मुंह के छाले से दुःखी है तो जरूर देखें (Mouth Ulcer) in hindi


मुंह के छाले से दुःखी है  (Mouth Ulcer)


दोस्तो आज बात करे गए मुंह के छाले (Mouth Ulcer) के बारे मैं जब बी हमरे मुँह मैं छाले हो जाते तो बहोत दिक्कत होती खाने-पीने मैं ओर बहोत अजीब सा बी फील आता है तो दोस्तो आज हम जाने गए कैसे हम मुंह के छाले (Mouth Ulcer) से छुटकारा पा सकते है और क्या क्या होते है कारण, इलाज,ओर घरेलू उपचार,ओर दवा तो चलिए दोस्तो जानते है

मुंह के छाले (Mouth Ulcer)

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1, बार-बार मुंह के छाले होने के ये हैं  कारण

2, मुंह में छाले पड़ने की है ये 5 बड़ी वजह, ऐसे पाएं छुटकारा

3, बार-बार होते हैं मुंह में छाले तो ये हैं वजहें

4, जानिए किस वजह से आपके मुंह में छाले होते हैं

5, मुँह के छाले : कारण व निदान

6, मुँह के छालों से जल्द निजात पाने के यह रहे उपाय

7, मुंह में हो रहे है बार-बार छाले तो, इन घरेलू उपायों को अजमाएं

8, Top 10 Best Toothpaste Brands in India

9, मुंह के छालों की आयुर्वेदिक चिकित्‍सा

10, मुंह के छाले का इलाज

11, मुँह में छाले मिटाने के असरदार घरेलु नुस्खे

12, जब जीभ पर हों छाले, अपनाएं यह 5 टिप्स


13, मुंह के छाले या सूजन के प्रकार, लक्षण, कारण, और उपचार

14, मुंह के छालों ने कर दिया है परेशान तो 5 घरेलू चीजों से पाए राहत

15, जीभ और मुंह के छाले की दवा, कारण, रामबाण उपचार

16, मुंह के छाले, मुंह आना का होम्योपैथिक इलाज

17, जीभ के छाले का इलाज





बार-बार मुंह के छाले होने के ये हैं कारण




1
मुंह के छालों के कारण

मुंह का अल्सर बहुत आम हैं और ओरल स्वास्थ्य सामान्य जनसंख्या के लगभग 20 प्रतिशत के आसपास को प्रभावित करती है। इसके अलावा, छालेयुक्त अल्सर के रूप में जाने जाने वाला अल्‍सर हम में से ज्यादातर लोगों को जीवन में कम से कम एक बार जरूर विकसित होता है। हालांकि मुंह का अल्सर महिलाओं में अधिक आम हैं, लेकिन यह वयस्कों और बच्चों को भी प्रभावित कर सकता हैं। इन दर्दनाक मुंह के छालों का कारण जानकर हमें आसानी से इसे होने से रोक सकते हैं। यहां पर मुंह के छालों के आम कारण के बारे में जानकारी दी गई है।

2
कुछ खाद्य पदार्थ

नींबू, टमाटर, संतरा, स्ट्रॉबेरी और अंजीर जैसे खट्टे फल और सब्जियों जैसे खाद्य पदार्थ मुंह में छालों के लिए ट्रिगर के रूप में काम करते हैं। अन्य आहार स्रोत जैसे चॉकलेट, बादाम, मूंगफली, गेहूं का आटा और बादाम आदि मुंह के छालों के उच्च जोखिम में डाल सकते है।

3
ओरल हाइजीन से जुड़ी बातें

कठोर खाद्य पदार्थों को चबाना, अत्यधिक ब्रश करना और ब्रेसिज़ की सही प्रकार से फिटिंग आदि अधिकांश लोगों के भी मुंह में छालों का कारण होता है। कुछ लोगों में, सोडियम सल्फेट युक्त टूथपेस्ट का प्रयोग भी इस समस्‍या को बढ़ा सकता है।

4
तनाव और चिंता

जब आप उदास या चिंतित होते हैं तो आपके शरीर के साथ मुंह के अल्‍सर को प्रभावित करने वाले केमिकल का स्राव होता है। इसलिए जो लोग हमेशा तनाव में रहते हैं उनमें मुंह में छालों से पी‍ड़‍ित होना का उच्‍च जोखिम रहता है।

5
पोषक तत्वों की कमी

विटामिन बी 12, आयरन और फोलिक एसिड जैसे पोषक तत्वों की कमी के कारण बीमारी की स्थिति की एक विस्तृत श्रृंखला के उच्च जोखिम में डालने के अलावा मुंह के छालों का कारण भी बन सकता है। मुंह के छाले के खतरे को कम करने के लिए आवश्यक विटामिन और खनिजों से समृद्ध आहार अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

6
धूम्रपान छोड़ना

पहली बार धूम्रपान को छोड़ने वाले लोगों में सामान्‍य लोगों की तुलना में अक्‍सर मुंह में छाले होने की संभावना बहुत अधिक होती है। यह अस्थायी और सामान्य है; क्‍योंकि इस समय शरीर खुद को रासायनिक परिवर्तन के साथ समायोजित करने की कोशिश कर रहा होता है।

7
हार्मोनल में परिवर्तन

शरीर में हार्मोंन के स्‍तर में परिवर्तन के कारण भी मुंह में छाले होते हैं। यह आमतौर पर मासिक धर्म चक्र के दौरान कुछ महिलाओं में देखने को मिलता है।

8
चिकित्सा की स्थिति

कुछ नैदानिक स्थितियां जैसे सीलिएक रोग, वायरल संक्रमण और प्रतिक्रियाशील गठिया आदि भी आपको मुंह के छालों के बार-बार होने के जोखिम में डाल सकती है। इसके अलावा प्रतिरक्षा प्रणाली में गड़बड़ी और जठरांत्र रोगों से पीड़‍ित लोगों में भी मुंह में छालों की समस्‍या बार-बार होती है। 

9

दवाएं

कभी कभी, रोगों के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाले दवाएं भी मरीजों में मुंह के छालों का कारण बनती है। सीने के दर्द के इलाज के लिए इस्‍तेमाल की जाने वाली कुछ दर्दनाशक दवाएं जैसे बीटा ब्‍लॉकर्स भी मुंह में छाले की वृद्धि को जोखिम में डाल सकता है।

मुंह में छाले पड़ने की है ये 5 बड़ी वजह, ऐसे पाएं छुटकारा

1
फूड एलर्जी

टूथ ब्रशिंग या किसी भी गर्म खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थों के कारण चोट भी अल्सर का कारण बन सकती है। इसके अलावा, कुछ लोगों को कुछ खाद्य पदार्थों के लिए एलर्जी होती है जो अक्सर मुंह के अल्सर का कारण बन सकती हैं।

2
तनाव


हमने देखा है कि परीक्षा के दौरान कई छात्र मुंह के अल्सर यानी छाले से ग्रस्त हैं। कई वयस्क अल्सर से पीड़ित होते हैं। ऐसा तब होता है जब वे कई दिनों तक परेशान और तनाव ग्रस्‍त होते हैं। तनाव की वजह से शरीर की सारी क्रियाएं प्रभावित हो जाती हैं जिसकी वजह से मुंह में छाले निकल आते हैं।

3
अपर्याप्त नींद

जो लोग अच्छी नींद नहीं लेते हैं वे मुंह के अल्सर से पीड़ित होते हैं। देर रात तक जागने से पेट की बॉडी का फंक्‍शन बिगड़ने लगता है, जिससे अल्‍सर की समस्‍या होने लगती है।

4
पेट और आंत रोग


कब्ज या कुछ गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारियों से पीड़ित लोग भी मुंह के अल्सर से ग्रस्त रहते हैं। ऐसे लोगों को मुंह में छाले होने की संभावना अधिक रहती है। पेट और आंत संबंधी रोग होने पर डॉक्‍टर की सलाह लें।

5
विटामिन बी और फोलिक एसिड की कमी


अनुचित आहार जो मुख्य रूप से फास्ट फूड के अतिरक्षण के कारण होता है और हरी पत्तेदार सब्जियों में समृद्ध आहार नहीं होता है वह अक्सर अवांछित रूप से मुंह के अल्सर पैदा होने का कारण बनता है।


बार-बार होते हैं मुंह में छाले तो ये हैं वजहें

मुंह में छाले होने पर बहुत परेशानी होती है। अधिक गर्मी या दांतों से जीभ कट जाने पर छाले हो जाते हैं। यह होंठों के बीच और जीभ के ऊपर कहीं भी हो सकते हैं। इससे कुछ भी खाने-पीने पर मुंह में तेज जलन और दर्द होने लगती है। कुछ लोग मुंह में बार-बार होने वाले छालों से बहुत दुखी हो जाते हैं। छाले होने की कई वजह हो सकती है। आइए जानिए ऐसे कौन-से कारण हैं जिससे यह समस्या हो जाती है। 

1. ऑयली फूड

अधिक तला हुआ और मसालेदार भोजन का लगातार सेवन करने से पेट की पाचन शक्ति खराब हो जाती है जिस वजह से मुंह में छाले हो जाते हैं। 

2.शराब

 रोजाना और ज्यादा शराब पीना भी मुंह के छालों की वजह बनती है। इससे शरीर में गर्मी आ जाती है जिससे छालों की समस्या होती है।

3. टूथ ब्रश

कई बार जोर से ब्रश करने के कारण मुंह में चोट लग जाती है जिससे वह भाग कट-फट जाता है। ऐसे में छाले होना मुमकिन है।

4. पाचन क्रिया

 डाइजेशन ठीक न होने की वजह से भोजन नहीं पचता जिससे ज्यादातर पेट खराब ही रहता है। ऐसे में शरीर में गर्मी पड़ जाती है जिस वजह से मुंह में छाले हो जाते हैं।

5. स्मोकिंग

ज्यादा धुम्रपान की वजह से भी मुंह में छालों की समस्या हो जाती है। 

6. बैक्टीरिया

मुंह में बैक्टीरिया होने के कारण भी छाले हो जाते हैं। इसके लिए चाहिए कि दिन में दो बार ब्रश करें और कुछ भी खाने-पीने के बाद दांतों और मुंह को साफ करना चाहिए।



जानिए किस वजह से आपके मुंह में छाले होते हैं




मुंह में छाले होना आम समस्या है। बहुत-से लोग इस वजह से परेशान रहते हैं। मुंह में छाले होने पर खाना भी मुश्किल हो जाता है और काफी दर्द महसूस होती है। अधिक मसालेदार भोजन करने या पेट खराब होने की वजह से मुंह में छाले हो जाते हैं जो कुछ दिनों में अपने-आप ही ठीक भी हो जाते हैं लेकिन कुछ लोगों के मुंह में बार-बार छाले हो जाते हैं। ऐसे में इनकी वजह जानकर छाले होने से रोका जा सकता है। आइए जानिए किस वजह से बार-बार मुंह में छाले होते हैं।

* खट्टी चीजों जैसे नींबू, टमाटर, संतरा और स्ट्रॉबेरी जैसे फलों का अधिक सेवन करने से मुंह में छाले हो जाते है। इसके अलावा छाले होने पर चॉकलेट, बादाम, मूंगफली आदि खाने पर यह समस्या ओर बढ़ जाती है। 

* ज्यादा टूथब्रश करना और जोर लगाकर करने से भी मुंह में छाले हो जाते हैं। इसके अलावा कई लोगों को सोडियम सल्फेट टूथपेस्ट का इस्तेमाल करने से भी यह समस्या हो जाती है।

* अधिक तनाव लेने से शरीर को तो नुकसान होता ही है साथ में यह मुंह के छालों का भी कारण बनता है। ऐसे में जो लोग हमेशा तनाव और चिंता में रहते हैं उनके मुंह में बार-बार छाले होते रहते हैं।

* शरीर में जब विटामिन बी12, आयरन और फोलिक एसिड जैसे पोषक तत्वों की कमी हो जाए तो भी मुंह में छाले होने लगते हैं। ऐसे में अपने आहार में इन पोषक तत्वों को शामिल करें और बार-बार होने वाले छालों से छुटकारा पाएं।

* अधिक धूम्रपान करने की वजह से भी मुंह में छाले हो जाते हैं लेकिन जो लोग सिगरेट पीना छोड़ देते हैं उन्हें भी शुरूआत में इस समस्या को झेलना पड़ता है।

* शरीर में हार्मोन्स बदलने पर भी यह समस्या हो जाती है। इसके अलावा महिलाओं को पीरियड्स के दौरान भी मुंह में छाले हो जाते हैं।

मुँह के छाले : कारण व निदान


दोस्तो

शायद ही कोई व्यक्ति ऐसा हो जिसके मुँह में छाले न हुए हों। इसका दर्द तो केवल वही जानता है, जिसे कभी मुँह में छाले हुए हों। 

मुँह में छाले होने पर तेज जलन और दर्द होता है, कुछ भी खाना या पीना मुश्किल हो जाता है। कुछ लोगों को तो भोजन नली तक में छाले हो जाते हैं। 

मुँह में छाले होना एक सामान्य तकलीफ है, जो कुछ समय बाद अपने आप ठीक हो जाती है। कुछ लोगों को ये छाले बार-बार होते हैं और परेशान करते हैं। ऐसे लोगों को अपनी पूरी डॉक्टरी जाँच करानी चाहिए, ताकि उनके कारणों का पता लगाकर उचित इलाज किया जा सके। 

मुँह में छाले होने के कोई एक नहीं, अनेक कारण हैं। जरूरी नहीं कि जिस कारण से किसी एक को छाले हुए हों, दूसरे व्यक्ति को भी उसी कारण से हों। कई बार पेट की गर्मी से भी छाले हो जाते हैं। 

अत्यधिक मिर्च-मसालों का सेवन भी इसके लिए जिम्मेदार होता है, क्योंकि यदि पेट की क्रिया सही नहीं है, तो उसकी प्रतिक्रिया मुँह के छाले के रूप में प्रकट होती है। 

छालों के कारण 

* आयुर्वेद के अनुसार मुँह में छाले पेट की खराबी तथा पेट की गरमी की वजह से होते हैं। बदहजमी इसका मूल कारण है। 

* कई बार कोई चीज खाते समय दांतों के बीच जीभ या गाल का हिस्सा आ जाता है, जिसकी वजह से छाले उत्पन्न हो जाते हैं। ऐसे छाले मुँह की लार से अपने-आप ठीक हो जाते हैं। 
  मुँह में छाले होने के कोई एक नहीं, अनेक कारण हैं। जरूरी नहीं कि जिस कारण से किसी एक को छाले हुए हों, दूसरे व्यक्ति को भी उसी कारण से हों। कई बार पेट की गर्मी से भी छाले हो जाते हैं।      

* एलोपैथिक दवाओं के दुष्प्रभाव (साइड इफेक्ट) की वजह से भी मुँह में छाले हो सकते हैं, विशेषकर लंबे समय तक एंटीबॉयोटिक दवाओं का इस्तेमाल करने से। अधिक मात्रा में एंटीबॉयोटिक का इस्तेमाल करने से हमारी आंतों में लाभदायक कीटाणुओं की संख्या घट जाती है। नतीजतन मुँह में छाले पैदा हो जाते हैं। 

* दाँतों की गलत संरचना की वजह से मुँह में छाले होना आम बात है। यदि दाँत आड़े-तिरछे, नुकीले या आधे टूटे हुए हैं और इसकी वजह से वे जीभ या मुँह में चुभते हैं या उनसे लगातार रगड़ लगती रहती है, तो वहाँ छाले उत्पन्न हो जाते हैं। यदि कोई तीखा दाँत लंबे समय तक जीभ या गाल से घर्षण करता रहे या चुभता रहे, इससे आगे चलकर कैन्सर होने की भी संभावना रहती है।

  सूखा खोपरा खूब चबा-चबाकर खाएँ , चबाने के बाद पेस्ट जैसा बनाकर मुँह में ही कुछ देर रखें, फिर उतार जाएँ। ऐसा दिन में तीन-चार बार करें, छाले दो दिन में दूर हो जाएँगे।     


* नकली बत्तीसी यदि सही बनी नहीं हो या उसका किनारा चुभता हो, तो भी छाले हो सकते हैं। 

* सुपारी आदि खाने के बाद बिना कुल्ले किए रात को सो जाने से भी छाले हो जाते हैं। इसके अलावा तंबाखू, पान-मसाला और धूम्रपान भी मुँह के छालों का कारण बनते हैं। 

* मानसिक तनाव भी एक वजह है मुँह के छालों की। यह तनाव चाहे परीक्षा का हो या नौकरी पेशे का या अन्य किसी बात का। 

* यदि छाले कैन्सर में बदल जाते हैं तो शुरू-शुरू में उनमें कोई दर्द नहीं होता, लेकिन बाद में थूक के साथ खून रिसना भी शुरू हो सकता है। यहाँ तक कि खाना निगलने में भी परेशानी का अनुभव होता है। 

घरेलू उपचार 

* एक केला गाय के दूध से बने दही के साथ सुबह खाने से आराम मिलता है। 

* यदि हमेशा छाले परेशान करते हों तो टमाटर भरपूर खाएँ। टमाटर का रस एक गिलास पानी में मिलाकर कुल्ले करने से छाले मिट जाते हैं। 

* पान में चने की दाल के बराबर कपूर का टुकड़ा डालकर पान धीरे-धीरे चबाएँ, पीक उतारें नहीं, थूकते जाएँ। अंत में कुल्ला कर लें, इससे शीघ्र लाभ होगा। 

* टंकण भस्म 1/4 चम्मच गुनगुने पानी में डलकर गरारे करें, छाले दूर हो जाएँगे। 

* चमेली बेल के पत्ते चबाकर मुँह में घोल बना लें, इसे मुँह में ही घुमाते रहें। कुछ समय बाद थूक दें, उतारें नहीं, इससे भी बहुत आराम मिलता है। 

* सूखा खोपरा खूब चबा-चबाकर खाएँ , चबाने के बाद पेस्ट जैसा बनाकर मुँह में ही कुछ देर रखें, फिर उतार जाएँ। ऐसा दिन में तीन-चार बार करें, छाले दो दिन में दूर हो जाएँगे। 

छालों का निदान 

  कुछ बीमारियाँ भी मुँह में छाले पैदा कर सकती हैं, जैसे हर्पीज संक्रमण या बड़ी आंत की सूजन। इसके अलावा ये छाले वंशानुगत भी हो सकते हैं और रोगों से लड़ने की क्षमता में कमी की वजह से भी छाले हो सकते हैं ...      


* यदि छाले सामान्य हैं, तो विटामिन 'बी' कॉम्प्लेक्स तथा फोलिक एसिड की गोलियाँ दो तीन दिन तक लेने से ठीक हो जाते हैं। 

* छालों पर लगने वाले दर्द निवारक लोशन भी बाजार में मिलते हैं। इनके प्रयोग से तुरंत राहत मिलती है। इसके अलावा बोरो ग्लिसरीन भी लगाई जा सकती है या पोटेशियम परमेग्नेट के घोल से कुल्ले करना चाहिए।

  कुछ बीमारियाँ भी मुँह में छाले पैदा कर सकती हैं, जैसे हर्पीज संक्रमण या बड़ी आंत की सूजन। इसके अलावा ये छाले वंशानुगत भी हो सकते हैं और रोगों से लड़ने की क्षमता में कमी की वजह से भी छाले हो सकते हैं।       


* यदि छालों की वजह से कब्ज हो, तो ईसबगोल की भूसी एक चम्मच मात्रा में रात को लेना चाहिए। 

* यदि दाँतों के तीखेपन की वजह से छाले होते हों, तो उन्हें घिसवा लेना चाहिए। यदि डॉक्टर उस दाँत को निकालने का परामर्श दे, तो निकलवाने में कोई हर्ज नहीं। 

* आड़े-तिरछे दाँतों के ठीक करने के लिए बांधे गए तारों की वजह से भी मुँह में छाले हो सकते हैं, क्योंकि ये बार-बार मसूड़ों से टकराते हैं। 

* छाले होने पर गर्म चाय-कॉफी तथा मिर्च-मसालों का सेवन न करें, क्योंकि इससे तकलीफ बढ़ सकती है। 

* अधिक कठोर टूथब्रश के इस्तेमाल से भी मसूड़े छिल जाते हैं या उनमें घाव हो जाते हैं, इसलिए हमेशा सॉफ्ट ब्रश का ही इस्तेमाल करना चाहिए। 

* याद रखिए, यदि कोई भी छाला सप्ताह भर में ठीक न हो, तो उसे गंभीरता से लीजिए तथा डॉक्टर को बताइए। 

* छालों से बचने के लिए मुँह और पेट की स्वच्छता का ध्यान रखें। मौसम के प्रभाव से भी मुँह में छाले हो जाते हैं, जैसे बहुत अधिक गर्मी में छाले हो जाते हैं। 

* कुछ बीमारियाँ भी मुँह में छाले पैदा कर सकती हैं, जैसे हर्पीज संक्रमण या बड़ी आंत की सूजन। इसके अलावा ये छाले वंशानुगत भी हो सकते हैं और रोगों से लड़ने की क्षमता में कमी की वजह से भी छाले हो सकते हैं। 


यदि छालों की वजह से भोजन करने में कठिनाई हो, तो बर्फ के ठंडे पानी से कुल्ला करके भोजन करना चाहिए। इससे राहत मिलेगी।


मुँह के छालों से जल्द निजात पाने के यह रहे उपाय





शरीर में गर्मी का प्रभाव ज्यादा होने पर अक्सर मुंह के भीतर, जीभ, होठों तथा भीतरी गालों पर छाले हो जाते हैं। इनसे रोगी को बहुत कष्ट उठाना पड़ता है। कई बार छालों का कष्ट इतना ज्यादा हो जाता है कि भोजन या पानी तक निगलना भी कष्टप्रद हो जाता है।

प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति के अनुसार उपवास तथा नाभि पर तेल लगाना ही छालों का सबसे उत्तम उपाय है। परन्तु ज्यादातर लोग इस प्राकृतिक उपाय पर विश्वास नहीं करते तथा बहुत जल्दी ही इनसे छुटकारा पाना चाहते हैं। छालों से जल्दी राहत चाहने वाले धैर्य छोड़कर डॉक्टर के पास भागते हैं। परन्तु आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि केवल कुछेक प्रकार के छालों को छोड़कर शेष सभी छालों का उपचार शरीर खुद ही करता है।

ज्यादातर डॉक्टर छालों का कारण पेट की खराबी मानते हैं परन्तु होम्योपैथी में विष दोष को छालों का कारण माना जाता है। विभिन्न पाचक रस, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट आदि मिलकर लार का निर्माण करते हैं जो पाचक क्रिया को सक्रिय करती है। जब तक लार ठीक बनती रहती है तब तक पेट खराब होने की कोई वजह नहीं होती। किसी कारणवश यदि लार बनने में अनियमितता उत्पन्न हो जाए तो पेट खराब होने की स्थिति आ सकती है। छाले कई प्रकार के हो सकते हैं


 जैसे−
प्रलीम− इस प्रकार के छालों में होठों के कोनों पर छाले हो जाते हैं तथा होठ भी कुछ मोटे हो जाते हैं। यह एक प्रकार का संक्रामक रोग है जिसकी अवधि 14 से 21 दिन हो सकती है। इसका मुख्य कारण सफाई न रखना तथा ऋतु के विरुद्ध भोजन की प्रवृत्ति है। इसका सबसे अच्छा उपचार सफाई है। सफाई रखने और स्वच्छ पेयजल के प्रयोग से अपनी अवधि के भीतर ही यह रोग स्वयं ठीक हो जाता है।

चिलाइटिस− यह रोग प्रायः निचले होठ पर होता है। इसमें एक छोटे बीज की तरह नुकीले छाले खड़े हो जाते हैं जिनमें बहुत कष्ट होता है। सोते समय इन छालों पर पपड़ी जम जाती है। इस प्रकार के छालों के कारणों के बारे में कुछ भी निश्चित तौर पर कहा नहीं जा सकता। 8−10 में ये छाले स्वयं ही ठीक हो जाते हैं।

फोर्डिस− ये सफेद अथवा पीले द्रव्य वाले छाले होते हैं जो होठों के ऊपरी तथा निचले हिस्से पर होते हैं। यह रोग केवल व्यस्कों को होता है। छालों की संख्या बढ़ते हुए होठों से आखिरी दाढ़ तक पहुंच जाती है। इस रोग की कोई चिकित्सा नहीं। लगभग सात दिनों में यह रोग स्वयं ठीक हो जाता है।

पलेक− इस रोग को ज्योग्राफिकल जीभ भी कहते हैं। इसमें जीभ के ऊपरी सिरे, मध्य भाग और किनारों पर सुई की नोंक के आकार के छोटे−छोटे छाले हो जाते हैं। ये लाल होते हैं कभी−कभी इनका आकार बढ़ कर आधा इंच तक लंबा हो सकता है। इन छालों में द्रव्य हो भी सकता है और नहीं भी। 10−15 दिन में ये छाले पहले जीभ के मध्य से तथा किनारों से स्वयं ही ठीक हो जाते हैं। पांच वर्ष तक के बच्चों में इसके होने की संभावना अधिक होती है ज्यों−ज्यों वे बड़े हो जाते हैं यह रोग खत्म होता जाता है। इसके भी कोई निश्चित कारण ज्ञात नहीं हैं।

फैरोड− इस प्रकार के छालों में जीभ पर गहरी पीली या सफेद मैल जम जाती है तथा जीभ के मध्य दरार जैसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इस रोग में मुंह का स्वाद बिगड़ जाता है और मुंह से बदबू भी आती है। भोजन का लंघन करने (उपवास करने) तथा नीम या बबूल की दातुन प्रयोग करने से रोग ठीक हो जाता है।

काली जीभ− इस प्रकार के छालों में जीभ का रंग काला−भूरा या पीला पड़ जाता है इस रोग में रोगी को ऐसी अनुभूति होती है मानो उसकी जीभ से कोई बाल चिपका हो और उसे किसी भी खाद्य−पदार्थ में कोई स्वाद नहीं आता। ज्यादा धूम्रपान करने तथा माउथ वाश का अत्याधिक प्रयोग करने से यह रोग होता है। यदि किसी व्यक्ति ने मर्करी संदूषित जल अथवा भोजन का प्रयोग कर लिया हो तो भी यह रोग हो जाता है। कुछ समय बाद यह रोग खुद ही ठीक हो जाता है।

ल्युकोपलाकिया− इस रोग में सफेद रंग के छाले जीभ पर मुंह की भीतरी सतह पर हो जाते हैं। इन छालों का विस्तार मसूढ़ों तक भी हो जाता है। कभी−कभी मुख के भीतरी हिस्से पर चकते भी हो जाते हैं। इस प्रकार के छालों का कोई आकार निश्चित नहीं होता, ये छोटे−बड़े कैसे भी हो सकते हैं। गुटखा, तम्बाकू तथा जर्दा खाने वाले लोगों तथा शराब का सेवन करने वालों में यह रोग ज्यादा होता है। सिफलिस रोग भी इस प्रकार के छालों का कारण हो सकता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इस प्रकार के छाले खुद−ब−खुद ठीक नहीं होते हैं इसकी चिकित्सा करवानी जरूरी है।

ज्यादातर छाले खुद ही ठीक हो जाते हैं। छालों से बचने का सबसे अच्छा तथा सरल उपाय है उचित आहार तथा पूरे शरीर के साथ−साथ मुंह के अंदर की सफाई। नहाने के बाद नाभि पर तेल लगाना भी फायदेमंद होता है।

खानपान में परहेज भी छालों से राहत दिलाता है।

मिर्च−मसाले, चाय−काफी तथा तीक्ष्ण प्रकृति वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करना चाहिए। कुछ खाद्य पदार्थों की प्रकृति विपरीत होती है इसलिए उनका प्रयोग साथ−साथ न करें,
जैसे दही−तेल, दूध−मछली, तरबूज−पानी आदि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। हींग, कच्चा प्याज तथा लहसुन से परहेज करें। दही का प्रयोग छालों में भी विशेष लाभ देता है। धूम्रपान करने वालों को इस पर लगाम लगानी चाहिए। यदि छाले निश्चित अवधि में ठीक न हों तो डॉक्टर से परामर्श लें तथा साथ ही अपने आहार पर भी नियंत्रण रखें।

मुंह में हो रहे है बार-बार छाले तो, इन घरेलू उपायों को अजमाएं

बार-बार होते है मुँह में छाले तो ये है कारण ।

ज्‍यादा मसालेदार खाना खाने से या पेट में गर्मी होने के वजह से अक्‍सर मुंह में छाले हो जाते है। मुंह में अगर छाले हो जाएं तो जीना दुभर हो जाता है। खाना तो दूर पानी पीना भी मुश्किल हो जाता है। लेकिन, इसका इलाज आपके आसपास ही मौजूद है। मुंह के छाले गालों के अंदर और जीभ पर होते हैं। असंतुलित आहार, पेट में दिक्कत, पान-मसालों का सेवन छाले का प्रमुख कारण है। छाले होने पर बहुत तेज दर्द होता है इसकी वजह से बार-बार छाले पड़ना, होठों की ड्राईनेस, मुंह का बार-बार सूखना जैसी समस्‍याएं होने लगती है। 
मुंह के छाले होने ठंड़ी तासीर वाली चीजों का सेवन करना बहुत जरूरी है ताकि इस समस्या को दूर किया जा सके। इसके अलावा छालों को ठीक करने के लिए भी आप कुछ घरेलू उपायों का सहारा ले सकते हैं।

इन वजह से हो जाते है छाले

कई वजहों से मुंह के छाले हो जाते है जैसे ज्यादा मसालेदार भोजन का सेवन,

पेन किलर ज्यादा खाना, ऑयली फूड को खाने में शामिल करना, पेट में एसिड बनने के वजह से, शराब का सेवन, गर्म तासीर वाला भोजन खाना, पेट साफ न होना और पाचन क्रिया में गड़बड़ी की वजह से।

अरहर की दाल

मुंह में हुए छालों को दूर करने के लिए अरहर की दाल को बारीक पीस कर इसे छालों पर लगाएं। इससे दर्द से राहत भी मिलेगी और छाले भी जल्दी ठीक हो जाएंगे।

नीम की दातुन

रोजाना नीम की दातुन करने से मुंह की सारी गंदगी साफ हो जाती है। इससे मुंह में मौजूद टॉक्सिंस बाहर निकलने से मुंह की गर्मी के कारण हुए छाले ठीक हो जाते हैं।


एलोवेरा जेल

एलोवेरा जेल से मुंह को ठंड़क मिलती है। इस जैल को छालों पर लगाएं, इससे जल्दी राहत मिलेगी।


बर्फ

मुंह की गर्मी के कारण हुए छालों से छुटकारा पाने के लिए बर्फ की एक टुकड़ी को छालों पर लगाएं और लार को टपकाएं। इस तरीके से बहुत आसाम मिलेगा।


हरा धनिया

हरे धनिए की तासीर ठंड़ी होती है, इससे शरीर की गर्मी दूर हो जाती है। हरे धनिए को पीस कर इसका रस निकाल लें। इस रस को छालों पर लगाएं।


हरी इलायच

हरी इलायची न खाने में टेस्‍टी होती है बल्कि ये मुंह की गर्मी को दूर करता है छाले होने पर इलायची के दानों को पीसकर इसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर छालों पर लगाएं।

आलू बुखारे का जूस

मुंह के छालों को दूर करने के लिए 1-2 बड़े चम्मच आलूबुखारे का रस मुंह में लेकर इससे कुल्ला करें। आप आलू बुखारे का रस रूई में डुबोकर भी छालों पर लगा सकते हैं।

टी बैग

चाय की पत्ती से भी छालों को ठीक किया जा सकते हैं। इसके लिए पानी में उबले हुए टी बैग को ठंड़ा कर लें। इसके बाद इसे छालों पर लगाएं। इससे बहुत जल्दी आराम मिलता है।

अमरूद के पत्ते

मुंह के छालों को ठीक करने के लिए अमरूद के पत्ते भी बहुत लाभकारी होते हैं। इसके मुलायम पत्तों में थोड़ा-सा कत्था डालकर पान की तरह बनाएं और चबाएं। इससे मुंह के छालों से राहत मिलती है।


Top 10 Best Toothpaste Brands in India




टूथपेस्ट एक मूल दांत स्वच्छता उत्पाद है जो भारत में गरीब और अमीरों द्वारा समान रूप से उपयोग किया जाता है। सभी बजट के लोगों के लिए आसान उपलब्धता और भरपूर ब्रांडों के लिए सस्ती ब्रांड होने के बावजूद, देश दुनिया में ब्रांडेड मौखिक स्वच्छता उत्पादों के सबसे गरीब उपभोक्ताओं में से एक है।

भारत में टूथपेस्ट की औसत प्रति व्यक्ति खपत सालाना 127 ग्राम चौंकाने वाली है। हालांकि, यह आंकड़ा इस बात का तात्पर्य नहीं है कि भारतीय दंत स्वच्छता में पीछे हट जाते हैं। इस देश के लोग, जड़ी बूटी और प्राकृतिक उत्पादों का उपयोग करने की सदियों पुरानी परंपराओं द्वारा ढाला, दांत स्वच्छता के लिए पत्तियों, पौधों की उपज, जड़ें और अन्य मोटी सामान का उपयोग करते हैं।

भारत में टूथपेस्ट तथ्य

स्थित वित्तीय सलाहकार साना सिक्योरिटीज द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट का अनुमान है कि भारत का मौखिक स्वच्छता उद्योग रुपये के लायक होगा। 54 अरब इनमें से 60 प्रतिशत से अधिक - रु .2.4 बिलियन- टूथपेस्ट द्वारा योगदान दिया जाता है। टूथपाउडर द्वारा लगभग 23 प्रतिशत का गठन 1.24 अरब रुपये और शेष टूथब्रश, दंत फ़्लॉस, जीभ क्लीनर और अन्य संबंधित सामानों के लिए होता है।

एक और आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि केवल 55 प्रतिशत भारतीय टूथपेस्ट का उपयोग करते हैं और रोजाना दो बार 15 प्रतिशत ब्रश दांतों का उपयोग करते हैं। इस तथ्य के बावजूद कि टूथपेस्ट में भारत में एक लंबा और ईर्ष्यापूर्ण इतिहास है
पिछले दो दशकों में, भारत के मौखिक स्वच्छता उद्योग में समुद्र परिवर्तन आया है। टूथपेस्ट की एक विस्तृत श्रृंखला अब इस देश में उपलब्ध है। व्यापक रूप से, भारत में टूथपेस्ट को तीन व्यापक श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है।

फ्लोरिडाटेड टूथपेस्ट: 1,000 ग्राम प्रति फ्लोराइड युक्त ग्राम नॉन-फ्लोरिडाइड टूथपेस्ट: इसमें कोई फ्लोराइड नहीं होता है। हर्बल टूथपेस्ट: दंत स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए ज्ञात हर्बल अर्क के साथ बनाया जाता है और फ्लोरिडाइड और गैर-फ्लोरिडेटेड संस्करणों के रूप में उपलब्ध होता है।.

Top 10 Best Toothpaste Brands in India

1. Colgate  (By Colgate Palmolive (India) Ltd

भारत में सबसे पुराना और सबसे लोकप्रिय टूथपेस्ट ब्रांड बना हुआ है। 2017 के अंत तक, कोलगेट के क्लासिक या नियमित संस्करण ने देश के टूथपेस्ट बाजार के 50 प्रतिशत से थोड़ा कम रखा। कोलगेट कोलगेट एक्टिव सॉल्ट और कोलगेट मैक्सफ्रेश जेल समेत विभिन्न रूपों में भी आता है।

भारत में, ब्रांड कोलगेट टूथपेस्ट का पर्याय बन गया है। टूथपेस्ट का जिक्र करते हुए पूरे भारत में लोग 'कोलगेट' शब्द का प्रयोग करते हैं। दुर्भाग्यवश, कोलगेट भारत में टूथपेस्ट का सबसे व्यापक अनुकरण ब्रांड भी है। इसका अलग लाल बॉक्स, लाल-कैप्ड ट्यूब और लेटरिंग शैली का उपयोग कोलगेट के रूप में छिपे हुए निम्न गुणवत्ता वाले उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए व्यापक रूप से किया जाता है जैसे 'कोलगेट', 'कूलगेट' और यहां तक ​​कि 'कॉलेज'।

जबकि कोलगेट नियमित रूप से टूथपेस्ट अपने मजबूत टकसाल स्वाद के साथ भारतीय बाजार पर निर्भर रहता है, इसके अन्य रूपों ने अभी तक कोई महत्वपूर्ण निशान नहीं बनाया है। इस प्रकार, कोलगेट को भारत में नो 1 टूथपेस्ट के रूप में स्थान दिया गया है।.

2. Dant Kanti  (By Patanjali Ayurved Ltd)

दंत कांती जड़ी बूटी के साथ बने फ्लोरिडाटेड टूथपेस्ट है। पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा निर्मित, इसने अन्य लोकप्रिय ब्रांडों को भारत में दूसरी सबसे बड़ी टूथपेस्ट बेचने के रूप में उभरा। यह भारत में आयुर्वेदिक टूथपेस्ट का सबसे बड़ा ब्रांड है। दंत कांती की लोकप्रियता के कई कारण हैं, पहला यह किफायती मूल्य है जो इसे भारत की आबादी के एक बहुत बड़े हिस्से की पहुंच में डाल देता है।

भारतीयों के बीच हर्बल किस्मों पर रासायनिक आधारित उत्पादों के बढ़ते विचलन ने दंत कांती को दूसरी स्थिति में भी जन्म दिया है। इसके अलावा, पतंजलि विश्व प्रसिद्ध योग गुरु, बाबा रामदेव द्वारा प्रचारित एक ब्रांड है, जिसने भारत में बहुत व्यापक अनुसरण किया है।

हाल के महीनों में, पतंजलि आयुर्वेद ने दंत कंटी के तीन प्रकार लॉन्च किए हैं। इनमें बच्चों के लिए दंत कोंटी एडवांस्ड, दांत कांती औषधीय जेल और दंत कंटी जूनियर शामिल हैं। इसके अलावा, दंत कांती भारत में सबसे तेजी से बढ़ते टूथपेस्ट ब्रांड में से एक है।

3. Sensodyne (By GlaxoSmithKline)

हम दो मुख्य कारणों से सर्वश्रेष्ठ टूथपेस्ट ब्रांडों की इस सूची में नंबर तीन पर सेंसोडीन रैंक करते हैं। यह भारत में एकमात्र टूथपेस्ट है जिसका व्यापक रूप से गिंगिवाइटिस से पीड़ित लोगों और छिपे हुए गुहाओं और कम दांत तामचीनी जैसी स्थितियों के कारण संवेदनशील दांतों का उपयोग किया जाता है। सेंसोडीन एक वैश्विक ब्रांड है।

यह शायद काउंटर (ओटीसी) उत्पाद का एकमात्र ओवर है जो दंत संवेदनशीलता वाले लोगों के लिए अपने उपयोग की सिफारिश करने वाले दंत चिकित्सकों के साथ नुस्खे पर इसका उल्लेख पाता है।

रसायनों की एक परत के साथ कोटिंग दांतों के गुणों के कारण, सेंसोडीन बल्कि सेंसोडीन संवेदनशील, सेंसोडीन मरम्मत और सुरक्षा और सेंसोडीन व्हिटनिंग को समाप्त कर दिया गया है।

4. Close-Up ( By Hindustan Unilever Ltd)

दो साल से पहले, क्लोज-अप भारत में दूसरे सबसे लोकप्रिय टूथपेस्ट ब्रांड के रूप में स्थान पर रहा। इसके बजाय, इस दालचीनी स्वाद वाले उत्पाद को दंत जेल के रूप में जाना जाता है। यह विभिन्न स्वादों में आता है।

क्लोज-अप एक अंतरराष्ट्रीय ब्रांड भी है, जो उत्तरी अमेरिका, यूरोप और मध्य पूर्व में उपलब्ध है। यह मुख्य रूप से उन युवा उपयोगकर्ताओं पर लक्षित था जो बुरी सांस और मुंह की गंध से पीड़ित थे।

1 9 67 में अपनी शुरुआत के बाद, क्लोज-अप में कई सुधार हुए हैं। अब यह क्लोज-अप डीप एक्शन, क्लोज-अप फायर फ्रीज और क्लोज-अप एवर फ्रेश एंड क्लोज-अप डायमंड स्पार्कल जैसे अन्य रूपों में आता है। यह टूथपेस्ट भारत के शहरी केंद्रों में बहुत लोकप्रिय है।

5. Pepsodent (By Hindustan Unilever Ltd)

1 99 0 के दशक के मध्य तक, पेप्सोडेंट एचयूएल द्वारा मुख्य रूप से निर्यात बाजार के लिए बनाया गया एक ब्रांड था। भारत में लॉन्च होने के बाद पेप्ोडोडेंट लगभग तुरंत सफल हो गया। पेप्ोडोडेंट यूनिलीवर का वैश्विक ब्रांड है और दुनिया भर में बेचता है। इसे 1 9 15 में अमेरिका में एक नामांकित कंपनी द्वारा लॉन्च किया गया था और 1 9 44 में यूनिलीवर द्वारा खरीदा गया था। 2016 तक पेप्सोडेंट भारत में दूसरे और तीसरे सबसे लोकप्रिय टूथपेस्ट के बीच बह गया था।

वर्तमान में, पेप्ोडोडेंट चार प्रकारों में उपलब्ध है- पेप्सोडेंट जर्ममिचेक प्लस, पेप्ोडोडेंट विशेषज्ञ संरक्षण, पेप्ोडोडेंट गम केयर और पेप्ोडोडेंट सेंटर ताजा (जेल)। पेप्ोडोडेंट भारत की शहरी आबादी के बीच बहुत लोकप्रिय है। यह अपने विशिष्ट टकसाल स्वाद के लिए जाना जाता है जो इसकी कक्षा में अन्य टूथपेस्ट से बाहर खड़ा होता है।

6. Promise (By Dabur India Ltd)

वचन टूथपेस्ट मौखिक स्वच्छता उत्पादों में भारत का पहला प्रयोग था जो परंपरा और आधुनिकता को जोड़ता है। इसे 1 9 78 में बलसारा स्वच्छता उत्पादों द्वारा लॉन्च किया गया था और एक लोकप्रिय टीवी वाणिज्यिक से बेहद लाभान्वित हुआ जिसमें माया अलाघ को मॉडल के रूप में शामिल किया गया था।

टूथपेस्ट में लौंग का तेल होता है जिसे पारंपरिक रूप से भारत में दंत स्वच्छता के लिए उपयोग किया जाता है और विशेष रूप से दंत गुहाओं से संबंधित दर्द को रोकने के लिए किया जाता है। वादा ने सिबाका, कोलगेट और अब लॉन्च के बाद विलुप्त फोर्न्स को कड़ी प्रतिस्पर्धा दी।

1 9 80 के दशक के मध्य में, फ्लोरिडाइड टूथपेस्ट के लाभों पर ध्यान केंद्रित करने से वादा तेजी से बढ़ने की लोकप्रियता देखी गई। आज, वादा टूथपेस्ट भारत के आयुर्वेद स्थित एफएमसीजी प्रमुख, डाबर इंडिया लिमिटेड द्वारा बनाया गया है, जिसने 1 99 0 के दशक में ब्रांड हासिल किया था। वादा जेल के रूप में भी वादा उपलब्ध है।

7. Babool (By Dabur India Ltd)

बाबर टूथपेस्ट को देश के आर्थिक रूप से कमजोर इलाकों में स्वास्थ्य देखभाल को बढ़ावा देने के अपने मिशन के साथ डाबर इंडिया लिमिटेड द्वारा लॉन्च किया गया था। आज तक, गुब्बारे टूथपेस्ट की 200 ग्राम ट्यूब बाजार में सबसे सस्ता ब्रांड है, जो सामान और सेवा कर लागू होने के आधार पर केवल 65 रुपये की लागत है।

बाबूल एक गैर-फ्लोरिडाइड टूथपेस्ट है जो 'बाबूल' या 'बबली' पेड़ के निष्कर्षों के लिए अपनी लोकप्रियता खींचता है, जो दंत स्वच्छता के लिए भारतीय गांवों में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। बाबुल सही रूप से ग्रामीण भारत में टूथपेस्ट के उपयोग को लोकप्रिय बनाने के प्रशंसा के हकदार हैं, जब मल्टी-नेशनल कंपनियां (एमएनसी) और भारतीय एफएमसीजी प्रमुखों के ब्रांड आम ग्रामीणों तक पहुंच से बाहर थे।

8. Vedashakti ( by Colgate Palmolive (India) Ltd

वेदशक्ति को मौखिक स्वच्छता बाजार में भारत की आयुर्वेदिक कंपनियों द्वारा बाजार पर हमले के मुकाबले कोलगेट पामोलिव द्वारा लॉन्च किया गया एक हर्बल टूथपेस्ट है। कई बाजार विश्लेषकों को वेगाशक्ति को कोलगेट पामोलिव द्वारा प्रतिक्रिया के रूप में देखते हैं ताकि इसे टूथपेस्ट सेगमेंट को फ्लैगशिप के बाद लाभदायक रखा जा सके। कोलगेट ने कुछ हर्बल टूथपेस्ट ब्रांडों को बाजार के बड़े हिस्से खो दिए।

वेदशक्ति देश में आयुर्वेदिक टूथपेस्ट aficionados का ध्यान आकर्षित कर रही है, लेकिन इस श्रेणी में शीर्ष हर्बल उत्पादों के पास कहीं भी पहुंचने से पहले अभी भी कवर करने का लंबा सफर तय है।

9. Ayush (By Hindustan Unilever Ltd)

क्लोज-अप और पेप्सोडेंट ब्रांडों के लिए शीर्ष बाजार की स्थिति खोने के बाद स्मार्टिंग, हिंदुस्तान यूनिलीवर ने आयुर्वेदिक टूथपेस्ट-आयुष के अपने ब्रांड को लॉन्च करके बाजार में वापसी का फैसला किया। 2017 में लॉन्च होने के बाद से, आयुष को टूथपेस्ट प्रेमियों के बीच एक बड़ा अनुसरण मिला है, हालांकि यह प्रमुख भारतीय हर्बल रूपों के खिलाफ संघर्ष जारी है।

आयुष टूथपेस्ट तीन प्रकारों में उपलब्ध है- आयुष व्हिटनिंग टूथपेस्ट, आयुष ताजगी जेल टूथपेस्ट और आयुष एंटी कैविटी क्लॉव ऑयल टूथपेस्ट।

10. Vicco Vajradanti

भारत में शीर्ष टूथपेस्ट ब्रांडों की सूची में शामिल होने वाला अंतिम ब्रांड विकको वाजद्रंती है। विकको वज्रांतंती भारत के आयुर्वेदिक टूथपेस्ट उद्योग के अग्रणी हैं। विकको वज्रांति को कभी टूथपेस्ट के रूप में विपणन नहीं किया गया था, बल्कि 'हर्बल पेस्ट' के रूप में विपणन किया गया था जो कि किसी भी रसायन और फोमिंग एजेंटों से बेकार था।

यह भारतीय बाजार में आधे शताब्दी से अधिक समय तक रहा है और तीव्र प्रतिस्पर्धा के बावजूद अपनी स्थिति कायम रखता है। विको वजादांती ने 18 विभिन्न जड़ी-बूटियों और हर्बल अर्कों द्वारा उनके दंत स्वच्छता गुणों के लिए वर्णित अद्वितीय फार्मूला के लिए अपनी लोकप्रियता का श्रेय दिया है। ।

विकको वज्रांतंती एक बहुत ही विशिष्ट दंत चिकित्सा देखभाल उत्पाद है और इसका एक समर्पित निम्नलिखित है। यह भारत में एकमात्र गैर-फोमिंग दंत चिकित्सा उत्पाद है।


मुंह के छालों की आयुर्वेदिक चिकित्‍सा




मुंह के बाहर के छालों को कहते है कोल्ड सोर्स। कोल्ड सोर्स छाले अत्यधिक संक्रामक होते हैं।अंदर होने वाले छालों को एफथस अल्सर कहते है।मानसिक तनाव के कारण होता है एफथस अल्सर।

मुँह के छाले मुंह में विकसित होने वाले तकली फदेह घाव होते हैं। ये  घाव छोटे पर अत्यधिक पीड़ा दायक होते हैं, और इनके विकसित होने के कई कारण होते हैं। यह घाव मुँह के भीतर या मुँह के बाहर भी विकसित हो सकते हैं। जो घाव मुँह के बाहर जैसे कि होठों पर विकसित होते हैं, उन्हें 'कोल्ड सोर्स' के नाम से जाना जाता है, और यह हर्पिस वाइरस के कारण विकसित होते हैं। यह अत्यधिक संक्रामक होते हैं, और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में चुम्बन के द्वारा स्थानांतरित होते हैं। मुँह के भीतर के छाले 'एफथस अल्सर' के नाम से जाने जाते हैं। 

मुँह के छालों के कारण

दांतों से जीभ को काटने से या दांतों को ब्रश करते समय मुँह में किसी चीज़ को काट लेने से मुँह के छाले विकसित होते हैं। दांतों में लगे हुए गेलीस (ब्रेसिस) भी मुँह के छालों के कारण बन सकते हैं। एफथस अल्सर मानसिक तनाव के कारण भी विकसित होते हैं, फिर अपने आप ही गायब हो जाते हैं।

मुँह के छालों के घरेलू / आयुर्वेदिक उपचार

पान में उपयोग किया जानेवाला कोरा कत्था लगाने से मुँह के छालों से राहत मिलती है।सुहागा और शहद मिलाकर छालों पर लगाने से या मुलहठी का चूर्ण चबाने से छालों  में लाभ होता है।मुँह के छालों में त्रिफला की राख शहद में मिलाकर लगायें। थूक से मुँह भर जाने पर उससे ही कुल्ला करने से छालों से राहत मिलती है ।दिन में कई बार पानी से गरारे करें।अपने मुँह में पानी भरकर अपने चेहरे को धोएं।दिन में 3 या 4 बार घी या मक्खन को थपथपाकर लगायें।

नारियल के दूध या नारियल के तेल से गरारे करने से मुँह के छालों से राहत मिलती है।अलसी के कुछ दाने चबाने से भी मुँह के छालों में लाभ मिलता है ।पके हुए पपैये को वेधित करने से उसमे से क्षीर निकलता है और इस क्षीर को छालों पर लगाने से काफी राहत मिलती है।3 ग्राम त्रिफला चूर्ण, 2  ग्राम अधिमधुरम, शहद और घी मिलाकर लेई बनाकर छालों पर लगाने से काफी आराम मिलता है।तीखे और मसालेदार खान पान और दही और अचार का सेवन करने से बचें।मुँह के छाले कब्ज़ियत के कारण भी होते हैं, और अगर वाकई में यही कारण है तो एक सौम्य रेचक औषधि लें, जिससे आपको काफी राहत मिलेगी। त्रिफला चूर्ण एक बहुत ही उम्दा रेचक औषधि होती है.

मुंह के छालों पर अमृतधारा में शहद मिलाकर फुरैरी से लगायें।  अमृतधारा में 3 द्रव्य होते हैं-पेपरमिंट, सत अजवाईन, और कर्पूर। इन्हें 1 शीशी में भरकर धूप में रख दें, पिघलकर अमृतधारा बन जायेगी।

शहद में भुने हुए चौकिया सुहागे  को मिलाकर फुरैरी लगाना भी हितकर है।मुनक्का, दालचीनी, दारुहल्दी, नीम की छाल और इन्द्रजौ समान भाग के काढ़े में शहद मिलाकर पीना  भी लाभकारी होता है। आँवला,या मेहंदी या अमरुद  के पेड़ की छाल को फिटकरी के साथ काढ़ा मिलाकर सेवन करने से भी लाभ मिलता  है। नीम का टूथ पेस्ट या नीम का मंजन भी छालों के उपचार में सहायता करता है।तम्बाकू का सेवन बिलकुल भी न करें।दिन में दो बार टूथ पेस्ट या टूथ  मंजन से दांतों को साफ़ करें।हरी सब्जियों और फलों का सेवन भरपूर मात्रा में करें।मट्ठा पीने से मुंह के छालों से बहुत आराम मिलता है।  

वैसे तो मुँह के छाले स्वयं ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन अगर वे एक सप्ताह से ज़्यादा जारी रहते हैं, या बार बार विकसित होते हैं तो तुरंत अपने चिकित्सक की सलाह लें। 


मुंह के छाले का इलाज

माउथ अल्सर एक ऐसी बीमारी है जिसका लक्षण हमें आसानी से नजर आ जाता है. जैसे कि होठों, मसूढ़े और मुंह के किसी अन्य हिस्सों में कोई सफेद घाव का दिखना, मुंह से खून का निकलना या फिर खाते समय मुंह में जलन सा महसूस होना. इन लक्षणों के नजर आते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. इससे फायदा ये होगा कि यदि आप समय से डॉक्टर के पास जाएंगे तो हफ्ते-दस दिन में ठीक हो जाएंगे. यदि आप समय से इसका इलाज नहीं कराते हैं तो कभी-कभी ये कैंसर का कारण भी बन सकता है. मुंह में होने वाले अल्सर के कुछ उपचार हम आपको बता देते हैं जिससे आप राहत महसूस करेंगे.

तीन प्रकार का होता है माउथ अल्सर

1. गंभीर अल्सर

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि आमतौर से होने वाले अल्सर से आकार में बड़ा होता  है. आपको बता दें कि ये गंभीर अल्सर 10 में से 1 व्यक्ति को ही होता है. लेकिन जब आपको पता चले कि आपको गंभीर अल्सर है तो तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

2. सामान्य अल्सर

अल्सर से पीड़ित होने वाले ज्यादातर लोग सामान्य अल्सर से ही प्रभावित होते हैं. इसके नाम से भी स्पष्ट है कि ये आकर में ज्यादा बड़ा नहीं होता है और लगभग 10 दिन में ठीक भी हो जाता है.

3. हेरपेटीफॉर्म अल्सर

हेरपेटीफॉर्म अल्सर का दूसरा नाम पिनप्वाइंट अल्सर भी है. ये लगभग 3 मिमी आकार का होता है. आमतौर पर 10 से 40 वर्ष के आयुवर्ग के बीच होने वाले इस अल्सर से मात्र 10 प्रतिशत लोग ही प्रभावित हैं. ये बच्चों और बूढों में न के बराबर ही होता है.

ये हैं मुख्य लक्षण

1. मुंह में अल्सर होने से खाते और पीते समय बहुत ज्यादा दर्द होता है.

2. व्यवहार में चिडचिड़ापन आने लगता है. 

3. आपको हमेशा लगेगा कि आप थके हुए हैं. 

4. मुंह के घाव में लालपन नजर आने लगता है.

कैसे करें उपचार

1. माउथ अल्सर के मरीजों को को खाने में विटामिन-सी का प्रयोग करना चाहिए. इसके लिए आप दो-तीन गिलास संतरे का जूस प्रतिदिन पिएं. आप टमाटर से भी विटामिन सी प्राप्त कर सकते हैं.

2. जितना हो सके ज्यादा मसालेदार और तले-भुने खाद्य पदार्थों से परहेज करें.

3. ऐसे में आपको ज्यादा से ज्यादा मात्रा में फलों का सेवन करना चाहिए और खूब पानी पीना चाहिए.

4. जितना हो सके हरी सब्जियों का भरपूर सेवन करने से लाभ मिलता है.

5. यदि आप खाना खाते समय खाने में कच्चे प्याज का इस्तेमाल करें तो और बेहतर होगा.

6. माउथ अल्सर के पीड़ितों को दूध से बने खाद्य पदार्थों जैसे कि दही, बटर मिल्क और पनीर आदि इतेमाल में लाना चाहिए.

7. मासाहारी भोजन अम्लीय स्वभाव का होता है इसलिए मुंह के अल्सर पीड़ितों को इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए.

8. मुंह की सिकाई करने के लिए आपको दिन में दो से तीन बार तक गरारा करना चाहिए.

9. सबके घरों में आसानी से उपलब्ध तुलसी के कुछ पत्ते चबाने से भी राहत मिलती है.

10. ऐसे पदार्थ जिन्हें खाने से मुंह में जलन होने या दांतों में फंसने की संभावना हो, उसे खाने से बचना चाहिए. जैस आपको अल्सर के ठीक होने तक मदिरा तथा चॉकलेट से दूर रहना चाहिए.

11. अल्सर में जलन कम करने के लिए ग्लिसरीन में हल्दी का पाउडर मिलाकर उससे अल्सर वाली जगह पर धीरे-धीरे मालिश करें. इसके करीब 15-20  मिनट बाद इसे साफ कर लें.

12. एक उपाय ये भी है कि एक कप पानी में एक चम्मच धनिया पाउडर मिलाकर उबाले. इसके बाद जब पानी ठंडा हो जाए तो उससे दिन में दो से तीन बार गरारे करने से भी राहत मिलती है.

13. पानी की कुछ बूंदों में एक चम्मच बेकिंग सोडा के साथ मिलाएं और उसे अल्सर वाली जगह पर दो-तीन बार लगायें और 15 मिनट बाद उसे अच्छे से साफ कर लें.

14. खाना खाने के बाद हर्बल चाय पिने से भी माउथ अल्सर में आराम मिलता है.

कैसे होता है माउथ अल्सर

1. बहुतायत मात्रा में तला-भुना और मसालेदार भोजन करने से.

2. ज्यादा मात्रा में अम्लीय पदार्थों के सेवन से.


3. दांतों की नियमित और उचित तरीके से सफाई नहीं करने से.


4. गाल भीतर से बार-बार कटने से भी इसके संक्रमण को फैलने की आशंका होती है.

5. जिस चीज को खाने से एलर्जी है उसे बार-बार खाने से भी इसके होने की संभावना होती है.

6. जब आपके शरीर में विटामिन बी और आयरन की मात्रा सामान्य से कम होती है.

    मुँह में छाले मिटाने के असरदार घरेलु नुस्खे

मुँह में छाले हो जाना एक सामान्य सी बात होती है। लगभग सभी लोग कभी न कभी मुँह में छाले की परेशानी से गुजर चुके होते है। छाले होने पर खाना पीना मुश्किल हो जाता है। मुँह में दर्द होता रहता है.

बोलने मे भी परेशानी हो सकती है। मुँह में किसी भी नर्म स्थान पर छाले हो सकते है। जीभ पर , होठों पर अंदर की तरफ , अंदर गालों में , मसूड़ो में , या तालुए पर।

यह एक प्रकार का खुला घाव है। देखने पर दर्द वाले स्थान पर गोल या ओवल शेप का छोटा सफ़ेद या पीला चकत्ता सा नजर आता है। उसके आस पास की स्किन लाल दिखाई देती है। उस जगह सूजन सी आ जाती है। खाने पीने का सामान वहाँ अड़ने पर दर्द होता है। छाले एक या एक से अधिक हो सकते है। 

मुँह में छाले होने का कारण

मुँह में छाले होने के कई कारण हो सकते है। जिनमे से कुछ कारण इस प्रकार है।

—  पेट ख़राब होने से छाले हो जाते है अतः कब्ज नहीं हो इसका ध्यान रखे।

—  कुछ विशेष विटामिन जैसे विटामिन B 12 की कमी , आयरनकी कमी या ज़िंक की कमी।

—  वायरल इन्फेक्शन।

—  मानसिक तनाव के कारण।

—  किसी दवा के कारण।

—  आनुवंशिकता। परिवार के अन्य सदस्य को भी होते हों।

—  गुटका या सिगरेट आदि नशे का सेवन। पढ़ें नशे से मुक्त होने के उपाय ।

—  एलर्जी।

—  महिलाओं में हार्मोन का बदलाव ( माहवारी Period से पहले या मेनोपोज़ के बाद )

—  इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी।

—  किसी नुकीले दाँत का किनारा चुभ रहा हो ।

—  नकली दाँत गलत तरीके से लग गए हों ।

—  टूथ पेस्ट में मौजूद कुछ तत्व भी छाले पैदा कर सकते है।

मुँह में छाले का घरेलु उपचार

मुँह में छाले जल्दी ठीक होते है , यदि कम मिर्च मसाले वाला खाना खाएं और पेट साफ रखें। जिस प्रकार के खाने से अक्सर आपको छाले हो जाते है वह नहीं लेना चाहिए।

ऐसा खाना जिसके कारण मुँह सूखता हो ना लें। मुँह की सफाई का ध्यान रखें। एसिडिक फ़ूड अधिक ना लें।

तनाव के कारण छाले हो रहे हों तो तनाव कम करने के उपाय करें। टेस्ट कराने पर विटामिंन या मिनरल की कमी निकले तो इनका पूरा कोर्स लें। सॉफ्ट ब्रिसल्स वाला टूथब्रश काम में लें।

इसके अलावा मुँह में छाले मिटाने के घरेलु नुस्खे जो नीचे दिये गए है , उनका उपयोग करें। जरूर आराम मिलेगा।

—  रात के भोजन के बाद कुछ दिन एक छोटी हरड़ मुँह में रखकर चूसें। इससे पाचन तंत्र की खराबी से या पेट में कीड़े की वजह से होने वाले छाले मिट जाते है।

—  छोटी हरड़ को बारीक पीस लें। इसे दिन में तीन चार बार छाले पर लगाएं। इससे छाले ठीक हो जाते है।

—  तुलसी की दो तीन पत्तियां सुबह शाम चबाकर ऊपर से दो घूँट पानी पी लें।

—  चार चम्मच ग्लिसरीन में एक चुटकी भुना हुआ सुहागा का पाउडर मिला लें। यह ग्लिसरीन दिन में तीन चार बार मुँह में छाले पर लगाएं। इससे बहुत जल्द छाले ठीक हो जाते है।

—  बच्चों को होने वाले छाले के लिए आधा चम्मच पिसी मिश्री में दो चुटकी पिसा हुआ कपूर मिला लें। यह मिश्री पाउडर लगाने से बच्चों के मुँह में छाले ठीक होते है।

—  टमाटर के ताजा में रस में पानी मिलाकर इससे कुल्ला करें। आराम मिलेगा।

—   एक गिलास गर्म पानी में आधा नींबू  का रस मिलाकर कुल्ला करने से छाले ठीक होते है।

—  कुछ दिन नियमित रात को एक गिलास गुनगुने दूध में एक चम्मच घी मिलाकर पीने से छाले होना बंद हो जाते है।

—  जामुन के दस बारह पत्ते बारीक पीस लें। इन्हें एक गिलास पानी में मिला लें। इसे छानकर इस पानी से कुल्ला करें। इससे छाले जल्द ही ठीक हो जाते है। जामुन का सिरका पानी मिलाकर कुल्ला करने से भी छाले ठीक होते है।

—  अनार के पत्ते पानी में उबाल लें। छानकर इस पानी से कुल्ला करें। इससे छाले मिट जाते है।

—  एक इलायची के दाने बारीक पीस लें। इसे आधा चम्मच शहदमें मिला लें। इसे दिन में तीन चार बार छालों पर लगाएं। इससे छाले ठीक हो जाते है।

—  बेकिंग सोडा छाले पर लगाने से छालों में आराम मिलता है।

—  एक गिलास पानी में चौथाई चम्मच हल्दी मिलाकर कुल्ला करने से छाले मिटते है।

ज्यादातर छाले एक सप्ताह से तीन सप्ताह में ठीक हो जाते है। कुछ विशेष परिस्थिति में डॉक्टर से अवश्य संपर्क करना चाहिए जो इस प्रकार है :–


—  यदि तीन सप्ताह के बाद भी छाले ठीक ना हो।

—   यदि छाला बहुत बड़ा हो।

—  छाले बहुत अधिक मात्रा में हो।

—  छालों में दर्द बहुत अधिक हो।

—  छाले होने के साथ तेज बुखार भी हो।




जब जीभ पर हों छाले, अपनाएं यह 5 टिप्स




कई बार गर्मी बढ़ने या पेट खराब होने पर मुंह में छाले होने की समस्या पैदा हो जाती है, जिसका इलाज भी आसानीी से उपलब्ध हो जाता है। लेकिन कभी-कभी जुबान पर छाले होने की स्थ‍िति भी पैदा हो जाती है, जो बेहद तकलीफदेह होती है।


कई बार हम बातचीत भी नहीं कर पाते, क्यों दांतों के जीभ से टकराने पर परेशान और बढ़ जाती है। ऐसी स्थि‍ति में जीभ पर होने वाले छालों  से निजात पाने के लिए हम बता रहे हैं, कुछ आसान उपाय -

1 मुंह के छाले या जुबान पर छाले होने के लिए शरीर में बढ़ने वाली गर्मी जिम्मेदार होती है। ऐसे में कोशि‍श करें कि दिनभर में हर थोड़ी-थोड़ी देर में पानी पीते रहें, ताकि शरीर का तापमान नियंत्रित रहे। इससे छालों के दर्द में भी आराम मिलेगा।

2  नमक को पानी में मिलाकर गरारे करें, ताकि मुंह साफ रहे और ठंडी चीजों का अधिक से अधिक सेवन करें। दही, छाछ और फलों का जूस पिएं या फिर आइसक्रीम से भी आपको राहत मिल सकती है।

3  गरम चीजों को खाने से बचें और तीखा व मसालेदार भोजन भी न करें। इससे छालों में दर्द तो होगा ही, छाले ठीक होने में उतना ही वक्त भी लगेगा। खाने में नमक का इसतेमाल भी कम ही करें। 

4  चाय-कॉफी जैसी चीजों से दूरी बनाए रखें। यह चीजें कब्जियत पैदा करेंगी, जिससे पेट साफ न होने के कारण छालों की समस्या ठीक होने के बजाए बढ़ जाएगी। कोल्ड्र‍िंक भी आपको बचना चाहिए।

5 ज्यादा बात करने से बचें, ताकि नुकीले दांतों के लगने से घाव अधि‍क न बढ़े। समय- समय पर कुल्ला करते रहें और चाहें तो माउथवॉश का इस्तेमाल करें, ताकि बैक्टीरिया न पनपे और छाले जल्दी ठीक हो सकें। 



मुंह के छाले या सूजन के प्रकार, लक्षण, कारण, और उपचार

मुंह के छाले या सूजन  मुंह के अंदर एक दर्द या सूजन है, यह गले में गाल, मसूड़ों, होंठ के अंदर, या जीभ पर हो सकता है|
मुंह के छाले या सूजन  एक सूजन और गले के मुंह के लिए एक सामान्य शब्द, किसी व्यक्ति की खाने, बात करने और सोने की क्षमता को बाधित कर सकता है| मुंह में कहीं भी मुंह के छाले हो सकते है, जिसमें गाल, मसूड़ों, जीभ, होंठ और तालु के अंदर भी शामिल है|

मुंह के छाले या सूजन के प्रकार
मुंह के छाले के प्रकार में शामिल हैं, जैसे-

नासूर- एक कैंसर का दर्द, जिसे एफथस अल्सर भी कहा जाता है, एक बाहरी अंगूठी या मुंह में ऐसे अल्सर के समूह के साथ एक एकल पीला या पीला अल्सर होता है, आमतौर पर गाल, जीभ, या होंठ के अंदर होता है| जिसे एक कैंसर के दर्द के रूप में भी जाना जाता है।

शीत घावों- बुखार फफोले भी कहा जाता है, ठंड घाव तरल से भरे घाव होते हैं जो होंठ के आसपास होते हैं| वे शायद ही कभी मसूड़ों या मुंह की तालू पर बनाते हैं| शीत घावों को बाद में एक स्कैब के साथ क्रस्ट किया जाता है, और आमतौर पर वास्तविक घाव प्रकट होने से पहले झुनझुनी, कोमलता या जलने से जुड़ा होता है| जिन्हें ठंड के दर्द के रूप में भी जाना जाता है|

मुंह जलन के कारण हो सकते है, जैसे-

1. अपने गाल, जीभ, या होंठ काटने

2. ब्रेसिज़ या किसी अन्य प्रकार के दांत तंत्र पहनना, या तेज, टूटा दांत होना

3. चबाने वाला तम्बाकू

4. गर्म भोजन या पेय से किसी के मुंह को जला देना

5. गोंद रोग (गिंगिवाइटिस) या अन्य प्रकार के मुंह संक्रमण होने के कारण

6. खाद्य पदार्थों या दवाओं जैसे कुछ चीजों के लिए अतिसंवेदनशीलता रखना

7. कुछ ऑटोम्यून्यून बीमारियां मुंह की म्यूकोसल अस्तर को प्रभावित करती हैं, जैसे लुपस, क्रोन बीमारी, या बेहेसेट रोग

8. कुछ दवाएं जैसे कीमोथेरेपी, एंटीबायोटिक दवाएं, रूमेटोइड गठिया के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं, या मिर्गी दवाएं

9. कैंसर उपचार के हिस्से के रूप में विकिरण प्राप्त करना


मुंह के छाले या सूजन के लक्षण .

नासूर-

1. दर्दनाक हो सकता है

2. आमतौर पर पिछले 5 से 10 दिनों तक

3. वापस आने के लिए प्रवृत्त हैं

4. आमतौर पर बुखार से जुड़े नहीं होते हैं

शीत घावों-

1. आमतौर पर दर्दनाक होते हैं

2. आमतौर पर 7 से 10 दिनों में चला जाता है

3. कभी-कभी ठंड या फ्लू जैसे लक्षणों से जुड़े होते हैं

मुंह के छाले या सुजन के कारण

नासूर

कोई भी नहीं जानता कि वास्तव में कैंसर के घावों का क्या कारण बनता है, लेकिन कई चीजें उनके विकास में योगदान दे सकती हैं, जैसे कुछ दवाएं, मुंह के आघात, खराब पोषण, तनाव, बैक्टीरिया या वायरस, नींद की कमी, अचानक वजन घटाने, और आलू जैसे कुछ खाद्य पदार्थ , साइट्रस फल, कॉफी, चॉकलेट और पनीर|

ठंड या फ्लू, हार्मोनल परिवर्तन, या विटामिन बी 12 या फोलेट के निम्न स्तर की वजह से नासूर अस्थायी रूप से कम प्रतिरक्षा प्रणाली से संबंधित हो सकते हैं| यहां तक कि गाल के अंदर काटने या भोजन के एक तेज टुकड़े चबाने से भी एक तेज दर्द को ट्रिगर कर सकते हैं|

नासूर का आनुवंशिक पूर्वाग्रह से परिणाम हो सकता है, और उन्हें ऑटोम्यून्यून बीमारी माना जाता है, वे संक्रामक नहीं हैं|

शीत घाव

शीत घावों को हर्पस सिम्प्लेक्स प्रकार नामक एक वायरस के कारण होता है, कैंसर के घावों के विपरीत, जब तक ब्लिस्टर पूरी तरह से ठीक हो जाता है, तब तक ठंड के घाव संक्रामक होते हैं| प्रारंभिक संक्रमण अक्सर वयस्कता से पहले होता है, और ठंड या फ्लू से भ्रमित हो सकता है| एक बार जब व्यक्ति वायरस से संक्रमित हो जाता है, तो यह शरीर में रहता है, तनाव, बुखार, आघात, हार्मोनल परिवर्तन (जैसे मासिक धर्म), और सूरज की रोशनी के संपर्क में ऐसी परिस्थितियों से निष्क्रिय हो जाता है.

जब मुंह के छाले फिर से दिखाई देते हैं, तो वे एक ही स्थान पर होते हैं| अन्य लोगों को फैलाने के अलावा, वायरस भी प्रभावित व्यक्ति के आंखों या जननांगों के किसी अन्य शरीर के हिस्से में फैल सकता है|

इलाज (Treatment)

मुंह के छाले या सूजन (Stomatitis) आमतौर पर इलाज के बिना भी दो सप्ताह से अधिक नहीं रहते हैं| यदि किसी कारण की पहचान की जा सकती है, तो चिकित्सक इसका इलाज कर सकता है| यदि किसी कारण की पहचान नहीं की जा सकती है, तो उपचार का ध्यान लक्षण राहत में बदल जाता है|


निम्नलिखित रणनीतियां मुंह के घावों के दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकती हैं, जैसे-

1. गर्म पेय पदार्थों और खाद्य पदार्थों के साथ-साथ नमकीन, मसालेदार, और साइट्रस-आधारित खाद्य पदार्थों से बचें|

2. टाइलेनोल या इबुप्रोफेन जैसे दर्द राहत का उपयोग करें|

3. यदि आपके पास मुंह जला है, तो ठंडा पानी के साथ गड़गड़ाहट या बर्फ पर चूसना|

कैंसर घावों के लिए, उपचार का उद्देश्य असुविधा से छुटकारा पाने और संक्रमण के खिलाफ सुरक्षा करना है| निम्नलिखित आज़माएं, जैसे-

1. ज्यादा पानी पियो|

2. नमक के पानी के साथ कुल्ला|

3. उचित दंत चिकित्सा देखभाल का अभ्यास करें|

4. अल्सर को लिडोकेन या क्ष्य्लोकैने जैसे एक सामयिक एनेस्थेटिक लागू करें (6 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए अनुशंसित नहीं)|

5. ट्राइमसीनोलोन दंत पेस्ट (ओब्रेज़ 0.1% में केनोलॉग) जैसे एक सामयिक कॉर्टिकोस्टेरॉइड तैयारी का उपयोग करें, जो होंठ के अंदर और मसूड़ों के अंदर एक दर्द की रक्षा करता है|

6. ब्लिस्टेक्स और कैम्फो-फेनिक कैंसर के घावों और ठंड के घावों की कुछ राहत प्रदान कर सकते हैं, विशेष रूप से यदि पहले दर्द होता है तो लागू होता है|

अधिक गंभीर घावों के लिए, उपचार में शामिल हो सकते हैं, जैसे-

1. लिड़ेक्स जेल

2. अफ्थासोल, एक विरोधी भड़काऊ पेस्ट

3. पेरिड़ेक्स माउथवाश

यदि आपको अक्सर डंकर घाव लगते हैं, तो आपके पास फोलेट या विटामिन बी 12 की कमी हो सकती है| इन कमियों के लिए परीक्षण किए जाने के बारे में चिकित्सक से बात करें|

कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स (प्रीनिनिस सहित) जैसे एंटी-भड़काऊ दवाएं कैंसर के घावों के लिए सबसे प्रभावी उपचार हैं, क्योंकि वे सूजन और दर्द को कम कर देंगे| वे ठंड के घावों के लिए भी प्रभावी होते हैं, क्योंकि दर्द तीन से चार दिनों तक मौजूद होता है, क्योंकि उस समय वायरस गायब हो गया है, और केवल सूजन बनी हुई है|

सभी लोग कुछ प्रकार की एंटी-भड़काऊ दवाएं नहीं ले सकते हैं| उदाहरण के लिए, यदि मधुमेह वाले लोगों को प्रेडनिसोन दिया जाता है, तो उनके रक्त शर्करा ऊपर जायेंगे| एक नई दवा शुरू करने से पहले आपके पास किसी भी स्वास्थ्य परिस्थितियों के बारे में चिकित्सक से बात करें|


ठंड घावों के लिए कोई इलाज नहीं है| उपचार में शामिल हैं, जैसे-

1. हमले के पहले संकेत पर वैलेसीक्लोविर (वाल्टरेक्स) की खुराक लेना

2. एंटीवायरल एजेंट जैसे एक सुरक्षात्मक मलम के साथ घावों को कोटिंग (उदाहरण के लिए, 5% एसाइक्लोविर मलम)

3. घाव के लिए बर्फ लागू करना

एल-लाइसिन टैबलेट लेना भी मदद कर सकता है, जैसा कि चिकित्सक द्वारा निर्धारित एंटीवायरल मध्यस्थता हो सकती है| कुछ विशेषज्ञों का मानना ​​है, कि ये दवाएं उस समय को कम करती हैं जब फफोले मौजूद होते हैं.

सभी घाव हानिरहित नहीं हैं| यदि आपके मुंह के घाव दो हफ्तों के भीतर ठीक नहीं हुए हैं, तो चिकित्सक के साथ अपॉइंटमेंट निर्धारित करें.

मुंह के छालों ने कर दिया है परेशान तो 5 घरेलू चीजों से पाए राहत

    
गर्मियों के मौसम में अक्सर मुंह में छाले निकलने की समस्या होने लगती है। पेट में गड़बड़ी, पाचन शक्ति कमजोर होने, कुछ खाद्य पदार्थ, ओरल हाइजीन से जुड़ी बातें, तनाव और चिंता,पोषक तत्वों की कमी,धूम्रपान छोड़ना, हार्मोनल में परिवर्तन, चिकित्सा की स्थिति और दवाएं के कारण भी मुंह में छाले निकल जाते हैं। ये जीभ और होंठों मतलब मुंह में कहीं पर भी हो सकते हैं। छाले होने से कुछ भी चीजें खाने से तेज दर्द और जलन महसूस होती है। इनसे राहत पाने के लिए लोग कई तरह की दवाईयों का इस्तेमाल करने लगते हैं। लेकिन फिर भी इससे कोई फायदा नहीं होता। एेसे में आप कुछ घरेलू चीजों का इस्तेमाल करके भी छालों से छुटकारा पा सकते हैं। 

1. तुलसी

तुलसी को हिंदू धर्म में बहुत पवित्र पौधा माना जाता है। लोग अपने घर में वास्तु दोष खत्म करने के लिए तुलसी का पौधा लगाते हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि तुलसी के 2 से 3 पत्ते चबाने से मुंह के छाले ठीक होते हैं। 

2. हल्दी

मुंह के छालों को ठीक करने के लिए हल्दी का इस्तेमाल करें। 1 गिलास गुनगुने पानी में आधा चम्मच हल्दी डालकर इसे मिक्स करें। अब इस पानी से दिन में 2 से 3 बार गरारे करें। 1 दिन में मुंह के छाले दूर हो जाएंगे। 

3. नारियल

नारियल का तेल भी मुंह के छालों को दूर करने के लिए फायदेमंद है। नारियल का तेल पीने से शरीर को ठंडक मिलती है और ताजा नारियल पिसकल उसको छालो पर लगाने से दर्द से राहत मिलती है। दिन में कम से कम 2 बार नारियल को लगाने से कुछ ही दिनों में छाले दूर हो जाएंगे। 

4. मुलेठी

मुलेठी में पाए जाने वाले एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण मुंह के छाले के दर्द से राहत दिलाने के साथ ही उनसे छुटकारा भी दिलाता है। आवश्यकता के अनुसार मुलेठी को पीस लें। अब इसमें शहद मिलाकर छालों पर लगाएं। कुछ ही दिनों में आराम मिलेगा। 

5. शहद

खाने में मीठा शहद कई छोटी-मोटी समस्याओं से राहत पहुंचाता है। इसके अलावा नींबू के रस में शहद मिलाकर इससे कुल्ला करने से भी छाले ठीक हो जाते हैं। 


जीभ और मुंह के छाले की दवा, कारण, रामबाण उपचार

जीभ, गले, मुंह के छाले की दवा और इलाज

आयुर्वेद में गाल, जीभ और मुंह के छाले की दवा के लिए शुद्ध प्राकृतिक तरीके बताये गए हैं जिनके इस्तेमाल से चंद घंटों में ही मुंह के छाले का उपचार किया जा सकता है| मुंह में छाले हो जाना एक बेहद सामान्य सी समस्या है जो हर व्यक्ति के साथ एक ना एक बार जरूर होती है और डॉक्टरी भाषा में इसे अल्सर भी कहा जाता है|

मुंह के छाले का कारण

मुंह के छाले सबसे ज्यादा गाल, जीभ और मुंह के अंदरुनी हिस्से में होते हैं| मुंह में अगर छाले हो जाएँ तो खाना खाने में भी बहुत अधिक दिक्कत होती है और कई बार तो व्यक्ति को बोलने में भी परेशानी होती है| मुंह के अंदर कटा-कटा सा महसूस होता है, और नमक मिर्ची के लगने पर इसमें जलन भी होने लगती है|

छाला अगर बड़ा हो जाए तो फिर पानी पीना भी दुश्वार हो जाता है ऐसे में हमारा काम और हमारा मूड भी पूरी तरह प्रभावित हो जाता है| सबसे पहले तो ये जानना जरुरी है कि मुंह में छाले होने के मुख्य कारण क्या हैं –

1. खाना खाते समय गाल कट जाना

2. पेट में गर्मी होना

3. बाहर का ज्यादा तला भूना खाना

4. हार्मोन्स में गड़बड़ी

5. विटामिन C की कमी

6. पेट खराब होना

7. ब्रश से कोई घाव हो जाना

8. पाचन क्रिया का सही से काम ना करना

9. शरीर में पानी की कमी

10. मुंह में बैक्टीरिया होना

11. कोई गलत दवाई का रिएक्शन होना। …आदि


इन सभी वजहों से मुंह में छाले बन सकते हैं| इसके अलावा भी कई कारण हो सकते हैं लेकिन सबसे मुख्य बात यह है कि एक दो दिन तक तो हम ज्यादा गौर नहीं करते लेकिन अगर ये छाले एक हफ्ते में भी सही ना हों तो इनका इलाज करना बहुत जरुरी हो जाता है|

मुंह के छाले की रामबाण दवा और घरेलू इलाज




मुंह में होने वाले छाले सामान्य रुप से दो से तीन दिन में अपने आप ही खत्म हो जाते हैं लेकिन अगर छाले लम्बे समय से हैं तो आपको हमारे बताये हुए प्राकृतिक उपचारों को अपनाना चाहिए| कई लोगों के साथ ऐसी स्थिति हो जाती है कि छाले ठीक होने के कुछ ही समय बाद फिर से होने लगते हैं और लम्बे समय तक यही समस्या चलती रहती है|

अगर छालों का समय रहते सही उपचार ना किया जाए तो इनके दोबारा होने की संभावना बनी रहती है| इसलिए बिना देरी किये छालों का तुरंत इलाज करें और सबसे ख़ास बात यह है कि इसके लिए आपको पैसा भी खर्च करने की जरुरत नहीं है| मुंह के छाले के इलाज के लिए हर चीज़ आपकी रसोई में पहले से ही मौजूद है|

नीला थोथा होता है फायदेमंद

जिन लोगों के छाले लम्बे समय से ठीक ना हो रहे हों या फिर कई अनेकों दवाइयों का इस्तेमाल करने से भी फायदा ना हो रहा हो तो बाबा रामदेव का यह मुंह के छाले का उपचार एक ही बार में छाला ठीक कर देगा|

नीला थोथा लेकर उसे तवे के ऊपर डालकर सेक लें| शुरुआत में यह पानी सा हो जाता है, बाद में सूखकर ब्राउन कलर का हो जाता है| अब इस भुने हुए नीले थोथे से एक चुटकी थोथा लेकर उसे एक चम्मच पानी में मिला लें|
अब इसमें रुई भिगोकर उसे छालों वाली जगह पर लगायें| अब आपके मुंह से जो पानी निकलेगा उसे बाहर निकलने दीजिये, करीब 3 से 5 मिनट तक पानी निकलेगा| ध्यान रहे कि पानी बाहर ही निकालें, वो शरीर के अंदर ना जाये| इस तरीके से एक ही बार में छाला ठीक हो जायेगा, बस पानी बाहर निकालें ये सावधानी आपको रखनी होगी|

दही होती है मददगार

मुंह में छाले हो रहे हों तो ताजा दही का सेवन करें| अपने खाने में दही का इस्तेमाल करें या सुबह उठकर खाली पेट भी दही का सेवन कर सकते हैं इससे भी आपको लाभ होगा|
मुंह के छाले एक पेट से जुड़ी समस्या है तो पेट की कोई भी दिक्कत हो तो दही का सेवन करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है|

लौंग का करें इस्तेमाल

लौंग हर घर की रसोई में आसानी से मिलने वाली चीज़ है| मुंह में जब भी छाले हों तो दो लौंग मुंह में डालकर उन्हें चबा लें| अब लौंग को चबाकर उसे जीभ से छाले वाली जगह रख लें ( जैसे लोग तंबाकू मुंह में रख लेते हैं ठीक वैसे ही लौंग चबाकर जीभ से छाले वाली जगह रख लें ) और कुछ देर तक ऐसे ही रहने दें|

लौंग का रस जब छाले पर लगने लगेगा तो छाला कुछ ही घंटों में ऐसे गायब हो जायेगा जैसे पहले कभी था ही नहीं, तो ये जरूर अपनाएं जो बेहद आसान और कारगर है|

धनिया के पत्ते हैं फायदेमंद

धनिया बहुत आसानी से उपलब्ध हो जाने वाली सब्जी है| धनिया के पत्ते लेकर उनको अच्छे से कूटकर पेस्ट जैसा बना लें| अब इस पेस्ट को अपने छालों पर एक दवा की तरह इस्तेमाल करें| इससे कुछ ही दिनों में छाले गायब हो जायेंगे|
इसके अलावा अपने खाने में भी धनिया का इस्तेमाल बढ़ा दें इससे आपको बहुत फायदा होगा|

नारियल करता है छालों का नाश

नारियल हमारे शरीर की पाचन क्रिया को सुगम बनाता है और पेट की लिए तो बहुत ही लाभकारी है| जब भी मुंह में छाले हों तो नारियल चबायें क्यूंकि इससे निकलने वाला रस जब छालों पर लगता है तो यह छालों को नष्ट करना शुरू कर देता है| आप चाहें तो नारियल चबाकर उसको छाले वाली जगह पर लगा कर कुछ देर रख लें ताकि सारा रस छालों पर ही लग सके|

अगर आपको नारियल पानी पीना अच्छा लगता है तो जरूर पीजिये क्यूंकि इससे भी आपके छाले कम हो जायेंगे

देसी घी है छालों की रामबाण दवा

शुद्ध देसी घी का इस्तेमाल करने से छालों की समस्या का जड़ से अंत हो जाता है और अगर गाय के दूध का घी हो तो इसका असर दोगुना हो जाता है| यह तरीका रातों रात मुंह के छाले गायब कर देगा|

रात को सोने से पहले अपने मुंह में थोड़ा सा देसी घी डाल लें और छाले वाली जगह पर इसे फिराते रहें| अब आराम से सो जायें, सुबह तक आपको छालों में राहत हो जाएगी| ऐसा दो तीन दिन तक करें तो छाले हमेशा के लिए सही हो जायेंगे|

नमक के पानी के गरारे

एक गिलास पानी को किसी बर्तन में गर्म करें और उसमें 1 चम्मच नमक डाल दें| अब पानी को तब तक गर्म करें जब तक नमक घुल ना जाये| अब इस पानी को थोड़ा ठंडा होने दें|

जब पानी गुनगुना सा हो जाये तो इस पानी से गरारे करें| अगर मुंह के अंदरूनी हिस्से में छाले हैं तो पानी गले तक ले जाएँ तो गरारे करें| इससे छालों और मुंह की सभी दिक्क्तों में लाभ होता है|

हल्दी पाउडर का करें इस्तेमाल

हल्दी तो हर घर में इस्तेमाल होने वाली चीज़ है| यह हमेशा आपकी रसोई में उपलब्ध रहती है तो जब भी छाले हों तो एक गिलास पानी में एक चम्मच पीसी हुई हल्दी मिलायें और इसे गर्म कर लें|

जब यह हल्दी मिला पानी गुनगुना हो जाए तो इस पानी के गरारे करें| हल्दी दर्दनिवारक होती है तो आपके छालों का दर्द भी चला जायेगा और छाले बहुत जल्द सही भी हो जायेंगे|

अमरुद के पत्तों से होता है लाभ

अमरुद खाना पेट के लिए अच्छा होता है लेकिन अमरुद की पत्तिया छालों में विशेष लाभ करती हैं| अमरुद की ताजा पत्तियां लेकर उनको हाथ से कुचलें और जो उनका रस निकले उसे अपने छालों पर लगा लें| यह एक रामबाण दवाई की तरह काम करता है|

इसके अलावा अमरुद के पत्तों पर कत्था लगाकर इन्हें पान के पत्ते की तरह चबाने से छालों में बहुत अधिक लाभ होता है|

टमाटर का सेवन अधिक करें

जिन लोगों को बार बार छालों की समस्या का सामना करना पड़ता हो ऐसे लोगों को टमाटर का सेवन अधिक करना चाहिए| टमाटर पुराने से पुराने छालों का इलाज करने के लिए जाना जाता है|

एक ताजा टमाटर काटकर उसका रस बाहर निकाल लें और इस रस को एक गिलास पानी में मिलाकर इसके गरारे करें और कुल्ला कर दें| आप देखेंगे कि छालों में चमत्कारी रुप से लाभ होने लगा है|

हरड़ है छाले की दिव्य औषधि

हरड़ हमारे आयुर्वेद में बहुत ही प्रसिद्ध औषधि है| हरड़ कई हजार लोगों में काम आने वाली जड़ी बूटी है| आप किसी भी पंसारी की दूकान से हरड़ खरीद सकते हैं|

छोटी हरड़ लेकर उसको सिल पर पीस लें| अब इस पीसी हुई हरड़ को छालों पर दवा की तरह लगायें| जिन लोगों के छाले लब्मे इलाज के बावजूद भी ठीक ना हो रहे हों उनके छाले भी हरड़ के इस्तेमाल से खत्म हो जायेंगे|

इसके अलावा, रात को सोने से पहले मुंह में एक छोटी हरड़ डालकर इसे चूसें| इसके रस से छालों में विशेष लाभ प्राप्त होता है|

खाने का सोडा होता है लाभकारी

खाने का सोडा हमारे पेट की समस्याओं से लड़ने में मदद करता है और इसके इस्तेमाल से मुंह के बैक्टीरिया व कीटाणु नष्ट हो जाते हैं| खाने का सोडा जिसे बेकिंग सोडा भी बोला जाता है यह आपको आसानी से किसी पंसारी की दुकान पर मिल जायेगा|

एक चम्मच खाने का सोडा लें और इसमें एक चम्मच ही पानी मिलाकर इसका गाढ़ा लेप बना लें| अब इस लेप को छालों पर लगायें, दिन में कम से कम 2 -3 बार इसका इस्तेमाल करें|

एलोवेरा है छालों की विशेष दवा

एलोवेरा के गुणों के बारे में तो आप लोगों ने सुना ही होगा| एलोवेरा अनगिनत बीमारियों में काम आने वाला पौधा है इसके चमत्कारी गुणों को अमेरिका साबित भी कर चुका है| मुंह के छालों को दूर करने के लिए भी एलोवेरा का इस्तेमाल करें|

एलोवेरा को ऊपर छीलकर इसके अंदर से इसका पारदर्शी जैल निकाल लें| अब इस जैल को थोड़ा कुचलकर पेस्ट जैसा बना लें, इस पेस्ट को अपने छालों पर लगायें इससे छालों का दर्द दूर होता है और छालों में तुरंत राहत मिलती है|

तुलसी के पत्ते

तुलसी भी कई लोगों में काम आने वाला पौधा है| घरों में तुलसी की पूजा भी की जाती है, हमारे हिन्दू धर्म में तो तुलसी को एक माता “तुलसा जी” का नाम भी दिया गया है|
मुंह में पुराने से पुराने छाले हों और ठीक ना हो रहे हों तो तुलसी के 4 पत्ते रोजाना सुबह खाली पेट चबायें इससे बहुत लाभ होता है और तुलसी के पत्ते का रस निकालकर उसे भी छालों पर लगाने से चमत्कारी फायदा होता है|

शहद का करें इस्तेमाल

मुंह के छाले ठीक करने के लिए और उनका दर्द कम करने के लिए शहद का इस्तेमाल करें क्यूंकि शहद एंडीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं और यह घाव को तेजी से भरने में भी सहायक होता है|

साफ़ रुई का एक टुकड़ा लें और इसे शहद में भिगोकर छाले वाली जगह पर लगायें इससे छालों का दर्द बहुत तेजी से दूर हो जायेगा और छालों का साइज भी छोटा होने लगेगा|

बर्फ की सिकाई से होता है फायदा

बर्फ का एक छोटा टुकड़ा लें और इस टुकड़े को मुंह में डाल लें| कुछ देर मुंह में ही रखें और छालों के ऊपर भी फिरायें इससे छालों का आकार छोटा हो जाता है और छालों में बहुत राहत मिलती है|

फिटकरी का करें इस्तेमाल

फिटकरी आपके छालों से बैक्टीरिया के प्रभाव को कम करती है| थोड़ी सी फिटकरी लेकर उसको पीसकर उसका चूर्ण बना लें, अब एक चुटकी फिटकरी के चूर्ण में एक चम्मच पानी मिलाकर लेप तैयार कर लें|

इस लेप को छाले वाली जगह पर लगायें इससे छालों में तुरंत आराम मिलेगा|

नीम की छाल और कत्था का उपयोग करें

नीम का पेड़ आपको कहीं भी मिल सकता है, तो नीम की छाल लाना आपके लिए कोई मुश्किल काम नहीं होगा| इसके अलावा आपको किसी पंसारी की दूकान से कत्था लाना होगा|

अब नीम की छाल और कत्था दोनों को बारीक़ पीस लें| अब एक चुटकी नीम की छाल का पाउडर और एक चुटकी कत्था का पाउडर मिलाकर इसमें एक चम्मच पानी डालें और तीनों को मिलाकर एक गाढ़ा लेप तैयार कर लें| इस लेप को अपने छालों पर लगाएं और कुछ समय के लिए ऐसे ही छोड़ दें, इससे छालों की समस्या दूर होगी|

इलायची होती है छालों में फायदेमंद

इलायची मुंह की दुर्गन्ध और छालों की समस्या दूर करने में बहुत सहायक है| आप इलायची लेकर उसका चूर्ण बना लें, अब इस इलायची के चूर्ण में थोड़ा सा शहद मिलायें और एक गाढ़ा लेप तैयार करें|

इस लेप को अपने छालों पर दिन में दो से तीन बार लगाने से छालों की समस्या दूर हो जाती है|

मुंह के छालों से बचने के लिए कुछ टिप्स

1. खूब पानी पियें क्यूंकि मुंह के छाले सबसे ज्यादा पेट की गर्मी की वजह से ही होते हैं

2. दाँतों की सफाई का ख़ास ध्यान रखें

3. सॉफ्ट ब्रश का इस्तेमाल करें

4. खाना खाते समय कहीं और की फालतू बातें ना सोचें इससे गलती से जीभ या गाल कट सकता है

5. बाहर का खाना कम से कम खायें

6. सभी गर्म चीज़ें खाना बंद कर दें और सलाद का सेवन ज्यादा करें




मुंह के छाले, मुंह आना का होम्योपैथिक इलाज




इस रोग में मुंह की आवरण-झिल्ली का लाल हो जाना, फूल जाना, जख्मयुक्त होना, कभी-कभी पीब बहने लगना, जीभ का लाल तथा फूल जाना, दाँतों के मसूढ़े तथा तालु का फूलना, श्वास में दुर्गन्ध एवं जीभ पर लाल या सफेद रंग के दाने उभर आना-ये लक्षण प्रकट होते हैं । यह रोग अपच, गर्म तथा जलती हुई वस्तुओं का सेवन, अधिक मात्रा में चूना अथवा चीनी का सेवन, खून का बिगड़ जाना, पारे का अपव्यवहार, पौष्टिक-भोजन की कमी तथा स्फोटक-ज्वर के बाद अनेक कारणों से होता है ।


इस रोग में लक्षणानुसार निम्नलिखित औषधियों का प्रयोग हितकर है :-


बोरेक्स 3x, 6x वि०, 30 – यह बच्चों तथा वयस्कों के सामान्य छालों में उत्तम दवा है । इस औषध के सेवन के साथ ही 1 ग्रेन ‘बोरिक’ को 1 औंस पानी में डाल कर उससे कुल्ले करते रहने पर शीघ्र लाभ होता है। मुंह के भीतर, गर्मी, जीभ पर लाली, लाल रंग के छाले, मुंह के स्वाद में कड़वापन तथा नमक एवं तीखी वस्तु खाने पर कष्ट होना-इन सब लक्षणों में यह औषध लाभ करती है 


मर्क-सोल 30 – डॉ० ज्हार के मतानुसार मुंह के छालों की मुख्य औषध है। यह मुंह के छालों के अतिरिक्त पेट तथा आतों की श्लैष्मिक-झिल्ली के घावों तक को ठीक कर देती है ।

सल्फर 30 – यदि ‘मर्क-सोल’ से लाभ होना आरम्भ हो तो, परन्तु 5-6 दिन बाद ही वह रुक जाय, तो इसे देने से तुरन्त लाभ होता है।

कैल्केरिया-कार्ब 6, 30 – यदि ‘सल्फर‘ से भी पूरा लाभ न हो तो फिर इसे देने से पूर्ण लाभ प्राप्त होगा । इस प्रकार क्रमश: मर्क, सल्फर तथा कैल्केरिया के प्रयोग से इस रोग में पूरा लाभ मिलता है।

नेट्रम-म्यूर 30 – यदि मुंह में छालों के साथ होठों पर भी छाले हों तो इस औषध के प्रयोग से लाभ होता है। मुंह के भीतर की सूजन के साथ जीभ पर नक्शा बना होना तथा लाल निशान होने के लक्षणों में इसे दें ।

सल्फ्यूरिक-एसिड 3, 30 – मुंह में छाले, मसूढ़ों से खून निकलना, श्वास से दुर्गन्ध आना, सम्पूर्ण शरीर से खटास की गन्ध आना-इन लक्षणों में तथा रोगी पायरिया का शिकार हो तो यह औषध लाभ करती है ।

कालि-क्लोर 3, 6 – यदि मसालेदार भोजन के कारण मुंह में छाले पड़ गये हों तथा बहुत अधिक लार बहती हो तो इस औषध के प्रयोग से लाभ होता है।

कार्बो-वेज 6 – नमक अथवा पारे के अपव्यवहार के कारण रोग हुआ हो, मसूढ़ों से दुर्गन्ध आती हो और उनसे खून गिरता हो तो इस औषध को देने से लाभ होगा ।

मर्क्यूरियस 3 – मुंह के भीतर घाव, छाले, अत्यधिक लार बहना तथा मसूढ़ों से खून गिरना – इन लक्षणों में हितकर है।

आर्सेनिक 3 – घाव में जलन, ज्वर का भाव तथा अत्यधिक कमजोरी के लक्षणों में लाभकर है ।

नाइट्रिक एसिड 6, 30 – पारे के अपव्यवहार के कारण उत्पन्न मुंह के घाव में हितकर है। मुंह के दुखने के साथ ही, होठों का जोड़ों से फटना, मुंह के भीतरी भाग में चमकदार लाली तथा सूजन एवं मुंह से दुर्गन्ध आने के लक्षणों में इसे दें।

हिपर-सल्फर 6 – पारे के अपव्यवहार के कारण उत्पन्न मुंह के घाव में यह औषध लाभ करती है। मुंह के कोनों में छिछड़े से पड़ जाना तथा ठोड़ी पर छाले हो जाने के लक्षणों में इसे दें ।

बेलाडोना 30 – मुंह में खुश्की, मुंह तथा गले का भीतर से लाल होना तथा पानी पीने के प्रति अरुचि-इन लक्षणों में यह औषध हितकर है ।

ऐरम-ट्राइफाइलम 3, 30 – मुंह के तालु, होंठ एवं नाक में दुखन तथा मुंह के कोनों का फट कर दुखने लगना – इन सब लक्षणों में हितकर है ।

कैप्सिकम 3, 6 – मुंह का भीतर से सूज जाना, जीभ के अग्रभाग में जलन, प्यास अधिक लगना, परन्तु पानी पीते ही शरीर में कंपकंपी होने लगना – इन लक्षणों में प्रयोग करें ।

जीभ के छाले का इलाज

जीभ पर होने वाले छाले को काफी हद तक माउथ अल्सर का ही एक रूप मान सकते हैं. इसमें भी उसी तरह के छाले होते हैं. वैसी ही जलन और परेशानियों का सामना करना पड़ता है. 
इसके लक्षण भी आसानी से नजर आ जाते हैं इसलिए उपचार में आसानी होती है. मसालेदार या तीखा भोजन करने पर मुंह में तेज जलन होने लगती है. इसके अलावा जीभ पर फोड़े हो जाते हैं. ऐसे में इसके उपचार में लापरवाही न बरतें. आइए इन छालों के प्रकार और उपचार के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त करते हैं. जीभ पर होने वाले छाले के कुछ उपचार हम आपको बता देते हैं जिससे आप राहत महसूस करेंगे.

तीन प्रकार का होता है जीभ के छाले

1. गंभीर छाले

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि आमतौर से होने वाले छाले से आकार में बड़ा होता  है. आपको बता दें कि ये गंभीर छाले 10 में से 1 व्यक्ति को ही होता है. लेकिन जब आपको पता चले कि आपको गंभीर छाले है तो तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

2. सामान्य छाले

छाले से पीड़ित होने वाले ज्यादातर लोग सामान्य छाले से ही प्रभावित होते हैं. इसके नाम से भी स्पष्ट है कि ये आकर में ज्यादा बड़ा नहीं होता है और लगभग 10 दिन में ठीक भी हो जाता है.

3. हेरपेटीफॉर्म छाले

हेरपेटीफॉर्म छाले का दूसरा नाम पिनप्वाइंट छाले भी है. ये लगभग 3 मिमी आकार का होता है. आमतौर पर 10 से 40 वर्ष के आयुवर्ग के बीच होने वाले इस छाले से मात्र 10 प्रतिशत लोग ही प्रभावित हैं. ये बच्चों और बूढों में न के बराबर ही होता है.


ये हैं जीभ के छालों के मुख्य लक्षण

1. जीभ पर छाले होने से खाते और पीते समय बहुत ज्यादा दर्द होता है.


2. व्यवहार में चिडचिड़ापन आने लगता है.


3. आपको हमेशा लगेगा कि आप थके हुए हैं. 


4. मुंह के घाव में लालपन नजर आने लगता है.


कैसे करें उपचार

1. जीभ के छाले से पीड़ित मरीजों को को खाने में विटामिन-सी का प्रयोग करना चाहिए. इसके लिए आप दो-तीन गिलास संतरे का जूस प्रतिदिन पिएं. आप टमाटर से भी विटामिन सी प्राप्त कर सकते हैं.

2. जितना हो सके ज्यादा मसालेदार और तले-भुने खाद्य पदार्थों से परहेज करें.

3. इसमें आपको ज्यादा से ज्यादा मात्रा में फलों का सेवन करना चाहिए और खूब पानी पीना चाहिए.

4. जितना हो सके हरी सब्जियों का भरपूर सेवन करने से लाभ मिलता है.

5. यदि आप खाना खाते समय खाने में कच्चे प्याज का इस्तेमाल करें तो और बेहतर होगा.

6. जीभ के छाले के पीड़ितों को दूध से बने खाद्य पदार्थों जैसे कि दही, बटर मिल्क और पनीर आदि इतेमाल में लाना चाहिए.

7. मांसाहारी भोजन अम्लीय स्वभाव का होता है इसलिए मुंह के छाले पीड़ितों को इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए.

8. जीभ की सिकाई करने के लिए आपको दिन में दो से तीन बार तक गरारा करना चाहिए.

9. सबके घरों में आसानी से उपलब्ध तुलसी के कुछ पत्ते चबाने से भी राहत मिलती है.

11. ऐसे पदार्थ जिन्हें खाने से मुंह में जलन होने या दांतों में फंसने की संभावना हो, उसे खाने से बचना चाहिए. जैस आपको छाले के ठीक होने तक मदिरा तथा चॉकलेट से दूर रहना चाहिए.

12. छाले में जलन कम करने के लिए ग्लिसरीन में हल्दी का पाउडर मिलाकर उससे छाले वाली जगह पर धीरे-धीरे मालिश करें. इसके करीब 15-20  मिनट बाद इसे साफ कर लें.

13. एक उपाय ये भी है कि एक कप पानी में एक चम्मच धनिया पाउडर मिलाकर उबाले. इसके बाद जब पानी ठंडा हो जाए तो उससे दिन में दो से तीन बार गरारे करने से भी राहत मिलती है.

14. पानी की कुछ बूंदों में एक चम्मच बेकिंग सोडा के साथ मिलाएं और उसे छाले वाली जगह पर दो-तीन बार लगायें और 15 मिनट बाद उसे अच्छे से साफ कर लें.

15. खाना खाने के बाद हर्बल चाय पिने से भी जीभ के छाले में आराम मिलता है.



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 तो दोस्तो आज जाना कि कैसे हम ( Apne मुंह के छाले (Mouth Ulcer) se nijat pa sakte hai) ओर अपनी लाइफ को खुश रख सकते है दोस्तो आप इन सब advices को आपनी लाइफ मैं जरूर Try करे और ऐसे ही ओर अछे articles के लिए जुड़े रहे ( https://normaladvices.blogspot.com ) से।

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