खुजली से छुटकारा दिलाते हैं ये घरेलू उपाय।

खुजली से छुटकारा दिलाते हैं ये घरेलू उपाय।


हेलो दोस्तो जैसे कि आप जानते है आज कल की लाइफ मैं कुछ बी खाने की चीजें बिना दवाओं नही होती और आसपास की हवा जो पॉल्युशन की वाज से गन्दी हो गई है । तो काफी सारी बीमारियों से लोग गिर गए है । जिस मैं एक बीमारी खुजली बी है जो आज आम प्रॉब्लम हो गई है।


गंदगी, एलर्जी या फिर अन्य कारणों से होने वाली खुजली, आपकी त्वचा को काफी नुकसान पहुंचाती है। कई बार शरीर में छोटी-छोटी फुंसियां होना और उसे खुजाने पर खून निकलने जैसी समस्या भी सामने आती है, जो त्वचा के लिए और भी खतरनाक है अक्सर चेहरे पर खुजली होती है। चेहरे पर खुजली होने के कई कारण जैसे रुखी तव्चा, एलर्जी और सनबर्न है। महिलाएं अक्सर चेहरे पर खुजली से परेशान रहती है। चेहरे पर खुजली किसी भी वजह से हो लेकिन खुजली का इलाज करना बहुत जरुरी होता है।

तो चलिए जानते कैसे बचें इस बीमारी से ओर रहे स्वस्थ।

मैं आपको points मैं बताउगा जिस से ये article आपको अछे से समाज आए।

1, खुजली क्या है


2, चेहरे पर खुजल


3, चेहरे पर खुजली का इलाज करने से बेहतर है कि आप उन कारणों पर ध्यान दें


4, चेहरे  खुजली का इलाज: कुछ घरेलू नुस्खे


5, खुजली के प्रकार


6, खुजली के कारण होने वाले त्वचा रोग


7, खुजली के इलाज के लिए घरेलू उपचार


8, स्कैबीज़ (बड़ी खुजली)

खुजली



खुजली सुनने में साधारण लगती है पर यह कई बीमारियों से ज्यादा परेशान कर देती है। खुजली कई रोगों के लक्षण के रूप में होती है। कई बार यह त्वचा संबंधी किसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है। कई बार व्यक्ति बिना खुजली के भी खुजलाता रहता है ऐसा अक्सर मानसिक तनाव के कारण होता है। क्या आपको पता है कि खुजली क्यों होती है और खुजली का इलाज क्या है? आयुर्वेद के अनुसार, सभी रोग वात, पित्त और कफ के असंतुलन के कारण होती है, आयुर्वेद में खुजली को कण्डु कहा गया है। यह एक स्वतंत्र रोग न होकर कई रोगों का लक्षण है।

यह मुख्यतः वात और कफ के दोष के कारण  होता है। दूषित कफ द्वारा वात की सामान्य गति रोक दिए जाने से खुजली होती है। इसी तरह केवल वात विकार के कारण त्वचा में सूखापन आता है और खुजली होती है। आयुर्वेद में इसको  ठीक करने के लिए घरेलू उपाय भी बताए गए हैं। आप इन उपायों को आजमाकर खुजली से छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानते हैं कि इसके इलाज  के लिए क्या-क्या उपाय बताए गए हैं।

खुजली क्या है

त्वचा हमारे शरीर का सबसे बड़ा अंग होने के साथ ही सबसे संवेदनशील भी है। कई बार त्वचा पर एलर्जी होने से खुजली हो जाती है। इस स्थिति में सिर्फ खुजलाने की इच्छा होती है, इसे एक प्रकार का चर्मरोग भी कह सकते हैं। खुजली सीमित जगह पर यानि शरीर के किसी एक हिस्से में और पूरे शरीर या कई अलग-अलग हिस्सों में हो सकती है। खुजली की समस्या आमतौर पर सूखी त्वचा में देखी जाती है इसके अलावा यह कोई चर्मरोग होने पर या गर्भावस्था में भी देखी जाती है।

चेहरे पर खुजली



यदि आपके चेहरे पर खुजली होती है तो इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे- रूखी त्वचा, किसी खाद्य पदार्थ या पेड़, पौधे से एलर्जी, सनबर्न वगैरह.


चेहरे पर खुजली के कुछ सामान्य कारण

चेहरे पर खुजली आने की कुछ सामान्य वजहें जान कर आप चेहरे पर खुजली का इलाज कर सकते हैं और हम यहां आपको इन्हीं कारणों के बारे में बता रहे हैं...

1. धूप: यदि आप ज़रूरत से ज़्यादा लंबे समय तक धूप में रहते हैं तो सनबर्न की वजह से चेहरा रूखा होता है और खिंचता है, जिसकी वजह से आपको चेहरे पर खुजली महसूस हो सकती है.

जब भी धूप में निकलें, अपनी त्वचा के प्रकार के अनुसार सनस्क्रीन लगा कर ही निकलें. यदि लंबे समय तक धूप में रहना हो तो सनस्क्रीन को दो-तीन घंटे बाद दोबारा लगाएं. आपको जिस जगह खुजली हो रही है वहां कैलेमाइन लोशन लगाने से भी राहत मिलेगी.

2. किसी खाद्य पदार्थ से एलर्जी: यदि आपने कुछ खाया और इसके तुरंत बाद आपको चेहरे पर रैशेज़ आ गए हैं या फिर खुजली हो रही है तो इसका अर्थ है कि आपको उस खाद्य पदार्थ से एलर्जी है. कई लोगों को मूंगफली, गेहूं, अंडे, सी-फ़ूड व पपीता वगैरह खाने से तुरत खुजली होने लगती है.

3. कीड़े का काटना: कभी कभी मच्छर, चीटी, खटमल या इसी तरह के अन्य कीड़ों के काटने से भी चेहरे पर खुजली हो सकती है. कई बार खुजाने पर रैशेज़ भी आ जाते हैं और जलन व खुजली लंबे समय तक बरक़रार रहती है. इस वजह से पूरे चेहरे पर भी खुजली हो सकती है और केवल उस जगह पर भी, जहां कीड़े ने काटा हो.

 यदि आपको इस बात का पता चल गया है कि आपको किस खाद्य पदार्थ के खाने से चेहरे पर खुजली हुई है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें. वे आपको इसके लिए कोई ऐंटी-एलर्जी टैबलेट लेने की सलाह देंगे, जिससे चेहरे पर खुजली आना बंद हो जाएगी. बेहतर होगा कि जिस खाद्य पदार्थ से आपको एलर्जी है, आप उसे न खाएं.

इसके लिए आप घर पर मौजूद कुछ चीज़ों का इस्तेमाल कर तुरंत राहत पा सकती हैं, जैसे- बर्फ़, घी या शहद. जिस जगह पर कीड़े ने काटा है, वहां इनमें से कोई एक चीज़ मलें. आपको तुरंत राहत महसूस होगी. यदि इसके बाद भी आपको राहत नहीं मिलती तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

4. मुहांसे: कई बार मुहांसों में खुजली होती है, लेकिन खुजाने पर मुहांसे फूट सकते हैं और बैक्टीरिया के चेहरे पर फैल जाने से और ज़्यादा मुहांसे हो सकते हैं. जिनमें और ज़्यादा खुजली हो सकती है.

 मुहांसों पर खुजली करने से बचें. यदि आप मलमल का ठंडे पानी में भीगा कपड़ा चेहरे पर रखेंगी तो खुजली और जलन में कमी महसूस होगी. पर बेहतर होगा कि ऐसी स्थिति में आप जल्द से जल्द अपने डर्मैटोलॉजिस्ट की सलाह पर किसी टॉपिकल क्रीम का इस्तेमाल करें.

5. चेहरे को सही तरीके से साफ़ न करना: यदि आप घर से बाहर निकलती हैं और मेकअप भी अप्लाइ करती हैं तो चेहरे पर खुजली आने की एक बड़ी वजह ये भी हो सकती है कि आप घर लौटने के बाद अपने चेहरे को अच्छी तरह साफ़ नहीं करती हों. यदि मेकअप और धूल-मिट्टी व प्रदूषण के कण चेहरे पर लगे रह जाते हैं तो चेहरे के रोमछिद्र बंद हो सकते हैं, जिससे मुहांसे और चेहरे पर खुजली आदि की समस्या हो सकती है.

ऑफ़िस या कहीं बाहर से घर लौटने के बाद अपने चेहरे पर लगा हुआ मेकअप, मेकअप रिमूवर की सहायता से हटाएं. इसके बाद अपने चेहरे को क्लेंज़र से अच्छी तरह साफ करें. चेहरे को थपथपाते हुए पोंछें और फिर मॉइस्चराइज़र लगा लें. चेहरे को अच्छी तरह से साफ़ करने पर चेहरे पर खुजली नहीं आएगी.

 


धूप में रहने की वजह से चेहरा रुखा हो जाता है। रुखी स्किन की वजह चेहरे पर खुजली होने लगती है। चलिए जानते है जानते किन बातों से चेहरे की खुजली से निजात पाया जा सकता है।


मुहांसे

मुहांसे में खुजली होती है। कई बार मुहांसे के फूटने पर चेहरे पर बैक्टीरिया फैल जाता है। जिससे चेहरे पर ज्यादा खुजली देखने को मिलती है।



मेकअप

महिलाएं कई बार ऑफिस से आने के बाद सही से मेकअप रिमूव नहीं करती हैं। जिसकी वजह से चेहरे पर मेकअप हट नहीं पाता है। जिसकी वजह से चेहरे पर खुजली होती है। चेहरे की खुजली कम करने के लिए चेहरे को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए।


इलाज

ऐलोवेरा

ऐलोवेरा स्किन के लिए बहुत ही फायदेमंद होता हैं। चेहरे की जलन और खुजली कम करने के लिए ऐलोवेरा जेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐलोवेरा जेल को हल्के हाथों से मालिश करें। कुछ समय बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें, इससे चेहरे की खुजली शांत हो जाएगी।

ओट्स

ओट्स की अच्छी तरह से पीस लें। इस पेस्ट में पानी मिला लें। तैयार पेस्ट को चेहरे पर लगा लें। इससे चेहरे की खुजली और जलन में राहत मिल जाएंगी। स्किन पर हमेशा मॉश्चाराइजर लगाना चाहिए।

ठंडा पानी

ठंडा पानी का इस्तेमाल कर भी चेहरे की जलन और खुजली को कम किया जा सकता है। एक कपड़े को पानी में गिला करके पूरे चेहरे पर ढंक लें। फिर कपड़े को धोकर फिर से चेहरे पर लगाएं। 10 से 15 बार चेहरे पर ठंडे पानी वाला कपड़ा रखे, ऐसा करने से खुजली में राहत मिलेगी। पानी पीते रहना चाहिए। पानी पीने से स्किन हाइड्रेटेड रहती हैं।

दूध

अगर आपकी स्किन पर खुजली ड्राईनेस की वजह से होती है तो आप अपने चेहरे पर ठंडा दूध लगाएं। ठंडे पानी तरह आप दूध मे भिगोकर अपने चहेर पर कपड़ा रख सकती है। कुछ समय बात आपके चेहरे की खुजली कम हो जाएगी। गुनगुने या ठंडे पानी से ही स्नान करना चाहिए।


चेहरे पर खुजली का इलाज करने से बेहतर है कि आप उन कारणों पर ध्यान दें

जिनकी वजह से खुजली होती है. पहले से ही इन बातों का ख़्याल रख कर आप चेहरे की खुजली से बच सकती हैं...

1, बहुत सारा पानी पिएं, ताकि आप हमेशा हाइड्रेटेड बनी रहें.

2, अपनी त्वचा को हमेशा मॉइस्चराइज़्ड रखें.

3, रात को सोने से पहले मेकअप अच्छी तरह हटाएं.

4, हमेशा गुनगुने या ठंडे पानी से ही स्नान करें.

5, अचानक होने वाले तापमान के बदलाव से बचें यानी एसी से निकल कर सीधे तेज़ धूप में न जाएं.


खुजली का इलाज: कुछ घरेलू नुस्खे



यदि आपके चेहरे पर खुजली हो रही है तो आप कुछ घरेलू नुस्खे आज़माकर देख सकती हैं. ये नुस्खे आपको चेहरे पर खुजली से राहत देंगे.

ऐलो वेरा

चेहरे पर जलन और खुजली में ऐलो वेरा जेल बहुत फ़ायदेमंद होता है. जलन या खुजली महसूस होने पर आप अपने चेहरे पर ऐलो वेरा जेल लगाएं और सर्कुलर मोशन में हल्के हाथों से धीरे-धीरे मालिश करें. कुछ समय बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें. खुजली शांत हो जाएगी.

ओट्स

थोड़े से ओट्स को अच्छी तरह पीस लें और इसमें पानी मिला कर पेस्ट तैयार कर लें. इसे चेहर पर लगाएं. इससे त्वचा की खुजली व जलन में तुरंत राहत पहुंचेगी. थोड़े समय बाद चेहरा धो लें.

ठंडा पानी

एक पतले और आकार में इतने बड़े कपड़े को, जो आपके चेहरे को पूरा ढंक सके, ठंडे पानी में डुबोएं और अपने चेहर पर रखें. इस प्रक्रिया को 10-15 बार दोहराएं. चेहरे पर खुजली से राहत मिलेगी.

दूध

यदि आपकी त्वचा ड्राइ है और आपको सनबर्न की वजह से चेहरे पर खुजली हो रही है तो अपनी त्वचा पर ठंडा दूध लगाएं. चाहें तो ठंडे पानी की तरह ठंडे दूध को भी पतले कपड़े की सहायता से चेहरे पर रख सकती हैं. कुछ ही समय में आपको खुजली से छुटकारा मिल जाएगा.

 


खुजली के प्रकार

मुख्यतः खुजली दो तरह की होती हैं, जो ये हैंः-

बिना दानों वाली खुजली : यह धूल-मिट्टी, प्रदूषण, गरम कपड़ों, धूप में अधिक देर तक रहने या किसी अंदरूनी समस्या के कारण हो सकती है।

दानों वाली खुजली : यह ज्यादातर किसी प्रकार के संक्रमण के कारण होती है।


खुजली के कारण होने वाले त्वचा रोग



खुजली के कारण लोगों को ये बीमारियों हो सकती हैंः-

त्वचा की सूजन की समस्या (Dermatitis)

इसमें  त्वचा पर सूजन आ जाती है।

यह त्वचा की गंभीर बीमारी है। इसमें त्वचा पर खुजली और लाल चकत्ते हो जाते हैं।

सोयरासिस (Psoriasis)

यह autoimmune disorder है। इस कारण भी खुजली होती है।

पीलिया (Jaundice)

इसमें भी खुजली की समस्या देखी जाती है।

थायरॉइड ग्रन्थि विकार (Thyroidism)

इसमें भी खुजली की समस्या देखी जाती है। थायरॉइड ग्रन्थि के विकारों के कारण भी खुजली होती है।


खुजली के इलाज के लिए घरेलू उपचार

आयुर्वेदीय उपचार विशेष रूप से शरीर के दोषों को संतुलित कर रोग शान्त करता है और उस रोग से छुटकारा दिलाने में मदद करता है, जैसे खुजली से छुटकारा दिलाने में घरेलू उपचार मदद करते हैं। अतः यह वात एवं कफ को प्राकृत अवस्था में लाने से इससे छुटकारा मिल सकता है। एलोपैथिक दवाईयों में रहने वाला स्टीरॉइड्स खुजली को केवल ऊपरी सतह पर कुछ देर के लिए ठीक करते हैं। किसी संक्रमण या बाहरी जीव-जन्तुओं के काटने से होने वाले खुजलाहट में भी आयुर्वेद में वर्णित लेप एवं औषधियाँ  खुजली से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं।

इस उपचार के साथ यदि खुजली से छुटकारा चाहिए तो व्यक्ति को परहेज भी करना चाहिए जैसे प्रदूषण एवं धूल-मिट्टी से बचाव करना चाहिए। संक्रमित स्थानों एवं वस्तुओं से दूर रहना चाहिए तथा साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। यदि किसी विशेष प्रकार के आहार से किसी को एलर्जी है तो उसका सेवन नहीं करना चाहिए। खुजली के उपचार के लिए अनेक तरह के घरेलू नुस्खे आजमाये जा सकते हैं, जो ये हैं-

खुजली के इलाज के लिए करें आम के पेड़ का प्रयोग

25 ग्रा. आम के पेड़ की छाल और 25 ग्रा. बबूल के पेड़ की छाल को एक ली. पानी में उबाल लें और इस पानी से खुजली वाली जगह पर भाप लें। फिर इस जगह पर घी लगाएँ।  इससे राहत पाने के लिए ये घरेलू इलाज ट्राई करके देख सकते हैं।

गंधक के इस्तेमाल से खुजली ठीक होती है

खुजली वाली जगह पर गंधक का लेप वाला घरेलू इलाज बहुत फायदेमंद है।

एलोवेरा के प्रयोग से खुजली से निजात

प्रात: खाली पेट 20-25 मि.ली. एलोवेरा का जूस पीने से सभीप्रकार के त्वक् विकार एवं खुजली से राहत मिलती है।

एलोवेरा के गूदे का घरेलू इलाज का एक और विकल्प है,एलोवेरा के पल्प को निकालकर त्वचा पर लगाएँ तथा 15 मिनट बाद गरम पानी से धो लें।

गिलोय का उपयोग दिलाता है खुजली से आराम

सुबह-शाम गिलोय के रस का सेवन करने से भी खुजली एवं त्वक् विकारों में ये घरेलू इलाज आजमाने पर आराम मिल सकता है।


बेकिंग सोडा से खुजली ठीक होती है

बेकिंग सोडा त्वचा के खुजली से छुटकारा पाने के लिए बहुत कारगर तरीके से काम करता है।  नहाने के पानी में एक कप बेकिंग सोडा मिलाकर शुष्क त्वचा को इससे धोएँ।

दशांग जड़ी-बूटी से खुजली का इलाज

दशांग लेप जो आयुर्वेद की दस जड़ी-बूटियों से तैयार किया गया है, खुजली से छुटकारा पाने में बहुत लाभदायक होता है।


नारियल तेल का इस्तेमाल खुजली को ठीक करने का उपाय

शुष्क त्वचा पर नारियल तेल की मालिश करें।

ओटमील पाउडर से करें खुजली का इलाज

ओटमील पाउडर का घरेलू इलाज  को पानी में मिलाकर पेस्ट बनाएँ तथा प्रतिदिन शुष्क त्वचा पर लगाएँ।

तुलसी से खुजली का इलाज

5-6 तुलसी के पत्तों को पीसकर नारियल तेल में मिलाकर शुष्क त्वचा की मालिश करें। ये घरेलू इलाज   बहुत ही पुराना है।


नींबू से खुजली का उपचार

नींबू के रस को खुजली वाले स्थान पर लगाकर गुनगुने पानी से धो लें।

नीम से खुजली का इलाज

नीम के पत्तों को पीसकर प्रभावित जगह पर लगाएँ। इससे निजात पाने का ये तरीका पुराना है।

शीशम से खुजली का उपचार

सीसम के बीज तेल को शुष्क त्वचा एवं प्रभावित स्थान पर लगाएँ।

चंदन का प्रयोग करता है खुजली को ठीक

खुजली से छुटकारा पाने के लिए खुजली वाली जगह पर चन्दन का तेल लगाने का घरेलू इलाज दादी-नानी भी आजमाते थे।

खुजली से बचने के लिए आहार

जिन लोगों को इसकी परेशानी हमेशा बनी रहती है और खुजली से छुटकारा पाना चाहते हैं, उन्हें इन आहार का सेवन करना चाहिए। घरेलू इलाज के साथ खान-पान पर भी ध्यान रखने की जरूरत होती है।

केले का करें सेवन

यह पोटेशियम से भरपूर होता है। इसके साथ-साथ केला में हिस्टामाइन की मात्रा को कम करने वाले पोषक तत्व, मैग्नेशियम और विटामिन सी भी होता है।

अलसी, कद्दू, तिल या सूरजमुखी के बीज से फायदा

अलसी, कद्दू, तिल या सूरजमुखी के बीजों में मौजूद आवश्यक फैटी एसिड होते हैं। ये फैटी एसिड (fatty acids) त्वचा की खुजली को कम करने में मदद करते है।

सब्जी एवं फल

हरी सब्जियों और फलों का सेवन करें।

अगर खुजली से छुटकारा पाना चाहते हैं तो जंक-फूड एवं बासी भोजन का सेवन बिल्कुल न करें। इससे शरीर में दोष होता है। इससे वात, पित्त व कफ का संतुलन बिगड़ जाता है।

खुजली से बचाव के लिए जीवनशैली life style

खुजली से बचना है तो इन बातों का ध्यान रखेंः-

प्रदूषण एवं धूल-मिट्टी में त्वचा को ढक कर चलें।

धूप में जाने से पहले सनक्रीन का इस्तेमाल करें।

साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें, रोज स्नान करें।

त्वचा की परतें



त्वचा की दो परतें होती हैं। बाहय एपीडर्मिस में कोशिकाओं की पॉंच तहे होती हैं। ये कोशिकाएँ घिसती रहती हैं अत - शरीर से इनका बार-बार बदलते रहना ज़रूरी होता है। एपीडर्मिस में न तो खून की पहुँच होती है और न ही तंत्रिकाएँ। एपीडर्मिस पोषक तत्वों को ग्रहण करने के लिए और तंत्रिका कार्यों के लिए नीचे की परत यानि डर्मिस पर निर्भर रहती है।

एपीडर्मिस और मैलेनिन

एपीडर्मिस में मैलेनिन नाम का एक रंजक होता है और त्वचा का रंग इसी रंजक के कारण होता है। जितनी ज़्यादा मैलेनिन की मात्रा होती है त्वचा का रंग उतना ही ज़्यादा गहरा होता है। त्वचा में कितना मैलेनिन होगा ये व्यक्ति के गुणसूत्रों से तय होता है। सूर्य की रोशनी से कुछ हद तक ही मैलेनिन की मात्रा बढ़ती है। इसलिए एक ठण्डे देश में रह रहे किसी काले व्यक्ति की त्वचा गोरी नहीं हो सकती हालॉंकि त्वचा का रंग थोड़ा हल्का हो सकता है। इसी तरह गर्म देश में रह रहा एक गोरे व्यक्ति की त्वचा का रंग काला नहीं हो सकता, थोड़ा गहरा ज़रूर हो सकता है। साधारणतय सभी प्रजातियों में औरतों में पुरूषों के मुकाबले औरतोँ में कम मैलेनिन होता है। त्वचा का रंग कैरोटनि से भी नियंत्रित होता है। कैरोटेन त्वचा के नीचे स्थित वसा की परत में पाया जाता है। इससे रंग में थोड़ा सा पीलापन आ जाता है। दूसरी परत के खून के संचरण से भी त्वचा को रंग और चमकीलापन मिलता है।

डर्मिस

डर्मिस में कोशिकाएँ और रेशे दोनों होते है। इसमें धमनियों और खून की सूक्ष्म नलियों का जाल, तंत्रिकाएँ, पसीने की ग्रंथियॉं, और तेल स्त्रावित करने वाली तेलीय ग्रंथियॉं, बालों और पेशियों के जाल सभी होते हैं। इन सभी के कुछ न कुछ खास काम होते हैं। पसीने की ग्रंथियॉं शरीर में पानी की मात्रा और तापमान को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। कुछ ग्रंथियॉं एक तेलीय पदार्थ स्त्रवित करती है। यह त्वचा पर फैल जाता है और उसको सूखने व चटखने से बचाता है। साबुन इस परत को हटा देते हैं और त्वचा को सूखा देते हैं। तंत्रिकाएँ दवाब, गर्मी, सर्दी और दर्द की संवेदना को ग्रहण करती है।

अलग-अलग जगहों जैसे हथेलियॉँ, तलवे, चेहरे और शरीर के आगे व पीछे के भाग की त्वचा की मोटाई अलग-अलग होती है। इन सब जगहों में त्वचा की संवेदनशीलता भी अलग-अलग होती है। हमें शरीर के सामने के हिस्से में मच्छर के काटने का अहसास शरीर के पिछले भाग की तुलना में ज़्यादा जल्दी व ज़्यादा तीव्रता से होता है क्योंकि यहॉं की त्वचा के तंत्रिकाएँ ज़्यादा होती हैं।



स्कैबीज़ (बड़ी खुजली)




खाज यानी स्कैबीज़ एक छोटे से कीड़े से होता है। यह त्वचा में घुस जाता हे और वहॉं अपनी संख्या बढ़ाता है। ये कीड़ा मुलायम गीली त्वचा में घुस जाता है। बीमारी सीधे सम्पर्क, कपड़ो या बिस्तर से फैलती है। यह एक छूत का रोग है और बहुत ही तेजी से एक व्यक्ति में फैलता है।

चिकित्सीय लक्षण

इसमें मुख्य शिकायत खुजली की होती है। खुजली शाम के समय शुरू होती है और आमतौर पर दिन के समय में कम होती है। शरीर पर केवल कुछ ही कीड़े होने पर भी खुजली होती है। स्कैबीज़ अक्सर हाथ से शुरू होती है। बाद में ये कीड़े कलाइयों, कोहनियों, बगलों, धड़, कमर, जनन अंगो और औरतों में स्तनों में भी पहुँच जाते हैं। वयस्कों में चेहरा और खोपड़ी आमतौर पर इसके प्रकोप से बच जाते हैं। आपके त्वचा पर बिल दिख सकते है। परन्तु कीड़े बहुत छोटे होते हैं और त्वचा के अन्दर घुसे रहते है। घावों में खासतौर पर शाम को बहुत भयंकर खुजली होती है।

स्कैबीज़ के घाव सूखे हुए होते है। अगर उनमें बैक्टीरिया से कोई संक्रमण हो जाए तो वो काफी खराब से दिखने लगते हैं क्योकि उनमें पीप होती है। संक्रमण से बुखार भी हो जाता है। स्कैबीज़ एक सामाजिक समस्या है और आमतौर पर साफ रहन-सहन के अभाव में हो जाती है। व्यक्तिगत सफाई का अभाव, पानी की कमी, थोड़ी सी जगह में बहुत से लोगों का रहना, बिस्तरे व कपड़े मिल-बॉंट कर इस्तेमाल करना और स्वास्थ्य पर ध्यान न देना स्कैबीज़ के फैलाने के मुख्य कारण है। साफ है कि अस्पताल में एक या दो रोगियों को इलाज करना काफी नहीं है। हमें पूरे समूह का ही इलाज करना पड़ेगा यही तरीका पूरे समुदाय में स्कैबीज़ के चक्र को तोड़ सकेगा।

इलाज

सफाई और स्कैबीज़ की दवा (परमेथ्रीन ५%) का एक घोल त्वचा पर लगाना असरकारी होता है। यह दवा लगाते हुए आँखें को बचाना चाहिए। दवाई शरीर पर ८-१२ घण्टे लगी रहने दें और फिर धो लें। कपड़ो व बिस्तरों को साफ करने को लेकर भी सलाह दें या तो कपड़े पानी में 15 मिनट के लिए उबाले जा सकते हैं या फिर दिन भर धूप में रखे जा सकते हैं या फिर इन्हें गामा बीएचसी पाउडर छिडककर बाद में धो ले। सम्पर्क में आने वाली अन्य चीज़ों का शोधन भी इसी तरह करें नहीं तो स्कैबीज़ दो सप्ताह में फिर से हो जाएगी।

परमेथ्रीन मल्हम मेहंगा होता है, इसलिए अधिकांश मरीजों को अभी भी लिंडेन लोशन से ही इलाज कराया जाता है| इसे आँख और मुँह के आस पास न लगाएँ| गर्भवती महिला और शिशुओं में परमेथ्रीन ज्यादा बेहतर होता है|

खुजली का इलाज

खुजली के इलाज के लिए सीपीएम की गोलियॉं लें (देखें दवाइयों वाली सारणी)। स्कैबीज़ में संक्रमण होने पर पॉंच दिनो का एन्टीबैक्टीरियल दवाइयों का कोर्स दे। जैसे कोट्रीमाक्साजोल या एमोक्सीसिलीन या टैट्रासाइक्लीन और उसके बाद परमेथ्रीन लगाएँ। बच्चों का इलाज भी इसी तरह करें परन्तु उन्हे टैट्रासाइक्लीन न दे।

आयुर्वेद

द्वद्रुहर लेप या महा-मारीच्यादी तेल लगाने से त्वचा को फायदा होता है। आरोग्यवर्धिनी और मंजिष्ठा दवाइयॉं साथ-साथ देने से फायदा होता है। स्कैबीज़ के इलाज के लिये नीम का तेल भी फायदेमन्द होता है।



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