corona virus bachne ka ilaj


कोरोना वायरस



दोस्तों आज हम बात करे गे कोरोना वायरस  के बारे आज इस वायरस की आज से पूरी दुनिया lockdown मैं है और अब तक इस कि कोई दवाई बी नही बन पाई और आज कल वासे न्यूज़ के ज़रिए वायरस से बचने का बताया जा रहा है पर अभी एक न्यूज सामने आई है जिस मैं बताय गया है कि आपके जूतों ओर कपड़ो से बी कोरोना वायरस आ सकता है आपके घर |

आज हम ऐसी बात के बारे जाने गे की रियल है या फेक

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1, कोरोना वायरस के क्या हैं लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव

2, कोरोना वायरस शरीर को यूं करता है तबाह

3, कब होती है अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत

4, कितना घातक है कोरोना वायरस

5, कितनी तेज़ी से फैल रहा है कोरोना वायरस

6, खुद को कोरोना वायरस से कैसे बचाएं

7, कपड़ों और जूतों से भी फैल सकता है कोरोना वायरस

8, अपने आपको और अपने परिवार को बचाने के लिए, यह सुनिश्चित करें कि आप निम्नलिखित सावधानी बरतें

9, Coronavirus: जूते के सोल में 5 दिन तक जिंदा रहता है कोरोना वायरस

कोरोना वायरस के क्या हैं लक्षण और कैसे कर सकते हैं बचाव



कोरोना वायरस संक्रमण कैसे फैलता है और इससे बचने के लिए आप क्या-क्या कर सकते हैं.

कोरोना वायरस आपके फेफड़ों को संक्रमित करता है. इसके दो मूल लक्षण होते हैं बुख़ार और सूखी खांसी. कई बार इसके कारण व्यक्ति को सांस लेने में भी दिक्कत पेश आती है.

कोरोना के कारण होने वाली खांसी आम खांसी नहीं होती. इस कारण लगातार खांसी हो सकती है यानी आपको एक घंटे या फिर उससे अधिक वक्त तक लगातार खांसी हो सकती है और 24 घंटों के भीतर कम से कम तीन बार इस तरह के दौरे पड़ सकते हैं. लेकिन अगर आपको खांसी में बलग़म आता है तो ये चिंता की बात हो सकती है.

कोरोना वायरस शरीर को यूं करता है तबाह



इस वायरस के कारण शरीर का तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है जिस कारण व्यक्ति का शरीर गर्म हो सकता है और उसे ठंडी महसूस हो सकती है. व्यक्ति को शरीर में कंपकंपी भी महसूस हो सकती है.

इसके कारण गले में खराश, सिरदर्द और डाएरिया भी हो सकता है. हाल में आए एक ताज़ा शोध के अनुसार कुछ खाने पर स्वाद महसूस न होना और किसी चीज़ की गंध का महसूस न होना भी कोरोना वायरस का लक्षण हो सकता है.

माना जा रहा है कोरोना वायरस के लक्षण दिखना शुरु होने में औसतन पांच दिन का वक्त लग सकता है लेकिन कुछ लोगों में ये वक्त कम भी हो सकता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार वायरस के शरीर में पहुंचने और लक्षण दिखने के बीच 14 दिनों तक का समय हो सकता है.

कब होती है अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत



जिन लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण है उनमें से अधिकतर लोग आराम करने और पैरासिटामॉल जैसी दर्द कम करने की दवा लेने से ठीक हो सकते हैं.

अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत तब होती है जब व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत आनी शुरू हो जाए. मरीज़ के फेफड़ों की जांच कर डॉक्टर इस बात का पता लगाते हैं कि संक्रमण कितना बढ़ा है और क्या मरीज़ को ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की ज़रूरत है.

लेकिन इसमें मरीज़ को अस्पताल के आपात विभाग यानी ऐक्सीडंट ऐंड इमर्जेंसी में भर्ती होने की ज़रूरत नहीं होती.
भारत में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की वेबसाइट पर कोरोना संक्रमण से जुड़ी हर जानकारी दी गई है. ब्रितानी नागरिक एनएचएस111 की वेबसाइट पर कोरोना से जुड़ी सभी जानकारी ले सकते हैं.

अगर मरीज़ को सांस लेने में काफी परेशानी हो रही है तो वो भारत सरकार के हेल्पलाइन नंबर +91-11-23978046 या फिर 24 घंटों चलने वाले टोल फ्री नंबर 1075 पर संपर्क कर सकते हैं. देश के विभिन्न राज्यों ने भी नागरिकों के लिए हेल्पलाइन शुरु किए हैं जहां ज़रूरत पड़ने पर फ़ोन किया जा सकता है


कितना घातक है कोरोना वायरस




कोरोना वायरस के संक्रमण के आँकड़ों की तुलना में मरने वालों की संख्या को देखा जाए तो ये बेहद कम हैं. हालांकि इन आंकड़ों पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता, लेकिन आंकड़ों की मानें तो संक्रमण होने पर मृत्यु की दर केवल एक से दो फ़ीसदी हो सकती है.

फ़िलहाल कई देशों में इससे संक्रमित हज़ारों लोगों का इलाज चल रहा है और मरने वालों का आँकड़ा बढ़ भी सकता है.

56,000 संक्रमित लोगों के बारे में एकत्र की गई जानकारी आधारित विश्व स्वास्थ्य संगठन का एक अध्ययन बताता है कि -
6 फ़ीसदी लोग इस वायरस के कारण गंभीर रूप से बीमार हुए. इनमें फेफड़े फेल होना, सेप्टिक शॉक, ऑर्गन फेल होना और मौत का जोखिम था.

14 फ़ीसदी लोगों में संक्रमण के गंभीर लक्षण देखे गए. इनमें सांस लेने में दिक्क़त और जल्दी-जल्दी सांस लेने जैसी समस्या हुई.

80 फ़ीसदी लोगों में संक्रमण के मामूली लक्षण देखे गए, जैसे बुखार और खांसी. कइयों में इसके कारण निमोनिया भी देखा गया.

कोरोना वायरस संक्रमण के कारण बूढ़ों और पहले से ही सांस की बीमारी (अस्थमा) से परेशान लोगों, मधुमेह और हृदय रोग जैसी परेशानियों का सामना करने वालों के गंभीर रूप से बीमार होने की आशंका अधिक होती है.

कोरोना वायरस का इलाज इस बात पर आधारित होता है कि मरीज़ के शरीर को सांस लेने में मदद की जाए और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाए ताकि व्यक्ति का शरीर ख़ुद वायरस से लड़ने में सक्षम हो जाए.

कितनी तेज़ी से फैल रहा है कोरोना वायरस



रोज़ दुनिया भर में कोरोना वायरस के सैकड़ों मामले सामने आ रहे हैं. लेकिन ये भी माना जा रहा है कि अब भी कई मामले स्वास्थ्य एजेंसियों की नज़र से बच गए होंगे.

जॉन हॉप्किन्स युनिवर्सिटी के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार दुनिया के करीब 18 7 देशों में अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण के 34.52 लाख से अधिक मामलों की पुष्टि हो चुकी है और मरने वालों की संख्या दो लाख 44 हज़ार से ज़्यादा है.

इस वायरस के संक्रमण के सबसे अधिक मामले अमरीका, स्पेन, इटली, फ्रांस और जर्मनी में सामने आए हैं.

खुद को कोरोना वायरस से कैसे बचाएं



कोरोना वायरस यानी 'कोविड 19' से बचने के लिए आप नियमित रूप से अपने हाथ साबुन और पानी से अच्छे से धोएं.
जब कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके थूक के बेहद बारीक कण हवा में फैलते हैं. इन कणों में कोरोना वायरस के विषाणु होते हैं.

संक्रमित व्यक्ति के नज़दीक जाने पर ये विषाणुयुक्त कण सांस के रास्ते आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं.

अगर आप किसी ऐसी जगह को छूते हैं, जहां ये कण गिरे हैं और फिर उसके बाद उसी हाथ से अपनी आंख, नाक या मुंह को छूते हैं तो ये कण आपके शरीर में पहुंचते हैं.

ऐसे में खांसते और छींकते वक्त टिश्यू का इस्तेमाल करना, बिना हाथ धोए अपने चेहरे को न छूना और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.

चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार फेस मास्क इससे प्रभावी सुरक्षा प्रदान नहीं करते.

कपड़ों और जूतों से भी फैल सकता है कोरोना वायरस



कपड़ों और जूतों से भी फैल सकता है कोरोना वायरस

कोविड-19 से संक्रमित मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है। 13 अप्रैल 2020 के आंकड़ों की मानें तो दुनियाभर में संक्रमित मरीजों की संख्या 18 लाख से ज्यादा हो गई है और कोविड-19 से मरने वालों की संख्या भी करीब सवा लाख हो गई है। दुनियाभर के ज्यादातर देशों में लॉकडाउन करने और लोगों के बीच फिजिकल डिस्टेंसिंग रखने जैसे सख्त कदम उठाने के बावजूद कोविड-19 के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 

कोविड-19 के बढ़ते मामलों की वजह से लोगों के मन में इस बेहद संक्रामक बीमारी को लेकर कई तरह की चिंताएं और डर का माहौल है। इंसान से इंसान के बीच और दूषित सतहों से इंसान के बीच यह संक्रमण इतनी तेजी से फैल रहा है कि लोगों को घर का बेहद जरूरी सामान लेने के लिए भी घर से बाहर निकलने में डर महसूस हो रहा है। लोग घर से बाहर निकलते वक्त न सिर्फ मास्क और ग्लव्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, बल्कि घर आते के साथ अपने पहने हुए कपड़ों को भी अलग से धुलने में डाल रहे हैं और घर लाई गई चीजों को भी अच्छी तरह से धोने के बाद ही यूज कर रहे हैं।

क्या हम जो कपड़े या जूते पहनकर घर से बाहर निकलते हैं, उनकी सतहों पर कोविड-19 इंफेक्शन का वायरस रह जाता है? क्या इन कपड़ों और जूतों से इंफेक्शन फैलने का खतरा है? इस आर्टिकल के जरिए हम आपके इसी सवाल का जवाब खोजने की कोशिश करेंगे। साथ ही यह भी बताएंगे कि आखिर कोविड-19 संक्रमण कैसे फैलता है।

आखिर कैसे फैलता है कोविड-19 संक्रमण?

कोविड-19 बेहद संक्रामक इंफेक्शन है और ये एक नहीं बल्कि कई तरीकों से फैल सकता है,

 जैसे:

1. इंसान से इंसान के संपर्क में आने से फैलता है कोविड-19 इंफेक्शन

कोविड-19 से संक्रमित कोई व्यक्ति जब खांसता या छींकता है तो वह अपने आसपास मौजूद हवा के कणों को दूषित कर देता है। अगर इन दूषित हवा के कणों को कोई स्वस्थ व्यक्ति सूंघता है तो यह दूषित हवा जिसमें वायरस मौजूद है वह मुंह, नाक या आंख के माध्यम से उस स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर उसे भी संक्रमित कर देता है।


2. दूषित सतहों से फैलता है कोविड-19 इंफेक्शन

कोविड-19 का इंफेक्शन सीधे किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के अलावा अप्रत्यक्ष रूप से भी फैल सकता है। जैसे- वैसी सतहें जिन्हें बहुत ज्यादा बार और बहुत ज्यादा लोग छूते हैं

 (हाई-टच सर्फेस), टेबल का उपरी हिस्सा, दरवाजे का हैंडल या कुंडी, लिफ्ट का बटन आदि। अगर कोई संक्रमित व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके मुंह या नाक से निकली छोटी-छोटी दूषित बूंदे आसपास मौजूद इन सतहों और सामानों पर भी गिर जाती हैं। जब कोई स्वस्थ व्यक्ति इन दूषित सतहों या सामानों को छूता है तो वायरस उसके हाथ में चिपक जाता है 
फिर अगर वह व्यक्ति उन्हीं वायरस वाले गंदे हाथों से अपने मुंह, नाक या आंख को छूए तो वायरस उसके शरीर में प्रवेश कर उसे भी बीमार बना देता है।

3. सामुदायिक स्तर पर भी हो सकता है कोविड-19 का प्रसार

अगर किसी समुदाय में कोई व्यक्ति कोविड-19 से संक्रमित हो लेकिन उन्हें पता ही न हो कि उन्हें यह इंफेक्शन कहां से हुआ, किससे हुआ तो यह वायरस उस समुदाय विशेष में बहुत तेजी से फैल सकता है। इसे ही कम्यूनिटी ट्रांसमिशन या सामुदायिक स्तर पर संक्रमण फैलना कहते हैं।

अगर आप स्वास्थ्यकर्मी नहीं हैं तो आपको अपने कपड़ों और जूतों से कोविड-19 का संक्रमण फैलने को लेकर चिंतित होने की जरूरत नहीं है। डॉक्टरों की मानें तो अब तक ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं जो इस बात को साबित करें कि यह संक्रामक बीमारी कपड़ों और जूतों से भी फैलती है। हालांकि डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ जो कोविड-19 संक्रमित मरीजों का इलाज कर रहे हैं उन्हें कई तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए ताकि कोविड-19 इंफेक्शन को फैलने से रोका जा सके।

कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

स्वास्थ्यकर्मियों के कपड़ों और जूतों से इंफेक्शन न फैले इसके लिए हेल्थकेयर से जुड़े कर्मचारियों को कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए:

अस्पताल से निकलकर घर जाने से पहले नहा लें और अपने कपड़े और जूते बदल लें।

अगर आपने अपने कपड़े के बाजू में (स्लीव में) खांसी या छींक की हो तो उस कपड़े को अलग लॉन्ड्री बैग में रखें और उस कपड़े को अलग ही धोएं।

अपने गंदे कपड़े और जूतों को अलग बैग में रखें। अपने काम के दौरान पहने गए कपड़े छूने के बाद और साफ कपड़े पहनने से पहले अपने हाथों को साबुन पानी से या फिर हैंड सैनिटाइजर से अच्छी तरह से साफ कर लें।

अगर आप अपने काम वाली जगह पर कपड़े नहीं बदल सकते तो कम से कम घर के अंदर घुसने से पहले गंदे कपड़ों को जरूर बदल लें। इसके लिए आप चाहें तो किसी आइसोलेट लोकेशन जैसे- गराज या अलग लॉन्ड्री रूम का इस्तेमाल कर सकते हैं।

अगर आप अपने जूतों के ऊपर बूट कवर का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो अपने जूतों को घर के बाहर ही उतार दें और उसके बाद उन जूतों को कीटाणुनाशक वाइप्स से साफ कर लें।
काम की जगह पर पहने जाने वाले और घर पर पहने जाने वाले जूतों को अलग-अलग रखें।

अपने गंदे कपड़ों को साधारण लॉन्ड्री डिटर्जेंट का इस्तेमाल कर धो लें। अगर किसी भी वजह से कपड़ों को धोया नहीं जा सकता हो तो उन्हें कपड़े वाले किसी बैग में अलग रख दें।
गंदे कपड़ों को धोते वक्त हेवी-ड्यूटी ग्लव्स पहनना न भूलें।


अपने आपको और अपने परिवार को बचाने के लिए, यह सुनिश्चित करें कि आप निम्नलिखित सावधानी बरतें



1. घर में घुसने से पहले अपने जूतों को उतारें।

2. बाज़ार या ऐसी ही किसी जगह से आ रहे हैं, तो जूतों को पानी और साबुन से अच्छी तरह धोएं।

3. जो जूते मशील में धुल सकते हैं, उन्हे वॉशिंग मशीन में धो लें।

4. चमड़ा या ऐसी ही कोई मटेरियल जिसे पानी या साबुन ने नहीं धोया जा सकता है, उसे डिस-इंफेक्टेंट से अच्छी तरह धोएं।

5. अपने दरवाज़े के बाहर हमेशा साफ जूते या चप्पलें रखें और घर में घुसने से पहले उन्हें पहन लें।

 Coronavirus: 

जूते के सोल में 5 दिन तक जिंदा रहता है कोरोना वायरस



जूते का सोल भी बैक्टेरिया, फंगस और वायरस का प्रमुख अड्डा हो सकता है। एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि जूतों के सोल में भी कोरोना वायरस 5 दिन क जिंदा रहता है। दरअसल कोरोना वायरस किसी संक्रमित व्यक्ति की हवा में फैली ड्रापलेट्स के जरिए फैलता है, अगर यही जमीन पर गिरें या फिर जूतों के फीतों पर या हील पर गिरें तो यह इनमें 5 दिनों तक जिंदा रहेगा।

डेली मेल में छपी खबर के मुताबिक वैज्ञानिकों का कहना है कि कोविड 19 जूते के सोल में 5 दिन तक जिंदा रहता है, खासकर ऐसे जूतों में जो व्यस्त क्षेत्रों जैसे सुपर मार्केट, एयरपोर्ट और पब्लिक ट्रांसपोर्ट में पहने गए हों। आपको बता दें कि जूते का सोल ड्यूरेबल सिंथेटिक मैटेरियल्स, जैसे रबर, पीवीसी और लैदर लाइन प्लास्टिक के बने होते हैं। इन सभी चीजों पर बैक्टेरिया हो सकते हैं क्योंकि इनमें से हवा, लिक्विड और नमी गुजर नहीं सकती। 

न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपी एक स्टडी में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस कार्डबोर्ड में 24 घंटे और प्लास्टिक और स्टेनलैस स्टील में तीन दिन तक जिंदा रहता है। स्टडी में यह भी दावा किया गया है कि जूते में इस्तेमाल होने वाले सिंथेटिक मैटेरियल में यह 5 दिन तक जिंदा रहता है।  

Missouri हेल्थ एडवाइजर डॉ मैरी इस बात से सहमत हैं और उनका कहना है कि कोरोना वायरस पांच दिन या इससे ज्यादा दिन तक भी कमरे के तापमान में जूतों के फैब्रिक में जिंदा रहता है।  इस दावे को कंसास सिटी पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट कारोल ने भी सपोर्ट किया है और कहा है कि जो जूते सिंथेटिक मैटेरियल और प्लास्टिक के बने होते हैं वो एक्टिव वायरस को कई दिनों तक जिंदा रख सकते हैं।


इसलिए जूतों को घर के दरवाजे के बाहर और गैराज में उतारकर घर में घुसना चाहिए। इसलिए ऐसे हेल्थ वर्कर, शॉप असिस्टेंट को सलाह दी जाती है कि ये लोग एक समय में एक ही जूतों को पहनकर घर से बाहर निकलें। 

दोस्तो कोरोना से बचो ओर डॉक्टर पुलिस की मदद बी करो

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