – 20 
ग्रामदिव्य प्रवालपिष्टी – 10 
ग्रामदिव्य स्वर्णमाक्षिक भस्म – 5 
ग्रामदिव्य गोदन्ती भस्म – 20
ग्रामदिव्य गिलोय सत् – 20
ग्रामदिव्य बृहत् वातचिन्तामणि रस – 1 से 2 ग्राम

सभी औषधियों को मिलाकर 60 पुड़ियां बनाएं। 

प्रात: नाश्ते एवं रात्रि भोजन से आधा घण्टा पहले जल/शहद से सेवन करें।

दिव्य सिंहनाद गुग्गुलु – 60 ग्रामदिव्य चन्द्रप्रभावटी – 60 
ग्रामदिव्य पुनर्नवादि मण्डूर – 40 ग्राम

1-1 गोली दिन में 2-3 तीन बार प्रात: नाश्ते, दोपहर-भोजन एवं सायं-भोजन के आधे घण्टे बाद गुनगुने जल से सेवन करें।

सप्ताह में एक दिन 1 गिलास गाय के दूध में 20 मिली एरण्ड तैल रात को सोने से पहले सेवन करने से आमवात रोगी को चामत्कारिक लाभ मिलता है। 

नोट- आमवात रोग में शोथ को कम करने के लिए रूक्ष स्वेद (बालू, एरण्ड बीज, सैंधव नमक, अजवायन मिलाकर पोटली बनाकर) करें। इसके अतिरिक्त पीडान्तक तैल को प्रभावित स्थान पर लगाकर एरण्ड या आक के पत्ते को सेक कर बांधने से विशेष लाभ होता है।

कष्टसाध्य पक्षाघात की चिकित्स

दिव्य रसराज रस – 1-3 ग्रामदिव्य प्रवाल पंचामृत – 10 ग्रामदिव्य पुनर्नवादि मण्डूर – 10 ग्रामदिव्य मुक्ता पिष्टी – 4 ग्रामदिव्य एकांगवीर रस – 10 ग्राम

सभी औषधियों को मिलाकर 40 पुड़ियां बनाएं। प्रात: एवं सायं भोजन से आधा घण्टा पहले जल/शहद/मलाई से सेवन करें।

दिव्य त्रयोदशांग गुग्गुलु – 40 ग्रामदिव्य मेधावटी – 4O ग्रामदिव्य शिलाजीत रसायन वटी – 4O ग्राम

1-1 गोली दिन में 2 बार प्रात: नाश्ते, दोपहर-भोजन एवं सायं भोजन के आधे घण्टे बाद गुनगुने जल से सेवन करें।

दिव्य अश्वगन्धा चूर्ण – 100 ग्रामदिव्य वातारि चूर्ण – 50 ग्राम
आधा-आधा चम्मच प्रात: एवं सायं दूध के साथ सेवन करें।
वातरक्त के उपचार के लिए उपलब्ध पतंजलि आयुर्वेद की दवाइयां

 Patanjali Yogpeeth medicines for Gout Treatment

दिव्य पीड़ान्तक क्वाथ – 200 ग्रामदिव्य दशमूल क्वाथ – 100 ग्राम

दोनों औषधियों को 1 चम्मच मात्रा में लेकर 400 मिली पानी में पकाएं और 100 मिली शेष रहने पर छानकर प्रात: सायं खाली पेट पिएं।

दिव्य गिलोयघन वटी – 60 ग्राम

2-2 गोली प्रात: व साय उपरोक्त क्वाथ के साथ सेवन करें।

दिव्य कैशोर गुग्गुलु – 6O ग्रामदिव्य आरोग्यवर्धिनी वटी – 40 ग्रामदिव्य पीड़ान्तक वटी – 40 ग्राम

1-1 गोली दिन में 3 बार प्रात: नाश्ते दोपहर-भोजन एवं सायं भोजन के आधे घण्टे बाद सुखोष्ण (गुनगुने) जल से सेवन करें।

दिव्य वातारि चूर्ण – 100 ग्रामदिव्य अजमोदादि चूर्णं – 100 ग्राम

आधा-आधा चम्मच भोजन के बाद गुनगुने जल से सेवन करें।

दिव्य महावातविध्वंसन रस – 5 ग्रामदिव्य प्रवालपिष्टी – 10 ग्रामदिव्य स्वर्णमाक्षिक भस्म – 5 ग्रामदिव्य गोदन्ती भस्म – 10 ग्राम

सभी औषधियों को मिलाकर 60 पुड़ियां बनाएं। प्रात: नाश्ते एवं रात्रि-भोजन से आधा घण्टा पहले जल/शहद से सेवन करें।

फिस्टुला और बवासीर की अचूक दवा पतंजलि बाबा रामदेव



अछि सेहत के लिए क्या खाना चाहिए
इस लेख में फिस्टुला और बवासीर की अचूक दवा पतंजलि द्वारा निर्मित साथ ही इन औषधियों का सेवन कैसे करें और क्या परहेज रखें | यह बताया गया है |

बवासीर की अचूक दवा पतंजलि (अर्श Piles)

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दिव्य सर्वकल्प क्वाथ – 200 ग्रामदिव्य कायाकल्प क्वाथ – 200 ग्राम


दोनों औषधियों को मिलाकर 1 चम्मच (लगभग 5–7 ग्राम) की मात्रा में लेकर 400 मिली पानी में पकाएं 100 मिली शेष रहने पर छानकर प्रात: एवं सायं खाली पेट पिएं।

दिव्य अर्शकल्प वटी – 60 ग्राम

1–1 गोली को मुलेठी तथा कायाकल्प क्वाथ के साथ सेवन करें।

दिव्य सप्तविंशति गुग्गुलु – 6O ग्रामदिव्य त्रिफला गुग्गुलु – 60 ग्राम

1–1 गोली दिन में 2 बार प्रात: नाश्ते एवं सायं भोजन के आधे घण्टे बाद गुनगुने जल से सेवन करें।

दिव्य अभयारिष्ट – 450 मिल
4 चम्मच औषध में 4 चम्मच पानी मिलाकर प्रात: एवं सायंभोजन के बाद सेवन करें।

दिव्य उदरकल्प चूर्ण – 1OO ग्राम या दिव्य चूर्ण – 100 ग्राम या दिव्य त्रिफला चूर्ण – 100 ग्राम

इन तीनों में से किसी एक चूर्ण को 1 चम्मच रात्रि में गुनगुने जल के साथ सेवन करें।

दिव्य कायाकल्प तेल – 100 मिली या जात्यादि तैल को रूई में लगाकर गुदा मार्ग में लगाएं।

ये दो पोस्ट भी जरुर पढ़ें – 

बवासीर (पाईल्स) अर्श रोग के रामबाण उपचारबवासीर में क्या खाएं क्या ना खाएं 35 टिप्स-Diet In Piles

अर्श (रक्तार्श) खूनी बवासीर की दवा पतंजलि (बाबा रामदेव )
दिव्य मुलेठी क्वाथ – 100 ग्रामदिव्य सर्वकल्प क्वाथ – 100 ग्रामदिव्य कायाकल्प क्वाथ – 100 ग्राम

सबको मिलाकर 1 चम्मच मात्रा में लेकर 400 मिली पानी में पकाएं और 100 मिली शेष रहने पर छानकर प्रात: सायं खाली पेट पियें।

दिव्य अर्शकल्प वटी – 40 ग्राम
1-1 गोली दिन में 2 बार प्रात: नाश्ते एवं सायं भोजन के आधे घण्टे बाद उपरोक्त क्वाथ के साथ सेवन करें।

दिव्य उशीराष्सव – 45o मिलीदिव्य अभयारिष्ट – 45o मिली
4 चम्मच औषध में 4 चम्मच पानी मिलाकर प्रात: एवं सायं भोजन के बाद सेवन करें।

दिव्य चूर्ण – 100 ग्राम
1 चम्मच चूर्ण रात को सोते समय दूध या गुनगुने जल के साथ सेवन करें।

यदि रक्तस्राव अधिक मात्रा में हो रहा हो तो उपरोक्त औषधियों के साथ निम्नलिखित औषधियों के सेवन से विशेष लाभ होता है।

दिव्य मुक्ता पिष्टी – 4 
ग्रामदिव्य रसमाणिक्य – 2 
ग्रामदिव्य प्रवाल पिष्टी – 10
 ग्रामदिव्य गिलोय सत् – 10 
ग्रामदिव्य कहरवा पिष्टी – 10 ग्राम

सभी औषधियों को मिलाकर 60 पुड़िया बनाएं, प्रात: नाश्ते एवं रात्रि-भोजन से आधा घण्टा पहले जल/शहद/दूर्वास्वरस से सेवन करें।

भगन्दर (Fistula) फिस्टुला की दवा पतंजलि
दिव्य कायाकल्प व्क्वाथ – 200 ग्रामदिव्य मुलेठी क्वाथ – 200 ग्राम

दोनों औषधियों को मिलाकर 1 चम्मच (लगभग 5-7 ग्राम) की मात्रा में लेकर 400 मिली पानी में पकाएं 100 मिली शेष रहने पर प्रात: एवं सायं छानकर खाली पेट पिएं।

दिव्य रसामाणिक्य – 3 ग्रामदिव्य गिलोय सत् – 10 ग्रामदिव्य मुक्ता पिष्टी – 4 ग्रामदिव्य शांख भस्म – – 10 ग्रामदिव्य प्रवाल पिष्टी – 10 ग्रामदिव्य कहरवा पिष्टी – 10 ग्राम
सभी औषधियों को मिलाकर 60 पुड़िया बनाएं। प्रात: एवं सायं भोजन से आधा घण्टा पहले जल/शहद/मलाई से सेवन करें।

दिव्य कायाकल्प वटी – 4O ग्रामदिव्य अर्शकल्प वटी – 4O ग्राम

2-2 गोली दिन में दो बार प्रात: एवं सायं खाली पेट उपरोक्त क्वाथ के साथ सेवन करें।

दिव्य सप्तविंशति गुग्गुलु – 60 ग्रामदिव्य त्रिफला गुग्गुलु – 60 ग्रामदिव्य आरोग्यवर्धिनी वटी – 60 ग्राम
1-1 गोली दिन में 2 बार प्रात: नाश्ते एवं सायं भोजन के आधे घण्टे बाद गुनगुने जल से सेवन करें।

दिव्य अभयारिष्ट – 450 मिली
4 चम्मच औषध में 4 चम्मच पानी मिलाकर प्रात: एवं सायं भोजन के बाद सेवन करें।

दिव्य कायाकल्प तैल या जात्यादि तैल – 100 मिली
सूती कपडे में भिगोकर रात्रि में गुदा मार्ग के अन्दर रखें।

पुरुषो को होने वाले रोगों का इलाज पतंजलि आयुर्वेद

जानिए पुरुषो के रोगों के इलाज पतंजलि आयुर्वेद में उपलब्ध औषधियों के बारे में | साथ ही यह जानिए की इन औषधियों का सेवन कैसे करें और क्या परहेज रखें | सन 2006 में पतंजलि आयुर्वेद की स्थापना हुई थी आज पूरी दुनिया भारत के प्राचीन ज्ञान योग एवं आयुर्वेद का लोहा मानती है | 

वर्तमान में पतंजलि आयुर्वेद औषधियों और विभिन्न खाद्य पदार्थों का उत्पादन करती है। बीते कुछ समय में पतंजलि के आयुर्वेदिक उत्पादों ने भारतीय बाज़ार में काफी लोकप्रियता अर्जित की है और आज इसके उत्पादों ने घर-घर में अपनी पहचान बना ली है और अपने उत्पादों और दवाओ की जानकारी कई पुस्तको के माध्यम से सार्वजानिक पटल पर भी रखा है, इन्ही में से एक पुस्तक की जानकारी हम अपनी वेबसाइट पर समय-समय पर प्रकाशित करते रहते है | इस लेख में निम्नलिखित बीमारियों के लिए आयुर्वेदिक औषधियां बताई गई है |

पुरुष बांझपनपेशाब में जलनपथरी, किडनी स्टोनकिडनी रोगनपुंसकतासफेद पानीथैलेसीमिया
पुरुषो के विभिन्न रोगों के इलाज पतंजलि आयुर्वेद में

Patanjali Ayurvedic medicine For Men
मूत्रक्कृच्छ्, पेशाब में जलन ( Dysuria ) का इलाज पतंजलि आयुर्वेद   

दिव्य गोक्षुरादि गुग्गुलु – 60 ग्रामदिव्य चन्द्रप्रभावटी – 40 ग्रामदिव्य गिलोयघन वटी – 60 ग्राम

1-1 गोली दिन में 3 बार प्रात: नाश्ते, दोपहर-भोजन एवं सायं भोजन के आधे घण्टे बाद सुखोष्ण (गुनगुने) जल से सेवन करें।

दिव्य चन्दनासव – 450 मिली
4 चम्मच औषध में 4 चम्मच पानी मिलाकर प्रात: एवं सायं भोजन के बाद सेवन करें।

 (Urolythiasis/ Stone in Bladder) पथरी, किडनी स्टोन का इलाज पतंजलि आयुर्वेद   

दिव्य अश्मरीहर क्वाथ – 300 ग्राम

1 चम्मच औषधि को 400 मिली पानी में पकाएं और जब 100 मिली शेष रहने पर छानकर प्रात: सायं खाली पेट पिएं।

दिव्य अश्मरीहर रस – 50 ग्राम
1-1 ग्राम औषधि को अश्मरीहर क्वाथ के साथ सेवन कराएं।
दिव्य गोक्षुरादि गुग्गुलु – 60 ग्रामदिव्य चन्द्रप्रभा वटी – 60 ग्राम

1-1 गोली प्रात: व सायं भोजन के बाद सुखोष्ण (गुनगुने) जल से सेवन करें। नोट– पत्थरचट्टे का पत्ता रोज प्रात: खाली पेट चबाकर खाए।

किडनी, वृक्क की निष्क्रियता (CRF) एवं किडनी रोग का इलाज पतंजलि आयुर्वेद   

दिव्य सर्वकल्प क्वाथ – 100 ग्रामदिव्य वृक्कदोषहर क्वाथ – 200 ग्रामनीम छाल – 5पीपल छाल 5
सभी औषधियों को मिलाकर 1 चम्मच (लगभग 5–7 ग्राम) की मात्रा में लेकर 400 मिली पानी में पकाएं और 100 मिली शेष रहने पर छानकर प्रात:, सायं खाली पेट पियें।

दिव्य गिलोयघन वटी – 60 ग्राम
2–2 गोली प्रात: व सायं खाली पेट सुखोष्ण (गुनगुने) जल से सेवन करें।

दिव्य वसन्तकुसुमाकर रस – 1 ग्रामदिव्य गिलोय सत् -10 ग्रामदिव्य हजरुल यहूद भस्म – 10 ग्रामदिव्य पुनर्नवादि मण्डूर – 20 ग्रामदिव्य शवेत पर्पष्टी – 5 ग्राम
सभी औषधियों को मिलाकर 60 पुड़ियां बनाएं। प्रात: नाश्ते एवं रात्रि-भोजन से आधा घण्टा पहले जल/शहद से सेवन करें।

दिव्य गोक्षुरादि गुग्गुलु – 60 ग्रामदिव्य चन्द्रप्रभा वटी – 60 ग्रामदिव्य वृक्कदोषहर वटी – 60 ग्राम

1–1 गोली दिन में 2-3 बार प्रात: नाश्ते, दोपहर-भोजन एवं सायं भोजन के आधे – घण्टे बाद गुनगुने जल से सेवन करें।

 नोट- उच्चरक्तचाप होने की स्थिति में मुक्तावटी की 1-1 या 2-2 गोली प्रात: एवं सायं खाली पेट पानी या काढ़े से लें।
नपुंसकता, शुक्राल्पता (Oligospermia ,fertility ) 

नामर्दी का इलाज पतंजलि आयुर्वेद   

दिव्य वसन्तकुसुमाकर रस – 1-3 ग्रामदिव्य त्रिवंगा भस्म – 5 ग्रामदिव्य अभ्रकं भस्म – 10 ग्रामदिव्य गिलोय सत् – 10 ग्रामदिव्य सिद्ध मकरध्वज – 2 ग्रामदिव्य प्रवाल पिष्टी – 10 ग्राम

सभी औषधियों को मिलाकर 60 पुड़िया बनाएं। प्रात: नाश्ते एवं रात्रि-भोजन से आधा घण्टा पहले जल/शहद से सेवन करें।

दिव्य शिलाजीत सत् – 20 ग्राम
2-2- बूँद दूध में मिलाकर सेवन करें।

दिव्य यौवनामृत वटी – 5 ग्रामदिव्य चन्द्रप्रभावटी- 40 ग्राम
2–2 गोली प्रात: व सायं भोजन के बाद दूध से सेवन करें।
दिव्य अश्वगन्धा चूर्ण – 100 ग्रामदिव्य शतावरी चूर्ण – 100 ग्रामदिव्य श्वेतमूसली चूर्ण – 100 ग्राम

1- 1 चम्मच चूर्ण को प्रात: एवं सायं भोजन के बाद गुनगुने जल के साथ सेवन करें।

शुक्राल्पता में उपरोक्त औषधियों के साथ
कौंच, बीज – 250 ग्रामसफेद गुञ्जा – 250 ग्राम
कौंच बीज तथा सफेद गुज्जा को कुटकर 1-1 चम्मच की मात्रा में प्रात: एवं सायं । दूध के साथ सेवन करने पर शुक्राणुओं की वृद्धि तथा शरीर का पोषण होता है। (कौंच बीज तथा सफेद गुञ्जा का प्रयोग शोधन के पश्चात् ही करना चाहिए । इसका शोधन दोला यन्त्र विधि से किया जाता है। 

बीजों को 1 पोटली में लटकाकर 4 ली दूध में पकाएं, जब पकते-पकते दूध गाढ़ा हो जाए तो पोटली को निकालकर, छिलका उतारकर बीजों को पीसकर कर सुरक्षित रख लें।
नोट– यदि यौन दुर्बलता अधिक हो तो उपरोक्त औषधियों के साथ यौवन गोल्ड कैप्सूल की 2-2 गोली प्रात: एवं सायं सेवन करने से विशेष लाभ होता है।

शुक्राणुहीनता, पुरुष बांझपन ( Azoospermia ) का इलाज पतंजलि आयुर्वेद

दिव्य हीरक भस्म – 300 ग्रामदिव्य वसन्तकुसुमाकर रस – 2-3 ग्रामदिव्य सिद्धमकरध्वज – 2–3 ग्राम

निम्न द्रव्यों को उपरोक्त पुड़िया में मिलाकर सेवन करें।

प्रमेह तथा शुक्रमेह, धातु गिरना  और सफेद पानी का इलाज पतंजलि आयुर्वेद   

दिव्य सर्वकल्प क्वाथ – 100 ग्रामदिव्य वृक्कदोषहर क्वाथ – 200 ग्राम

दोनों औषधियों को मिलाकर 1 चम्मच (लगभग 5-7 ग्राम) की मात्रा में लेकर 400 मिली पानी में पकाएं और 100 मिली शेष रहने पर छानकर प्रात:, सायं खाली पेट पिएं।
दिव्य गिलोयघन वटी – 60 ग्राम
2-2 गोली उपरोक्त क्वाथ से सेवन करें।

दिव्य आंवला चूर्ण – 100 ग्रामदिव्य वंगभस्म – 5 ग्रामदिव्य प्रवाल पंचामृत – 5 ग्रामदिव्य हजरुल यहूद भस्म – 5 ग्रामदिव्य गिलोय सत् – 20 ग्राम

सभी औषधियों को मिलाकर 1-1 चम्मच प्रात:, नाश्ते एवं रात्रि-भोजन से आधा घण्टा पहले जल/शहद से सेवन करें।
दिव्य गोक्षुरादि गुग्गुलु – 60 ग्रामदिव्य चन्द्रप्रभावटी – 60 ग्रामदिव्य शिलाजीत रसायन वटी – 60 ग्राम

1-1 गोली दिन में 3 बार प्रात: नाश्ते, दोपहर-भोजन एवं सायं भोजन के आधे घण्टे बाद जल से सेवन करें। अन्य व्याधिष्य
थैलेसीमिया (Thalessemia) का इलाज पतंजलि आयुर्वेद  
दिव्य सर्वकल्प क्वाथ – 300 ग्राम
1 चम्मच औषध को 400 मिली पानी में पकाएं और 100 मिली शेष रहने पर छानकर प्रात:, सायं खाली पेट पिएं।
दिव्य कुमारकल्याण रस – 1-2 ग्रामदिव्य प्रवाल पिष्टी – 5 ग्रामदिव्य कहरवा पिष्टी – 5 ग्रामदिव्य मुक्ता पिष्टी – 5 ग्रामदिव्य गिलोयसत् – 10 ग्रामदिव्य प्रवालपंचामृत – 5 ग्राम
सभी औषधियों को मिलाकर 60 पुड़ियां बनाएं। प्रात: नाश्ते एवं रात्रि-भोजन से आधा घण्टा पहले जल/शहद से सेवन करें।

दिव्य कैशोर गुग्गुल – 40 ग्रामदिव्य आरोग्यवर्धिनी वटी – 20 ग्राम

1–1 गोली प्रात: व सायं भोजन के बाद गुनगुने जल से सेवन करें।

दिव्य धृतकुमारी स्वरस – 10 मिलीदिव्य गिलोय स्वरस – 10 मिली


इसमें (उपरोक्त दोनों स्वरसों में) गेंहूँ के ज्वारे का रस मिलाकर प्रात: एवं सायं खाली पेट सेवन करें।



पतंजलि की दवा : गैस, कब्ज, बदहजमी, एसिडिटी के लिए




इस लेख में निम्नलिखित रोगों के उपचार के लिए उपलब्ध पतंजलि की दवा की जानकारी दी गयी है | साथ ही यह भी बताया गया है की इन औषधियों का सेवन कैसे करें और क्या परहेज रखें | नीचे दी हुई बीमारियों के लिए उपलब्ध पतंजलि आयुर्वेदिक की औषधियां बताई गई है |

पेट की गैस, अफारा के उपचार के लिए उपलब्ध पतंजलि की दवाकब्ज के उपचार के लिए उपलब्ध पतंजलि की दवाAcidity (अम्लपित्त) के उपचार के लिए उपलब्ध पतंजलि की दवाअपच, बदहजमी के उपचार के लिए पतंजलि की दवाअल्सर ग्रहणी रोग उपचार के लिए पतंजलि की दवाअरुचि (Anorexia) उपचार के लिए पतंजलि की दवापर्पष्टी कल्प संग्रहणी उपचार के लिए पतंजलि की दवाछर्दि रोग उपचार के लिए पतंजलि की दवाअन्नद्रवश्शूल 

एवं परिणामशूल (Duodenal ulcer) के उपचार के लिए पतंजलि की दवा

पेट की गैस, एसिडिटी और अफारा के उपचार के लिए उपलब्ध पतंजलि की दवा

*पतंजलि की दवा

पतंजलि गैस की दवा – वायु की विगुणता से पेट में अपाचन से अन्न रस का संचय होना तथा विगुणित वायु से अवरुद्ध होकर पुरीष (मल) का न निकल पाना तथा उद्गार एवं अधोवात का न निकल पाना ही आनाह कहलाता है।

दिव्य सर्वकल्प क्वाथ – 200 ग्रामदिव्य कायाकल्प क्वाथ – 100 ग्राम

दोनों औषधियों को मिलाकर 1 चम्मच (लगभग 5-7 ग्राम) की मात्रा में लेकर 400 मिली पानी में पकाएं और 100 मिली शेष रहने पर छानकर प्रात:, सायं खाली पेट पिएं।

दिव्य उदरामृत वटी – 40 ग्रामदिव्य आरोग्वर्धिनी वटी – 40 ग्राम

2–2 गोली प्रात: व सायं भोजन के बाद गुनगुने जल से सेवन करें।


पतंजलि गैसहर चूर्ण – 100 ग्राम

आधा चम्मच प्रात: एवं सायं भोजन से आधा घण्टा पहले गुनगुने जल से सेवन करें। नोट-10 मिली एलोवेरा जूस, 5 मिली आंवला जूस तथा 5 मिली गोधन अर्क में तीनों के बराबर गुनगुना जल मिलाकर प्रात:काल सेवन करने से शीघ्र लाभ होता है। गैस की समस्या का समाधान के लिए अन्य आसान घरेलू नुस्खे जानने के लिए पढ़े – पेट की गैस की रामबाण दवा तथा अचूक आयुर्वेदिक इलाज |


*कब्ज के उपचार के लिए उपलब्ध पतंजलि की दवा 


दिव्य अभयारिष्ट – 450

4 चम्मच औषध में 4 चम्मच गुनगुना पानी मिलाकर प्रात: एवं सायं भोजन के बाद सेवन करें

दिव्य उदरकल्प या दिव्य चूर्ण – 100 ग्राम

1 चम्मच चूर्ण को रात्रि में सोने से पूर्व गुनगुने जल के साथ सेवन करें।

दिव्य चित्रकादि वटी – 40 ग्रामदिव्य आरोग्यवर्धिनी वटी – 4O ग्राम

2-2 गोली दिन में दो बार प्रात: नाश्ते एवं सायं-भोजन के बाद प्रयोग करें। नोट-मधुमेह के रोगी उदरकल्प चूर्ण का प्रयोग न करें। दिव्य चूर्ण, दिव्य हरीतकी चूर्ण या दिव्य त्रिफला चूर्ण का प्रयोग वे कर सकते हैं। कब्ज होने के कारण जानने के लिए पढ़ें यह लेख – कब्ज: कारण लक्षण और मिटाने के सरल उपचार |


*अम्लपित्त के लिए उपलब्ध पतंजलि की दवा 


दिव्य मुलेठी क्वाथ – 300 ग्राम

1 चम्मच औषध को 400 मिली पानी में पकाएं और 100 मिली शेष रहने पर उसे छानकर प्रात:, सायं खाली पेट पिएं।

दिव्य अविष्पत्तिकर चूर्ण – 100 ग्राम

आधा चम्मच प्रात: एवं सायं भोजन से आधा घण्टे पहले ताजे जल से सेवन करें।

रोग की जीर्णावस्था में
दिव्य अविष्पत्तिकर चूर्ण – 100 ग्रामदिव्य कामदुधा रस – 20 ग्रामदिव्य मुक्ताशुक्ति – 10 ग्राम


*इन तीनों औषधियों को मिलाकर आधा-आधा चम्मच प्रात: 

एवं सायं भोजन से आधा घण्टे पहले ताजे जल से सेवन करें।
दिव्य हरीतकी चूर्ण – 100 ग्राम

एक चम्मच रात को सोने से पहले गुनगुने जल से लें। नोट -विबन्ध होने पर दिव्य चूर्ण या उदरकल्प चूर्ण को  1 चम्मच की मात्रा में गुनगुने जल के साथ सेवन करें। घरेलू नुस्खे जानने के लिए पढ़ें यह लेख- Acidity होने के कारण, लक्षण तथा घरेलू उपचार

*अजीर्ण और अपच, बदहजमी के उपचार के लिए उपलब्ध पतंजलि की दवा |


खाए हुए भोजन का पूर्णतया ना पचना अजीर्ण कहलाता है। इसका कारण जठराग्नि की मंदता है। इसकी चिकित्सा अरुचि और अग्निमांद्य की भांति है।

तक्र में भुना जीरा एवं काला नमक मिलाकर सेवन करने से सभी प्रकार का उदररोग ठीक होता है।
अल्सर ग्रहणी रोग के लिए उपलब्ध पतंजलि की दवा :
जठराग्नि के मंद होने पर वातादि दोषों के प्रकोप होने से विकृत हुई ग्रहणी अन्न का पाचन ठीक से नहीं कर पाती है। फलत: आहार को बिना पचे रूप में ही शरीर से बाहर निकाल देती है।

दिव्य बिल्वादि चूर्ण – 100 ग्रामदिव्य गंगाधर चूर्ण 5O ग्रामदिव्य शंखभस्म – 10 ग्रामदिव्य कपर्दक भस्म – 10 ग्राम
सभी औषधियों को मिलाकर 1-1 चम्मच प्रात: नाश्ते से पहले, दोपहर-भोजन से पहले एवं रात्रि-भोजन से पहले जल के साथ सेवन करें।

दिव्य कुटजारिष्ट – 450 मिली
4 चम्मच औषध में 4 चम्मच गुनगुना पानी मिलाकर प्रात: एवं सायं भोजन के बाद सेवन करें। नोट-तक्र में अजवायन तथा सैंधव लवण मिलाकर सेवन करने से विशेष लाभ होता है। गुनगुने पानी का सेवन करें।

*अरुचि तथा अग्निमोद्य के उपचार के लिए उपलब्ध पतंजलि की दवा |

दिव्य सर्वकल्प क्वाथ – 3OO ग्रामदिव्य मुलेठी क्वाथ 100 ग्राम

दोनों औषधियों को मिलाकर 1 चम्मच (लगभग 5–7 ग्राम) की मात्रा में लेकर 400 मिली पानी में पकाएं और 100 मिली शेष रहने पर छानकर प्रात: सायं खाली पेट पिएं।
दिव्य चित्रकादि वटी – 40 ग्रामदिव्य उदरामृत वटी – 40 ग्राम
2–2 गोली दिन में तीन बार प्रात: नाश्ते व दोपहर-भोजन एवं सायं-भोजन के बाद प्रयोग करें।

दिव्य हिंग्वाष्टक चूर्ण – 100 ग्राम

आधा चम्मच प्रात: एवं सायं भोजन से आधा घण्टे पहले गुनगुने जल या भोजन के प्रथम ग्रास के साथ प्रयोग करें।

दिव्य पुनर्नवारिष्ट – 450 मिलीदिव्य कुमार्यासव – 450 मिली
4 चम्मच औषध में 4 चम्मच पानी मिलाकर प्रात: एवं सायं भोजन के बाद सेवन करें।

पर्पष्टी कल्प संग्रहणी के लिए उपलब्ध पतंजलि की दवा :
दिव्य पंचामृत पर्पटी – 10 ग्रामभुना हुआ जीरा चूर्ण – 30 ग्रामदिव्य मुक्ता शुक्ति – 5 ग्रामदिव्य मुक्ता पिष्टी – 5 ग्राम
सभी औषधियों को मिलाकर 60 पुड़िया बनाएं प्रात: एवं सायं भोजन से आधा घण्टा पहले जल/शहद/मलाई से सेवन करें।
सेवन विधि–

प्रथम दिन- 1 पुड़िया प्रात: एवं सायंदूसरे दिन 2 पुड़ियातीसरे दिन 3 पुड़ियाइस तरह प्रतिदिन 1-1 पुड़िया बढ़ाते जाएं।पांचवें दिन पाँच पुड़िया का सेवन करने के बादछठवें दिन से 1-1 पुड़िया घटाते हुए फिर से 1 पुडिया पर वापस आ जाएं।
छर्दि रोग की चिकित्सा के लिए उपलब्ध पतंजलि की दवा :
मुंह से कफ एवं पित्त मिश्रित अन्न का (उल्टी के रूप में) बाहर निकलना छर्दि कहलाता |

दिव्य अविष्पत्तिकर चूर्ण – 100 ग्रामदिव्य मुक्ताशुक्ति – 10 ग्रामदिव्य कहरवापिष्टी – 5 ग्रामदिव्य प्रवाल पंचामृत – 5 ग्राम
सभी औषधियों को मिलाकर आधा-आधा चम्मच भोजन से पहले जल के साथ सेवन करें।

दिव्य चित्रकादि वटी –  40 ग्राम इसकी 2-2 गोली दिन में 3-4 बार चूसें।

धनिया – 50 ग्रामग्राम मिश्री – 50 ग्राम
दोनों को मिलाकर 1 चम्मच प्रात: व सायं जल के साथ सेवन करें। नोट- 2 बड़ी इलायची को 1 गिलास पानी में पकाएं जब आधा गिलास शेष रह जाय तो उसे छानकर और थोड़ा सैंधव लवण मिलाकर 3 से 4 चम्मच प्रत्येक 2 घण्टे के अन्तराल पर पिलाएं तुरन्त लाभ होता है।

अन्नद्रवश्शूल एवं परिणामशूल के लिए उपलब्ध पतंजलि की दवा / Baba Ramdev Patanjali medicines for Duodenal ulcer.

दिव्य मुलेठी क्वाथ – 200 ग्रामसौफ – 100 ग्राम
दोनों औषधियों को मिलाकर 1 चम्मच (लगभग 5-7 ग्राम) की मात्रा में लेकर 400 मिली पानी में पकाएं और 100 मिली शेष रहने पर छानकर प्रात:, सायं खाली पेट पिएं।

दिव्य अविष्पत्तिकर चूर्ण – 100 ग्रामधनिया चूर्ण – 50 ग्रामदिव्य शंख भस्म – 10 ग्रामदिव्य कामदुधा रस – 10 ग्रामदिव्य मुक्ता शुक्ति- 10 ग्रामगुग्म दिव्य मुक्ता पिष्टी- 4 ग्राम
सभी औषधियों को मिलाकर 1 चम्मच की मात्रा में दिन में तीन बार शीतल जल से भोजन के बाद सेवन करें।

नोट-कब्ज की स्थिति रहने पर उदरकल्प चूर्ण या हरीतकी चूर्ण या त्रिफला चूर्ण में ईसबगोल की भूसी मिलाकर रात्रि में सोने से पहले 1 चम्मच की मात्रा में गुनगुने जल से सेवन करें | 

पेट के रोग जैसे -कब्ज, अपच, एसीडिटी, गैस, डायरिया का घरेलू इलाज 


तो दोस्तो आज जाना क्या है पतंजलि ओर क्या क्या फायदे है और प्रोडक्ट के बारे मे जिन को यूज़ कर के आप healthy रह सकते है ओर अपनी लाइफ को खुश रख सकते है दोस्तो आप इन सब advices को आपनी लाइफ मैं जरूर Try करे ओर share जरूर करे और ऐसे ही ओर अछे articles के लिए जुड़े रहे ( https://normaladvices.blogspot.com ) से।


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