हस्तमैथुन करने के फायदे और नुकसान, रोजाना करने वाले हस्तमैथुन के बारे वक़्त रहते जान लो


हस्तमैथुन के बारे वक़्त रहते जान लो 




हेलो दोस्तों आज हम एक ऐसा टॉपिक पे बात करने जा रहे है । जिस के बारे मे 15 से 18 साल के बीच मैं हर लड़के को पता होना चाहिए । इस उम्र मैं ज्यादा तर बचो को सेक्स के बारे पता चलता है । पर गलत या कम जानकारी और वो ये गलती कर बैठते है । पहले तो जो बी माँ या पिता ये artical पड़ रहे है । आप खुद अपने बच्चों को उसको कुछ बाते बताये अगर आप सोचते है कि वो खुद ही समझ जाएं गया तो शयद आप गलत है । जब तक वो समजे गया काफी  टाइम हो चुका होगा । और साथ ही जो लोग इस आदत मैं पहाड़ गए है । you tube पे कोई ऎसे वीडियो है जो इस क़दत को जादा से ज्यादा अच्छा बोलते हैं । मैं ये नही कहा रहा कि ये गलत है या ग़ुनाह है । ये गुनाह नही है पर अगर कोई बी चीज हद से ज्यादा कि जाएं तो वो गलत ही होती है

आप अगर सही मैं ये अदत छोड़ना चहतै है तो खुद से वादा करो और सब जगह से ऐसी चीजें हटा दो जहा से आप इस अदत की तरफ किचते है artical को लास्ट तक पड़े ।

कोई बी बात पूछनी हो तो comment करना ।

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Kuch points mai aap ko ye article batuga jis se ye article aap ko ache se smaj aa jay ga

1, हस्तमैथुन


2, हस्तमैथुन क्या होता है


3,  हस्तमैथुन के फायदे


4, हस्तमैथुन के नुकसान


5, हस्तमैथुन की लत से होने वाले 10 बड़े नुकसान


6, आइये विस्तार से जानते है नुकसान ।


  • 7, हस्तमैथुन की लत से है परेशान तो इन तरीकों से पाये छुटकारा

अब ये आपके हत मैं है कि आप new life मैं जाना कहते है या वोही old life अगर आप अपने आप को बदलना चहत है तो ही आग पहाड़े। 👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇


हस्तमैथुन के बारे वक़्त रहते जान






अपनी कामुकता पर काबू पाने का एक कॉमन तरीका है। ज्यादातर लोग हस्तमैथुन को गलत या नुकसानदायक समझते है मैस्टरबेशन एक ऐसा टॉपिक है जिस पर खुलकर बातें नहीं होती हैं। येही कारण है की लोगो को इसके बारे में सही जानकारी नहीं है यह वर्जित टॉपिक है, जिस पर लोग बात करने में शर्म महसूस करते हैं। इसके ठीक उलट आंकड़े बताते हैं 95 पर्सेंट पुरुष और 89 पर्सेंट महिलाएं डेली बेसिस पर मैस्टरबेशन करती हैं। इसलिए आपको हस्तमैथुन के फायदे और नुकसान जानना बहुत जरुरी हो जाता है

मैस्टरबेशन से सेहत पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता, अगर आप इसे हफ्ते में एक या दो बार करते है लेकिन यदि आप बहुत ज्यादा हस्तमैथुन करते हैं या आपको इसकी लत पड़ गई है, तब आपको किसी सेक्सॉलजिस्ट से मिलने की जरूरत है।

मैस्टरबेशन (हस्तमैथुन) जिसे बोलचाल की भाषा में हैण्ड प्रैक्टिस या मुठ मारना भी कहते हैं; खुद से अपने शरीर के अंगों को छू कर सेक्स की उत्तेजना का अनुभव करना है, जिसमे अकसर व्यक्ति ओर्गेज़म, एजकुलेसन या क्लाइमेक्स तक पहुँच जाता है, यानी उसका स्पर्म उसके लिंग से बाहर निकल आता है।

पुरुष आमतौर पर ऐसा अपने erected penis को हाथ में लेकर उसे आगे-पीछे करते हैं जब तक कि वे क्लाइमेक्स तक ना पहुँच जाएं जबकि महिलाएं अपनी उँगलियों से वैजाइना को छू कर ये काम करती हैं।

लड़के लड़कियों दोने के लिए हस्तमैथुन युवावस्था (teenage) की शुरुआत यानि 13 से 19 वर्ष के बीच शुरू हो जाता है परन्तु कुछ केस में ये इससे पहले भी शुरू हो सकता है?

हाँ जब तक इसे आनंद लेने के लिए किया जाये तब तक सही है इसके अलावा, हस्तमैथुन आपको यह जानने में मदद कर सकता है। पुरुष हस्तमैथुन से ओर्गाज्म को नियंत्रित कर सकते हैं, जबकि महिलाएं पता कर सकती हैं कि उन्हें संभोग सुख प्राप्त करने में क्या मदद करता है। यदि कपल मिलकर हस्तमैथुन करते हैं तो सेक्स रिलेशन बेटर हो सकते हैं। कुछ लोगों को यह सही नहीं भी लग सकता और यह उनकी एक व्यक्तिगत पसंद है। हस्तमैथुन तभी तक सामान्य माना जाता है जब तक इसको आप आनंद लेने के लिए कभी कभी करते है यदि आपको इसकी आदत हो गई है तो यह सामान्य नहीं कहा जा सकता आईये जानते है हस्तमैथुन के फायदे और नुकसान के बारे में

हस्तमैथुन क्या होता है




अपने हाथ से लिंग को तेजी के साथ गति देकर वीर्य को निकाल देना ही हस्तमैथुन कहलाता है। हस्तमैथुन को दूसरी भाषा में आत्ममैथुन भी कहते हैं। किशोर अवस्था में अधिकांश युवक हस्तमैथुन की क्रिया को अंजाम देना शुरू कर देते हैं। कई पुरुष अपने मित्रों को हस्तमैथुन करते देखकर खुद भी यह कार्य करने लगते हैं। हस्तमैथुन को बढ़ावा देने वाली वह किताबें भी होती है जो सेक्स क्रिया को जगाती है। हस्तमैथुन वे किशोर व जवान व्यक्ति करते हैं जो आवारा किस्म के, अपनी जिंदगी के बारे में न सोचने वाले तथा अपनी पढ़ाई के बारे में बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते हैं।

हस्तमैथुन ऐसी क्रिया है जिसमें रोगी अकेले में अपने ही हाथो से लिंग को घिसकर अपने वीर्य को निकालता रहता है। इसको करने से मानसिक और शारीरिक रोग पैदा हो जाते हैं। मानसिक रोगी दूसरों के सामने भी हस्तमैथुन करने से नहीं हिचकिचाता है। 
यह कार्य अविवाहित व्यक्ति ज्यादा करते है। यह कार्य स्त्रियां भी कर लेती है। अपनी योनि पर उंगुलियों से रगड़कर वे भी स्खलित कर लेती है यह भी हस्तमैथुन का ही रोग कहलाता है।ये एक प्रकार की गन्दी और बुरी आदते हैं जो कुसंगति तथा सैक्स के बारे में अनुचित सोच-विचार करने के कारण पुरुषों को हो जाती हैं। ये आदतें जब एक बार पड़ जाती हैं तो बड़ी मुश्किल से छूटती हैं। 
प्राकृतिक मैथुन (संभोग क्रिया) स्त्री तथा पुरुष के संयोग से होता है लेकिन जिस क्रिया में लिंग को हाथ से मलकर वीर्यपात कराया जाता है उसे हस्तमैथुन कहते हैं। जब अस्वाभाविक तरीके से वीर्यपात के लिए और भी अन्य तरीके व्यक्ति काम में लाता हैं जिन्हें गुदामैथुन या पशुमैथुन कहते हैं।

इस प्रकार की गलत आदतों के कारण रोगी व्यक्ति का स्वास्थ्य दिन-प्रतिदिन गिरता जाता है तथा उसे भयंकर दुष्परिणाम भुगतने पड़ते हैं। जब व्यक्ति को इसके दुष्परिणामों के बारे में पता चलता है तो वह बहुत घबरा जाता है। इसके कारण रोगी व्यक्ति को नपुंसकता रोग भी हो जाता है।

हस्तमैथुन जिसे बोलचाल की भाषा में hand practice या मुठ मारना भी कहते हैं; खुद से अपने शरीर के अंगों को छू कर सेक्स की उत्तेजना अनुभव करना का एक तरीका है, जिसमे अकसर व्यक्ति orgasm, ejaculation या climax तक पहुँच जाता है, यानि उसका sperm उसके penis (लिंग) या vagina ( योनी) से बाहर निकल आता है।

पुरुष आमतौर पर ऐसा अपने erected penis को हाथ में लेकर उसे आगे-पीछे करते हैं जब तक कि वे क्लाइमेक्स तक ना पहुँच जाएं जबकि महिलाएं अपनी उँगलियों से वैजाइना को छू कर ये काम करती हैं।

हस्तमैथुन या masturbate करने से पहले किसी उत्तेजक फोटो या विडियो को देखना या बस यूँही कुछ बेहद सेक्सी imagine करके अपने sexual parts को उत्तेजित करना भी इसका एक हिस्सा है।

हस्तमैथुन के फायदे




हस्तमैथुन के फायदे मानसिक तनाव से राहत दिलाने में

आज की दौड़ भाग वाली ज़िंदगी में मानसिक तनाव की समस्या एक आम सी बात है| मानसिक तनाव होने पर कुछ भी अच्छा नही लगता| आपको यह जानकर हैरानी होगी की जब कोई तनाव में होता है या उसका मूड खराब होता है तब हस्तमैथुन या सेक्स एक दवाई की तरह कार्य करता है| इसका कारण है की मैस्टरबेशन आपकी बॉडी में फील-गुड neuro chemicals यानि dopamine और oxytocin स्त्रावित करने में में करती है| ये neuro chemicals आपके मूड को अच्छा करने और तनाव (स्ट्रेस) को कम करने का कार्य करते हैं| कुछ मामलों में हस्तमैथुन करना डिप्रेशन को भी कम करने में प्रभावकारी माना जाता है|

हस्तमैथुन के फायदे भरपूर नींद दिलाने में

जादातर केस में हस्तमैथुन के बाद नींद अच्छी आती है| जी हाँ डॉक्टर्स के अनुसार हैण्ड प्रैक्टिस से शरीर में endorphins स्त्रावित होते हैं जो की अनिद्रा को दूर करते हैं और आपको अच्छी नींद दिलाने में मदद करते हैं| प्रोलैक्टिन हार्मोन के कारण ही पुरुषों में हस्तमैथुन के बाद नींद अच्छी आती है। प्रोलैक्टिन डोपामाइन (एक तंत्र, जिससे दिमाग जगा हुआ महसूस करता है) के स्तर को दबा देता है। भरपूर नींद दिलाने में में मदद करता है

हस्तमैथुन के फायदे दिलाये शीघ्रपतन की समस्या से छुटकारा

यदि आपको शीघ्रपतन की समस्या है तो आप उसे आसानी से ठीक कर सकते हैं| बस आपको ये करना है की संभोग से पहले हस्तमैथुन कर लीजिए| इससे आप लंबे समय तक संभोग का आनंद उठा पाएँगे और आपकी समसया भी ठीक हो जाएगी| और पढ़े - शीघ्रपतन कारण,उपचार और शीघ्रपतन रोकने के घरेलु उपाय

हस्तमैथुन के फायदे यौन तनाव को दूर करने में

इससे यौन तनाव में कमी आती है क्योंकि इसे करके आदमी अपनी संतुष्टि कर लेता है फलसवरूप उसके मन मे किसी प्रकार की कोई यौन इच्छा नही रहती इसलिए हम कह सकते हैं की हस्तमैथुन के फायदे यौन तनाव को दूर करने में सहायक होता है|

हस्तमैथुन के फायदे दिलाएं यौन रोग से सुरक्षा

आजकल यौन संचारित रोग बहुत तेज़ी से फैल रहे है| इसलिए ज़रूरी है की आप वो सभी उपाय अपनाएं जिससे आपको कभी किसी यौन रोग का सामना ना करना पड़े| हस्तमैथुन यौन रोग से बचने का सबसे बढ़िया तरीका है| ये ना केवल आपको अनचाहे गर्भ के डर से बचाता है बल्कि आपको HIV, AIDS, और दूसरे STD यानी sexually transmitted disease से भी बचाता है|

हस्तमैथुन के फायदे दिलाएं नाइट फॉल से मुक्ति

स्वप्नदोष यानि नाइट फॉल होने के कई कारण हो सकते हैं लेकिन हस्तमैथुन से इसका इलाज किया जा सकता है| इसलिए यदि आपको रेग्युलर नाइटफॉल की प्राब्लम है तो आप हफ्ते में 2-3 बार हस्तमैथुन करके अपनी कंडीशन में सुधार कर हैं सकते हैं जिससे आपके स्पर्म की संख्या में भी सुधर होगा और नाईट फॉल से भी बचाव होगा| और पढ़े - स्वप्नदोष रोकने के घरेलू उपाय

हस्तमैथुन के फायदे करें कैंसर के खतरे को कम

शोध के मुताबिक नियमित रूप से वीर्यपात (ईजैक्यूलैशन) से कैंसर के ख़तरे की संभावना कम होती है। हांलाकि डॉक्टर इस बात इस बात को लेकर निश्चित नहीं हैं।

2015 में एक अध्ययन किया गया। इस अध्ययन में ये देखा गया कि जिन परूषों में कैंसर का ख़तरा था। इस ख़तरे को लगभग 20 प्रतिशत तक कम पाया गया, जो व्यक्ति एक महीने में कम से कम 21 हस्तमैथुन करते थे।

इसका कारण है की आपके जनन तंत्र में हानि कारक पदार्थ जमा होते रहते हैं जो की कॅन्सर और दूसरी कई प्रकार के गुप्त रोगों के लिए जिम्मेदार होते हैं| हस्तमैथुन के द्वारा ऐसे हानिकारक पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाते हैं|

हस्तमैथुन के फायदे लड़कियों (गर्ल्स) के लिए

लड़कियों को ऊपर बताये गये सभी फ़ायदे तो मिलते ही हैं साथ ही इससे आपकी पेल्विक मसल स्ट्रॉंग बनती है जो आपके जनन अंगों को मजबूती प्रदान करती है जिससे आपकी सेक्सुअल लाइफ अच्छी बनती हैं| इतना ही नही, नियमित मैस्टरबेशन से आपके पीरियड में होने वाला दर्द और मरोड़ भी कम होते हैं|

हस्तमैथुन के नुकसान



युवावस्‍था में हस्तमैथुन की शुरुआत की सबसे ज्‍यादा संभावना रहती है और ऐसा होने पर दिन में बार-बार हस्तमैथुन करने का मन करता है। हस्तमैथुन तब तक हानिकारक नहीं है जब तक इसको कम मात्रा में किया जाये हालांकि कुछ लोग हस्तमैथुन को ग़लत मानते हैं। इसके अलावा कुछ लोगों में ये भी धारणा है कि लंबे समय से हस्तमैथुन करने से कुछ समस्या हो सकती है। वैसे तो हस्‍तमैथुन के कोई नुकसान नहीं हैं, लेकिन कई बार गलत ढंग से या ज्‍यादा मैथुन करने के गंभीर परिणाम हो सकते है। आइये जानते है Hastmaithun Karne Se Hone Wale Nuksan के बारें में

हस्तमैथुन के नुकसान से होता है शुक्राणु की संख्‍या पर असर

नियमित रूप से कई बार हस्‍तमैथुन करने से पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्‍या कम होने लगती है। इसका असर उनकी पिता बनने की क्षमता पर भी पड़ता है। इसके अलावा नियमित रूप से हस्‍तमैथुन करने से आपको संतुष्‍ट होने का समय कम या बढ़ सकता है। इसके साथ ही आपका वीर्य स्‍खलित होने का समय भी बढ़ या घट सकता है। इसके अलावा हस्‍तमैथुन की आदत इरेक्टाइल डिसफंक्शन रोग का मुख्‍य कारण होती है।

हमारे वीर्य में लाखो की संख्या में शुक्राणु होते है जो हमारे पिता बनने में सहायक होते है. परन्तु जो लोग रोजाना हस्तमैथुन करते है उनके वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या बहुत कम हो जाती है

हस्तमैथुन के नुकसान से लिंग में सूजन का हो जाना

कई लोग ऐसे होते है जो जल्दीबाजी के चक्कर में बहुत तेजी से हस्तमैथुन (Masturbation) करने लगते है. जिस कारण उनका वीर्य से पहले निकलने वाला तरल पानी उनके लिंग की मासपेशियों में चला जाता है.

इसका रिजल्ट यह होता है कि व्यक्ति के लिंग में सूजन आने लगती है और तब तक रहती है जब तक वह वापस खून (blood) में न मिल जाये. ऐसा बार - बार होने पर यह गंभीर समस्या बन जाती है

हस्तमैथुन के नुकसान से लिंग की मांसपेशियों का टूटना

कई बार हस्तमैथुन (masturbation) करते समय अपने लिंग को कस कर दबाने या मोड़ने का प्रयास हानिकारक हो सकता है इससे 'पायरोनी' नाम की बीमारी हो सकती है। यही नही पेनाइल फ्रेक्‍चर भी हो सकता है यानी आपके लिंग की मांसपेशियां टूट सकती हैं।

लोग अक्सर हस्तमैथुन करते समय अपने लिंग को बहुत ही मजबूती से जकड़ लेते है और उसे दबाने या मोड़ने लगते है वे सोचते है की ऐसा करने से वीर्य बाहर नहीं निकलेगा. यह करना सही नहीं है. ऐसा करने से आपको गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है.

पायरोनी होने पर लिंग टेढ़ा हो जाता है मांसपेशियों में तनाव होने की स्थिति में आप उसके टेढ़ेपन को आसानी से देख सकते हैं।

हस्तमैथुन के बाद खुद के प्रति ग्लानी होना

जितना उत्साह हस्तमैथुन करने के पहले और करते समय होता है उतनी ही ग्लानी उसके बाद होती है लोग जब भी हस्तमैथुन करते है हस्तमैथुन (Masturbation) करने के बाद खुद से घृणा करने लग जाते है. जो की हस्तमैथुन से होने वाला सबसे बड़ा नुकसान है और पढ़े - हस्तमैथुन की लत को छोड़ने के तरीके

हस्तमैथुन घबराहट और न्यूरोलॉजिकल समस्याएं पैदा करता है। हस्तमैथुन आपके मन और आत्मा में तनाव और दबाव का कारण बनता है। इसके अलावा हस्तमैथुन आपको मनोवैज्ञानिक तौर पर प्रभावित करता है। यह स्खलन के बाद अवसाद पैदा करता है और व्‍यक्ति खुद को बुरा महसूस लगता है

हस्तमैथुन के नुकसान से शरीर का कमजोर हो जाना

शरीर को चलाने के लिए कैलोरी की जरुरत होती है और जा आप हस्तमैथुन करते है तो आप अपनी कैलोरी को उसमे खर्च कर देते है जिससे आप थोड़ी देर की खुशी के लिए खुद की लाइफ को अच्छा बनाने के बजाये और ज्यादा ख़राब बना लेते है जादा हस्तमैथुन (masturbation) करने से कभी भी आपकी सेहत अच्छी नहीं बन सकती|

हस्तमैथुन के नुकसान से लिंग में उत्तेजना का बंद हो जाना

अधिक मात्रा में हस्तमैथुन करने से कई बार लिंग के ऊतक में चोट पहुंच जाती है और इससे ये ऊतक नष्ट होने लगते है. जिससे लिंग में उत्तेजना आना बंद हो जाती है. कई बार तो इससे व्यक्ति


को उत्तेजना आना हमेशा के लिए बंद हो जाती है. और पढ़े - इरेक्टाइल डिसफंक्शन नपुंसकता (स्तंभन दोष) कारण और उपचार

अगर आपकी उत्तेजना खत्म हो गई तो आपकी मैरिड लाइफ (Merried life) बर्बाद हो सकती है क्योंकि अगर आप अपनी पत्नी को संतुष्ट नहीं कर पाए तो आप दोनों के रिश्ते पर इसका असर पड़ेगा जो आपके रिश्ते को खत्म कर देगा. इसलिए अब यह आपको तय करना है की आपको कौन सा रास्ता चुनना है

हस्तमैथुन के नुकसान से अवैध संबध और पार्टनर से झगड़ा होना

अपराध करने वाले लोग हस्तमैथुन के आदी होते है और यौन इच्छाएं अधिक बढ़ने पर वे अपराध करने लग जाते है. व्यक्ति हस्‍तमैथुन करते समय हमेशा ही कल्पनाओ में खोया रहता है

हस्‍तमैथुन (masturbation)आपको अवैध संबंधो की ओर ले जाता है क्‍योंकि इसकी उत्तेजना दिन ब दिन बढ़ती जाती है और अंत में यौन सुख के लिए आप अन्‍य स्रोतों को ढूढ़ने लगते हैं।लंबे समय तक हस्तमैथुन संभोग के दौरान तेजी से शुक्राणु के रिलीज होने का मुख्य कारण है। इससे आपके और आपकी पत्नी के बीच असंतोष पैदा हो सकता है। और रिश्ता ख़राब हो सकता है

हस्तमैथुन के नुकसान से होने लगता है हाथ और शरीर में कम्पन

कुछ लोग हस्तमैथुन (masturbation ) के कारण हाथ में कम्पन या शरीर काम्पने की शिकायत करते हैं| ऐसा कमजोरी और हॉर्मोन के असंतुलन के कारण होता है| रिसर्च कहती है अधिक हस्तमैथुन से हार्मोनल बदलाव होते हैं जिनके प्रभाव से दिमाग से कुछ रसायन निकलते हैं जिनके कारण शरीर में कम्पन होता है|

हस्तमैथुन के बारे में विशेषज्ञों के विचारों में मतभेद है। कुछ का मानना है कि यह कोई समस्या नहीं है लेकिन कुछ का मानते हैं यह हानिप्रद है।

यह समझना ज़रूरी है की हस्तमैथुन कोई समस्या नहीं है। लेकिन हस्‍तमैथुन की लत पड़ जाना एक मनोवैज्ञानिक विकार हैं जिसका व्यक्ति को उपचार कराना चाहिए। यदि व्यक्ति यह करने को अपने को विविश पाए तो यह समस्या है। यदि उसे सेक्स सम्बन्ध बनाने से ज्यादा हस्‍तमैथुन में आनंद आए तो यह एक विकार है|

हस्तमैथुन की लत से होने वाले 10 बड़े नुकसान



हस्तमैथुन के बारे में कई अफवाहे हमारे समाज में फैली हुई है. हस्तमैथुन के बारे में Kam Jankari होने के कारण और इस बारे में किसी दुसरे व्यक्ति से बात न करने के कारण लोग इस लत से कभी बाहर नहीं निकल पाते. मैं यहाँ आपको हस्तमैथुन के वो नुकसान बता रहा हूँ जो लोग हस्तमैथुन के कारण (hatmaithun ke kaaran) सामना करते है.

*. शरीर का कमजोर हो जाना (Sharir Ka Kamjor Ho Jana) –

इस दुनिया में सभी लोग इसलिए मेहनत करने में लगे हुए है ताकि उन्हें एक बेटर लाइफ मिल सके. वे अच्छा खाना खा सके, अच्छी लाइफ बिता सके. पर हस्तमैथुन करने से आप खुद की लाइफ को better बनाने के बजाये और ज्यादा ख़राब बना देते हो. हस्तमैथुन (masturbation) करने से कभी भी आपकी सेहत अच्छी नहीं बन सकती.

यह आपके Body में कमजोरी लाता है. आपने जरुर नोट किया होगा जब आप हस्तमैथुन कर लेते हो उसके बाद आपके अंदर की शक्ति कम हो जाती है. आपको ऐसा लगता होगा जैसे सारी ताकत खत्म हो गई हो और उसे पाने के लिए आप फिर से अपने लिए कुछ खाने के लिए ढूंढने लग जाते हो.

यह बात आप समझ लो की अगर आपको अच्छी सेहत चाहिए तो इस लत से किनारा करना ही होगा वरना एक समय ऐसा भी आएगा जब इस लत के कारण आप अपना अच्छा स्वास्थ्य भी खो दोगे और आपके अंदर कमजोरी पैदा होने लगेगी. जिसका नुकसान होगा की आपकी सेहत तो जाएगी ही साथ में आपके रिश्तो पर भी असर होगा.

*. खुद के प्रति ग्लानी होना (Khud Ke Prti Glani Hona) –

हम जब भी हस्तमैथुन करते है हस्तमैथुन (Masturbation) करने के बाद हम खुद से घृणा करने लग जाते है. हमें खुद के प्रति मन में ग्लानी होती है. जो की हस्तमैथुन से होने वाला सबसे बड़ा नुकसान है. हम कोई भी काम इसलिए करते है ताकि हमें उस काम को करने के बाद ख़ुशी मिले.

हस्तमैथुन करने के बाद ठीक इसका उल्टा होता है तो फिर हस्तमैथुन करने का फायदा क्या. अगर यह हमें ख़ुशी न दे तो इससे दूर रहना ही सही है. अगर हम अंदर से खुश रहेंगे और हमारे अंदर हमारे लिए Self – Respect होगी इससे हम कोई भी परेशानी या काम को बहुत ही आसानी से कर सकते है. हमारे अंदर की शक्ति ही हमें मजबूत बनाती है. जिस इंसान के अंदर जितनी अच्छी आदते होंगी वह इन्सान उतना ही मजबूत होगा.

जिसके अंदर बुरी आदते होंगी वह उतना ही कमजोर होगा. इसलिए हस्तमैथुन करने से अगर आपको ग्लानी होती है तो इसे छोड़ दे. अगर आप खुद के नजरो में ही गिर जाओगे तो पूरी दुनिया से आप नजर कभी नहीं मिला सकते.


*. लिंग में सूजन का हो जाना (Penis Me Sujan Ka Ho Jana) :

कई लोग ऐसे होते है जो जल्दीबाजी के चक्कर में बहुत तेजी से हस्तमैथुन (Masturbation)करने लगते है. जिस कारण उनका वीर्य (viry) से पहले निकलने वाला तरल पानी उनके लिंग (ling) की मासपेशियों में चला जाता है. इसका रिजल्ट यह होता है कि व्यक्ति के लिंग में सूजन आने लगती है और तब तक रहती है जब तक वह वापस खून (blood) में न मिल जाये.

ऐसा बार – बार होने पर यह गंभीर बन जाता है और यह सूजन आसानी से जाती नहीं है. इसलिए इससे दूर रहने के लिए हस्तमैथुन की लत से ही दूर रहे. अगर यह लत ही नहीं होगी तो ऐसी कोई भी प्रॉब्लम आपके पास भी नही रहेगी.

*. लिंग की मांसपेशियों का टूट जाना (Penis Ki Manspeshiyon Ka Tut Jana) :

कई लोग हस्तमैथुन (masturbation) करते समय अपने लिंग (penic) को बहुत ही मजबूती से जकड़ लेते है और उसे दबाने या मोड़ने लगते है वे सोचते है की ऐसा करने से वीर्य बाहर नहीं निकलेगा. यह करना सही नहीं है. ऐसा करने से आपको गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है. ऐसा करने से आपके लिंग की मांसपेशियां टूट सकती हैं जो की बहुत ही नाजुक होती है.

कई बार ऐसा करने से पायरोनी नाम की बीमारी भी हो जाती है. इस बीमारी का असर यह होता है की व्यक्ति का लिंग टेढ़ा हो जाता है. एक बार अगर यह बीमारी हो जाये तो समझ सकते है की आपको कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.


*. मानसिक तनाव का होना (Mansik Tanav Ka Hona) :

आप मानो या न मानो पर हस्तमैथुन आपके अंदर टेंशन पैदा करता है. अगर आप हस्तमैथुन करते है तो आपने जरुर यह ध्यान दिया होगा कि हस्तमैथुन के बाद आप बहुत ही बुरा महसूस करते होंगे. हस्तमैथुन आपको काफी मानसिक तनाव (mansik tanav) दे सकता है. यह तनाव ऐसा होता है जिसमे आप खुद को ही दोषी मानने लगते है. अपने बारे


में आप बुरा सोचते है.

लगातार अगर आप तनाव में रहेंगे तो आप अवसाद का शिकार हो सकते है. हस्तमैथुन करने से कई बार घबराहट भी पैदा होती है. अगर आपका माइंड टेंशन में रहेगा तो आप कोई भी काम सही ढंग से नहीं कर पाओगे. इसलिए अगर टेंशन से दूर रहना है तो हस्तमैथुन को अलविदा कहे.


*. अवैध संबंधो का बन जाना (Awaidh Sambandho Ka Ban Jana) :

आज हमारे समाज में जिस तरह से यौन अपराध बढ़ रहे है इसमें हस्तमैथुन का बहुत बड़ा रोल है. ऐसे अपराध करने वाले लोग हस्तमैथुन के आदी होते है और यौन इच्छाएं अधिक बढ़ने पर वे अपराध करने लग जाते है. व्यक्ति हस्‍तमैथुन करते समय हमेशा ही कल्पनाओ में खोया रहता है.

इससे उस व्यक्ति की sex के प्रति चाह में निरंतर बढ़ोतरी होती रहती है. अपनी सेक्स की भूख को शांत करने के लिए वह अवैध संपर्कों की ओर चले जाता है. इससे जाने अनजाने वह कई ऐसी भूल कर देता है जो उसे ज़िन्दगी भर पछतावा देते रहता है. आपकी ज़िन्दगी को हस्तमैथुन की लत बर्बाद कर सकती है.

एक बार अगर आपने कोई यौन अपराध कर लिया तो समझ ले आपकी यह ज़िन्दगी तो बर्बाद हो ही गई. इससे बचने का आसान तरीका यही है की जो जड़ है उसे ही हटा दे यानी हस्तमैथुन को अपनी लाइफ से दूर कर दे.


*. शुक्राणुओ की संख्‍या में कमी होना (Sperm Ki Sankhya Me Kami Hona) :

हमारे वीर्य में लाखो की संख्या में शुक्राणु होते है जो हमारे पिता बनने में सहायक होते है. परन्तु जो लोग रोजाना हस्तमैथुन करते है उनके वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या बहुत कम हो जाती है. इसका सबसे बड़ा नुकसान यह होता है जब व्यक्ति की शादी हो जाती है तब उसके बाद उसके वीर्य में शुक्राणुओं (Sperm) की कमी के कारण वह पिता बनने से भी


वंचित रह सकता है.

अगर आपके अंदर शुक्राणु कम हो गये तो आप तनाव में आ जायेंगे और यह तनाव आपकी सेहत खराब कर देगा. इसलिए अपने शादी के बाद अच्छे जीवन के लिए अभी से सोचे और इस लत से दूर रहे.

*. अपने पार्टनर से झगडा होना (Apne Partner Se Jhagda Ho Jana) :

छोटी age में बहुत अधिक हस्तमैथुन कर लेने से शादी के बाद इसका असर दिखने लग जाता है. जब ऐसे लोग संभोग करते है तो उस दौरान उनका स्खलन बहुत ही तेजी से होने लग जाता है. परिणामस्वरूप इससे उनकी पत्नी उनसे नाराज रहने लग जाती है और रिश्ता ख़राब हो जाता है.

ऐसे भी बहुत लोग है जिनका अपने partner के साथ झगड़ा होता रहता है. जिस कारण वे हस्तमैथुन की ओर रूख कर लेते है. लगातार हस्तमैथुन करने से उनको हस्तमैथुन में ही सुख नजर आने लगता है. जो की उनके बुरे समय की शुरुआत होती है. शादी (shadi) के बाद सिर्फ अपने मेरिड लाइफ पर फोकस करे न की हस्तमैथुन पर.

*. पाचन तंत्र पर बुरा असर होना (Digestive System Par Bura Asar Hona) :

अच्छी सेहत के लिए हमारे पाचन तंत्र का ठीक होना बहुत जरुरी होता है. पाचन तंत्र हमारे शरीर की वह मशीन होती है जो भोजन में से निचोड़ निकालकर हमारे शरीर को देती है. जिससे हमारा शरीर बलवान और स्वस्थ रहता है. अगर पाचन तंत्र ख़राब हो जाए तो हमारी सेहत कमजोर होने लगती है.

हस्‍तमैथुन करने से हमारे चयापचय (chayapachay) पर बुरा असर पड़ता है. हस्तमैथुन हमारे पाचन तंत्र को प्रभावित कर देता है. जिस कारण हमारा पाचन तंत्र बहुत ही मंद गति से अपना कार्य करता है और खाना सही ढंग से पचने


में काफी समय लगता है.

हस्‍तमैथुन करते वक्त जो पहला गीला द्रव निकलता है उसमे प्रोटीन (protin) होता है. जो सेल संरचनाओं के लिए आवश्यक होता हैं. आप यह जरुर जानते होंगे की प्रोटीन हमारे शरीर (body) के लिए कितना अहम है. इसका लगातार स्खलन आपको दुबला (dubla) बना देता है. इसलिए अच्छे paachan Tantra बनाये रखने के लिए हस्तमैथुन से दूरी बनाये.

*. लिंग में उत्तेजना का बंद हो जाना (Ling Me Uttejana Ka Band Ho Jana) :

एक पुरुष के लिए इससे शर्मसार बात क्या हो सकती है की उसके लिंग में उत्तेजना होना ही बंद हो जाए. यह आपको मेंटली डिप्रेस्ड कर सकती है. अधिक मात्रा में हस्तमैथुन करने से कई बार लिंग के ऊतक में चोट पहुंच जाती है और इससे ये ऊतक नष्ट होने लगते है. जिससे लिंग में उत्तेजना (uttejana) आना बंद हो जाती है. कई बार तो इससे व्यक्ति


को उत्तेजना आना हमेशा के लिए बंद हो जाती है.

अगर आपकी उत्तेजना खत्म हो गई तो आपकी मैरिड लाइफ (Merried life) बर्बाद हो सकती है क्योंकि अगर आप अपनी पत्नी को संतुष्ट नहीं कर पाए तो आप दोनों के रिश्ते पर इसका असर पड़ेगा जो आपके Rishtey को खत्म कर देगा. इसलिए अब यह आपको तय करना है की आपको कौन सा रास्ता चुनना है


आइये विस्तार से जानते है नुकसान



पाचन तंत्र पर बुरा असर होना

अच्छी सेहत के लिए हमारे पाचन तंत्र का ठीक होना बहुत जरुरी होता है. पाचन तंत्र हमारे शरीर की वह मशीन होती है जो भोजन में से निचोड़ निकालकर हमारे शरीर को देती है. जिससे हमारा शरीर बलवान और स्वस्थ रहता है. अगर पाचन तंत्र ख़राब हो जाए तो हमारी सेहत कमजोर होने लगती है.


हस्‍तमैथुन करने से हमारे चयापचय (chayapachay) पर बुरा असर पड़ता है. हस्तमैथुन हमारे पाचन तंत्र को प्रभावित कर देता है. जिस कारण हमारा पाचन तंत्र बहुत ही मंद गति से अपना कार्य करता है और खाना सही ढंग से पचने में काफी समय लगता है.


हस्‍तमैथुन करते वक्त जो पहला गीला द्रव निकलता है उसमे प्रोटीन (protin) होता है. जो सेल संरचनाओं के लिए आवश्यक होता हैं. आप यह जरुर जानते होंगे की प्रोटीन हमारे शरीर (body) के लिए कितना अहम है. इसका लगातार स्खलन आपको दुबला (dubla) बना देता है. इसलिए अच्छे paachan Tantra बनाये रखने के लिए हस्तमैथुन से दूरी बनाये.

लिंग संबंधी Problems

लिंग संबंधी गड़बड़ी निम्नलिखित कारणों की वजह से हो सकती है-

शिश्न (लिंग) का बहुत ही छोटा होना।


अण्डकोष बहुत ही नरम तथा छोटे होना।


लिंग का टेढा होना।


अण्डकोष का पेट में धंसा होना।


वे पुरुष जिसके अंदर स्त्रियों वाले गुण हो।


अक्सर हस्तमैथुन करने से हमारा शरीर इसका आदि हो जाता है जिसकी वजह से व्यक्ति रोजाना या दिन में कई बार करने लगता है | हस्तमैथुन करने से हथेली की मजबूत पकड़ और उसकी गर्मी के कारण लिंग में समय के साथ मोटापन विकसित नहीं हो पाता | मुठ मारने से लिंग में हल्का या थोडा भी घर्षण लगने पर अक्सर इसमे उत्तेजना होने लगती है | 30-35 साल की उम्र तक पहुचते पहुचते लिंग में तनाव आना कम होने लगता है, धातु रोग हो जाता है | अधिक हस्त मैथुन से लिंग में टेड़ापन आ जाता है जिसके कारण व्यक्ति सही से सेक्स नही कर पता है |

अधिक हस्तमैथुन करने वाले युवको में अक्सर देखा गया है की आगे चलकर उनके लिंग में तनाव आना बहुत कम हो जाता है | युवक स्त्री के समक्ष ज्यादा देर टिक नहीं पाता है और पलभर में ही शांत हो जाते है | अधिक मात्रा में करने से 22 से 27 साल की उम्र में ही धातु रोग होने की सम्भावना 90% तक बढ़ जाती है |

अधिक मात्र में मुठ मारने वाला युवक अक्सर बिस्तर में महिला को कभी संतुष्ट नहीं कर पाता है! शास्त्रों में इस के लिए भ्रमचर्या के पालन के बारे में जोर दिया गया है |मूत्र त्याग के समय लिंग से धातु चिपचिपे और तारयुक्त प्रदार्थ के रूप में गिरने लगता | जो धातु रोग की निशानी है |

युवा अक्सर स्खलन से समय लिंग को दबाकर रोकने की कोशिश करते है जो जिससे लिंग की नसे और लिंग को बहुत नुकसान पहुचता है | स्खलन को कभी रोकना नहीं चाहिए |अधिकतर हस्तमैथुन करने वाले युवको को आगे चलकर लिंग में स्खलन के बाद दर्द का अनुभव होता है और एक बार स्त्री से सम्भोग करने के बाद दोबारा उसमे उत्तेजना आने में कई घंटे लग जाते है |

शरीर में वीर्य की कमी होना

मास्टरबेशन को लेकर सबसे ज्यादा यह सवाल किया जाता है- ‘क्या इससे नपुंसकता होती है?’ सही जवाब है- नहीं। जब कोई पुरुष मास्टरबेट करता है, तो अंत में उसका वीर्य स्खलित होता है। हां, यह बात अलग है कि जो लोग इसे आदत बना लेते हैं और रोजाना करते हैं। उनके शरीर में बाकी लोगों के मुकाबले वीर्य की मात्रा कम हो जाती है। लगातार मास्टरबेट करने से वीर्य की मात्रा खत्म हो जाती है, लिहाजा तब तक इसे नहीं करना चाहिए, जब तक उतनी मात्रा में यह शरीर में दोबारा नहीं तैयार हो जाता।

अप्राकृतिक संबंधो का बन जाना

आज हमारे समाज में जिस तरह से यौन अपराध बढ़ रहे है इसमें हस्तमैथुन का बहुत बड़ा रोल है. ऐसे अपराध करने वाले लोग हस्तमैथुन के आदी होते है और यौन इच्छाएं अधिक बढ़ने पर वे अपराध करने लग जाते है. व्यक्ति हस्‍तमैथुन करते समय हमेशा ही कल्पनाओ में खोया रहता है.


इससे उस व्यक्ति की sex के प्रति चाह में निरंतर बढ़ोतरी होती रहती है. अपनी सेक्स की भूख को शांत करने के लिए वह अवैध संपर्कों की ओर चले जाता है. इससे जाने अनजाने वह कई ऐसी भूल कर देता है जो उसे ज़िन्दगी भर पछतावा देते रहता है. आपकी ज़िन्दगी को हस्तमैथुन की लत बर्बाद कर सकती है.


एक बार अगर आपने कोई यौन अपराध कर लिया तो समझ ले आपकी यह ज़िन्दगी तो बर्बाद हो ही गई. इससे बचने का आसान तरीका यही है की जो जड़ है उसे ही हटा दे यानी हस्तमैथुन को अपनी लाइफ से दूर कर दे.

वीर्य में शुक्राणुओ की संख्‍या में कमी होना

जब आपको masturbation की लत लग जाती है और आप रोज masturbation करने लगते हैं तो इससे आपके विर्य में शुक्राणुओं की संख्या तेजी से कम होने लगती है और इसकी वजह से आपको आगे चलकर पिता बनने में परेशानी हो सकती है।


हमारे वीर्य में लाखो की संख्या में शुक्राणु होते है जो हमारे पिता बनने में सहायक होते है. परन्तु जो लोग रोजाना हस्तमैथुन करते है उनके वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या बहुत कम हो जाती है. इसका सबसे बड़ा नुकसान यह होता है जब व्यक्ति की शादी हो जाती है तब उसके बाद उसके वीर्य में शुक्राणुओं (Sperm) की कमी के कारण वह पिता बनने से भी 


वंचित रह सकता है.


अगर आपके अंदर शुक्राणु कम हो गये तो आप तनाव में आ जायेंगे और यह तनाव आपकी सेहत खराब कर देगा. इसलिए अपने शादी के बाद अच्छे जीवन के लिए अभी से सोचे और इस लत से दूर रहे.


कई बार पुरुष बच्चे पैदा करने में सफल नहीं हो पाता है क्योंकि उनके वीर्य में शुक्राणुओं की कमी होती है। पुरुष के वीर्य के अंदर शुक्राणुओं की कमी होने के कई कारण होते हैं जैसे- पुरुष के लिंग के अंदर संक्रमण होने के कारण, शुक्रवाहिनी में कोई रूकावट होने के कारण, तपती धूप में कार्य करने के कारण, शुक्राणुओं का सही तरीके से तैयार न होने के कारण तथा कई और अन्य प्रकार के प्रभावों की वजह से भी शुक्राणुओं की कमी हो जाती है।

शरीर का कमजोर हो जाना 

इस दुनिया में सभी लोग इसलिए मेहनत करने में लगे हुए है ताकि उन्हें एक बेटर लाइफ मिल सके. वे अच्छा खाना खा सके, अच्छी लाइफ बिता सके. पर हस्तमैथुन करने से आप खुद की लाइफ को better बनाने के बजाये और ज्यादा ख़राब बना देते हो. हस्तमैथुन (masturbation) करने से कभी भी आपकी सेहत अच्छी नहीं बन सकती.


यह आपके Body में कमजोरी लाता है. आपने जरुर नोट किया होगा जब आप हस्तमैथुन कर लेते हो उसके बाद आपके अंदर की शक्ति कम हो जाती है. आपको ऐसा लगता होगा जैसे सारी ताकत खत्म हो गई हो और उसे पाने के लिए आप फिर से अपने लिए कुछ खाने के लिए ढूंढने लग जाते हो.


यह बात आप समझ लो की अगर आपको अच्छी सेहत चाहिए तो इस लत से किनारा करना ही होगा वरना एक समय ऐसा भी आएगा जब इस लत के कारण आप अपना अच्छा स्वास्थ्य भी खो दोगे और आपके अंदर कमजोरी पैदा होने लगेगी. जिसका नुकसान होगा की आपकी सेहत तो जाएगी ही साथ में आपके रिश्तो पर भी असर होगा.


पुरुष के युवावस्था में कदम रखते ही स्त्री के प्रति आकर्षण होना तो स्वाभाविक ही है। यह बात अलग है कि इस आकर्षण का लगाव कितना बढ़ता है और व्यक्ति इसमें कितना डूब जाता है। कभी-कभी इस आकर्षण के कारण व्यक्ति में कई तरह की गलत आदतें पैदा हो जाती हैं जैसे- हस्तमैथुन, गुदामैथुन करना आदि। अगर 1 महीने में 2-3 बार हस्तमैथुन कर लिया जाता है तो इसमें कोई बुरी बात नहीं है लेकिन अगर इस क्रिया को रोजाना ही किया जाए तो यह व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक तौर पर बीमार कर सकती है। इसी का दुष्प्रभाव आगे चलकर व्यक्ति की सेक्स करने की शक्ति पर पड़ता है और व्यक्ति स्वप्नदोष और शीघ्रपतन जैसे रोगों के घेरे में आ जाता है। जिसका असर उसकी सेक्स करने की शक्ति पर भी पड़ता है। अच्छा और पौष्टिक भोजन न मिलने के कारण शरीर के कमजोर होने पर और हवा-पानी में गड़बड़ी की वजह से भी सेक्स करने की शक्ति कम हो जाती है। शरीर में मोटापा बढ़ने के कारण भी सेक्स करने की शक्ति में कमी आ सकती है। इस प्रकार की कमजोरियों को दवाईयों के द्वारा भी ठीक किया जा सकता है लेकिन स्थायी नपुंसकता नहीं होनी चाहिए।


आप एक बात बताओ, आप पूरे दिन मेहनत करते हो या अगर स्टूडेंट हो तो अच्छी डाइट लेते हो सिर्फ इसलिए कि आप कभी कमजोर ना पड़ो हमेशा energy से भरे रहो। लेकिन masturbation करने से body बहुत कमजोर हो जाती है और body का energy level बहुत कम हो जाता है। जब body में energy ही नहीं रहेगी तो आप कोई काम नहीं कर सकते।



गालों का पिचक जाना

लगातार masturbation करने से आपके शरीर पर इसका बुरा असर दिखने लगे जाता है और अगर आप ध्यान से देखेंगे तो पायंगे की आपके गाल धीरे धीरे पिचकने लगे हैं।

लिंग में पूरी तरह से तनाव न आना

यौनांग में पूरी तरह से तनाव नहीं आता हैं जिसके कई कारण हैं जैसे- नशीले पदार्थों का सेवन करना, किसी भी तरह का कोई भी तनाव, पागलपन की अवस्था, बहुत अधिक शारीरिक तथा मानसिक मेहनत करना, अधिक मात्रा में धूम्रपान करना, सिर पर गहरी चोट लगना या कोई सदमा लगना, नरवस सिस्टम में किसी तरह की गड़बड़ी हो जाना तथा हार्मोन के बिगड़ जाने की वजह के कारण से भी लिंग (शिश्न) में बिल्कुल भी तनाव पैदा नहीं होता हैं। इसके विपरीत नींद न आना, उच्च रक्तचाप, पागलपन का होना तथा अल्सर आदि की दवाओं का रोजाना इस्तेमाल करने से, पुरुष में किसी भी तरह की कमी होने पर, प्रोस्टेट ग्लैंड या मूत्रनली के रोग तथा सिफलिस जैसे यौन रोग होने के कारण शिश्न में पूरी तरह से उत्तेजना नहीं होने के कारण कई बार मनुष्य अच्छी तरह से संभोग क्रिया नहीं कर पाता और वह नपुंसकता का शिकार हो जाता है

लिंग की मांसपेशियों का टूट जाना

कई लोग हस्तमैथुन (masturbation) करते समय अपने लिंग (penic) को बहुत ही मजबूती से जकड़ लेते है और उसे दबाने या मोड़ने लगते है वे सोचते है की ऐसा करने से वीर्य बाहर नहीं निकलेगा. यह करना सही नहीं है. ऐसा करने से आपको गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है. ऐसा करने से आपके लिंग की मांसपेशियां टूट सकती हैं जो की बहुत ही नाजुक होती है.


कई बार ऐसा करने से पायरोनी नाम की बीमारी भी हो जाती है. इस बीमारी का असर यह होता है की व्यक्ति का लिंग टेढ़ा हो जाता है. एक बार अगर यह बीमारी हो जाये तो समझ सकते है की आपको कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है.

खुद के प्रति ग्लानी होना

हम जब भी हस्तमैथुन करते है हस्तमैथुन (Masturbation) करने के बाद हम खुद से घृणा करने लग जाते है. हमें खुद के प्रति मन में ग्लानी होती है. जो की हस्तमैथुन से होने वाला सबसे बड़ा नुकसान है. हम कोई भी काम इसलिए करते है ताकि हमें उस काम को करने के बाद ख़ुशी मिले.


हस्तमैथुन करने के बाद ठीक इसका उल्टा होता है तो फिर हस्तमैथुन करने का फायदा क्या. अगर यह हमें ख़ुशी न दे तो इससे दूर रहना ही सही है. अगर हम अंदर से खुश रहेंगे और हमारे अंदर हमारे लिए Self – Respect होगी इससे हम कोई भी परेशानी या काम को बहुत ही आसानी से कर सकते है. हमारे अंदर की शक्ति ही हमें मजबूत बनाती है. जिस इंसान के अंदर जितनी अच्छी आदते होंगी वह इन्सान उतना ही मजबूत होगा.


जिसके अंदर बुरी आदते होंगी वह उतना ही कमजोर होगा. इसलिए हस्तमैथुन करने से अगर आपको ग्लानी होती है तो इसे छोड़ दे. अगर आप खुद के नजरो में ही गिर जाओगे तो पूरी दुनिया से आप नजर कभी नहीं मिला सकते.


हस्तमैथुन करने से मन के अंदर हीन भावना पैदा हो जाती है। इस क्रिया को करने के बाद हस्तमैथुन करने वाला यह सोचता है कि वह इस प्रकार की गलती दुबारा कभी नहीं करेगा परन्तु वह पुरुष अपने मन को काबू न रख पाने की वजह से पुनः हस्तमैथुन की क्रिया करने को मजबूर हो जाता है और इस तरह से हीनभावना के शिंकजे में फंस जाता है। इस रोग को एंजाएटी न्यूरोसिस के नाम से भी जाना जाता है।


लिंग का टेढ़ा हो जाना

कई लोग ऐसे होते हैं जो masturbation के वक्त चरम सीमा तक पहुंच जाते हैं और इसी के दौरान वो अपने लिंग को बहुत मजबूती के साथ पकड़ लेते हैं। लेकिन ऐसा करना खतरे से खाली नहीं है penis muscles बहुत नाजुक होती है और इतने टाइट प्रेशर से ये टूट सकती है जिससे लिंग टेढ़ा हो सकता है।



मानसिक तनाव का होना

आप मानो या न मानो पर हस्तमैथुन आपके अंदर टेंशन पैदा करता है. अगर आप हस्तमैथुन करते है तो आपने जरुर यह ध्यान दिया होगा कि हस्तमैथुन के बाद आप बहुत ही बुरा महसूस करते होंगे. हस्तमैथुन आपको काफी मानसिक तनाव (mansik tanav) दे सकता है. यह तनाव ऐसा होता है जिसमे आप खुद को ही दोषी मानने लगते है. अपने बारे 


में आप बुरा सोचते है.



लगातार अगर आप तनाव में रहेंगे तो आप अवसाद का शिकार हो सकते है. हस्तमैथुन करने से कई बार घबराहट भी पैदा होती है. अगर आपका माइंड टेंशन में रहेगा तो आप कोई भी काम सही ढंग से नहीं कर पाओगे. इसलिए अगर टेंशन से दूर रहना है तो हस्तमैथुन को अलविदा कहे.


एक बात तो आपको माननी ही पड़ेगी की masturbation आपकी tension increase करने का काम करता है। हस्तमैथून के बाद आपने महसूस किया होगा कि कुछ देर के लिए आपको तनाव या tension हो जाता है।

याददाश्त कमजोर होना


यह रोग नवजवान स्त्री-पुरुषों को होता है। इस रोग से पीड़ित स्त्री तथा पुरुषों की याददास्त बिलकुल नहीं रहती है, मानसिक कमजोरी अधिक होती है, उदास रहते हैं, किसी को भी टकटकी लगाकर देखते हैं, सिर को झुकाकर बैठता है, हाथ-पैर ठंडे और तर पड़ जाते हैं। चरित्र-दोष के लक्षण भी रोगियों में दिखाई पड़ते हैं। ऐसे रोगियों के रोग को ठीक करने के लिए ऐनाकार्डियम, फास्फोरिक और कोनायम औषधि से करना लाभकारी है।

लिंग में सूजन का हो जाना

कई लोग ऐसे होते है जो जल्दीबाजी के चक्कर में बहुत तेजी से हस्तमैथुन (Masturbation)करने लगते है. जिस कारण उनका वीर्य (viry) से पहले निकलने वाला तरल पानी उनके लिंग (ling) की मासपेशियों में चला जाता है. इसका रिजल्ट यह होता है कि व्यक्ति के लिंग में सूजन आने लगती है और तब तक रहती है जब तक वह वापस खून (blood) में न मिल जाये.


ऐसा बार – बार होने पर यह गंभीर बन जाता है और यह सूजन आसानी से जाती नहीं है. इसलिए इससे दूर रहने के लिए हस्तमैथुन की लत से ही दूर रहे. अगर यह लत ही नहीं होगी तो ऐसी कोई भी प्रॉब्लम आपके पास भी नही रहेगी.

लिंग में उत्तेजना का बंद हो जाना

एक पुरुष के लिए इससे शर्मसार बात क्या हो सकती है की उसके लिंग में उत्तेजना होना ही बंद हो जाए. यह आपको मेंटली डिप्रेस्ड कर सकती है. अधिक मात्रा में हस्तमैथुन करने से कई बार लिंग के ऊतक में चोट पहुंच जाती है और इससे ये ऊतक नष्ट होने लगते है. जिससे लिंग में उत्तेजना (uttejana) आना बंद हो जाती है. कई बार तो इससे व्यक्ति 


को उत्तेजना आना हमेशा के लिए बंद हो जाती है.


अगर आपकी उत्तेजना खत्म हो गई तो आपकी मैरिड लाइफ (Merried life) बर्बाद हो सकती है क्योंकि अगर आप अपनी पत्नी को संतुष्ट नहीं कर पाए तो आप दोनों के रिश्ते पर इसका असर पड़ेगा जो आपके Rishtey को खत्म कर देगा. इसलिए अब यह आपको तय करना है की आपको कौन सा रास्ता चुनना है.

हस्तमैथुन की लत पड़ना

कुछ लोग हस्तमैथुन करने के आदी हो जाते हैं। यदि आप हस्तमैथुन के लिए बहुत अधिक समय देते हैं, तो आपका दैनिक जीवन इससे प्रभावित हो सकता है। जैसे -


काम या दैनिक गतिविधियों को छोड़ देना


काम न करना या स्कूल न जाना


दोस्तों या परिवार के साथ समय न बिताना


महत्वपूर्ण सामाजिक कार्यक्रमों शामिल न होना


हस्तमैथुन की लत पड़ने से आपके रिश्ते और दैनिक जीवन में नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। बहुत अधिक हस्तमैथुन करना आपके काम या पढ़ाई में भी बाधा डाल सकता है, जिससे आपके तरक्क़ी में रूकावट आ सकती है। इससे अलावा इससे दोस्ती में भी खटास आ सकती है क्योंकि आप अपने दोस्त के साथ ज्यादा समय व्यतीत नहीं कर पाओगे।

शुरुआत में अगर आप masturbation करते हैं तो हफ्ते में एक बार या दो बार करते हैं लेकिन धीरे धीरे आपकी ये आदत लत में बदलने लगती है और ये लत इतनी बढ़ जाती है कि लोग एक दिन में दो दो बार masturbation करने लगते हैं ये बहुत खतरनाक है।

हस्तमैथुन को शीघ्रपतन रोग होने का सबसे मुख्य कारण माना जाता है क्योंकि हस्तमैथुन करने से स्नायु संस्थान कमजोर हो जाता है और पुरुष संभोग क्रिया के समय वीर्य स्खलन को नियंत्रण करने में असफल हो जाता है बहुत से पुरुष संभोग करने के लिए बार-बार मौका तलाशते रहते हैं। वह रात में भी अपने लिंग के उत्तेजित होते ही स्त्री के साथ संभोग करने लग जाते हैं और दिन में भी मौका मिलते ही संभोग करने लगते हैं। यह स्थिति कुछ समय तक तो ठीक रहती है लेकिन उसके बाद ज्यादा संभोग करने से लिंग मुंड बहुत ज्यादा संवेदनशील हो जाता है और पुरुष शीघ्रपतन का रोगी हो जाता है। यह इस कारण से होता है क्योंकि शरीर की दूसरी मांसपेशियों की तरह ही लिंग की मांसपेशियां, स्तंभन केंद्र और उत्थान केंद्र और काम-ग्रंथियां एक हद तक ही काम करती हैं। अगर इनसे जरूरत से ज्यादा काम लिया जाता है तो इनमें थकान पैदा हो जाती है। जैसे कोई व्यक्ति अगर लगातार 30-35 किलोमीटर तक चलता रहता है तो उसके पैरों की मांसपेशियां थककर अपना काम करना बंद कर देती हैं और आराम मांगने लगती हैं। मनुष्य का हृदय उसके शरीर का एक ऐसा अंग है जो हर समय चलता रहता है लेकिन एक शोध के आधार पर यह ज्ञात हो चुका है कि बीच-बीच में इसकी मांसपेशियां भी आराम कर लेती हैं। कुछ इसी प्रकार की थकान मनुष्य के सेक्स केंद्र और लिंग की मांसपेशियों में भी होती है। अगर इनको आराम नहीं दिया जाता तो एक दिन उनमें भी थकान के लक्षण पैदा हो जाते हैं। यह लक्षण शीघ्रपतन और नपुंसकता रोग के रूप में प्रकट होते हैं। इसलिए पुरुषों को कभी भी अपनी यौन अंगों से जरूरत से ज्यादा काम नहीं लेना चाहिए।


जिन पुरुषों को बार-बार संभोग करने की आदत होती है उनको शीघ्रपतन और लिंग में उत्तेजना कम होने का रोग तो होता ही है साथ ही में वह अपनी पत्नी को भी बार-बार संभोग करने की बुरी आदत डाल देते हैं। लेकिन ऐसे पुरुष एक बात भूल जाते हैं कि अभी तो वह जोश में जो कर रहे हैं वह सही है लेकिन जब एक उम्र के बाद उनके शरीर में या यौन अंगों में इतनी शक्ति नहीं रहेगी तो वह किस तरह से अपनी इस आदत को बनाए रख सकेंगे। पत्नी को तो यह कुछ नहीं पता होगा कि ज्यादा उम्र होने के कारण मेरे पति में अब उतनी ताकत नहीं रही जितनी कि पहले थी। वह तो उस समय भी पति से पहले की ही तरह संभोग करना चाहेगी। लेकिन अगर पति उस समय अपनी पत्नी से संभोग करने में कटने लगता है तो पत्नी को ऐसा महसूस हो सकता है कि शायद अब मै पहले जितनी कामुक या आकर्षक नहीं रही और वह मन में किसी तरह की कुंठा आदि भर सकती है। कुछ पत्नियां पति से इस बदले हुए व्यवहार का गलत ही मतलब ले लेती है। उनको लगता है कि शायद मेरे पति किसी और लड़की के चक्कर में पड़ रहे हैं जिसके कारण मुझमें उनकी रुचि अब समाप्त होती जा रही है। ऐसी ही और भी बहुत सी समस्याएं होती हैं जो पति-पत्नी की बसी-बसाई गृहस्थी में बिखराव पैदा कर सकती हैं। इसलिए हर पुरुष को चाहिए कि संभोग को समय के अनुसार ही करे। वैसे भी कहा जाता है कि अति तो हर चीज की बुरी होती है।

शादीशुदा जिंदगी पर बुरा असर

छोटी age में बहुत अधिक हस्तमैथुन कर लेने से शादी के बाद इसका असर दिखने लग जाता है. जब ऐसे लोग संभोग करते है तो उस दौरान उनका स्खलन बहुत ही तेजी से होने लग जाता है. परिणामस्वरूप इससे उनकी पत्नी उनसे नाराज रहने लग जाती है और रिश्ता ख़राब हो जाता है.


ऐसे भी बहुत लोग है जिनका अपने partner के साथ झगड़ा होता रहता है. जिस कारण वे हस्तमैथुन की ओर रूख कर लेते है. लगातार हस्तमैथुन करने से उनको हस्तमैथुन में ही सुख नजर आने लगता है. जो की उनके बुरे समय की शुरुआत होती है. शादी (shadi) के बाद सिर्फ अपने मेरिड लाइफ पर फोकस करे न की हस्तमैथुन पर.


हर बार जब भी आप masturbation करते हैं तो एक बात आपने जरूर ध्यान दी होगी और वो ये की जब आप स्खलित होने वाले होते हैं तो आपके मुँह में हर बार किसी ऐसी लड़की का नाम आ जाता जाता है जो आपके करीब हो या आप उसे चाहते हों। ये वाकई बहुत खराब है इससे आपके और उनके बीच के रिश्ते खराब हो सकते हैं।

अन्य दुष्परिणाम

हस्तमैथुन तथा गुदामैथुन के कारण रोगी व्यक्ति के शरीर में वीर्य की कमी हो जाती है तथा उसका वीर्य पतला हो जाता है।


हस्तमैथुन तथा गुदामैथुन के कारण रोगी व्यक्ति को स्वप्नदोष भी हो जाता है जिसके परिणाम स्वरूप रोगी व्यक्ति का स्वास्थ्य गिरने लगता है।


इन गलत आदतों के कारण रोगी को कब्ज की शिकायत भी हो जाती है।


हस्तमैथुन तथा गुदामैथुन के कारण रोगी की संभोग क्रिया करने की शक्ति कम हो जाती है या बिल्कुल समाप्त हो जाती है।


इन गलत आदतों के कारण रोगी व्यक्ति को सर्दी तथा खांसी बराबर होती रहती है।


रोगी व्यक्ति को आंखों से कम दिखाई देने लगता है तथा उसकी आंखों के आस-पास गड्ढे बन जाते हैं।


हस्तमैथुन तथा गुदामैथुन के कारण रोगी व्यक्ति की पाचनक्रिया गड़बड़ा जाती है जिसके कारण उसका खाया-पिया शरीर में नहीं लगता है।


हस्तमैथुन तथा गुदामैथुन के कारण रोगी का शरीर दुबला-पतला तथा कमजोर हो जाता है।


रोगी व्यक्ति की याद्दाश्त भी कमजोर हो जाती है।


हस्तमैथुन तथा गुदामैथुन के कारण रोगी के अण्डकोष ढीले होकर नीचे की ओर लटक जाते हैं।


इन गलत आदतों के कारण रोगी के सिर में हर समय दर्द होता रहता है।


रोगी व्यक्ति का लिंग टेढ़ा-मेढ़ा हो जाता है।


हस्तमैथुन तथा गुदामैथुन के कारण रोगी व्यक्ति की त्वचा की चमक तथा सौन्दर्य नष्ट हो जाता है।


हस्तमैथुन तथा गुदामैथुन के कारण रोगी उत्साहहीन और जीवन से निराश हो जाता है।


इन आदतों के कारण रोगी व्यक्ति के चेहरे का रंग उड़ा-उड़ा सा हो जाता है तथा गाल पिचक जाते हैं।


हमेशा उदास सा रहना, किसी काम में मन का न लगना, सुस्ती, कमजोरी, अपंगता और मानसिक कमजोरी आदि के लक्षण वीर्य की कमी में देखे गये हैं।


वैसे आम तौर पर कहा जाये तो हस्तमैथुन करना अपवित्र माना जाता है।


ज्यादा मात्रा में हस्तमैथुन करने से शुक्राणुओं पर प्रभाव पड़ता है, जिससे आप पिता नहीं बन पाएंगे।


हस्तमैथुन करने से आपके वीर्य की मात्रा घट सकती है।


ज्यादा हस्तमैथुन करने से लिंग पर सूजन आ सकती है।


अधिक और गलत ढंग से किये गए हस्तमैथुन से लिंग की मांसपेशियों भी टूट सकती है।


हस्तमैथुन करने के बाद खुद पर ग्लानी आती है।


ज्यादा हस्तमैथुन करने से लिंग में उत्तेजना समाप्त हो जाती है।


हस्तमैथुन करने से अवैध संबध और पार्टनर से झगड़ा होना भी हो सकता है।


ज्यादा हस्तमैथुन करने से शरीर के भागों जैसे पैर, हाथ में कंपन महसूस होने लगती है।


महिला में हस्तमैथुन ज्यादा करने से वर्जिनिटी का खतरा रहता है।


हस्तमैथुन करने ज्यादा करने से आप काम या गतिविधियों को भी छोड़ सकते है।


हस्तमैथुन करने से पढ़ाई में मन नहीं लगेगा।


अपने परिवार के साथ आप समय नहीं बिताएँगे तो आप हस्तमैथुन की लत लग सकती है।


हस्तमैथुन आप ज्यादा मात्रा में करेंगे तो आप का शरीर कमजोर हो जाएगा.

हस्तमैथुन तथा गुदामैथुन के कारण रोगी व्यक्ति के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है जिसके कारण रोगी व्यक्ति को और भी कई रोग होने का डर रहता है जैसे- वीर्य में शुक्राणु की कमी, मिर्गी, पागलपन तथा यक्ष्मा (टी.बी.) आदि।

अब तो आप जान गए है


हस्तमैथुन की लत से है परेशान तो इन तरीकों से पाये छुटकारा




हस्तमैथुन की लत को लेकर हुए कई सर्वे में ये बात सामने आई है कि, कम उम्र में ही लड़के विपरित लिंग के प्रति आकर्षित हो इस बुरी लत के शिकार हो जाते हैं। अगर समय रहते उन्हें उचित सलाह यानी यौन शिक्षा नहीं मिले तो इसके परिणाम बेहद डरावने हो सकते हैं। इसलिए आज हम आपको बता रहें है कुछ ऐसे उपाय जिनसे हस्‍तमैथुन की लत से छुटकारा पाया जा सकता है।

 

* सफल व्यक्ति के पीछे उस व्यक्ति की सकारात्मक सोच का अहम रोल होता है। इस पॉजिटिव थिंकिंग के जरिए आप हस्तमैथुन की लत से छुटकारा पा सकते हैं। जब भी आप निराश हो या आपको असफलता मिलें तब आप अपनी सोच सकारात्मक रखें। सकारात्मक सोच आपको हस्तमैथुन को रोकने में काफी लाभ प्रदान करेगा।



* अकेले में अपने जीवन के बारे में, अपने भविष्य के बारे में, अपने आप को बेहतर बनाने के बारे में और बुरे आदतों को अपनी लाइफ से दूर करने के बारे में इस कीमती समय में सोच- विचार कर सकते है। आप हस्तमैथुन कि लत से निकलने के लिए नए- नए तरीके ढूंढ सकते हैं। नए लक्ष्य बना सकते हैं और जब आप इस लत से छुटकारा पा लेंगे उस लम्हें को याद कर सकते है।

 

* अगर आपको हस्तमैथुन छोड़े हुए 15 दिन या 20 दिन हो गये तो उसके बाद यह बिल्कुल भी न सोचे कि मैंने इतने समय तक हस्तमैथुन नहीं किया तो आज एक बार कर लेता हूं। अगर आप करेंगे तो यकीन मानिये यह लत आपकी जिंदगी में फिर से वापस लौट आएगी।


* जब भी आपके मन में बुरे ख्याल आएं तो आप पानी पिए। ऐसा करने से आपका माइंड थोड़ा फ्रेश  हो जायेगा। जिससे यह आपको हस्तमैथुन से दूर रखेगा।

* व्यायाम करने से हमारी इच्छाशक्ति बढ़ती है और इससे हमें बीमारियों से लड़ने में भी काफी मदद मिलती है। जब आपकी विल पॉवर  बढ़ेगी तो आपको अपनी बुरी लत से भी छुटकारा मिलने लगेगा।

* व्रत रखने से हमारा मन शांत होता है। जिससे गंदे विचार  भी मन में प्रवेश नहीं कर पाते है। इसलिए जब कभी भी समय हो व्रत  जरुर रखें।

* इसे लेकर खुद से ग्लानी करना कभी भी आपकी इच्छाशक्ति बढ़ाने में मदद नहीं करेगा। इससे सीख लेकर हमें अपनी जिंदगी में बदलाव लाने के बारे में सोचा चाहिए। जब भी आपको ग्लानी महसूस हो तो खुद को माफ़ कर दें। थोड़ा धैर्य रखे और फिर से हस्तमैथुन को छोड़ने के लिए तत्पर हो जाएं।



* जब हम नशे में होते है, तो ये नशा हमारी उत्तेजना को बढ़ावा देता है। जिस कारण हम इस नशे के मद में चूर होकर हस्तमैथुन करने लग जाते हैं। इसलिए हमेशा नशे से दूर ही रहें।

* हस्तमैथुन को छुड़ाने के लिए आप छोटे- छोटे लक्ष्य बना सकते है। जैसे आप अगले 1 हफ्ते तक हस्तमैथुन नहीं करेंगे। और इस लक्ष्य के प्रति दृढ रहें और हार न मानें।

* अगर इन उपायों के बाद भी आप हस्तमैथुन की लत को न छुड़ा पाए तो इसका मतलब है कि ये लत आपको तनाव की तरफ ले जा रही है। इसका जड़ से नष्ट करने के लिए आपको किसी विशेषज्ञ अथवा डाक्टर की जरूत है।


* जो हो चुका वह बीत गया | बीती सो बीती, बीती ताही बिसार दे, आगे की सुधि लेय | एक तो रोग, फिर उसका चिंतन और भी रुग्ण बना देता है | इसलिये पहला काम तो यह करो कि दीनता के विचारों को तिलांजलि देकर प्रसन्न और प्रफुल्लित रहना प्रारंभ कर दो |

*पीछे कितना वीर्यनाश हो चुका है, उसकी चिंता छोड़कर अब कैसे वीर्यरक्षण हो सके, उसके लिये उपाय करने हेतु कमर कस लो |

* ध्यान रहे: वीर्यशक्ति का दमन नहीं करना है, उसे ऊर्ध्वगामी बनाना है | वीर्यशक्ति का उपयोग हम ठीक ढ़ंग से नहीं कर पाते | इसलिये इस शक्ति के ऊर्ध्वगमन के कुछ प्रयोग हम समझ लें |

वीर्य का ऊर्ध्वगमन क्या है

* वीर्य के ऊर्ध्वगमन का अर्थ यह नहीं है कि वीर्य स्थूल रूप से ऊपर सहस्रार की ओर जाता है | इस विषय में कई लोग भ्रमित हैं | वीर्य तो वहीं रहता है, मगर उसे संचालित करनेवाली जो कामशक्ति है, उसका ऊर्ध्वगमन होता है | वीर्य को ऊपर चढ़ाने की नाड़ी शरीर के भीतर नहीं है | इसलिये शुक्राणु ऊपर नहीं जाते बल्कि हमारे भीतर एक वैद्युतिक चुम्बकीय शक्ति होती है जो नीचे की ओर बहती है, तब शुक्राणु सक्रिय होते हैं |

*इसलिये जब पुरुष की दृश्टि भड़कीले वस्त्रों पर पड़ती है या उसका मन स्त्री का चिंतन करता है, तब यही शक्ति उसके चिंतनमात्र से नीचे मूलाधार केन्द्र के नीचे जो कामकेन्द्र है, उसको सक्रिय कर, वीर्य को बाहर धकेलती है | वीर्य स्खलित होते ही उसके जीवन की उतनी कामशक्ति व्यर्थ में खर्च हो जाती है | योगी और तांत्रिक लोग इस सूक्ष्म बात से परिचित थे | स्थूल विज्ञानवाले जीवशास्त्री और डॉक्टर लोग इस बात को ठीक से समझ नहीं पाये इसलिये आधुनिकतम औजार होते हुए भी कई गंभीर रोगों को वे ठीक नहीं कर पाते जबकि योगी के दृष्टिपात मात्र या आशीर्वाद से ही रोग ठीक होने के चमत्कार हम प्रायः देखा-सुना करते हैं |

*आप बहुत योगसाधना करके ऊर्ध्वरेता योगी न भी बनो फिर भी वीर्यरक्षण के लिये इतना छोटा-सा प्रयोग तो कर ही सकते हो :

वीर्यरक्षा का महत्त्वपूर्ण प्रयोग

* अपना जो ‘काम-संस्थान’ है, वह जब सक्रिय होता है तभी वीर्य को बाहर धकेलता है | किन्तु निम्न प्रयोग द्वारा उसको सक्रिय होने से बचाना है |

* ज्यों ही किसी स्त्री के दर्शन से या कामुक विचार से आपका ध्यान अपनी जननेन्द्रिय की तरफ खिंचने लगे, तभी आप सतर्क हो जाओ | आप तुरन्त जननेन्द्रिय को भीतर पेट की तरफ़ खींचो | जैसे पंप का पिस्टन खींचते हैं उस प्रकार की क्रिया मन को जननेन्द्रिय में केन्द्रित करके करनी है | योग की भाषा में इसे योनिमुद्रा कहते हैं |

*अब आँखें बन्द करो | फिर ऐसी भावना करो कि मैं अपने जननेन्द्रिय-संस्थान से ऊपर सिर में स्थित सहस्रार चक्र की तरफ देख रहा हूँ | जिधर हमारा मन लगता है, उधर ही यह शक्ति बहने लगती है | सहस्रार की ओर वृत्ति लगाने से जो शक्ति मूलाधार में सक्रिय होकर वीर्य को स्खलित करनेवाली थी, वही शक्ति ऊर्ध्वगामी बनकर आपको वीर्यपतन से बचा लेगी |

* लेकिन ध्यान रहे : यदि आपका मन काम-विकार का मजा लेने में अटक गया तो आप सफल नहीं हो पायेंगे | थोड़े संकल्प और विवेक का सहारा लिया तो कुछ ही दिनों के प्रयोग से महत्त्वपूर्ण फायदा होने लगेगा | आप स्पष्ट महसूस करेंगे कि एक आँधी की तरह काम का आवेग आया और इस प्रयोग से वह कुछ ही क्षणों में शांत हो गया |

* जब भी काम का वेग उठे, फेफड़ों में भरी वायु को जोर से बाहर फेंको | जितना अधिक बाहर फेंक सको, उतना उत्तम | फिर नाभि और पेट को भीतर की ओर खींचो | दो-तीन बार के प्रयोग से ही काम-विकार शांत हो जायेगा और आप वीर्यपतन से बच जाओगे |

* यह प्रयोग दिखता छोटा-सा है, मगर बड़ा महत्त्वपूर्ण यौगिक प्रयोग है | भीतर का श्वास कामशक्ति को नीचे की ओर धकेलता है | उसे जोर से और अधिक मात्रा में बाहर फेंकने से वह मूलाधार चक्र में कामकेन्द्र को सक्रिय नहीं कर पायेगा | फिर पेट व नाभि को भीतर संकोचने से वहाँ खाली जगह बन जाती है | उस खाली जगह को भरने के लिये कामकेन्द्र के आसपास की सारी शक्ति, जो वीर्यपतन में सहयोगी बनती है, खिंचकर नाभि की तरफ चली जाती है और इस प्रकार आप वीर्यपतन से बच जायेंगे |

* इस प्रयोग को करने में न कोई खर्च है, न कोई विशेष स्थान ढ़ूँढ़ने की जरूरत है | कहीं भी बैठकर कर सकते हैं | काम-विकार न भी उठे, तब भी यह प्रयोग करके आप अनुपम लाभ उठा सकते हैं | इससे जठराग्नि प्रदीप्त होती है, पेट की बीमारियाँ मिटती हैं, जीवन तेजस्वी बनता है और वीर्यरक्षण सहज में होने लगता है |

* बहुत कम खर्च में आप यह चूर्ण बना सकते हैं | कुछ सुखे आँवलों से बीज अलग करके उनके छिलकों को कूटकर उसका चूर्ण बना लो | आजकल बाजार में आँवलों का तैयार चूर्ण भी मिलता है | जितना चूर्ण हो, उससे दुगुनी मात्रा में मिश्री का चूर्ण उसमें मिला दो | यह चूर्ण उनके लिए भी हितकर है जिन्हें स्वप्नदोष नहीं होता हो |

* रोज रात्रि को सोने से आधा घंटा पूर्व पानी के साथ एक चम्मच यह चूर्ण ले लिया करो | यह चूर्ण वीर्य को गाढ़ा करता है, कब्ज दूर करता है, वात-पित्त-कफ के दोष मिटाता है और संयम को मजबूत करता है |

गोंद का प्रयोग

* 6 ग्राम खेरी गोंद रात्रि को पानी में भिगो दो | इसे सुबह खाली पेट ले लो | इस प्रयोग के दौरान अगर भूख कम लगती हो तो दोपहर को भोजन के पहले अदरक व नींबू का रस मिलाकर लेना चाहिए |

तुलसी: एक अदभुत औषधि :

* प्रेन्च डॉक्टर विक्टर रेसीन ने कहा है : “तुलसी एक अदभुत औषधि है | तुलसी पर किये गये प्रयोगों ने यह सिद्ध कर दिया है कि रक्तचाप और पाचनतंत्र के नियमन में तथा मानसिक रोगों में तुलसी अत्यंत लाभकारी है | इससे रक्तकणों की वृद्धि होती है | मलेरिया तथा अन्य प्रकार के बुखारों में तुलसी अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुई है |

* तुलसी रोगों को तो दूर करती ही है, इसके अतिरिक्त ब्रह्मचर्य की रक्षा करने एवं यादशक्ति बढ़ाने में भी अनुपम सहायता करती है | तुलसीदल एक उत्कृष्ट रसायन है | यह त्रिदोषनाशक है | रक्तविकार, वायु, खाँसी, कृमि आदि की निवारक है तथा हृदय के लिये बहुत हितकारी है |

पादपश्चिमोत्तानासन :

विधि:

* जमीन पर आसन बिछाकर दोनों पैर सीधे करके बैठ जाओ |
* फिर दोनों हाथों से पैरों के अगूँठे पकड़कर झुकते हुए सिर को दोनों घुटनों से मिलाने का प्रयास करो |
* घुटने जमीन पर सीधे रहें | प्रारंभ में घुटने जमीन पर न टिकें तो कोई हर्ज नहीं |
* सतत अभ्यास से यह आसन सिद्ध हो जायेगा |
*यह आसन करने के 15 मिनट बाद एक-दो कच्ची भिण्डी खानी चाहिए |
* सेवफल का सेवन भी फायदा करता है |

लाभ:

* स्वप्नदोष व हस्तमैथुन (hastmaithun) की बुरी आदत को दूर करता है
* इस आसन से नाड़ियों की विशेष शुद्धि होकर हमारी कार्यक्षमता बढ़ती है और शरीर की बीमारियाँ दूर होती हैं |
* बदहजमी, कब्ज जैसे पेट के सभी रोग, सर्दी-जुकाम, कफ गिरना, कमर का दर्द, हिचकी, सफेद कोढ़, पेशाब की बीमारियाँ, वीर्य-विकार , अपेन्डिक्स, साईटिका, नलों की सुजन, पाण्डुरोग (पीलिया), अनिद्रा, दमा, खट्टी ड्कारें, ज्ञानतंतुओं की कमजोरी, गर्भाशय के रोग, मासिकधर्म की अनियमितता व अन्य तकलीफें, नपुंसकता, रक्त-विकार, ठिंगनापन व अन्य कई प्रकार की बीमारियाँ यह आसन करने से दूर होती हैं |
* इस आसन से शरीर का कद लम्बा होता है |
* यदि शरीर में मोटापन है तो वह दूर होता है और यदि दुबलापन है तो वह दूर होकर शरीर सुडौल, तन्दुरुस्त अवस्था में आ जाता है |
* ब्रह्मचर्य पालनेवालों के लिए यह आसन भगवान शिव का प्रसाद है |
* इसका प्रचार पहले शिवजी ने और बाद में जोगी गोरखनाथ ने किया था |

प्रारंभ में यह आसन आधा मिनट से शुरु करके प्रतिदिन थोड़ा बढ़ाते हुए 15 मिनट तक कर सकते हैं | पहले 2-3 दिन तकलीफ होती है, फिर सरल हो जाता है |

पादांगुष्ठानासन :

इसमें शरीर का भार केवल पाँव के अँगूठे पर आने से इसे ‘पादाँगुष्ठानासन’ कहते हैं। वीर्य की रक्षा व ऊर्ध्वगमन हेतु महत्त्वपूर्ण होने से सभी को विशेषतः बच्चों व युवाओं को यह आसन अवश्य करना चाहिए।

लाभः

* अखण्ड ब्रह्मचर्य की सिद्धि, वज्रनाड़ी (वीर्यनाड़ी) व मन पर नियंत्रण तथा वीर्यशक्ति को ओज में रूपांतरित करने में उत्तम है।
* मस्तिष्क स्वस्थ रहता है व बुद्धि की स्थिरता व प्रखरता शीघ्र प्राप्त होती है।
*रोगी-नीरोगी सभी के लिए लाभप्रद है।



रोगों में लाभः

*  हस्तमैथुन (hastmaithun), स्वप्नदोष, मधुमेह, नपुंसकता व समस्त वीर्योदोषों में लाभप्रद है।

विधिः

* पंजों के बल बैठ जायें।
* बायें पैर की एड़ी सिवनी (गुदा व जननेन्द्रिये के बीच का स्थान) पर लगायें।
* दोनों हाथों की उंगलियाँ ज़मीन पर रखकर दायाँ पैर बायीं जंघा पर रखें।
* सारा भार बायें पंजे पर (विशेषतः अँगुठे पर) संतुलित करके हाथ कमर पर या नमस्कार की मुद्रा में रखें।
* प्रारम्भ में कुछ दिन आधार लेकर कर सकते हैं।
*  कमर सीधी व शरीर स्थिर रहे। श्वास सामान्य, दृष्टि आगे किसी बिंदु पर एकाग्र व ध्यान संतुलन रखने में हों। यही क्रिया पैर बदल कर भी करें।

समयः प्रारंभ में दोनों पैरों से आधा-एक मिनट। दोनों पैरों को एक समान समय देकर यथासंभव बढ़ा सकते हैं।

सावधानीः अंतिम स्थिती में आने की शीघ्रता न करें, क्रमशः अभ्यास बढ़ायें। इसे दिन भर में दो-तीन बार कभी भी कर सकते हैं। किन्तु भोजन के तुरन्त बाद न करें।

अब आप ने जान लिया अब आपके ऊपर है ।

लगतार पोसिस करो के ये अदत हाट जाए । 



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टिप्पणियाँ

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