Castor oil के फायदे त्वचा, बाल, आंखें, वेट लॉस, स्तनपान, दांत in hindi


Castor oil




(dosto article last tak pade )

दोस्तो आज बात करे गए Castor oil  के बारे जानेगे ओर क्या क्या है Castor oil के benefits वो सब जानेगे । ओर ये आयल आप को नार्मल किसी बी शॉप से मिल जायेगा। तो दोस्तो चलो जानते है Castor oil   के बारे।

Kuch points mai aap ko ye article batuga jis se ye article aap ko ache se smaj aa jay ga

1, अरंडी के तेल के फायद

2, लंबे बालों के लिए अरंडी का तेल

3, अरंडी के तेल के लाभ ओर इस्तेमाल कैसे करें

4, Top 10 benefits of Castor Oil

5, अरंडी के तेल के फायदे त्वचा और बाल में

6, इस तेल से उग आएंगे नए बाल...

7, स्‍ट्रेच मार्क्‍स से लेकर बाल झड़ने से रोकता है अरंडी का तेल, कमाल के है फायदें

8, कैस्टर ऑयल के फायदे(त्वचा, बाल, आंखें, वेट लॉस, स्तनपान, दांत आदि)

9, 120 फायदे अरंडी के तेल के
फायदे अरंडी के तेल के



अरंडी के तेल के फायदे




कैस्‍टर आयल यानि अरंडी का तेल एक ऐसा तेल है जो आज से नहीं बाकि काफी  समय से हमारे बड़े बुजुर्गो  द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है. यह रिसीनस कम्युनिस पौधों के बीज से निकलता  है. Castor oil का इस्तेमाल औषधी के रूप में अफ्रीका और भारतीय उपमहाद्वीप में काफी किया जाता है.कैस्‍टर आयल में विटामिन ई , प्रोटीन और ओमेगा 6 और 9 होते  हैं जो अच्छे बालो और चमकती त्वचा के लिए काफी जरुरी माने जाते है. इसके अलावा, अरंडी के तेल में  एंटी-बैक्टीरियल और  एंटिफंगल गुण भी होते है। इसलिए  कैस्‍टर आयल का इस्तेमाल घरेलू औषधि के रूप में किया जाता है. आज हम आपके साथ अरंडी के तेल के कुछ फायदे साझा करेंगे. उम्मीद करते है यह आपके लिए फायदेमेंद सिद्ध होंगे.


कैस्‍टर आयल  के फायदे

 Hair Growth


कैस्‍टर आयल  बालो के लिए अच्छा माना जाता है.  इससे हमारे बाल स्वस्थ और चमकदार होते है. कैस्‍टर आयल में  राइसिनोलिक एसिड और ओमेगा -6 फैटी एसिड होते हैं इसलिए जब इससे सिर की मालिश की जाती है तो यह रक्त परिसंचरण में मदद करता है जिससे बालों की ग्रोथ होती  है।

Moisturizes Skin

कैस्‍टर आयल हमें चिकनी और  कोमल त्वचा देता है। इसलिए अगर आप एक सस्ते  और प्राकृतिक त्वचा मॉइस्चराइजर की तलाश में हैं, तो Castor oil आपके लिए परफेक्ट है.  केस्टर ऑयल एक अच्छा मॉइस्चराइज़र है. इसके फैटी एसिड त्वचा में आसानी से मिल जाते है जिससे  स्किन की dryness दूर होती है और त्वचा पर निखार आता  है


Treats Wrinkles

अरंडी का तेल झुर्रियों के लिए एक बढ़िया प्राकृतिक उपाय है। यह त्वचा में प्रवेश करता  है और कोलेजन के उत्पादन को बढ़ा देता है जो त्वचा को नरम करता है और हाइड्रेट करता है. यह त्वचा को नरम और चिकनी बनाकर स्किन को फिर से जीवंत बनाता है। आप रात को सोते समय अपनी स्किन पर कैस्‍टर आयल लगा कर छोड़ दे और सुबह धो ले. इससे आपक फायदा होगा.


Dandruff

अगर आप भी रुसी की समस्या से परेशान है तो कैस्‍टर आयल आपके लिए फायदेमंद है. Castor oil में एंटिफंगल और जीवाणुरोधी गुण होते है। यह संक्रमण के कारण पैदा हुए  सूक्ष्मजीवों से लड़ते है और रुसी, खुश्की इत्यादि को ख़त्म करते हैं।

Relieve Constipation

अरंडी का तेल कब्ज को दूर करता है. अगर आप भी कब्ज से परेशान है तो रात  में सोते समय एक गिलास  दूध में एक चम्मच Castor oil मिलाकर पी सकते है.  यह एक प्राकृतिक laxative के रूप में काम करता है। कैस्‍टर आयल आंतों में पचे हुए खाने को आगे पहुंचाता है जिससे पेट साफ़ रहता है.

Release pain

Castor oil को गर्म तेल माना जाता है जो शरीर में तरल पदार्थ के संचलन को बढ़ावा देता है। इससे मालिश करने पर हमारे शरीर को कई फायदे होते है.यह मांसपेशियों की थकान  को दूर करता है . अगर आप एक्सरसाइज, ज्यादा चलने  या खेलने के बाद थकान महसूस  करते हैं, तो अरंडी के तेल से मालिश कर सकते है. इसके आलावा जोड़ो के दर्द  में भी आप कैस्‍टर आयल से मालिश कर सकते है. इससे आपको राहत मिलेगी.


Prevents stretch marks

अगर आपके बॉडी पर stretch marks है और आप प्राकर्तिक रूप से इसे दूर करना चाहते है तो Castor oil आपके लिए एक अच्छा विकल्प है. शरीर के जिस पर stretch marks है वहां रोजाना कैस्‍टर आयल लगभग 15-20 मिनट तक लगायें रखे . इससे निशान धीरे धीरे दूर हो जायंगे.


 लंबे बालों के लिए अरंडी का तेल

अरंडी का तेल बालों के बढ़ने में वृद्धि करता है।पतले हो रहे बालों को घना करने में मदद करता है।सूखे बालों को पोषण और उन्हें चमक प्रदान करता है। सिर की त्‍वचा का सूखापन दूर कर बालों को स्‍वस्‍थ बनाता है।

बालों को लंबा और घना बनाने में अरंडी का तेल लगाने से मदद होती है, और यह एक प्राकृतिक तरीका है। वैकल्पिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में अरंडी के तेल के माध्यम से बालों को बढ़ाने के उपचार लंबे समय से प्रयोग हो रहे हैं। 

बालों की समस्‍या दूर करने के लिए अरंडी का तेल प्रयोग करना बहुत ही कारगर है। में यह गंजापन जो विविध कारणों से जैसे व्यक्ती के जीन्स, आहार, रोजमर्रा के जीवन के तनाव के स्तर, व्यक्ती के परिवेश, साथ ही जिवनशैली के परिणाम स्वरुप होता है, के लिए प्राकृतिक बालों के तेल का एक प्रकार माना जाता है। 

जमैका ब्लॅक केस्टर ऑयल अरंडी के तेल का एक लोकप्रिय उदाहरण जो बालों के गिरने और पतले होने को रोकता है।

अरंडी के तेल के फायदे

बालों के बढ़ने में वृद्धि करता है।पतले हो रहे बालों को घना करने में मदद करता है।बालों का नुकसान दिखना कम करता है और बालों के नुकसान को रोकता है।सूखे बालों को पोषण और उन्हें चमक और उछाल देता है।

बालों को घनापन और चमक देता है जिसके परिणामस्वरुप बाल स्वस्थ दिखते है।बालों और सिर की त्वचा को गहराई से कंडिशनिंग और नमी देता है।सिर की त्वचा का सूखापन रोकता है।बालों के समग्र स्वास्थ्य को बढ़ाता है।

इसके अलावा, बालों के छोर पर अरंडी के तेल लगाने से उनका घुंघराला दिखना, और दो मुँहापन समाप्त होता है और क्षतिग्रस्त होने को रोकता है। बाल भी काफ़ी मजबूत हो जाते है और दो मुँहे बाल विकसित नही होते।

कैसे प्रयोग करें

उंगलियों के प्रयोग से, बाल की जड़ों और सिर की त्वचा पर उच्च मात्रा में अरंडी के तेल लगाए।सिर की त्वचा पर तेल समान रूप से वितरित हो रहा है,यह सुनिश्चित करे।

बाकी बालों में तेल लगाने से बचें क्योंकि तेल के गाढ़ेपन से बालों से तेल धोकर निकालने में मुश्किल हो सकती है।सिर की त्वचा पर लगाने के बाद, एक प्लास्टिक की टोपी के साथ अपने बालों को ढके और एक तौलिया में लपेटे।तेल को कम से कम 15 से 20 मिनट तक रहने दे या रात भर भी रख सकते हैं।बाद में अरंडी के तेल को निकालने के लिए शैम्पू के साथ धूलें।यह उपाय हप्ते में एक बार करे और छह से आठ सप्ताह तक ऐसा करे जिससे अच्छे परिणाम दिखेंगे।

आप अन्य तेलों के साथ जैसे अंगूर के बीज का तेल, नारियल तेल के साथ अरंडी का तेल का मिश्रण करके लगा सकते है, जिससे उसका गाढ़ापन और अप्रिय गंध कम होगी। केवल प्राकृतिक अरंडी के तेल का उपयोग करें।


अरंडी के तेल के लाभ ओर इस्तेमाल कैसे करें

आज के आधुनिक युग में बालों का ख़राब होना आम बात है। धूल, प्रदूषण इत्यादि आपके बालों को ख़राब करने में बहुत हीं महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। तनाव, बीमारियाँ, तरह तरह की दवाइयां, गलत खान पान इत्यादि भी आपके बालों की सुन्दरता बिगाड़ते हैं तथा उन्हें कमजोर करते हैं।  

अगर आपके बाल ख़राब हो रहे हैं या कमजोर हो रहे हैं या आप अपने बालों को मजबूत बनाना चाहती हैं तो रेंडी का तेल बहुत हीं लाभदायक सिद्ध हो सकता है। 

यूँ तो कोई भी तेल आपके बालों के लिए फायदेमंद हो सकता है लेकिन रेंडी के तेल की बात हीं कुछ और है।

रेंडी के तेल का उपयोग बालों को मजबूत एवं सुन्दर बनाने के लिए सदियों से होता चला आया है। यूँ तो रेंडी का तेल कई बीमारियों को ठीक करने में , जैसे कब्ज इत्यादि, घरेलू उपचार के तौर पर  रामबाण के रूप में इस्तेमाल किया जाता है लेकिन रेंडी का तेल बालों एवं सर से सम्बंधित तरह तरह के विकारों में भी बहुत हीं प्रभावकारी असर दिखलाता है।

यूँ तो पुरुष भी सुन्दर और घने बाल चाहते हैं लेकिन स्त्रियों या लड़कियों के बाल घने और सुन्दर हों, ऐसा स्वयं लड़की एवं उसे जानने  वाले, सभी चाहते हैं। कई युवतियां अपने बालों की सुन्दरता बढ़ाने के लिए न जाने कितने पैसे खर्च करती हैं तब कहीं जाकर उन्हें मनचाहा फल मिल पाता है। सवाल यह उठता है कि जब कम खर्च में आप आसानी से बालों की मनचाहा सुन्दरता पा सकती हैं तो ज्यादा पैसा खर्च करने की क्या जरूरत है!

अगर आप कुछ हफ़्तों तक, तकरीबन 6-7  हफ्तों तक नियमित रूप से रेंडी के तेल का उपयोग करती हैं तो आपके बाल सुन्दर और घने हो सकते हैं। 6-7 हफ्तों तक नियमित रूप से सर के उपर अरंडी (रेंडी का तेल लगाने से) आप मजबूत, चमकदार और घने बाल पा सकती हैं।  रेंडी का तेल रेंडी के बीज से निकाला जाता है जो कि  हल्के पीले रंग का होता है। यह तेल बालों को बढ़ने में एवं नए बाल उगने में बहुत मदद करता है। अगर आप पुरुष हैं और आपके बाल झड़ने लगे हैं और आपको डर है कि कही आप गंजे न हो जायें तो आप भी यह तेल लगा सकते हैं । आपको चाहिए कि आप सप्ताह में कम से कम दो दिन अपने सर में रेंडी का तेल लगायें। सिर्फ  बालों में तेल लगाने से आपको ज्यादा फायदा नहीं मिलने वाल।ऐसा करने से आपके बालों के जड़ को पोषण मिलता है और रक्त संचार सुचारू रूप से होता है जिससे कि आपके बालों की जडें मजबूत होती हैं और फलस्वरूप आपके बाल मजबूत होते हैं। यह सर्वविदित है कि  पुरुषों को गंजेपन से बचाने में रेंडी का तेल बहुत हीं महत्वपूर्ण भूमिका निभाता  है।

अगर आपके बाल हानिकारक रसायन या तेज धूप वगैरह की वजह से ख़राब हो रहे हैं तो उनकी  सुन्दरता वापस लाने में रेंडी का तेल घरेलू उपचार के रूप में लाया जाता है क्योंकि यह बहुत हीं कारगर घरेलू उपाय है।

रेंडी के तेल का इस्तेमाल कैसे करें

रेंडी के तेल को तो यूँ भी लगा सकते हैं लेकिन थोडा गर्म कर लें तो बेहतर लाभ मिलेगा.अगर तेल ज्यादा गर्म हो जाये तो उसे ठंढा होने दें वरना गर्म तेल से आपको सर दर्द हो सकता है।रात को सोने से पहले तेल को रुई में ले लेकर धीरे धीरे अपने सर की त्वचा (खोपड़ी)  में लगायें। फिर हल्के हाथों से अपनी खोपड़ी की मालिश करें।

बालों में तेल लगाने की जरूरत नहीं है क्योंकि रात को सोते वक्त तेल खुद ब खुद आपके बालों में लग जायेगा। आपके तकिये न ख़राब हो जायें इससे बचने के लिए आप तकिये पर कोई कपड़ा या तौलिया रख लें।सुबह नहाने से पहले अपने तौलिये को गर्म पानी में डुबोकर निचोडें फिर अपने बालों को जुड़े की तरह बांधकर उसपर तौलिया लपेट लें और कुछ देर रहने दें। ऐसा माना जाता है कि पानी के संपर्क में आकर रेडी का तेल कुछ इस तरह की प्रतिक्रिया करता है जिससे आपके बालों को लाभ मिलता है।ध्यान रहे कि यह तौलिया वही न हो जिसे आपने सोते वक़्त तकिये पर रखा था। कुछ देर बाद आप तौलिये को हटा लें और नहाते वक़्त शेम्पू से अपने बालों को अच्छी तरह से धो लें।

एक बार में तेल पूरी तरह नहीं छूटेगा इसलिए अच्छी तरह से शेम्पू से कम से कम दो बार धोएं।  दोबारा तेल लगाने के बीच में कम से कम एक दिन का अंतराल रखें। 
रेंडी के तेल के अन्य फायदे

जिन लोगों को रुसी की शिकायत रहती है उनके लिए तो रेंडी का तेल बहुत हीं उपयोगी है क्योंकि यह रुसी को जड़ से दूर कर देता है। रेंडी के तेल में एंटी बैकटेरियल, एंटी फंगल एवं एंटी वायरल गुण होते हैं जो सर की त्वचा से सम्बंधित विकारों जैसे रुसी, खुश्की इत्यादि को ख़त्म करते हैं।रेंडी का तेल मष्तिष्क सम्बन्धी विकारों को भी दूर करता है जैसे अवसाद, स्मरण शक्ति क्षीण होना, थकान इत्यादि क्योंकि यह आपके थाईमस ग्लेंड पर बहुत प्रभाव डालता है।  जोड़ों  के दर्द में भी यह तेल बहुत राहत पहुंचाता है।

रेंडी का तेल आखिर इतना प्रभावकारी क्यों होता है

रेंडी के तेल में रायसीनोलिक फैटी एसिड होता है जो त्वचा के जख्म को भरने में बहुत हीं प्रभावकारी होता है। ऐसा माना जाता है कि  रेंडी का तेल हीं रायसीनोलिक फैटी एसिड  का एकमात्र स्रोत है।रेंडी के तेल में अनडीसाईंलेनिक एसिड होता है जो आपकी त्वचा पर जमे हुए जीवाणुओं को ख़त्म कर डालता है साथ हीं साथ आपके सर की त्वचा के लिए मोईसचराइजर का भी काम करता है जिससे आपको रुसी की समस्या नहीं रहती।रेंडी का तेल दूसरे तेलों के मुकाबले सस्ता होता है और आसानी से उपलब्ध हो जाता है इसलिए इस तेल का लाभ उठाएं और ओने बाल स्वस्थ, सुंदर एवं मजबूत बनाएं।


Top 10 benefits of Castor Oil

कैस्टर ऑयल जिसे हम अरंडी तेल के नाम से भी जानते हैं| अरंडी के बीज को दवाकर यह तेल निकाली जाती है जो की हमारे बाल, त्वचा के लिए काफी अच्छे और मदतगार होते हैं| यह मुख्यत अफ्रीका और भारत में ही पाई जाती है और भारत के अलग अलग प्रदेश में इसे अलग अलग नाम से पुकारा जाता है, जैसे  हिंदी में अरंडी के तेल तो बांग्ला में इसे रेंड़ी तेल कहा जाता है| 

यह आजकल साबुन से लेकर बहुत सारे कॉस्मेटिक्स क्रीम में भी इस्तेमाल किया जाता है| यह सूजन रोधक होने की साथ साथ जीवाणु रोधक भी है इसलिए यह काफी पुराने समय से हमारे बाल और त्वचाके खूबसूरती के लिए इस्तेमाल होता आया है| बिज्ञान के शोध में इसे ‘रिसिनस कम्युनिस’ नाम से बुलाया जाता है जो की इसके बैज्ञानिक नाम है| पर आजके समय में यह कैस्टर ऑयल (Castor Oil) के नाम से ही ज्यादा पहचाने जाते हैं|

यह हमारे बाल और त्वचा के लिए तो खास है ही साथ ही हमारे शरीर में भी उर्जा संचार करती है| आइये जान लेते हैं इसके कुछ खास फायदे जो हमारे लिए लाभदायक और जरुरी भी है|

प्रतिरक्षा प्रणाली को बड़ाता है

अपने जीवाणुनाशक क्षमता के कारण यह शरीर के कीटाणु से रक्षा करने की साथ साथ हमारे प्रतिरक्षा प्रणाली को बड़ाने में भी मदत करता है| हमारे स्किन के लिए अगर आप रोज यह तेल इस्तेमाल करते हैं तो आपके स्किन में उज्ज्वलता के साथ साथ किसी भी प्रकार की मुहासे और संक्रामक समस्या नहीं होगी| अनचाहे बैक्टीरिया को ख़तम करके यह हमारे सुंदरता को बरक़रार रखने में मदत करता है|

कैंसर के लिए है असरदार

अरंडी के तेल में एंटीऑक्सीडेंट गुण के कारण यह कैंसर की कोष को बड़ने से रोकता है| खून को बड़ने में भी यह मदत करता है इसलिए यह कैंसर के मरीजों के लिए काफी अच्छा होता है| अगर इस तेल को लगाया जाये तो यह कैंसर के ख़राब सेल को बड़ने नहीं देता और कोष में ऑक्सीज़न की मात्रा को बड़ा कर यह कैंसर को फैल ने से रोकता है| पर कैंसर के मरीज को अपने डॉक्टर के सलाह पर ही इसे लेना सही रहेगा क्यों की कैंसर के मरीज को कई सारे दवाई लेनी होती है|

बाल उगने में करता है मदत

आजकल हमारे एक आम समस्या है बाल झड़ने की समस्या| अक्सर हम इसके लिए कई सारे उपाय करते हैं पर अगर आप रोजाना इसमें कैस्टर ऑयल लगाएंगे तो यह समस्या काफी जल्दी ठीक हो सकती है| यह हमारे बालो के जड़ में ऑक्सीज़न की मात्रा को बड़ाती है जिससे आसानी से हमारे बाल उगने लगते हैं| अगर रोज दिन में दोबार पंद्रह दिन तक इसे लगाया जाए तो आपके नए बाल उगने लगेंगे| कमजोर बाल के लिए भी अरंडी तेल एक ओषधि की तरह काम करता है|

रक्त प्रवाह सही रखने में करता है मदत

कीटाणु प्रतिरोधक क्षमता को बड़ा कर यह हमारे रक्त में ऑक्सीज़न की मात्रा को बड़ा देता है इसलिए हमारे रक्त प्रवाह सही रखने में मदत करता है| अगर इसका उपयोग हम रोज थोड़े से भी करते हैं तो यह हमारे शरीर को मजबूती देती है और साथ ही इससे हमे एनर्जी भी मिलती है| कैस्टर ऑयल से मालिश करने से हमारे अंग मजबूत होता है और साथ ही इसमें रक्त प्रवाह भी सही तरह से होती है जिससे यह हमारे शरीर को तंदरुस्त और साथ ही स्वस्थ रखता है|

त्वचा के झुर्री से देती है मुक्ति

अकसर उम्र के साथ साथ या फिर स्ट्रेस के कारण त्वचा में झुर्री आ जाती है| अरंडी के तेल अगर आप इस समय में रोज रात को लगाते हैं तो आपके त्वचा के झुर्री समस्या काफी कम हो जाएगी| और इसके मुलायमपन त्वचा में भी अच्छी निखार लाती है| यह अगर हर महीने लगाएंगे तो आपके त्वचा कोमल भी बने रहेंगे|

चहेरे की कालेपन और सूखेपन को करता है कम

अरंडी के तेल एक प्राकृतिक तेल होने की कारण इसमें कई सारे जैबिक गुण मौजूद है जो चेहरे की कालेपन को कम करने में मदत करता है| खासकर अगर आपके आँखों के निचे काले धब्बे पड़ रहे हैं तो आपको रोज रात को यह तेल लगाके सोने से काफी अच्छी फायदे मिलेंगे| बहुत से समय बाहरी धुप के कारण भी चेहरे में कालेपन आ जाते हैं, अगर इसमें भी आप कैस्टर ऑयल इस्तेमाल करते हैं तो आपके चेहरे खिल उठेंगे साथ ही इसके एंटीऑक्सीडेंट आपके चेहरे की नमी बनाई रखने में मदत करेगी|

जोड़ों के दर्द और आर्थिरिटिस के दर्द को करता है कम

कैस्टर ऑयल में कई सारे फैटी एसिड मौजूद है, इसलिए अगर आप दूध के साथ इसे लेते है तो आपको कई सारे दर्द से मुक्ति मिल सकती है| साथ ही हल्का गरम अरंडी तेल से सही मालिश करने पर भी जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है| अगर आर्थिरिटिस से ग्रस्त लोग रोज रात को कुछ समय के लिए इस तेल से मालिश करे तो उन्हें रातको सोते समय आसानी होती है सर्दी के दिन में खास कर| इसे रोज इस्तेमाल करने से दर्द के कारण आपको चलने फिरने में भी आसानी होगी|

बालों को बनाता है खूबसूरत

अगर आपके बाल रूखे हो रहे हैं और आप बहुत सारे उपाय करने के बाद थक चुके हैं तो आपको जरूर एक बार अरंडी तेल इस्तेमाल करके देखना ही चाहिए| इसमें बहुत सारे प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट होती हैं जो आपके बालों को जड़ से निखारती है| अगर आप सुबह जल्दी नहाते हैं तो आपको इसे रात में ही लगा लेना चाहिए और सुबह अच्छे से बाल को धो लेना चाहिए| इससे आपके बाल की सेहत भी बनी रहेगी और साथ बालों में मजबूती भी बनी रहती है| इसमें कोई केमिकल नहीं होता इसलिए एक भेषज तेल की रूप में यह एक अच्छा तेल है आपके बालों के लिए| बालों को कंडीशन करने की रूप में भी यह अरंडी तेल काम करता है|

बैक पैन के लिए भी है फ़ायदेदायक

पीठ दर्द के लिए यह एक अच्छा घरेलु इलाज कहा जा सकता है| बहुत से समय गलत तरीके से सोने की कारण या फिर अचानक से गर्दन में मोंच आने की समस्या आ जाती है| अगर हम उस जगह पर कैस्टर ऑयल हलके से लगा दे तो धीरे धीरे दर्द कम होने लगता है और साथ ही आराम भी मिलता है| खेल के मैदान में भी कभी कभी चोट लगने की समस्या हो जाती है, उसमे भी दर्द कम करने के लिए अरंडी तेल लगाया जा सकता है|

कॉन्स्टिपेशन समस्या को करता है कम

अरंडी तेल में कई तरह की फैटी एसिड होती है जो शरीर की बेजरूरत एसिड को निकलने में और पेट को साफ रखने में मदत करता है| अगर आपको कॉन्स्टिपेशन की समस्या है तो आप गुनगुने पानी के साथ एक चम्मच कैस्टर ऑयल ले सकते हैं| यह प्राकृतिक तेल है इसे लेने में किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं होती पर अगर आपको रोज कोई और दवाई लेनी होती है तो अच्छा रहेगा की आप अपने डॉक्टर से इस बारे में सलाह कर ले| पर यह एक प्राकृतिक उपाय है हर कोई कर सकता है| यहाँ पर एक बात ध्यान रखना जरुरी है की अच्छी और सही तेल ही इस्तेमाल करे तभी आपको इसके फायदे मिलेंगे|

अगर आपको किसी भी प्रकार की कोई एलर्जी या फिर रेश की समस्या है तो आपको अरंडी तेल इस्तेमाल करने से पहले एकबार आपके डॉक्टर से बात करना चाहिए| साथ ही किसी दवाई के साथ भी यह अगर आप लेते हैं तो बिना सलाह की ना लेना ही सही होगा|

ऑनलाइन बाजार पर कई प्रकार के Castor Oils उपलब्ध हैं जैसे कि

अलग अलग भारतीय भाषाओं में इसके नाम

तेलुगु

आमुदामुमराठी

एरंडेला तेलतमिल

अमानककु एन्नेमलयालम

अभानककेनाबांग्ला

रेंड़ी तेल



अरंडी के तेल के फायदे त्वचा और बाल में

जैसा की आप सभी जानते हैं अरंडी के तेल का उपयोग बरसों से किया जा रहा है अरंडी के तेल के कई स्वास्थ्य लाभ है  अरंडी के तेल के फायदे त्वचा बाल और स्वास्थ्य के लिए एक औषधि के रूप में जाने जाते हैं अरंडी के तेल के लाभ केवल इसके एंटी इन्फ्लामेंट्री और एंटीबैक्टीरियल गुणों तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह परंपरागत रूप से त्वचा और बालों की देखभाल के लिए उपयोग किए जाता रहा हैं

अरंडी का तेल क्या है

अरंडी का पौधा अफ्रीका और भारत के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में मूल रूप से पाया जाता है अरंडी के पौधे से बीच को निकाल कर एक संयंत्र में दबाकर इसके तेल को निकाला जाता है जिसका उपयोग विभिन्न कॉस्मेटिक, साबुन, मालिश करने वाले तेल और यहां तक कि कई प्रकार की दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है शोध से पता चला है कि अरंडी का तेल प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है अरंडी के तेल में श्वेत रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने और टी-II कोशिकाओं को विशेष रूप से सफेद रक्त कोशिकाएं जोकि एंटीबॉडी बनाने का कार्य करते हैं की संख्या में वृद्धि करने में सक्षम होता है अध्ययनों में यह पाया गया है कि अरंडी का तेल कवक बैक्टीरिया और कैंसर कोशिकाओं को मारने में सहायता प्रदान करता है

अरंडी के तेल के फायद

अरंडी के तेल के फायदे ड्राई स्किन के लिए

ड्राई स्किन के लिए अरंडी के तेल एक वरदान के समान है जब भी सूखी त्वचा की बात आती है तो हमें अरंडी के तेल के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है अरंडी के तेल के फायदे संवाद मुहांसे और सूखी त्वचा को ठीक करने के लिए उपयोग किए जाते है

त्वचा का सूखापन दूर करने के लिए आपको जरूरत होगी अरंडी के तेल और कपास की रुई की सबसे पहले आपको रूई के टुकड़े को अरंडी के तेल में डुबो लेना है
उसके बाद सीधे ही इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाना है लगाकर 1 घंटे के लिए छोड़ देना है फिर पानी से अपना चेहरा धो लेना है

कैस्टर ऑयल में त्वचा के समस्याओं को दूर करने के गुण पाए जाते हैं जिसका प्रयोग कई तरह की त्वचा की समस्याओं को दूर करने में किया जाता है




कस्टर्ड ऑयल के फायदे बढ़ती उम्र के निशान को कम करने के लिए

अरंडी का तेल का उपयोग आप एंटी एजिंग तत्व के रूप में कर सकते हैं यह आपको उम्र बढ़ने पर आने वाले निशान को कम करने में सहायता प्राप्त करता है कस्टर्ड का तेल जब आप अपनी त्वचा पर लगाते हैं तो यह त्वचा द्वारा सोख लिया जाता है और त्वचा के अंदर जाकर त्वचा के कोलेजन और एलिस्टर के उत्पादन को उत्तेजित करता है यह हमारी त्वचा को नरम करने और हाइड्रेट करने में मदद करता है जिससे त्वचा में झुर्रियां नहीं आती और त्वचा चिकनी नरम और उम्र से अधिक जमा दिखती है

अरंडी के तेल का उपयोग मुहासे कम करने में

मुंहासे बाली त्वचा ज्यादातर तेलों के लिए ठीक नहीं होती और उन पर तेल का उपयोग करने पर समस्या और बढ़ती है लेकिन अरंडी के तेल का उपयोग मुहासेको कम करने में लाभकारी साबित हो सकता है इसके लिए आपको अरंडी के तेल की कुछ बूंदों को लेना है और अपने प्रभावित क्षेत्र जहां पर मुंहासे हैं वहां पर लगाना है इसको लगाने से पहले आप को गर्म पानी से चेहरे को धो लेना है इससे आपके चेहरे के पोर्स खुल जाएंगे इसके बाद आपको अरंडी के तेल को अपने चेहरे पर लगाना है और रात भर लगाए रखना है अगले दिन सुबह उठकर ठंडे पानी से अपने चेहरे को धो लेना है

कस्टर्ड ऑयल राइसइनयूरिक एसिड(ricinoleic acid) से भरपूर होता है जो मुंहासे पैदा करने वाले बैक्टीरिया से लड़ता है और प्रभावी ढंग से त्वचा की अंदर की परतों में प्रवेश करता है जिस से मुंहासे जल्द ही ठीक हो जाते हैं

अरंडी के तेल का उपयोग स्ट्रेच मार्क्स हटाने के लिए

खिंचाव के निशान जिसे हम स्ट्रेच मार्क्स के नाम से जानते हैं आमतौर पर गर्भावस्था के बाद अधिक देखने को मिलते हैं जब पेट की त्वचा को एक छोटी अवधि में खिंचाव महसूस होता है तब यह निशान आ जाते हैं स्ट्रेच मार्क्स को दूर करने के लिए अरंडी का तेल बहुत उपयोगी साबित होता है क्योंकि अरंडी के तेल में फैटी एसिड की मात्रा पाई जाती है इसलिए आप गर्भावस्था के अंतिम 2 महीनों के दौरान इसे प्रयोग कर सकती है जिससे स्ट्रेच मार्क्स आने से बचा जा सकता है और उन्हें कम किया जा सकता है 

स्ट्रेच मार्क्स को हटाने के लिए लगाये इस तेल को
अरंडी के तेल के फायदे बालों के लिए

कई त्वचा विशेषज्ञों का मानना है कि किसी भी तेल से केवल वाहरी पोषण प्राप्त होता है लेकिन अरंडी के तेल आपके सिर को घने बाल प्रदान करने के लिए सबसे अच्छा तेल है इसमें ओमेगा फैटी एसिड होते हैं इसलिए जब सिर पर अरंडी के तेल की मालिश की जाती है तो रक्त परिसंचरण में वृद्धि होती है जिससे हमारे बालों का विकास तेज गति से होता है कैस्टर ऑयल एक नेचुरल मॉश्चराइजर की तरह भी कार्य करता है

अरंडी के तेल के फायदे बालों को झड़ने से रोकते हैं

बालों को झड़ने से रोकने के लिए आप कैस्टर ऑयल का हफ्ते में एक बार उपयोग मेथी के बीजों के पाउडर के साथ मिलाकर एक मास्क तैयार कर अपने बालों में उपयोग कर सकती हैं इस प्रकार इसका उपयोग करने से बालों का गिरना कम हो जाता है और बालों की जड़ मजबूत बनती है

अरंडी के तेल के फायदे झुर्रियों को कम करने में

केस्टर आयल झुर्रियों के लिए एक प्राकृतिक उपाय होता है यह त्वचा में प्रवेश कर कोलेजन के उत्पादन को बढ़ाता है जो त्वचा को नरम बनाता है और हाइड्रेट रखता है इस प्रकार अरंडी के तेल का इस्तेमाल त्वचा पर करने पर त्वचा नरम और चिकनी बनी रहती है जिससे यह झुर्रियों को कम करने का कार्य करती है आप अपने झुर्रीदार क्षेत्र पर कैस्टर ऑयल की कुछ बूंदों को लेकर थोड़ी देर मालिश करके पूरी रात के लिए छोड़ दें और सुबह होते ही इसे पानी से धो लें आपको बहुत ही अच्छे परिणाम प्राप्त होंगे|

अरंडी के तेल के फायदे कब्ज को दूर करने में

कैस्टर ऑयल तेल का उपयोग आप अपने पेट से संबंधित कुछ विकारों को दूर करने में कर सकते हैं शोधकर्ताओं ने पाया है कि कैस्टर ऑयल में वसा युक्त फैटी एसिड पाया जाता है जो आपकी आंतों की दीवारों की मांसपेशी को मजबूत करता है जिससे आपको मल बाहर करने मैं सहायता प्राप्त होती है इस प्रकार यह हमें कब्ज से राहत देता है अरंडी के तेल का इस्तेमाल दिन में करने पर प्रभावी रूप से और जल्दी आराम प्राप्त होता है आप कब्ज को ठीक करने के लिए अरंडी के तेल की 15 मिलीलीटर खुराक ले सकते है

अरंडी के तेल के फायदे हार्मोन असंतुलन मैं मदद करते हैं

स्वस्थ हार्मोन संतुलन बनाए रखने के लिए पाचन तंत्र के भीतर बसा अणुओं के अवशोषण को बढ़ाना जरूरी है यही कारण है कि अरंडी के तेल को खाने से स्वाभाविक रूप से हार्मोन को संतुलित किया जा सकता है इसके साथ-साथ यह रक्त प्रभाव को बढ़ाकर हमारी काम इच्छा में सुधार करता है जोकि अंगों तक अधिक कुशलता से रक्त प्रवाह को पहुंचाता है जिससे हमें थकान और कमजोरी का एहसास कम होता है

अरंडी के तेल के फायदे गठिया के लक्षण को कम करने मे

आमतौर पर कैस्टर ऑयल गठिया दर्द को कम करने में सहायता प्रदान करता है इसके साथ ही यह शरीर की सूजन के लिए एक प्राकृतिक उपचार के रूप में प्रयोग किया जाता है इस में प्राकृतिक एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं जो इसे एक आदर्श मालिश के तेल के रूप में उपयोग करने के लिए जाने जाते हैं इसे आप मांस पेशियों या ऊतक के दर्द को कम करने के लिए प्रभावित क्षेत्र में लगा सकते हैं
अरंडी के तेल के अवशोषण को बढ़ाने के लिए आप पहले उस स्थान को गर्म पानी से धो लें इसके बाद अरंडी के तेल को दर्द वाले क्षेत्र में धीरे-धीरे मालिश करें इस प्रक्रिया को सप्ताह में दो बार करने से दर्द कम होने में सहायता मिलती है

अरंडी के तेल के फायदे दाद को ठीक करने में

दाद को ठीक करने के लिए अरंडी के तेल का उपयोग किया जा सकता है इसके लिए आपको 2 चम्मच अरंडी का तेल और 4 चम्मच नारियल का तेल को आपस में मिला कर दाद पर लगाना है

अरंडी के तेल के नुकसान

कैस्टर ऑयल के फायदे बहुत हैं परंतु इसे सावधानी के साथ उपयोग किया जाना चाहिए यदि आप अपनी त्वचा पर शुद्ध अरंडी के तेल का उपयोग करते हैं तो आपको जलन महसूस हो सकती है कई शोधों में यह पाया गया है कि शुद्ध अरंडी के तेल का त्वचा पर उपयोग गंभीर रूप से जलन और एलर्जी का कारण बन सकता है
अरंडी के तेल के इस्तेमाल से आपको त्वचा में खुजली और लाल चकत्ते विकसित हो सकते हैं

कैस्टर ऑयल का उपयोग त्वचा में एलर्जी आने पर दानों के रुप में उत्पन्न हो सकती है अगर आप को इस प्रकार के कोई भी लक्षण दिखते हैं तो आप जल्द से जल्द किसी चिकित्सक से जाकर मिले
कैस्टर तेल को खाद्य एवं औषधि प्रशासन द्वारा वर्गीकृत किया जाता है और ऐसे रिलेटिव यूज में सुरक्षित माना जाता है लेकिन अरंडी के तेल के उपयोग और उसके सुरक्षित रूप को दिखाने के लिए कोई भी प्रमाण मौजूद नहीं है

लिपस्टिक सबसे ज्यादा अरंडी के तेल का उपयोग करने वाला कॉस्मेटिक उत्पाद है यदि आपको अरंडी के तेल से एलर्जी है तो आप इसे इस्तेमाल करने से बचें अरंडी के प्रतिकूल प्रभावों से बचने के लिए और इसके सही इस्तेमाल करने के तरीके जानने के लिए चिकित्सक से इसके बारे में बात करें|

इस तेल से उग आएंगे नए बाल...




अगर आप लगातार झड़ते या झड़ चुके बालों से थक चुके हैं, और दोबारा बालों को उगाना चाहते हैं, तो यह तेल आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा। झड़ चुके बालों से दिखने वाली सिर की त्वचा भी इससे छुप जाएगी और आपके बालों का घनापन फिर लौट आएगा। जानिए कौन सा है यह तेल, और कैसे बनाया जाता है इसे - 

इस अनमोल और बेहतरीन तेल को बनाने के लिए आपको 5 चीजों की जरूरत होगी, जो आसानी से उपलब्ध हो सकती हैं। जानिए कौन सी 5 चीजें है - 

1 लहसुन की कलियां - 6 से 7 
2 ताजा कटा हुआ आंवला -  2  से 3 
3 कटा हुआ प्याज - 1 छोटा 
4 अरंडी का तेल यानि कैस्टर ऑइल - 3 चम्मच 
5 नारियल का तेल - 4 चम्मच 

इन 5 चीजों को मिलाकर आप आसानी से इन तेल को बना सकते हैं। लेकिन इसे बनाना कैसे है, अब यह भी जान लीजिए - 

विधि‍ - सबसे पहले एक कटोरी में नारियल तेल और अरंडी के तेल को मिक्स कर लीजिए। अब तेल के इस मिश्रण में कटे हुए लहसुन, प्याज और आंवला डालें और इस मिश्रण को धीमी आंच पर लगभग 5 मिनट तक पकाएं। अब इसे आंच से हटा लें और कम से कम 1 घंटे तक इन सभी चीजों को तेल में ही रहने दें। हो गया आपका तेल तैयार।

- सबसे पहले एक कटोरी में नारियल तेल और अरंडी के तेल को मिक्स कर लीजिए। अब तेल के इस मिश्रण में कटे हुए लहसुन, प्याज और आंवला डालें और इस मिश्रण को धीमी आंच पर लगभग 5 मिनट तक पकाएं। अब इसे आंच से हटा लें और कम से कम 1 घंटे तक इन सभी चीजों को तेल में ही रहने दें। हो गया आपका तेल तैयार।

इस तेल को नियमित रूप से बालों में लगाने पर, बालों का झड़ना भी कम होगा और झड़ चुके बालों के कारण अगर सिर की त्वचा दिखाई देने लगी है, तो नए बालों से वह भी ढंक जाएगी। इसके अलावा बालों का घनापन बढ़ाने के लिए भी यह तेल बेहद फायदेमंद साबित होगा।

स्‍ट्रेच मार्क्‍स से लेकर बाल झड़ने से रोकता है अरंडी का तेल, कमाल के है फायदें

अरंडी के तेल लगाने के कई फायदें होते हैं। वैसे तो यह तेल बहुत चिपचिपा होता है लेकिन यह चेहरे से लेकर बालों की समस्‍या के काफी चमत्‍कारी फायदों वाला तेल है। अरंडी के तेल में एंटी इन्फ्लमैशन और एंटी बैक्‍टीरियल गुण होते है जो कि बालों और स्किन के तह में जाकर उनको पोषण देता है।

अरंडी के तेल और इसके बीजों को विभिन्‍न कॉस्‍मेटिक (साबुन, टेक्‍सटाइल, मसाज तेल और दवाईयों) में बॉयो आधरित कच्‍चे मेटेरियल के तहत भी यूज किया जाता है। आइए जानते है कि अरंडी का तेल कितना प्रभावकारी है बालों और चेहरे के लिए।

बाल झड़ना रोके –

आपके बाल बहुत ही ज्‍यादा टूट रहे हैं। फिर रात को सोने से पहले सिर पर कैस्टर ऑयल या अरण्डी के तेल की मालिश करें। हल्‍के गुनगुने कैस्टर ऑयल से स्कैल्प की अच्छे से मालिश करें। सुबह बालों को धोने से एक घंटे पहले इनमें दही लगायें, लगभग आधा घंटे लगा रहने दें और फिर गुनगुने पानी से रेगुलर शैम्पू का प्रयोग कर बालों को धो लें। आपके बाल एक दम चमक उठेंगे और झड़ना भी धीरे धीरे कम हो जाएंगे।

डेंड्रफ से छुटकारा –

अगर आप अपने बालों में ड्रेंडफ से परेशान हैं तो 2 चम्मच कैस्टर ऑइल लें, इसमें एक चम्मच शहद और एप्पल साइडर विनेगर मिलायें। तीनों चीज़ों को अच्छी तरह मिलायें। एक कटोरे में खीरे का रस निकालें और इसमें शुद्ध एलोवेरा जेल मिलायें। अब इस मिश्रण को बाकी की सामग्री के साथ अच्छी तरह मिक्स करें और अपने बालों की जड़ों में हलके हाथों से मालिश करें। लगभग दो घंटे के लिए ऐसे ही छोड़ दें और फिर बालों को अपने नियमित शैम्पू से धो लें। कैस्टर ऑयल के एंटी-फंगल गुण रूसी हटाने में बहुत कारगर हैं।

रूखे बालों के लिए –

अगर आपके बाल रूखे और बेजान दिखने लगे हैं तो लगभग 2 चम्मच कैस्टर ऑइल में, 4 से 5 विटामिन E के जेल कैप्सूल फोड़ कर डालें। दोनों चीज़ों को आपस में अच्छी तरह मिलायें और रात को सोने से पहले बालों में अच्छी तरह लगायें। अगले दिन बालों को धो लें। कुछ ही दिनों में आपके बाल मुलायम और रेशमी हो जाएंगे।

घने, लम्बे बाल पाने के लिए –

जल्दी लम्बे बाल पाने के लिए अपने नियमित उपयोग किये जाने वाले तेल में थोड़ा सा कैस्टर ऑयल मिलायें और फिर इस तेल से अपने बालों की मालिश करें। आपके बाल जल्दी बढ़ेंगे और घने भी होंगे।

चेहरे की झुर्रियां कम करें –

1 चम्मच कैस्टर आयल में 1 चम्मच बादाम का तेल मिलायें। इसमें लगभग 1 चम्मच एलोवेरा जेल मिलायें (अगर फ्रेश जेल उपयोग करेंगे तो बेहतर है)। तीनों चीज़ों को आपस में अच्छी तरह मिलायें और चेहरे की मसाज करें। लगभग 15 मिनट तक नीचे से ऊपर की तरफ और अंदर से बाहर की तरफ चेहरे और गर्दन की मालिश करें। अगर आपकी त्वचा अत्यधिक तैलीय है तो आप बादाम तेल की जगह जोजोबा ऑयल इस्तेमाल कर सकते/ती हैं। चेहरे से झुर्रियां हटाने, और त्वचा को गोरा और मुलायम बनाने में यह बहुत प्रभावकारी है।

चेहरे के दाग धब्बे हटाएं

चेहरे के दाग धब्बे मिटाने के लिए रोज़ नहाने से आधा घंटा पहले चहरे पर कैस्टर ऑयल को अच्छी तरह से लगायें और फिर लगभग 30 मिनिट के बाद चेहरा धो लें। इसके नियमित उपयोग से आप साफ़, सुन्दर और बेदाग चेहरा पा सकती हैं।

रूखी त्वचा के लिए बढि़या

अगर आपकी त्वचा बहुत अधिक रूखी है या सर्दियों में रूखी हो जाती है तो नहाने से पहले चेहरे पर कैस्टर ऑयल की मसाज करें या फिर रात को सोने से पहले इसे अपनी स्किन पर लगायें। रात भर ऐसे ही लगे रहने दें और सुबह चेहरा धो लें।

हाथो को मुलायम बनाएं

अगर आपके हाथ बहुत रूखे और खुरदुरे हो गए हैं तो रोज रात को सोने से पहले उन पर कैस्टर ऑयल लगायें। ऐसा रोज़ करें। इसके नियमित उपयोग से आपके हाथ एकदम कोमल और मुलायम हो जायेंगे।

स्ट्रेच मार्क्स से छुटकारा

प्रेगनेंसी में और डिलीवरी के बाद भी एलोवेरा जेल में कैस्टर ऑयल मिलाकर अपने पेट की मालिश करें। इसे दिन में दो बार अपने पेट पर लगायें। स्ट्रेच मार्क्स हटाने के लिए यह बहुत उपयोगी होम रेमेडी है।

घावों को तुरंत ठीक करें

अरंडी के तेल में एंटी माइक्रोबाइल गुण होते है जो बड़े बड़े घाव को तुरंत भरनेमें मदद करते हैं। इसमें मौजूद एंटी इंन्फ्लमैटरी गुण दर्द से भी राहत दिलाता है। इसके अलावा अरंडी का तेल जोड़ों के दर्द को भी दूर करता है।



कैस्टर ऑयल के फायदे(त्वचा, बाल, आंखें, वेट लॉस, स्तनपान, दांत आदि)

कैस्टर ऑयल क्या है और यह कैसे बनाया जाता है?कैस्टर ऑयल के विभिन्न प्रकार (जिसमें एक खरीदने के लिए?)सेहत एंव स्वास्थ के लिये कैस्टर ऑयल के फायदेत्वचा में कैस्टर ऑयल के फायदेबालों के लिये कैस्टर ऑयल के फायदेआखों के लिये कैस्टर ऑयल के फायदेशरीर के बढ़ते वजन को घटाने के लिए कैस्टर ऑयल के फायदेस्तनपान करवा रहीं माताओं और उनके बच्चों के लिए अरंडी का तेलपुरुषों के लिए कैस्टर ऑयल के फायदेदर्द से राहत पाने के लिए कैस्टर ऑयलचमकदार दांतों के लिए कैस्टर ऑयलदूसरे तेलों के साथ कैस्टर ऑयल का कॉम्बिनेशन कैस्टर ऑयल के साइड इफैक्ट्स

कैस्टर ऑयल (अरंडी का तेल) प्रकृति के द्वारा दिया गया एक वरदान है जिसका उपयोग आज के समय में औषधि के रूप में रोगों के उपचार के लिए किया जाता है। इसमें मौजूद प्राकृतिक तत्व ना हमें जानें कितनी प्रकार की बीमारियों से निजात दिलाने में मदद करते है। कैस्टर ऑयल आज के समय की जादुई औषधि ही नहीं है बल्कि कई समस्याओं का भी हल है, वैसे तो हमारे आसपास ऐसे की औषधिय उपचार मौजूद है, पर कैस्टर ऑयल ऐसा प्राकृतिक उपचार है जिसका उपयोग शरीर के रोगों को दूर करने के साथ-साथ बाल, त्वचा एवं शरीर के वजन से संबंधित समस्याओं के निदान के लिए भी किया जा सकता है। जो अन्य तेल नहीं कर सकते है। यदि आप भी नहीं जानती हैं कि कैस्टर ऑयल क्या है और कैस्टर ऑयल को कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है तो पढ़ें इस आर्टिकल को…

 कैस्टर ऑयल (अरंडी का तेल) क्या है और यह कैसे बनाया जाता है??

कैस्टर ऑयल एक सुनहरे पीले रंग का तेल है, कैस्टर पौधे के बीज को दबाने से एक ठंडा चिपचिपा पदार्थ निकलता है। इसे रिसिनस कॉम्यूनिस के नाम से भी जाना जाता है। यह पौधा केवल भारत और अफ्रीका के जंगलों में ही पाया जाता है।

कैस्टर ऑयल को विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे हिन्दी में इसे “अरंडी का तेल” कहा जाता है, तो तेलुगू में आमुडामु, मराठी में एरंडेला तेला, तमिल में कैस्टर ऑयल को अमनक्कु इनने, मलयालम में अवनककेन्ना और बंगाली में रेरिर तेल के नाम से जाना जाता है। इस तेल से अखरोट के समान खुशबू आती है। इसका रंग अरंडी के तेल की मात्रापर निर्भर करता है।

कैस्टर ऑयल के विभिन्न प्रकार (कौन सा खरीदें)

जब आप कैस्टर ऑयल दुकान में खरीदने जाएंगी तो आपको वहां सुनहरे रंग में कई तरह के तेल देखने को मिलते हैं, जिनके नाम निम्न प्रकार के होते हैं….

. आर्गनिक कैस्टर ऑयल

. रेग्यूलर कैस्टर ऑयल

. जमैकन ब्लैक कैस्टर ऑयल

जमैकन ब्लैक कैस्टर ऑयल और दूसरे कैस्टर ऑयल के बीच होने वाले अंतर?




जमैकन ब्लैक कैस्टर ऑयल तेल बालों के लिए सबसे अच्छा माना जाता है, परतुं जमैकन ब्लैक कैस्टर ऑयल में मौजूद कैस्टर के बीज की राख से यह तेल काफी काला हो जाता है। इस तेल में राख और तेल का मिश्रण होता है, जिसके कारण जमैकन ब्लैक कैस्टर ऑयल को 100% शुद्ध कहना उचित नहीं होगा। इसकी अपेक्षा लोग दूसरे अन्य तेलों को लेना ज्यादा पसंद करते है।

आपको खुद ही इस बात का चुनाव करना होगा कि आपको किस प्रकार के ऑयल को खरीदना है। इसको खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि इसमें किसी प्रकार की मिलावट ना हो और यह पूरी तरह से शुद्ध हो।

कैस्टर ऑयल का कैसे करें उपयोग

कैस्टर ऑयल में एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल के गुण पाए जाते हैं। इसमें पाए जानें वाले प्राकृतिक औषधिय गुणों की गुणवत्ता को देखकर ही लोग इसका प्रयोग कई तरीकों से करने लगे है। आज के समय में कैस्टर ऑयल का उपयोग सौंदर्य प्रसाधनों के अलावा कई अन्य तरह से भी किया जाने लगा है। इसका साबुन, शैम्पू, कपड़ों के उत्पादन के समय में, दवाइयों के रूप में तथा त्वचा एवं बालों में विभिन्न प्रकार के तेलों के रूप में उपयोग किया जाने लगा है। अरंडी के तेल के उपयोग के बारे में आज हम आपको बता रहें हैं। जानें इस आर्टिकल के द्वारा..

 कैस्टर ऑयल के सेहत से सम्बन्धित फायदे

कैस्टर ऑयल हमारे स्वास्थ्य के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है, जिसके विषय में हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। अरंडी के तेल में पाए जानें वाले प्राकृतिक औषधिय गुण हमारी सेहत के लिए एक वरदान के रूप में जानें जाते है। इसके चमत्कारिक गुणों को जानकर आप भी आश्चर्य में पड़ जाएंगे। इन्हीं गुणों की उपयोगिता को देखकर इसका उपयोग भारत में ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी औषधिय उपचार के रूप में किया जाने लगा है। इसकी इसी उपयोगिता को देखते हुए आज हम बता रहें हैं कि अरंडी के तेल का उपयोग कैसे करें।

कैस्टर ऑयल एक प्राकृतिक औषधि के रूप में सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है। कैस्टर ऑयल के पैक से कब्ज दूर होने के साथ ही पाचन क्रिया में सुधार होता है।  इसके अलावा यह शरीर को सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है। इससे पाचन क्रिया सही होने से मल त्याग करते समय समस्या नहीं होती है, ना ही कब्जियत होने के दौरान एनीमा की जरूरत पड़ती है। अरंडी के तेल का पैक घर पर बड़ी ही आसानी से तैयार किया जा सकता है। इसके प्रयोग के लिए एक पुराने कपड़े के साथ ही एक शीशी की आवश्यकता पड़ती है, जो कैस्टर ऑयल को एकत्रित करके रखने के काम आती है। तीन दिनों में एक बार एक चम्मच कैस्टर ऑयल का सेवन करने से आप कब्ज की समस्या से राहत पा सकती हैं।

• वैज्ञानिक शोधों के अनुसार कैस्टर ऑयल शरीर में अधिक टी-कोशिकाओं के निर्माण में सहायक होता है, जो शरीर के ट्यूमर को बढ़ने से रोकते हैं। साथ ही यह तेल जोड़ों के दर्द में, मांसपेशियों के दर्द में और शरीर में सूजन होने पर कैस्टर ऑयल को दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है। कैस्टर ऑयल का प्रयोग करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है। जिससे श्वेत रूधिर कणिकाएं बढ़ती है।

. जिन लोगों के शरीर में तिल या मस्से अत्यधिक संख्या होती हैं वे लोग कैस्टर ऑयल का उपयोग करके कुछ ही महिने में इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।

. कैस्टर ऑयल में एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल और एंटी वायरल गुण पाए जाते है। जो शरीर को बाहरी संक्रमण से बचाने का काम करते हैं।

त्वचा में कैस्टर ऑयल के फायदे   

त्वचा में निखार लाने के लिए कैस्टर ऑयल सबसे अच्छा उपचार माना जाता है। यह शुष्क त्वचा के लिए वरदान के समान है। कैस्टर ऑयल का उपयोग करने से त्वचा में नमी आती है। साथ ही इससे और भी कई तरह के फायदे मिलते है। कैस्टर ऑयल चेहरे पर किस तरह से निखार लाने का काम करता है, जानें इसके बारे मे

• यह तेल शुष्क त्वचा पर एक प्राकृतिक मॉइस्चराइजर के रूप में काम करता है, जिससे त्वचा में नमी बनी रहती है।

•इसके अलावा यह त्वचा में होने वाले बाहरी संक्रमण को रोककर, त्वचा को बैक्टिरिया मुक्त करता है। इसके साथ ही अरंडी के तेल में मौजूद रासायनिक तत्व बैक्टीरिया से लड़कर हमें कील मुंहासों से निजात दिलाने का काम करते है।

• कैस्टर ऑयल बढ़ती उम्र के प्रभाव के रोककर त्वचा के कोलेजन को बढ़ाता है, जिससे त्वचा जवां दिखने के साथ गोरी और सुंदर बनती है।

• कैस्टर ऑयल में पाए जानें वाले ओमेगा -3 फैटी एसिड मुँहासे के दाग धब्बों को दूर कर त्वचा को साफ सुदर चमकदार बनाने में मदद करते है।

• यदि आपके होंठ काले होने के साथ फट रहें हैं तो आप अरंडी के तेल का उपयोग कर सकती हैं। यह फटे हुए होठों के साथ पैरों की फटी हुई एड़ियों की समस्या को दूर करने में मदद करता है।

• कैस्टर ऑयल के उपयोग से गर्भावस्था के दैरान होने वाले स्ट्रैच मार्कस् को भी दूर किया जाता है। स्टैच मार्कस् को दूर करने के लिए अरंडी के तेल को इस्तेमाल करना एक बेहतर विकल्प है। इसके लिए कैस्टर ऑयल को गुनगुना करके धीरे-धीरे प्रभावित क्षेत्र की मालिश करें, इससे निशान कम होने लगते है।

बालों के लिये कैस्टर ऑयल के फायदे

कैस्टर ऑयल त्वचा के साथ-साथ बालों के लिए भी काफी अच्छा उपचार है। इसका उपयोग करने से बालों में चमत्कारिक फायदे देखने को मिलते है। हम नीचे बता रहें हैं कि कैस्टर ऑयल से बालों में किस प्रकार के फायदे देखने को मिलते हैं।


• कैस्टर ऑयल बालों की ग्रोथ के लिए सबसे अच्छा घरेलू उपचार है। इसका उपयोग करने के लिए आप इस तेल के साथ नारियल के तेल का भी उपयोग कर सकती हैं। दोनों का मिश्रण तैयार करके आप इससे बालों की जड़ों पर मालिश करें। कुछ ही दिनों में आपके बाल सुंदर, घने और मुलायम हो जाएंगे।

• अक्सर देखा जाता है कि कई लोगों के आईब्रो की ग्रोथ काफी कम होती है, आईब्रो की ग्रोथ के लिए भी अरंडी का तेल एक अच्छा उपचार है। इसके तेल से रोज मालिश करने से बाल जल्द ही आने लगते है।

• बालों की खुश्की के साथ ही रूसी को खत्म करने के लिए आप कैस्टर ऑयल का उपयोग कर सकती है। ये बालों की हर समस्या के समाधान का सबसे अच्छा उपचार है। इसकी मदद से आप बालों में जलन और खुजली जैसी समस्याओं से भी निजात पा सकती है। यह तेल बालों के अंदर की परत पर जाकर सूक्ष्मजीवों को बढ़ने से रोकता है।

• बरडॉक की जड़ और कैस्टर ऑयल:भारत में पाई जाने वाली बरडॉक की जड़ को यदि आप कैस्टर ऑयल के साथ मिलाकर बालों पर लगाती है, तो इससे बालों की खोई हुई चमक वापस आ जाती है। यह बालों की ग्रोथ के साथ सूजन को भी करने में मदद करता है।

• कैस्टर ऑयल में पाए जानें वाले विटामिन ई के तत्व बालों को पोषित करके उन्हें बेहतर बनाते है। यह एक प्राकृतिक कंडीशनिंग के रूप में भी काम करता है। बालों के उपचार के लिए इस तेल का उपयोग सप्ताह में एक बार अवश्य करें।

• बालों के साथ-साथ आईब्रो में होने वाली रूसी को खत्म करने के लिए कैस्टर ऑयल सबसे अच्छा उपचार है। सोने से पहले इस तेल की कुछ बूंद से भौहों की रगड़ते हुए मालिश करें। एक सप्ताह के अंदर इसके परिणाम देखने को मिल जाएंगे।

• इन समस्याओं के अलावा कैस्टर ऑयल को बालों के रंग में सुधार लाने के लिए भी जाना जाता है।

• दोमुंहे बालों से छुटकारा पाने के लिए कैस्टर ऑयल की मालिश सिर पर नियमित रूप से रोज रात को सोने से पहले करें। इससे बाल स्वस्थ होने के साथ ही इनकी अच्छी ग्रोथ होने लगेगी।

बालों की ग्रोथ के लिए किस तरह का कैस्टर ऑयल लेना चाहिए?

जमैकन ब्लैक कैस्टर ऑयल बालों की ग्रोथ को बनाए रखने का सबसे अच्छा उपचार है। जो बड़ी ही आसानी के साथ मार्किट में उपलब्ध हो जाता है। इस तेल में किसी भी प्रकार के कोई रासायनिक तत्वों का प्रयोग नहीं किया गया है। इसके अलावा, जमैकन ब्लैक कैस्टर ऑयल में प्राकृतिक रिसिनोलिक एसिड नामक यौगिक होते है, जो बालों की बाहरी इंफेक्शन से रक्षा करते है और बालों को सूर्य की किरणों से बचाने के लिए एक कवच के रूप में तैयार रहते है। यह तेल त्वचा को बाहरी संक्रमण से बचाने का काम भी करता है। यह त्वचा में होने वाला एक्जिमा, फंगल, तिल और मस्से के साथ अन्य संक्रमणों से त्वचा की रक्षा करता है।

आखों के लिये कैस्टर ऑयल के फायदे

आंखों के उपचार में कैस्टर ऑयल से होने वाले फायदों के बारें में भले ही आप ना जानती हो, पर कैस्टर ऑयल उपयोग दूसरे देशों में, जैसे- मिस्र के फिरौन, फारसी और चीन के लोगों में काफी समय से किया जाता रहा है। कैस्टर ऑयल के इन्हीं आश्चर्यजनक फायदों के बारे में आज हम बात कर रहें हैं।

• कैस्टर ऑयल में विटामिन ई के साथ फैटी एसिड और रिसिनोलिक एसिड पाया जाता है, जो अंदर की गंदगी को बाहर निकालने का काम करता है। यह तेल आंखों की सफाई के लिए सबसे अच्छे एजेंट के रूप में काम करता है।

• इस तेल की मालिश आंखों के नीचे और आंखों के चारों ओर करते रहने से, आंखों के नीचे होने वाले काले घेरे दूर हो जाते हैं। यह आंखों के नीचे पढ़ने वाली लाइनों को हटाता है।

• अक्सर लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करते रहने से आंखें सूखने लग जाती है। जिससे काफी थकान भी महसूस होती है। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए आंखों में अरंडी के तेल की एक बूंद डालें। इस उपाय को आप सोते समय ही करें। इससे आपको काफी आराम मिलेगा।

• यदि आपकी आंखों पर मोतियाबिंद होने की संभावनाएं नजर आ रही हो तो इसका इलाज आपकैस्टर ऑयल से कर सकती है। यह मोतियाबिंद को भी ठीक करने का सबसे अच्छा उपचार है।

शरीर के बढ़ते वजन को घटाने के लिए कैस्टर ऑयल के फायदे




अक्सर देखा जाता है कि गर्भावस्था के समय महिलाओं का वजन काफी तेजी से बढ़ने लगता है एक तो वजन दूसरा पेट के खिंचाव से स्ट्रैचमार्क्स, इन सभी समस्याओं के समानधान के लिए कैस्टर ऑयल एक दो धारी तलवार के रूप में काम करता है, जो इस तरह की समस्या का समाधान आसानी से कर सकता है।कैस्टर ऑयल शरीर के वजन कम करने के साथ खिंचाव के निशान को कम करने में मदद करता है।

शरीर के बढ़ते वजन के कम करने के लिए आप रोज सुबह के समय नाश्ते से पहले एक चम्मच अरंडी के तेल का सेवन करें। इसका सेवन आप फलों के रस के साथ भी कर सकती है। इससे पाचन क्रिया ठीक होती है। जिससे कब्जियत नहीं होती और इसका लगातार उपयोग करते रहने से आप एक सप्ताह के अंदर ही अपने वजन को कम करने में सफलता पा सकती है।

कैस्टर ऑयल से पेट की सतह की मालिश करने से पेट की चर्बी घटने लगती है। जिससे फेट कम होने लगताहै। साथ ही शरीर पर पड़ने वाले दागों को भी खत्म करने में यह तेल मदद करता है।


कैस्टर ऑयल का सेवन करने से यह शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे वजन काफी आसानी के साथ कम हो जाता है।


स्तनपान करवा रही माताओं और उनके बच्चों के लिए अरंडी का तेल

अरंडी का तेल हर किसी के लिए काफी आवश्यक होता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के पेट में होने वाले स्ट्रेच मार्क्स को भी अरंडी का तेल साफ करता है। इतना ही नहीं इस सुनहरे तेल के और भी कई लाभ हैं। हालांकि आपको गर्भाव्स्था के दौरान इस तेल के इस्तेमाल करने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए। आइए आपको बताते हैं कि अरंडी का यह तेल किस तरह से स्तनपान करवा रहीं माताओं और उनके बच्चों के लिए लाभदायक होता हैं।

• अरंडी के तेल का इस्तेमाल कर स्तनपान करवा रहीं मां अपने स्तनों की मसाज कर सकती हैं। इससे स्तनपान कराने वाली माताएं बेहतर तरीके से स्तनपान करवा सकती हैं। हालांकि अरंडी के तेल का समर्थन चिकित्सा विशेषज्ञ नहीं करते हैं।

• लेकिन अरंडी के तेल की उपयोगिता का समर्थन करने के लिए किसी वैज्ञानिक सबूत की जरूर नहीं है। इसके गुणों के कारण स्तनपान करवा रहीं माताएं किसी दूसरे तेल का इस्तेमाल करने के बजाय अरंडी के तेलका ही इस्तेमाल करती हैं।

• कई उपयोगकर्ता महिलाओं ने यह प्रश्न उठाया है कि “क्या मैं गर्भव्स्था के दौरान अरंडी के तेल का इस्तेमाल अपने बालों पर कर सकती हूं?” विशेषज्ञ प्रसव से पहले और बाद में किसी भी तरह के आंतरिक या सामयिक या आरंडी के तेल का इस्तेमाल करने का सुझाव नहीं देते हैं

• पूर्ण जानकारी के अभाव में, गर्भवती माताओं के लिए अरंडी के तेल का इस्तेमाल करना उचित नहीं है।

• लेकिन अरंडी का यह तेल छोटे बच्चों के लिए काफी सुरक्षित होता है। इसका इस्तेमाल आप बच्चे की शुष्क त्वचा की मालिश करने के लिए कर सकती हैं। इससे बच्चे को शुष्क त्वचा और खुजली से आराम मिलता है। बच्चे को नहलाने के बाद अरंडी के तेल की कुछ बूंदों से जरूर मालिश करें।

• अरंडी के तेल में एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी बैक्टीरियल के बेहतरीन गुण होते हैं जो कि शिशुओं में त्वचा की समस्या और ब्लेमिशिंग का इलाज करने में मदद करते है। आप अपने छोटे बच्चों की त्वचा पर इस तेल को गुनगुना करके मालिश कर सकती हैं। आपको कुछ ही समय के बाद अपने बच्चे की त्वचा कोमल और साफ दिखने लगेगी।

• आप अरंडी के तेल से बच्चे के स्केल्प में मसाज कर सकती हैं, इससे बच्चे के बाल घने और चमकदार हो जाएंगे। इस बात का ख्याल जरूर रखें कि अरंडी के तेल को आप अपने बच्चे की आंखों, गुप्तांग और होठों पर लगाने से बचें।

• अरंडी का तेल का इस्तेमल कर आप बच्चों की त्वचा में होने वाले इंफेक्शन का इलाज कर सकती है। आप अरंडी के तेल को गुनगुना करके उनके पेट में एंटी क्लॉक वाइस मालिश भी कर सकती हैं।

• अरंडी के तेल से आप अपने बच्चों के शरीर के मांसपेशियों की मालिश कर सकती हैं। बच्चों के लगातार विकास के कारण अक्सर उनके मांसपेशियों में दर्द रहता है।

• अरंडी के तेल की कुछ बूंदों का इस्तेमाल कर आप डायपर से होने वाले रेशिश से अपने बच्चे को राहत दिला सकती हैं। अरंडी के तेल में मौजूद तत्व बच्चों के शरीर पर रेशिश के कारण होने वाली जलन को दूर करने में मदद करते है। यह बच्चों को फंगल इंफेक्शन से भी बचाता है।

• आप सूरज से जली हुई त्वचा में भी अरंडी के तेलका इस्तेमाल कर सकती हैं। इनकी त्वचा नाजुक होती है और यह सनबर्न के खतरे को दूर करने में भी मदद करती है। इतना ही नहीं, यह शिशुओं में एक्जिमा का उपचार करने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।

पुरुषों के लिए कैस्टर ऑयल के फायदे

पुरुषों की एक निश्चित उम्र में उनकी हेयरलाइन के कम होने की समस्या जरूर देखने को मिलती हैं। आजकल पुरुषों को हेयरलाइन के कम होने और बालों के झड़ने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन अगर आप भी इस समस्या का सामना कर रहे हैं तो अरंडी के तेल के रूप में आपके पास एक उपाय मौजूद है।

• गुनगुने अरंडी के तेल से अपने स्केल्प में सर्कुलर मोशन में मालिश कर लें। इस दौरान आप अपने हेयरलाइन पर खास ध्यान दें। इसके बाद अपने सिर को शॉवर कैप या र्स्काफ से कवर करके रात भर इस तेल को बालों में लगा रहने दें।

• आप बेहतरीन परिणाम के लिए अरंडी के तेल का इस्तेमाल एक सप्ताह तक रोजाना करें।

• आप चाहें तो अरंडी के तेल के साथ कुछ अन्य तेलों को इस्तेमाल करके इसे अपने बालों में लगा लें।

• अरंडी के तेल का इस्तेमाल करने से बालों की जड़ों में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और इससे बालों की ग्रोथ प्राकृतिक तरीके से होती है।

• यह आपके बालों को आगे होने वाले हेयरफॉल से भी बचाने में मदद करता है।

दर्द से राहत पाने के लिए कैस्टर ऑयल

सन् 1900 में समग्र चिकित्सा के जनक माने जाने वाले एडगर कैस ने यह सुझाव दिया कि अरंडी के तेल का इस्तेमाल करके गठिया की बीमारी में होने वाले जोड़ों के दर्द से राहत पाई जा सकती है। अरंडी के तेल में होने वाला अद्भूत फैटी एसिड, रिकिनोलिक एसिड दर्द से राहत दिलाता है। हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं जिसकी मदद से आप अरंडी के तेल का इस्तेमाल कर आप जोड़ों के दर्द से राहत पा सकतेहैं। अरंडी के तेल की इस निम्नलिखित विधि से आप सूजन से राहत पा सकती हैं।

• अरंडी के तेल में एक कपड़ा भिगोकर रख दें और फिर इसे अपने जोड़ों में और शरीर के दर्द वाले हिस्से में लगाएं। इससे आपको गठिया के रोग से राहत मिलेगी।

• आप चाहे तो अरंडी के तेल को हर्बल चाय के साथ सेवन कर सकती हैं। लेकिन अगर आपको इसका स्वाद पसंद ना आएं तो ऐसे में आप बाजार में उपलब्ध अरंडी ऑयल के सप्लिमेंट्स का इस्तेमाल कर सकती हैं। रात के समय अरंडी के तेल का सेवन करने से आपका पेट अगले दिन अच्छी तरह से साफ हो जाएगा।

• अदरक पाउडर को उबाल लें। इसके बाद इसके मिश्रण को ठंडा होने दें। अब इसमें एक चम्मच अरंडी का तेल डाल लें। अरंडी के तेल के इस मिश्रण का सेवन आप दिन में दो बार करें।

• आप चाहें तो अरंडी के तेल को हल्का गुनगुना करके इसे प्रभावित जगह पर रात भर लगा रहने दें। इससे आपका दर्द अगली सुबह ठीक हो जाएगा।

चमकदार दांतों के लिए कैस्टर ऑयल

अरंडी के तेल का इस्तेमाल कर आप अपने मुंह के बैक्टीरिया और गंदगी को साफ कर सकती हैं। लेकिन यह जरूरी नहीं है हर कोई सफेद दांतों को पाने के लिए अरंडी के तेल का इस्तेमाल करता हो।

क्या अरंडी के तेल को गर्म किया जा सकता है?

लोगों के मन में काफी लंबे समय से यह सवाल आ रहा है कि क्या अरंडी के तेल को गर्म किया जा सकता है? इसका जवाब है नहीं। आप इस तेल की बोतल को देखें, आपको इसमें इसी विषय पर एक लेबल लिखा हुआ दिखेगा, इसलिए इसे कभी भी गर्म नहीं करना चाहिए।

दूसरे तेलों के साथ कैस्टर ऑयल का कॉम्बिनेशन

आप चाहें तो शुद्ध अरंडी के तेल का इस्तेमाल कर सकती हैं या फिर आप इसे दूसरे तेलों के साथ मिलाकर भी इसका इस्तेमाल कर सकती हैं। आइए आपको कुछ ऐसे ही तेलों का संयोजन बताते हैं जिनका इस्तेमाल आप अरंडी के तेल के साथ कर सकती हैं।

• अरंडी के तेल के साथ जोजोबा ऑयल ( हेयर सीरम)
आप अपने बालों के लिए अरंडी के तेल का इस्तेमाल कर खुद ही एक हेयर सीरम बना सकती हैं। आप अरंडी के ऑयल की 3 चम्मच और जोजोबा ऑयल या आर्गन ऑयल की 1 चम्मच लेकर इसे अच्छी तरह से मिक्स करके एक समरूप मिश्रण तैयार कर लें। इस मिश्रण को अपने बालों में लगाकर 5 मिनट के लिए मसाज करें।

• अरंडी के तेल के साथ ऑलिव ऑयल ( एंटी एजिंग ऑयल)

आप अरंडी तेल और ऑलिव ऑयल की 1:3 अनुपात मिला लें। इसके बाद इस मिश्रण का इस्तेमाल अपनी त्वचा को मसाज करने के लिए करें। इसका इस्तेमाल करने से आपको एक सप्ताह में ही फर्क नजर आने लगेगा। अगर आपकी त्वचा ऑयली है तो ऐसे में आप ऑलिव ऑयल की जगह जोजोबा ऑयल का इस्तेमाल कर सकती हैं।

• अरंडी के तेल के साथ नारियल का तेल ( रूखी त्वचा के लिए अरंडी के तेल का उपचार)

अगर आपकी त्वचा काफी लंबे समय से ड्राई हो रखी हो तो ऐसे में आप अरंडी के तेल के साथ नारियल के तेल का इस्तेमाल कर सकती हैं। इस उपचार के लिए आप दोनों तेलों का 1:1 अनुपात ले लें और फिर अपनी त्वचा को इससे दिन में दो बार साफ कर लें। आपको अपनी त्वचा में बदलाव एक सप्ताह में ही दिखने लग जाएंगे और आपकी त्वचा का रूखापन गायब हो जाएगा।

• अरंडी के तेल के साथ तिल का तेल ( हाथों के लिए क्रीम)

अरंडी के तेल के साथ तिल के तेल का 1:1 अनुपात मिला लें। इसके बाद इसे एक हैंडी बोतल में रख दें। इसके बाद आप इसका इस्तेमाल कर अपने हाथों को साफ करें। इससे आपको अपने हाथ एक ही सप्ताह में कोमल और स्मूथ महसूस होने लगेंगे।

• अरंडी तेल के साथ बादाम का तेल ( हेयर ग्रोथ के लिए )

बादाम के तेल के साथ अरंडी के तेल का इस्तेमाल करने से हमारे बालों को काफी फायदा होता है। आप इन दोनों तेलों को बराबर मात्रा में मिला लें और फिर इससे अपने स्केल्प की मसाज करें। इसके बाद अपने सिर को आप कवर कर लें और अगली सुबह अपने बालों को धो लें। इससे आपके बालों में दो हफ्तों में ही बेहतरीन परिणाम प्राप्त होंगे।


कैस्टर ऑयल के साइड इफैक्ट्स




हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, ठीक जिस तरह से अरंडी के तेल के काफी फायदे हैं तो वहीं कैस्टर ऑयल के साइड इफेक्ट्स भी हैं। इस बात का ख्याल रखें कि अरंडी के तेल का इस्तेमाल एक सीमित समय तक ही करें। कई ऐसे प्रश्न हैं जिनके जवाब हर कोई जानना चाहता है, जैसे कि क्या अरंडी के तेल को आंतरिक रूप से सेवन करना सही है? आइए आपको कैस्टर ऑयल के कुछ सामान्य संभव दुष्प्रभावों के बारे में बताते हैं।

• कैस्टर ऑयल का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अगर आप इसका सेवन कर लेते हैं तो इससे कब्ज और पेट कमजोर भी हो सकता है। कैस्टर ऑयल का इस्तेमाल करने से पहले किसी चिकित्सक से एक बार जरूर परामर्श ले लें।

• कैस्टर ऑयल का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल कभी-कभार कब्ज को दस्त में भी बदल सकता है।

• अगर आप अपनी त्वचा और बालों में कैस्टर ऑयलका इस्तेमाल करने जा रहीं हैं तो ऐसे में पहले पैच टेस्ट जरूर कर लें। इसके इस्तेमाल से कुछ लोगों को रेशिश भी हो सकते है। इतना ही नहीं यह ऐलर्जिक भी हो सकता है।

• मांसपेशियों में ऐठन के दौरान अरंडी के तेल का इस्तेमाल करने के कई संभावित दुष्प्रभाव होते हैं। इसी के साथ अरंडी के ऑयल का इस्तेमाल करने से पेट में दर्द भी हो सकता है।

• अगर आप कैस्टर ऑयल का इस्तेमाल जरूरत से ज्यादा करती हैं तो इससे कमजोरी और चक्कर भी आ सकते हैं।

• कैस्टर ऑयल का इस्तेमाल लंबे समय तक करने से शरीर में पानी और पोषक तत्वों की कमीं हो जाती है। अरंडी के तेल का इस्तेमाल करने से पोषक तत्वों के साथ ही पाचन क्रिया भी रूक जाती है।

• अगर आपको कैस्टर ऑयल से एलर्जी है तो यह आपके दिल की धड़कन को बढ़ा सकता है। अरंडी के तेल से एलर्जी होने की भी संभावित प्रतिक्रिया हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।

• सांस ना लेना भी अरंडी के तेल का एक दुष्प्रभाव है। अगर आपको कैस्टर ऑयल के इस्तेमाल के बाद सांस लेने में कठिनाई महसूस हो रही है तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। आप चाहें तो यह भी जांच करवा सकती हैं कि कैस्टर ऑयल से आपको एलर्जी है या फिर नहीं।

• कैसे जानें कि कैस्टर ऑयल से आपको एलर्जी होती है या नहीं? अपनी बांह में अरंडी के ऑयल का परीक्षण करें। अगर आपकी त्वचा में लाल निशान या खुजली होती हैं तो यह इस बात का संकेत है कि आपको अरंडी के तेल से एलर्जी है। ऐसे में आप तुरंत जाकर अपना हाथ धो लें।

• इस बात का ख्याल रखें कि आप कैस्टर ऑयल को कभी भी सीधे अपनी त्वचा या आंखों के पास इस्तेमाल ना करें। एलर्जी टेस्ट करने के दौरान भी आप इस बात को बखूबी याद रखें और अगर आपको अरंडी तेल से एलर्जी होती हैं तो ऐसे में आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।




फायदे अरंडी के तेल केफायदे अरंडी के तेल के

एरण्ड, जिसे अरण्ड, अरण्डी, अण्डी आदि और बोलचाल की भाषा में अण्डउआ भी कहते हैं। इसके बीज अत्यंत उष्णवीर्य, गुल्म, शूल, वायु, यकृत व प्लीहा के रोग, उदर विकार व बवासीर को दूर करने वाले और अत्यंत अग्निदीपक होते हैं। इसका तेल सौम्य विचेरक (हलका जुलाब) का काम करता है। एरण्ड के पत्ते, मूल, बीज और तेल उपयोग में लिए जाते हैं। इसका तेल इतना निरापद जुलाब है कि इसे बाल, वृद्ध, गर्भवती स्त्री और नवप्रसूता आदि भी बेखटके सेवन कर सकते हैं। इसको स्त्री पुरुष के गुप्त रोगो के साथ साथ सैंकड़ो अनेका अनेक जटिल बीमारियो में इसको उपयोग किया जाता हैं। आइये जाने अरण्ड के बारे में।

अरंडी का पौधा

एरंड का पौधा प्राय: सारे भारत में पाया जाता है। एरंड की खेती भी की जाती है और इसे खेतों के किनारे-किनारे लगाया जाता है। ऊंचाई में यह 2.4 से 4.5 मीटर होता है। एरंड का तना हरा और चिकना तथा छोटी-छोटी शाखाओं से युक्त होता है। एरंड के पत्ते हरे, खंडित, अंगुलियों के समान 5 से 11 खंडों में विभाजित होते हैं। इसके फूल लाल व बैंगनी रंग के 30 से 60 सेमी. लंबे पुष्पदंड पर लगते हैं। फल बैंगनी और लाल मिश्रित रंग के गुच्छे के रूप में लगते हैं। प्रत्येक फल में 3 बीज होते हैं, जो कड़े आवरण से ढके होते हैं। एरंड के पौधे के तने, पत्तों और टहनियों के ऊपर धूल जैसा आवरण रहता है, जो हाथ लगाने पर चिपक जाता है। ये दो प्रकार का होते हैं लाल रंग के तने और पत्ते वाले एरंड को लाल और सफेद रंग के होने पर सफेद एरंड कहते हैं। पेड़ लाली लिए हो तो रक्त एरण्ड और सफेद हो तो श्वेत एरण्ड कहलाता है। इसकी दो जातियां और भी होती हैं। एक मल एरंड और दूसरी वर्षा एरंड। वर्षा एरंड, बरसात के सीजन में उगता है। मल एरंड 15 वर्ष तक रह सकता है। वर्षा एरंड के बीज छोटे होते हैं, परन्तु उनमें मल एरंड से अधिक तेल निकलता है। एरंड का तेल पेट साफ करने वाला होता है, परन्तु अधिक तीव्र न होने के कारण बालकों को देने से कोई हानि नहीं होती है।

अरंडी की किस्मे

सफेद एरंड : सफेद एरंड, बुखार, कफ, पेट दर्द, सूजन, बदन दर्द, कमर दर्द, सिर दर्द, मोटापा, प्रमेह और अंडवृद्धि का नाश करता है।

लाल एरंड : पेट के कीड़े, बवासीर, रक्तदोष 
(रक्तविकार), भूख कम लगना, और पीलिया रोग का नाश करता है। इसके अन्य गुण सफेद एरंड के जैसे हैं।

अरंड के फूल : एरंड का फूल एक लिंगी, लाल बैंगनी रंग के होते हैं। एरंड के फूल ठंड से उत्पन्न रोग जैसे खांसी, जुकाम और बलगम तथा पेट दर्द संबधी बीमारी का नाश करता है।

अरंड के फल : एरंड के फल के ऊपर हरे रंग का आवरण होता है। प्रत्येक फल में तीन बीज होते हैं।

एरंड के पत्ते : एरंड के पत्ते वात पित्त को बढ़ाते हैं और मूत्रकृच्छ्र (पेशाब करने में कठिनाई होना), वायु, कफ और कीड़ों का नाश करते हैं।

एरंड के अंकुर : एरंड के अंकुर फोड़े, पेट के दर्द, खांसी, पेट के कीड़े आदि रोगों का नाश करते हैं।

अरंड के बीज : Castor oil seeds

एरंड के बीज सफेद चिकने होते हैं। एरंड के बीजों का गूदा बदन दर्द, पेट दर्द, फोड़े-फुंसी, भूख कम लगना तथा यकृत सम्बंधी बीमारी का नाश करता है।

एरंड का तेल : Castor oil

पेट की बीमारी, फोड़े-फुन्सी, सर्दी से होने वाले रोग, सूजन, कमर, पीठ, पेट और गुदा के दर्द का नाश करता है।

अरंड का स्वभाव : Nature of castor oil
एरंड गर्म प्रकृति का होता है।

अरंड के नुकसान

एरंड आमाशय को शिथिल करता है, गर्मी उत्पन्न करता है और उल्टी लाता है। इसके सेवन से जी घबराने लगता है। लाल एरंड के 20 बीजों की गिरी नशा पैदा करती है और ज्यादा खाने से बहुत उल्टी होता है एवं घबराहट या बेहोशी तक भी हो सकती है। यह आमाशय के लिए अहितकर होता है। राइसिन नामक विषैला तत्त्व होने के कारण एरंड के 40-50 दाने खाने से या 10 ग्राम बीजों के छिलकों का चूर्ण खाने से उल्टी होकर व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।

अरंड की तुलना :

एरंड की तुलना जमालघोटा से की जा सकती है।

अरंड के दोषों को दूर कैसे करें :

कतीरा और मस्तगी एरंड के गुणों को सुरक्षित रखकर इसके दोषों को दूर करता है।

विशेष नोट : लाल एरंड का तेल 5 से 10 ग्राम की मात्रा में गर्म दूध के साथ लेने से योनिदर्द, वायुगोला, वातरक्त, हृदय रोग, जीर्णज्वर (पुराना बुखार), कमर के दर्द, पीठ और कब्ज के दर्द को मिटाता है। यह दिमाग, रुचि, आरोग्यता, स्मृति (याददास्त), बल और आयु को बढ़ाता है और हृदय को बलवान करता है।

अरंड के गुण

लाल व सफेद दोनों प्रकार के एरण्ड मधुर, गर्म, भारी होते हैं, शोथ, कमर, वस्ति स्थान तथा सिर की पीड़ा, उदर रोग, ज्वर, श्वास, कफ, अफरा, खाँसी, कुष्ठ और गठिया रोग के नाशक हैं। एरंड पुराने मल को निकालकर पेट को हल्का करती है। यह ठंडी प्रकृति वालों के लिए अच्छा है, अर्द्धांग वात, गृध्रसी झानक बाई (साइटिका के कारण उत्पन्न बाय का दर्द), जलोदर (पेट में पानी की अधिकता) तथा समस्त वायुरोगों की नाशक है इसके पत्ते, जड़ और बीज उसका तेल सभी औषधि के रूप में इस्तेमाल किए जाते है। यहां तक कि ज्योतिषी और तांत्रिक भी ग्रहों के दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए एरंड का प्रयोग करते हैं।

अरंड की सेवन मात्रा :

बीज 2 से 6 दाने। तेल 5 से 15 मिलीलीटर। पत्तों का चूर्ण 3 से 4 ग्राम। जड़ की पिसी लुगदी 10 से 20 ग्राम । जड़ का चूर्ण 1 से 3 ग्राम।

अरंड का स्वाद :

एरंड खाने में तीखा, बेस्वाद होता है।

चर्म (त्वचा) के रोग

एरंण्ड की जड़ 20 ग्राम को 400 मिलीलीटर पानी में पकायें। जब यह 100 मिलीलीटर शेष बचे तो इसे पिलाने से चर्म रोगों में लाभ होता है।एरंड के तेल की मालिश करते रहने से शरीर के किसी भी अंग की त्वचा फटने का कष्ट दूर होता है।

सिर पर बाल उगाने के लिए 

ऐसे शिशु जिनके सिर पर बाल नहीं उगते हो या बहुत कम हो या ऐसे पुरुष-स्त्री जिनकी पलकों व भौंहों पर बहुत कम बाल हों तो उन्हें एरंड के तेल की मालिश नियमित रूप से सोते समय करना चाहिए। इससे कुछ ही हफ्तों में सुंदर, घने, लंबे, काले बाल पैदा हो जाएंगे।

सिर दर्द 

एरंड के तेल की मालिश सिर में करने से सिर दर्द की पीड़ा दूर होती है। एरंड की जड़ को पानी में पीसकर माथे पर लगाने से भी सिर दर्द में राहत मिलती है।

जलने पर 

एरंड का तेल थोड़े-से चूने में फेंटकर आग से जले घावों पर लगाने से वे शीघ्र भर जाते हैं। एरंड के पत्तों के रस में बराबर की मात्रा में सरसों का तेल फेंटकर लगाने से भी यही लाभ मिलता है।



पायरिया 

एरंड के तेल में कपूर का चूर्ण मिलाकर दिन में 2 बार नियमित रूप से मसूढ़ों की मालिश करते रहने से पायरिया रोग में आरम मिलता है।

लिंग की शक्ति बढ़ाने के लि

मीठे तेल में एरंड के पीसे बीजों का चूर्ण औटाकर शिश्न पर नियमित रूप से मालिश करते रहने से लिंग की शक्ति बढ़ती है।

मोटापा दूर करना

एरंड की जड़ का काढ़ा छानकर एक-एक चम्मच की मात्रा में शहद के साथ दिन में तीन बार सेवन करें।एरंड के पत्ते, लाल चंदन, सहजन के पत्ते, निर्गुण्डी को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें, बाद में 2 कलियां लहसुन की डालकर पकाकर काढ़ा बनाकर रखा रहने दें इसमें से जो भाप निकले उसकी उस भाप से गला सेंकने और काढ़े से कुल्ला करना चाहिए।एरंड के पत्तों का खार (क्षार) को हींग डालकर पीये और ऊपर से भात (चावल) खायें। इससे लाभ हो जाता है।अरण्ड के पत्तों की सब्जी बनाकर खाने से मोटापा दूर हो जाता है। 

दूध वृद्धि और स्तन सूजन में

एरंड के पत्तों का रस दो चम्मच की मात्रा में दिन में तीन बार कुछ दिनों तक नियमित पिलाएं। इससे स्तनों में दूध की वृद्धि होती है।अरण्ड (एरंड) पाक को 10 ग्राम से लेकर 20 ग्राम की मात्रा में गुनगुने दूध के साथ प्रतिदिन सुबह और शाम को पिलाने से प्रसूता यानी बच्चे को जन्म देने वाली माता के स्तनों में दूध में वृद्धि होती है। मां के स्तनों पर एरंड के तेल की मालिश दिन में 2-3 बार करने से स्तनों में पर्याप्त मात्रा में दूध की वृद्धि होती है।स्तनों के सूजन से पीड़ित महिला के स्तनों में एरंड के पत्तों की पुल्टिस बांधनी चाहिए। इससे स्तनों की सूजन और दर्द में बहुत अधिक लाभ मिलता है।जब किसी स्त्री के स्तनों में दूध आना बंद हो जाता है और स्तनों में गांठें पड़ जाती हैं, तब एरंड के 500 ग्राम पत्तों को 20 लीटर पानी में घंटे भर उबालें, तथा गर्म पानी की धार 15-20 मिनट स्त्री के स्तनों पर डाले, एरंड तेल की मालिश करें, उबले हुए पत्तों की महीन पुल्टिस स्तनों पर बांधे। इससे गांठें बिखर जायेगी और दूध का प्रवाह पुन: प्रारम्भ हो जायेगा।स्तन के चारों ओर की त्वचा फट जाने पर एंरड तेल लगाने से तुरन्त लाभ होता है।एरंड के पत्तों को सिरके में पीसकर स्तनों पर प्रतिदिन मलने से कुछ ही दिनों में स्तन कठोर हो जाते हैं। इसके अलावा गांठें पिघलकर दूध उतरने लगता है तथा सूजन की तकलीफ दूर हो जाती हैं। 

बालकों के पेट के कृमि (कीड़े)

एरंड का तेल गर्म पानी के साथ देना चाहिए अथवा एरंड का रस शहद में मिलाकर बच्चों को पिलाना चाहिए। इससे बच्चों के पेट के कीडे़ नष्ट हो जाते हैं। एरंड के पत्तों का रस नित्य 2-3 बार बच्चे की गुदा में लगाने से बच्चों के चुनने (पेट के कीड़े) मर जाते हैं।

योनि शूल (दर्द)

एरंड की जड़ और सोंठ को घिसकर योनि पर लेप करें। इससे योनि दर्द ठीक हो जाता है।एरंड तेल में रूई का फोहा भिगोकर योनि में धारण करने से योनि का दर्द मिट जाता है।

पेट में दर्द या दस्त

एरंड और चूहे की लेण्डी का चूर्ण नींबू के रस में मिलाकर बच्चों की नाभि और गुदा पर लेप करना चाहिए। इससे बच्चों का दस्त आना बंद हो जाता है।पेट में दर्द या बार-बार दस्त होने पर एरंड के तेल का जुलाब देना चाहिए। इसका जुलाब बहुत ही उत्तम होता है। इससे पेट में दर्द नहीं होता और पानी की तरह पतले दस्त भी नहीं होते, केवल मल-शुद्धि होती है। यदि इसका जुलाब फायदा नहीं पहुंचाता तो यह कोई हानि नहीं पहुंचाता। छोटे बच्चों से लेकर बूढ़ों तक के लिए यह समान उपयोगी है। सोंठ के काढ़े के साथ पीने से एरंड के तेल की दुर्गन्ध कम हो जाती है अथवा मट्ठे से कुल्ला करके एरंड का तेल पीने से उससे अरुचि नहीं होती ।

यदि मल के साथ आंव और खून निकलता हो तो आरम्भ में ही 10 ग्राम एरंड तेल देने से आंव आना कम हो जाता है और खून का गिरना भी कम हो जाता है।एरंड के बीजों के बीच के भाग को पीसकर, गाय के चौगुने दूध में पकायें जब यह खोवा की तरह हो जाय तो उसमें दो भाग चीनी मिला लें। इसे प्रतिदिन 15 ग्राम खाने से पेट की गैस मिटती है। पुराने पेट के दर्द में रोज रात को सोने के समय 125 ग्राम गर्म पानी में एक नींबू का रस निचोडकऱ, एरंड का तेल डालकर पीने से कुछ समय में ही दर्द दूर हो जाता है।आँव – Castor oil for Dysentery in hindi आँव में चिकना, चीठा मल निकलता है और मल विर्सजन के समय पेट में हल्‍की-हल्‍की मरोड़ भी होती है। आँव का जल्दी इलाज न हो तो यही आगे चलकर आमातिसार, आमवात, सन्धिवात, अमीबायोसिस आदि रोगों को उत्पन्न कर देती है। रात को एक गिलास दूध में आधा चम्मच पिसी सोंठ डालकर खूब उबालें फिर उतारकर ठण्डा करके इसमें 2 चम्मच केस्टर ऑइल डालकर सोते समय पिएँ। 2-3 दिन यह प्रयोग करने पर पेट की सारी आँव मल के साथ निकल जाती है। Castor Oil In Hindi

पिसा हुआ कांच खा लेने पर

पिसा हुआ कांच खा लेने पर 30 ग्राम एरंड का तेल पिलाने से लाभ मिलता है।

होंठों के फटने पर रात्रि को एरंड तेल होठ पर लगाने से लाभ मिलता है।एरंड की जड़ का काढ़ा जवाखार के साथ देने से हृदय रोग और कमर के दर्द का नाश हो जाता है।एरंड की जड़ को भांगरे के रस में घिसकर नाक में लगाकर सूंघे, इससे छींक आकर मस्तक शूल नष्ट हो जाता है।एरंड के तेल को गाय के पेशाब में मिलाकर देना चाहिए। इससे पीठ, कमर, कन्धे, पेट और पैरों का शूल (दर्द) नष्ट हो जाता है।एरंड के अंकुर बारीक पीसकर उसमें थोड़ा सा दूध मिलाकर लेप बना लें। इस लेप को कपाल (सिर) तथा कान के पास लेप करने से नींद का कम आना दूर हो जाता है।एरंड के तेल को तपाकर रख लें और जिस ओर नाक में पीनस हो गया हो, उस ओर के नथुने से, उस तेल को दिन में कई बार सूंघने से पीनस नष्ट हो जाती है।एरंड के पंचाग की 10 ग्राम राख को 40 ग्राम गौमूत्र में मिलाकर पिलाने से प्लीहोदर मिट जाता है।एरंड और मेंहदी के पत्तों को पीसकर लेप करने से वादी की पीड़ा मिट जाती है।

अंडकोष अंत्रवृद्धि

2 चम्मच एरंड तेल सुबह-शाम दूध में मिलाकार सेवन करने से अंडकोष के बढे़ हिस्से से आराम मिलता है। साथ ही इस तेल की मालिश भी करनी चाहिए।10 ग्राम एरंड तेल को 3 ग्राम गुग्गुलु और 10 ग्राम गाय के पेशाब के साथ सुबह-शाम पीने से एवं अंडकोष पर एरंड पत्ते गर्म करके बांधने से अंडकोष वृद्धि ठीक हो जाती है। एरण्ड की जड़ को सिरके में कूट-पीसकर महीने लेप बना कर गर्म करें, कुनकुना गर्म अण्डकोषों पर लेप करें। इस उपाय से अण्डकोषों की सूजन उतर जाती है। 

एपैन्डिक्स

इस रोग के प्रारम्भ में ही एरंड तेल 5 से 10 ग्राम की मात्रा में प्रतिदिन देने से आपरेशन करने की आवश्यकता नहीं रहती। और एपैन्डिक्स रोग ठीक हो जाता है।

आंखों के रोग में

एरंड के तेल के अंजन से आंखों से पानी बहता है, इसलिए इसे नेत्र विरेचन कहते हैं। एरंड तेल दो बूंद आंखों में डालने से, इनके भीतर का कचरा निकल जाता है और आंखों की किरकरी बंद हो जाती है।एरंड के पत्तों की जौ के आटे के साथ पुल्टिस बनाकर आंखों पर बांधने से आंखों पर आई पित्त की सूजन नष्ट हो जाती है।

अर्श (बवासीर)

एरंड के पत्तों के 100 ग्राम काढ़े में घृतकुमारी का रस 50 ग्राम मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से लाभ होता है।एरंड तेल और घृत कुमारी का स्वरस मिलाकर बवासीर के मस्सों पर लगाने से जलन शांत हो जाती है।

मस्से और गुदा की त्वचा फट जाने पर प्रतिदिन रात्रि को एरंड तेल देने से बहुत लाभ होता है।एरंड के तेल की मालिश नियमित रूप से करते रहने से बवासीर के मस्से, पैरों की कील (कार्नस), मुहासें, मस्से, बिवाई, धब्बे, गठानों पर की सारी तकलीफें धीरे-धीरे दूर हो जाएंगी।नीम और एरंडी के तेल को गर्म करें तथा उसमें 1 ग्राम अफीम व 2 ग्राम कपूर का चूर्ण डालकर मलहम (गाढ़ा पेस्ट) बना लें। इस पेस्ट को मस्सों पर लगाने से मस्से सूखकर झड़ जाते हैं।एरंड का तेल लेकर प्रतिदिन मस्सों पर लगाने से कुछ ही दिनों में बादी बवासीर ठीक हो जाती है।

पीलिया

गर्भवती महिला को यदि पीलिया हो जाये और गर्भ शुरुआती अवस्था में हो तो, एरंड के पत्तों का 10 ग्राम रस सुबह-सुबह 5 दिन पिलाने से पीलिया दूर हो जाता है और सूजन भी दूर हो जाती है।एरंड के पत्तों के 5 ग्राम रस में पीपल का चूर्ण मिलाकर नाक में डालकर सूंघने से या आंखों में अंजन करने से पीलिया रोग मिटता है और सूजन भी दूर हो जाती है।एरंड की जड़ का रस 6 ग्राम, दूध 250 ग्राम में मिलाकर पिलाने से कामला रोग मिटता है।एरंड की जड़ के 80 मिलीलीटर काढे़ में दो चम्मच शहद मिलाकर चाटने से खांसी दूर हो जाती है।एरंड के पत्तों का रस 10 ग्राम से 20 ग्राम तक गाय के कच्चे दूध में मिलाकर सुबह-शाम पिलाने से 3 से 7 दिन में पीलिया नष्ट हो जाता है। रोगी को दही-चावल ही खिलायें और यदि कब्ज हो तो दूध अधिक पिलाएं।10 ग्राम एरंड के पत्ते लेकर, उन्हें 100 ग्राम दूध में पीसकर छान लें और उसमें 5 ग्राम शक्कर मिलाकर दिन में 3 बार पीने से कामला रोग शांत हो जाता है।एरंड का रस डाभ (कच्चे नारियल के पानी) में मिलाकर खाली पेट पीएं। इससे पीलिया का रोग ठीक हो जाता है।

खांसी

एरंड के पत्तों का क्षार 3 ग्राम, तेल एवं गुड़ आदि को बराबर मात्रा में मिलाकर चाटने से खांसी दूर हो जाती है।

पेट की चर्बी

पेट पर चढ़ी हुई चर्बी को उतारने के लिए हरे एरंड की 20 से 50 ग्राम जड़ को धोकर कूटकर 200 ग्राम पानी में पकाकर 50 ग्राम शेष रहने पर पानी को प्रतिदिन पीने से पेट की चर्बी उतरती है।

प्रसव कष्ट (डिलीवरी के दौरान स्त्री को होने वाली पीड़ा)

प्रसवकाल में कष्ट कम हो सके इसके लिए गर्भवती स्त्री को 5 महीने बाद, एरंड तेल का 15-15 दिन के अन्तर से हलका जुलाब देते रहें। प्रसव के समय 25 ग्राम एरंड तेल को चाय या दूध में मिलाकर देने से प्रसव शीघ्र होता है।

मासिक-धर्म

एरंड के पत्तों को गर्मकर पेट पर बांधने से मासिक-धर्म नियमित रूप से होने लगता है।

गुर्दे (वृक्कशूल) के दर्द में

एरंड की मींगी को पीसकर, गर्म लेप करने से गुर्दे की वात पीड़ा व सूजन में लाभ होता है।

वातरक्त

वातरक्त में एरंड का 10 ग्राम तेल एक गिलास दूध के साथ सेवन करना चाहिए।

रक्त विकार


एरंड की गिरी एक, दूध 125 ग्राम, जल 250 ग्राम मिलाकर उबालते हैं जब केवल दूध मात्र शेष रह जाए तो इसमें 10 ग्राम चीनी या मिश्री डालकर पिला दें, इस प्रकार एक गिरी से शुरू करके, 7 दिन तक 1-1 गिरी बढ़ाकर घटायें। एक गिरी पर लाने से रक्त के रोग मिटते हैं। यह प्रयोग अत्यंत वात शामक भी है।

विषनाशक

एरंड के पत्तों का 100 ग्राम रस पिलाकर वमन (उल्टी) कराने से सांप तथा बिच्छू के विष में लाभ होता है। इसी प्रकार अफीम तथा दूसरी तरह के जहर में भी इससे लाभ होता है।एरंड के 20 ग्राम फलों को पीस-छानकर पिलाने से अफीम का विष उतरता है।

नहरूआ

एरंड के पत्तों को गर्म कर बांधने से नहरूआ की सूजन मिट जाती है।एरंड की जड़ को गाय के घी में मिलाकर पीने से नहरूआ रोग नष्ट हो जाता है। नहरूआ के रोगी को 20 ग्राम एरंडी के पत्तों का रस और 60 ग्राम घी मिलाकर 3 दिन तक पीने से नहरूआ रोग में आराम मिलता है।

नाड़ी घाव (व्रण)

एरंड की कोमल कोपलों को पीसकर लेप करने से नाड़ी का घाव मिटता है।

शय्याक्षत (बिस्तर पर पडे़ रहने से होने वाले घाव)

एरंड तेल लगाने से शय्याक्षत बड़ी जल्दी मिटते हैं। बच्चों के उल्टी, दस्त और बुखार में एरंड तेल से लाभदायक कोई और वस्तु नहीं है।

दुष्ट व्रण (घाव)

बिगड़े हुए घाव और फोड़ों पर एरंड के पत्तों को पीसकर लगाने लाभ मिलता है।

वात प्रकोप और वात शूल

एरंड के बीजों को पीसकर लेप करने से छोटी संधियों और गठिया की सूजन मिटती है।वात रोग में एरंड तेल उत्तम गुणकारी है। कमर व जोड़ों का दर्द, हृदय दर्द, कफ और जोड़ों की सूजन, इन सब रोगों में एरंड की जड़ 10 ग्राम और सोंठ का चूर्ण 5 ग्राम का काढ़ा बनाकर सेवन करना चाहिए तथा दर्द पर एरंड तेल की मालिश करनी चाहिए।

विद्रधि (फोड़ा) होने पर

एरंड की जड़ को पीसकर घी या तेल में मिलाकर कुछ गर्म कर गाढ़ा लेप करने से फोड़ा मिट जाता है।

किसी भी प्रकार की सूजन

किसी भी प्रकार की सूजन, आमवात इत्यादि में एरंड के पत्तों को गर्म कर तेल चुपड़कर बांधने से लाभ होता है।

बुखार की जलन

बुखार में होने वाली जलन में एरंड के पत्ते धोकर साफकर शरीर पर धारण करने से जलन नष्ट हो जाती है।

तिल मस्से

पत्ते के वृन्त पर थोड़ा चूना लगाकर तिल पर बार-बार घिसने से तिल निकल जाता है।एरंड के तेल में कपड़ा भिगोकर मस्से पर बांधने से मस्से मिट जाते हैं।चेहरे या पूरे शरीर पर तिल, धब्बे या भूरे-भूरे दाग (लीवर स्पोंटस) हो या गाल या त्वचा पर छोटी-छोटी गिल्टियां (गांठे), सख्त गुठलियां निकलने पर रोजाना दिन में 2 से 3 बार लगातार एरंड के तेल की मालिश करने से धीरे-धीरे सब समाप्त हो जाते हैं। एरंड का तेल लगाने से जख्म भी भर जाते हैं और इसकों मस्सों पर लगाने से मस्सा ढीला होकर गिर जाता है।एरंड के तेल को सुबह और शाम 1-2 बूंद हल्के हाथ से मस्से पर मलने से 1 से 2 महीनों में मस्से गिर जाते हैं।

पित्तज गुल्म

पित्तजगुल्म एवं पैत्तिक शूल में यष्टिमधु के 50 ग्राम काढे़ में एरंड तेल 5-10 मिलीलीटर मिलाकर पिलाने से लाभ होता है।

सौंदर्यवर्धक

एरंड के तेल में चने का आटा मिलाकर चेहरे पर रगड़ने से झांई आदि मिटकर चेहरा सुंदर हो जाता है।

नाखून

एरंड के गुनगुने (हल्के गर्म) तेल में नाखूनों को कुछ मिनट डुबोये रखें, फिर उसी तेल की मालिश करें। यदि डूबोना सम्भव नहीं हो तो गर्म तेल में रुई डुबोकर नाखूनों पर रखें। इससे नाखून चमकने लगेंगे।

सांप के काटे जाने पर

एरंड की कोपलें दस ग्राम, पांच कालीमिर्च, दोनों को पीसकर पानी में मिलाकर पिला दें। इससे उल्टी होगी, कफ निकलेगा। थोड़ी देर बाद पुन: इसी तरह पिलायें। इससे जहर बाहर निकलेगा।

घाव

यदि कहीं चोट लगकर खून आने लगे, घाव हो जाए तो एरंड का तेल लगाकर पट्टी बांधने से लाभ होता है।एरंडी के तेल को घाव पर लगायें।एरंडी के तेल में नीम का तेल मिलाकर घाव पर लगायें।

दाग-धब्बे

तिल, मस्से, चेहरे पर धब्बे, घट्टा-आटन, कील-मुंहासे हो तो एक दो महीने तक सुबह-शाम एरंड के तेल की मालिश करें। इससे उपर्युक्त विकार ठीक हो जाते हैं। मस्से, औटन पर तेल में गाज (कपड़ा) भिगोकर पट्टी बांधकर रखना चाहिए। एरंड के तेल में चने का आटा मिलाकर चेहरे पर रगड़ने से झांई आदि दूर होकर चेहरा साफ हो जाता है।



बिवाइयां (एड़ी का फटना)

पैरों को गर्म पानी से धोकर उनमें एरंड का तेल लगाने से बिवाइयां (फटी एड़ियां) ठीक हो जाती हैं।

आंख में कुछ गिर जाना

आंख में मिट्टी, कंकरी गिर जाये, धुआं, तीव्र गंध से दर्द हो तो एरंड के तेल की एक बूंद आंख में डालने से लाभ होता है। तेल डालने के बाद हर 25 मिनट में सेंक करें।

वायु गोला और गुल्म

पेट में गांठ की तरह उभार को वायुगोला कहते हैं। यह घटता बढ़ता है। एरंड का तेल 2 चम्मच, गर्म दूध में मिलाकर पीने से इसमें लाभ होता है।

गठिया (जोड़ का दर्द)

पेट में आंव दब जाने से गठिया हो जाती है। गठिया में एरंड का तेल कब्ज दूर करने हेतु सेवन करें। इससे आंव बाहर निकलेगी और गठिया में आराम होगा।घुटने के दर्द को दूर करने के लिए 1 ग्राम हरड़ और एरंड का तेल साथ सेवन करने से रोगी के घुटनों का दर्द दूर होता है।

25 ग्राम एरंड का तेल रोजाना सुबह-शाम खाली पेट पीये इससे गठिया के रोग में लाभ होता है।एरंड के बीजों को पानी में पीसकर गर्म कर सूजन व दर्द के स्थानों पर बांधने से राहत मिलती है।

आंत्रवृद्धि

एक कप दूध में 2 चम्मच एरंड का तेल डालकर 1 महीने तक पीने से आंत्रवृद्धि ठीक हो जाती है।खरैटी के मिश्रण के साथ अरंडी का तेल गर्मकर पीने से पेट का फूलना, दर्द, आंत्रवृद्धि व गुल्म खत्म होती है। इन्द्रायण की जड़ का पाउडर, अरंडी के तेल या दूध में मिलाकर पीने से निश्चित रूप से अंत्रवृद्धि खत्म हो जायेगी।250 ग्राम गर्म दूध में 20 ग्राम एरंड का तेल मिलाकर 1 महीने तक पीयें इससे वातज अंत्रवृद्धि ठीक हो जाती है।2 चम्मच एरंड का तेल और बच का काढ़ा बनाकर उसमें 2 चम्मच एरंड का तेल मिलाकर खाने से लाभ होता है।

 दांत घिसना या किटकिटाना

कई बच्चे रात को सोने के बाद भी दांत घिसते (किट-किटाते) रहते हैं। इस प्रकार के रोग में बच्चे के गुदा में एरंड का रस डाल लें। इससे सभी कीड़े नष्ट हो जाते हैं और दांत का घिसना बंद हो जाता है।

आंखों का फूला, जाला

30 ग्राम एरंड के तेल में 25 बूंद कार्बोलिक एसिड मिलाकर सुबह और शाम 2-2 बूंद आंख में डालने से आंखों के फूले और जाले से छुटकारा मिलता है।

पेट का साफ होना

यदि मल त्यागने में कठिनाई का अनुभव हो तो एरंड के तेल को दूध के साथ देने से लाभ होता है।

बिलनी

एरंड के बीज, स्फटिका और टंकण का आंखों पर लेप लगाना चाहिए।

वायु का विकार

एरंड के तेल की 2 चम्मच मात्रा को गर्म दूध में मिलाकर सेवन करने से लाभ होता है।

कांच निकलना (गुदाभ्रंश)

एरंडी के तेल को हरे कांच की शीशी में भरकर 1 सप्ताह तक धूप में सुखाये। इस तेल को गुदाभ्रंश पर रूई से लगाएं। इससे गुदाभ्रंश निकलना बंद होता है।एरंडी का तेल आधे से एक चम्मच की मात्रा में उम्र के अनुसार हल्के गर्म दूध में मिलाकर रोज रात को सोते समय दें। यह कब्ज और आमाशय दोनों शिकायतें को खत्म कर गुदा रोग को ठीक करता है।

बालों का झड़ना (गंजेपन का रोग)

अरंडी (एरंड) या सरसों के तेल में हल्दी जलाकर छान लें और इसमें थोड़ा सा कपूर मिलाकर सिर के गंजे जगह पर मालिश करें। इससे सिर पर बाल उगना शुरू हो जाते हैं।एरंड के गूदे को पीसकर बाल गिर जाने के बाद लगाने से बाल फिर से उग आते हैं।

पलकें और भौहें

एरंड (अरंडी) के तेल की मालिश 1-1 दिन के अन्तराल पर करने से पलकों और भौहें के बाल उग आते हैं।

स्तनों से दूध का टपकना

अरण्ड के पत्तों को पानी में पीसकर छाती (सीने) पर सुबह-शाम के समय लेप करने से छाती से दूध का टपकना बंद हो जाता है।

कब्ज (कोष्ठबद्धता)

एरंड के तेल की 10 बूंदों को रात को सोते समय पानी में मिलाकर सेवन करने से कब्ज (कोष्ठबद्धता) की बीमारी में लाभ होता है।एरंड का तेल 30 ग्राम को गर्म दूध में मिश्री के साथ पीने से कब्ज दूर हो जाता है। 1 कप दूध में 2 चम्मच एरंड का तेल मिलाकर सोते समय पिलाएं। इससे पेट की कब्ज नष्ट हो जाती है। एरंडी के तेल की 2 से 4 बूंद को माता के दूध में मिलाकर दें।अरंडी के तेल की पेट पर मालिश करने से पेट साफ हो जाता हैं।6 ग्राम अरंडी के तेल में 6 ग्राम दही मिलाकर आधे-आधे घंटे के अन्तर के बाद पिलाने से वायुगोला हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है।अरंडी का तेल 20 ग्राम और अदरक का रस 20 ग्राम मिलाकर पी लें, फिर ऊपर से थोड़ा-सा गर्म पानी पीने से वायु गोला में तुरन्त होता है।अरण्ड का तेल और उसकी 2 से 3 कलियां खाने से पेट साफ हो जाता है।अरंडी का तेल 3 चम्मच, बादाम रोगन 1 चम्मच को 250 ग्राम दूध में गर्म कर सोने से पहले लें।1 चम्मच एरंड का तेल दूध में मिलाकर सोने से पहले पीने से लाभ होता है।एरंड के तेल की 30 बूंदों तक की मात्रा को 250 ग्राम तक दूध में मिलाकर सेवन करने से सामान्य पेट की गैस दूर हो जाती है। नवजात शिशुओं को छोटी चम्मच में दी जा सकती है।कोष्ठबद्धता (कब्ज
) को नष्ट करने के लिए रात को सोते समय एरंड के 5 ग्राम तेल को हल्के गर्म पानी के साथ लेने से लाभ मिलता है।सोते समय 2 चम्मच एरंड का तेल पीने से कब्ज दूर होती है, दस्त साफ आता है। इसे गर्म दूध या गर्म पानी में मिलाकर पी सकते हैं।

उल्टी और दस्त

10 ग्राम एरंड की जड़ को छाछ के साथ पीसकर पिलाने से उल्टी और दस्त बंद हो जाते हैं।

गर्भनिरोध

मासिक-धर्म के बाद तीन दिन तक एरंड की मींगी (अरंड के अन्दर की गिरी) खाने से एक वर्ष तक गर्भ नहीं ठहरता है।एरंड का एक बीज छीलकर माहवारी खत्म होने के दो दिन बाद सुबह के समय खाली पेट बिना चबाएं पानी से निगल लेते हैं। इससे एक वर्ष तक गर्भ नहीं ठहरता है।

बुखार

एरंड की जड़, गिलोय, मजीठ, लाल चंदन, देवदारू तथा पद्याख का काढ़ा पिलाने से गर्भवती स्त्री का ज्वर (बुखार) दूर हो जाता है।

गर्भाशय की सूजन

एरंड के पत्तों का रस छानकर रूई भिगोकर गर्भाशय के मुंह पर 3-4 दिनों तक रखने से गर्भाशय की सूजन मिट जाती है। गर्भाशय की सूजन प्राय: प्रसव के बाद होती है। इसमें महिला को बहुत तेज बुखार होता है। ऐसी अवस्था में एरंड के पत्तों के रस में शुद्ध रूई का फोहा भिगोकर योनि में रखने से आराम होता है।

नपुंसकता (नामर्दी)

अरण्ड के बीज 5 ग्राम, पुराना गुड़ 10 ग्राम, तिल 5 ग्राम, बिनौले की गिरी 5 ग्राम, कूट 2 ग्राम, जायफल 2 ग्राम, जावित्री 2 ग्राम, अकरकरा 2 ग्राम। इन सबको कूट-पीसकर एक साफ कपड़े में रखकर पोटली बना लें और इस पोटली को बकरी के दूध में उबालें। दूध जब अच्छी तरह पक जाये, तो इसे ठंडा करके 5 दिन तक पियें तथा पोटली से शिश्न (लिंग) की सिंकाई करें।

आमातिसार

1 चम्मच एरंड तेल को गर्म-गर्म दूध में मिलाकर पिलाने से आमातिसार रोग में लाभ मिलता है।

बहरापन

असगंध, दूध, अरण्ड की जड़, शतावर और काले तिल के तेल को बराबर मात्रा में लेकर 200 ग्राम सरसों के तेल में डालकर पका लें। इस तेल को कान में डालने से कान के सारे रोग ठीक हो जाते हैं।

कमर का दर्द

एरंड के बीज के अंदर का गूदा, दूध में पीसकर पिलाने से कमर दर्द में लाभ होता है।कमर दर्द होने पर एरंड के बीज की 5 मींगी दूध में पीसकर पिलाने से लाभ होता है।एरंड के पत्तों पर तेल लगाकर कमर में बांधकर हल्का-सा सेंकने से शीत ऋतु में उत्पन्न कमर का दर्द शांत हो जाता है।एरंड की जड़ और सोंठ को जल में उबालकर काढ़ा बनायें। काढ़े को छानकर उसमें भुनी हींग और काला नमक मिलाकर पीने से शीत लहर के कारण उत्पन्न कमर के दर्द से राहत मिलती है।35 ग्राम अरंडी के बीजों की गिरी पीसकर 250 ग्राम दूध में पकायें। जब इसका खोया बन जाये तो इसे 70 ग्राम घी में भून लें। इसमें 70 ग्राम चीनी मिलाकर सुबह 3 चम्मच लगातार खायें, इससे कमर दर्द मिट जाता है।

चोट लगने पर

चोट लगकर खून आने लगे, घाव हो तो एरंड का तेल लगाकर पट्टी बांधने से लाभ होता है। एरंड के पत्ते पर तिल का तेल लगाकर गर्म करके बांधने से चोट से सूजन एवं दर्द में लाभ होता है।

आंवरक्त

पेचिश के रोगी को एरंड का तेल हल्के गुनगुने दूध में मिलाकर रात को सोते समय सेवन करने से रोग पेचिश ठीक हो जाता है।

अग्निमान्द्यता (अपच)

अरनी की जड़ का चूर्ण खाने से भूख बढ़ती है।2 चम्मच अरंडी का तेल गौमूत्र (गाय का पेशाब) या दूध में मिलाकर सेवन करने से आंतें स्वस्थ होती हैं।

प्रदर रोग

अरण्ड (एरंडी) की जड़ की राख दूध के साथ सेवन करने से प्रदर में लाभ होता है।

मोच

एरंड के पत्ते पर सरसों और हल्दी गर्म करके मोच वाले स्थान पर लगायें और पत्ते को उस पर रखकर पट्टी बांध दें।अरण्ड के बीज की गिरी 10 ग्राम काले तिल 10 ग्राम दूध में पीसकर हल्का गर्म करके मोच पर बांध दें।

जलोदर (पेट में पानी की अधिकता)

अरंडी के तेल के साथ गोरखमुण्डी मिलाकर खाने से जलोदर में लाभ होगा।

शीतपित्त

कूठ का चूर्ण लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग से 1.80 ग्राम में एरंड का तेल मिलाकर दूध के साथ सुबह-शाम सेवन करने से आमवात में लाभ होता है। इसका बाहरी प्रयोग भी किया जाता है। एरंड के तेल में तारपीन का तेल बराबर मिलाकर मालिश करने से पित्ती में लाभ होता है। पित्ती उछलने पर सबसे पहले चार चम्मच एरंड का तेल पीसकर पेट साफ कर लें। इसके बाद 5 ग्राम छोटी इलायची के दाने, 10 ग्राम दालचीनी, पीपर 10 ग्राम सबको पीसकर चूर्ण बना लें। इसमें से आधा चम्मच चूर्ण मक्खन के साथ खायें।

स्तनों का सुडौल और पुष्ट होना

एरंड के तेल से स्तनों की मालिश करने से स्तन सुडौल, पुष्ट और बढ़ते हैं।

पेट के कीड़ों के लिए

एरंड के पत्तों के रस में हींग डालकर पीने से पेट की आंतों में फंसे कीड़े मरकर बाहर आ जाते हैं।

वात रोग

अरण्ड के तेल में गाय का मूत्र मिलाकर 1 महीने तक रोज खाने से हर तरह के वात रोग खत्म हो जाते हैं। अरण्ड की लकड़ी जलाकर उसकी 10 ग्राम राख को पानी के साथ खाने से वात रोग में लाभ होता है। एरंड की जड़ को घी या तेल में पीसकर गर्म करके लगाने से वात विद्रधि (फोड़ा) रोग खत्म होते हैं।

स्तनों के आकार में वृद्धि

एरंड के तेल की मालिश करने से स्तनों का आकार बढ़ने लगता है।


स्तनों की घुंडी का फटना

एरंड के तेल से स्तन या स्तनों की चूंची विदार (घुंडी फटने) में मालिश करने से लाभ मिलता है।

शिरास्फीति

हाथ की शिराओं के रोग में 2 चम्मच एरंड का तेल दूध में मिलाकर रात में सेवन करें एवं एरंड तेल से मालिश करें। इससे रोगी शीघ्र ही ठीक हो जाता है।

नाक के रोग

एरंड के नये मुलायम पत्तों को पीसकर चूने में अच्छी तरह मिलाकर नाक की बवासीर पर लगाने से कुछ ही समय में यह रोग ठीक हो जाता है। (चूना घोंघे वाला
 या सीप वाला ही होना चाहिए)।अरंडी (एरंड) के छिलकों की राख बनाकर नाक के नथुनों (छेदों) से सूंघने से नकसीर (नाक से खून बहना) रुक जाती है।

सभी प्रकार के दर्द

एरंड के पेड़ की जड़, सोंठ, कंटकारी, कटेरी, बिजौरा नींबू की जड़, पाषाणभेद और त्रिकुटा की जड़ों को अच्छी तरह पीसकर बारीक चूर्ण को 20 ग्राम की मात्रा में लेकर काढ़ा बना लें, इस बने काढ़े में जवाखार, हींग, सेंधानमक और अरंडी का तेल मिलाकर सेवन करने से आमजशूल, दिल का दर्द (हृदय शूल), स्तनशूल, लिंग शूल यानी लिंग (शिश्न) का दर्द और अनेक प्रकार के दर्द समाप्त हो जाते हैं।

स्तनों की रसौली (गांठे)

एरंड के तेल से स्त्री के स्तनों की मालिश करें और एरंड के पत्तों को स्तन पर बाँधे। इससे स्तन में होने रसूली (गांठें, गिल्टी) धीरे-धीरे कम होकर समाप्त हो जाती हैं। इसके साथ ही साथ स्तनों के आकार में बढ़ोत्तरी होती जाती है।

पेट में दर्द होने पर

एरंड का तेल 10 ग्राम दूध में मिलाकर पीने से कब्ज के कारण होने वाला पेट का दर्द समाप्त हो जाता है।एरंड के तेल में हींग को बारीक पीसकर मिलाकर पेट के ऊपर लेप करने से पेट के दर्द में आराम मिलता है।एरंड के पत्तों को निचोड़कर प्राप्त हुए रस में थोड़ी-सी मात्रा में सेंधानमक मिलाकर प्रयोग करें।एरंडी के तेल में जवाखार मिलाकर सेवन करने से `कफोदर´ को समाप्त होता है।



आसान प्रसव (बच्चे का जन्म आसानी से होना)

एरंड का तेल नाभि पर मलने से बच्चा आसानीपूर्वक हो जाता है। लगभग 20 से 25 मिलीलीटर एरंड का तेल गर्म दूध के साथ प्रसव (डिलीवरी) के पूर्व पिलाने से प्रसव (डिलीवरी) आसानी से होता है।अरण्ड का तेल 50 मिलीलीटर गर्म दूध में मिलाकर पिला दें। अगर प्रसव में दर्द हो तो दर्द तेज होकर बंद हो जायेगा।

बंद पेशाब खुल जायें

1 छोटा चम्मच अरंडी का तेल बच्चे को पिलाने से बंद पेशाब खुल जाता है।

योनि की जलन और खुजली

एरंड का तेल लगभग 7 मिलीलीटर से लेकर 14 मिलीलीटर को 100-250 मिलीलीटर दूध के साथ 1 दिन में सुबह और शाम पीने से योनि की खुजली मिटती है।

चेहरे की झांई के लिए

अरंडी के तेल में बेसन मिलाकर लगाने से चेहरा साफ होकर खूबसूरत बनता है।

घट्टा रोग

सुबह-शाम एरंड का तेल मलते रहने से घट्टे ठीक हो जाते हैं। तेल में कपड़ा भिगोकर पट्टी बांधे। इसका प्रयोग 2 महीनों तक करने से घट्टे ठीक हो जाते हैं।

हाथ-पैरों की अकड़न

एरंडी के तेल से हाथ व पैरों पर 2 से 3 मिनट तक धीरे-धीरे मालिश करने से ठंड के कारण उत्पन्न अकड़न खत्म हो जाती है।25 ग्राम एरंड की जड़ का छिलका (छाल) को कूटकर 500 ग्राम पानी में उबालें। पानी आधा रह जाने पर उसको छानकर इसमें 125 ग्राम तिल का तेल डालकर फिर गर्म करें। पानी जल जाने पर ठंडाकर कम गर्म तेल से पैरों के जोड़ों पर मालिश करने से लाभ मिलता है।

हाथ-पैरों की जलन

30 ग्राम शुद्ध एरंडी के तेल को 100 ग्राम गाय के पेशाब में मिलाकर पीने से हाथ-पैरों की ऐंठन दूर हो जाती है।एरंड के तेल को बकरी के दूध में मिलाकर हाथ-पैरों पर मालिश करने से लाभ मिलता है।पैरों के तलवों की जलन दूर करने के लिए अरण्ड के बीज और गिलोय को पीसकर लगाने से लाभ होता है।

दिल की बीमारी के लिए

एरंड तेल में भुना हुआ हरीतकी फल मज्जाचूर्ण 1 से 3 ग्राम, अंगूर, शर्करा, परूषक फल व शहद बराबर मात्रा में लेकर, दिन में 2 बार सेवन करना चाहिए।एरंड तेल में भुनी हुई हरीतकी फल मज्जा 20 ग्राम, सेंधानमक 10 ग्राम, श्वेत जीरा का बारीक पिसा हुआ चूर्ण एक भाग मिलायें। इसे 2 से 6 ग्राम की मात्रा में 5 से 10 ग्राम शर्करा के साथ दिन में 2 बार सेवन करना चाहिए।

चेहरे के लकवा के रोग में

10 से 20 ग्राम एरंड के तेल को पकाकर गर्म दूध में मिलाकर सुबह और शाम रोगी को दें अगर रोगी को पैखाना (टट्टी) साफ आने लगे तो सिर्फ एक बार दें। इसके सेवन करने से पक्षाघात, चेहरे का लकवा ठीक हो जाता है। यह शरीर में शक्ति पैदा करता है।

नासूर (पुराने घाव)

एरंड के पौधे के नये पत्तों को पानी में पीसकर नासूर पर लगाने से रोगी को लाभ मिलता है।

फीलपांव (गजचर्म)

20 ग्राम एरंडी का तेल और 20 ग्राम हरड़ का चूर्ण को 250 ग्राम गाय के पेशाब में मिलाकर 7 दिन तक सेवन करने से फीलपांव का रोग ठीक होता है। एरंडी के तेल में छोटी हरड़ भूनकर चूर्ण बना लें। 6 ग्राम दवा को 100 ग्राम गाय के पेशाब के साथ पीने से फीलपांव का रोगी ठीक हो जाता है।

तुंडिका शोथ (टांसिल)

10-10 ग्राम एरंड, शहतूत की पत्तियां और निर्गुण्डी तीनों को लेकर 400 ग्राम पानी में उबालकर उसकी भाप लेने से गले की सूजन समाप्त होती है।

सिर का दाद

बराबर मात्रा में एरंड और शुद्ध नारियल के तेल को मिलाकर इसमें नीम की पत्तियों को डालकर औंटायें और पानी से सिर को धोकर इस मिश्रण को सिर पर लगाने से सिर के दाद में काफी आराम मिलता है।

फोड़े-फुंसियां

अरण्ड, मालकांगनी और सज्जीक्षार के बीज को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें। फिर इसमें पानी डालकर गर्म-गर्म लेप कर फोड़े-फुंसियों पर लगाने से लाभ होता है।

कुष्ठ (कोढ़)

एरंड के पत्तों को मट्ठे (लस्सी) में पीसकर मालिश करने से हर प्रकार का `कोढ़´ दूर हो जाता है।सफेद फूलों वाली अरंडी की जड़ को रविवार के दिन लाकर पीसकर रोजाना 10 ग्राम पीने से सफेद कोढ़ ठीक हो जाता है।

शरीर की जलन

एरंड के बीज के भीतर के भाग को पीसकर बकरी के दूध में मिलाकर पैरों के तलवों में मालिश करने से रोगी के शरीर की जलन दूर हो जाती है। एरंडी के तेल से भी मालिश करने से रोगी को लाभ मिलता है।

डब्बा रोग

बच्चे के पेट पर अरंडी के तेल की मालिश करके ऊपर से बकायन की पत्ती गर्म करके बांधने से डब्बा रोग (पसली चलना) ठीक हो जाता है।

मानसिक उन्माद (पागलपन)

20 ग्राम एरंड के तेल को दूध के साथ रात को सोते समय पिलाने से कब्ज के उत्पन्न मानसिक उन्माद ठीक हो जाता है।

साइटिका (गृध्रसी)

6-6 ग्राम एरंडी की जड़, बेलगिरी, बड़ी कटेरी तथा छोटी कटेरी को 320 ग्राम पानी में उबालें। 40 ग्राम पानी शेष रहने पर उतार लें और छानकर थोड़ा-सा कालानमक मिलाकर पीयें। एरंड के बीज की गिरी 10 ग्राम, को दूध में पकाकर खीर बनाकर खिलाने से गृध्रसी, कमर दर्द, आमवात में लाभ होता है।

पृष्टार्बुद (गर्दन के पिछले हिस्से में से मवाद निकलना)

पृष्टार्बुद (गर्दन के पिछले हिस्से में से मवाद निकलना) के ऊपर रीठा का लेप करने से आराम आता है।

लिंग दोष

तिल, एरंडी, अजवायन, मालकंधनी, बादाम रोगन, लौंग, मछली और दालचीनी का तेल 10-10 ग्राम की मात्रा में लेकर एक साथ मिला लें। उसके बाद 2-4 बूंद लिंग पर डालकर मालिश कर ऊपर से पान के पत्ते रखकर धागे से लिंग पर थोड़ा ढीला बांध दें। इससे लिंग से सम्बंधित सभी दोष दूर हो जाते हैं।

नाड़ी का दर्द

एरंड तेल में और तारपीन का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर मालिश करने से नाड़ी का दर्द कम होता है।

शरीर में सूजन

एरंड के पत्तों पर सरसों का गर्म तेल लगाकर सूजन वाले अंग पर बांधने से सूजन दूर हो जाती है।एरंड के तेल को हल्का गर्म करके मालिश करने से घुटनों का दर्द और सूजन दूर हो जाती है।छिले हुए एरंड के बीजों और गोधूम को पीसकर चूर्ण बना लें, और इस चूर्ण को घी में मिलाकर दूध में उबालें, और गर्म-गर्म इस मिश्रण को लेप की तरह से शरीर पर लगाने से बदन की सूजन दूर हो जाती है।

बच्चों के विभिन्न रोग

बच्चे के पेट पर अरंडी का तेल मलकर, उसके ऊपर बकायन की पत्तियां गर्म करके बांधने से `डब्बे का रोग´ (पसली का रोग) दूर हो जाता है।लाल एरंड की जड़ को पीसकर चावलों के पानी में मिलाकर लेप करने से गलगण्ड रोग ठीक हो जाता है।लाल फूलों वाली एरंड की जड़ को पीसकर चावल के पानी में मिलाकर सुबह और शाम लेप करने से घेंघा रोग ठीक हो जाता है।

गर्दन में दर्द

एरंड के बीज की मींगी को दूध में पीसकर रोगी को पिलाने से गर्दन और कमर दोनों जगह का दर्द चला जाता है।

जुलाब

अरण्डी के तेल को मुख्यतः जुलाब लेने के लिए उपयोग में लिया जाता है। एक कप दूध में 2 चम्मच तेल डालकर सोते समय पीना चाहिए। बच्चों को आधा चम्मच दें। गोद के शिशु को 8-10 बूँद दें। असर न होने पर इसकी मात्रा दूसरे दिन बढ़ाकर लेना चाहिए। इस जुलाब से कमजोर व्यक्ति, रोगी या गर्भवती स्त्री को कोई खतरा नहीं रहता।



तो दोस्तो आज जाना Castor oil के बारे ओर Castor oil के इस्तमाल से आप अपनी लाइफ को खुश रख सकते है दोस्तो आप इन सब advices को आपनी लाइफ मैं जरूर Try करे और ऐसे ही ओर अछे articles के लिए जुड़े रहे ( https://normaladvices.blogspot.com ) से।


टिप्पणियाँ

  1. काफी अच्छी जानकारी दी है इस लेख में. अरण्डी का तेल बालों के लिए तो अच्छा है ही साथ ही साथ स्किन के लिए भी अच्छा है. धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मुंह के छाले से दुःखी है तो जरूर देखें (Mouth Ulcer) in hindi

हेपेटाइटिस की बीमारी के बारे अछे से जाने।