पुरानी से पुरानी कब्ज को जड़ से खत्म कर देंगे ये अचूक इलाज हैं घरेलू उपाय कब्ज (Constipation) ka ilaj in hindi
कब्ज (Constipation)
दोस्तो आज बात करे गए कब्ज के बारे जानेगे ।
सुबह सवेरे अच्छे से पेट साफ होना, हेल्थी होने की सबसे बड़ी निशानी है। मगर खान-पान में अनियमितता, भागदौड़ भरा जीवन और इसके चलते पैदा हुआ तनाव, हर सुबह मोशन की जंग लड़वाता है। कब्ज से सिर्फ बूढ़े ही नहीं जवान भी परेशान रहते हैं। मगर थोड़ी सी सावधानी से इस पर काबू पाया जा सकता है। तो चलिए जानते है कब्ज से कैसे छुटकारा पाए।
Kuch points mai aap ko ye article batuga jis se ye article aap ko ache se smaj aa jay ga
1, कब्ज के कारण और इलाज
2, कब्ज का इलाज
3, कब्ज से हैं परेशान तो रोज खाएं ये 6 चीजें
4, कब्ज से तुरंत राहत पाने के ये हैं घरेलू इलाज, एक बार जरूर अजमाएं
5, कब्ज का अचूक इलाज हैं यह 10 घरेलू उपाय
6, कब्ज से हो सकते हैं ये रोग
7, प्रेगनेंसी में कब्ज: लक्षण, कारण और घरेलू उपाय
8, योग, कब्ज को दूर करने का एक प्राकृतिक तरीका
कब्ज के कारण और इलाज
कब्ज होने के कारण ।
आमतौर पर पेट में कब्ज कई कारणों से होता है। हम कब्ज होने के कुछ कारण यहां बता रहे हैं।
पर्याप्त पानी न पीना या भोजन में फाइबर शामिल न करने से कब्ज की समस्या हो सकती है।अत्यधिक मात्रा में डेयरी उत्पादों के सेवन से कब्ज होता है।शारीरिक कार्य न करने से भी यह समस्या हो सकती है।अधिक तनाव (stress) एवं कुछ विशेष दवाओं जैसे नशीली दवाओं (narcotics) और दर्द निवारक एवं आयरन की गोलियां खाने से भी कब्ज हो सकता है।अधिक देर तक खाली पेट रहने और अस्वस्थ भोजन करने से कब्ज हो सकता है।पाचन तंत्र की तंत्रिकाओं एवं मांसपेशियों में कोई परेशानी होने पर कब्ज हो सकता है।
गर्भावस्था के दौरान भी कब्ज की समस्या हो सकती है।कोलन कैंसर (colon cancer), न्यूरोलॉजिकल विकार जैसे पर्किंसन और हाइपोथॉइरायडिज्म के कारण भी कब्ज की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
कब्ज के लक्षण ।
पेट में कब्ज होने पर कई तरह की परेशानियां उत्पन्न होने लगती हैं। मल कठोर (hard stool) होना या मल त्यागने में परेशानी एवं पेट साफ न होना कब्ज होने का मुख्य लक्षण है।
इसके अलावा पेट में दर्द, पेट में ऐंठन, पेट फूलना और घबराहट होना एवं लंबे समय तक भूख न लगना भी पेट में कब्ज होने के लक्षण हैं।
कब्ज का घरेलू इलाज ।
कब्ज एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज घर पर ही किया जा सकता है। आइये जानें कि कब्ज होने पर कौन-कौन से घरेलू इलाज फायदेमंद होते हैं।
कब्ज दूर करने के लिए नींबू पानी का सेवन।
पाचन तंत्र को उत्तेजित करने में साइट्रिक एसिड महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों (toxins) को बाहर निकालकर कब्ज में राहत प्रदान करता है। एक गिलास पानी में नींबू निचोड़कर प्रतिदिन सुबह पीयें या नींबू की चाय (lemon tea) बनाकर पीने से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है। इसके अलावा नींबू-पानी का सेवन करने से भी कब्ज दूर हो जाता है।
कॉफी पीने से नहीं होता कब्ज ।
बृहदान्त्र ( colon) को उत्तेजित करने में कॉफी बहुत सहायक होती है। यह पेशाब की गति को तीव्र करती है और शरीर से हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालती है। हॉट ड्रिंक और हर्बल चाय का सेवन भी कब्ज की समस्या को दूर करने में किया जाता है।
कब्ज दूर करने के लिए खाएं किशमिश ।
इसमें टार्टरिक एसिड और उच्च मात्रा में फाइबर पाया जाता है जो कब्ज निजात दिलाने में मदद करता है। स्टडी में पाया गया है कि प्रतिदिन किशमिश का सेवन करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और इसमें मौजूद फाइबर भोजन को आसानी से पचा देता है जिससे कि कब्ज की समस्या नहीं होती है।
अरंडी के तेल से नहीं होता कब्ज ।
खाली पेट 1 या 2 चम्मच अरंडी के तेल (Castor oil) का सेवन करने से कब्ज दूर हो जाता है। कब्ज के इलाज में यह घरेलू उपाय बहुत लोकप्रिय है। अरंडी के तेल में इस तरह के यौगिक पाये जाते हैं जो बड़ी और छोटी आंत को उत्तेजित करते हैं और कब्ज को दूर करने में प्रभावी रूप से कार्य करते हैं।
एक्सरसाइज है कब्ज का घरेलू इलाज।
प्रतिदिन करीब 15 मिनट टहलने या एक्सरसाइज करने से पाचन तंत्र बेहतर होता है। यदि ज्यादा खाने के बाद आपको कब्ज या भारीपन महसूस होता है तो आप लेटने की बजाय थोड़ी देर टहल सकते हैं इससे पाचन की क्रिया बेहतर होती है और पेट में कब्ज नहीं होता है।
कब्ज होने पर पर्याप्त पानी पीयें ।
अधिक पानी पीते रहने से शरीर में पाचन की सुविधा आसान हो जाती है और यह मांसपेशियों के कार्यों को भी बेहतर बनाने में मदद करता है। जब शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी होता है तो यह पाचन तंत्र (digestive tract) में पोषक तत्वों को संसाधित करता है और विषाक्त पदार्थों को शरीर से बाहर निकालता है। इसलिए कब्ज की समस्या से बचने के लिए प्रतिदिन पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।
कब्ज होने पर खाएं बीन्स।
इसमें फाइबर अधिक मात्रा में पाया जाता है और इसका सेवन करने से मल भी कठोर नहीं होता है। बीन्स में प्रोटीन भी पाया जाता है जो शरीर की कोशिकाओं को विकसित करने में मदद करता है। इसके अलावा बीन्स में जरूरी पोषक तत्व भी पाया जाता है जो मांसपेशियों को स्वस्थ रखने में मदद करता है और कब्ज की समस्या को भी दूर करता है।
बेकिंग सोडा पानी कब्ज में फायदेमंद।
आधे गिलास पानी में एक चम्मच बेकिंग सोडा मिलाकर पीने से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है। यह घोल कब्ज के कारण पेट में होने वाले दर्द को भी दूर करने में मदद करता है और इसमें मौजूद बाइकार्बोनेट कब्ज के कारण सीने में जलन (chest sensation) की भी समस्या को दूर करता है। इसलिए कब्ज दूर करने के लिए बेकिंग सोडा और पानी का सेवन फायदेमंद होता है।
कब्ज दूर करने के लिए हेल्दी फैट खाएं ।
ऑलिव ऑयल, अखरोट और एवोकैडो में हेल्दी फैट पाया जाता है जो आंत को चिकना बनाता है और कब्ज की समस्या को दूर करता है। कब्ज से निजात पाने के लिए फाइबर युक्त हरी पत्तेदार सब्जियां, ऑलिव ऑयल और मुट्ठी भर अखरोट (nut) का सेवन सलाद के रूप में करना चाहिए। इससे कब्ज की समस्या नहीं होती है।
कब्ज का देशी इलाज है सीसम के बीज ।
आंतों को मॉश्चराइज करने में सीसम ऑयल बहुत फायदेमंद होता है जो मल को सूखने नहीं देता है और पेट में कब्ज बनने से बचाता है। कब्ज दूर भगाने के लिए सीसम के बीज का सेवन सलाद के रूप में भी किया जाता है।
कब्ज से परेशान हैं तो गुड़ खाएं ।
रात में सोने से पहले प्रतिदिन गुड़ (jaggery) का सेवन करने से सुबह पेट साफ होता है और कब्ज की समस्या नहीं होती है। इसके अलावा गुड़ को पानी में उबालकर भी सेवन किया जा सकता है। इसमें विटामिन, खनिज और मैग्नीशियम पाया जाता है जो कब्ज में राहत प्रदान करता है।
दुनिया में तरह तरह के लोग देखने को मिलते हैं जो ऊपर से तो बहुत फ्रेश और चमकते हुए नजर हैं पर उनके शरीर के अन्दर का हाल बस उन्हें ही पता होता है। एक पुरानी कहावत है की जिस व्यक्ति का पेट साफ़ हो और जिस पर कोई कर्ज ना हो तो उससे बड़ा सुखी कोई नही। पाउडर, क्रीम, लिपिस्टिक आदि से चेहरे को निखारा जा सकता है पर अन्दर की ताजगी नहीं बनाई जा सकती। शरीर के अन्दर की ताजगी को महसूस कर पाना एक बहुत ही आनंद भरा अनुभव होता है। शरीर के अंदर होने वाली तमाम समस्याओं में एक समस्या है जो सबसे ज्यादा सुमार है जिसे हम कब्ज के नाम से जानते हैं। तो चलिये हम बात करते हैं कब्ज की जो हमें हमारे शरीर के अंदर की ताजगी का अनुभव करने से रोकती है।
कब्ज यानि कॉन्स्टिपेशन पाचन तंत्र से जुड़ी एक गम्भीर समस्या है जो की किसी भी आयु वर्ग के लोगो को प्रभावित कर सकती है। पर कब्ज रोग की खासियत यह है की इसके मरीज दिनचर्या में सुधार करके और कुछ घरलू उपायों को अपनाकर इसे कंट्रोल कर सकते हैं।
क्या है कॉन्स्टिपेशन
कॉन्स्टिपेशन होने की वजह से पीड़ित व्यक्ति का पेट ठीक से साफ नहीं हो पाता, कॉन्स्टिपेशन के कारण अवरोही आंतों में तरल पदार्थो के अवशोशण में अधिक समय लगने के कारण उनमे शुष्क व कठोर मल अधिक एकत्रित होने लगता है, जिसकी वजह से उस व्यक्ति को मल त्याग करने में काफी परेशानी होती है। रोगी को शौच साफ़ नहीं होता है, मल सूखा और कम मात्रा में निकलता है। शौच कुंथन करने या घण्टों तक बैठे रहने पर निकलता है। जहाँ आम तौर पर लोग दिन में कम से कम एक बार शौच करते हैं वहीँ कांस्टीपेशन का मरीज कई दिनों तक मल त्याग नहीं कर पाता। आसान शब्दों में कॉन्स्टिपेशन होने का अर्थ है, पेट ठीक तरह से साफ नहीं हुआ है या शरीर में तरल पदार्थ की कम है।
कब्ज होने की वजह
वक्त-बेवक्त भोजन करने की आदत, तले हुए मैदे के व्यंजन, तेज मिर्च-मसालेदार चटपटे भोजन करनालगातार पेनकिलर्स या नॉरकोटिस या दर्द निवारक दवाएं खानाकई बार हॉरमोंस की गडबडी, थाइरॉयड या शुगर की बीमारी होनापहले का भोजन हजम हुए बिना फिर से भोजन खाना पानी कम पीना तथा खाने को ठीक से चबा-चबा कर ना खानामानसिक तनाव, चिंता, क्रोध या शोक की अवस्था में भोजन करना,भोजन में रेशेदार आहार की कमी होनाज्यादा चाय, कॉफी, तंबाकू, सिगरेट शराब आदि का सेवन करना व्यायाम बिल्कुल न करना आराम पसंद लाइफ स्टाइल रखना खाना खाने के तुरंत बाद में फ्रिज का ठंडा पानी पीना रात में देर से खाना, खाना खाते ही बिस्तर पकड़ना
करणों के बाद आइए अब जानते हैं कॉन्स्टिपेशन के लक्षण और इलाज के आसान नुस्खे।
मल का हार्ड और सुखा होनाहफ्ते में 3 बार से कम मल त्याग करनामल त्याग करते समय दर्द होता हैमल त्याग में बहुत ज़ोर लगाने की जरूरत पड़नामल त्याग के बाद भी ऐसा लगना की अभी कुछ बाकी हैपेट में मरोड़ उठनापेट में दर्द रहनासरदर्द रहनापेट में गैस रहनाबदहजमीपाइल्स की समस्या होना जो की मल त्याग के समय ज्यादा ज़ोर लगाने से अक्सर हो जाती हैजी मिचलाना और भूख कम लगनापैरों में दर्द रहनाउल्टी जैसा होनाचक्कर आनामूँह से बदबू आने लगनाकमर दर्द होनाबहुत कमजोरी का अहसास होनापेट में भारीपन लगनाब्लड प्रेशर का बढ़नात्वचा पर फोड़े फुंसी होनाएसिडिटी होनामूँह में छाले होनाडिप्रेशन रहना
अब हम जानते हैं कब्ज से छुटकारा पाने के नुस्खे।
1. खूब पिएं पानी
कम पानी पीने से कब्ज़ की समस्या हो सकती है। इस समस्या में मल आंतों में सूख जाता है, और मल त्याग करने के लिए ज़ोर लगाना पड़ता है। कब्ज़ के रोगियों को चाहिए कि वो अधिक से अधिक पानी पिएं। 4 लीटर पानी एक दिन में पीने की आदत डालें। खाना खाते समय पानी न पिएं और इसकी बजाय आप खाना खाने से आधा घंटा पहले पानी पी सकते हैं।
2. पपीता अमरूद खाएं
कॉन्स्टिपेशन की शिक़ायत हो तो आपको पपीते और अमरुद का सेवन ज़रूर करना चाहिए । दोनों के गुण हमारे पेट को लाभ पहुंचाते हैं।
3. तांबा
तांबे की बर्तन में पानी भरकर उसमें 1 चम्मच त्रिफला चूर्ण डालकर रातभर रखें। सुबह बिना कुछ खाए पिए इस पानी को छानकर पीना चाहिए। इस प्रयोग को नियमित करने से पुरानी से पुरानी कब्ज में राहत मिलती है।
4. बादाम
बादाम का तेल भी कब्ज़ की समस्या में लाभ पहुंचाता है। इससे आंतों की कार्य क्षमता बढ़ती है। रात को सोने से पहले गुनगुने दूध में 1 चम्मच बादाम का तेल डालकर पीना चाहिए। 15 दिन लगातार इस उपाय को करने से पुरानी कब्ज़ भी ठीक हो जाती है।
5. नींबू पानी
एक कप हल्के गरम पानी में 1 नींबू निचोड़कर पीने से आंतों में जमा हुआ मल बाहर निकालने में मदद करता है।
6. गरम दूध
रात को गरम दूध पीकर सोना चाहिए। अगर मल आंतों में चिपक गया है तो दूध में अरंडी का तेल मिलाकर पिएं।
7. रेशेदार आहार
रेशेदार भोजन करना चाहिए। हरे पत्तेदार सब्ज़ियों, फलों और सलाद में फाइबर अधिक होता है। कब्ज़ से छुटकारा पाने के लिए पालक का जूस भी लाभदायक है।
8. मुनक्का
बीज निकले हुए 12 मुन्नके दूध में उबालकर खाएं और दूध पी जाएं। सुबह होने तक आपकी कब्ज़ खुल जाएगी।
9. ऑरेंज
8-10 दिन तक सुबह ख़ाली पेट संतरे का जूस पीने से पुरानी कॉन्स्टिपेशन ख़त्म हो जाएगी। लेकिन हां संतरे के जूस में कुछ भी न मिलाएं।
10. ईसबगोल की भूसी
10 ग्राम ईसबगोल की भूसी 125 ग्राम दही में घोलकर सुबह शाम में खाने से कब्ज़ ख़त्म हो जाता है।
11. व्यायाम
पेट से संबंधित नियमित व्यायाम करें इससे आपके कब्ज की समस्या के साथ ही पेट और शरीर की अन्य समस्याओं में भी राहत मिलेगी।
सुबह-सुबह पेट साफ न हो तो पूरा दिन अच्छा महसूस नहीं होता. यही नहीं कब्जियत कई दूसरी बीमारियों का कारण भी बनता है. अगर आपको भी अक्सर कांस्टिपेशन की शिकायत रहती है तो अपने रोजाना के खाने में ये 5 चीजें इस्तेमाल करें. कब्जियत में राहत मिलेगी. आगे की स्लाइड्स में देखिये वो 6 चीजें क्या हैं...
1,
अगर आप रोजाना एक सेब खाते हैं तो आपके कब्जियत की समस्या दूर हो सकती है. एक सेब में 4ः5 ग्राम फाइबर होता है. बता दें कि डायजेशन को ठीक रखने में फाइबर सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
2,
पेट की सेहत के लिए संतरा या नारंगी भी बेहद कारगर साबित होता है. एक नारंगी में 4 ग्राम फाइबर होता है और यही नहीं इसमें कैलरी का स्तर बहुत ही कम होता है. विटामिन सी से भरपूर नारंगी खाने से आपकी प्रतिरोधक क्षमता भी मजबूत होगी. इसमें फ्लेवेनॉल होता है. नारंगी आपकी त्वचा और मानसिक सेहत के लिए भी अच्छा है.
3,
जी हां, आपकी कब्जियत की समस्या से निपटने में पॉपकॉर्न आपकी मदद कर सकता है. 1 कप पॉपकॉर्न में 1 ग्राम फाइबर होता है. अगर आप इसमें कोई अतिरिक्त फ्लेवर नहीं डालते या बटर नहीं डालते हैं तो यह कैलरी के लिहाज से भी कम होगा.
4,
कांस्टिपेशन से परेशान हैं तो रोजाना ओट्स खाना शुरू कर दें. क्योंकि ओट्स खाने से कब्जियत की परेशानी दूर होती है. एक कप ओट्स में दो ग्राम सोल्यूबल और इनसोल्यूबल फाइबर होते हैं, जो पेट को ठीक रखने में मददगार साबित होता है.
5,
फ्लैक्स सीड्स यानी कि अलसी का बीज को हम सुपर फूड भी कहते हैं. क्योंकि इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड और फाइबर अच्छी मात्रा में पाया जाता है. बेहतर होगा अगर आप इन्हें हल्का सा रोस्ट कर खाएं. एक बड़े चम्मच अलसी में 2 ग्राम फाइबर होता है.
6,
एलोवेरा का उपयोग अक्सर लोग खूबसूरत स्किन और बालों के लिए करते हैं. पर यह आपके पेट की सेहत के लिए उपयोगी है. इसे लैक्सेटिव भी कहते हैं. इसे खाने से कांस्टिपेशन की परेशान दूर हो सकती है.
कब्ज मिटाने के सरल उपचार (Health) : पेट का तंदुरूस्त होना बहुत जरूरी है। यह शरीर का बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा है अगर पेट में किसी तरह की कोई गड़बड़ी हो तो यह और भी बहुत सी बीमारियों को न्यौता देता है। बहुत से लोग अक्सर पेट साफ न होने यानि कब्ज की शिकायत करते हैं। इसका कारण पाचन क्रिया में गड़बड़ी के अलावा खान-पान का सही न होना है। कई बार हमारा गलत लाइफस्टाइल भी पेट पर बुरा असर पड़ता है। ज्यादा समय तक लगातार कब्ज की बीमारी से पीडित रहने पर त्वचा पर भी इसका असर दिखाई देने लगता है। इसेे चेहरे का कुदरती निखार खोना शुरू हो जाता है। इसके अलावा भूख न लगना,पेट की गैस,बेचैनी आदि की वजह भी पेट ही है। कब्ज मिटाने के सरल उपचार आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
कब्ज के कारण
कब्ज होने के बहुत से कारण हो सकते है लेकिन पेट से जुड़ी परेशानी होने पर इसका सही समय पर इलाज करवाना बहुत जरूरी है।
1. पानी का सेवन कम करना
2. तले हुए भोजन का ज्यादा सेवन
3. वजन घटाने के लिए डाइटिंग करना
4. मेटाबॉलिजम का कम होना
5. पेन किलर का ज्यादा सेवन
6. लगातार एक ही जगह पर बैठे रहना
7. एक ही प्रकार का भोजन खाना
कब्ज दूर करने के आसान घरेलू उपाय
1. गर्म पानी,नींबू और कैस्टर ऑयल
सुबह खाली पेट एक कप गर्म पानी में आधा नींबू निचोड़ कर इसमें एक छोटा चम्मच आरंडी यानि कैस्टर ऑयल डाल कर पी लें। इसे पीने के 15-20 मिनट बाद पेट साफ हो जाएगा। इसके अलावा रात को सोने से पहले 1 गिलास गर्म दूध में 2-4 बूंद कैस्टर ऑयल की डालकर पीएं। इससे सुबह पेट आसानी से साफ हो जाएगा।
2. शहद
रात को एक कप दूध में एक चम्मच शुद्ध शहद डालकर पीएं। रोजाना इसका सेवन करने से प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी और पेट भी तंदुरूस्त रहेगा।
3. काला नमक
सुबह खाली पेट आधे नींबू के रस में काला नमक मिलाकर गुनगुने पानी के साथ सेवन कर लें। इससे पेट से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाएगी।
4. त्रिफला
रात को एक लिटर पानी में 20 ग्राम त्रिफला भिगोकर रखें। सुबह इस पानी को छानकर पी लें, ऐसा करने से कुछ ही दिनों में पुरानी कब्ज से भी छुटकारा मिल जाएगा।
5. पपीता
पपीता में विटामिन डी भरपूर मात्रा में होता है। खाने में टेस्टी होने के साथ-साथ यह पेट के लिए भी बहुत लाभकारी है। रोजाना दिन में एक बार पके हुए पपीते का सेवन करें। पका हुआ अमरूद खाने से भी कब्ज से राहत मिलती है।
6. अंजीर
सूखी अंजीर को रात के समय पानी में भिगोकर रखा दें और सुबह इसे चबाकर खाएं। इसके साथ दूध भी पी सकते हैं। 5-6 दिन इसका सेवन करने से कब्ज दूर हो जाएगी।
7. पालक
पालक की सब्जी या इसके जूस की अपनी डाइट में शामिल करें। इससे कब्ज से छुटकारा मिलेगा और सेहत भी अच्छी रहेगी।
अनियमित दिनचर्या और खान-पान के कारण कब्ज की समस्या होना आम बात है। भोजन के बाद बैठे रहने और रात के खाने के बाद सीधे सो जाने जैसी आदतें कब्ज के लिए जिम्मेदार होती हैं। अगर आपको भी होती है यह समस्या, तो हम बता रहे हैं, इससे निपटने के 10 घरेलू उपाय -
1 सुबह उठने के बाद पानी में नींबू का रस और काला नमक मिलाकर पिएं। इससे पेट अच्छी तरह साफ होगा, और कब्ज की समस्या नहीं होगी।
2 कब्ज के लिए शहद बहुत फायदेमंद है। रात को सोने से पहले एक चम्मच शहद को एक गिलास पानी के साथ मिलाकर पिएं। इसके नियमित सेवन से कब्ज की समस्या दूर हो जाती है।
3 सुबह उठकर प्रतिदिन खाली पेट, 4 से 5 काजू, उतने ही मुनक्का के साथ मिलाकर खाने से भी, कब्ज की शिकायत समाप्त हो जाती है। इसके अलावा रात को सोने से पहले 6 से 7 मुनक्का खाने से भी कब्ज ठीक हो जाता है।
4 प्रतिदिन रात में हरड़ के चूर्ण या त्रिफला को कुनकुने पानी के साथ पिएं। इससे कब्ज दूर हेगा, साथ ही पेट में गैस बनने की समस्या से भी निजात मिलेगी।
5 कब्ज के लिए आप सोते समय अरंडी के तेल को हल्के गर्म दूध में मिलाकर पी सकते हैं। इससे पेट साफ होता है, और कब्ज की समस्या नहीं होती।
6 र्इसबगोल की भूसी कब्ज के लिए रामबाण इलाज है। आप इसका प्रयोग दूध या पानी के साथ, रात को सोते वक्त कर सकते हैं। इससे कब्ज की समस्या बिल्कुल समाप्त हो जाएगी।
7 फलों में अमरूद और पपीता, कब्ज के लि बेहद फायदेमंद होते हैं। इनका सेवन किसी भी समय किया जा सकता है। इन्हें खाने से पेट की समस्याएं तो समाप्त होती ही हैं, त्वचा भी खूबसूरत बनती है।
8 किशमिश को कुछ देर तक पानी में गलाने के बाद, इसका सेवन करने से कब्ज की शिकायत दूर हो जाती है। इसके अलावा अंजीर को भी रातभर पानी में गलाने के बाद उसका सेवन करने से कब्ज की समस्या खत्म होती है।
9 पालक भी कब्ज के मरीजों के लिए एक अच्छा विकल्प है। प्रतिदिन पालक के रस को दिनचर्या में शामिल कर, आप कब्ज से आजाादी पा सकते हैं, साथ ही इसकी सब्जी भी सेहत के लिए अच्छी होती है। लेकिन अगर आप पथरी के मरीज हैं, तो इसका इस्तेमाल न करें।
10 कब्ज से बचने के लिए नियमित रूप से व्यायाम और योगा करना बेहद फायदेमंद होता है। इसके अलावा हमेशा गरिष्ठ भोजन करने से बचना चाहिए।
कब्ज से हो सकते हैं ये रोग
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सावधान, कब्ज से हो सकते हैं ये रोग
वैज्ञानिक प्रमाणों में शोधकर्ताओं ने पाया कि कब्ज़ अधिक गंभीर जटिलताओं जैसे कि बवासीर, गुदा उदर, कोलोनीक परिस्थितियों और मूत्र संबंधी विकारों के जोखिम को बढ़ावा दे सकता है। कुछ लोग कब्ज की गंभीरता को नकारते है लेकिन सामान्य शरीर में होने वाले समस्त रोगों की जड़ कब्ज होती है। हमारे शरीर में समय-समय पर होने वाली अधिकांश बीमारियों का कारण कब्ज होता है।
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कब्ज
शरीर में बिग इंटेस्टाइन का प्रमुख कार्य भोजन से जल को अवशोषित कर उत्पन्न मल को स्टोर करना है। कब्ज़ कई गुदा से संबंधित रोगों को जन्म देता हैं जैसे अतिसार, बड़ी आंत में सूजन, गैस्ट्रिक समस्या आदि। कुछ लोगों को कब्ज़ होने के कारण गुदा, कोलन या मूत्र पथ को प्रभावित करने वाली अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं। बवासीर होने का एक महत्वपूर्ण कारण कब्ज़ है। कब्ज और मूत्र संबंधी विकारों के बीच भी संबंध होता है।
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कब्ज़ से संबंधित रोग
अल्सर यह आम तौर पर विचलित जीवनशैली के प्रभाव से होता है जिसमें तनावपूर्ण जीवन में रहने और दिनचर्या में कमी, ठंडे, सूखे और हल्के भोजन के कारण होते है जिसके परिणामस्वरूप कब्ज़ अलसर को जन्म देती है। बवासीर या हैमरॉइड एक ऐसी बीमारी है जो शरीर से मल निकालने के समय परेशानी बनती है। बवासीर मलाशय के आसपास की नसों में सूजन के कारण होता है। जब गुदा कैनाल की नसों में सूजन आ जाती है और शौच करते समय रुकावट पैदा होती है या खून आता है या अत्यधिक दर्द होता है।
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कब्ज़ से संबंधित रोग
ऐनल फिस्टुला गुदा क्षेत्र से शुरू होने वाली गुदा क्षेत्र की परतों के बीच असामान्य स्थिति को ऐनल फिस्टुला नाम से जाना जाता है। ऐनल फिस्टुला में ऐनल या मलाशय के अन्दर और ऐनल के आसपास की बाहरी त्वचा की सतह के बीच संचार के लिए एक जैसी एक असामान्य स्थिति पैदा हो जाती है जिससे मल त्यागने में परेशानी आती है। एनोरेक्सिया एनोरेक्सिया एक भोजन विकार है जिसके लक्षणों में भूख कम लगती है और भोजन को देखकर उलटी जैसा महसूस होता है।
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कब्ज़ से संबंधित रोग
ब्युलिमिया ब्युलिमिया एक ऐसा विकार है जिसमें मल को बार-बार त्यागने की जरूरत होती है। पेट का कैंसर पेट का कैंसर एक ऐसी बीमारी है पैंक्रियास की अंदरूनी परत से उत्पन्न होता है।
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कब्ज़ से संबंधित रोग
आंतों में गैस - बैलिचिंग, ब्लोटिंग, फ़्लैटुलेंस आदि विकार का आंतो में होना। गुदा खुजली मलाशय करने के समय मल बाहर निकलने पर त्वचा पर जलन और खुजली होती है जो एक अजीब सी स्थिति पैदा करती है।
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कब्ज़ से संबंधित रोग
आईबीएस आंत्र सिंड्रोम – कुछ लोगों को आंत्र सिंड्रोम हो जाता है जिसमे उनके आंत्र में खुजली, जलन और चिड़चिड़ाहट होती रहती है। इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) से पीड़ित व्यक्तियों को अधिक कब्ज होती हैं। सिस्टिक फाइब्रोसिस सिस्टिक फाइब्रोसिस बलगम और पसीना ग्रंथियों में होने वाली एक बीमारी है। सिस्टिक फाइब्रोसिस से मुख्यतः फेफड़ों, पैंक्रियास, लिवर, आंतों, साइनस और सेक्स अंग प्रभावित होते हैं।
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कब्ज़ से संबंधित रोग
मधुमेह (टाइप 1 और टाइप 2) – मधुमेह एक ऐसी पुरानी बीमारी है जिसमें असामान्य रूप से रक्त में शर्करा (ग्लूकोज) का उच्च स्तर हो जाता है। जब पैंक्रियास द्वारा उत्पादित इंसुलिन रक्त में ग्लूकोज को कम करता है तो इंसुलिन का शरीर में असंतुलन हो जाता है और शरीर इंसुलिन का सही उपयोग नहीं कर पाता।
गर्भावस्था में पेट में दर्द, सख्त और सूखा मलत्याग होना कब्ज की समस्या का संकेत हो सकता है। कई महिलाओं को गर्भावस्था में कब्ज की समस्या से गुजरना पड़ता है।
कब्ज की समस्या मुख्यतः गर्भवती महिलाओं के शरीर में कुछ हार्मोनों के बदलाव के कारण होती है। भारत में प्रत्येक 10 में से 8 महिलाओं को गर्भावस्था में कब्ज की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस ब्लॉग में हम आपको गर्भावस्था में कब्ज की समस्या से जुड़े लक्षण, कारण और कब्ज दूर करने से संबंधित कुछ घरेलू उपायों के बारे में बताएंगे -
1. क्या प्रेगनेंसी में कब्ज की समस्या आम है
गर्भावस्था में कब्ज की समस्या होना काफी सामान्य है, यह लगभग हर महिला को होती है। विशेषज्ञों का कहना है कि जब गर्भावस्था में महिलाओं के गर्भाशय का आकार बढ़ता है तो इससे उनकी मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है और उनके शारीरिक गतिविधियों में बदलाव होता है। हालांकि डॉक्टर कहते हैं कि यह कोई बड़ी समस्या नहीं है, लेकिन गर्भावस्था में परेशानी ज्यादा होने पर आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
2. गर्भावस्था में कब्ज की समस्या कब होती है
आमतौर पर प्रेगनेंट महिला को गर्भावस्था के दूसरे महीने से कब्ज की समस्या होती है। गर्भावस्था में कब्ज खानपान संबंधी आदतों की वजह से हो सकता है। गर्भावस्था में कब्ज होने पर यह पूरी प्रेगनेंसी में रह सकती है, इसीलिए कब्ज के लक्षणों को जान कर इसका उपचार करना बेहद जरूरी है।
3. प्रेगनेंसी में कब्ज के लक्षण क्या होते है?
गर्भावस्था में सूखा मल त्यागने की समस्या या कब्ज होने के लक्षणों की जानकारी होना जरूरी है, जिनके बारे नीेचे बताया गया है -गर्भावस्था में कब्ज के लक्षण : एक या दो दिन के अतंराल में मल त्याग : एक या दो दिन के अंतराल में मल का न आना गर्भावस्था में कब्ज की समस्या का एक लक्षण हो सकता है। इसकी वजह आंतों में मल का फंसा रह जाना या धीरे आगे बढ़ना हो सकती है, जिससे मल सूख जाता है और उसे बाद में त्यागने में परेशानी होती है।गर्भावस्था में कब्ज के
लक्षण : पेट के निचले हिस्से में दर्द : गर्भावस्था में कब्ज की समस्या होने पर अक्सर मल त्यागने से पहले पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस होता है
।गर्भावस्था में कब्ज के लक्षण : मुंह से गंध आना : प्रेगनेंसी के दौरान सुबह अगर गर्भवती महिला को मुंह से गंध आने की परेशानी होती है तो यह कब्ज का लक्षण हो सकता है।
गर्भावस्था में कब्ज के लक्षण : गुदा से खून आना : यदि मल त्याग करते समय आपके गुदा से खून आता है तो आपको कब्ज की समस्या हो सकती है।
गर्भावस्था में कब्ज के लक्षण : भूख न लगना :प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को भूख न लगना भी कब्ज का संकेत हो सकता हैं।गर्भावस्था में कब्ज के लक्षण : पेट सख्त होना : जब भोजन आंतों में इक्ट्ठा हो जाता है तो पेट सख्त हो जाता है और इससे गर्भावस्था में कब्ज (constipation during pregnancy in hindi) होता है।गर्भावस्था में कब्ज के लक्षण : पेट का फूलना : अचानक पेट के फूलने को भी गर्भावस्था में कब्ज का लक्षण माना जाता है।
4. प्रेगनेंसी में कब्ज होने के क्या कारण होते हैं
यूं तो कम फायबर युक्त आहार के खाने से और कुछ शारीरिक समस्याओं के कारण गर्भावस्था में कब्ज की परेशानी होती है लेकिन प्रत्येक गर्भवती महिला में गर्भावस्था में कब्ज से संबंधित कारण अलग हो सकते हैं। सही समय पर कारणों का पता लगाना आवश्यक है ताकि समय रहते इसका उपचार किया जा सके। गर्भावस्था में कब्ज होने के कारण
निम्न है -शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की वृद्धि होने से :गर्भावस्था में कब्ज की समस्या का मुख्य कारण शरीर में प्रोजेस्टेरोन हार्मोन की वृद्धि होती है। दरअसल गर्भावस्था के दौरान प्रोजेस्टेरोन हार्मोन में वृद्धि से आपके शरीर की मांसपेशियों में ढीलापन आता है और इससे आंतों के काम करने की गति भी धीमी हो जाती है। धीमी गति से आंतों का चलना मतलब धीमी पाचन क्रिया। इसी वजह से प्रेगनेंट महिलाओं को कब्ज होता है।गर्भाशय पर पड़ने वाले दबाव से : गर्भ में पल रहे शिशु के बढ़ने से महिलाओं के गर्भाशय का आकार बढ़ता है और इस वजह से पेट के निचले हिस्से पर दबाव बनता है। इस कारण गर्भावस्था में कब्ज की समस्या होती है।गुदा पर दबाव पड़ने से : गर्भाशय का आकार बढ़ने से महिलाओं के गुदे पर भी इसका दबाव पड़ता है। इस कारण से भी गर्भावती महिलाओं को गर्भावस्था में कब्ज की समस्या होती है।आयरन की गोलियां लेने से : गर्भावस्था में खून की कमी दूर करने के लिए महिलाओं को आयरन की गोलियां दी जाती है। क्योंकि आयरन की गोलियों से पाचन प्रणाली में रुकावट आती हैं इसीलिए अत्यधिक मात्रा में आयरन की गोलियों के सेवन से महिलाओं को कब्ज हो सकता है।फाइबर युक्त आहार की कमी से : गर्भवती महिलाओं के भोजन में फाइबर युक्त आहार की कमी के कारण गर्भावस्था में कब्ज होता है। फाइबर युक्त आहार में हरी सब्जियां, दलिया, फल अादि शामिल है।तनाव से : गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में ज्यादा तनाव के कारण कब्ज की समस्या हो सकती है।कम पानी पीने से : प्रेगनेंसी में शरीर को अधिक तरल पदार्थ की जरूरत होती है इसीलिए डॉक्टर भरपूर मात्रा में पानी पीने की सलाह देते हैं, लेकिन अगर आपके शरीर को पानी की पर्याप्त मात्रा नहीं मिल पाती तो आपको गर्भावस्था में कब्ज हो सकता है।कम एक्टिव (सक्रिय) रहने से : कम एक्टिव या सक्रिय रहने के कारण भी गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था में कब्ज की शिकायत होने की संभावना होती है।
5. प्रेगनेंसी में कब्ज होने पर क्या खाना चाहिए?
नियमित आहार में बदलाव करके महिलाएं गर्भावस्था में कब्ज से छुटकारा पा सकती हैं। गर्भावस्था में कब्ज की समस्या दूर करने के लिए नीचे बताई गई खाने की वस्तुओं को अपने आहार में शामिल करें -गर्भावस्था में कब्ज से दूर करने के लिए प्रेगनेंट महिलाओं को फाइबर युक्त आहार अपने रोजमर्रा के भोजन में शामिल करना चाहिए। फाइबर युक्त आहार मेें, बींस, आलू, गोभी, ब्रोकली, टमाटर, गाजर और पत्तेदार सब्जियां शामिल हैं।गर्भावस्था में कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए आप ज्यादा से ज्यादा फल खा सकती हैं। फलों में आप मुख्यतः केला, खरबूज, नींबू, आम, सेब आदि खा सकती हैं।दूध और डेयरी वस्तुओं के सेवन से आप गर्भावस्था में कब्ज की समस्या को दूर रख सकती हैं। इनमें दही, मक्खन, चीज़ आदि खा सकती हैं।अगर आपको गर्भावस्था में कब्ज की समस्या है तो आपके लिए सबसे फायदेमंद होगा कि आप दिनभर में कम से कम 12 गिलास पानी पीएं। भरपूर मात्रा में पानी पीने से कब्ज की शिकायत दूर हो सकती है।किशमिश को कब्ज दूर करने का रामवाण माना जाता है। गर्भावस्था में रोजाना किशमिश खाने से भी आपको कब्ज की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। रोज कुछ सूखे अंगूर या किशमिश को करीब तीन घंटों तक पानी में भिगों कर रखें। इसके बाद पानी से किशमिश को निकाल कर आप उसे चबाकर खा लें। किशमिश खाने से आंतों को ताकत मिलती है और मल त्यागने में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं होती।
6. प्रेगनेंसी में कब्ज दूर करने के लिए क्या व्यायाम करें
गर्भावस्था में कब्ज की परेशानी दूर करने के लिए व्यायाम या एक्सरसाइज भी जरूरी होती है। यहां कुछ एेसी सामान्य एक्सरसाइज के बारे में बताया जा रहा है, जिन्हें आप घर पर आसानी से कर सकती हैं, लेकिन एक्सरसाइज करते हुए अगर किसी भी प्रकार की परेशानी महसूस हो तो अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।पैदल चलें :प्रेगनेंसी के दौरान पैदल चलने से आपकी सेहत और आपके गर्भ में पल रहे शिशु के विकास पर काफी अच्छा असर पड़ता है। गर्भावस्था में कब्ज की समस्या होने पर अगर आप रोजाना सुबह और शाम को करीब 30 मिनट तक पैदल चलती हैं तो इससे कब्ज की समस्या से आपको राहत मिल सकेगी।योग एवं प्राणायाम करें :गर्भावस्था में कब्ज की शिकायत को दूर करने के लिए रोजाना योग और प्राणायाम भी फायदेमंद होता है। गर्भावस्था में कब्ज से राहत पाने के लिए कपालभाति और अनुलोम विलोम प्राणायम काफी असरदार होता है।तैराकी करें :आप ये तो जानते ही हैं कि गर्भावस्था में तैराकी से गर्भवती महिला और उसका बच्चा सेहतमंद बनता है और यह नॉर्मल डिलीवरी में भी सहायक होता है। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि कब्ज की समस्या दूर करने के लिए भी डॉक्टर तैराकी की सलाह देते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि तैराकी से काफी हद तक गर्भावस्था में कब्ज की समस्या से राहत मिलती है।
7. प्रेगनेंसी में कब्ज दूर करने के घरेलू उपाय क्या हैं?
गर्भावस्था में कब्ज की परेशानी दूर करने के लिए कुछ घरेलू उपचार नीचे बताए गए हैं -गरम पानी के साथ नींबू : नींबू में सिट्रिक एसिड पाया जाता है, इसीलिए इसे पेट साफ करने का सबसे अच्छा उपचार माना जाता है। रोज सुबह एक कप गरम पानी में एक नींबू निचोड़ कर पी लें।ईसबगोल : ईसबगोल को पेट से संबंधित हर समस्या का रामबाण इलाज कहा जाता है। यह गर्भावस्था में कब्ज की परेशानी दूर करने में भी मदद करता है।जैतून का तेल : पाचन तंत्र ठीक से काम न करने से गर्भावस्था में कब्ज की समस्या होती है। विशेषज्ञ कहते हैं जैतून का तेल पाचन तंत्र को सुचारू रूप से काम करने के लिए उत्तेजित करता है, समय पर इसके इस्तेमाल से कब्ज की समस्या से राहत मिल सकती है। रोज सुबह खाली पेट एक चम्मच जैतून का तेल पीएं।
पालक : नियमित रूप से पालक का जूस पीने से आपको गर्भावस्था में कब्ज की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।अरंडी का तेल : रोज रात में सोने से पहले एक चम्मच अरंडी के तेल को एक गिलास दूध में डाल कर पिएं, इससे आपका पेट साफ होगा और आपकी कब्ज की समस्या दूर होगी।
संतरे का जूस : संतरे के जूस में विटामिन सी और फाइबर पाए जाते हैं। इसीलिए कब्ज की समस्या होने पर संतरे का जूस लेना भी फायदेमंद होता है।
अलसी के बीज : अलसी के बीजों (flax seed) को हल्की आंच पर थोड़ी देर तक भून लें, उसके बाद उन बीजोंं का पाउडर बना लें। रोजाना एक गिलास पानी में पाउडर को भिगो कर रखें और करीब तीन घंटे के बाद इसे छान कर पी लें।
8. प्रेगनेंसी में कब्ज से कैसे बचें?
रोजाना एक ही समय पर भोजन करें।एक बार में भरपेट खाने के बजाए थोड़ी-थोड़ी देर में खाना खाएं।फल और हरी सब्जियों को अपने भोजन में शामिल करें।चावल और उससे बनी वस्तुओं से परहेज करें।तली हुई वस्तुएं न खाएं।मैदे से बनी चीजें न खाएं।खाना खाने के तुरंत बाद न लेटें।भरपूर मात्रा में पानी पिएं।कॉफी और कैफीन युक्त पेय पदार्थ न पीएं।तनाव न लें।हर रोज सुबह योग करें।खाना खाने के बाद थोड़ी देर पैदल चलें।खुद किसी भी प्रकार की गोलियां या टॉनिक न लें।डॉक्टर से जांच जरूर कराएं।
9. प्रेगनेंसी में कब्ज की समस्या शिशु के लिए कितनी हानिकारक होती है
महिलाओं को गर्भावस्था में कब्ज होने से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि महिलाओं के गर्भ में पल रहे बच्चें पर इससे कोई खास असर नहीं पड़ता है। हालांकि लंबे समय तक गर्भावस्था में कब्ज होने से गर्भवती महिला को भूख न लगने की समस्या हो सकती है, जिससे गर्भ में पल रहे शिशु के शारीरिक और मानसिक विकास में बाधा आ सकती है। कब्ज का इलाज में देरी होने से प्रेगनेंट महिलाओं को बावासीर , फिशर की समस्या हो सकती है। गर्भावस्था में कब्ज की समस्या से जूझ रही महिलाओं की समस्या ज्यादा बढ़ने पर उन्हें डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। बस एक बात का ध्यान रखें कि कब्ज की समस्या ज्यादा होने पर आप खुद किसी प्रकार की दवाईयों, चाहे गोली हो या चाहे टॉनिक, का इस्तेमाल न करें। इससे आपको और आपके बच्चे को नुकसान पहुंच सकता है। कब्ज की परेशानी से छुटकारा पाने के लिए आप इस ब्लॉग में बताए गए सामान्य घरेलू उपचारों का इस्तेमाल कर सकती हैं।
योग, कब्ज को दूर करने का एक प्राकृतिक तरीका ।
कुछ लोगों के लिए कब्ज एक दैनिक मामला बन गया है।और, हम आम तौर पर इसे एक बीमारी मान लेते है ; जबकि यह एक लक्षण है। यदि सही समय पर इसका इलाज़ नहीं किया गया तो यह श्रोणि रोगों और पेट के विकारों में बदल सकता है। लेकिन हम अक्सर कब्ज को लापरवाही से लेते हैं।
कब्ज कैसे होता है।
कब्ज अलग अलग लोगों के लिए अलग अलग मायने रखता है। कुछ लोगों के लिए यह असामयिक मल हो सकता है, और कुछ लोगों के लिए केवल कठिन मल का पारित होना हो सकता है। जो भी मामला हो, इस समस्या का मूल कारण हमारी अस्वास्थ्यकर जीवनशैली है।
अनुचित काम का समय, आराम करने के लिए कम समय और बहुत अधिक जंक फूड का सेवन हमारे शरीर को नुकसान पहुचाता है जिसे कि हम अक्सर नज़रअंदाज़ कर देते है। इसके अलावा आहार में ताज़े फल और हरी पत्तेदार सब्जियों की कमी से, विशेष रूप से भोजन जिसमें फाइबर कम हो, कब्ज का कारण बन सकता है। पानी का कम सेवन भी एक और कारण है।
कब्ज के लक्षण ।
अनियमित या कम मात्रा में मल त्यागमल त्यागने में दबावछोटे या कठिन मल का पारित होनापेट में दर्द और ऐंठनफूला हुआ पेट
कब्ज का इलाज कैसे करें ।
कब्ज की समस्या को इसकी प्रारंभिक अवस्था में संबोधित किया जाना चाहिए। समय पर इसकी देखभाल न करनेपर यह एक खतरनाक श्रोणि रोगों और अन्य पेट के विकारों में परिवर्तित हो सकती है।
कब्ज का इलाज करने के लिए कुछ सुझाव:
हमारे आहार के माध्यम से हम कब्ज का सरल तरीके से इलाज कर सकते हैं। ताजी पत्तेदार सब्जियों और फलों जैसे फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक से अधिक सेवन करें।पानी का खूब सेवन करें। सुबह में गर्म तरल पदार्थ का सेवन बहुत उपयोगी हो सकता है।दैनिक मल त्याग के लिए एक नियमित दिनचर्या स्थापित करें।नियमित योगाभ्यास करें।
कब्ज का इलाज करने के विभिन्न तरीके हैं। रेचक और अन्य उपचार उपलब्ध हैं जो कब्ज से राहत प्रदान कर सकते हैं। लेकिन यह ठीक ही कहा गया है की - निवारण हमेशा इलाज से बेहतर है और योग कब्ज को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है।
योग, कब्ज को दूर करने का एक प्राकृतिक तरीका |
कुछ ही मिनटों का नियमित योग अभ्यास अनियमित मल त्यागने की तकलीफ़ को सुधारने में मदद करता है, पेट में खिंचाव और पेट फूलने की समस्या से भी राहत दिलाता है व सारा दिन सुख एवं शांति रखने में भी मदद करता है।
योग हमारे शरीर को तरोताज़ा करता है और शरीर में रक्त औरऑक्सीजन के प्रवाह को भी बढ़ाने में मदद करता है। अधिकांश योग आसनों में श्रोणि का अच्छा संचलन शामिल होने के कारण, योग अभ्यास वास्तव में कब्ज से राहत दिलाने में मदद कर सकता हैं।
कब्ज दूर करने के लिए पाँच योगासन ।
यहाँ कुछ योग आसन दिए गए हैं, नियमित रूप इनका अभ्यास करने पर, कब्ज की बीमारी में राहत मिल सकती है।
मयूरासन | Peacock Pose
यह आसन पाचन को बेहतर बनाने में मदद करता है और अस्वास्थ्यकर भोजन के प्रभाव को नष्ट करता है। यह आसन पेट दबाव को बढ़ाता है ,जो प्लीहा और यकृत एनलार्ज्मेंट्स को कम कर देता है। यह आसन आंतो को भी मजबूत बनाता है। इस तरह से कब्ज की समस्या से राहत दिलाता में मदद करता है।
अर्ध मत्स्येंद्रासन | Ardha Matsyendrasana
इस आसन के महत्वपूर्ण शारीरिक पहलू यह हैं की - यह अग्न्याशय, जिगर, तिल्ली, गुर्दे, पेट, और आरोही और अवरोही बृहदान्त्र (colon) को उत्तेजित करता है , इसलिए मल त्यागने में सुधार और कब्ज से राहत प्रदान करता है।
पवनमुक्तासन | Pavanmuktasana
जैसा नाम से ही पता चलता है, यह आसन शरीर से गैस को बाहर निकालने में मदद करता है। हम में से ज्यादातर नियमित कब्ज से पीड़ित लोगों के लिए यह एक आम परेशानी है। यह आसन अपच/ मन्दाग्नि सहित कई पाचन संबंधी विकार को भी दूर करने में मदद कर सकता है । यह अम्लपित्त (Acid reflux ) से राहत दिलाने में भी मदद करता है, जो की अपच के कारण ही होता है।
तितली मुद्रा | Butterfly Pose
यह आगे झुककर करने वाले आसन से हमारे पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद मिलती है और गैस, ऐंठन और पेट की सूजन से भी राहत दिलाता है। यह आसन तनाव को कम करने में भी मदद करता है जो कि अच्छे पाचन के लिए अत्यंत आवश्यक है।
योग अभ्यास
चिंता करना बंद करें और अभ्यास शुरू करें! आपके दैनिक समय के बस कुछ ही पल के अभ्यास से आप एक स्वस्थ पाचन तंत्र प्राप्त कर सकते है तथा परिणामस्वरूप खुश भी रह सकते हैं। परंतु अपने आहार में सुधार लाना मत भूलिएगा, जैसे की फाइबर रिच खाना, फल और सब्ज़ी और पानी का पर्याप्त सेवन कब्ज को दूर रखने में आपको मदद करेगा। योग का नियमित रूप से अभ्यास शरीर और मन के विकास में मदद करता है, साथ ही इसके कई स्वास्थ्य संबंधी लाभ भी है परंतु फिर भी यह दवा का विकल्प नहीं है।
तो दोस्तो आज जाना कि कैसे हम अपनी कब्ज के प्रॉब्लम से छुटकारा पा सकते है। ओर अपनी लाइफ को खुश रख सकते है दोस्तो आप इन सब advices को आपनी लाइफ मैं जरूर Try करे और ऐसे ही ओर अछे articles के लिए जुड़े रहे ( https://normaladvices.blogspot.com ) से।
बहुत अच्छी जानकारी दी है अपने धन्यवाद
जवाब देंहटाएंजाने क्या है सकारात्मक आदतें एक लंबे स्वस्थ जीवन जीने के लिए