गले में खराश को ठीक करे (Sore Throat) in hindi


गले में खराश को ठीक करे (Sore Throat)



दोस्तो आज हम बात करे गए गले में खराश (Sore Throat) गले की खराश एक ऐसी समस्या है, जो किसी भी मौसम में आपको हो सकती है। आमतौर पर लोग गले की खराश को नजरअंदाज कर देते हैं लेकिन इस पर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो इससे आपको गले में दर्द व खांसी की शिकायत भी हो सकती है। वैसे तो गले में खराश होने पर डॉक्टर के पास जाना पसंद नहीं करते तो चलिए आज हम आपको ऐसे कुछ घरेलू उपाय बताते हैं, जिनकी मदद से आप अपने गले की खराश को बेहद आसानी से दूर कर सकते है। तो दोस्तो चलिए जानते है कैसे ठीक करे

गले में खराश

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1, गले में खराश के कारण

2, गले में खराश के कारण और घरेलु नुस्खे

3, गले में खराश है तो इन घरेलू नुस्खों से मिलेगी 1 घंटे में राहत

4, गले की खराश को ठीक करने के घरेलू उपाय

5, गले की खराश को चुटकियों में सही करती है तुलसी की पत्त्यिां, ऐसे करें प्रयोग

6, गले में खराश के लिए दादी मां के घरेलू उपचार

7, सूखी खांसी, गले की खराश और बंद नाक से छुटकारा दिलाती है 1 इलायची

8, गले की खराश बन न जाए परेशानी

9, गले में इंफैक्शन होने पर न हो परेशान, अपनाएं ये घरेलू नुस्खे

10, गले में खराश की दवा

  गले में खराश के कारण



गले के संक्रमण या खराश की समस्या से आजकल सभी परेशान हैं. जब भी आपको 38 डीग्री सेंटीग्रेट से अधिक बुखार महसूस हो, गले या गर्दन में सूजन हो, निगलने में परेशानी हो या पेट दर्द जैसी समस्या हो तो समझिए कि आपके गले में खराश है. गले में संक्रमण या खराश के कई कारण हो सकते हैं जैसे प्रदूषित हवा, बदलता मौसम, अत्यधिक ठन्डे पदार्थों का सेवन, प्रतिकूल खान-पान आदि. इसलिए ये जरुरी है कि आप अपने गले का ख्याल रखें. इसके लिए इसके कारणों को जानना आवश्यक है. आइए गले में खराश के कारणों को विस्तारपूर्वक जानें.

गले में खराश के कारण

1. सर्दी-जुकाम

गले में खराश का मुख्य कारण है सर्दी जुकाम, एलर्जी और वायरल इन्फेक्शन आदि होता है. कई बार संक्रमित गले के लिए सर्दी-जुकाम भी जिम्मेदार होता है. जब भी आपको सर्दी-जुकाम और इस तरह की समस्या उत्पन्न ह हो तो समझिए कि गले में खराश भी होगी.

2. मोनो न्यूक्लोसिस

मोनो न्युक्लोसिस एक तरह का वाइरल इन्फेक्शन है जिसमें गले में खराश उत्पन्न हो जाती है. ये वायरस लार के द्वारा फैलता है इसलिए इसको ”किसिंग डिज़ीज” भी कहा जाता है. इससे प्रभावित व्यक्ति के छींकने या खांसने से भी ये दूसरे व्यक्ति को हो सकता है. इस बीमारी के लक्षण गले में खराश के अलावा बुखार , सिरदर्द , थकान आदि हो सकते है. ये एक डेढ़ महीने में अपने आप ठीक हो जाते है. किसी भी सार्वजनिक जगहों जैसे कि स्कूल आदि में इसके होने की सम्भावना अधिक होती है.

3. मीज़ल्स के कारण

मीजल्स में आपके गले में खराश, बुखार, कफ़, लाल आँखें, मांसपेशियों में दर्द, नाक बहना और मुँह में सफ़ेद धब्बे हो सकते हैं. पूरे शरीर पर लाल लाल दाने होना इसकी विशेष पहचान है. कई लोग इसे छोटी माता भी कहते हैं. ऐसे मामलों में आपको अन्धविश्वास में न पड़कर किसी चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए. यह छीकने , खांसने आदि से फैलती है. इसके वायरस कई घंटे तक किसी सतह पर जीवित पड़े होते है. यहाँ से किसी दूसरे को आसानी से लग सकते है. एक दूसरे के झूठे गिलास में पानी पीने से या एक ही बर्तन में खाना खाने से दूसरे को हो सकता है.

4. विभिन्न एलर्जी

कई प्रकार के अलग-अलग एलर्जी में भी इस तरह की परेशानी देखने को मिल सकती है. इसमें आपको अचानक से बुखार आ जाना, गले में बहुत खराश, गले में सफ़ेद धब्बे, सिरदर्द, सर्दी लगना, भूख बंद होना, निगलने में परेशानी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. इससे पीड़ित व्यक्ति स्ट्रेप थ्रोट से परेशान रहता है. ये छींकने से खांसने से ये फ़ैल सकता है.

5. डिप्थीरिया

डिप्थीरिया जैसी बीमारियों के कारण भी गले में सक्रमण या खराश की परेशानी उत्पन्न हो सकती है. इसके अलावा हूपिंग कफ के कारण गले में खराश और तेज खांसी होती है जो 2 महीने तक रह सकती है. ऐसी बीमारियों से बचने का उपाय करके आप इससे निपट सकते हैं.

6. मांसपेशियों में खिंचाव

मांसपेशियों में खिंचाव के कारण भी गले में खराश या संक्रमण की समस्याएं देखी जाती हैं. जब भी आपको मांसपेशियों में खिंचाव महसूस हो तो आपको समझना चाहिए कि गले में खराश भी हो सकती है.

गले में खराश के कारण और घरेलु नुस्खे



गले में खराश अक्सर सभी को होती रहती है। खराश होने पर गले में दर्द हो सकता है , चुभन हो सकती है , निगलने में परेशानी हो सकती है, गला सूखा-सूखा लगता है।

कभी कभी पानी पीना भी मुश्किल हो जाता है। गले में देखने पर ललास सी दिखाई देती है और टॉन्सिल पर या गले में सफ़ेद धब्बे नजर आ सकते है।

गले में  खराश किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन बच्चों को , स्मोकिंग करने वालों को ये अधिक होता है। इसके अलावा जिन लोगों की प्रतिरोधक क्षमता कम होती है या जिन लोगों को एलर्जी होती है उन्हें भी गले की ख़राश बार बार हो सकती है।

गले में खराश का कारण

ज्यादातर इसका कारण सर्दी जुकाम , एलर्जी  और वायरल इन्फेक्शन होता है। किसी बेक्टिरिया के कारण भी गले में प्रॉब्लम हो सकती है।

मोनो न्यूक्लोसिस नामक वाइरल इन्फेक्शन के कारण गले में खराश हो जाती है। ये लार के द्वारा फैलता है , इससे प्रभावित व्यक्ति के छींकने या खांसने से भी ये दूसरे व्यक्ति को हो सकता है। इस बीमारी के लक्षण गले में खराश के अलावा बुखार , सिरदर्द , थकान आदि हो सकते है। ये एक डेढ़ महीने में अपने आप ठीक हो जाते है। स्कूल जैसी जगह में इसके होने की सम्भावना अधिक होती है।

मीज़ल्स के कारण गले मे खराश , बुखार , कफ़ , लाल आँखें , मांसपेशियों में दर्द ,नाक बहना ,और मुँह में सफ़ेद धब्बे हो सकते है। पूरे शरीर पर लाल लाल दाने होना इसकी खास पहचान है। इसे छोटी माता के नाम से जाना जाता है। अन्धविश्वास में नहीं पड़ना चाहिए और इसका डॉक्टर से इलाज लेना चाहिए।

मीजल्स छीकने , खांसने आदि से फैलती  है। इसके वायरस कई घंटे तक किसी सतह पर जीवित पड़े होते है। यहाँ से किसी दूसरे को आसानी से लग सकते है। एक दूसरे के झूठे गिलास में पानी पीने से या एक ही बर्तन में खाना खाने से दूसरे को हो सकता है। इसका वेक्सीन लगने से इससे बचाव हो जाता है।

अचानक से बुखार आ जाना , गले में बहुत खराश , गले में सफ़ेद धब्बे , सिरदर्द , सर्दी लगना , भूख बंद होना , निगलने में परेशानी हो तो ये स्ट्रेप थ्रोट के कारण हो सकता है । 5 से 15 साल की उम्र में ये अधिक होता है। छींकने से खांसने से ये फ़ैल सकता है।

डिप्थीरिया नामक बीमारी के कारण भी गले में परेशानी हो सकती है। इसके अलावा हूपिंग कफ के कारण गले में खराश और तेज खांसी होती है जो 2 महीने तक रह सकती है।
उपरोक्त स्थितियां गंभीर होती है ,अतः चिकित्सक की देखरेख में उचित इलाज लेना चाहिए। अन्य स्थितियों में घरेलु उपचार से भी आराम मिल सकता है जो इस प्रकार हैं 

गले की परेशानियों के घरेलु उपाय

ज्यादातर भीड़भाड़ वाली जगह पर से लगने वाले इन्फेक्शन समस्या पैदा करते है। इसलिए ऐसी जगह सतर्क रहें। भीड़ वाली जगह से बचें।

किसी को सर्दी , जुकाम , खाँसी आदि है तो उससे दूरी बना कर रखें या रुमाल द्वारा नाक और मुँह ढ़ककर खुद को इन्फेक्शन से बचाएं। अपने हाथ साबुन से बार बार धोएं। हाथों को अपने चेहरे से दूर रखें। फिर भी इन्फेक्शन लग जाये तो ये उपाय करें।

—  एक कप  दूध में चौथाई चम्मच सौंठ का चूर्ण और चौथाई चम्मच हल्दी मिलाकर उबाल लें। इसे छानकर गुनगुना पीने से गले की हर प्रकार की तकलीफ में आराम आ जाता है।

— टॉन्सिल में इन्फेक्शन के कारण गले में दर्द और निगलने में परेशानी हो तो आधा चम्मच हल्दी , आधा चम्मच सेंधा नमक और आधा चम्मच कुटी हुई वायविडंग ये तीनो चीजें दो गिलास पानी में डालकर दस मिनट उबालें।

इसे छानकर इस गुनगुने पानी से रात को सोते समय गरारे करें। इसी प्रकार एक बार सुबह भी गरारे करें। कुछ ही दिन में टॉन्सिल ठीक हो जाते है।

—  फिटकरी को तवे पर गर्म करके फुला लें ठंडा होने पर इसे पीस लें। आधा चम्मच ये फिटकरी  एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर गरारे करें। दिन में तीन चार बार इस तरह गरारे करने से गले की सूजन ,गले का दर्द आदि ठीक होते है। गले में गाढ़ा कफ जमा हो तो वो निकल जाता है।

गले के टॉन्सिल में दर्द या चुभन खत्म होती है। गले के अंदर छाले हो गए हो तो वो भी ठीक होते है।

—  एक कप दूध में चौथाई छोटा चम्मच हल्दी डालकर उबाल ले। इसे छानकर इसमें  स्वाद के अनुसार  एक चम्मच  मिश्री या शक्कर मिलाकर गुनगुना पियें। एक बार सुबह और एक बार रात को सोते समय लें। इससे गले की खराश में बहुत आराम मिलेगा।

—  दो गिलास पानी में दो चम्मच अजवायन डालकर दस मिनट उबालें। इसे छान लें।इस गुनगुने पानी में थोड़ा सा नमक मिलाकर सुबह और रात को सोते समय गरारे करें। इससे गले में दर्द और सूजन आदि में तुरंत आराम आ जाता है। सर्दी के कारण गले में दर्द ठीक होता है।

—  साबुत धनिया पीस लें। आधा चम्मच पिसा धनिया और आधा चम्मच पिसी मिश्री मिला लें। थोड़ा-थोड़ा करके बार-बार इसे चबा कर चूसने से गले की खराश में आराम मिलता है।

—  गरम खाने के तुरंत बाद ठंडा पानी पीने से गले में चुभन हो तो मुलहठी का चूर्ण मुँह में रखकर चूसने से आराम मिलता है। पान में मुलहठी का चूर्ण डालकर चूसने से भी गला साफ होता है।

—  सर्दी जुकाम की वजह से गले में आवाज दब गई हो या बोलने मे परेशानी हो रही हो तो रात को सोते समय एक बताशा और दो तीन काली मिर्च साथ में चबा चबा कर रस चूसते हुए खाएँ। ऐसे तीन चार बताशे खाएं। इससे गला एकदम खुल जाता है।

—  आधा चम्मच अदरक का रस और आधा चम्मच शहद मिलाकर दिन में तीन बार चूसने से गले की खराश , खांसी आदि ठीक होते है।

—  एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच नमक मिलाकर गरारे करने से गले की खराश , गले में दर्द , गले में चुभन आदि में आराम मिलता है। दिन में तीन चार बार गरारे करने चाहिए।
यदि गले में खराश 7 -8 दिन से ज्यादा रहे और साथ में बुखार , जोड़ों में दर्द या साँस लेने में परेशानी आदि भी हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

गले में खराश है तो इन घरेलू नुस्खों से मिलेगी 1 घंटे में राहत



खराश टॉन्सिल या गंभीर संक्रमण की वजह से भी हो सकती है।सर्दियों में अक्सर गले में खराश हो जाती है।खराश होने पर बोलने में तकलीफ होती है।

मौसम में बदलाव के साथ शरीर में कई परिवर्तन आते हैं। गले में खराश भी ऐसी ही एक समस्या है जो सर्दियों में अक्सर हो जाती है। खराश गले में संक्रमण के कारण होती है और ये संक्रमण वायरस, बैक्टीरिया या फंगल इंफेक्शन के कारण होता है। लेकिन बदलते मौसम का प्रभाव समझकर खराश को आम परेशानी मानना कई बार खतरनाक हो सकता है 

क्योंकि गले में खराश टॉन्सिल या गले के किसी गंभीर संक्रमण की वजह से भी हो सकता है। खराश होने पर बोलने में तकलीफ होती है और गले में चुभन के साथ खिंचाव सा महसूस होता है। गले में खराश को इन घरेलू नुस्खों द्वारा आसानी से ठीक किया जा सकता है।

गुनगुने पानी के गरारे

गले में खराश की वजह से सांस की झिल्ली की मांसपेशियों में सूजन आ जाती है। इस सूजन को कम करने के लिए और गले के दर्द में राहत के लिए आप गुनगुने पानी में नमक मिलाकर इसका गरारा कर सकते हैं। नमक-पानी का ये गरारा सूजन को तुरंत खत्म करेगा और जल्द ही आपको राहत महसूस होगी। दिन में तीन-चार बार गरारा करने पर खराश ठीक हो जाती है।

अदरक वाली चाय

अदरक में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं साथ ही इसकी तासीर भी गर्म होती है इसलिए ये इंफेक्शन को खत्म करता है और दर्द को खत्म करता है। खराश के लिए आप अदरक, इलायची और काली मिर्च की चाय बना लें और दिन में दो बार पियें। इससे गले के वायरस और बैक्टीरिया खत्म हो जाएंगे और सूजन भी दूर होगी। सर्दियों में इस चाय को पीने से आप ठंड के प्रकोप से भी बचे रहेंगे।

शहद

शहद गले के खराश के लिए अच्छा माना जाता है क्योंकि इसके एंटीबैक्टीरियल गुणों के कारण ये गले में मौजूद वायरस और बैक्टीरिया को खत्म कर देता है। इसके लिए आप डेढ़ कप पानी में कुछ टुकड़े अदरक के मिलाकर उबाल लीजिए और फिर इसे छानकर इसमें एक चम्मच शहद मिला लीजिए। इसे दिन में दो-तीन बार पीने से गले में खराश की समस्या बिल्कुल ठीक हो जाएगी।

लहसुन

लहसुन गुणों की खान है। इसमें भी एंटीसेप्टिक और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। लहसुन में एलिसिन होता है जो शरीर में मौजूद हानिकारक वायरस और बैक्टीरिया को खत्म करता है। गले की खराश हो तो सुबह कच्चे लहसुन के छोटे-छोटे टुकड़े करके इसे पानी से निगल लें, खराश ठीक हो जाएगी। इसके अलावा आप लहसुन को सरसों के तेल में भूनकर भी खा सकते हैं। ये सर्दी-जुकाम में भी फायदेमंद है।

खान-पान में बरतें सावधानी

गले में खराश हो तो खान-पान में हमें थोड़ी सावधानी बरतनी चाहिए वर्ना गले में मौजूद वायरस से गले की कई और बीमारियों का खतरा हो जाता है।

ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थों का सेवन कीजिए।धूम्रपान और तंबाकू वाले पदार्थों का सेवन बंद कर दीजिए।मिर्च-मसाले वाले भोजन से परहेज करें।ठंडा पानी न पियें और ठंडी चीजें न खाएं।अगर खराश तीन दिन में इन उपायों से न ठीक हो तो डॉक्टर से संपर्क करें क्योंकि ये टॉन्सिल या गले की किसी और संक्रामक बीमारी का भी संकेत हो सकता है

गले की खराश को ठीक करने के घरेलू उपाय ।



सर्दी जुखाम होने के बाद गले की खराश बहुत ही असुविधाजनक और दर्द देने वाली होती है गले में इंफेक्शन के मुख्य लक्षण गले में दर्द और जलन के साथ-साथ गले में खराश का बनना होता है आज हम आपको गले की खराश को ठीक करने के घरेलू उपाय बताने वाले है|

गले में खराश और इन्फेक्शन होने पर जब हम किसी चीज को निगलने की कोशिश करते हैं तो गले में दर्द और जलन अधिक होती है|

जब हमारे शरीर में वायरस या बैक्टीरिया द्वारा किसी प्रकार का संक्रमण हो जाता है तो हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली उसे ठीक करने के लिए प्रतिक्रिया करती है जिसके कारण हमें गले में खराश होती है|

गले में खराश के लक्षण

गर्दन में सूजन का होना गले में दर्द होना किसी चीज को निगलने की कोशिश करने पर गले में दर्द और जलनगले में खराश होने पर गले की झिल्ली में सूजन हो सकती हैनिगलने में कठिनाई भूख ना लगना

आज हम आपको कुछ ऐसे घरेलू उपाय बताने वाले हैं जो आपके गले की खराश को जल्दी ही ठीक कर देंगे आइए जानते हैं गले की खराश को ठीक करने के घरेलू उपाय के बारें में

गले की खराश को ठीक करने के घरेलू उपाय


गले की खराश को ठीक करने का घरेलू उपाय है नमक के पानी से गरारे करना

गरम नमक के पानी से गरारे करना गले की खराश को ठीक करने के लिए सबसे अधिक उपयोगी घरेलू उपाय में से एक माना जाता है नमक के पानी से गरारे करने पर गले के दर्द को और गले की सूजन को कम किया जा सकता है यह गले के बैक्टीरिया को मारने में मदद करता है|

गरारे करने के लिए आप एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच नमक को मिलाकर इस से 5 मिनट के लिए गरारे करें और फिर उसी पानी से कुल्ला कर लें इस तरीके को हर 3 घंटे में एक बार दोहराएं, इस तरह आप गले की खराश को जल्दी ही ठीक कर लेंगे|

गले की खराश को ठीक करने का घरेलू उपाय है शहद

शहद का उपयोग गले की खराश को ठीक करने के लिए पुराने समय से चला आ रहा हैं शहद को आप सीधे ही उंगली में लेकर चाट सकते हैं या फिर विभिन्न प्रकार की चाय में शक्कर के स्थान पर शहद का उपयोग कर इसका फायदा लिया जा सकता है कई अध्ययनों में पाया गया है कि शहद सामान्य खांसी को दूर करने और गले के दर्द को कम करने में प्रभावी होता है शहद के गुण घाव भरने वाले होते हैं इसलिए यह गले में हुई सूजन और दर्द को ठीक करने मैं आपकी मदद कर सकता है|

गले की खराश को ठीक करने का घरेलू उपाय है मुलेठी

 मुलेठी का उपयोग लंबे समय से गले की खराश और दर्द को ठीक करने के लिए किया जाता रहा है अध्ययन से पता चला है कि मुलेठी की जड़ को पानी के साथ मिलाकर घोल तैयार किया जाता है और इस से गरारे करने पर गले में बहुत जल्दी आराम मिल जाता है|


गर्भवती महिलाओं और दूध पिलाने वाली महिलाओं (pregnant and breastfeeding) को इस उपाय से बचना चाहिए

गले की खराश को दूर करने का घरेलू उपाय है मेथी

मेथी का उपयोग विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के लिए हर घर में किया जाता है आप गले के संक्रमण को ठीक करने के लिए मेथी के बीज को खा सकते हैं और मेथी की चाय का उपयोग कर सकते हैं

शोध से पता चला है कि मैथी में दर्द से छुटकारा दिलाने की शक्ति होती है और यह बैक्टीरिया को मारती है इसके एंटी फंगल गुण गले की सूजन और जलन को कम करते है
किंतु गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन करने से बचना चाहिए|

गले की खराश को ठीक करने का घरेलू उपाय है लहसुन

लहसुन में प्राकृतिक जीवाणुरोधी गुण होते हैं लहसुन में पाया जाने वाला है allicin जो कि organosulfre योगिक है संक्रमण से लड़ने की क्षमता रखता है

अध्ययनों से पता चला है कि नियमित रूप से लहसुन को अपने खाने में यूज करने से वायरस से होने वाली आम सर्दी को रोकने में मदद मिलती है क्योंकि  लहसुन मैं रोगाणुरोधी गुण पाए जाते हैं लहसुन का उपयोग खाने में ताजा लहसुन की पोथी को छीलकर कच्चा ही किया जा सकता है इसके अलावा आप लहसुन की पोथी को तेल में सेक कर भी खा सकते हैं और अपने गले की खराश (sore throat) को ठीक कर सकते हैं|

गले की खराश को ठीक करने का घरेलू उपाय है बेकिंग सोडा

जैसा की हमने आपको ऊपर बताया कि आप गले की खराश को ठीक करने के लिए नमक के पानी से गरारे कर सकते हैं उसी नुक्से को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए आप नमक के पानी के साथ बेकिंग सोडा को मिला सकते हैं जिससे आप को गले के दर्द और खराश से राहत मिल जाएगी|

इस उपाय को करने से गले के अंदर खराश उत्पन्न करने वाले जीवाणुओं को मारने में सहायता प्राप्त होती है और यह फंगल इंफेक्शन को भी कम करता है|

एक कप गर्म पानी मैं एक चौथाई बेकिंग सोडा और एक बटे आठ हिस्सा नमक को मिलाएं और प्रत्येक 3 घंटे के अंतराल में कुल्ला करने के लिए इसका उपयोग करें|

गले की खराश को ठीक करने का घरेलू उपाय है नारियल तेल

नारियल तेल में कई स्वास्थ्य लाभ पाए जाते हैं नारियल का तेल का उपयोग हर घर में किया जाता है इसका उपयोग भोजन के रूप में भी किया जाता है कई अध्ययन से पता चला है कि नारियल के तेल में संक्रमण से लड़ने की क्षमता होती है और सूजन को कम करने और दर्द को दूर करने के लिए नारियल का तेल का उपयोग किया जाता है|

गले के संक्रमण को ठीक करने के लिए नारियल का तेल बहुत ही उपयोगी है क्योंकि यह गले की श्लेष्मा झिल्ली को चिकनाई प्रदान करने का कार्य करता है जिससे आप को गले की खराश को दूर करने में सहायता प्राप्त होती है
गले की खराश दूर करने के लिए एक चम्मच नारियल के तेल (Coconut oil) को गर्म कर एक चम्मच सूप में मिक्स कर लें और उसकी एक चम्मच खुराक को अपने मुंह में ले और अपने मुंह में तब तक रखें जब तक वह पूरी तरह से पिघल जाए और फिर इसे निगल लें|

प्रतिदिन लगभग 2 चम्मच (30 मिलीलीटर) तक नारियल के तेल का सेवन किया जा सकता है नारियल के तेल का सेवन खाने के रूप में उच्च मात्रा में नहीं करना चाहिए|

गले पर नारियल के तेल का बहुत ही अच्छा असर देखने को मिलता है जिससे आपको गले के संक्रमण से लड़ने में मदद मिलती है आप सीधे ही दो चम्मच लगभग 30 मिलीलीटर प्रति दिन के लिए सादा नारियल का तेल या फिर किसी तरल पेय के साथ इसका उपयोग कर सकते है|

गले की खराश को ठीक करने का घरेलू उपाय है हल्दी वाला दूध

एक अन्य उपाय जो आपके गले की खराश को बड़े आसानी से दूर कर सकता है वह है हल्दी वाला दूध, क्योंकि हल्दी वाले दूध का उपयोग सदियों से किया जा रहा है हल्दी में एंटी फंगल (Anti fungal) एंटीबैक्टीरियल (Anti Bacterial) प्रॉपर्टी होती हैं जो कि गले की खराश और दर्द को दूर कर सकती है हल्दी में सूजन करने कम करने वाले गुण होते हैं जो आपके गले की सूजन और दर्द में जल्द ही राहत प्रदान करने का कार्य करती है क्योंकि हल्दी को आयुर्वेद में नेचुरल एंटी बायोटिक्स के रूप में उपयोग किया जाता है|

गले के संक्रमण से बचने के उपाय

गले के संक्रमण से बचने के लिए ऐसे लोगों से दूर रहें जो इस तरह की संक्रामक बीमारी से ग्रस्त हैंयदि आप को गले का संक्रमण हुआ है तो आपको अपने हाथों को और अपने आप को साफ रखना चाहिएअपने इस्तेमाल की सारी वस्तुओं जैसे कि नहाने का टावल, कपड़े, चादर को अलग रखें और उन्हें केवल आप ही उपयोग करेंधुएं बाले स्थान से बचें साथ ही साथ मसालेदार और अम्लीय खाना खाने से बचें

गले की खराश को चुटकियों में सही करती है तुलसी की पत्त्यिां, ऐसे करें प्रयोग



तुलसी एक औषधि है जो स्‍वास्‍थ्‍यवर्द्धक गुणों से भरपूर है। यह दिल की बीमारी, संक्रमण, जुकाम आदि में गुणकारी है।श्‍वांस की बीमारी, गुर्दे की पथरी के उपचार के लिए इसे खायें।
तुलसी में कई औषधीय गुण होते हैं। हृदय रोग हो या सर्दी जुकाम, भारत में सदियों से तुलसी का इस्तेमाल होता चला आ रहा है। और क्या-क्या हैं तुलसी की खूबियां, आइये डालते हैं एक नजर। 

सर्दी जुकाम में लाभप्रद

सर्दी जुकाम होने पर तुलसी की पत्तियों को चाय में उबालकर पीने से राहत मिलती है। तुलसी का अर्क तेज बुखार को कम करने में भी कारगर साबित होता है। करीब सभी कफ सीरप को बनाने में तुलसी का इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी की पत्तियां कफ साफ करने में मदद करती हैं। तुलसी के कोमल पत्तों को चबाने से खांसी और नजले से राहत मिलती है।

गले की खराश

चाय की पत्तियों को उबालकर पीने से गले की खराश दूर हो जाती है। इस पानी को आप गरारा करने के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं। बच्चों में बुखार, खांसी और उल्टी जैसी सामान्य समस्याओं में तुलसी बहुत फायदेमंद है। 

श्वास की समस्या

श्वास संबंधी समस्याओं का उपचार करने में तुलसी खासी उपयोगी साबित होती है। शहद, अदरक और तुलसी को मिलाकर बनाया गया काढ़ा पीने से ब्रोंकाइटिस, दमा, कफ और सर्दी में राहत मिलती है। नमक, लौंग और तुलसी के पत्तों से बनाया गया काढ़ा इंफ्लुएंजा (एक तरह का बुखार) में फौरन राहत देता है।



गुर्दे की पथरी

तुलसी गुर्दे को मजबूत बनाती है। यदि किसी के गुर्दे में पथरी हो गई हो तो उसे शहद में मिलाकर तुलसी के अर्क का नियमित सेवन करना चाहिए। छह महीने में फर्क दिखेगा।

हृदय रोग

तुलसी खून में कोलेस्ट्राल के स्तर को घटाती है। ऐसे में हृदय रोगियों के लिए यह खासी कारगर साबित होती है।

तनाव

तुलसी की पत्तियों में तनाव रोधीगुण भी पाए जाते हैं। हाल में हुए शोधों से पता चला है कि तुलसी तनाव से बचाती है। तनाव को खुद से दूर रखने के लिए कोई भी व्यक्ति तुलसी के 12 पत्तों का रोज दो बार सेवन कर सकता है।

संक्रमण और त्वचा रोग

अल्सर और मुंह के अन्य संक्रमण में तुलसी की पत्तियां फायदेमंद साबित होती हैं। रोजाना तुलसी की कुछ पत्तियों को चबाने से मुंह का संक्रमण दूर हो जाता है। दाद, खुजली और त्वचा की अन्य समस्याओं में तुलसी के अर्क को प्रभावित जगह पर लगाने से कुछ ही दिनों में रोग दूर हो जाता है। नैचुरोपैथों द्वारा  ल्यूकोडर्मा का इलाज करने में तुलसी के पत्तों को सफलता पूर्वक इस्तेमाल किया गया है।

सांसों की दुर्गध


तुलसी की सूखी पत्तियों को सरसों के तेल में मिलाकर दांत साफ करने से सांसों की दुर्गध चली जाती है। पायरिया जैसी समस्या में भी यह खासा कारगर साबित होती है। सिर के दर्द में तुलसी एक बढि़या दवा के तौर पर काम करती है। तुलसी का काढ़ा पीने से सिर के दर्द में आराम मिलता है। आंखों की जलन में तुलसी का अर्क बहुत कारगर साबित होता है। रात में रोजाना श्यामा तुलसी के अर्क को दो बूंद आंखों में डालना चाहिए।


गले में खराश के लिए दादी माँ के घरेलू उपचार



गला खराब होना या गले में खराश के कई कारण हो सकते हैं।गुनगुने पानी में नमक मिला कर दिन में दो-तीन बार गरारे करें।गला बंद होने पर सुबह-सुबह सौंफ चबाने से गला खुल जाता है।गुनगुने पानी में सिरका डालकर गरारे करने से भी गला ठीक होता है।

गला खराब होना या गले में खराश रहना एक आम समस्या है। इसके कई कारण हो सकते हैं। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं गले की खराश या गले की किसी अन्य सामान्य समस्या से घर बैठे इलाज करने के तरीके।

बदलता मौसम, प्रदूषित हवा, गलत खान-पान, अधिक ठंडे पदार्थ खाना-पीना और किसी बीमार व्यक्ति के सम्पर्क में रहने से गले में खराश और दर्द होने की समस्या पैदा होती है। अपने गले का ध्यान रखना बहुत जरूरी है नहीं तो इसके कारण अन्य समस्याएं पैदा हो सकती हैं। आइए हम आप को बताते है कुछ सरल घरेलू उपाय जिनको अपना कर आप अपने गले की देखभाल कर सकते हैं।

गले के लिए घरेलू उपचार

गुनगुने पानी में नमक मिला कर दिन में दो-तीन बार गरारे करें। गरारे करने के तुरन्त बाद कुछ ठंडा न लें। गर्म चाय या गुनगुना पानी पिएं जिससे गले को आराम मिलेगा।कच्चा सुहागा आधा ग्राम मुंह में रखें और उसका रस चुसते रहें। दो तीन घण्टों मे ही गला बिलकुल साफ हो जाएगा।सोते समय एक ग्राम मुलहठी की छोटी सी गांठ मुख में रखकर कुछ देर चबाते रहे। फिर मुंह में रखकर सो जाए। सुबह तक गला साफ हो जायेगा। मुलहठी चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर लिया जाय तो और भी अच्छा रहेगा। इससे सुबह गला खुलने के साथ-साथ गले का दर्द और सूजन भी दूर होती है।रात को सोते समय सात काली मिर्च और उतने ही बताशे चबाकर सो जायें। बताशे न मिलें तो काली मिर्च व मिश्री मुंह में रखकर धीरे-धीरे चूसते रहने से बैठा गला खुल जाता है।जिन व्यक्तियों के गले में निरंतर खराश रहती है या जुकाम में एलर्जी के कारण गले में तकलीफ बनी रहती है, वह सुबह-शाम दोनों वक्त चार-पांच मुनक्का के दानों को खूब चबाकर खा लें, लेकिन ऊपर से पानी ना पिएं। दस दिनों तक लगातार ऐसा करने से लाभ होगा।


1 कप पानी में 4-5 कालीमिर्च एवं तुलसी की थोंडी सी पत्तियों को उबालकर काढ़ा बना लें और इस काढ़े को पी जाए।रात को सोते समय दूध और आधा पानी मिलाकर पिएं। गले में खराश होने पर गुनगुना पानी पिएं।गुनगुने पानी में सिरका डालकर गरारे करने से भी गले के रोग दूर हो जाते है।पालक के पत्तों को पीसकर इसकी पट्टी बनाकर गले में बांधे। इस पट्टी को 15-20 मिनट के बाद खोल दें। इससे भी आराम मिलता है।काली मिर्च को 2 बादाम के साथ पीसकर सेवन करने से गले के रोग दूर हो जाते हैं।पानी में 5 अंजीर को डालकर उबाल लें और इसे छानकर इस पानी को गर्म-गर्म सुबह और शाम को पीने से खराब गले में लाभ होता है।गले में खराश होने पर सुबह-सुबह सौंफ चबाने से बंद गला खुल जाता है।


इन सब घरेलू उपायों को अपनाकर आप भी अपने गले की समस्याओं का इलाज घर पर ही कर सकते हैं। लेकिन यदि कोई समस्या काफी समय तक ठीक नहीं होती तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर उचित इलाज कराएं।


सूखी खांसी, गले की खराश और बंद नाक से छुटकारा दिलाती है 1 इलायची



इलायची है जो गले में दर्द और खराश को कम करने में मदद के लिए जानी जाती हैइलाएची से निकलने वाला तेल एक उपयोगी उत्तेजक है, यह एंटीसेप्टिक होता हैगले की खराश और सर्दी का मुख्‍य कारण आंतों में जमा विषाक्‍त पदार्थ है
बदलते मौसम में लोग गले में खराश या सूखी खांसी और बंद नाक से परेशान हैं। हालांकि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि ये बीमारियां कितनी बार होती हैं, खाना निगलने में परेशानी, बार-बार छींक आना, सिर में दर्द आदि समस्‍याएं चलती रहती हैं, लेकिन इसका समाधान जरूरी है। भारतीय रसोई घरों में आमतौर पर उपलब्ध कुछ सामग्री लंबे समय तक चलने वाली राहत लाने के लिए जानी जाती है। इनमें से इलायची है जो गले में दर्द और खराश को कम करने में मदद के लिए जानी जाती है। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं इलायची को किस प्रकार से इन समस्‍याओं के समाधान के तौर पर प्रयोग कर सकते हैं। 


सर्दी और खांसी में इलायची कैसे है मददगार

दरअसल, इलाएची से निकलने वाला तेल एक उपयोगी उत्तेजक है, यह एंटीसेप्टिक होता है जो पाचन तंत्र को सही रखने में मदद करता है गले, सर्दी और खांसी को और अधिक ठीक करता है। गले की खराश और सर्दी का मुख्‍य कारण आंतों में जमा विषाक्‍त पदार्थ है, इससे इम्‍यून सिस्‍टम प्रभावित होता है। इसलिए इलायची का सेवन पाचन समस्‍याओं को समाप्‍त करने के लिए किया जाता है। इलाइची में कई पौधे व्युत्पन्न अल्कोलोइड होते हैं जो उनके शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाले गुणों के लिए जाने जाते हैं। इसके इंटी-इंफ्लामेट्री गुण दर्द और सूजन को कम करते हैं, खासकर म्‍यूकस मेंबरेन या श्लेष्म झिल्ली के अलवा मुंह और गले की सूजन को खत्‍म करते हैं।  

कफ और खांसी के लिए घरेलू नुस्‍खा

एक चुटकी इलायची पाउडर, एक चुटकी सेंधा नमक, एक चम्‍मच देसी घी और आधा चम्‍मच शहद को लेकर अच्‍छी तरह से मिक्‍स कर लीजिए। इसके बाद इसका सेवन कर सकते हैं। यह मिश्रण खांसी से तत्काल राहत प्रदान करने के लिए जाना जाता है। 

सूखी खांसी के लिए घरेलू उपचार 

आयुर्वेदिक विशेषज्ञ के अनुसार हरी इलायची और लौंग का मिश्रण अच्‍छा विकल्‍प हो सकता है। यह आपके फेफड़ों को प्रभावित करने वाले प्रदूषण और धूल के कणों के कारण गले में होने वाली जलन से बचाता है। ये दोनों अवयव एंटीऑक्सीडेंट युक्‍त होते हैं, जो प्रदूषण के जहरीले प्रभाव को निष्क्रिय करते हैं। 



गले की खराश के लिए घरेलू उपचार

पानी में एक इलायची को डाल दीजिए और पानी को गुनगुना कर लीजिए। इससे सुबह और शाम गरारा करने से गले की खराश दूर हो जाती है।  

खांसी और जकड़न में घरेलू उपचार

इलायची और मिश्री को 3:1 अनुपात में लें और इनका पाउडर बना लें। प्रभावी परिणामों को देखने के लिए दिन में कम से कम दो से तीन बार पानी के साथ इस मिश्रण को 1-1 चम्‍मच लीजिए।  

जुकाम के लिए घरेलू नुस्‍खे 

यदि आप सर्दी और जुकाम से परेशान हैं तो आपके लिए एक कप गर्म चाय इलायची वाली फायदेमंद साबित हो सकती है। इलायची वाली चाय में अवरुद्ध श्लेष्म झिल्ली ठीक करती है। सर्दी और जुकाम ठीक करने में मदद मिलती है। 

गले की खराश बन न जाए परेशानी



क्या आपके गले में हमेशा खराश बनी रहती है? इसे हल्के में न लें। मौसम का बदलाव या सर्द-गर्म की वजह से इसे एक आम परेशानी न समझें। गले की खराश टॉन्सिल या गले का गंभीर संक्रमण भी हो सकता है। कैसे निबटें इस परेशानी से, बता रही हैं मृदुला भारद्वाज

मौसम बदलते ही गले में खराश होना आम बात है। इसमें गले में कांटे जैसी चुभन, खिचखिच और बोलने में तकलीफ जैसी समस्याएं आती हैं। ऐसा बैक्टीरिया और वायरस के कारण होता है। कई बार गले में खराश की समस्या एलर्जी और धूम्रपान के कारण भी होती है। गले के कुछ संक्रमण तो खुद-ब-खुद ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन कुछ मामलों में इलाज की ही जरूरत पड़ती है। आमतौर पर लोग गले की खराश को आम बात समझ कर इस समस्या को अनदेखा कर देते हैं। लेकिन गले की किसी भी परेशानी को यूं ही नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ये गंभीर बीमारी का रूप ले सकती है।

टॉन्सिल्स 

गले में खराश गले का इंफेक्शन है, जिसमें गले से कर्कश आवाज, हल्की खांसी, बुखार, सिरदर्द, थकान और गले में दर्द खासकर निगलने में परेशानी होती है। हमारे गले में दोनों तरफ टॉन्सिल्स होते हैं, जो कीटाणुओं, बैक्टीरिया और वायरस को हमारे गले में जाने से रोकते हैं, लेकिन कई बार जब ये टॉन्सिल्स खुद ही संक्रमित हो जाते हैं, तो इन्हें टॉन्सिलाइटिस कहते हैं। इसमें गले के अंदर के दोनों तरफ के टॉन्सिल्स गुलाबी व लाल रंग के दिखाई पडम्ते हैं। ये थोड़े बड़े और ज्यादा लाल होते हैं। कई बार इन पर सफेद चकत्ते या पस भी दिखाई देता है। वैसे तो टॉन्सिलाइटिस का संक्रमण उचित देखभाल और एंटीबायोटिक से ठीक हो जाता है, लेकिन इसका खतरा तब अधिक बढ़ जाता है, जब यह संक्रमण स्ट्रेप्टोकॉक्कस हिमोलिटीकस नामक बैक्टीरिया से होता है। तब यह संक्रमण हृदय एवं गुर्दे में फैलकर खतरनाक बीमारी को जन्म दे सकता है।

एडीनॉयड

एडीनॉयड अर्थात् नाक के पीछे होने वाले टॉन्सिल्स। एंडीनॉयड में संक्रमण होने पर बुखार, सर्दी, नाक एवं गले से कफ आना या खांसी हो सकती है। ऐसे में रात में सांस लेने में तकलीफ होती है। इसमें मुंह खुला रहता है और कई बार खर्राटे भी आने लगते हैं। एडीनॉयड संक्रमण होने पर कान की बीमारियां हो जाती हैं क्योंकि नाक और कान को जोड़ने वाली नली बंद हो जाती है और कान के परदे के पीछे पानी इकट्ठा होने लगता है। कभी-कभी परदे में छेद होकर मवाद बाहर बहने लगती है। इससे सुनने की क्षमता कम हो जाती है।

लक्षण


गले में दर्द रहना और सूजन आना

बुखार

बोलने में परेशानी होना

टॉन्सिल्स पर पीले या सफेद दाग होना

खांसी और सांस में बदब

उपचार

ईएनटी विशेषज्ञ डॉं रमेश गले की खराश के बारे में कहते हैं कि आमतौर पर गले की खराश कोल्ड और फ्लू के वायरस के कारण ही होती है। गले के छोटे संक्रमण तो कई बार खुद ही दूर हो जाते हैं। लेकिन स्ट्रेन्टोकॉक्कस जैसे संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक्स और दर्द निवारक दवाएं लेना बहुत जरूरी होता है। इसके अलावा बैक्टीरिया या वायरस आदि को बढ़ने से रोकने के लिए कुछ उपचार हैं-

गले की नमी बनाए रखने के लिए पानी और जूस जैसे तरल पदार्थ को खूब पिएं।

हलवा, जई (ओट्स) और सूप जैसी नर्म चीजें खाएं-पिएं।

पेरासिटामोल या आई ब्रूफिन को आराम आने तक डॉक्टर द्वारा बताए गए निर्धारित समय पर लेते रहें।

नमक के गुनगुने पानी से गरारे करें। इससे गले में आराम मिलेगा।

गंभीर संक्रमण की स्थिति में जब कुछ दिनों में आराम न हो, तब ही एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं।

जब गले में खराश फंगस की वजह से हो, तभी एंटी-फंगल दवाएं दी जाती हैं।

अदरक, इलायची और काली मिर्च वाली चाय गले की खराश में बेहद आराम पहुंचाती है। साथ ही इस चाय में जीवाणुरोधक गुण भी हैं। इस चाय को नियमित रूप से पीने से गले को आराम मिलता है और खराश दूर होती है। 

धूम्रपान न करें और ज्यादा मिर्च-मसाले वाला भोजन न लें।

सेलाइन नेसल स्प्रे और हयूमिडिफर नाक में नमी बनाए रखने हैं और रुके हुए कफ को हटाने में भी मदद करते हैं। 

खान-पान में विशेष तौर पर परहेज बरतें। फ्रिज का ठंडा पानी न पिएं, न ही अन्य ठंडी चीजें खाएं। एहतियात ही इस परेशानी का हल है।

कारण 

ईएनटी विशेषज्ञ डॉं रमेश ठाकुर के अनुसार गले का संक्रमण आमतौर पर वायरस और बैक्टीरिया के कारण होता है। इसके अलावा फंगल इंफेक्शन भी होता है, जिसे ओरल थ्रश कहते हैं। किसी खाने की वस्तु, पेय पदार्थ या दवाइयों के विपरीत प्रभाव के कारण भी गले में संक्रमण हो सकता है। इसके अलावा गले में खराश की समस्या अनुवांशिक भी हो सकती है। खानपान में त्रुटियां जैसे ठंडे, खट्टे, तले हुए एवं प्रिजर्वेटिव खाद्य पदार्थों को खाने और मुंह व दांतों की साफ-सफाई न रखने के कारण भी गले में सक्रमण की आशंका कई गुना बढ़ जाती है।

   गले में इंफैक्शन होने पर न हो परेशान, अपनाएं ये घरेलू नुस्खे



मौसम में आए बदलाव, सर्द-गर्म व गलत खान-पान की वजह से गले से जुड़ी इंफैक्शन होना आम सी बात है। कई बार इस इंफैक्शन का कारण एलर्जी व धूम्रपान भी हो सकते हैं। यह इंफैक्शन गले में चुंभन-सूजन, खराश, कर्कश भरी आवाज, हल्की खांसी के साथ दर्द व खाने की परेशानी भी दे सकती है। संक्रमण होने पर खराश की परेशानी सबसे पहले होती है जो बाद में आवाज का भारीपन व दर्द आदि की समस्या पैदा करती है। दरअसल, हमारे गले के दोनों तरफ टॉन्सिल्स होते हैं 

जो कीटाणुओं, बैक्टीरिया व वायरस से गले को बचाते हैं लेकिन जब ये टॉन्सिल्स खुद संक्रमित हो जाते हैं तो ऐसी दिक्कतें आनी शुरू हो जाती हैं जिसे टॉन्सिलाइटिस कहते हैं। वैसे तो एंटीबायोटिक व सहीं देखभाल से संक्रमण ठीक हो जाता है लेकिन सही देखभाल ना होने पर यह समस्या बढ़कर गंभीर रूप भी ले सकती है।

दवा के उपचार के साथ अगर आप कुछ परहेज करेंगे तो गले की इंफैक्शन में राहत जल्दी मिलेगी। वहीं, अगर आप मौसम के अनुसार अपना खान-पान सहीं रखेंगे तो इंफैक्शन से बचा भी जा सकता है और अगर इंफैक्शन के शिकार हो गए हैं तो सहीं टिप्स अपनाकर इससे राहत भी पाई जा सकती है। 

इंफैक्शन होने पर अपनाएं नुस्खें

गले की खराश और आवाज का भारीपन, सर्दी-जुकाम होने का पहला लक्षण है इसलिए तुरंत टिप्स अपनाकर कोल्ड कफ की तकलीफ से बचा जा सकता है।

- गर्म पानी के गरारे

खराश की परेशानी होते ही तुरंत गरारे करें। एक गिल्स गर्म पानी में 2 चुटकी नमक डालें और इस पानी से रोजाना दिन में 3 से 4 बार गरारे करें। खराश की समस्या ठीक होगी और इंफैक्शन भी यहीं खत्म हो जाएगा। 

-विटामिन सी

विटामिन सी इम्युन सिस्टम को स्ट्रांग करता है, जिससे इस तरह का इंफैक्शन जल्दी शरीर को नहीं जकड़ पाता। हवा में फैल संक्रमण फैलना व खान-पान में गड़बड़ी ही गला खराब होने की मुख्य वजहें हैं इसलिए प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखें। विटामिन सी खट्टे फलों में भरपूर होता है। संतरा इनमें से सबसे बेस्ट है। इस बात का ध्यान रखें कि संतरे का सेवन दोपहर के समय करें।

- इमली

इमली में भी विटामिन सी भरपूर होता है। खराश होने पर इमली के पानी से कुल्ला करें। ध्यान रखें कि आपको इमली के पानी के सिर्फ गरारे करने से इसे पीना नहीं है। 

- हल्दी और दूध

रात को सोने से पहले 1 गिलास गर्म दूध में 1 टीस्पून हल्दी और चुटकी भर काली मिर्च डालकर पीएं। इससे गले की सूजन ठीक हो जाएगी। 


- लहसुन

लहसुन के कुदरती एंटीसैप्टिक के गुण होते हैं जो इंफैक्शन से बचाव करने का काम करते हैं। लहसुन की एक कली को मुंह में रखकर चूसे। इसका रस गले में जाने से आराम मिलेगा। 

- सौंफ

खाना खाने के बाद सौंफ जरूर चबाएं, इससे खराश ठीक होगी और बंद गला खुल जाएगा। 

- भाप लेना

गले में भारीपन या दर्द महसूस होनेे पर तुरंत ही भाप लें। किसी बर्तन में पानी गर्म करके तौलिए से मुंह ढककर भाप लें। ऐसा करने से गले के दर्द से राहत मिलेगी।

- मसाला चाय 

सर्दियों में कोल्ड कफ होना आम है। इससे बचने के लिए लौंग, अदरक, तुलसी और काली मिर्च को पानी में डालें और उबाल लें। इस पानी की चाय बनाकर सेवन करें।

-कुछ चीजों से रखें परहेज

गले की परेशानी से जल्दी राहत पाना चाहते हैं तो कुछ चीजों से परहेज जरूर करें। जैसे तली-भूनी, बासी, दही, ठंडी चीजों से परहेज करें क्योंकि यह चीजें इंफैक्शन को बढ़ा देते हैं।  

गले में खराश की दवा

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गले में खराश की दवा

सर्दियों का मौसम आते ही कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होती हैं। मौसम में बदलाव से सबसे पहले प्रभावित होने वाला हमारा गला ही है। गले में खराश, इन्फेक्शन, गला खराब होना या गले में दर्द होना ये सब आम बात होती हैं। गले में खराश होने से गले में कांटों जैसी चुभन होती है और होने आपको बोलने में असहजता महसूस होती है। गले में खराश के कई कारण हो सकते हैं जैसे गले में इन्फेक्शन या गले में सूजन या बैक्टीरियल इन्फेक्शन, फंगल इन्फेक्शन, धूम्रपान या किसी प्रकार की एलर्जी या कोई अन्य कारण। आइए जानते हैं गले की खराश में कौनसी आयुर्वेदिक दवा लाभकारी होती हैं।

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गले में खराश की आयुर्वेदिक दवा

अदरक, दालचीनी और लीकोरिस की हर्बल चाय गले की खराश दूर करने के लिए अदरक, दालचीनी और लिकोरिस की हर्बल चाय पीने से तुरंत आराम मिलता है। हर्बल चाय बनाने के लिए 2 कप पानी में पानी में 2 चम्मच अदरक का रस, 2 चम्मच और 2 चम्मच लीकोरिस डालें। अब इस मिश्रण को धीमी आंच पर पकने दें और तब तक पकाएं जब तक ये 1 कप ना रह जाएं। अब इस हर्बल चाय को पी लें। दिन में 3 बार इसका सेवन करने से गले की खराश चली जाती हैं।

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काली मिर्च और लौंग का काढ़ा

काली मिर्च से गले की खराश और बैक्टीरियल इन्फेक्शन दूर होता है क्योंकि इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। काली मिर्च और लौंग का काढ़ा बनाकर पीने से गले में खराश की समस्या में आराम मिलता है। काली मिर्च और लौंग का काढ़ा बनाने के लिए 2 कप पानी लें और इसमें 8 -10 काली मिर्च के दाने और 3-4 लौंग डाल दें। अब इस पानी को आधा रहने तक उबालें, इस पानी को गर्म पीने की कोशिश करें। इस काढ़े को दिन में 2 -3 बार पीने से गले की खराश में आराम मिलता है और सर्दियों के मौसम में ये काढ़ा शरीर को ठण्ड से भी बचाता हैं।

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गले में खराश की घरेलू दवा

शहद अदरक शहद गले की खराश में हाइपरटॉनिक ओस्मोटिक के रूप में भी कार्य करता है। जब आप शहद का सेवन करते हैं तो यह गले की ग्रंथियों में इन्फेक्शन के कारण भरे हुए पानी को निकाल देता है। यह गले में सूजन और खराश को कम करने में मदद करता है। इसके लिए एक चम्मच शहद, आधा चम्मच अदरक का रस मिला लीजिए और इसे मुंह में रखकर धीरे-धीरे गले से नीचे उतारें। ऐसा करने से ये मिश्रण गले को प्रभावित करते हुए गले में सूजन और खराश को कम कर देगा।

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सेब का सिरका

ऐप्पल साइडर सिरका यानि सेब का सिरका गुणों में अम्लीय होने के कारण गले में बैक्टीरिया को मारकर सूजन को हटा देता है जिससे गले की खराश भी चली जाती हैं। गले में बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण बलगम जमा हो जाता है जो खराश करता है। आप अपनी चाय में 1 चम्मच सेब का सिरका मिलाकर पी सकते हैं।

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गर्म पानी, शहद और नीम्बू

गर्म पानी पीने से गले के दर्द और खराश में आराम मिलता हैं। इसको अधिक प्रभावी बनाने के लिए इसमें एक चम्मच शहद और एक नींबू मिले दें और इसे धीरे-धीर घूंट करके पीएं। शहद गले की सूजन और खांसी के इलाज में बहुत प्रभावी होता है। नियमित रूप से इस मिश्रण को पीने से शरीर चुस्त रहता है और वजन भी नियंत्रित रहता हैं।



तो दोस्तो आज जाना कि कैसे हम ( Apni गले में खराश (Sore Throat) se nijat pa sakte hai) ओर अपनी लाइफ को खुश रख सकते है दोस्तो आप इन सब advices को आपनी लाइफ मैं जरूर Try करे और ऐसे ही ओर अछे articles के लिए जुड़े रहे ( https://normaladvices.blogspot.com ) से।


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